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आज देर शाम अचानक लालू यादव के आवास पर पहुंची ईडी की टीम, मचा हड़कंप

डेस्क: लैंड फॉर जॉब मामले में बीते दो दिन में लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से पटना में ईडी की टीम विशेष टीम नें घंटों पूछताछ की थी। जिसके बाद आज अचानक फिर से टीम के आने को लेकर हड़कंप मच गया। 

नौकरी के बदले जमीन घोटाले में एक बार फिर से ईडी की टीम लालू आवास पहुंच गई। जहां फिर से जांच की बात कही जाने लगी।वहीं दूसरी तरफ ईडी अधिकारियों के पहुंचने की खबर मिलने के साथ ही राजद नेताओं का लालू आवास पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। 

10 मिनट तक लालू आवास में रहे ईडी अधिकारी

बताया जा रहा है कि ईडी अधिकारियों की टीम लालू आवास में लगभग दस मिनट तक मौजूद रही और उसके बाद वापस लौट गई। 

संभावना जताई जा रही है कि कुछ दस्तावेजी काम को लेकर टीम वहां पहुंची थी।

दो बाइक की आमने-सामने हुई भीषण टक्कर, साला-बहनोई गंभीर रुप से जख्मी

औरंगाबाद : जिले में दो बाइक की आमने-सामने भीषण टक्कर हो गई। इस घटना मे दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए है।

घायल दोनो व्यक्ति रिश्ते मे साला-बहनोई बताए जा रहे है।घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रापुरा गांव की है।

मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि अपने घर से एक बाइक पर सवार होकर साला बहनोई बाजार करने के लिए जा रहे थे। तभी रायपुरा गांव के समीप दो बाईकों की आमने-सामने टक्कर हो गई। जिसमें साला बहनोई गंभीर रूप से जख्मी हो गए।

आनंन फानन में स्थानीय लोगों की मदद से दोनों घायलों को इलाज के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल लाया गया।

जहां उनकी हालत गंभीर देखते हुए दोनों को बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

नीतीश के पाला बदलने पर राहुल गांधी ने तोड़ी चुप्पी, बोले-दबाव पड़ते ही यू टर्न ले लेते हैं

#rahul_gandhi_told_on_uturn_of_nitish_kumar 

इंडिया गठबंधन को नीतीश कुमार से मिले झटके के बाद पहली बार राहुल गांधी ने चुप्पी तोड़ी है। राहुल गांधी ने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा है कि दबाव पड़ते ही वो यू टर्न ले लेते हैं।राहुल गांधी ने 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के तहत पूर्णिया में रैली करते हुए नीतीश कुमार पर हमला बोला।नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन से हाथ छुड़ाने और आरजेडी के साथ सरकार चलाने के फैसले से अचानक पलटी मारने के बाद भाजपा संग सरकार बनाने को लेकर राहुल गांधी ने आज पहली बार अपनी नाराजगी सार्वजनिक की।

चुटकुला सुनाकर बिहार के सीएम पर कसा तंज

कांग्रेस नेता ने एक चुटकुला सुनाकर बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसा। राहुल ने अपने संबोधन में अखिलेश के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि अखिलेश जी का भाषण चल रहा था तो बघेल जी ने मुझे एक चुटकुला सुनाया। आपके राज्य के मुख्यमंत्री के बारे में ये है। आपके सीएम गवर्नर के यहां शपथ ग्रहण के लिए गए। काफी धूमधाम था, वहीं, बीजेपी के नेता , गवर्नर साहब मौजूद थे। मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण करते हैं और फिर वे निकल जाते हैं, गाड़ी में पता चलता है कि वे अपना शॉल गवर्नर हाउस में भूल गए, फिर वे ड्राइवर को वापस चलने के लिए के लिए कहते हैं। जैसे ही गवर्नर अपना दरवाजा खोलते हैं तो गवर्नर कहते हैं, 'अरे इतनी जल्दी आ गए'। ऐसी है बिहार की हालत.. थोड़ा-सा दबाव पड़ता है और (नीतीश कुमार) यू-टर्न ले लेते हैं।

