हाईटेक हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी, ई-ऑफिस के जरिए निपटा रहे फाइल, सोशल मीडिया में शेयर की तस्वीर…

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंत्रिमंडल के सदस्य हर लिहाज से काबिल हैं, लेकिन इनमें से वित्त मंत्री ओपी चौधरी का अपना अलग ही स्थान हैं. आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए ओपी चौधरी ई-ऑफिस के जरिए फाइलों को निपटाकर दूसरों के लिए नजीर पेश कर रहे हैं.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम पर किए अपने पोस्ट में रायगढ़ जाते हुए ई-ऑफिस के जरिए फाइलों के निष्पादन की तस्वीर शेयर की है. इसे उन्होंने बताया कि तकनीक के जरिये सुगम और प्रभावी प्रशासन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम बताया है.

रसूखदारों के अतिक्रमण से वार्डवासी परेशान, कार्रवाई की मांग करते हुए चक्काजाम की दी चेतावनी…

कवर्धा- नगर के हाईटेक बस स्टैण्ड जाने वाले मार्ग पर रसूखदारों ने शासकीय भूखण्ड पर अवैध अतिक्रमण कर कॉम्पलेक्स का निर्माण कर किराए पर चला रहे हैं. परेशान वार्डवासियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अतिक्रमण हटाने की मांग की है. कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में चक्काजाम की चेतावनी दी है.

वार्ड 26 में रहने वाले गजानंद, गणेश कौशिक, गजेंद्र साहू, जितेंद्र, दुजेराम, दीपक, पवन कौशिक, मनीराम सहित अन्य लोगों ने कलेक्टर को ज्ञापन के माध्यम से बताया कि वार्ड क्रं. 26 मे हाईटेक बस स्टैण्ड जाने वाले मार्ग पर घोठिया फार्म हाउस के पास शासकीय भूखण्ड पर कुछ व्यक्तियों ने अवैध अतिक्रमण कर कॉम्पलेक्स बनाया है, जिसे किराए पर देकर रकम वसूल रहे हैं.

वार्ड के रहवासियों ने उक्त कॉम्पलेक्स से आम लोगों को होने वाली समस्याओं के साथ-साथ सरकारी राजस्व को होने वाली हानि को देखते हुए अवैध काम्पलेक्स को तोड़कर खाली कराने की मांग की है. इस दिशा में कार्रवाई नहीं होने पर वार्डवासियों ने चक्काजाम व धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की जयंती पर उन्हें किया नमन

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर विधायक रायमुनी भगत भी उपस्थित रहीं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव न केवल प्रखर राष्ट्रवादी थे, बल्कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान के दृढ़ रक्षक भी थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन धर्म, संस्कृति और समाज सेवा के लिए समर्पित किया। उनके नेतृत्व में प्रारंभ हुआ ‘घर वापसी’ अभियान एक ऐतिहासिक सामाजिक आंदोलन बना, जिसने हजारों लोगों को उनकी मूल सनातन परंपरा से पुनः जोड़ने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री जूदेव जी जल, जंगल, जमीन और जनजातीय अस्मिता के सशक्त प्रहरी थे। छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में आदिवासी समाज को उनका गौरव और पहचान लौटाने के लिए उन्होंने अनवरत संघर्ष किया। उनके प्रयासों से समाज में राष्ट्रवादी चेतना का प्रसार हुआ और छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से और अधिक जुड़ने का अवसर मिला।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक विचारधारा के प्रतीक थे। उन्होंने अपने जीवन में राष्ट्रवादी मूल्यों को आत्मसात कर समाजहित में कार्य किया। उनकी दृढ़ता, निडरता और ओजस्वी नेतृत्व आज भी हम सभी को प्रेरित करता है। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

मंत्री केदार कश्यप के विभागों के लिए 5954 करोड़ 41 लाख रूपए की अनुदान मांगे सर्वसम्मति से पारित

