/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1496467143592709.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1496467143592709.png StreetBuzz हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में एक फरवरी यानी आज झारखंड बंद, आदिवासी संघ ने किया ऐलान Jharkhand
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में एक फरवरी यानी आज झारखंड बंद, आदिवासी संघ ने किया ऐलान

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में आदिवासी संघ ने गुरुवार (एक फरवरी) को झारखंड बंद का आह्वान किया है।

आदिवासी मूलवासी संगठनों ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा की है। इधर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन घोटाला से जुड़े मनी लाउंडिरंग केस में हेमंत सोरेन को बुधवार (31 जनवरी) की रात को गिरफ्तार कर लिया गया।

उनकी गिरफ्तारी के बाद ही आदिवासी संगठनों ने बंद का ऐलान किया है। इसे देखते हुए राज्य भर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है।

अब सूबे का कमान संभालेंगे चंपई सोरेन,झारखंड की राजनीति में टाइगर के नाम से प्रसिद्ध चंपई कौन हैं जानने के लिए पढिये पूरी खबर...!


अंततः हेमंत सोरेन ने बुधवार को ईडी की पूछताछ के बाद राजभवन जाकर इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया। जमीन घोटाला प्रकरण में सोरेन 15वें आरोपित हैं। इनसे पहले 14 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अब ईडी सोरेन को कोर्ट में पेश करने के बाद रिमांड मांगेगी।

 2019 में फिर से हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर चंपई सोरेन को राज्य परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रखा गया । चंपई झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं। अब उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है। इसके बाद चंपई झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे।

झारखंड के इस सियासी घटनाक्रम में जेएमएम के विधायकों ने चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया है। झारखंड टाइगर नाम से मशहूर चंपई सोरेन अब राज्य के अगले मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वर्तमान में चंपई झारखंड के कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्री हैं। इससे पहले तक हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना का भी नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में चल रहा था।

कौन हैं चंपई सोरेन....?

चंपई सोरेन सरायकेला-खरसावां जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले है। उनका पिता का नाम सिमल सोरेन है, जो कि खेती किसानी किया करते थे। चंपई चार बच्चों में बड़े बेटे हैं। 10वीं क्लास तक सरकारी स्कूल से चंपई ने पढ़ाई लिखाई की. इस बीच उनका विवाह कम उम्र में ही मानको से कर दिया गया। शादी के बाद चंपई के 4 बेटे और तीन बेटियां हुईं।

इसी दौरान बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग उठने लगी। शिबू सोरेन के साथ ही चंपई भी झारखंड के आंदोलन में उतर गए। जल्द ही 'झारखंड टाइगर' के नाम से मशहूर भी हो गए। इसके बाद चंपई सोरेन ने अपनी सरायकेला सीट से उपचुनाव में निर्दलीय विधायक बनकर अपने राजनीतिक करियर का आगाज कर दिया। इसके बाद वह झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गए थे।

चम्पई सोरेन बीजेपी सरकार में भी मंत्री रहे

बीजेपी नेता अर्जुन मुंडा की 2 साल, 129 दिन की सरकार में झामुमो नेता चंपई सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था और अहम मंत्रालय दिए गए थे। चंपई 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लग गया था और फिर हेमंत सोरेन की अगुवाई में बनी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में चंपई सोरेन को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया। 

दूसरी बार हेमंत सोरेन की सरकार में चम्पई सोरेन बने मंत्री

वहीं, दूसरी बार 2019 में फिर से हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने पर चंपई सोरेन को परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री रखा गया है। चंपई झामुमो के उपाध्यक्ष भी हैं। अब उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है।इसके बाद चंपई झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे।

दक्षिण भारत के लिए हटिया से आज से चलेगी अनारक्षित एर्नाकुलम स्पेशल ट्रेन

रांची,(डेस्क) : हटिया-एर्नाकुलम अनारक्षित स्पेशल ट्रेन 26 दिसंबर को चलेगी. लेकिन प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण यात्रियों को इस ट्रेन का लाभ नहीं मिलेगा.

 यह बातें जेडआरयूसीसी सदस्य अरुण जोशी ने कही. उन्होंने कहा कि रांची रेल डिविजन से दक्षिण भारत के राज्यों के लिए काफी कम ट्रेन है. जो ट्रेन चलती है, उसमें काफी भीड़ रहती है. ऐसे में रेलवे द्वारा अनारक्षित स्पेशल ट्रेन तो चलायी जा रही है, लेकिन इसकी जानकारी यात्रियों को सही से नहीं मिल रही है. 

उन्होंने कहा अगर रेलवे द्वारा एक सप्ताह पूर्व इसकी जानकारी मिलती, तो लोग यात्रा के लिए प्लान बनाते. उन्होंने रेल प्रबंधन से स्पेशल ट्रेन चलाने की सूचना पूर्व में ही देने की मांग की. इससे रेलवे के राजस्व में और यात्रियों को भी सुविधा मिलेगी. 

