कांग्रेसियों ने छत्तीसगढ़ पुलिस के नाम का काटा केक, कहा – चाची हमारी महापौर, कांग्रेस ने केक काटा तो जेल, मेयर के बेटे को बेल…

रायपुर- महापौर मीनल चौबे के बेटे मृणक चौबे के जन्मदिन पर बीच सड़क केक काटने के मामले में सियासत तेज हो गई है. एनएसयूआई और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रायपुर के गांधी मैदान में छत्तीसगढ़ पुलिस के नाम का केक काटा. हैप्पी बर्थडे छत्तीसगढ़ पुलिस के नारे लगाकर पटाखे भी फोड़े. इस दौरान कांग्रेस ने महापौर के बेटे समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग उठाई.

कांग्रेसियों ने पोस्टर में लिखा – चाची हमारी महापौर है. कांग्रेस ने केक काटा तो जेल, महापौर के बेटे को बेल. एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष शांतनु झा ने पुलिस पर बीजेपी के इशारों पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा, सड़क पर जन्मदिन मनाने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की FIR के तत्काल बाद गिरफ़्तारी हुई थी. अब FIR के बाद महापौर मीनल चौबे के बेटे सहित अन्य आरोपियों को भी तत्काल गिरफ्तार किया जाए।


10 से ज्यादा लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

बता दें कि रायपुर की नवनियुक्त महापौर मीनल चौबे के बेटे मृणक चौबे सहित दस से ज्यादा लोगों के खिलाफ सड़क पर जन्मदिन मनाते हुए केक काटने पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है. डीडी नगर थाना में ऑटो चालक रवि ध्रुव की शिकायत पर मृणक चौबे, पिंटू चंदेल, मनोज गौतम सहित 10 से ज्यादा लोगों के खिलाफ धारा 126 (2), 3 (5) BNS के तहत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है.ए.

59 मतदाता, लेकिन वोट पड़े 64 : पंचायत चुनाव में भाजपा विधायक पर धांधली का आरोप, री-वोटिंग की मांग नहीं हुई पूरी

गौरेला पेंड्रा मरवाही- छत्तीसगढ़ के मरवाही ब्लॉक के धरहर गांव में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगा था. विधायक पर चुनाव प्रभावित करने का आरोप लगाते हुए हारे प्रत्याशियों ने रि-वोटिंग की मांग की थी. उनका आरोप है कि विधायक के दबाव के चलते शिकायत पर कार्रवाई नहीं हो रही है. इसलिए वे अब इस मांग को लेकर प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि इस मामले में पीठासीन अधिकारी को निलंबित किया जा चुका है. 

दरअसल, मरवाही ब्लॉक ग्राम धरहर में 23 फरवरी को मतदान हुआ था. सरपंच और पंच का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने शिकायत की थी कि यहां कुल जितने मतदाता थे. उससे अधिक लोगों से वोटिंग कराई गई जो कि आपत्तिजनक है. उम्मीदवारों ने मरवाही विधायक प्रणव मरपच्ची पर चुनाव में धांधली कराने का आरोप लगाया है. बता दें कि ग्राम धरहर मरवाही विधायक प्रणव मरपच्ची का गृह ग्राम है और पूर्व में वे यहां से सरपंच भी रह चुके हैं.  

प्रत्याशियों का आरोप है कि विधायक के गांव के बूथों में विधानसभा और लोकसभा में कांग्रेस जीती थी. विधायक ने प्रशासन के साथ मिलकर यहां पंच-सरपंच जनपद और जिला पंचायत चारो के चुनाव प्रभावित हुए हैं. यहां से कांग्रेस काल में अर्चना पोर्ते अनुसूचित जनजाति आयोग की अध्यक्ष रह चुकी है. इनका आरोप है कि मतदान का रिपोर्ट सभी अभियर्थियों का न देकर व्यक्तिगत दिया गया इसलिए यहां फिर से मतदान कराया जाना चाहिए, अनियमितता को दबाने लाठी चार्ज तक किया गया. 

