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अतिपिछड़ों को जूते की नोक पर रखती है भाजपा, नहीं मिल रहा मोर्चा अध्यक्ष के लिए दावेदार : राजीव रंजन

डेस्क : भाजपा पर पलटवार लेते हुए जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है किमीडिया के सामने भाजपा के नेता भले ही खुद को अतिपिछड़े समाज का हितैषी बताने का दिखावा कर लें लेकिन हकीकत में यह आज भी अतिपिछड़ों से घृणा करते हैं और उन्हें आगे बढ़ते नहीं देखना चाहते. खुद को राजनीतिक सामंत समझने वाले भाजपा के यह लोग आज भी इस समाज को हेय दृष्टि से देखते हैं और उन्हें जूते की नोक पर रखना चाहते हैं. इनकी मंशा अभी भी अतिपिछड़े समाज को पहले के जमाने की तरह बंधुआ मजदूर बना कर रखने की है, इसीलिए यह अपने पार्टी के अतिपिछड़े नेताओं को गुलामों से अधिक तवज्जो नहीं देते. 

जदयू प्रवक्ता ने कहा कि अतिपिछड़े समाज से घृणा करने की ही वजह से, इन्होने इतने वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद भी इस समाज के नेताओं को कभी भी कोई महत्वपूर्ण मंत्रालय नहीं दिया. जिन्हें दिखावे के लिए मंत्रिपद दिया गया, उन्हें इन्होने ढंग से काम नहीं करने दिया. दरअसल भाजपा चाहती ही नहीं कि अतिपिछड़े समाज का नेतृत्व सशक्त हो. 

उन्होंने कहा कि भाजपा में अतिपिछड़ा समाज के महापुरुषों की जयंती मनाने की अनुमति भी नहीं दी जाती. इनके लोग खुद बताते हैं किउन्हें कर्पूरी ठाकुर जैसी महान हस्ती की जयंती मनाने की भी मनाही है. उनके बजाए उन्हें दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर मनाने पर ज़ोर दिया जाता है. भाजपा बताये कि किस मामले में कर्पूरी ठाकुर का योगदान इनसे कमतर है.

उन्होंने कहा कि भाजपा पर कुंडली मारे नेताओं से पीड़ित होकर ही इनके अतिपिछड़ा समाज के सबसे बड़े नेता और अतिपिछड़ा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी अपना त्यागपत्र देकर चले गये. उसके बाद आज तक यह पद खाली है. लोग बताते हैं कि अतिपिछड़ा समाज के भाजपाई अपने शीर्ष नेताओं की जमींदारी मनोवृत्ति से इतने आजिज आ गये हैं कि कोई भी इस पद को लेना नहीं चाहता. इसी कारण इनकी नयी टीम की भी घोषणा रुकी पड़ी है. 

जदयू नेता ने कहा कि दरअसल अतिपिछड़ों की बड़ी तादाद देखते हुए भाजपा उन्हें झुनझुना पकड़ा कर अपने साथ रखना तो चाहती है लेकिन उन्हें वाजिब सम्मान देना उन्हें पसंद नहीं है. इनके निगाह में अतिपिछड़े समाज का महत्व सिर्फ वोट बैंक तक सीमित है. इन्हें अतिपिछड़े समाज का वोट तो चाहिए लेकिन उन्हें उनका अधिकार देना उन्हें सख्त नापसंद है.

नालंदा से राज

आज 76 वर्ष के हुए राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, सीएम नीतीश समेत जदयू के कई वरिष्ठ नेताओं ने दी जन्मदिन की बधाई

डेस्क : राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद का आज 11 जून को जन्मदिन है। उनके जन्मदिन के मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू की ओर से उन्हें बधाई दी गई है। 

सीएम नीतीश कुमार ने अपने सोशन मीडिया के ट्विटर से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को बधाई दी। उन्होंने लिखा, श्री लालू प्रसाद यादव जी को जन्मदिन के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आपके स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन की कामना है।

वहीं जदयू के अधिकारिक ट्विटर हेंडल से भी लालू यादव को बधाई दी गई है। जदयू की ओर से किए गए ट्विट में लिखा गया है, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख श्री लालू प्रसाद यादव जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई। आपके उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु जीवन की कामना करते हैं।

वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने भी लालू यादव को बधाई दी है। उन्होंने कहा, सामाजिक न्याय के प्रतीक, पूर्व केंद्रीय मंत्री, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख श्री लालू प्रसाद यादव जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई। ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु जीवन की कामना करता हूं।

जीएनएसयु में द्वितीय दीक्षांत समारोह का हुआ भव्य आयोजन, 29 छात्र छात्राओं को रक्षा मंत्री ने दिया गोल्ड मेडल, सम्राट चौधरी रहे विशिष्ट अतिथि

रोहतास: जिले के जमुहार स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय में शनिवार को द्वितीय दीक्षान्त समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बिहार विधान परिषद सम्राट चौधरी विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए। 

भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से जमुहार पहुंचे राजनाथ सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। जिसके पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित सभी मुख्य व विशिष्ट अतिथियों को विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से पुष्प गुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

 दीक्षांत समारोह के शुरुआत में भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विश्वविद्यालय के कुल 29 छात्र छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किया तथा अपने संबोधन में कहा कि ज्ञान के साथ-साथ संस्कार बहुत ही महत्वपूर्ण है। शिक्षा से सिर्फ ज्ञान अर्जित कर सकते हैं लेकिन दीक्षा से संस्कार मिलता है और संस्कार युक्त ज्ञान हीं समाज एवं देश की दशा व दिशा को ऊर्जान्वित कर सकता है। श्री सिंह ने कहा कि देश अमृतकाल से गुजर रहा है तथा 2027 तक विकसित राष्ट्र की श्रेणी में खड़ा होगा। 

साथ हीं आने वाले दशक में भारत अर्थव्यवस्था के मामले में शीर्ष तीन में अपना स्थान अवश्य प्राप्त करेगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा देने वाले गुरुजन् एवं शिक्षा प्राप्त करने में अहम भूमिका निभाने वाले माता-पिता को कभी नहीं भूलना चाहिए एवं आजीवन उनका चरण वंदन करना चाहिए। मुख्य अतिथि ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए अपील किया कि उनके द्वारा अर्जित ज्ञान से भविष्य में समाज एवं देश का हित हो ऐसी कीर्ति करें। 

रक्षा मंत्री ने राम और रावण का उदाहरण देते हुए छात्रों को कहा कि रावण धन ,बल और ज्ञान सभी में राम से उपर था लेकिन आज देश एवं दुनिया में रावण की पूजा नहीं होती राम की पूजा होती है। क्योंकि राम का चरित्र स्वच्छ, निर्मल एवं मर्यादा युक्त था। जबकि रावण अहंकारी एवं चरित्रहीन था। इसलिए संस्कारहीन व्यक्ति को कायर एवं संस्कारयुक्त व्यक्ति को बहादुर माना जाता है। उन्होंने छात्रों का आह्वान करते हुए कहा कि जिस मनोभाव से आपने ज्ञान का अर्जन किया है उसी मनोभाव से आप देश एवं समाज की सेवा जरूर करें। क्योंकि समाज का ऋण हम सभी पर है।

 वही दीक्षांत समारोह को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी सहित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गोपाल नारायण सिंह ने भी संबोधित किया। बता दें कि रोहतास जिले के जमुहार पहुंचे केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विश्वविद्यालय के विभिन्न निकायों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 29 छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किया। जबकि दीक्षांत समारोह में 729 छात्र छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई।

 हालांकि इस दौरान रक्षा मंत्री के प्रोटोकॉल के अनुसार सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं तथा जिला प्रशासन की ओर से आला अधिकारियों की उपस्थिति के साथ भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। 

वहीं दीक्षांत समारोह के अवसर पर वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ शैलेंद्र चतुर्वेदी, गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ महेंद्र कुमार सिंह, कुलसचिव डॉक्टर अभिषेक कामेन्दु, देव मंगल मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव गोविंद नारायण सिंह, प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह ने भी संबोधित किया। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सह पूर्व सांसद गोपाल नारायण सिंह ने की जबकि धन्यवाद ज्ञापन गोविंद नारायण सिंह ने किया। मौके पर विश्वविद्यालय के शासी निकाय सदस्य, डीन व सभी विभागों के अध्यक्ष, शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

