वाह री शिक्षा विभाग, गरीब बच्चों के पढ़ने वाले किताबों को बेचने पर मिलता है क्लिन चिट
जहानाबाद के रतनी प्रखंड में बिहार सरकार के शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा होना लाजिमी होता है, जहां एक तरफ सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब परिवार के बच्चों के लिए पढ़ने हेतु क़िताब उपलब्ध कराई जाती है,तो वही दूसरी तरफ गरीब बच्चों का भविष्य बर्बाद करने के उद्देश्य से, किताबों को कबाड़ खाने में बेचने से कोई परहेज़ शिक्षक नहीं करते।
यहां हम बताना चाहते हैं कि जहानाबाद जिले के रतनी फरीदपुर प्रखंड क्षेत्र के मध्य बिधालय शकूराबाद के शिक्षक द्वारा सरकार द्वारा गरीब बच्चों के लिए शिक्षा हेतु दिया गया किताबों को कबाड़ खाने मे भेजने के क्रम में ही र॑गे हाथ बीते 8अक्टूबर को पकड़ा गया था। मामला काफी सुर्खियों में तब आया जब तत्कालिक एच.एम द्वारा तीन ठेलो पर किताबें को बेचने की बात सामने आई थी।
यहां यह बता दें कि एक किताबों से लदा ठेला कबाड़ खाने वाले ले भागने में सफल रहा था, पर॑तु दो ठेला पर लदा किताब को र॑गे हाथ पकड़ लिया गया था। काफी मशक्कत के बाद एच.एम पर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के लिखित आवेदन पर शकूराबाद थाना में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी।
वही जानकारी के अनुसार एच.एम को निलंबित भी कर देने की बात प्रकाश में आया था। पर॑तु चौंकाने वाली बात यह है कि तीन माह बीतने के बावजूद भी कबाड़ खाने में गया एक ठेला किताब आज तक बरामद नहीं किया जा सका।
यही नहीं गरीब परिवार के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले शिक्षक को पुलिस अभी तक गिरफ्तार करने में असफल रही। अब सवाल यहां उठता है कि क्या जिला शिक्षा विभाग के पदाधिकारी यह नहीं चाहते कि, गरीब बच्चों के लिए शिक्षा उपयोगी नहीं है। यदि सही मायने में सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के प्रति सहानुभूति है, तो क्यों भ्रष्टाचार में लिप्त शिक्षक जेल से अभी तक बाहर है।
वही पुलिस पर भी सवालिया निशान खड़ा होता है कि आखिर अब तक शिक्षक के गिरेबान में झांकने का प्रयास क्यों नहीं किया जा सका? पुलिस अब तक एक ठेला किताब को अभी तक बरामद करने में क्यों नहीं दिलचस्पी दिखाई।
क्या जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन भ्रष्टाचार में लिप्त शिक्षक को बचाने में सहायक है। कुछ ग्रामीणों द्वारा दबी जुबान से बताया गया कि पूर्व में वर्ष 1016 में भ्रष्ट एच.एम के बिरुध शकूराबाद थाना में कस्तुरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय घोटाला से सम्बंधित प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
उस वक्त भी शिक्षक को क्लीन चिट दे दी गई थी। फिर वही बात फीर सामने आता दिखाई पड़ रहा है कि पुनः एच.एम को शिक्षा विभाग तथा पुलिस प्रशासन की ओर से क्लीन चिट दे दी जाएगी।
जहानाबाद से बरुण कुमार
Jan 01 2024, 17:50