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NIRF रैंकिंग - भारत सरकार के तहत एनआईआरएफ 2023 में भारत के शीर्ष 125 बी-स्कूलों में किया गया शमिल

बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान पटना (CIMP), ने एक बार फिर अपनी महत्ता साबित करते हुए NIRF (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) की ताजा रैंकिंग 2023 में कई समकालीन बी-स्कूलों को पछाड़कर एक बार फिर अपनी योग्यता साबित की है। 

शिक्षा और विदेश मामलों के माननीय राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह द्वारा कल अपराह्न जारी की गई रैंकिंग में सीआईएमपी को शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एनआईआरएफ 2023 में भारत के शीर्ष 125 बी-स्कूलों में शमिल किया गया है।

सीआईएमपी के निदेशक डॉ राणा सिंह ने बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष एवं संस्थान के शिक्षकों,अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके निरंतर समर्थन के लिए दिल से धन्यवाद व्यक्त किया, जिसके कारण संस्थान को इस स्तर तक ले जाना संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि इस रैंकिंग ने हम पर न केवल इस स्तर को बनाए रखने, बल्कि बाद के वर्षों की रैंकिंग में धीरे-धीरे आगे बढ़ने की एक बड़ी जिम्मेदारी भी डाल दी है।

National Institutional Ranking Framework (NIRF) भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा अनुमोदित एकमात्र रैंकिंग है जो देश भर के संस्थानों को रैंक करने के लिए एक पद्धति की रूपरेखा तैयार करता है। विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों की रैंकिंग के लिए व्यापक मापदंडों की पहचान करने के लिए पूर्ववर्ती एमएचआरडी द्वारा गठित एक कोर कमेटी द्वारा बनाई गई समग्र सिफारिशों और व्यापक समझ से रैंकिंग पद्धति प्राप्त होती है। मापदंडों में मोटे तौर पर " टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज," " रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिसेज," "ग्रेजुएशन आउटकम्स," " आउटरीच एंड इन्क्लूसिविटी," और "परसेप्शन" शामिल हैं।

'टीचिंग, लर्निंग एंड रिसोर्सेज ' पैरामीटर में डॉक्टरेट छात्रों सहित छात्रों की ताकत, स्थायी संकाय पर जोर देने के साथ संकाय-छात्र अनुपात, संकाय योग्यता और अनुभव के लिए संयुक्त मीट्रिक, और वित्तीय संसाधन और उनका उपयोग शामिल है। 

'रिसर्च एंड प्रोफेशनल प्रैक्टिसेज' पैरामीटर में प्रकाशनों के लिए संयुक्त मेट्रिक्स, प्रकाशनों की गुणवत्ता, परियोजनाओं के पदचिह्न, पेशेवर प्रथाओं और कार्यकारी विकास कार्यक्रमों को शामिल किया गया है। 'ग्रेजुएशन आउटकम्स' पैरामीटर में प्लेसमेंट और उच्च अध्ययन, परीक्षाओं और औसत वेतन के लिए संयुक्त मीट्रिक शामिल हैं। 

'आउटरीच एंड इनक्लूसिविटी' पैरामीटर में क्षेत्रीय विविधता, लैंगिक विविधता, आर्थिक और सामाजिक विविधता और दिव्यांग छात्रों के लिए उपलब्ध सुविधाएं शामिल हैं। 'परसेप्शन' पैरामीटर संस्थान के बारे में नियोक्ताओं और अकादमिक सहकर्मी की धारणा सहित सहकर्मी धारणा को शामिल करता है। 

यह विभिन्न संस्थानों के स्नातकों के लिए अपनी वरीयता का पता लगाने के लिए नियोक्ताओं की एक बड़ी श्रेणी, प्रतिष्ठित संगठनों के पेशेवरों और शिक्षाविदों की एक बड़ी श्रेणी पर किए गए सर्वेक्षण के माध्यम से किया जाता है और प्रबंधन, इंजीनियरिंग, आदि जैसे विभिन्न डोमेन में विभिन्न मानकों को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक रैंकिंग तैयार की जाती है।

