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बीआरडी मेडिकल से बरगलाकर अन्य अस्पताल में भर्ती करने वाले सात अभियुक्त गिरफ्तार

गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती करने वाले मरीजों के परिजनों को बरगलाकर बेड नहीं खाली है अच्छे डॉक्टर नहीं है जैसे अन्य बातें कह कर प्रतिष्ठित हॉस्पिटलों का नाम लेकर राजी करते हैं जब मरीज का परिजन राजी हो जाता है तब उन मरीज को अपने पसंदीदा सेटिंग वाले अस्पतालों में भर्ती कराकर मोटी रकम वसूल करने वाले बीआरडी मेडिकल कॉलेज के संविदा वार्ड बॉय स्ट्रक्चर चलने वाला, गॉड सहित सात अभियुक्तों को चिलवाताल पुलिस ने गिरफ्तार करने का काम किया जो इशू हॉस्पिटल की तरह यूनिवर्सल हॉस्पिटल में भर्ती करने का काम करते थे ।

पुलिस ने गैंग सरगना मनोज सहित उमेश कुमार पुत्र राम केवल बिट्टू यादव पुत्र अनिरुद्ध यादव मोहम्मद असलम पुत्र मोहम्मद इस्लाम महेंद्र पुत्र विजयनाथ शाहनवाज पुत्र मोहम्मद कासिम उमेश भारती पुत्र नंदलाल दीनदयाल पुत्र फागू लाल को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की जो बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती करने गए।

तीमदारों को बरगलाकर मरीजों को यूनिवर्सल हॉस्पिटल तथा अन्य प्राइवेट अस्पतालों में अच्छी व्यवस्था की झांसा देकर निजी एंबुलेंस से भर्ती कराया गया जाता था यूनिवर्सल हॉस्पिटल में भर्ती करने के उपरांत अस्पताल संचालक के साथ अभियुक्त द्वारा मिलकर तीमारदारो से लाखों रुपए जमा कर लिया जाता है बाद में मरीजों को वहां पर कोई डॉक्टर अटेंड नहीं करने पर मरीज की हालत बिगड़ती जा रही थी।

गोपनील जांच पूछताछ अन्य स्रोतों से प्राप्त जानकारी से ज्ञात हुआ कि अभियुक्त प्राइवेट अस्पतालों की दलाली करते हैं अस्पताल संचालक महेश कुमार व उसके भाई उमेश एंबुलेंस चालक स्वामी वार्ड वाय संविदा ट्राली मेन व शामिल है यह सभी बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर से मरीजों को गेट पर ट्रालिमेन एवं एंबुलेंस चालक की सहायता से अन्य किसी अस्पताल ले जाकर भर्ती करते हैं ।

इसी तरह दर्जनों अस्पताल शहर में काम कर रहे हैं जो पूर्व में सिल किए गए अस्पतालों द्वारा अन्य अस्पताल के नाम से लाइसेंस बनवाकर खोलने का कार्य करते हैं ऐसे कथित अस्पतालों के ऊपर भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी साथ में ही मकान मालिकों को भी चिन्हित किया जा रहा है जो पूर्व में उनके मकान में अस्पताल चल रहा था बाद में अन्य नाम से अस्पताल खोल लिया गया उनके ऊपर भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

अदब व एहतराम से मनाया गया हज़रत इमदाद अली शाह का उर्स-ए-पाक

गोरखपुर। तुर्कमानपुर स्थित दरगाह पर हज़रत इमदाद अली शाह रहमतुल्लाह अलैह का दो दिवसीय उर्स-ए-पाक अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया जलसा-ए-मिलादुन्नबी हुआ।

कुरआन-ए-पाक की तिलावत हाफिज अशरफ रज़ा इस्माईली ने की। हाफिज सैफ रज़ा इस्माईली, अफरोज कादरी व मुअज्जम ने नात-ए-पाक पेश की।

मुख्य अतिथि मुफ्ती मो. अजहर शम्सी ने कहा कि कुरआन-ए-पाक व हदीस-ए-पाक ज़िंदगी गुजारने का बहुत ही आला कानून है। कुरआन व हदीस के जरिए ज़िंदगी गुजारने का तरीक़ा पता चलता है।

