छत्तीसगढ़: संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े बांग्लादेशी भाइयों के तार, ATS ने दोबारा रिमांड पर लिया, पिछले महीने मुंबई एयरपोर्ट से किया था गिरफ्तार

रायपुर- एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने फरवरी में राजधानी रायपुर के टिकरापारा इलाके में अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशी भाइयों को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। ये तीनों फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारत से इराक के बगदाद भागने की कोशिश कर रहे थे। इसके बाद उनकी निशानदेही पर फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले मोहम्मद आरिफ को भी गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। अब इस मामले में ATS ने दोबारा तीनों भाइयों को 2 दिन की रिमांड पर लिया है।
विदेशी संपर्कों की जांच में सामने आई अहम जानकारी
ATS की जांच में खुलासा हुआ है कि तीनों बांग्लादेशी नागरिक अलग-अलग देशों के संदिग्ध लोगों से लंबी बातचीत किया करते थे। उनकी कॉल डिटेल्स से पता चला कि वे सीरिया, इराक, वियतनाम, इजराइल, सऊदी अरब समेत पाकिस्तान के कई नंबरों से संपर्क में थे। ये तीनों IMO ऐप के जरिए वे लगातार विदेशी नंबरों से संवाद कर रहे थे। इस मामले में छत्तीसगढ़ ATS ने इंटरपोल से उनकी बातचीत का पूरा ब्योरा मांगा है।
मुंबई एयरपोर्ट से हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि गिरफ्तार तीनों भाइयों की पहचान मोहम्मद इस्माइल (27 साल), शेख अकबर (23 साल) और शेख साजन (22 साल) के रूप में हुई है। ये सभी फर्जी दस्तावेजों के सहारे 26 जनवरी 2025 को हावड़ा-मुंबई मेल ट्रेन से मुंबई पहुंचे थे, जहां से वे बगदाद (इराक) जाने की फिराक में थे। पुलिस और ATS को समय रहते इस साजिश की जानकारी मिल गई और रायपुर पुलिस तथा ATS की टीम मुंबई पहुंची। वहां मुंबई ATS की मदद से 8 फरवरी को पायधुनी इलाके से तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
फर्जी दस्तावेजों के सहारे बना रखी थी भारतीय पहचान
गिरफ्तारी के दौरान तीनों के पास से भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी और बगदाद का वीजा बरामद किया गया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे जियारत (धार्मिक यात्रा) के बहाने बगदाद में ठहरने वाले थे और भारत वापस लौटने का कोई इरादा नहीं था।
रायपुर में रहने के दौरान इन तीनों ने मोहम्मद आरिफ की मदद से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी बनवाया था। समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद पकड़े जाने का डर था, इसलिए उन्होंने जन्मतिथि के लिए फर्जी प्रमाण पत्र बनवाए और अपनी पहचान छिपाने के लिए फर्जी मार्कशीट भी तैयार करवाई।
ATS कर रही विस्तृत जांच, इंटरपोल से मांगी गई रिपोर्ट
ATS अब इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। संदिग्धों की कॉल डिटेल और चैट हिस्ट्री को खंगाला जा रहा है। इंटरपोल से बातचीत का ब्योरा मिलने के बाद कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में और भी लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है, जिन पर जल्द कार्रवाई हो सकती है।
Mar 10 2025, 12:26