रायपुर-   छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज चर्चा के बाद वन एवं जलवायु परिवर्तन, सहकारिता व कौशल विकास मंत्री केदार कश्यप के विभागों से संबंधित वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 5954 करोड़ 41 लाख 12 हजार रूपए की अनुदान मांगे सर्वसम्मति से पारित की गई। इसमें वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लिए 2541 करोड़ 28 लाख 60 हजार रूपए, सहकारिता विभाग के लिए 342 करोड़ 70 लाख 22 हजार रूपए, जल संसाधन विभाग के लिए 1693 करोड़ 96 लाख रूपए, लघु सिंचाई निर्माण कार्य के लिए 874 करोड़ 51 लाख 55 हजार रूपए, जल संसाधन विभाग से संबंधित विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 57 करोड़ रूपए, जल संसाधन विभाग से संबंधित सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 308 करोड़ 71 लाख रूपए, तथा राज्य कौशल विकास योजना के लिए 29 करोड़ 41 लाख रूपए और राज्य विधानमंडल के लिए 106 करोड़ 82 लाख 75 हजार रूपए शामिल है।

वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री कश्यप ने अनुदान मांगों की चर्चा के दौरान कहा कि वनों, जल स्रोतों, वन्यप्राणियों तथा समस्त जीव-जन्तुओं तथा वन में देवी-देवताओं का विराजमान होता है। विशेषकर आदिवासी समुदाय तथा ग्रामवासी प्रकृति का पूजा-अराधना करते हैं, इससे राज्य में वनों का संरक्षण और संवर्धन हो रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयास और सभी वर्गों के सहयोग से छत्तीसगढ़ में वन का भौगोलिक क्षेत्रफल बढ़कर 44.253 प्रतिशत हो गया है, जो देश में वन आवरण की दृष्टि से तीसरे स्थान पर है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंशा के अनुरूप एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में वन विभाग सुशासन एवं पारदर्शिता के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विभाग में ई-कुबेर, ई-ऑक्शन, एनटीपीएस, स्पैरो तथा ई-ऑफिस प्रणालियों को लागू किया है। साथ ही पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार कम करने के लिए जेम पोर्टल के माध्यम से उच्च गुणवत्ता की वस्तुओं की खरीदी तथा सेवाएं ली जा रही है।

मंत्री श्री कश्यप ने सदन में कहा कि हमारी सरकार ने तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिए प्रति मानक बोरा 4000 से बढ़ाकर 5500 रूपए कर दिया है। इससे संग्राहकों को 233 करोड़ रूपए से अधिक राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि गुरुघासीदास तमोर पिंगला जो 2829.387 वर्ग किलोमीटर में विस्तारित देश का सबसे बड़ा टाईगर रिजर्व है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात के 118वां संस्करण में गुरुघासीदास तमोर पिंगला टाईगर रिजर्व के गठन पर प्रसन्नता व्यक्त की हैं। इस वित्तीय वर्ष में टाईगर रिजर्व के विकास हेतु बजट में 27 करोड़ 46 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन द्वारा ग्रामीण पर्यटन हेतु 20 गांवों का चयन किया गया है। जिसमें बस्तर के धुड़मारास गांव को भी शामिल किया गया है। राज्य सरकार ने धुड़मारास गांव को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार द्वारा किसान वृक्ष मित्र योजना के तहत वन क्षेत्रों में वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया जा रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप वन आवरण में 683 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2 करोड़ 25 लाख पौधों का रोपण किया गया है।

मंत्री श्री कश्यप ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंशा एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में धरती मां एवं मां की याद में “एक पेड़ मां के नाम” योजनांतर्गत राज्य में 3 करोड़ 50 लाख 73 हजार पौधे का रोपण तथा वितरण किया गया है। इस योजना में छत्तीसगढ़ महतारी वंदन योजना के हितग्राहियों को भी जोड़ा गया है। वर्ष 2025 में 4 करोड़ पौधों का रोपण एवं वितरण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि बिगड़़े वनों के सुधार हेतु इस वित्तीय वर्ष में 310 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा गया है। बांस आधारित कुटीर उद्योगों की स्थापना हेतु 80 करोड़ रूपए, भू-गर्भीय जल स्तर में वृद्धि के लिए 34 करोड़ रूपए, नदी तटों में वृक्षारोपण के लिए 7 करोड़ 48 लाख रूपए तथा राजमार्गों व ग्रामीण मार्गों के किनारे वृक्षारोपण हेतु 7 करोड़ 11 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार हाथी-मानव द्वंद से ग्रामीणों को बचाने और हाथी विचरण की जानकारी “हमर हाथी हमर गोठ” के माध्यम से उपलब्ध कराने हेतु 2 करोड़ 39 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।