सैयद शमायल अहमद की अध्यक्षता में ट्रेन हादसे पर शोक प्रस्ताव पारित कर दो मिनट का मौन रखा एवं दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की

प्राइवेट स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन पासवा ने उड़ीसा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटना में 280 के करीब लोगों के निधन पर गहरी संवेदना एवं दुख प्रकट किया है। 

राष्ट्रीय अधिवेशन में पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद की अध्यक्षता में ट्रेन हादसे पर शोक प्रस्ताव पारित कर दो मिनट का मौन रखा एवं दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की।

  

 शोक संवेदना प्रकट करते हुए सैयद शमायल अहमद ने कहा भारत के इतिहास में कल का ट्रेन हादसा काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।पूरा देश शोकाकुल है,लोग इतने बड़े हादसे पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना की है। 

उन्होंने उड़ीसा पासवा के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि युद्ध स्तर पर बचाव कार्य में लग जाऐं और आम लोगों की सहायता करें।

  

  झारखण्ड सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने बालासोर ट्रेन हादसे पर गहरा दुख एवं शोक प्रकट किया है। 

डॉ उरांव ने कहा आज प्रातःकालीन जब बालासोर ट्रेन दुर्घटना की जानकारी मिली तो मन व्यथित हो गया।280 के करीब लोगों के निधन की खबर और लगभग 1000 लोगों के घायल होने की खबर पूरी देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया है।सभी दिवंगत आत्माओं को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें, परिजनों को दुख सहने की शक्ति दें। केन्द्र एवं राज्य की सरकार से उन्होंने आग्रह किया है कि घायलों के जीवन की रक्षा के लिए हर संभव इंतजाम किए जाने चाहिए।

बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में करणी सेना की महिला प्रदेश अध्यक्ष ललिता सिंह चौहान सहित सैकड़ो महिलाएं भाजपा में हुई शामिल

पटना : बिहार बीजेपी प्रदेश कार्यालय में गुरुवार को आयोजित मिलन समारोह में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना की महिला प्रदेश अध्यक्ष व समाज सेविका ललिता सिंह चौहान ने अपने सैकड़ो महिला समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस अवसर पर उपस्थित भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, रामकृपाल यादव, जनक चमार, नम्रता सिंह राठौर, राजू झा, प्रवीण सिंह सहित भाजपा के अन्य नेताओं द्वारा सभी लोगों को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई। 

ललिता सिंह चौहान के साथ फ़िरोज़ा खातून, मनीषा ओझा, रानी कुमारी, रुकसाना खातून, चिनमानी सिंह सहित 500 से अधिक अल्पसंख्यक महिलाओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण करते हुए पार्टी को मजबूत करने का संकल्प लिया। प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने सभी महिलाओं को भाजपा से जुड़ने पर बधाई दी और कहा कि भाड़ी संख्या में नारी शक्ति के जुड़ने से पार्टी और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि इन महिलाओं को पार्टी में मान - सम्मान के साथ उचित स्थान दिया जाएगा। 

वहीं भाजपा से जुड़ने पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए ललिता सिंह चौहान ने कहा कि वे पार्टी द्वारा दिए गए हर जिम्मेवारी को पूरा करेंगी। 

विदित हो कि ललिता सिंह चौहान इससे पहले अन्य राजनितिक पार्टी - हम, एनसीपी एवं लोक समता पार्टी में महिला प्रदेश अध्यक्ष के पद पर अपनी सेवा दे चुकी हैं। बाढ़ में जन्मी और पटना में पली - बढ़ी ललिता सिंह चौहान द्वारा आत्मनिर्भर महिला फाउंडेशन का भी संचालन किया जा रहा हैं जिसमें वो विगत 15 वर्षो से महिला सशक्तिकरण और घरेलु हिंसा पर कार्य कर रही हैं। 

उन्होंने अपने एनजीओ के माध्यम से अबतक 700 से अधिक महिलाओं को इससे मुक्त कराया है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। उनके द्वारा चलाए जा रहे आत्मनिर्भर महिला फाउंडेशन में करीब दस हजार महिलाएं जुड़ चुकी हैं। 

भाजपा से जुड़ने पर पार्टी के सीमा पांडेय सहित अन्य नेताओं ने भी ललिता सिंह चौहान को अपनी शुभकामनाएं दी।