ट्रेन संख्या 06132 हटिया-एर्नाकुलम अनारक्षित स्पेशल ट्रेन हटिया से मंगलवार की सुबह 11.30 बजे रवाना होगी और गुरुवार की सुबह 6.30 बजे एर्नाकुलम पहुंचेगी. इस ट्रेन में एसएलआर के 02 कोच एवं सामान्य श्रेणी के 21 कोच सहित कुल 23 कोच होंगे.

चतरा: आज सीएम सोरेन पहुंचेगें चतरा के सिमरिया,आप की सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में भाग लेकर, करेंगे करोड़ों की परिसंपत्तियों का वितरण

सिमरिया (चतरा)( डेस्क ). मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज मंगलवार को सिमरिया आयेंगे, जिसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. मुख्यमंत्री आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत यहां पहुंचेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे. 

करोड़ो की परिसंपत्ति का वितरण करेंगे. 

साथ ही करोड़ों की योजनाओं का उदघाटन व शिलान्यास भी करेंगे. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर प्रखंड मुख्यालय के हर्षनाथपुर मैदान में विशाल पंडाल का निर्माण किया गया है. सभा स्थल की बैरिकेडिंग की गयी है. सभा स्थल में दर्जनों स्टॉल बनाये गये हैं, जहां अधिकारी लाभुकों की समस्याओं का निदान करेंगे.

 सोमवार को उपायुक्त अबु इमरान, एसपी राकेश रंजन ने सभा स्थल का निरीक्षण किया. साथ ही रूट चार्ट, विधि व्यवस्था का जायजा लिया. पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिया. मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. हेलीपैड से लेकर सभा स्थल तक की सुरक्षा चाक चौबंद की गयी है. मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर क्षेत्र में प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है.

झारखंड में बंगलादेशी घुसपैठिया को लेकर राँची हाईकोर्ट ने की सुनवाई, केंद्र और राज्य सरकार से मांगा रिपोर्ट

झारखंड के साहिबगंज में बंगलादेशी घुसपैठी संथालपरगना के बदलती जनसंख्यां और अपराध को लेकर राँची हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पूछा क्या राज्य सरकार और केंद्र सरकार अधिकारियों की संयुक्त टीम बना कर संताल परगना के पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा जिलों में अवैध घुसपैठिये की पहचान कर सकती है।

घुसपैठियों के कारण इस इलाकों में रहने वाले लोगों की संख्या में बदलाव हो रही है।

इस संदर्भ में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन ने मामले की सुनवाई कर रहे थे। कोर्ट ने पूछा कि क्या एक संयुक्त टीम बनाकर संताल परगना के पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा जिलों में अवैध घुसपैठिया की पहचान करना संभव है या नहीं कोर्ट ने दो सप्ताह के अंदर इसका जवाब मांगा है।

केंद्र सरकार के वकील ने दी दलील, इस से राज्य सरकार निपट सकती है

इस मामले में अगली सुनवाई खंडपीठ ने 13 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है। पूर्व केंद्र सरकार की ओर से वकील प्रशांत पल्लव ने पैरवी की. केंद्र ने शपथ पत्र दायर कर बताया था कि शक्तियां राज्य सरकार को प्रदान की गयी है। राज्य सरकार ऐसे लोगों की पहचान कर सकती है। उन्हें कैंप में रख सकती है और वापस भेज सकती है।

आदिवासियों के धर्म परिवर्तन

के संबंध में जनहित याचिका दायर करने वाले डेनियल दानिश ने आरोप लगाया है कि साहिबगंज, पाकुड, गोड्डा, जामताड़ा, दुमका की सीमा) जो बांग्लादेश से सटे हुए हैं, उनमें सुनियोजित तरीके से घुसपैठ कराया जाता है। याचिका में कहा गया है कि घुसपैठिए आदिवासी लड़कियों से शादी करते है फिर लड़की का धर्म परिवर्तन करा लेते हैं।

क्षेत्र में बढ़ रही है मदरसों की संख्यां

पिछले कुछ वर्षों में संताल परगना के साहिबगंज, जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, दुमका आदि जिलों में अचानक मदरसों की संख्या में बृद्धि हो गयी है। साथ ही इस क्षेत्र में अपराध भी बढ़ी है।कुछ दिन पूर्व एक आदिवासी युवती की नृशंस हत्या इस क्षेत्र के बांग्लादेशी घुसपैठिया पति के कर दी थी। क्षेत्र में आदिवासी युवतियों को प्रेमजाल में फंसा कर इस उसका धर्म भी परिवर्तन कराया जा रहा है।