बिहार में पिटाई पुलिस, लेडी कांस्टेबल सहित आधा दर्जन जवान घायल, पटना-गया NH-83 पर बवाल

डेस्क: बिहार के जहानाबाद जिले के मखदुमपुर प्रखंड के पल्या गांव में शनिवार को शराब तस्करी की सूचना पर छापेमारी करने गई एलटीएफ टीम पर लोगों ने हमला कर दिया, जिसमें महिला पुलिसकर्मी सहित आधा दर्जन जवान चोटिल हो गए। किसी के हाथ तो किसी के सिर व पैर में चोट पहुंची है।

उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आत्मरक्षा में तीन राउंड फायरिंग करनी पड़ी, जिसके बाद उपद्रवी मौके से भागे। पुलिस ने मौके से शराब बनाने व बेचने के आरोप में तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के विरोध में लोगों ने पटना-गया एनएच-83 को जाम कर दिया।

पुलिस पर दुर्व्यवहार का आरोप

सड़क पर आगजनी कर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महिलाओं का आरोप था कि एएलटीएफ टीम छह-सात गाड़ी के साथ पहुंची और घरों में घुसकर दुर्व्यवहार करने लगी। इसी बीच ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हुई। ग्रामीणों की ओर से पथराव किया गया, जिसपर पुलिस की ओर से फायरिंग की गई।

पुलिस का फायरिंग की बात से इनकार

हालांकि, एएलटीएफ टीम के प्रभारी विनोद कुमार ने फायरिंग की घटना से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि पल्ला गांव की राजकुमारी देवी 10 दिन पहले ही शराब मामले में जेल से छूट कर आई है। महिला द्वारा फिर से शराब बनाने की सूचना पर टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए आई थी। उसे बचाने के लिए लोगों ने टीम पर पथराव शुरू कर दिया, जिसमें महिला सिपाही गुड़िया कुमारी, पुलिसकर्मी राजनंदन प्रसाद समेत आधा दर्जन जवान घायल हो गए।

जाम के कारण लगी वाहनों की कतार

पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को किसी तरह नियंत्रित किया। जाम की सूचना पर मखदुमपुर पुलिस और नगरपंचायत के वार्ड सदस्य रितेश कुमार चुन्नू शर्मा पहुंचे। काफी समझाने के बाद लोग माने। आधे घंटे बाद सड़क जाम समाप्त हुआ। जाम के कारण सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लाइन लग गई थी।

जाम हटने पर लोगों ने राहत की सांस ली। आपात अधीक्षक नित्यानंद राय ने कहा कि कोई फायरिंग नहीं की गई है। शराब कारोबारी राजकुमारी देवी को गिरफ्तार कर लिया गया है। टीम पर हमला करनेवालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इधर, वार्ड पार्षद चुन्नू शर्मा ने पुलिस द्वारा फायरिंग करने की बात कही है।

जीतनराम मांझी के बदले सुर, बोले- सुल्‍तानगंज-अगुवानी पुल गिरने की हो सीबीआई जांच

डेस्क: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सुल्तानगंज-अगुवानी पुल गिरने की जांच सीबीआई से करने की वकालत की है।

पटना में मीडिया से बात करते हुए मांझी ने कहा कि अभी जो जांच है, वह नाकाफी है। सीबीआई जांच होनी चाहिए। जो चोर है, उसे ही जांच का मौका दे दिया जाएगा, तो क्या होगा। जिन लोगों ने तकनीकी जांच की और जहां से पास कराया गया, उन्हें जवाब देना चाहिए।

मांझी ने सुशील मोदी को भी लिया आड़े हाथ

जब सारा पैसा खर्च हो गया और पुल ही गिर गया, ये तो बड़ी चूक है। सुशील मोदी के द्वारा पुल गिरने के लिए सीएम को दोषी ठहराये जाने पर मांझी ने कहा कि जब वह डिप्टी सीएम थे तब भी घटनाएं हुई थीं, उस समय उनकी आवाज कहां थी।