शिकायत में बताया गया है कि बीते 23 फरवरी को हुए पंचायत मतदान के बाद मरवाही ब्लॉक के ग्राम धरहर के वार्ड नम्बर 05 से दो प्रत्याशी गेंदी प्रजापति और शांति बाई सोनवानी उम्मीदवार थे. जहां कुल मतदाता 59 थे और मतदान संख्या 64 रही, जो कि अपने आप फर्जी मतदान होना प्रतीत हो रहा है. शिकायतकर्ताओ ने यहां फिर से मतदान कराए जाने को लेकर ज्ञापन दिया है.

रायपुर मेयर के बेटे के खिलाफ एफआईआर: सड़क पर जन्मदिन मनाना पड़ा भारी

रायपुर- रायपुर की नवनियुक्त महापौर मीनल चौबे के बेटे मृणक चौबे सहित दस से ज्यादा लोगों के खिलाफ सड़क पर जन्मदिन मनाते हुए केक काटने पर एफआईआर दर्ज किया गया है. डीडी नगर थाना में ऑटो चालक रवि ध्रुव की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया गया है.

दरअसल, महापौर मीनल चौबे के बेटे मृणक चौबे का अपने दोस्तों के साथ सड़क पर जन्मदिन मनाते हुए केक काटते और आतिशबाजी करते हुए वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. मामले में अब ऑटो चालक रवि ध्रुव पिता दशरथ ध्रुव की शिकायत पर मृणक चौबे, पिंटू चंदेल, मनोज गौतम सहित 10 से ज्यादा लोगों के खिलाफ धारा 126 (2), 3 (5) BNS के तहत अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है.

डीडी थाना प्रभारी एसएन सिंह ने बताया कि तीन सहित अन्य लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है. मामले में कार्रवाई जारी है. जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा.

इसके पहले इसी तरह सड़क पर जन्मदिन मनाने पर युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के खिलाफ भी पुलिस ने कार्रवाई की थी. इस तरह की बढ़ती घटनाओं पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए प्रदेश के आला अधिकारी से जवाब तलब किया था. हाई कोर्ट की फटकार के बाद एक दिन पहले ही मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अधिकारियों की बैठक लेकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे, जिसका अब असर देखने को मिल रहा है.

कांग्रेस छोड़ने के सवाल पर अमरजीत भगत का बड़ा बयान, कहा-

रायपुर-  पूर्व खाद्य मंत्री, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरजीत भगत ने में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, सरगुजा में सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के सीतापुर नगर पंचायत में कांग्रेस को जीत दिलाई. लोकसभा चुनाव में भी सीतापुर विधानसभा से मैं कांग्रेस को लीड दिलाया. बस्तर व सरगुजा के साथ जो चलेगा उसकी सरकार बनेगी.

अमरजीत ने कहा, जब से देश आजाद हुआ है तब से आज तक सरगुजा से किसी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बागडोर नहीं संभाली है. मैं कभी कांग्रेस नहीं छोडूंगा, कांग्रेस का झंडा थामे रहूंगा. वह पार्टी के छोटे सिपाही हैं, जो हाई कमान का आदेश होता है वह उसका पालन करते हैं.

छत्तीसगढ़ में पहली बार दिखा दुर्लभ पक्षी ब्लैक-नेक्ड ग्रीब, पानी पर तैरते हुए बनाते हैं घोंसले

खैरागढ़- छत्तीसगढ़ में पहली बार दुर्लभ पक्षी ब्लैक-नेक्ड ग्रीब (Podiceps nigricollis) देखा गया है, जो प्रदेश की जैव विविधता के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. बिलासपुर के कोपरा डैम में इसकी मौजूदगी दर्ज की गई है. यह पक्षी विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी खोज मानी जा रही है. छत्तीसगढ़ में इस दुर्लभ पक्षी के दिखने का यह पहला रिकॉर्ड है. 