झारखंड में बंगलादेशी घुसपैठिया को लेकर राँची हाईकोर्ट ने की सुनवाई, केंद्र और राज्य सरकार से मांगा रिपोर्ट

झारखंड के साहिबगंज में बंगलादेशी घुसपैठी संथालपरगना के बदलती जनसंख्यां और अपराध को लेकर राँची हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पूछा क्या राज्य सरकार और केंद्र सरकार अधिकारियों की संयुक्त टीम बना कर संताल परगना के पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा जिलों में अवैध घुसपैठिये की पहचान कर सकती है।

घुसपैठियों के कारण इस इलाकों में रहने वाले लोगों की संख्या में बदलाव हो रही है।

इस संदर्भ में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी है। याचिका की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र व जस्टिस आनंद सेन ने मामले की सुनवाई कर रहे थे। कोर्ट ने पूछा कि क्या एक संयुक्त टीम बनाकर संताल परगना के पाकुड़, साहिबगंज, जामताड़ा, दुमका, गोड्डा जिलों में अवैध घुसपैठिया की पहचान करना संभव है या नहीं कोर्ट ने दो सप्ताह के अंदर इसका जवाब मांगा है।

केंद्र सरकार के वकील ने दी दलील, इस से राज्य सरकार निपट सकती है

इस मामले में अगली सुनवाई खंडपीठ ने 13 दिसंबर की तिथि निर्धारित की है। पूर्व केंद्र सरकार की ओर से वकील प्रशांत पल्लव ने पैरवी की. केंद्र ने शपथ पत्र दायर कर बताया था कि शक्तियां राज्य सरकार को प्रदान की गयी है। राज्य सरकार ऐसे लोगों की पहचान कर सकती है। उन्हें कैंप में रख सकती है और वापस भेज सकती है।

आदिवासियों के धर्म परिवर्तन

के संबंध में जनहित याचिका दायर करने वाले डेनियल दानिश ने आरोप लगाया है कि साहिबगंज, पाकुड, गोड्डा, जामताड़ा, दुमका की सीमा) जो बांग्लादेश से सटे हुए हैं, उनमें सुनियोजित तरीके से घुसपैठ कराया जाता है। याचिका में कहा गया है कि घुसपैठिए आदिवासी लड़कियों से शादी करते है फिर लड़की का धर्म परिवर्तन करा लेते हैं।

क्षेत्र में बढ़ रही है मदरसों की संख्यां

पिछले कुछ वर्षों में संताल परगना के साहिबगंज, जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, दुमका आदि जिलों में अचानक मदरसों की संख्या में बृद्धि हो गयी है। साथ ही इस क्षेत्र में अपराध भी बढ़ी है।कुछ दिन पूर्व एक आदिवासी युवती की नृशंस हत्या इस क्षेत्र के बांग्लादेशी घुसपैठिया पति के कर दी थी। क्षेत्र में आदिवासी युवतियों को प्रेमजाल में फंसा कर इस उसका धर्म भी परिवर्तन कराया जा रहा है।

147 करोड़ के चिट फंड घोटाले की मामले को लेकर राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट की दरबाजा खट खट खटायेगी

झारखंड में पिछले कुछ वर्षों में यहां की जनता की गाढ़ी कमाई चिटफंड कंपनियों ने विभिन्न तरह के प्रलोभन देकर हड़प लिए दिल । इस मामले में

घोटाले की राशि निवेशकों को वापस करने के झारखंड हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट जाएगी।

राज्य सरकार की ओर से बुधवार को यह जानकारी हाईकोर्ट को दी गयी।

इसके बाद चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए छह दिसंबर की तिथि निर्धारित कर दी है। हाईकोर्ट ने 11 सितंबर को सरकार को निवेशकों की राशि वापस करने और इसके लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने सरकार को उच्चस्तरीय कमेटी के गठन की अधिसूचना 45 दिनों के अंदर जारी करने का निर्देश भी दिया था। कमेटी को गबन की राशि निवेशकों को लौटाने के तरीके पर विचार करने का निर्देश दिया था।

पिछली सुनवाई के दौरान सरकार ने निवेशकों को राशि लैटाने के लिए सीआईडी के आईजी की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे अदालत ने नहीं माना था। अदालत ने सरकार से यह बताने को कहा था कि हाईकोर्ट के रिटायर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर पीड़ितों को राशि वापस करना चाहती है या नहीं, लेकिन सरकार की ओर से इस पर स्पष्ट जानकारी नहीं दी गयी।

147 करोड़ का है चिटफंड घोटाला का मामला

झारखंड में 147 करोड़ का चिटफंड घोटाला हुआ है। ईडी के शपथपत्र में इसका जिक्र है। इसमें कहा गया है कि झारखंड में डीजेएन ग्रुप ने 15,326 निवेशकों से 147 करोड़ से अधिक की ठगी की है। चिटफंड कंपनियों ने वर्ष 2012-15 के बीच यह राशि जमा की है। ईडी ने जांच में पाया है कि आरोपियों ने न सिर्फ करोड़ों की उगाही की है, बल्कि उगाही के बाद इस संपत्ति को कानूनी तौर पर अर्जित संपत्ति बताया। ईडी ने मनी लाउंड्रिंग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

मामला क्या है...?

चिटफंड घोटाले में निवेशकों की राशि वापस करने के लिए हाईकोर्ट में आधा दर्जन से अधिक जनहित याचिकाएं दायर की गयी हैं, जिस पर सुनवाई की जा रही है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि चिटफंड घोटाला में शामिल कई कंपनी के संचालकों की राशि और संपत्ति ईडी और सीबीआई ने जब्त की है। सीज पैसे बैंकों में रखे गए हैं। कई राज्यों में एक कमेटी बनाकर चिटफंड के शिकार लोगों के केस को डिस्पोजल किया जा रहा है और डूबे पैसे वापस दिलाए जा रहे हैं। ऐसे में झारखंड में भी कमेटी बनाकर निवेशकों की राशि वापस दिलायी जाए। चिटफंड कंपनियों ने अधिक ब्याज का लालच देकर उनके पैसे का गबन कर लिया है। मामले की जांच सीबीआई कर रही है, लेकिन निवेशकों के डूबे पैसे भी वापस करने की पहल की जाए।

झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा को हाई कोर्ट से बड़ी राहत,मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ट्रायल पर लगाया रोक

राँची, ( डेस्क ): झारखंड हाई कोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को बड़ी राहत मिली है । ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रहे ट्रायल पर रोक लगा दी गयी है।

उनके खिलाफ ईडी की विशेष न्यायालय में ट्रायल चल रहा था। बुधवार को जस्टिस संजय प्रसाद की अदालत ने इस मामले में निचली अदालत के रिकॉर्ड को पेश करने का निर्देश दिया है। मधु कोड़ा ने याचिका दायर कर निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने का आग्रह किया था।

सुनवाई के दौरान मधु कोड़ा की ओर से कहा गया कि मनी लाउंड्रिंग के मामले में ईडी ने सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। आरोप पत्र दाखिल करने के बाद भी कई आरोपी फरार चल रहे हैं। आरोप गठन के समय ईडी ने आरोपियों को अलग-अलग कर दिया। मधु कोड़ा समेत जितने आरोपी कोर्ट में हाजिर हो रहे थे,फ उनके खिलाफ आरोप गठन की कार्यवाही के लिए ईडी ने आवेदन दिया। जबकि, जो आरोपी फरार हो रहे थे, उन्हें आरोप गठन से अलग कर दिया। गायब रहने वाले आरोपियों को एपियरेंस के दायरे में रखा गया।

कहा गया कि ईडी की यह कार्यवाही गलत है। नियमों के अनुसार ईडी को सभी आरोपियों पर एक साथ आरोप गठन की कार्यवाही करनी थी। इसलिए, उनके खिलाफ ईडी की विशेष अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगायी जाए।

सुनवाई के बाद अदालत ने ईडी कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी और निचली अदालत के रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया। ईडी ने मधु कोड़ा एवं अन्य पर करीब चार हजार करोड़ की मनी लाउंड्रिंग का मामला वर्ष 2009 में दर्ज किया गया था।

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेल अधीक्षक हामिद अख्तर पहुंचे ईडी कार्यालय

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के जेल अधीक्षक हामिद अख्तर ईडी कार्यालय पहुंच गए हैं. जांच एजेंसी उनसे ईडी के गवाहों और अफसरों के खिलाफ रची गयी साजिश के मामले में पूछताछ करेगी.

पूछताछ के बाद बाद ही कई चीजों से पर्दा उठेगा. बता दें कि कल जेलर नसीम खान ने भी ईडी के रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में अपनी उपस्थिति करायी थी.

डीवीसी कोडरमा में लगायेगा 1600 मेगावाट का पावर प्लांट लगायेगा.


कोडरमा: (डेस्क ) डीवीसी कोडरमा में लगभग 20 हजार करोड़ की लागत से 1600 मेगावाट का पावर प्लांट लगायेगा. यह कोडरमा में स्थित केटीपीएस के 1000 मेगावाट के पावर प्लांट की विस्तारित परियोजना है. 

इसके तहत कोडरमा के फेज-2 के तहत बेंजडीह गांव में 800 मेगावाट की दो यूनिट स्थापित की जायेगी. राज्य सरकार की शर्तों के तहत इससे उत्पादित 25 फीसदी (लगभग 400 मेगावाट) बिजली कम लागत दर पर झारखंड को देने की बाध्यता होगी. डीवीसी द्वारा इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.