सुशील मोदी राजनीतिक तौर पर हाशिये पर चले गए हैं। वह खबरों में बने रहने के लिए कुछ न कुछ बोलते रहते हैं। हादसे के लिए मुख्यमंत्री से ज्यादा विभाग से जुड़े अधिकारी व तकनीकी लोग दोषी हैं।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री सम्राट चौधरी के डर से पहली बार मुख्यमंत्री आवास में कुशवाहा समाज का हुआ बैठक : अरविन्द सिंह

पटना : भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के मा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी जी के बढ़ते जनाधार के डर से पहली बार मा मुख्यमंत्री भयभीत हुए और भगवान राम और सम्राट अशोक के वंशज कुशवंशी कुशवाहा समाज को मुख्यमंत्री आवास में बुलाकर बैठक करना मा मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के डर का परिचायक है।

आज तक मा मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने कभी भी 17 सालों के मुख्यमंत्री आवास में एक भी बार कुशवाहा समाज का बैठक उन्होंने नहीं किया। मैं मा मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं की आज तक कुशवाहा समाज के लिए अपने क्या किया है एक भी काम बता दे ..? 

आप सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के मा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी जी को भारतीय जनता पार्टी ने जो अपना कमान सौंप दिया है बिहार का, उसके डर से भयभीत होकर के मुख्यमंत्री जी ने मुख्यमंत्री आवास में यह बैठक किया सिर्फ कुशवाहा समाज को रिझाने के लिए।

श्री अरविन्द ने कहा है कि बिहार में कुशवाहा समाज बिहार में अपने परिश्रम के बल पर सभी का पेट भरने का काम करती है। और राजनीति की दिशा नीति और गति तय करती है मा मुख्यमंत्री जी भयभीत होना आपको स्वाभाविक बात है क्योंकि कुशवाहा समाज बिहार में पहली बार भारतीय जनता पार्टी जैसे पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर सम्राट चौधरी जी के पीछे खड़ी है और उनको अपना संबल प्रदान करके अपना नेता बनाए हुए हैं आपको डर है यह की कहीं एकमुश्त कुशवाहा समाज सम्राट चौधरी जी के साथ चला गया तो श्री नीतीश कुमार का वजूद बिहार से खत्म हो जाएगा।

मा मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी आपका डरना स्वाभाविक बात है। लेकिन सिर्फ मुख्यमंत्री आवास में बैठक बुलाने से नहीं होता है, सर्टिफिकेट दिखा देने से नहीं होता है। समाज के विकास का काम करना पड़ता है नेतृत्व देना पड़ता है। आप में दम है तो मुख्यमंत्री का कुर्सी छोड़कर किसी कुशवाहा समाज के व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना दीजिए तो कुशवाहा समाज समझेगा कि मुख्यमंत्री जी कुशवाहा समाज के हितैषी हैं, वैसे भी आप उम्र के चौथे पड़ाव पर चल रहे हैं आपको आराम की जरूरत है।

 यह काम आपके बस का नहीं है जो कि आप इतने बड़े दिल के नहीं हैं इतना बड़ा दिल का सिर्फ भारतीय जनता पार्टी में है जो भारतीय जनता पार्टी जैसा बड़ा दल और विकास उन्मुख पार्टी ही कर सकती है। आज भाजपा बिहार प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष जैसे सम्मानित पद सबसे बड़ा पद बिहार का कुशवाहा समाज के नेता श्री सम्राट चौधरी जी को दिए हुए हैं।

15 जून को महिला पहलवानों के समर्थन में महागठबंधन का महाधरना, कांग्रेस भी प्रदर्शन में होगी शामिल

बिहार कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने महागठबंधन की ओर से 15 जून को धरना कार्यक्रम में पूरी ताकत से प्रदेश में सभी जगहों पर भाग लेने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह की अघ्यक्षता में शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम में बैठक बुलाई गई थी। इसमें धरना में भाग लेने का निर्णय लिया गया। बता दें 15 जून को महागठबंधन की ओर से दिल्ली में संघर्षरत महिला पहलवानों के समर्थन में प्रदेश भर में धरना का कार्यक्रम है।