कुरआन-ए-पाक में सभी लोगों के लिए रोशनी, हिदायत, हिकमत और शिफा है। यह किताब अच्छे बुरे में फर्क व तमीज करती है। यह अल्लाह की किताब है। कलाम भी है और सिफत भी। इसके एक-एक हुरूफ पढ़ने पर दस नेकियां मिलती हैं।

इस किताब का तर्जुमा व मतलब भी जरूर पढ़ा जाए या आलिमों और जानकारों से मालूम किया जाए। शरीअत के खिलाफ कोई काम न करें। झूठ और गीबत से परहेज करें। अपने बच्चों को शिक्षा जरूर दिलाएं।

विशिष्ट अतिथि कारी फिरोज आलम ने कहा कि मुसलमानों को दोनों आलम की कामयाबी हासिल करनी है तो कुरआन और हदीस पर पूरी तरह अमल करें। आख़िरत की तैयारी करें। नमाज़ों को उनके वक्तों पर अदा करने की पाबंदी करें।

कुरआन-ए-पाक का हक़ यह है कि उसकी तिलावत की जाए, उसको समझा जाए, उस पर अमल किया जाए, उसके पैग़ाम को तमाम इंसानियत तक पहुंचाया जाए।

विशिष्ट अतिथि मौलाना दानिश रज़ा अशरफी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने अमन, शांति, मोहब्बत और इत्तेहाद का पैग़ाम दिया। मुसलमान बुरे कामों से बचें। नमाज़, रोजा, हज और जकात अदा करें।

मुसलमानों को चाहिए कि पैग़ंबरे इस्लाम की शिक्षाओं पर पूरी तरह से अमल करें। औलिया किराम ने पूरी जिंदगी कुरआन व हदीस पर गुजार कर अपनी दुनिया व आख़िरत दोनों कामयाब बना ली। हमें भी उनके नक्शेकदम पर चलना होगा।

अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। मजार की चादरपोशी हुई। कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। अकीदतमंदों में लंगर बांटा गया। उर्स में हाजी जलालुद्दीन कादरी, मो. इस्लाम उर्फ बाबूल, मो. अबरार, मनोव्वर अहमद, आकिब अंसारी, अरशद हुसैन खां, रेयाज अहमद राईनी, समीर अहमद, मेराज अहमद, अलाउद्दीन निज़ामी, नईम अहमद, इम्तियाज अहमद, मकसूद अली, अब्दुल्लाह, अयान अहमद, नुरुल होदा आदि मौजूद रहे।

ब्लॉक में मानक ब्यूरो का एक दिवसीय प्रशिक्षण,ग्राम प्रधानों,पंचायत सहायकों और सचिवों को दी गई जानकारी

खजनी गोरखपुर।पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज खजनी ब्लाॅक मुख्यालय में स्थित सभागार में भारतीय मानक ब्यूरो लखनऊ के द्वारा ग्राम प्रधानों पंचायत सहायकों और ग्राम पंचायतों के सचिवों को मानकों से संबंधित विस्तृत जानकारियां दी गईं।

प्रशिक्षण के दौरान लखनऊ और जिले से पहुंचे प्रशिक्षकों ने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार के द्वारा गांवों और कस्बों में कराए जाने वाले सभी विकास से संबंधित कार्यों और एसएलडब्ल्यू (सालिड वेस्ट मैनेजमेंट) के लिए एक निश्चित मानक निर्धारित किए गए हैं।

जिससे संबंधित सभी अनुपात विशेषज्ञों के द्वारा निर्धारित किया गया है। कार्यों को व्यवस्थित तरीके से संपादित कराने के लिए तय मानक के अनुसार पूरा कराना सभी के लिए अनिवार्य है। इस दौरान प्रशिक्षकों ने लोगों के प्रश्नों और उनके द्वारा पेश की गई सभी समस्याओं का समाधान भी सुझाया।

बीडीओ खजनी रमेश शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित प्रशिक्षण में ब्लॉक क्षेत्र के दर्जनों ग्राम प्रधानों पंचायत सहायकों सहित ग्राम पंचायत अधिकारी रोशन सिंह, चैतन्य त्रिपाठी,इन्द्रसेन सिंह, लोकनाथ एवं खण्ड प्रेरक अतुल कुमार सिंह तथा बबलू निषाद आदि उपस्थित रहे।

कूड़ेदान बना प्रसिद्ध शिव मंदिर के पास स्थित तालाब, लोगों में आक्रोश

खजनी गोरखपुर।क्षेत्र के कस्बा संग्रामपुर उनवल नगर पंचायत के टेकवार चौराहे के पास स्थित प्रसिद्ध झारखंडेश्वर महादेव शिव मंदिर के समीप स्थित वर्षों पुराना तालाब में कूड़े कचरे का अंबार लगा हुआ है। तालाब के बगल में स्थित परिषदीय सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और प्रसिद्ध शिवमन्दिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को कूड़े-कचरे से उठती दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है। तालाब के बगल से ही बढ़नी कस्बे की ओर जाने वाले संपर्क मार्ग आने जाने वाले लोगों को अपनी नाक को रूमाल से दबा कर गुजरना पड़ता है।

नगर पंचायत क्षेत्र से निकलने वाले कूड़े कचरे फेंके जाने से तालाब डंपिंग ग्राउंड बन चुका है, और उसका अस्तित्व समाप्त हो रहा है।स्थानीय लोगों ने बताया कि एक ओर सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए नए पोखर और अमृत सरोवर का निर्माण कराया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर कचरे और गंदगी से पट रहे इस तालाब को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहा है। मंदिर की ओर से तालाब तक पहुंचने के लिए बनाई गई सीढ़ीयां बेकार हो गई हैं। तालाब के खत्म हो रहे अस्तित्व पर क्षेत्रीय लोगों ने चिंता जताई है।

स्थानीय लोगों में विशाल पांडेय, मृत्युंजय सिंह,रविन्द्र चौधरी, हरिशंकर उर्फ हरी सिंह, गोरखनाथ जायसवाल,उपेंद्र यादव,प्रवीण चौधरी,बटुक मिश्रा,बृजेश तिवारी, शेषनाथ,महेंद्र,अंकुर आदि दर्जनों लोगों ने बताया कि इसकी सूचना स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी दी जा चुकी है। लोगों ने बताया कि पहले इस पवित्र तालाब से पानी लेकर लोग शिव मंदिर में जलाभिषेक करते थे तालाब में लोग नहाते थे,सिंघाड़े की खेती होती थी, किंतु अब यह कचरे और गंदगी से पूरी तरह से पट कर डंपिंग ग्राउंड बन चुका है।

मुफ्त शिविर में कैंसर की जांच और दवाएं दी गईं

खजनी गोरखपुर।पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज क्षेत्र के कटघर गांव के पंचायत भवन में हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान गीता वाटिका गोरखपुर के द्वारा कैंसर की मुफ्त प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें पहुंचे कुल 110 मरीजों का कैंसर अस्पताल से आए डॉ.राकेश श्रीवास्तव के द्वारा जांच और कैंसर संबंधित परामर्श दिया गया और उनके लक्षणों की जांच के बाद निशुल्क दवाइयां दी गईं।

शिविर में बड़ी संख्या में पहुंची महिलाओं और युवाओं ने बेझिझक स्वास्थ्य कराते हुए अपने संदेह दूर करके शिविर का लाभ उठाया। इस दौरान कैंसर जागरूकता अभियान के शिविर में आए सभी लोगों को कैंसर के लक्षण तथा उसके इलाज के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारियां दी गईं।

बताया गया कि लगातार खांसी में खून आना,आंत्र की आदतों में बदलाव, मल में खून आना,अस्पष्टीकृत एनीमिया रक्ताल्पता, स्तन में गांठ या स्तन से स्राव,अंडकोष में गांठें, पेशाब में बदलाव,पेशाब में खून आना,तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक गला बैठना, लगातार गांठें या सूजी हुई ग्रंथियां, तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक मस्से या तिल में स्पष्ट परिवर्तन, बड़े तिल या बहुरंगी तिल जिनके किनारे अनियमित हों या जिनमें खून बह रहा हो, अपच या निगलने में कठिनाई,असामान्य योनि से रक्तस्राव या स्राव, अप्रत्याशित वजन घटना,रात को पसीना आना,या बुखार रहना,मुंह या मसूड़ों में ठीक न होने वाले घाव,जीभ या टॉन्सिल पर लगातार सफेद या लाल धब्बे होना,गंभीर असहनीय सिरदर्द जो सामान्य से अलग लगे, अधिक समय तक पीठ में दर्द, पेल्विक दर्द,सूजन या अपच कैंसर का संकेत हो सकते हैं।