14 दिसंबर, 2024 को एक नियमित बर्डवॉचिंग सर्वे के दौरान डॉ. लोकश शरण ने इस अनोखे पक्षी को देखा, उसी समय इसकी तस्वीरें भी खींची गई. बाद में, इन तस्वीरों को विशेषज्ञों और विश्वसनीय वैज्ञानिक स्रोतों से मिलाने के बाद पुष्टि हुई कि यह वास्तव में ब्लैक-नेक्ड ग्रीब ही है. इस खोज के बाद, बड़ी संख्या में पक्षी प्रेमी और शोधकर्ता कोपरा डैम पहुंचने लगे. 

अनुराग विश्वकर्मा और उनकी टीम द्वारा किए गए एक अध्ययन में सामने आया कि यहां 113 पक्षी प्रजातियों की मौजूदगी दर्ज की जा चुकी है, जिनमें पेंटेड स्टॉर्क, वूली-नेक्ड स्टॉर्क, मिस्र का गिद्ध (Egyptian Vulture), यूरेशियन कर्ल्यू और ब्लैक-टेल्ड गॉडविट जैसी महत्वपूर्ण प्रजातियां शामिल हैं. लेकिन अब ब्लैक नेक्ड ग्रीब का यहां देखे जाने से पक्षी विज्ञानियों की जिज्ञासा बढ़ा दी है. 

ब्लैक-नेक्ड ग्रीब पानी पर तैरते हुए बनाते हैं घोंसले 

ब्लैक-नेक्ड ग्रीब अपनी अनूठी बनावट के कारण आसानी से पहचाना जा सकता है. इसकी गहरी लाल आंखें, माथे का उठा हुआ भाग और सिर पर काले रंग की टोपी जैसी आकृति, जो आंखों के नीचे तक फैली होती है, इसे अन्य ग्रीब प्रजातियों से अलग बनाती है. यह आकार में छोटे लिटिल ग्रीब (Tachybaptus ruficollis) और बड़े ग्रेट क्रेस्टेड ग्रीब (Podiceps cristatus) के बीच होता है. यह पक्षी आमतौर पर यूरोप, एशिया और उत्तरी अमेरिका के ठंडे इलाकों में पाया जाता है और सर्दियों में प्रवास करते हुए भारत के कुछ हिस्सों में पहुंचता है. यह पानी पर तैरते हुए घोंसले बनाता है, जो जलीय पौधों और घास से बने होते हैं. हर साल, इसके उड़ने वाले पंख झड़ जाते हैं, जिससे यह 1-2 महीने तक उड़ नहीं पाता. दिलचस्प बात यह है कि यह दुनिया के सबसे सामाजिक ग्रीब प्रजातियों में से एक है और हजारों की संख्या में झुंड बनाकर प्रवास करता है. खासकर सर्दियों में जब यह नमकीन समुद्री झीलों की ओर जाता है. 

क्या कोपरा डैम बन सकता है नया प्रवासी ठिकाना?

बिलासपुर से 12-13 किमी की दूरी पर स्थित कोपरा डैम को सिंचाई और पेयजल स्रोत के रूप में जाना जाता है. लेकिन ब्लैक-नेक्ड ग्रीब की मौजूदगी यह संकेत देती है कि यह जगह प्रवासी पक्षियों के लिए एक नया ठिकाना बन सकती है. इससे पहले यह प्रजाति गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और गंगा के मैदानी इलाकों में देखा गया था, लेकिन छत्तीसगढ़ में पहली बार इसका दस्तावेजीकरण हुआ है. इस खोज को उत्तर प्रदेश जर्नल ऑफ जूलॉजी ने वॉल्यूम-46 में 28 फरवरी 2025 को प्रकाशित किया है. यह शोध प्रकृति शोध एवं संरक्षण सोसाइटी के डॉ. लोकेश शरण और प्रतीक ठाकुर ने लिखा है. 