राहुल गांधी ने बताया-नीतीश जी कहां फंसे

भारत जोड़ो न्याय यात्रा का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी ने कहा, हमें नीतीश कुमार की जरूरत नहीं है। राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि बिहार में लोगों को सामाजिक न्याय दिलाना हमारे गठबंधन की जिम्मेदारी है। राहुल गांधी ने आगे कहा कि बात समझिए नीतीश जी कहां फंसे। मैंने नीतीश जी से साफ कह दिया कि आपको बिहार में जातीय जनगणना करनी पड़ेगी हम आपको छूट नहीं देंगे। और आरजेडी और हमने ये काम नीतीश जी पर दबाव डालकर काम कराया। अब दूसरे साइड से प्रेशर आ गया। बीजेपी नहीं चाहती कि देश को पता चले कि कितने पिछड़े, कितने दलित हैं? बीजेपी नहीं चाहती की सामाजिक न्याय की बात हो। बीजेपी ने उन्हें भागने के लिए बैक डोर दे दिया। लोगों को सामाजिक न्याय दिलाना हमारी गठबंधन का काम है और इसके लिए हमें नीतीश जी की कोई जरूरत नहीं है।

यह बताया जा रहा है कि 13 जनवरी को इंडिया गठबंधन की बैठक में राहुल गांधी की एक टिप्पणी से नाराज हो गए थे और सप्हांत आते-आते उन्होंने भाजपा से हाथ मिला लिया। यह बताया जा रहा है कि इंडिया गठबंधन के लिए एक समन्वयक चुनने के विषय पर जिनपर नीतीश कुमार की नज़र थी को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि वह ममता बनर्जी से परामर्श करेंगे।

राहुल गांधी से नाराज होकर नीतीश कुमार ने 10 मिनट पहले ही बैठक छोड़ दी थी। हालांकि कुछ ही समय बाद नेताओं ने उन्हें संयोजक के रूप में चुना लेकिन नीतीश कुमार ने इसे अस्वीकार कर दिया और खेमा बदलने का मन बना लिया।

माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट के संस्थापक एवं माँ कामाख्या के उपासक श्री संकर्षण जी महाराज की उपस्थिति मे कई लोग बने संस्था के सदस्य

औरंगाबाद: माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट के बैनर तले हमारे संस्था के संस्थापक एवं माँ कामाख्या के उपासक श्री संकर्षण जी महाराज के सानिध्य में शाहपुर मुहल्ले में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। 

जिसमें शाहपुर के अलावा कई इलाके के लोग शामिल हुए। जो संस्था के सदस्य के रूप में जुड़ें है। सभी लोग गुरुजी के द्वारा सम्मानित किये गए।

इसके अलावा संस्था के नए पदाधिकारियों एवं पुराने पदाधिकारियों को परिचय पत्र तथा नियुक्ति पत्र वितरित किया गया। सभी लोगों के बीच गुरुदेव ने संस्था के उद्देश्यों, समाज सेवा, देश सेवा, धार्मिक कार्यक्रम तथा अपने समाज, अपने देश के उत्थान के लिए प्रेरित किया तथा इस लिए हमारी संस्था माँ कामाख्या धर्मादा ट्रस्ट से जुड़कर इस सेवा का लाभ उठाने तथा कार्य करने को प्रेरित किया। 

इस कार्य में संस्था के संगठन प्रभारी श्री राजेश कुमार दुबे एवं अरुणा दुबे, संस्था के जिला अध्यक्ष गौतम सिंह, कोषाध्यक्ष अनिल कुमार, संस्था के उपाध्यक्ष आशुतोष द्विवेदी संस्था के सुचना प्रभारी अरविन्द सिंह स्वच्छता जिला प्रभारी अमरेन्द्र सिंह, मातृशक्ति प्रमुख श्रीमती रजनी सिंह आदि उपस्थित रहें।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