जल संसाधन विभाग

जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने सदन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 के विकसित भारत के संकल्पना के अनुरूप हमारी सरकार विकसित छत्तीसगढ़ हेतु जल संसाधन विभाग अंतर्गत वॉटर विजन-2047 के लिए एजेंडा तय किया है, जिसमें जल उपयोग की क्षमता को बढ़ाकर निर्मित सिंचाई क्षमता तथा वास्तविक सिंचाई के अंतर में 2 लाख हेक्टेयर कमी करने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि सरगुजा तथा बस्तर संभागों में नवीन सिंचाई योजना के निर्माण से 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही रबी फसलों की सिंचाई का रकबा भी एक लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नदी जोड़ों अभियान के तहत विभिन्न नदियों को जोड़ने हेतु इंटरलिंकिंग परियोजनाएं बनाई जाएंगी। इनमें इन्द्रावती-महानदी लिंक परियोजना, केवई-हसदेव नदी लिंक परियोजना, अहिरन-खारंग लिंक परियोजना प्रमुख है। उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग के बजट प्रावधान में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है। इस वर्ष के वित्तीय वर्ष में विभाग के लिए 3 हजार करोड़ रूपए से अधिक का बजट प्रावधान रखा गया है। मंत्री श्री कश्यप ने सदन में बताया कि राज्य में सिंचाई क्षमता सृजन हेतु पहली बार वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1109 योजना-कार्यों हेतु 700 करोड़ का प्रावधान नवीन मद के तहत किया गया है। इन योजनाओं के पूर्ण होने से सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में सिंचाई क्षमता वृद्धि के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है। साथ ही बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर में नवीन मुख्य अभियंता कार्यालय खोला जाकर सिंचाई सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।

सहकारिता विभाग

सहकारिता मंत्री श्री कश्यप ने सदन में चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस बजट में सहकारिता विभाग के विभिन्न योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए 342 करोड़ 70 लाख 22 हजार रूपए प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने प्रदेश के किसानों को पैक्स समितियों के माध्यम से 5 लाख रूपए तक की अल्पकालीन कृषि ऋण निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी तरह मत्स्य एवं उद्यानिकी किसानों को 3 लाख रूपए तक की निःशुल्क ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। गत वर्ष राज्य के 15 लाख 21 हजार से अधिक किसानों को 7709 करोड़ रूपए का अल्पकालीन ऋण सहकारी समितियों से उपलब्ध कराया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में कृषक ऋण ब्याज दर युक्तियुक्तकरण हेतु 250 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है।

मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा “सहकार से समृद्धि” की संकल्पना के तहत गठित किए जाने वाले नवीन पैक्स के संचालन तथा कर्मचारियों पर होने वाले व्यय संबंधी आवश्यकताओं के लिए 7 करोड़ 50 लाख का प्रबंधकीय अनुदान का प्रावधान भी रखा है। इसी तरह सहकारी बैंकों एवं समितियों के साख में वृद्धि तथा व्यवसाय हेतु अंशपूंजी में निवेश के लिए 5 करोड़ का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि इस नए वित्तीय वर्ष में 500 नवीन पैक्स का गठन किया जाएगा। इन नवीन समितियों को सक्षम बनाने के लिए प्रति समिति एक लाख 50 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि नवीन पैक्स समितियों के कार्य करने के लिए सक्षम बनाने हेतु आधारभूत संरचना निर्माण के लिए 200 मीट्रिक टन क्षमता वाले गोदाम सह कार्यालय भवन निर्माण (प्रति गोदाम 26 लाख रूपए) इस तरह 96 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। मंत्री श्री कश्यप ने बताया कि भारत सरकार की केन्द्र परिवर्तित योजना “डिजिटाईजेशन ऑफ प्राईमरी एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव्ह सोसाइटिस” के अंतर्गत राज्य के पंजीकृत 2028 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है। समितियों के काम-काज में पारदर्शिता लाने तथा किसानों को उनके खाते की सही जानकारी उपलब्ध करानेे के लिए 63 करोड़ 61 लाख प्रावधान किया गया है। इसी तरह पैक्स कम्प्यूटरीकरण हेतु 24 करोड़ 41 लाख का भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि सहकारी समितियों के पंजीयन, उपविधि में संशोधन, विवाद समाधान एवं अन्य विषयों से संबंधित प्रक्रियों को सुगम, पारदर्शी और पेपरलेस बनाने हेतु इस परियोजना की लागत 2 करोड़ 72 लाख 38 हजार रूपए है। इस वित्तीय वर्ष में इसके लिए एक करोड़ 95 लाख 40 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय सहकारी वर्ष 2025 के तहत प्रदेश में राज्य, जिला, ग्राम तथा समिति स्तर पर पूरे वर्ष जागरूकता संबंधी गतिविधियों एवं कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत सहकारिता का प्रचार-प्रसार, प्रशिक्षण, खेलकूद, मेला, उत्सव, प्रदर्शनी, झांकी एवं संगोष्ठियों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसके लिए इस वित्तीय वर्ष 5 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा गया है।