आने वाले समय में कोपरा डैम और आसपास के क्षेत्रों में दूसरे दुर्लभ पक्षियों का भी दस्तावेजीकरण किया जा सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में यह स्थान प्रवासी पक्षियों के अध्ययन का एक प्रमुख केंद्र बन सकता है. ब्लैक-नेक्ड ग्रीब की यह उपस्थिति सिर्फ एक नई प्रजाति की खोज नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की जैव विविधता के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. इस खोज से यह भी साबित होता है कि राज्य में अभी कई अनदेखे प्राकृतिक रहस्य छिपे हुए हैं, जिन्हें खोजे जाने की जरूरत है. पक्षी प्रेमियों, वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों के लिए यह एक सुनहरा अवसर है, जिससे छत्तीसगढ़ को बर्डवॉचिंग के एक नए गंतव्य के रूप में उभरने का मौका मिल सकता है. 

जासूसी कांड: PCC चीफ दीपक बैज ने सीएम साय को लिखा पत्र, ASP दंतेवाड़ा सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ की कार्रवाई की मांग

रायपुर- पीसीसी चीफ ने अपने रायपुर स्थित घर में पुलिसकर्मियों द्वारा रेकी मामले में अब सीएम साय को पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से उन्होंने दंतेवाड़ा ASP आर. के. बर्मन समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की मांग की है.

बता दें, पीसीसी चीफ दीपक बैज ने अपने घर की रेकी कर जासूसी करवाने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि बीते दो रातों से लगातार 24 घंटे दंतेवाड़ा पुलिस CG 17 की गाड़ी उनके रायपुर स्थित उनके शासकीय निवास की रेकी कर रही थी. पैदल टहल कर हमने पकड़ा. लोकल गंज थाने के TI को भी जानकारी नहीं थी. दंतेवाड़ा के एडिशनल एसपी से भी बात की लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. बिना दस्तावेज के वे यहां पहुंचे थे.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पूरी पुलिस प्रशासन एक एजेंट की तरह शासन के लिये काम कर रही. सबूत भी अब हमने पकड़ लिये हैं. पूरे जिले की पुलिस मेरे पीछे लगाये गये होंगे. सरकार चुनाव में धांधली कर रही और जो मुझसे मिलने आ रहे उसकी निगरानी की जा रही है. यदि पीसीसी के अध्यक्ष का ये हाल है, तो जनता का क्या हाल होगा. इस मामले की जांच होनी चाहिए और जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए. 

देखें पत्र की कॉपी:

निजी स्कूलों के साथ अभिभावकों के लिए मुसीबत बनी 5वीं-8वीं बोर्ड की परीक्षा, पहुंचे हाई कोर्ट…

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल से मान्यता प्राप्त स्कूलों में इसी सत्र से 5वीं और 8वीं की परीक्षा लेने का आदेश निजी स्कूलों के साथ अभिभावकों के लिए गले की फांस बन गया है. आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में लगाई गई याचिका पर अगली सुनवाई 3 मार्च को होगी.

पाठ्य पुस्तक निगम की बजाय निजी प्रकाशकों की किताबें पढ़ा रहे छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्ध निजी स्कूलों के लिए मुसीबत बन गया है. ऐसे में राहत के लिए निजी स्कूलों ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई है. इस आदेश से परेशान अभिभावकों ने भी हाई कोर्ट में अपनी याचिका लगाई है.

मामले में निजी स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि उन्होंने पहले ही शिक्षा विभाग को लिखकर दिया था कि वो सीजी समग्र एवं मूल्यांकन पैटर्न पर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. अब तक इन कक्षाओं के होम एग्जाम हुआ करते थे, लेकिन सत्र के आखिर में सीजी बोर्ड से पांचवीं और आठवीं की परीक्षा आयोजित किया जा रहा है.

मामले में पूर्व में हुई सुनवाई में स्कूल शिक्षा विभाग ने दस दिन का समय मांगा था. आज जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में सुनवाई के दौरान कहा कि इसी मामले में दो अन्य याचिकाएं भी लगाई गईं हैं. कोर्ट ने इन सब पर सोमवार 3 मार्च को एक साथ सुनवाई की बात कही.

पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़ा : एक और महिला आरक्षक गिरफ्तार, अब तक 16 लोगों की हो चुकी गिरफ्तारी

राजनांदगांव-  राजनांदगांव आरक्षक भर्ती परीक्षा में अनुचित तरीके से इवेंट में नंबर बढ़ाने के लिए एक और आरोपी महिला आरक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इस मामले में अब तक 8 पुलिस कर्मी, 05 टेकनीशियन टीम, 2 महिला अभ्यर्थी सहित कुल 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मामले की विवेचना जारी है. अन्य किसी के भी खिलाफ सबूत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

प्रार्थी के लिखित आवेदन पर थाना लालबाग में आरक्षक भर्ती संवर्ग में अभ्यर्थियों को मशीन में छेड़खानी कर अंक में लाभ दिलाने की बात पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है. कायमी की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई. विवेचना के दौरान सीसीटीवी फुटेज, मोबाईल चैटिंग मैसेज एवं गवाहों के बयान पर व अन्य साक्ष्य सबूत इकट्ठा किया गया.

डिजीटल साक्ष्य और संदेहियों से पूछताछ के आधार पर आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य सबूत पाए जाने पर एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जो पुलिस स्टाफ का ही है. महिला आरक्षक काजल भारद्वाज पति राकेश भारद्वाज उम्र 26 वर्ष निवासी थाना पिपरिया जिला कबीरधाम स्थायी पता ग्राम ढ़ोर थाना जामुल, जिला दुर्ग को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया.

शुद्धिकरण पर घिरीं नवनिर्वाचित महापौर, कांग्रेस ने रैली निकालकर जताया विरोध, FIR दर्ज करने की मांग…

अंबिकापुर- आपने कहावत तो सुनी होगी, सिर मुड़ाते ही ओले पड़े. यह कहावत अंबिकापुर की नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत पर सही साबित हो रही है. निगम भवन के शुद्धिकरण वाले बयान पर विरोध दर्ज कराते हुए कांग्रेस ने शहर में रैली निकालकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की. 

कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने महापौर मंजूषा भगत पर शहर का माहौल खराब करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यदि मंजूषा भगत अपने दिए गए बयान को लेकर माफी नहीं मांगती, तो कांग्रेस के पार्षद शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होंगे.

बता दें कि नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत ने अपने बयान में कहा था कि नगर निगम दफ्तर और वहां के कुर्सी-टेबल अशुद्ध हो चुके हैं, जिन्हें शुद्ध करने के लिए मैं गंगाजल लाई हूं. और शुद्धिकरण के बाद ही मैं महापौर की कुर्सी पर बैठूंगी.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पहल पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पर्यटन सुविधाओं पर जोर, दुड़मा वाटरफॉल बना पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

रायपुर- छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार के प्रयासों से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में दुड़मा वॉटरफॉल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है, जिससे यह अब पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गया है. छत्तीसगढ़ के विविध प्राकृतिक स्थलों में जलप्रपातों का विशेष स्थान है. ये जलप्रपात न केवल पर्यावरण की शोभा बढ़ाते हैं, बल्कि पर्यटकों के आकर्षण का भी प्रमुख केंद्र बनते हैं. ऐसा ही एक प्रसिद्ध जलप्रपात है दुड़मा वाटरफॉल, जो अपनी अविरल जलधारा, सुरम्य वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है. छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने दुड़मा वाटरफॉल को विकसित करके देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का शानदार काम किया है. ये वाटरफॉल आज देश और दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, और अब यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है.

