पुलिस भर्ती में फर्जीवाड़ा : एक और महिला आरक्षक गिरफ्तार, अब तक 16 लोगों की हो चुकी गिरफ्तारी

राजनांदगांव-  राजनांदगांव आरक्षक भर्ती परीक्षा में अनुचित तरीके से इवेंट में नंबर बढ़ाने के लिए एक और आरोपी महिला आरक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इस मामले में अब तक 8 पुलिस कर्मी, 05 टेकनीशियन टीम, 2 महिला अभ्यर्थी सहित कुल 16 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मामले की विवेचना जारी है. अन्य किसी के भी खिलाफ सबूत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

प्रार्थी के लिखित आवेदन पर थाना लालबाग में आरक्षक भर्ती संवर्ग में अभ्यर्थियों को मशीन में छेड़खानी कर अंक में लाभ दिलाने की बात पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया है. कायमी की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई. विवेचना के दौरान सीसीटीवी फुटेज, मोबाईल चैटिंग मैसेज एवं गवाहों के बयान पर व अन्य साक्ष्य सबूत इकट्ठा किया गया.

डिजीटल साक्ष्य और संदेहियों से पूछताछ के आधार पर आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य सबूत पाए जाने पर एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जो पुलिस स्टाफ का ही है. महिला आरक्षक काजल भारद्वाज पति राकेश भारद्वाज उम्र 26 वर्ष निवासी थाना पिपरिया जिला कबीरधाम स्थायी पता ग्राम ढ़ोर थाना जामुल, जिला दुर्ग को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया.

शुद्धिकरण पर घिरीं नवनिर्वाचित महापौर, कांग्रेस ने रैली निकालकर जताया विरोध, FIR दर्ज करने की मांग…

अंबिकापुर- आपने कहावत तो सुनी होगी, सिर मुड़ाते ही ओले पड़े. यह कहावत अंबिकापुर की नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत पर सही साबित हो रही है. निगम भवन के शुद्धिकरण वाले बयान पर विरोध दर्ज कराते हुए कांग्रेस ने शहर में रैली निकालकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की. 

कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता ने महापौर मंजूषा भगत पर शहर का माहौल खराब करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यदि मंजूषा भगत अपने दिए गए बयान को लेकर माफी नहीं मांगती, तो कांग्रेस के पार्षद शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होंगे.

बता दें कि नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत ने अपने बयान में कहा था कि नगर निगम दफ्तर और वहां के कुर्सी-टेबल अशुद्ध हो चुके हैं, जिन्हें शुद्ध करने के लिए मैं गंगाजल लाई हूं. और शुद्धिकरण के बाद ही मैं महापौर की कुर्सी पर बैठूंगी.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पहल पर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पर्यटन सुविधाओं पर जोर, दुड़मा वाटरफॉल बना पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र

रायपुर- छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार के प्रयासों से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में दुड़मा वॉटरफॉल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है, जिससे यह अब पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गया है. छत्तीसगढ़ के विविध प्राकृतिक स्थलों में जलप्रपातों का विशेष स्थान है. ये जलप्रपात न केवल पर्यावरण की शोभा बढ़ाते हैं, बल्कि पर्यटकों के आकर्षण का भी प्रमुख केंद्र बनते हैं. ऐसा ही एक प्रसिद्ध जलप्रपात है दुड़मा वाटरफॉल, जो अपनी अविरल जलधारा, सुरम्य वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है. छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने दुड़मा वाटरफॉल को विकसित करके देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का शानदार काम किया है. ये वाटरफॉल आज देश और दुनिया के पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, और अब यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है.

प्रकृति का अद्भुत नज़ारा है दुड़मा वाटरफॉल

छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है. ‘दुड़मा वाटरफॉल,’ इसी विरासत का अनमोल रत्न है जिसे राज्य के मुखिया ने बहुत ही कुशलता से संवारा है. ‘दुड़मा वाटरफॉल,’ अब न केवल स्थानीय लोगों के बीच बल्कि राज्यभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है. दुड़मा वाटरफॉल का सौंदर्य स्वर्ग से कम नहीं है. यहाँ का शांत वातावरण, दूर-दूर तक फैले पहाड़, झरने की तेज़ आवाज़ और आसपास की हरियाली इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए जन्नत बनाती है. बारिश के मौसम में यह झरना अपनी पूरी भव्यता के साथ और भी खूबसूरत लगता है इसीलिए दूर-दूर से पर्यटक यहाँ इसकी अद्भुत छटा का आनंद लेने आते हैं. दुड़मा वॉटरफॉल, जो पहले स्थानीय लोगों तक ही सीमित था, अब सरकार की पहल से एक सुव्यवस्थित और आधुनिक पर्यटन स्थल में बदल चुका है. यहां अब आधुनिक विश्राम स्थल, वॉच टावर, सुरक्षा बैरिकेड्स, कैफेटेरिया और एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए जैविक कचरा प्रबंधन और सोलर लाइटिंग जैसी हरित पहल भी की गई हैं.

दुड़मा वाटरफॉल का भौगोलिक परिचय

दुड़मा वाटरफॉल भारत के प्रमुख झरनों में से एक है, जो ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा में स्थित है. यह जलप्रपात माचकुंड नदी में स्थित है और लगभग 157 मीटर (515 फीट) की ऊँचाई से गिरता है यह जल प्रपात. इसके आसपास का क्षेत्र घने जंगलों, पहाड़ियों और प्राकृतिक गुफाओं से घिरा हुआ है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है.प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर यह जलप्रपात जिला मुख्यालय सुकमा से लगभग 28 किलोमीटर दूर छिंदगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत चिपुरपाल में स्थित है जहां तक पहुँचना राज्य सरकार के प्रयासों ने बहुत आसान और सुविधाजनक बना दिया है.

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य राज्य में सस्टेनेबल टूरिज्म को बढ़ावा देना है. उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करते हुए उसे पर्यटन केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा”पर्यटन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये का बजट स्वीकृत किया है, जिससे सड़क संपर्क, पार्किंग और पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाओं को बेहतर बनाया गया है.

दुड़मा वाटरफॉल का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

दुड़मा जलप्रपात का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत ज़्यादा है.स्थानीय आदिवासी समुदाय इसे पवित्र स्थल मानते हैं और यहाँ विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं. माचकुंड नदी को भी धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है, जिससे इस स्थल की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है.

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रयास

सरकार ने दुड़मा वाटरफॉल को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं. इसमें सड़क निर्माण, रिसॉर्ट्स और होटल्स की स्थापना, ट्रेकिंग ट्रेल्स का विकास और पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाओं की व्यवस्था शामिल है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए किए जा रहे प्रयासों का यह एक बेहतरीन उदाहरण है. सरकार और जिला प्रशासन की पहल से दुड़मा वाटरफॉल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है. यहाँ तक पहुँचने के लिए पक्की सड़क, मिनी गार्डन, दुकानों, पेयजल, शौचालय और बैठने की व्यवस्था जैसी सुविधाएं पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं.

दुड़मा वाटरफॉल की प्राकृतिक सुंदरता सोशल मीडिया पर भी वायरल है. वीडियो मेकर्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स ने इस स्थल की मनमोहक तस्वीरों और वीडियो को साझा कर इसे और भी लोकप्रिय बना दिया है. दुड़मा में पिकनिक मनाने पहुंचे मडियम सोड़ी ने कहा, मैंने इस जगह की खूबसूरती के बारे में सुना था, लेकिन यहाँ आकर इसकी प्राकृतिक छटा को देखकर मन प्रसन्न हो गया. यह जगह परिवार के साथ समय बिताने के लिए शानदार है. वहीं दंतेवाड़ा जिले से आए मनसा बघेल ने बताया, मुझे दुड़मा की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली. मैंने अपने दोस्तों को यहाँ चलने के लिए कहा और हम सभी ने यहाँ आकर खूब आनंद लिया.

दुड़मा वाटरफॉल के चारों ओर का हरा-भरा जंगल और ठंडी हवाएं इसे और भी खास बनाती हैं. यहाँ की शांतिपूर्ण और सुरम्य वातावरण पर्यटकों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान करता है. यह जलप्रपात हर उम्र के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है, चाहे वह प्रकृति प्रेमी हों या एडवेंचर के शौकीन. दुड़मा वाटरफॉल को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. यहाँ आने वाले पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मूलभूत ढांचे को और मजबूत किया गया है. इसके अलावा, पर्यटन विभाग भविष्य में और अधिक सुविधाओं को जोड़ने की योजना बना रहा है.छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक संपदा में दुड़मा वाटरफॉल ने एक नई पहचान बनाई है. यह स्थल न केवल राज्य के पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों के रोजगार और आजीविका का भी साधन बन रहा है. पर्यटकों के उत्साह और साय सरकार की पहल से यह स्पष्ट है कि दुड़मा वाटरफॉल छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है.

दुड़मा वाटरफॉल में पर्यटन और रोमांचक गतिविधियाँ

दुड़मा वाटरफॉल केवल प्राकृतिक सौंदर्य ही नहीं बल्कि रोमांचक गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है.जो लोग रोमांच पसंद करते हैं, उनके लिए यह स्थान बेहतरीन ट्रेकिंग रूट्स प्रदान कर रहा है. यहाँ के पहाड़ों और घने जंगलों के बीच ट्रेकिंग करना एक रोमांचक अनुभव प्रदान करता है. इसके अलावा, यहाँ रॉक क्लाइम्बिंग और रिवर राफ्टिंग जैसी गतिविधियाँ भी की जा सकती हैं.

दुड़मा वाटरफॉल का क्षेत्र वन्यजीवन के लिए भी प्रसिद्ध है. यहाँ कई दुर्लभ पक्षी और जानवर पाए जाते हैं, जो वाइल्डलाइफ फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग के समान हैं. खासकर मानसून के समय यह क्षेत्र फोटोग्राफी के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान करता है.पर्यटकों के लिए यहाँ कैम्पिंग की भी सुविधा उपलब्ध है. जंगलों और नदी के किनारे कैम्पिंग करना एक अनोखा अनुभव देता है. साथ ही, परिवार और दोस्तों के साथ यहाँ पिकनिक का भी आनंद लिया जा सकता है.

स्थानीय लोगों को मिला रोजगार

दुड़मा वॉटरफॉल के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले हैं. सरकार ने गाइड, सुरक्षा गार्ड, दुकानदारों और स्थानीय कलाकारों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई हैं, जिससे यहां के लोगों की आजीविका में सुधार हो रहा है.

पर्यटकों में उत्साह

पर्यटकों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है. देशभर से आने वाले सैलानी इस खूबसूरत जलप्रपात को देखने आ रहे हैं. एक पर्यटक ने कहा, “पहले यहां आने में कई दिक्कतें थीं, लेकिन अब सुविधाएं बेहतर हो गई हैं, जिससे यात्रा आसान और सुखद हो गई है”

भविष्य की योजनाएं

सरकार की योजना है कि दुड़मा वॉटरफॉल के साथ-साथ अन्य पर्यटन स्थलों को भी इसी तरह विकसित किया जाए. राज्य सरकार आने वाले समय में इको-टूरिज्म, जंगल सफारी और रिसॉर्ट्स जैसी परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हो सके.

दुड़मा वाटरफॉल एक प्राकृतिक चमत्कार तो है ही बल्कि साय सरकार की दूरदर्शिता से अब यह एक प्रमुख पर्यटन केंद्र भी बनता जा रहा है. इस वाटरफॉल का अद्भुत सौंदर्य, रोमांचक गतिविधियाँ और धार्मिक महत्व इसे पर्यटकों के लिए एक अनूठा स्थान बना रहा है. प्रकृति की गोद में समय बिताने की चाह रखने वालों के लिए और रोमांचक गतिविधियों का आनंद उठाने वालों के लिए दुड़मा वाटरफॉल एक बेहतरीन विकल्प बना हुआ है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर वैज्ञानिक जागरूकता कार्यक्रम, स्कूली छात्राओं को विज्ञान का इस्तेमाल कर अंधविश्वास से बचने का दिया संदेश

पिथौरा- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर संस्कार शिक्षण संस्थान एवं छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा पिथौरा के संयुक्त तत्वावधान में शासकीय कन्या अंग्रेजी मिडिल विद्यालय पिथौरा में वैज्ञानिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में अंधविश्वास को चुनौती देते हुए वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने का संदेश दिया गया.

कार्यक्रम में छात्रों ने वैज्ञानिक चमत्कारों का प्रदर्शन कर यह दिखाया कि अंधविश्वास को तर्क और विज्ञान के माध्यम से कैसे खारिज किया जा सकता है. इसके अलावा, विज्ञान गीत, कविता, व्याख्यान और विज्ञान प्रदर्शनी के माध्यम से बच्चों ने समाज में वैज्ञानिक सोच विकसित करने का संदेश दिया.

विज्ञान के युग में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता : देवेश निषाद

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देवेश निषाद (नगर पंचायत अध्यक्ष, पिथौरा) ने संबोधित करते हुए कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है. हमें अंधविश्वास से दूर रहकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है. समाज में व्याप्त टोने-टोटके और झाड़-फूंक जैसी कुरीतियां विकास में बाधक हैं, इन्हें समाप्त कर वैज्ञानिक समाज का निर्माण करना होगा.

वहीं, छत्तीसगढ़ विज्ञानसभा के प्रेस सचिव हेमंत खूंटे ने कहा कि अंधविश्वास के उन्मूलन से ही एक प्रगतिशील और तार्किक समाज की स्थापना हो सकती है.

कार्यक्रम के दौरान सीमा गौरव चंद्राकर ने वैज्ञानिक चमत्कार प्रस्तुत किए और यह बताया कि कई बार जो चीजें हमें चमत्कार लगती हैं, वे वास्तव में विज्ञान की देन होती हैं. उन्होंने छात्रों को विज्ञान का प्रयोग करके तथ्यों की जांच करने और अंधविश्वासों से बचने का संदेश दिया.

कार्यक्रम को गोपाल शर्मा, अंतर्यामी प्रधान और नरेश नायक ने भी संबोधित किया. सभी वक्ताओं ने समाज में वैज्ञानिक सोच को अपनाने और अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की अपील की.

वहीं इस कार्यक्रम में पिथौरा ब्लॉक के विभिन्न विद्यालयों के छात्रों को उनके वैज्ञानिक उत्कृष्टता प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया.

बाल वैज्ञानिक हुए सम्मानित :

● शासकीय कन्या अंग्रेजी मिडिल विद्यालय पिथौरा – डिंपल डडसेना, साक्षी पटनायक, यागनि ठाकुर, कृति कुमारी साव, विनय पटेल, अभय डडसेना

● राम दर्शन पब्लिक स्कूल – रोशनी चौधरी, प्रीति पटेल, रुद्राक्ष शुक्ला, वंदना पंडा, अर्णव नामदेव

● सन राइजिंग किड्स प्ले स्कूल, खुटेरी – सिद्धू पटेल, ओजस चौधरी, साक्षी ध्रुव, जिया पटेल

● शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पिथौरा – बिंदिया डडसेना, विनीत सिदार, दिव्यांशी डडसेना

● गोपालपुर विद्यालय – शारदा साहू

● संत फ्रांसिस विद्यालय – रूप श्री पुरोहित

● चंद्रपाल डडसेना महाविद्यालय – गरिमा, कन्नौज मीनाक्षी निर्मलकर

शिक्षक हुए सम्मानित :

◆ हेमंत खूंटे

◆ अंतर्यामी प्रधान

◆ वेदेश्वर प्रसाद जोशी

◆ पुष्पकांत साहू

◆ रमाकांत रघुवंशी

◆ श्वेता शर्मा

◆ अनिल पटनायक

◆ एमडी प्रधान

कांग्रेस के पास हार छिपाने का कोई बहाना नहीं, इसीलिए ED के नाम पर कर रहे झूठी राजनीति – उपमुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर- ईडी की जांच कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन तक पहुंचने के बाद सियासत गर्म है. कांग्रेस ने सरकार पर ईडी का दुरूपयोग कर डराने का आरोप लगाया है. वहीं इस मामले पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि जिस प्रकार से निकाय का परिणाम आया है, उसमें कांग्रेस का सूपड़ा साफ हुआ है. कांग्रेस पार्टी की दुर्दशा हुई है. कांग्रेस ईवीएम में भी पराजित हुई और मत पत्र में भी पराजित हुई . अब हार को छिपाने का कोई बहाना नहीं बचा है, इसलिए ED के नाम पर जनता में भ्रम फैलाने राजनीति कर रहे हैं. ईडी साक्ष्य और तथ्यों पर आधारित कार्रवाई कर रही है. 

कांग्रेस के अंतर्कलह पर डिप्टी सीएम साव का प्रहार 

पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा और पूर्व मंत्री अमरजीत भगत पर निष्कासन कार्रवाई की चर्चा है. डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि अभी तो ये शुरुआत है, आगे देखिए और क्या होने वाला है. 

वहीं उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने महापौर मीनल चौबे के बेटे का सड़क पर केक काटने के वायरल वीडियो पर कहा कि 

इस घटना की मुझे जानकारी नहीं है. इस पर संज्ञान जरूर लेंगे.

हर वर्ग के विकास वाला बजट होगा – उपमुख्यमंत्री साव 

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने 3 मार्च को पेश होने वाले को लेकर कहा कि छत्तीसगढ़ का रजत जयंती वर्ष हैं. विकसित छग 2047 को अचीव करने वाला ये बजट होगा. हमारा मूल मंत्र हैं सबका साथ सबका विकास. इसी पर हमारा फोकस है. हर वर्ग के विकास वाला ये बजट होगा.

कांग्रेस ने प्रर्यवेक्षकों की नियुक्ति की, निगम नेता प्रतिपक्ष, अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चयन की दी गयी जिम्मेदारी

रायपुर-  छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने आज नगर निगमों में सभापति और नेताप्रतिपक्ष और जिला पंचायत में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है. पर्यवेक्षकों की सूची में अनुभवी नेताओं के साथ महिला प्रतिनिधियों के भी नाम शामिल है. 

प्रतिमा चंद्राकर को रायपुर नगर निगम, प्रमोद दुबे को बिलासपुर नगर निगम और शिव डहरिया को रायगढ़ नगर निगम में नेताप्रतिपक्ष चयन की जिम्मेदारी दी गई है. जयसिंह अग्रवाल को मनेंद्रगढ़ की तो जांजगीर-चांपा जिला पंचायत की जिम्मेदारी सांसद ज्योत्सना महंत को सौंपी गई है. 

पर्यवेक्षक नियुक्ति को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि जिला पंचायतों में कांग्रेस अच्छी स्थिति में है. इसलिए सभी जिलों के जिला पंचायतों के अध्यक्षों के चुनाव के लिए पर्यवेक्षक और प्रभारी की नियुक्ति किए गए हैं. नगर निगम और नगर पंचायत में सभापति, नेताप्रतिपक्ष चयन के लिए भी नियुक्ती की गई है. प्रभारी-पर्यवेक्षक जल्द से जल्द अपने-अपने क्षेत्र में बैठक कर ज्यादा से ज्यादा अध्यक्ष चुनकर आए ये सुनिश्चित करेंगे.

देखें किसे कहां की मिली जिम्मेदारी :-

10 नगर निगम, जिला पंचायत अध्यक्ष/ उपाध्यक्ष और सभापति के लिए पर्यवेक्षकों की सूची:-

नगर पालिका के लिए उपाध्यक्ष/ नेता प्रतिपक्ष के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति :-

नगर पंचायतों में उपाध्यक्ष/ नेता प्रतिपक्ष केलिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति :-

ईडी के खिलाफ प्रदेशभर में प्रदर्शन : कांग्रेसियों ने जलाया ED और भाजपा का पुतला, कहा – हम डरने वाले नहीं…

रायपुर- प्रदेशभर में आज ईडी के खिलाफ कांग्रेसियों ने प्रदर्शन किया. बलौदाबाजार में जिला कांग्रेस अध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर के नेतृत्व में आज गार्डन चौक में कांग्रेसियों ने भाजपा व ईडी का पुतला दहन कर ईडी की कार्रवाई का विरोध किया.

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस के लोगों को भाजपा डराना चाहती है पर हम डरने वाले लोगों में से नहीं है. अभी भाजपा बस्तर में लोहा निकालने फैक्ट्री लगवाने जा रही है, जिसका विरोध कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कवासी लखमा, दीपक बैज सहित अन्य नेताओं ने किया तो भाजपा ने ईडी का सहारा लेकर लखमा को जेल भिजवा दिया. वहीं दीपक बैज के घर का पुलिस रेकी कर रही है, जो कही न कहीं बस्तर की आवाज को दबाने का प्रयास है.

बस्तरवासियों के हित में हमेशा लड़ेगी कांग्रेस: शैलेष नितिनशैलेष नितिन ने कहा, कांग्रेस डरेगी नहीं, बस्तर वासियों के हित में हमेशा लड़ेगी. कांग्रेस जिलाध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस जब-जब भाजपा के भ्रष्टाचार व आम जनता के प्रति हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाती है भाजपा डर जाती है और ईडी का सहारा लेकर डराने का प्रयास करती है. हम डरेंगे नहीं बल्कि और बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन होगा. तीन मार्च को रायपुर में बड़ा प्रदर्शन होगा, जिसमें हजारों की संख्या में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले से कांग्रेस कार्यकर्ता जाएंगे. प्रदर्शन में कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष रूपेश ठाकुर सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे.

महापौर के बेटे ने सड़क पर काटा केक: मेयर मीनल चौबे ने मांगी माफी, कार्रवाई की मांग को लेकर पूर्व विधायक उपाध्याय बोले-

रायपुर-  सड़क में केक काटने को लेकर प्रशासन इन दिनों सख्त रुख अपना रही है. हाल ही में सड़क पर केक काटने पर कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं पर भी कार्रवाई की गई थी. वहीं अब महापौर मीनल चौबे के बेटे मेहुल का सड़क पर केक काटते हुए वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसे लेकर सवाल भी खड़े हुए. अब बेटे की गलती को लेकर महापौर मीनल चौबे ने माफी मांगा है. वहीं इस वीडियो के सामने आने के बाद कांग्रेस ने कार्रवाई की मांग की है.

महापौर मीनल चौबे ने मांगी माफी

महापौर मीनल चौबे ने इस मामले कहा कि मैंने वीडियो देखा, जो मेरे घर के सामने का ही है. मेरे बेटे का बर्थडे था, उसने सड़क पर केक काटा है. मैंने आज सुबह ही खबर पढ़ी कि हाईकोर्ट ने सड़कों पर केक काटने से मना किया है. इसलिये जो भी हुआ वो गलत हुआ है. बेटे को भी समझाइश दी गई है कि अब से रोड पर केक नहीं काटना है. 

महापौर मीनल चौबे ने आगे कहा कि शासन-प्रशासन का मैं पूरा सम्मान करती हूं. अगर मेरे या मेरे परिवारजनों की वजह से किसी को कोई परेशानी हुई होगी, तो उसके लिए मैं क्षमा मांगती हूं. सभी के बच्चों को यह समझना चाहिए कि उन्हें घर के अंदर ही केक काटना चाहिए, सड़क पर नहीं. इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन दिया कि इस प्रकार की घटना फिर नहीं होगी. 

पूर्व कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने की कार्रवाई की मांग

पूर्व कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि पुलिस और प्रशासन इस तरह के कृत्य पर कार्रवाई करती रही है. पिछले दिनों यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष का जन्मदिन मनाते हुए उपाध्यक्ष समेत 10 यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता जेल गए थे. निश्चित तौर पर उनका कृत्य भी गलत था. राजा हो या रंक नियम सबके लिए बराबर होते हैं.

विष्णुदेव साय सरकार में आम आदमी की बढ़ रही आय, ऑटोमोबाइल सेक्टर में पिछले एक साल में आया भारी उछाल

रायपुर- छत्तीसगढ़ में विष्णु देव साय सरकार के नेतृत्व में राज्य की अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार देखने को मिल रहा है. विष्णुदेव सरकार किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद रही है, जिससे कृषि प्रधान राज्य की बहुसंख्यक आबादी की आय तेजी से बढ़ी है. महतारी वंदन योजना के तहत प्रति महीने दिये जा रहे 700 करोड़ रुपये ने भी परिवार की क्रय शक्ति में जबरदस्त बढ़ोतरी की है. आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़ने से बाजार गुलजार हुए हैं. खासतौर पर ऑटोमोबाइल सेक्टर में जबरदस्त उछाल आया है, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि आम आदमी की आय में वृद्धि हो रही है और उनकी क्रय शक्ति बढ़ रही है.

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की योजनाओं और दिशा-निर्देश से सुधरी अर्थव्यवस्था के प्रभाव से ऑटोमोबाइल सेक्टर का सितारा चमक उठा है. प्रदेश के शहरी और ग्रामीण अंचल की बेहतरीन अर्थव्यवस्था से ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में चमत्कारिक उछाल देखने को मिल रहा है. प्रदेश में साय सरकार आने के बाद से ही ऑटोमोबाइल सेक्टर में बढ़ोतरी ही देखी गई है. छत्तीसगढ़ ने 18.57 प्रतिशत की वृद्धि के साथ भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है जो 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वाहन बिक्री में सबसे ऊपर है.

जनवरी और नवंबर 2024 के बीच 6.69 लाख से अधिक वाहन बेचे गए. छत्तीसगढ़ राज्य ने महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों से नए मानक स्थापित किए हैं, जो कि बहुत अधिक है. इस साल जनवरी में 67273 नए वाहनों की बिक्री हुई है जो नए वाहनों की बिक्री में पिछले साल जनवरी की तुलना में 16.37% का इजाफा है, क्योंकि जनवरी 2024 में 57810 नए वाहनों की बिक्री हुई थी.

वित्तीय वर्ष 2024-25 के 10 महीनों में से 8 महीने के दौरान नए वाहनों की सेल में जबरदस्त उछाल आया था. वित्तीय साल के पहले माह अप्रैल 24 में नए वाहनों की बिक्री में 43.25 प्रतिशत, मई 38.44 प्रतिशत, जून 25.28 प्रतिशत, जुलाई 35.33%, अगस्त 17.34 %, अक्टूबर 62.23 प्रतिशत, नवम्बर 8.65 प्रतिशत तथा जनवरी 25 में 16.37 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है.

वर्ष 2025 जनवरी में प्रदेश के आरटीओ, एआरटीओ तथा डीटीओ कार्यालयों में 8759 नई कारों का पंजीयन किया गया है.. राजधानी रायपुर में सर्वाधिक 7126 नई कारों का रजिस्ट्रेशन किया गया है. दूसरे स्थान पर बिलासपुर आरटीओ में 245 तथा तीसरे स्थान पर दुर्ग आरटीओ में 138 नए वाहनों का पंजीयन किया गया.

जनवरी 2025 में राज्य के परिवहन कार्यालयों में कुल 46428 नए वाहनों का पंजीयन किया गया जिसमें सबसे ज्यादा 7810 नए मोटर सायकल स्कूटर का पंजीयन आरटीओ रायपुर में किया गया. एक माह में आरटीओ रायपुर में 17870 नए वाहनों का पंजीयन किया गया है. 4247 नए वाहनों के पंजीयन के साथ बिलासपुर आरटीओ दूसरे स्थान पर है. तीसरा स्थान दुर्ग आरटीओ को मिला है, वहां 4139 नए वाहनों का पंजीयन किया गया है.

जनवरी 25 में अम्बिकापुर आरटीओ में 2826, बैकुण्ठपुर डीटीओ 1177, बालोद 1129, बलौदाबाजार 2202, बलरामपुर 1139, बेमेतरा 1398, बीजापुर 322 दंतेवाड़ा 535, धमतरी 1955, गरियाबंद 997, गौरेला पेण्ड्रा मरवाही 703, जगदलपुर आरटीओ 2002, जांजगीर-चांपा डीटीओ 3350, जशपुर 1534, कांकेर 1631, कवर्धा 1740, कोण्डागांव 1447, कोरबा 2934, महासमुंद 1981, मुंगेली 1460, नारायणपुर 335, रायगढ़ 3918, राजनांदगांव एआरटीओ 3113, सुकमा 229 तथा सूरजपुर डीटीओ में 960 नए वाहनों का पंजीयन किया गया है.

ऑटोमोबाइल सेक्टर में ऐतिहासिक वृद्धि

राज्य में ऑटोमोबाइल कंपनियों और डीलरशिप्स के मुताबिक, पिछले एक साल में दोपहिया और चार पहिया वाहनों की बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है.. आंकड़ों के अनुसार, 2023 की तुलना में 2024 में ऑटोमोबाइल बिक्री में 35% की वृद्धि दर्ज की गई है.

वाहन डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने बताया, “बीते एक साल में दोपहिया और कारों की बिक्री में तेजी आई है.. खासकर बजट सेगमेंट की गाड़ियां और इलेक्ट्रिक वाहन लोगों की पहली पसंद बन रहे हैं. इससे स्पष्ट है कि लोगों की आय बढ़ी है और वे अपने जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं”

मुख्यमंत्री साय ने रायपुर में ‘ऑटो एक्सपो – 2025’ का शुभारंभ किया, जो राज्य में ऑटोमोबाइल सेक्टर की प्रगति का प्रतीक है. एक अनुमान के मुताबिक गणेश पक्ष के 10 दिनों के दौरान पूरे प्रदेश में फोर व्हीलर गाड़ियों में कार और ट्रक को मिलाकर लगभग 400 करोड़ रुपये का कारोबार होता है, जिसमें अकेले रायपुर में 100 करोड़ रुपये का कारोबार होता है.

बात अगर टू व्हीलर गाड़ियों की करें तो पूरे प्रदेश में टू व्हीलर गाड़ियों का कारोबार 200 करोड़ रुपए का होता है. इसमें अकेले रायपुर में टू व्हीलर का कारोबार 50 करोड़ रुपए का होता है. यह कारोबार नवरात्रि की तुलना में 25 फीसद का कारोबार होता है.

रायपुर के दोपहिया वाहन शोरूम के संचालक शैलेश खेमानी ने कहा है कि, “सामान्य दिनों में एक महीने में जितना कारोबार होता है, गणेश पक्ष के 10 दिनों के दौरान 75 फीसदी का कारोबार होता है. हर कंपनी की गाड़ियां बिकती है. लोग अलग-अलग मॉडल के कंपनी की गाड़ियों के शौकीन होते हैं. अपनी बजट के आधार पर दुपहिया वाहनों की खरीदी करते हैं.”

वहीं, शोरूम के जनरल मैनेजर मनोज सिंह राजपूत ने कहा कि, “गणेश पक्ष को लोग शुभ मानकर चारपहिया वाहनों की खरीदी करते हैं. अधिकतर गाड़ियां 6 लाख से शुरू होकर 20 से 25 लाख रुपए तक में बिकती है. सिट्रोन कंपनी की नई कार भारत में 2 साल पहले आई थी. छत्तीसगढ़ में यह कार अप्रैल माह में लाई गई है, जो बैटरी के साथ ही पेट्रोल से भी चलती है.” छत्तीसगढ़ के त्यौहारी सीजन में ऑटोमोबाइल का कारोबार 600 करोड़ रुपए तक होने की उम्मीद की जा रही है.

छत्तीसगढ़ के ऑटोमोबाइल सेक्टर में दिखने वाली यह वृद्धि मुख्य रूप से राज्य सरकार की कल्याणकारी नीतियों के कारण है, जिन्होंने राज्य के नागरिकों के आर्थिक दशा उल्लेखनीय सुधार किया है. प्रधानमंत्री आवास योजना, धान खरीदी, पेंशन योजनाएं, कौशल विकास जैसी बहुत सी योजनाओं के अतिरिक्त वित्तीय सहायता और प्रोत्साहन प्रदान करके राज्य सरकार ने प्रदेश की जनता की क्रय शक्ति में असाधारण विकास किया है, जिससे ना केवल प्रदेशवासियों की आजीविका में सुधार हुआ है, बल्कि बाजार भी गतिमान हुआ है.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट 2025 में घोषित सरकारी पहलों से सहायता प्राप्त ग्रामीण भी ऑटो मोबाइल सेक्टर को विकास दे रहे हैं.. वे दो पहिया सेगमेंट और पीवी सेगमेंट में एंट्री-लेवल कारों की बिक्री को बढ़ा रहे हैं.. छत्तीसगढ़ का ऑटोमोबाइल सेक्टर देश में अग्रणी बन गया है, जो राज्य की समग्र आर्थिक प्रगति को दर्शा रहा है।

सरकारी नीतियों का सकारात्मक प्रभाव

राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास योजनाओं, निवेश प्रोत्साहन और औद्योगिक नीति में सुधार के चलते ऑटोमोबाइल सेक्टर में यह उछाल देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में एक प्रेस वार्ता में कहा, “हमारी सरकार ने रोजगार और व्यवसाय के अवसर बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया है.. विभिन्न उद्योगों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ बुनियादी ढांचे में भी निवेश किया गया है, जिससे लोगों की आय में वृद्धि हो रही है और वे बड़े खर्च करने में सक्षम हो रहे हैं”

सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे युवा स्वरोजगार योजना, महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना और ग्रामीण विकास योजनाओं के कारण आर्थिक गतिविधियों में तेजी आई है.. इससे प्रत्यक्ष रूप से बाजार में मांग बढ़ी है, जिसका सीधा असर ऑटोमोबाइल और रियल एस्टेट सेक्टर पर पड़ा है..

बढ़ती मांग के पीछे की वजहें

विशेषज्ञों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में आय में वृद्धि और ऑटोमोबाइल बिक्री के बढ़ने के पीछे कई मुख्य कारण हैं:

कृषि और उद्योगों में बढ़ा निवेश: सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाने और उद्योगों को बढ़ावा देने से ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में आमदनी बढ़ी है.

इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता: राज्य सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी देने से लोग ज्यादा संख्या में ई-वाहनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं.

आसान फाइनेंसिंग विकल्प: बैंकों और एनबीएफसी कंपनियों द्वारा सस्ते ब्याज दरों पर लोन और आसान ईएमआई योजनाएं उपलब्ध कराने से लोग नए वाहन खरीदने के लिए प्रेरित हो रहे हैं.

इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार: बेहतर सड़कें और एक्सप्रेस वे बनने से लोग अब नए और बड़े वाहनों में निवेश करने को तैयार हैं.

आर्थिक विकास की दिशा में राज्य की नई पहचान

छत्तीसगढ़ में ऑटोमोबाइल सेक्टर में आई यह वृद्धि राज्य की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने का संकेत है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यही रफ्तार जारी रही तो अगले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ न केवल मध्य भारत बल्कि पूरे देश में एक प्रमुख आर्थिक केंद्र बन सकता है. विष्णु देव साय सरकार के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे लोगों की आय में इजाफा हो रहा है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में आई तेजी इसका स्पष्ट प्रमाण है. अगर सरकार की नीतियां इसी तरह जारी रहीं, तो आने वाले समय में छत्तीसगढ़ देश के सबसे तेजी से विकसित होते राज्यों में शामिल हो सकता है..

शादी का झांसा देकर बनाया शारीरिक संबंध, फिर नौकरी लगाने के नाम पर युवती से ठगे 5 लाख, दुष्कर्म व धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक युवती से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म और नौकरी लगाने के नाम पर 5 लाख की ठगी का मामला सामने आया है. एक साल पहले दोनों की दोस्ती हुई और फिर आरोपी ने पीड़िता से शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने लगा. इसी बीच सरकारी नौकरी के नाम पर आरोपी ने युवती से 5 लाख भी ठग लिए. लेकिन लंबे समय के बाद भी नौकरी न लगने से परेशान युवती ने जब शादी के लिए दबाव बनाया, तो आरोपी टाल-मटोल करने लगा. जब आरोपी ने पीड़िता का फोन भी उठाना बंद कर दिया, तब पीड़िता ने पुलिस में दुष्कर्म और धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है.

जानकारी के मुताबिक, हिर्री थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता एक निजी अस्पताल में नर्स है. उसकी सारंगढ़ के मड़वाभाठा निवासी घनश्याम जांगड़े उर्फ विक्रम से जान-पहचान 1 साल पहले सामाजिक व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से दोनों की दोस्ती हुई थी. आरोपी के परिजनों ने उसका बायोडाया सामाजिक ग्रुप में शेयर किया था, जिसके बाद युवती की उससे बातचीत शुरू हई. कुछ ही दिनों में दोनों के बीच दोस्ती हई और जुलाई 2024 से दोनों की मुलाकातें होने लगी. इसी बीच आरोपी शादी का झांसा देकर युवती से शारिरिक संबंध बनाने लगा और सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर पीड़िता से 5 लाख रुपए भी ले लिए. नौकरी नहीं लगी, तो युवती ने रुपए वापस मांगे और शादी का दबाव बनाया तो युवक बात टालने लगा. कुछ दिनों बाद आरोपी प्रेमी ने युवती का फोन उठाना भी बंद कर दिया, जिसके बाद अब परेशान होकर युवती ने सिविल लाइन थाने में पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई है.