ऐसे लक्षण मिलने पर कैंसर के डाॅक्टर को जरूर दिखाना चाहिए ताकि पता लगाकर अगर कैंसर हो तो उसका तुरंत एवं उचित इलाज किया जा सके। 30 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को कैंसर विशेष रूप से गर्भाशय ग्रीवा और स्तनों के लिए परीक्षण कराना क्योंकि प्रारंभिक युवा अवस्था में निदान होने पर यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है। सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित की गई तथा उन्हें औरों को भी कैंसर के बारे मे जागरुक करने की सलाह दी गई।

शिविर में अजय श्रीवास्तव ग्रामप्रधान आलोक सिंह,रानी त्रिपाठी,राजकमल,राम तपेश, गोबिंद भारती,प्रतिमा शर्मा,नारद मुनि,अंकित पांडेय का सराहनीय योगदान रहा।

वैज्ञानिक बन देश की सेवा करेंगी आयुषी सिंह, सी.एस.आई.आर. यूजीसी परीक्षा में नेट एवं जेआरएफ प्रथम बार में ही मिला सफलता

गोरखपुर। मेहनत, लगन और परिश्रम के साथ परीक्षा की तैयारी की जाए तो सफलता आपके कदमों में होती है। इसे सच कर दिखाया है। एक होनहार छात्रा असुरन चौक, गोरखपुर की आयुषी सिंह ने सी.एस.आई.आर. यूजीसी नेट की परीक्षा में नेट एवं जेआरएफ प्रथम बार में ही 99.67 परसेन्टायिल से सफलता पाकर अपने प्रदेश एवं जिला का नाम रोशन किया है।

पिता अमरेन्द्र बहादुर सिंह एवं माता गीता सिंह की पुत्री आयुषी सिंह ने इसके पहले भी आई०आई०टी० जैम एवं गेट बी की परीक्षा में आल इंण्डिया रैंक 07 प्राप्त किया है। आयुषी सिंह अभी आई०आई०टी० रुड़की से एम०एस०सी० बायोटेक्नालाजी की प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही है।

आयुषी शुरु से ही मेधावी छात्रा थी, हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट लिटिल फ्लावर स्कूल, चरगांवा, गोरखपुर से क्रमश 96.40 एवं 94.50 प्रतिशत अंको से उत्तीर्ण की तथा बी०एस०सी० सेंट जासेफ कालेज फॉर वोमेन, गोरखपुर से उत्तीण किया है।

वहीं आयुषी ने इसका श्रेय अपनी दादी स्व० शितली सिंह, माता-पिता, चाचा शिवेन्द्र, चाची निरुपमा, बूआ रीना सिंह एवं अपने गुरुजनों को दिया है। इनका फोकस वैज्ञानिक बन कर देश एवं समाज की सेवा करने का है।

आयुषी की इस सफलता के लिए सांसद गोरखपुर सदर रविकिशन शुक्ला, विधायक प्रदीप शुक्ला, सांसद प्रतिनिधि समरेन्द्र विक्रम सिंह, आशीष श्रीनेत, शरद कुमार सिंह, सुशील, सूरज, अनुराग, राजेश, अमित आदि ने बधाईयां दिया।

नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का हुआ आयोजन

गोरखपुर। स्वदेशी RHC महिला जागरूकता अभियान के सहयोग से कटघर पंचायत भवन के प्रांगण में मंगलवार को हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

जिसमें 110 मरीजों ने आकर कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. राकेश श्रीवास्तव से कैंसर संबंधित परामर्श लिया, लक्षण की जांच कराई तथा उचित निशुल्क दवा पाकर शिविर का लाभ उठाया शिविर का हिस्सा बनने वाले लोगों में बड़ी संख्या में महिलाओं ने बेझिझक अपनी स्वास्थ्य जांच कराकर अपने शक को दूरकर इस शिविर का भरपूर लाभ उठाया।

कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इस शिविर में आए सभी लोगों को कैंसर के लक्षण तथा उसके इलाज के बारे में जानकारी दी गई। इन्हें बताया गया कि लगातार खांसी में खून आना, आंत्र की आदतों में बदलाव, मल में खून आना, अस्पष्टीकृत एनीमिया (कम रक्त गणना) , स्तन में गांठ या स्तन से स्राव, अंडकोष में गांठें पेशाब में बदलाव, पेशाब में खून आना, तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक गला बैठना, लगातार गांठें या सूजी हुई ग्रंथियां, तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक मस्से या तिल में स्पष्ट परिवर्तन, बड़े तिल या बहुरंगी तिल जिनके किनारे अनियमित हों या जिनमें खून बह रहा हो, अपच या निगलने में कठिनाई, असामान्य योनि से रक्तस्राव या स्राव, अप्रत्याशित वजन घटना, रात को पसीना आना, या बुखार, मुंह में ठीक न होने वाले घाव या मसूड़ों, जीभ, या टॉन्सिल पर लगातार सफेद या लाल धब्बे, गंभीर असहनीय सिरदर्द जो सामान्य से अलग महसूस हो, अधिक समय तक पीठ दर्द, पेल्विक दर्द, सूजन, या अपच कैंसर का संकेत हो सकता है ।

ऐसे में कैंसर के चिकित्सक को जरूर दिखाना चाहिए ताकि पता लगकर अगर कैंसर हो तो उसका तुरंत एवं उचित इलाज हो सके। 30 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को कैंसर, विशेष रूप से गर्भाशय ग्रीवा और स्तनों के लिए परीक्षण करना चाहिए, क्योंकि प्रारंभिक युवी अवस्था में निदान होने पर यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।

सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित किया गया ताकि वे लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें।

शिविर में अजय श्रीवास्तव, आलोक सिंह (ग्राम प्रधान, कटघर), राजकमल, रानी त्रिपाठी, राम तपेश, गोबिंद भारती, प्रतिमा शर्मा, नारद मुनि, अंकित पांडेय आदि का कार्य बहुत सराहनीय रहा।

वेटलैंड के संरक्षक एवं सस्टेनेबल प्रबंधन पर विशेषज्ञों द्वारा की गई तकनीकी चर्चा

गोरखपुर। वेटलैंड(आर्द्र भूमि) के संरक्षण एवं सस्टेनेबल प्रबंधन पर विशेषज्ञों के समूह द्वारा एक सारगर्भित तकनीकी चर्चा बशारतपुर, गोरखपुर स्थित निजी परिसर में संपन्न हुई। इस चर्चा में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर के पूर्व छात्र रहे और देश के प्रतिष्ठित टिहरी बांध परियोजना के प्रबंधन से जुड़े रहे अवकाश प्राप्त महाप्रबंधक इंजीनियर ओ. एस. मौर्य ने आर्द्र भूमि जुड़ी हुई पर्यावरणीय समस्याओं एवं उनके निदान पर एक प्रेजेंटेशन दिया।

उन्होंने बताया कि लगभग 5 दशकों में देश के पचास प्रतिशत आर्द्र भूमि कृषि कार्य, शहरीकरण तथा विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों के कारण से नष्ट हो चुके हैं तथा बचे हुए आर्द्र भूमि भी दो से तीन प्रतिशत वार्षिक दर से उत्तरोत्तर कम होते जा रहे हैं। जंगल वातावरण के लिए लेंस एवं आर्द्र भूमि कीडनी का कार्य करते हैं। जिसप्रकार किडनी शरीर से वेस्ट को बाहर करती है, वैसे ही आर्द्र भूमि विभिन्न प्रदूषण को जल से बाहर करती है तथा उनकी तीव्रता को काफी कम कर देती है। जो मानव, जानवर व पेड़ पौधों आदि को हानि से बचाते हैं।

चर्चा के दौरान यह भी बताया कि विश्व स्तर पर रामसर कन्वेंशन द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूर्ण करने वाले वेटलैंड को संरक्षण करने की तकनीकी सहायता की जा रही है। भारतवर्ष में 80 आर्द्र भूमि जिनको रामसर साइट कहा जाता है। स्थानीय , राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर से इनका संरक्षण एवं संश्लेषण प्रबंधन की करवाई की जा रही है। जो आर्द्र भूमि रामसर कंजरवेजन से आच्छादित नहीं है, उनके लिए वेटलैंड कंजर्वेजन रूल 2017 भारत सरकार द्वारा नोटिफाई किया गया है।

इस नियम से आच्छादित होने पर वेटलैंड अथॉरिटी को बहुत सारे अधिकार मिल जाते हैं। जिसके द्वारा संरक्षण एवं प्रबंधन की कार्रवाई सही प्रकार से हो सके। गोरखपुर स्थित रामगढ़ ताल को 7 दिसंबर 2020 से वेटलैंड संरक्षण एवं प्रबंधन रूल 2017 से आच्छादित किया गया है। जिसके तहत अच्छी तरह से संरक्षण एवं प्रबंधन का कार्य किया जा सके।