जेपी की धरती पर भ्रष्टाचारियों की बैठक का विरोध करेगी भाजपा : विजय सिन्हा

नेता प्रतिपक्ष ने उठाया सवाल, 106 साल पुराने संग्रहालय को नए संग्रहालय के अधीन क्यों किया जा रहा

पटना : बिहार विधानमंडल के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने नए संग्रहालय से पुराने संग्रहालय के बीच सुरंग को गैर जरूरी बताते हुए कहा कि इसका क्या लाभ होगा। उन्होंने सवाल उठाया कि 106 साल के पुराने संग्रहालय को नए संग्रहालय के अधीन करने से क्या लाभ होगा। 

श्री सिन्हा ने राष्ट्रीय धरोहरों को स्थानांतरित किए जाने के खेल की न्यायिक आयोग बनाकर न्यायिक जांच कराने की भी मांग की। 

बिहार भाजपा के प्रदेश कार्यालय में सहयोग कार्यक्रम में लोगों की समस्या सुनने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री सिन्हा ने कहा कि आज जो समस्या आई है उसमे सबसे बड़ा मुद्दा 106 साल पुराने संग्रहालय का है। 

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के स्कूल में बेंच, डेस्क नहीं है, स्कूलों के पास अपना भवन नहीं है और सरकार संग्रहालय को जोड़ने के लिए सुरंग खोदवाने की योजना बना रही है। 

पटना में विपक्षी दलों के 12 जून को होने वाली बैठक का भाजपा द्वारा विरोध करने की घोषणा करते हुए उन्होंने इसे भ्रष्टाचारियों की बैठक बताया। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जेपी की धरती पर भ्रष्टाचारियों की बैठक का भाजपा विरोध करेगी। 

उन्होंने कहा कि जेपी निवास से लेकर पटना तक भ्रष्टाचार मुक्त आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। 

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि भ्रष्टाचारियों ने परिवारवाद के नाम पर अकूत संपत्ति बनाई है अब भ्रष्टाचारियों का चारागाह बनाने की तयारी है। उन्होंने कहा कि भाजपा कतई ऐसा नहीं होने देगी। 

कहा कि जेपी ने इसी धरती से कांग्रेसमुक्त भारत बनाने का ऐलान किया था। आज भाजपा उन्ही के अधूरे सपने को पूरा करने में जुटी है। उन्होंने कहा कि जेपी ने कांग्रेस के विरोध लड़ाई छेड़ी थी। 

श्री सिन्हा ने बिहार के छात्रों और बेरोजगार युवकों के पलायन के लिए भी बिहार सरकार को आड़े हाथों लिया।

आस्था फाऊंडेशन द्वारा वाक् फार लाइफ के तहत मेगा डाइबिटीज वाक् हुआ आयोजन, कई जानेमाने विशेषज्ञों द्वारा डाइबिटीज से बचने की दी गई अहम जानकारी

पटना : डाइबिटीज जिसे साइलेंट किलर कहा जाता है। आज हर दस में से चार लोग डाइबिटीज से पीड़ित हो रहे हैं। खराब जीवन शैली और खाने पीने की लापरवाही कारण डाइबिटीज आज तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रही है। खासकर यह बीमारी उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है जो कोई काम नहीं करते सुस्त रहते हैं और हमेशा बैठे रहते हैं। अगर डाइबिटीज से बचना है और अगर आप डाइबिटीक है और इसे नियंत्रित कर रखना चाहते हैं तो आप अपने जीवन में वाक् को अपनाएं। सुबह-शाम टहलने से आपको मधुमेह ही नहीं और भी बीमारियों से निजात मिल सकता है। उक्त बातें आस्था फाऊंडेशन द्वारा चलाए जा रहे वाक् फार लाइफ के तहत मेगा डाइबिटीज वाक् में आए हुए मशहूर फिजिशियन डॉ दिवाकर तेजस्वी ने कही। 

वहीं मशहूर बच्चों के पेट के डाक्टर श्री कांत पांडे ने कहा कि आप अगर वाक् करते हैं तो आपके आनेवाली पीढ़ी भी आपके रास्ते पर चलेगी और उन्हें डाइबिटीज से बचाया जा सकता है। आर्थोपेडिक सर्जन डा प्रवीण कुमार ने कहा कि अगर आप रोज एक घंटा टहलते हैं तो आप डाइबिटीज के साथ साथ हड्डियों की बीमारियों से भी बच सकते हैं। 

मशहूर डाइटिशियन रूपाली सिंह ने कहा कि डाइबिटीज से पीड़ित लोगों को डाइट के साथ साथ सुबह-शाम टहलना बहुत जरूरी होता है । अगर आप डाइट और वाक् करते हैं तो आपकी डाइबिटीज हमेशा कन्ट्रोल रहेंगी। 

बताते चले कि आस्था फाऊंडेशन ने मेगा डाइबिटीज वाक् का आयोजन एन आई टी घाट पर किया था। जिसमें शहर के सभी डाक्टरों के साथ डाइटिशियन वकील सरकारी गैर-सरकारी कार्यालय के कर्मचारियों के अलावा बहुत सारे युवा शामिल थे। 

संस्था के सचिव पुरुषोत्तम सिंह ने कहा कि आस्था फाऊंडेशन का इस मेगा डाइबिटीज वाक् को आयोजन का मकसद था कि लोगों को सुवह सुवह टहलने के लिए तैयार करना जिससे की डाइबिटीज के साथ साथ हाईपरटेंशन थाइराइड और बी पी के कन्ट्रोल में राहत मिल सके। 

कार्यक्रम को सफल बनाने में डा धीरज सिन्हा, डा अरविंद कुमार, डाइटिशियन पुजा पांडे, चेतन कुमार, निकुंज, संजीव कर्ण , धनंजय जी के अलावा बहुत सारे लोग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

पूर्व सांसद डॉ० मोनाजिर हसन ने जदयू के प्राथमिक सदस्यता से दिया इस्तीफा, लगाया यह गंभीर आरोप

पटना : जदयू के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद डॉ. मोनाजिर हसन ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस बात की जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी है। 

उन्होने प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है, मैं डॉ मोनाजिर हसन जद (यू) की प्राथमिक सदस्यता से त्याग पत्र देने का आज ऐलान कर रहा हूँ। इसकी सुचना मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपना त्याग पत्र भेज चुका हूँ। मेरे इस्तीफा देने के पीछे मुख्य कारण है कि पार्टी अपने मूल सिद्धांतो से भटक गयी है और ऐसा प्रतीत होता है की पार्टी को हमारे जैसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं की जरूरत ही नहीं है। चंद स्वार्थी लोगो ने पार्टी को अपने वश में कर लिया है जो पार्टी को दीमक की तरह चाट रहे हैं।

उन्होंने आगे लिखा है कि हजारो कार्यकर्ताओ के बलिदान से जिस पार्टी का निर्माण किया गया था उसी पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को अपमानित और पार्टी विरोधी ताकतों को सम्मानित किया जा रहा है। पार्टी के 90 प्रतिशत कार्यकर्ता आज घुटन महसूस कर रहे हैं। इधर राष्ट्रीय जनता दल में भी मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं बच गयी है। उसे न तो मंच पे जगह दी जा रही है और न ही सरकार, संगठन में हिस्सेदारी दी जा रही है। अगर कोई हिस्सेदारी दी भी गई है तो वो भी खरीद-फरोत के माध्यम से ही। जैसा की आम चर्चा में भी है कि राज्यसभा की कुछ सीटें पैसों के लेन-देन से ही संभव हो पाया है।

जैसा की बीते दिनों बिहारशरीफ में दंगाइयों के द्वारा ऐतिहासिक मदरसा अजीजिया को जला दिया गया और मुसलमानों के मसीहा होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आज की तारीख तक जायजा लेने वहा नहीं पहुंच पाए। प्रभावित लोगों को मुवावजा तो दूर की बात है। जिनकी दुकाने जली, रोजी रोजगार छीने गये उन्हें सरकार ने अभी तक एक धेला तक नहीं दिया। माय समीकरण सिर्फ कहने भर ही है। सच तो ये है की मुसलमानों को महागठबंधन में सम्मान नहीं मिल रहा है। जैसे इफ्तार पार्टी में मुस्लिम नेताओं को फ्रंट में जगह तक नहीं दी गयी, लगभग 18 प्रतिशत आबादी का सिर्फ इन्हें वोट चाहिए मुस्लिम नेता नहीं ।

मोनाजिर हसन ने राजद पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा है कि राजद का अपने पूर्व सांसद स्व० मोहम्मद शहाबुद्दीन के साथ कैसा व्यवहार रहा ये जग जाहिर है। उनका जनाजा तक पार्टी ने बिहार लाने का प्रयास नहीं किया। दो दिनों तक उनका पार्थिव शारीर दिल्ली के अस्पताल में पड़ा रहा और इस बीच उनके परिवार वालो ने काफी मुस्तकत की, लेकिन तथाकथित सेक्ल्युरिजम का ढोंग करने वाले झांकने तक नहीं गये। आखिरकार उन्हें दिल्ली कि ही मिट्टी में सुपुर्दे ए खाक कर दिया गया। यहां तक की उनकी पूर्ण तिथि (1 मई) में राजद ने उन्हें याद तक नहीं किया, बिराज ए अकीदत के बतौर राजद ने उनकी तस्वीर पर एक फूल भी चढ़ाना गवारा नहीं समझा।

मुसलमानों को आज सबसे अधिक नुकसान धर्मनिरपेक्ष दलों से ही पहुंचा है। इनका काम सिर्फ भाजपा से डराना रह गया है। डर की राजनीति से मुसलमान को बाहर निकलना होगा। आज महागठबंधन में बड़े-बड़े मुस्लिम नेता हाशिये पर डाल दिए गए हैं। लोकसभा, विधानसभा चुनाव में समुचित हिस्सेदारी नहीं दी जा रही है। मुस्लिम संगठन ठप पड़े हैं। अल्पसंख्यक आयोग बिहार, उर्दू अकादमी, उर्दू परामर्शदात्री समिति, मदरसा एजुकेशन बोर्ड वर्षों से रिक्त है उर्दू और मुस्लिम समाज के विकास से जुड़े संस्थानों में चेयरमैन की नियुक्ति नहीं हो रही है। यही मुसलमानों की हमदर्द सरकार है? मुस्लिम मंत्रियो का कोई वजूद नहीं है, जिन मुस्लमान को बिहार सरकार में मंत्री बनाया गया उस विभाग का कोई अस्तित्व ही नहीं है। केवल नाम का मंत्री बना कर मुसलमानों को बेवकूफ़ बनाने का काम किया गया है।  

वहीं पार्टी की अनदेखी और पार्टी के द्वारा अपमानित करना मेरी तीन दशक की राजनीती और प्रतिष्ठा के खिलाफ है। ऐसे पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं, जंहा आपकी राजनीती शक्खसियत की कोई कद्र न हो, जबकि मुझे अपने राजनीती सफ़र में एक बार बेगुसराय लोकसभा से सांसद एवं चार बार मुंगेर विधानसभा से विधायक निर्वाचित होने के साथ दो-दो बार बिहार सरकार में मंत्री बनने का मौका भी मिला।

बिहार एवं देशहित में बहुत जल्द ही मैं अपने समर्थको के साथ विचार-विमर्श कर कोई ठोस निर्णय लूंगा और समर्थको की जो राय होगी वही मुझे स्वीकार होगा।

समर कैम्प में बच्चों ने मधुबनी पेंटिंग की बारीकी सीखी

बिहार प्रादेशिक अग्रवाल सम्मेलन के आठ दिवसीय समर कैम्प का उद्घाटन आज बैंक रोड स्थित दादी मंदिर में अग्रवाल महिला अध्यक्ष गीता जैन, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के महाप्रबंधक मनोज गुप्ता, कला जागरण के अध्यक्ष वरिष्ठ रंगमंच निर्देशक सुमन कुमार, गोपाल अग्रवाल, नितेश कुमार, एवं अग्रवाल सम्मेलन के अन्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मौके पर अग्रवाल सम्मेलन महिला अध्यक्ष डॉ गीता जैन ने बताया कि इस समर कैम्प का मुख्य उद्देश्य है

कि सभी वर्ग के बच्चे इसमें भाग ले सके. गीता जैन ने कहा कि बच्चों को समर कैम्प द्वारा अपने अंदर छिपी हुई प्रतिभा को व्यक्त करने का मौका मिलेगा तथा हस्तशिल्प की ओर बच्चों का रुझान बढ़ेगा ।

मौके पर दादीजी समिति के महासचिव गोपाल अग्रवाल ने बताया कि पिछले वषों की तरह इस वर्ष भी पटना के कला जागरण के सहयोग से यह समर कैम्प बैंक रोड स्थित दादी मंदिर में आयोजित हो रहा है ।

बिहार अग्रवाल सम्मेलन के अध्यक्ष अमर अग्रवाल द्वारा सभी बच्चों के लिए चाय, बिस्कुट, तथा अन्य व्यवस्था की गयी. इस कैम्प में 40 से अधिक छोटे एवं बड़े बच्चे भाग ले रहे हैं। समर कैम्प की शुरुवात गणेश वंदना से की गयी तथा रीना कुमारी ने बच्चों से योग कराया .

 रंगमंच कला का प्रशिक्षण मौके पर कला जागरण के अध्यक्ष वरिष्ठ रंगमंच निर्देशक सुमन कुमार ने कहा कि बच्चे समर कैम्प के माध्यम से कम समय में हीं अभिनय की बारीकियों को करना सीख सकेंगे.

समर कैम्प में बिहार के वरिष्ठ रंगमंच निदेशक सुमन कुमार ने बच्चों को उच्चारण की सही विधि और इससे शब्दों के सही तरीके से बोलने की विधि बताई .

 

 इस समर कैम्प में आज बड़े बच्चों को रंगमंच से सम्बंधित कला क्या क्या होती है इसकी जानकारी दी गयी.  नलिनी कुमारी ने बच्चों को मधुबनी पेंटिंग की बारीकियां बताई एवं चित्र कला की जानकारी दी.

  आदर्श वैभव ने बच्चों को अनुपयोगी से उपयोगी सामान बनाने की जानकारी दकजरी एवं घूमर

हैदराबाद सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी , थियेटर आर्ट्स डिपार्टमेंट के पास आउट नितेश कुमार ने बच्चों कजरी तथा राजस्थानी लोक नृत्य घूमर का अभ्यास कराया गया .

    

 मौके पर सम्मेलन के अक्षय अग्रवाल ने बताया कि इस कैम्प में बच्चो को गर्मी में परेशानी न हो इसके लिए सम्मेलन की ओर )से कैम्प में सभी बच्चों एवं अभिभावकों को फ्रूट जूस बिस्कुट, ठंडा मिनरल पानी इत्यादि दिया जा रहा है।

                                                                        

भाजपा के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पूछे सवाल, पटना में बना नया संग्रहालय फिजूलखर्ची नहीं तो और क्या?

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आज नीति आयोग की बैठक में भाग नहीं लेने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने घेरते हुए कहा कि नीतीश कुमार अहंकार (इगो) पर राजनीति कर रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि नीति आयोग की बैठक में नहीं जाना बिहार और देश के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। 

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री चौधरी ने यह भी कहा कि 18 साल से नीतीश कुमार सीएम हैं और कई बैठकों में भी गए है, जाना भी चाहिए। लेकिन इस बैठक में केवल अपने अहंकार के कारण नहीं गए। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार इगो में बिहार को बर्बाद नहीं कर सकते हैं। 

श्री चौधरी ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में इस बार 100 प्वाइंट तय किए गए थे, जिस पर चर्चा की जानी थी। 

उन्होंने कहा कि भाजपा का मानना है कि जो मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में नहीं गए वे राष्ट्र विरोधी और संबंधित राज्य के विकास विरोधी हैं। 

उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि नीतीश यह निर्णय ले सकते हैं कि वे प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे उद्घाटन कार्यक्रम में नहीं जाएं, यह उनका विशेषाधिकार हो सकता है, लेकिन बिहार की जनता का क्या दोष । आप खुद मुख्यमंत्री नहीं बने हैं, जनता ने आपको सीएम बनाया है। 