राज्य कौशल विकास

कौशल विकास मंत्री श्री कश्यप ने सदन में कहा कि छत्तीसगढ़ में निवासरत 14 से 45 वर्ष आयु के युवाओं को उनकी स्वयं की रूचि के व्यवसाय में प्रशिक्षित कर स्व-रोजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ युवाओं के कौशल विकास के अधिकार अधिनियम 2013 लागू किया गया है। मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनानांर्गत राज्य के युवाओं के कौशल प्रशिक्षण हेतु 352 संस्थाएं जिसमें 205 शासकीय एवं 147 अशासकीय व्यवसायिक संस्थाएं पंजीकृत हैं। इस वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए 29 करोड़ 41 लाख रूपए का प्रावधान रखा गया है। मंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के युवाओं को समाज के मुख्यधारा जोड़ने एवं उन्हें उनकी रूचि एवं योग्यता के अनुसार कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उनके आजीविका के वृद्धि के लिए बस्तर संभाग के समस्त 7 जिलों में ब्लॉक स्तर पर कौशल विकास केन्द्र की स्थापना का निर्णय लिया गया है इसके लिए 4 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित 14 जिलों के मुख्यालय में संचालित लाईवलीहुड कॉलेज के प्रशिक्षणार्थियों को भोजन आदि व्यवस्था के लिए 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसी तरह राज्य के 7 जिले दुर्ग, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई एवं मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी तथा नगर पंचायत भखारा भटेली में लाईवलीहुड कॉलेज निर्माण व जिला नारायणपुर में बालक छात्रावास के लिए 6 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित गांवों तक बुनियादी सुविधाएं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए संचालित मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के परिसंकल्पना में नियद नेल्लानार योजना प्रारंभ की गई हैं। योजना के तहत बस्तर संभाग के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित कैम्प के चिन्हांकित ग्रामों में कौशल प्रशिक्षण हेतु 3598 युवाओं का सर्वे किया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर दी शुभकामनाएँ, कहा - महिलाओं के सशक्तिकरण से ही समृद्ध छत्तीसगढ़ का निर्माण संभव

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश की सभी माताओं, बहनों और बेटियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि यह दिन महिलाओं के अधिकारों, उनके सशक्तिकरण और समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को सम्मान देने का अवसर है। महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक स्वावलंबन और नेतृत्व में आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह संकल्पित है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को साकार करने के लिए महिलाओं की सहभागिता सबसे महत्वपूर्ण है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने महतारी वंदन योजना जैसी ऐतिहासिक पहल की है, जिससे प्रदेश की लाखों महिलाओं को आर्थिक संबल मिला है और वे आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रही हैं। उन्होंने बताया कि राज्य की लगभग 70 लाख माताओं और बहनों को प्रतिवर्ष ₹12,000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है, जिससे वे अपने परिवार, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्वरोज़गार को आगे बढ़ा सकें। यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए बजट 2025-26 में कई विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिनमें कामकाजी महिलाओं को बेहतर आवासीय सुविधा प्रदान करने के लिए पूरे प्रदेश में 7 वर्किंग वूमेन हॉस्टल हेतु 79 करोड़ का प्रावधान है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जा रहा है। इन समूहों की महिलाएँ आज कृषि, उद्यमिता, कुटीर उद्योग और सहकारिता क्षेत्र में क्रांति ला रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं को हर क्षेत्र में समान अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर राज्य और देश की प्रगति में भागीदार बन सकें। मुख्यमंत्री श्री साय ने समाज के प्रत्येक व्यक्ति से अपील की कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए समानता, सम्मान और सुरक्षा का वातावरण बनाया जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि एक सशक्त महिला ही सशक्त परिवार, समाज और राष्ट्र का निर्माण कर सकती है। उन्होंने प्रदेश की उन्नति के लिए और सशक्त नारी, सशक्त समाज के लक्ष्य को साकार करने के लिए सभी को मिलकर अपने हिस्से का बहुमूल्य योगदान देने की अपील की।