प्रकृति का अद्भुत नज़ारा है दुड़मा वाटरफॉल

छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है. ‘दुड़मा वाटरफॉल,’ इसी विरासत का अनमोल रत्न है जिसे राज्य के मुखिया ने बहुत ही कुशलता से संवारा है. ‘दुड़मा वाटरफॉल,’ अब न केवल स्थानीय लोगों के बीच बल्कि राज्यभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है. दुड़मा वाटरफॉल का सौंदर्य स्वर्ग से कम नहीं है. यहाँ का शांत वातावरण, दूर-दूर तक फैले पहाड़, झरने की तेज़ आवाज़ और आसपास की हरियाली इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए जन्नत बनाती है. बारिश के मौसम में यह झरना अपनी पूरी भव्यता के साथ और भी खूबसूरत लगता है इसीलिए दूर-दूर से पर्यटक यहाँ इसकी अद्भुत छटा का आनंद लेने आते हैं. दुड़मा वॉटरफॉल, जो पहले स्थानीय लोगों तक ही सीमित था, अब सरकार की पहल से एक सुव्यवस्थित और आधुनिक पर्यटन स्थल में बदल चुका है. यहां अब आधुनिक विश्राम स्थल, वॉच टावर, सुरक्षा बैरिकेड्स, कैफेटेरिया और एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए जैविक कचरा प्रबंधन और सोलर लाइटिंग जैसी हरित पहल भी की गई हैं.

दुड़मा वाटरफॉल का भौगोलिक परिचय

दुड़मा वाटरफॉल भारत के प्रमुख झरनों में से एक है, जो ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा में स्थित है. यह जलप्रपात माचकुंड नदी में स्थित है और लगभग 157 मीटर (515 फीट) की ऊँचाई से गिरता है यह जल प्रपात. इसके आसपास का क्षेत्र घने जंगलों, पहाड़ियों और प्राकृतिक गुफाओं से घिरा हुआ है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है.प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर यह जलप्रपात जिला मुख्यालय सुकमा से लगभग 28 किलोमीटर दूर छिंदगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत चिपुरपाल में स्थित है जहां तक पहुँचना राज्य सरकार के प्रयासों ने बहुत आसान और सुविधाजनक बना दिया है.

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य राज्य में सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए उसे पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा”पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये का बजट स्वीकृत किया है, जिससे सड़क संपर्क, पार्किंग और पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाओं को बेहतर बनाया गया है.

दुड़मा वाटरफॉल का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

दुड़मा जलप्रपात का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत ज़्यादा है.स्थानीय आदिवासी समुदाय इसे पवित्र स्थल मानते हैं और यहाँ विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं. माचकुंड नदी को भी धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है, जिससे इस स्थल की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है.

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रयास

सरकार ने दुड़मा वाटरफॉल को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं. इसमें सड़क निर्माण, रिसॉर्ट्स और होटल्स की स्थापना, ट्रेकिंग ट्रेल्स का विकास और पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था शामिल है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए किए जा रहे प्रयासों का यह एक बेहतरीन उदाहरण है. सरकार और जिला प्रशासन की पहल से दुड़मा वाटरफॉल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है. यहाँ तक पहुँचने के लिए पक्की सड़क, मिनी गार्डन, दुकानों, पेयजल, शौचालय और बैठने की व्यवस्था जैसी सुविधाएं पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं.

दुड़मा वाटरफॉल की प्राकृतिक सुंदरता सोशल मीडिया पर भी वायरल है. वीडियो मेकर्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स ने इस स्थल की मनमोहक तस्वीरों और वीडियो को साझा कर इसे और भी लोकप्रिय बना दिया है. दुड़मा में पिकनिक मनाने पहुंचे मडियम सोड़ी ने कहा, मैंने इस जगह की खूबसूरती के बारे में सुना था, लेकिन यहाँ आकर इसकी प्राकृतिक छटा को देखकर मन प्रसन्न हो गया. यह जगह परिवार के साथ समय बिताने के लिए शानदार है. वहीं दंतेवाड़ा जिले से आए मनसा बघेल ने बताया, मुझे दुड़मा की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली. मैंने अपने दोस्तों को यहाँ चलने के लिए कहा और हम सभी ने यहाँ आकर खूब आनंद लिया.