विधान पार्षद श्री चौधरी ने मुख्यमंत्री को चेतावनी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी लोकतंत्र का अपमान करना बंद कीजिए। 

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार समझौतावादी हो गए है। उन्होंने भ्रष्टाचार से भी समझौता कर लिया है। आज उनका भ्रष्टाचार के खिलाफ रहना पाकिस्तान के आतंकवाद से लड़ाई लड़ने जैसा प्रतीक बन गया है। 

नीतीश के संसद भवन बनाने पर सवाल उठाए जाने पर श्री चौधरी ने कहा कि संसद भवन तो जरूरत थी, लेकिन मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि पटना में जो संग्रहालय बना है वह क्या है। 

उन्होंने कहा कि पटना में बना संग्रहालय में प्रदेश के पैसों को बहा दिया गया। उन्होंने याद दिलाया कि पटना उच्च न्यायालय ने भी संग्रहालय निर्माण पर सवाल उठाते हुए इसे फिजूलखर्ची बताया है।

उन्होंने नीतीश को विकास विरोध का प्रतीक बताते हुए कहा कि आज तक नीतीश कुमार बतौर मुख्यमंत्री किसी केंद्रीय मंत्री से बिहार की किसी समस्या और विकास की योजना को लेकर मिलने नहीं गए।

उन्होंने कहा कि जिस नल का जल योजना में 37 हजार करोड़ रुपया जो खर्च किया गया इसमें भी 24 हजार करोड़ रुपए भारत सरकार का ग्रांट था। उन्होंने कहा यह मुखिया और नगर निकाय का हिस्सा था जिसे आपने जबदस्ती उपयोग किया।  

 नीतीश कुमार के एक कार्यक्रम में शामिल होने के कारण नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने का कारण बताए जाने पर श्री चौधरी ने कहा कि सुबह जयंती समारोह मनाकर भी वे बैठक में शामिल हो सकते थे।

इस सम्मेलन में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह, अशोक भट्ट एवं राजेश कुमार झा उपस्थित थे l

पटना: शिक्षा मंत्री, अविलम्ब शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों पर लगाम लगाये- सैयद शमायल अहमद

पटना: बिहार राज्य के सभी 38 जिलों के शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा निजी विद्यालयों को बंद करने की धमकी अख़बार एवं सोशल मीडिया के माध्यम से दी जा रही है जिसके कारण निजी विद्यालयों में पढने वाले लाखो बच्चे , उनके अभिभावक एवं हजारो शिक्षक एवं शिक्षिकाएं भयभीत हो गए है की अगर निजी विद्यालय बंद हो जायेंगे तो उनके बच्चो के भविष्य का क्या होगा और निजी विद्यालय के भरोसे जो शिक्षक रोजगार कर रहे है उनके परिवार का खाना पीना एवं खर्चा कैसे चलेगा ? 

उक्त बातें प्राइवेट स्चूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर से मांग की है की इस तरह की बयानबाजी से एवं शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा कार्यवाही से बिहार को शिक्षा जगत में एक बड़ा नुक्सान होने जा रहा है । 

शमायल अहमद ने शिक्षा मंत्री से मांग की है की अविलम्ब शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों पर लगाम लगाये की इस तरह की बयानबाजी न करें ।  

यु डायस प्लस पोर्टल पर विद्यार्थियों का जो डाटा भरना है वो सभी निजी विद्यालय अपने अपने स्तर से भर रहे है लेकिन यह संभव नहीं है की शिक्षा विभाग फरमान दे और कहे की आपका विद्यालय बंद कर दिया जायेगा और उनके इस फरमान को सौ फीसदी निजी विद्यालयों में पालन हो पाएं क्योकि बिहार राज्य में अधिकतर बजट निजी विद्यालय है जो मात्र 200 रुपये प्रति माह ले कर विद्यार्थियों को पढ़ा रहे है । 

इस फरमान के माध्यम से अब वैसे निजी विद्यालयों से उम्मीद की जा रही है की वे यु डायस प्लस पोर्टल पर बिना किसी तकनिकी मदत से हर विद्यार्थियों का विवरण 54 फील्ड भर के ऑनलाइन करें ।

 एक विद्यार्थी का 54 जगह एंट्री बिना किसी तकनिकी सहायता से करना पड़ता है और ऊपर से शिक्षा विभाग के पदाधिकारी इस तरह की धमकी दे रहे है की जल्दी से जल्दी ऑनलाइन पोर्टल को भरो नहीं तो स्कूल बंद करवा देंगे । क्या यह सम्मानजनक भाषा है ?