नीतीश कुमार संयोजक बनना चाहते थे तो बना देते लेकिन,बिहार के CM पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कसा तंज

बिहार के सीएम नीतीश कुमार एवं गृह मंत्री अमित शाह को मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने आड़े हाथों लिया। वे रविवार को इंदौर आए थे। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं की कथनी एवं करनी में अंतर होता है। उन्होंने कहा- हमें कभी उम्मीद नहीं थी कि नीतीश कुमार ऐसा कदम उठाएंगे। वे पहले ही बोल चुके थे कि किसी हालत में मरते दम तक बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। 

वे संयोजक बनना चाहते थे तो बना देते, इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं थी। उन्हीं के द्वारा विपक्षी गठबंधन का प्रयास किया गया था। 

उन्होंने कहा- सभी ने मिलकर उन्हें संयोजक बनने का आफर भी दिया था जिसे उन्होंने ही मना कर दिया। फिर इस प्रकार का कदम उठाने का क्या मतलब है। वे स्वयं डेढ़ साल से भारतीय जनता पार्टी का सामूहिक विरोध करने की पहल कर रहे थे। 

यह कैसा नेता जो कहे कुछ और करे कुछ। दिग्विजय सिंह ने कहा कि अमित शाह ने कहा था कि नीतीश आना भी चाहेंगे तो नहीं लेंगे, लेकिन वे उनके साथ हो लिए। दिग्विजय ने कहा कि इन नेताओं की कथनी और करनी में अंतर है। 

वहीं दिग्विजय ने राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में कार्यकर्ताओं से कहा कि मेरे लोकसभा चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि मैं राज्यसभा सदस्य हूं तथा अभी मेरा सवा दो साल का कार्यकाल बचा है। दिग्विजय सिंह इन दिनों राजगढ़ जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में जाकर पार्टीजन से बातचीत कर रहे हैं।

औरंगाबाद के चाल्हो पहाड़ पर चल रहा था शराब का अवैध कारोबार, पुलिस ने छापेमारी कर चार अवैध भट्ठियों को किया ध्वस्त

औरंगाबाद: जिले मे एसपी स्वप्ना जी मेश्राम के निर्देश पर सलैया थाना की पुलिस के द्वारा पिरवां गांव के समीप चाल्हो पहाड़ी पर शराब के विरुद्ध विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया। 

इस दौरान पुलिस ने पहाड़ी पर चलाए जा रहे चार अवैध शराब भट्ठियों को ध्वस्त किया है। हालांकि शराब कारोबारियों को किसी तरह पुलिस के आने की भनक लग गई तथा वे फरार हो गए। 

पुलिस ने उक्त पहाड़ी पर अलग-अलग स्थान पर संचालित किया जा रहे चार शराब भट्ठियों को ध्वस्त करते हुए 10 क्विंटल जावा महुआ विनष्ट किया है। 

वहीं 150 लीटर चुलाई महुआ शराब व शराब बनाने का उपकरण बरामद किया गया है। 

थानाध्यक्ष वेंकटेश्वर ओझा ने बताया कि शराब व शराब बनाने के उपकरण को जब्त करते हुए थाना लाया गया है तथा पुलिस शराब कारोबारियों के विरुद्ध कार्रवाई में जुटी है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बिहार मे लोगों को अभी दो दिन ठंड से नही मिलेगी निजात, मौसम विभाग ने इन जिलों मे शीतलहर का जारी किया अलर्ट

डेस्क: बिहार मे लोगों को अभी ठंड से दो दिन और निजात नही मिलने वाली है। मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों मे शीतलहर का अलर्ट जारी किया है।