इस विषय के विशेषज्ञ मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर के पूर्व डीन एवं विभागाध्यक्ष सिविल इंजीनियरिंग तथा वर्तमान में निदेशक राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज गोंडा के प्रोफेसर गोविंद पाण्डेय ने इस विषय पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला तथा रामगढ़ ताल में हुए कुछ अप्रत्याशित पर्यावरण घटनाओं के बारे में बताया तथा उनके कारण एवं निवारण के बारे में भी बताया। इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों की बहुत आवश्यकता है जिससे समाज में दिन प्रतिदिन वेटलैंड के बारे में जागरूकता बढ़ाया जा सके तथा यह भी बताया कि हम प्रबुद्ध वर्ग की जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढियों के लिए पर्यावरण को संरक्षित करें।

इस विषय पर आई टी एम गीडा में कार्यरत डॉक्टर एस के हसन ने भी इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी दी तथा ऐसे कार्यक्रमों को जारी रखने की आवश्यकता पर बल दिया। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर के डॉक्टर मदन चंद्र मौर्य ने अपने संबोधन में बहुमूल्य विचार रखें तथा आशा किया कि इस कार्यक्रम के जीवी में अवकाश प्राप्त अभियंताओं के अनुभव से काफी लाभ उठाया जाना चाहिए।

इनके द्वारा दिए गए ज्ञान युवा अभियंताओं के लिए बहुत कारगर होंगे। इस अवसर पर इंजीनियर ए के राय पूर्व मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग, इंजीनियर धीरेंद्र चतुर्वेदी पूर्व अभियंता सिंचाई विभाग, डॉ रामपाल कुशवाहा, डॉक्टर कृष्णानंद मौर्य, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय गोरखपुर से अभिषेक सिंह, विवेक गुप्ता एवं सरस्वती शिशु मंदिर से आचार्य एस. एन. कुशवाहा आदि लोगों ने प्रतिभाग किया।

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज 2 के तहत जागरूकता कार्यक्रम का हुआ प्रारंभ, हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना

गोरखपुर। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज 2 चार आई ई सी ओ डी एफ के माध्यम से विकास खण्ड कैम्पियरगंज के समस्त राजस्व ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से ओ.डी.एफ कि स्थिति बनाए रखने हेतु जैसे स्वच्छता मेले, नुक्कड़ नाटक आई ई सी एवम पेयजल एवं स्वच्छता समिति कि बैठक एवम अभीमुखी करण कार्यक्रम, जिसमे कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे, ब्लॉक प्रमुख अश्विनी कुमार जायसवाल, खण्ड विकास अधिकारी कार्तिकेय मिश्रा, सहायक विकास अधिकारी पंचायत नीरज गुप्ता व उपस्थित सचिवगण व ग्राम प्रधान एवं अन्य अधिकारी गण द्वारा हरी झंडी दिखाकर राजस्व ग्रामपंचायत स्तर के लिए रवाना किया।

इन्फो टेक सॉल्यूशन संस्था डी.पी.सी. सक्षम प्रताप सिंह व सहायक डी.पी.सी. नीरज जायसवाल आदि उपस्थित रहे।

संपूर्ण समाधान दिवस पर आए 33 आवेदन, निस्तारण शून्य

खजनी गोरखपुर।दिवस परिवर्तन के कारण मंगलवार को आयोजित फरवरी माह के आखिरी तहसील समाधान दिवस में फरियादियों की संख्या बेहद कम रही। अध्यक्षता कर रहे उप जिलाधिकारी राजू कुमार के समक्ष कुल 33 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर प्रस्तुत हुए, किंतु मौके पर किसी भी समस्या का समाधान नहीं किया जा सका।

एसडीएम के साथ दिवस प्रभारी तहसीलदार दीपक कुमार गुप्ता नायब तहसीलदार रामसूरज प्रसाद एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सभी मामले राजस्व विवादों से संबंधित पाए गए, जिनमें जांच और कार्रवाई का आदेश दिया गया।

शासनादेश के अनुसार हर माह के तीसरे शनिवार को आयोजित होने वाला तहसील दिवस इस बार उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के कारण इस बार शनिवार के बाजाय मंगलवार को कर दिया गया था।