दुड़मा वाटरफॉल के चारों ओर का हरा-भरा जंगल और ठंडी हवाएं इसे और भी खास बनाती हैं. यहाँ की शांतिपूर्ण और सुरम्य वातावरण पर्यटकों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है. यह जलप्रपात हर उम्र के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है, चाहे वह प्रकृति प्रेमी हों या एडवेंचर के शौकीन. दुड़मा वाटरफॉल को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. यहाँ आने वाले पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मूलभूत ढांचे को और मजबूत किया गया है. इसके अलावा, पर्यटन विभाग भविष्य में और अधिक सुविधाओं को जोड़ने की योजना बना रहा है.छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक संपदा में दुड़मा वाटरफॉल ने एक नई पहचान बनाई है. यह स्थल न केवल राज्य के पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों के रोजगार और आजीविका का भी साधन बन रहा है. पर्यटकों के उत्साह और साय सरकार की पहल से यह स्पष्ट है कि दुड़मा वाटरफॉल छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है.

दुड़मा वाटरफॉल में पर्यटन और रोमांचक गतिविधियाँ

दुड़मा वाटरफॉल केवल प्राकृतिक सौंदर्य ही नहीं बल्कि रोमांचक गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है.जो लोग रोमांच पसंद करते हैं, उनके लिए यह स्थान बेहतरीन ट्रेकिंग रूट्स प्रदान कर रहा है. यहाँ के पहाड़ों और घने जंगलों के बीच ट्रेकिंग करना एक रोमांचक अनुभव प्रदान करता है. इसके अलावा, यहाँ रॉक क्लाइम्बिंग और रिवर राफ्टिंग जैसी गतिविधियाँ भी की जा सकती हैं.

दुड़मा वाटरफॉल का क्षेत्र वन्यजीवन के लिए भी प्रसिद्ध है. यहाँ कई दुर्लभ पक्षी और जानवर पाए जाते हैं, जो वाइल्डलाइफ फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग के समान हैं. खासकर मानसून के समय यह क्षेत्र फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान करता है.पर्यटकों के लिए यहाँ कैम्पिंग की भी सुविधा उपलब्ध है. जंगलों और नदी के किनारे कैम्पिंग करना एक अनोखा अनुभव देता है. साथ ही, परिवार और दोस्तों के साथ यहाँ पिकनिक का भी आनंद लिया जा सकता है.

स्थानीय लोगों को मिला रोजगार

दुड़मा वॉटरफॉल के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं. सरकार ने गाइड, सुरक्षा गार्ड, दुकानदारों और स्थानीय कलाकारों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई हैं, जिससे यहां के लोगों की आजीविका में सुधार हो रहा है.

पर्यटकों में उत्साह

पर्यटकों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है. देशभर से आने वाले सैलानी इस खूबसूरत जलप्रपात को देखने आ रहे हैं. एक पर्यटक ने कहा, “पहले यहां आने में कई दिक्कतें थीं, लेकिन अब सुविधाएं बेहतर हो गई हैं, जिससे यात्रा आसान और सुखद हो गई है”

भविष्य की योजनाएं

सरकार की योजना है कि दुड़मा वॉटरफॉल के साथ-साथ अन्य पर्यटन स्थलों को भी इसी तरह विकसित किया जाए. राज्य सरकार आने वाले समय में इको-टूरिज्म, जंगल सफारी और रिसॉर्ट्स जैसी परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हो सके.

दुड़मा वाटरफॉल एक प्राकृतिक चमत्कार तो है ही बल्कि साय सरकार की दूरदर्शिता से अब यह एक प्रमुख पर्यटन केंद्र भी बनता जा रहा है. इस वाटरफॉल का अद्भुत सौंदर्य, रोमांचक गतिविधियाँ और धार्मिक महत्व इसे पर्यटकों के लिए एक अनूठा स्थान बना रहा है. प्रकृति की गोद में समय बिताने की चाह रखने वालों के लिए और रोमांचक गतिविधियों का आनंद उठाने वालों के लिए दुड़मा वाटरफॉल एक बेहतरीन विकल्प बना हुआ है।