पटना में सोमवार को धूप निकले से दिन में लोगों को ठंड से कुछ राहत मिली लेकिन शाम होते होते पारा लुढ़ना शुरु हो गया। मौसम विभाग के अनुसार बिहार के  कई जिलो मे आगामी 15 फरवरी, 2024 तक मोतिहारी , बेतिया गोपालगंज, सीवान, सारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुज़फ्फरपुर, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल, मधेपुरा, अररिया और किशनगंज जिले में भीषण कुहासा और शीतलहर का प्रकोप जारी रह सकता है।

मौसम विभाग के अनुसार 29 से 31 जनवरी तक कई जिलों में कोल्ड डे से लेकर अति शीत दिवस की स्थिति बनी रहने की संभावना है। 

मौसम विभाग ने भी चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण अगले 31 जनवरी तक घने कोहरे के साथ शीतलहर की आशंका है। विभाग के अनुसार अगले 30 जनवरी तक राज्य के लोगों को ठंड की मार सहनी पड़ सकती है। मौसम विभाग ने चेतावनी देते हुए कहा है कि राज्य के लगभग सभी जिलों में में बर्फीली उत्तर पछुआ हवा से लोगों की परेशानी बढ़ेगी। 31 जनवरी के बाद हीं ठंड से राहत मिलने का अनुमान है। बिहार के कुछ हिस्सों में शीत दिवस से लेकर गंभीर शीत दिवस की स्थिति उत्पन्न हुई। 31 जनवरी से एक पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है।

पटना, गया, औरंगाबाद, भागलपुर, नालंदा, मुंगेर, खगड़िया, बांका, लखीसराय, जमुई, नवादा सहित कई जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग के अनुसार 31 जनवरी तक ठंड और शीतलहर से लोगों को राहत मिलने वाली नहीं है.पश्चिमी विक्षोभ के बारंबार आने की संभावना के कारण पिछले साल के मुकाबले कोल्ड डे अधिक रहेगा।

फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम से संबंधित हुई बैठक, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा फाइलेरिया के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई


औरंगाबाद : आज अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी किशोर कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय के सभाकक्ष में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम (सर्वजन दवा सेवन) से संबंधित बैठक का आयोजन किया गयाl अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा फाइलेरिया के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा एवं इससे होने वाले बीमारी के लक्षण के बारे में बताया गयाI 

उनके द्वारा यह भी बताया गया कि जिले में 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन (MDA), IDA कार्यक्रम के अंतर्गत तीन दवा Albendazole, Diethyl Carbamazine(DEC) एवं Ivermectin का वितरण कराया जाएगाl इसके साथ दवा की खुराक लेने के बारे में जैसे 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, असाध्य रोग ग्रसित लोगों एवं खाली पेट में फाइलेरिया की दवा नहीं लेने की सलाह दिया गयाl

उक्त बैठक में सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी प्रखंड के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं अन्य स्वास्थ्य अधिकारी उपस्थित रहेl

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

एनडीए सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक खत्म, इन चार एजेंडों पर लगी मुहर

डेस्क : बिहार में एनडीए की सरकार बनने का बाद आज पहली कैबिनेट की बैठक हुई। इस पहली कैबिनेट की बैठक में चार एजेंडों पर मुहर लगी। 

वहीं, कैबिनेट बैठक शुरू होने से पहले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश के ऑफिस पहुंचकर बात की। सचिवालय में लगे RJD-कांग्रेस के मंत्रियों के नेम प्लेट उखाड़ दी गई है। जेडीयू के पुराने मंत्रियों के नेम प्लेट को ढंक दिया गया है। तेजस्वी के बंगले के बाहर लगी डिप्टी सीएम की नेम प्लेट को भी ढंका गया है।

बिहार विधानमंडल के बजट सत्र की जो तारीख थी उसे रद्द कर दिया गया है और अब नए सिरे से इसकी तारीख तय की जाएगी।

बैठक के चार एजेंडों में संसदीय कार्य से दो और वित्त विभाग के दो एजेंडे थे। सदन की कार्यवाही बुलाए जाने के लिए सीएम नीतीश को अधिकृत किया गया है। कोई डेट तय नहीं किया गया है। बजट सत्र 5 फरवरी को आगे बढ़ाया गया है। 

बैठक खत्म होने के बाद नीतीश सीएम हाउस पहुंच गए हैं। जेडीयू सांसदों के साथ बैठक कर रहे हैं। आज मंत्रिमंडल का विस्तार और विभागों का बंटवारा हो सकता है।

बार बार पाला बदलने वाले नीतीश 9वीं बार बने सीएम, जानें कब कब मारी पलटी?