बजट में ई -वे बिल की लिमिट बढ़ाने और वेट में छूट की घोषणा पर छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति किया आभार प्रकट

रायपुर- बजट में ई - वे बिल की लिमिट बढ़ाने और वेट में छूट की घोषणा पर छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि मंडल ने अध्यक्ष अमर परवानी के नेतृत्व में आज शाम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से उनके निवास कार्यालय में मुलाकात कर उनके प्रति आभार प्रकट किया।

उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2025 - 26 के बजट में व्यापारियों को राहत देने के उद्देश्य से और कर के बोझ को कम करने के लिए ई-वे बिल सीमा 50 हजार रुपए से बढाकर एक लाख रुपए करने और 25 हजार रुपए तक की वैट देनदारी को माफ करने की घोषणा की गई है।

अमर परवानी ने कहा कि ई -वे बिल की लिमिट पचास हजार रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए करने से बड़ी संख्या में व्यापारियों को राहत मिलेगी। इसी तरह छोटे व्यापारियों के वेट टैक्स में आउट स्टैंडिंग पच्चीस हजार रुपए तक की राशि माफ करने की घोषणा से पूरे प्रदेश में 66 हजार व्यापारियों को फायदा होगा। इन घोषणाओं के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया।

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल से कहा कि राज्य सरकार व्यापारियों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। राज्य सरकार की नीतियों से व्यापार -व्यवसाय के लिए प्रदेश में उत्साहजनक वातावरण बना है।

इस अवसर पर सुरेन्द्र सिंह, शंकर बजाज, अवनीत सिंह, जीतू दोशी और प्रीतपाल सिंह सहित बड़ी संख्या में चैंबर के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।

स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह की मंत्रियों को हिदायत, सदन के पटल में दिए गए जवाब और पढ़े जाने वाले बयान अलग-अलग न हो

रायपुर- सदन में कांग्रेस विधायक चातुरी नंद ने महासमुंद जिले में खरीदी केंद्रों से धान का उठाव नहीं होने का मुद्दा ध्यानाकर्षण में उठाया. इस पर खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने लंबा-चौड़ा जवाब पढ़ना शुरू किया तो स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने मंत्री को टोक दिया. स्पीकर ने खाद्य मंत्री के साथ-साथ सभी मंत्रियों को निर्देशित किया कि इस बात का आवश्यक रूप से ध्यान रखें कि जो वो पढ़ रहे हैं और जो पटल में दिया गया है वो अलग-अलग न हो.

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने खाद्य मंत्री को निर्देशित किया कि आप जो जवाब पढ़ रहे हैं वो काफी लंबा है, जबकि पटल में आपकी ओर से दिया गया लिखित जवाब संक्षिप्त है. आसंदी को प्राप्त जवाब और आपके जवाब में अंतर है. इसमें सही क्या है ? स्पीकर की ओर से कांग्रेस विधायक चातुरी नंद से भी यह पूछा गया कि जो जवाब आपके पास है क्या वह मंत्री से प्राप्त जवाब है ? इस पर विधायक चातुरी नंद ने कहा कि मुझे विधानसभा की ओर से उत्तर प्राप्त हुआ है.