महागठबंधन के धरने में शामिल होगी कांग्रेस

इस बैठक में साफ हो गया है कि बिहार कांग्रेस महिला पहलवानों के समर्थन में महागठबंधन के धरने में शामिल होगी। बैठक में मुख्य रूप से पार्टी नेता राजेश राठौड़, बंटी चौधरी, निर्मल वर्मा, राज कुमार राजन, लाल बाबू लाल, कपिलदेव प्रसाद यादव, मिन्नत रहमानी, असित नाथ तिवारी, चंद्र प्रकाश सिंह, संजीव कुमार कर्मवीर सहित अन्य नेता शामिल थे। बता दें केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात के बाद 15 जून तक पहलवानों ने प्रदर्शन न करने का आश्वासन दिया है। दरअसल खेल मंत्री ने 15 जून तक पुलिस जांच पूरी कर लेने की बात कही है। जिसके बाद पहलवानों ने ये फैसला लिया है। 

15 जून तक स्थगित है पहलवानों का धरना 

वहीं महिला रेस्लर साक्षी मलिक ने कहा कि अभी उनका प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ है। हमें आश्वासन दिया गया है कि 15 जून तक मामले में पुलिस जांच पूरी हो जाएगी। तब तक हम इंतजार करें और विरोध प्रदर्शन को स्थगित करें। साक्षी ने कहा कि हमने हमारे खिलाफ 28 मई को दर्ज हुई प्राथमिकी भी वापस लेने की मांग रही है जिसे सरकार ने मान लिया है। बता दें रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण के खिलाफ इस मामले में दो एफआईआर दर्ज हो चुकी है। उन पर महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोप है। जिसके विरोध में महिला पहलवान जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे।

सुशासन बाबू के राज का हाल; 3 चीजों से जनता है परेशान, अफसरों की मनमानी, सरकारी विभागों और योजनाओं में भ्रष्टाचार : प्रशांत किशोर

पटना : जनता की समस्या से बेखबर बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्षी एकता पर फोकस कर रहे हैं। इसको लेकर 23 जून को पटना में विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई है।

इसके उलट जनता भ्रष्टाचार और अफसरों की मनमानी से त्रस्त है, लेकिन नीतीश कुमार को तो सिर्फ विपक्षी एकता की फिक्र है। परेशान बिहार की जनता के लिए हमेशा आवाज बुलंद करने वाले जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में 3 चीजों से जनता परेशान है। पहला अफसरों की मनमानी, दूसरा सरकारी विभागों में फैला भ्रष्टाचार और तीसरा सरकारी योजनाओं में दलाली। ये 3 समस्या हर पंचायत, हर गांव में है। समाज का हर वर्ग इससे प्रभावित है। गरीब, अमीर, जनप्रतिनिधि सहित तमाम लोग। 

 अफसरों की बनाई योजना से नहीं चलेगा काम, बिहार के लोगों से बात कर बने योजना* 

प्रशांत किशोर ने कहा, अच्छे लोग चुनकर आगे आएं, उनके पास बिहार को सुधारने के लिए एक सोची-समझी योजना भी होनी चाहिए। ये योजना अफसरों की बनाई हुई नहीं होनी चाहिए। बिहार के लोगों और समाज के हर एक तबके को समझकर जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण उद्योग, शहरीकरण सहित अन्य मुद्दों पर ग्रामीणों से बात कर और बुद्धिजीवियों से चर्चा करके एक योजना बने ताकि बिहार को भी समृद्ध राज्य बनाया जा सके। 

प्रशांत किशोर ने बताया कि अब तक बिहार में 27 से ज्यादा मुख्यमंत्री बने, उससे तो बिहार नहीं सुधरा, क्योंकि जब तक समाज में स्वचेतना नहीं आएगी, अपने और अपने बच्चों के भविष्य को लेकर लोग नहीं सोचेंगे, अच्छे लोगों का चुनाव नहीं होगा और जो लोग चुनकर आ रहे हैं उनके पास बिहार को सुधारने की योजना नहीं होगी, तब तक बिहार को नहीं सुधारा जा सकता।