सिपेट में नामांकन हेतु ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि है 28 मई , जानिए प्रवेश परीक्षा की तिथि समेत पूरा डिटेल

पटना : सिपेट भारत सरकार की तरफ से चलाया जाने वाला एक टेक्निकल इंस्टिट्यूट है जिसका मकसद प्लास्टिक के फील्ड में टेक्निकल नॉलेज देना है। सिपेट की स्थापना 70 के दशक में भारत सरकार द्वारा प्लास्टिक के बढ़ते यूज को देखते हुए किया गया। 

जैसा कि आप देख सकते हैं हर दिन प्लास्टिक का यूज़ बढ़ता ही जा रहा है और हर जगह प्लास्टिक का यूज़ होता है। यह संस्था भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ केमिकल और फर्टिलाइजर्स के अंदर आता है l 

सिपेट हाजीपुर द्वारा निम्न दीर्घकालीन पाठ्यक्रम चलाये जाते है जैसे :-

}पाठ्यक्रम कोड- पीजीडी- पीपीटी। {पाठ्यक्रम का नाम- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्लास्टिक्स प्रोसेसिंग एंड टेस्टिंग। }अवधि- 2 वर्ष। }योग्यता- विज्ञान में 3 वर्ष की डिग्री। }पाठ्यक्रम कोड- डी पी एम टी। {पाठ्यक्रम का नाम- प्लोमा इन प्लास्टिक्स मोल्ड टेक्नोलॉजी। }अवधि- 3 वर्ष। }योग्यता-10वीं कक्षा पास। }पाठ्यक्रम कोड- डी पी टी। {पाठ्यक्रम का नाम- डिप्लोमा इन प्लास्टिक्स टेक्नोलॉजी। }अवधि- 3 वर्ष। }योग्यता-10वीं कक्षा पास।

यह कोर्स बहुत सारे लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है इस कोर्स को करने के बाद लोगों को बहुत सारे टेक्निकल पोजीशन में काम करने का मौका मिल जाता है। डिप्लोमा इन प्लास्टिक मोल्ड टेक्नोलॉजी एवं डिप्लोमा इन प्लास्टिक टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम दसवीं पास स्टूडेंट कर सकते है तथा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्लास्टिक प्रोसेसिंग एण्ड टेस्टिंग पाठ्यक्रम विज्ञान में स्नातक पास स्टूडेंट कर सकते हैं। इस टेक्निकल कोर्स के अंतर्गत प्लास्टिक से जुड़ा बेसिक मगर जरूरी सारे सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं। 

सिपेट में डिप्लोमा स्तर के पाठ्यक्रमों में शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए प्रवेश परीक्षा हेतु आवेदन की प्रक्रिया प्रारंभ है। जिसकी विशेष जानकारी www.cipet.gov.in पर प्राप्त कर सकते है।

 

कोर्स पूरा होने के बाद ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स, पाईप, बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन, मोल्ड मैन्युफैक्चरिंग, क्वालिटी कंट्रोल और इन्सपैक्शन आदि क्षेत्रों में आसानी से भारत वर्ष में नौकरी मिल जाती है। सिपेट से कोर्स करने हेतु छात्र एवं छात्राओं को सरकारी छात्रवृत्ति एवं लोन की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। सिपेट में छात्र एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास की सुविधा उपलब्ध है। 

सिपेट में नामांकन हेतु ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 28 मई 2023 है एवं प्रवेश परीक्षा 11 जून 2023 को लिया जाएगा।  

ज्ञात हो कि सिपेट द्वारा संचालित सभी कोर्स (AICTE)द्वारा स्वीकृत है साथ ही सिपेट का उत्कृष्ट प्लेसमेंट रिकॉर्ड भी रहा है।