होमियोपैथी के क्षेत्र में श्रेष्ण योगदान देने वाले डॉक्टर्स दिल्ली में हुए सम्मानित

रायपुर- होमियोपैथी के क्षेत्र में श्रेष्ण योगदान देने वाले चिकित्सकों को दिल्ली के एक निजी होटल में सम्मानित किया गया. इस कड़ी में राजधानी रायपुर के होम्योपैथी डॉ उत्कर्ष त्रिवेदी का भी सम्मान किया गया. इस सम्मान समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, सांसस मनोज तिवारी, सांसद राजेश वर्मा और कार्यक्रम के आयोजनकर्ता डॉ नतीशी दुबे उपस्थित थे. डॉ नीतीश चंद्र दुबे ने इस आयोजन का नेतृत्व करते हुए बताया की होमियोपैथी चिकित्सा को बुनियादी चिकित्सा में शामिल किया जाना चाहिए, जिससे इसका फायदा मरीजों को ज्यादा से ज्यादा मिल सकेगा.

महिला दिवस के अवसर पर 50 महिलाओं को किया गया सम्मानित

रायपुर-  छत्तीसगढ़ प्रदेश माहेश्वरी सभा ने महिला दिवस के उपलक्ष में 50 महिलाओं का श्रीफल और शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में महिलाओं ने बड़ी संख्या मे अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. सर्वाइकल कैंसर रोधी टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया है.

अखिल भारत वर्षीय माहेश्वरी महासभा के पदाधिकारियों ने त्रिदिवसीय दौरे में महासमुंद, कुरुद समेत विभिन्न जिलों में स्थानीय संगठनों तक पहुंचकर समाज बंधुओं से संवाद किया. ज़िला अध्यक्ष, स्थानीय अध्यक्ष की उपस्थिति में सामाजिक विषयों पर गहन चर्चा हुई. महिला संगठन एवं युवा संगठन की उपस्थिति में सार्थक चर्चा हुई. गुलदस्ता, मोमेंटो से परहेज़ करते हुए सिर्फ़ मौखिक स्वागत सत्कार करते हुए समाज सरलता एवं सादगी की ओर का संदेश दिया.

प्रदेश सभा के मीडिया प्रभारी विष्णु सारडा और प्रदेश अध्यक्ष सुरेश मुंदड़ा ने बताया कि इस कार्यक्रम में महासभा सचिव अजय काबरा, महिला महामंत्राणि ज्योति राठी, राष्ट्रीय पदाधिकारी विजय राठी, दिनेश राठी और समाजजन उपस्थित रहे.

5वीं-8वीं के केंद्रीकृत वार्षिक परीक्षा की तैयारी तेज, शिक्षा सचिव ने सभी डीईओ को जारी किए आदेश

रायपुर- कक्षा पांचवी एवं कक्षा 8वीं के केंद्रीकृत वार्षिक परीक्षा के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए हैं. जारी आदेश में कहा गया है कि परीक्षा केन्द्रों, मूल्यांकन केन्द्रों में परीक्षा एवं मूल्यांकन कार्य के दौरान नियुक्त निरीक्षण दल उड़नदस्ता में जाने वाले अधिकारी-कर्मचारी शांति पूर्वक निरीक्षण कार्य करें, ताकि परीक्षार्थियों में तनाव न हो और उत्तर लेखन में व्यवधान न हो.

केन्द्राध्यक्षों और उनके द्वारा नियुक्त अधिकारियों को थाने से गोपनीय सामग्री (प्रश्नपत्र) निकालते समय भौतिक सत्यापन के लिए अनिवार्यतः उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा प्रश्न-पत्रों के वितरण के लिए जिला स्तर पर स्ट्रांग रूम, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए विकासखण्ड स्तर पर समन्वय केन्द्र बनाने कहा गया है. इन दोनो स्थानों पर पर्याप्त पुलिस व्यवस्था का अनुरोध किया गया है.

विकासखण्ड स्तर पर आवश्यकता और सुविधानुसार एक से अधिक मूल्यांकन केन्द्र बनाने के आदेश दिए गए हैं. इन मूल्यांकन केन्द्रों पर भी कम से कम एक पुलिसकर्मी की ड्यूटी लगाए जाने का अनुरोध किया गया है.

पढ़ें शिक्षा विभाग का दिशा निर्देश