बिहार के भागलपुर में अगुवानी घाट-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे महासेतु के पिलर 10 के दो सेगमेंट में थी गड़बड़ी, डिजाइन में कमी से सेगमेंट 8 और 9 पर ज्यादा लोड बढ़ा और पुल गिर गया, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट


बिहार के भागलपुर जिले में अगुवानी घाट-सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे महासेतु के पिलर (पी) 10 के दो सेगमेंट में गड़बड़ी आने से रविवार शाम करीब 6 बजे पुल ध्वस्त हो गया। ब्रिज इंजनीनियर के मुताबिक, डिजाइन में कमी होने की वजह से सेगमेंट 8 और 9 पर ज्यादा लोड बढ़ गया और वह धीरे-धीरे क्रश करने लगा। रविवार दोपहर 12 बजकर 43 मिनट पर लांचिंग इंजीनियर को सेगमेंट से कुछ आवाज आई। उन्होंने ऊपर और नीचे काम कर रहे कंपनी कर्मी और मजदूरों को तत्काल यहां से मूव करने के लिए कहा। 

ठीक 12 बजकर 50 मिनट पर सेगमेंट से एक छोटा सा टुकड़ा क्रेक कर नीचे की ओर गिरने लगा। टुकड़ा नीचे की ओर गिरता देख वहां पर अफरातफरी मच गई और सभी जान बचाकर भागने लगे। उस वक्त निर्माणाधीन पुल के आसपास 150 के करीब लोग थे। इनमें इंजीनियर, कंपनी कर्मी और मजदूर शामिल हैं। सेगमेंट से एक टुकड़ा गिरने के बाद ही पुल के लांचिंग इंजीनियर ने इसकी सूचना कंपनी के अन्य सीनियर इंजीनियर व अधिकारियों को दी। दोपहर में ही इस बात की संभावना प्रबल हो गई कि अब पुल का गिरना तय है। 

रविवार शाम ठीक 6 बजे तेज आवाज के साथ पुल का एक सेगमेंट गिरने के साथ ही अन्य हिस्सा भी भरभरा कर गंगा में समा गया। हालांकि, डिजाइन में कमी होने की आशंका के मद्देनजर ही मुख्य डिजाइनर को बुलाया गया था, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही पुल ध्वस्त होने की घटना की हो गई।

बिहार अभियंत्रण सेवा संघ (बेसा) ने दावा किया है कि भागलपुर जिले में पुल गिरने की घटना के पीछे डिजाइन में फॉल्ट है। महासचिव राकेश कुमार ने कहा कि संघ की ओर से एक तकनीकी समिति गठित की गई है, जो आने वाले दिनों में पूरी रिपोर्ट देगी। इसके बाद इस घटना के पीछे की एक-एक बिंदु पर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी। संघ की पुरानी मांग है कि तकनीकी विभागों में प्रमुख इंजीनियर ही हों। अगर ऐसा होता तो इस तरह की घटना नहीं होगी। संघ यह भी मांग करता है कि इस तरह के बन रहे सभी पुलों की तकनीकी ऑडिट हो ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

ओडिसा रेल हादसे में बिहार के लोगों की मौत का आंकड़ा हुआ पचास, 19 लोगों का अब भी नहीं चल रहा कोई अता-पता

 

डेस्क : ओडिसा के बालासोर रेल हादसे में बिहार के यात्रियों की मौत का आंकड़ा पचास पहुंच गया है। बुधवार को आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गई। वहीं बिहार के 19 यात्री अभी भी लापता है। 43 यात्रियों का इलाज ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।

लापता यात्रियों में मधुबनी के चार, दरभंगा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर के दो-दो, सीतामढ़ी, बेगूसराय, पटना, गया, पूर्णिया, शेखपुरा और सीवान के एक-एक यात्री शामिल हैं। 

आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि लापता यात्रियों की पहचान के लिए ओडिशा के बालासोर जिला प्रशासन से समन्वयक बना हुआ है। वहां अस्पतालों में रखे शवों का डीएनए सैंपल कराया गया है। इससे दावा करने वाले परिजनों के डीएनए सैंपल का मिलान किया जाएगा। बुधवार को एम्स भुवनेश्वर में मौजूद 12 परिजनों का डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लिया गया।