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बिहार में पिछले एक दशक की सियासत पर गौर करें तो देखेंगे कि राज्य में हर साल डेढ़ साल में सरकार बदल जाती है, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बदलता। सत्ता के केन्द्र में नीतीशे कुमार का ही नाम होता हैं। इसकी वजह है कि नीतीश एक दशक से कम वक्त में अबतक पांच बार पाला बदल चुके हैं। रविवार को नीतीश कुमार ने ‘महागठबंधन’ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और दोबारा एनडीए के मुख्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली।अब तक पांच पर गठबंधन बदल चुके नीतीश नौवीं बार सीएम बने हैं।

1985 में पहली बार विधायक बने

नीतीश ने 1974 के छात्र आंदोलन के जरिये राजनीति में कदम रखा, 1985 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद नीतीश कुमार ने पलटकर नहीं देखा और सियासत में आगे बढ़ते चले गए। लालू प्रसाद यादव 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 1994 में नीतीश ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। नीतीश और लालू एक साथ जनता दल में थे, लेकिन राजनीतिक महत्वकांक्षा में दोनों के रिश्ते एक दूसरे से अलग हो गए।साल 1994 में नीतीश ने जनता दल छोड़कर जार्ज फर्नांडीस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया। इसके बाद साल 1995 में वामदलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़े, लेकिन नतीजे पक्ष में नहीं आए। नीतीश ने लेफ्ट से गठबंधन तोड़ लिया और 1996 में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बन गए। नीतीश कुमार की राजनीतिक प्रसिद्धि तब बढ़ी जब उन्हें एनडीए सरकार में रेल मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।

यहां से नीतीश का 'पलटी' फार्मूला गूंजा

इसके बाद नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ 2013 तक साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे और बिहार में सरकार बनाते रहे। इस दौरान राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा था। यह बात साल 2012 की जब बीजेपी में नरेंद्र मोदी का कद बढ़ने लगा था। मोदी के बढ़ते हुए कद को देखकर नीतीश कुमार एनडीए के अंदर असहज महसूस करने लगे। यही वजह रही कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इस लोकसभा चुनाव का यह परिणाम हुआ कि नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। क्योंकि जेडीयू को केवल दो सीट ही हासिल हुई थी। इसके बाद नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया और 2015 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बने। विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को बड़ी जीत हासिल हुई।

करीब ढाई साल बाद 2017 में नीतीश कुमार ने फिर से चौंकाया। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का आईआरसीटीसी घोटाले में नाम आया। इस घटना के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन समाप्त कर दिया और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीएम पद छोड़ने के तुरंत बाद वो भाजपा में शामिल हो गए। साथ ही गठबंधन करके सरकार बना ली। इसके बाद 2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। इस चुनाव में नीतीश की पार्टी जेडीयू को सिर्फ 43 सीटें हासिल हुईं। भाजपा को 74 और आरजेडी को 75 सीटें हासिल हुईं, लेकिन इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री के सिंहासन पर नीतीश कुमार ही विराजमान हुए।

एक बार फिर एनडीए के साथ

इसके दो साल बाद 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारी। नीतीश को अब बीजेपी से दिक्कत होने लगी थी। नीतीश कुमार ने कई कारण बताते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया साथ ही भाजपा से अपना रिश्ता खत्म कर लिया। इसके साथ नीतीश कुमार ने आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलकर सरकार बना ली और राज्य का डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बनाया। डेढ़ साल के बाद नीतीश कुमार का मन फिर से बदल गया है और अब फिर से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली।