जिला पंचायत अध्यक्ष के चयन के लिए भाजपा ने सभी जिलों में की पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, देखें लिस्ट…

रायपुर-  भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने जिला पंचायत अध्यक्ष के चयन के लिए सभी 33 जिलों में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है। रायपुर में शिवरतन शर्मा, दुर्ग में गौरीशंकर अग्रवाल, धमतरी में मोतीलाल साहू, कवर्धा में नारायण चंदेल को जिम्मेदारी दी गई है।

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साय कैबिनेट की बैठक रविवार को

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में रविवार 02 मार्च को अपरान्ह 3.00 बजे से मंत्रिपरिषद की बैठक मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित होगी। आपको बता दें कि 3 मार्च को छत्तीसगढ़ का बजट आयेगा। बजट के पहले ये कैबिनेट की बैठक हो रही है। जाहिर है इस बैठक में बजट को लेकर भी चर्चा होगी।

त्रिस्तरीय पंचायतों का प्रथम सम्मेलन 4 से 12 मार्च के बीच, उपसरपंच, जनपद और जिला पंचायत अध्यक्षों का होगा चुनाव

रायपुर- ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायतों और जिला पंचायत के सामान्य निर्वाचन पूर्ण होने के उपरान्त ग्राम पंचायत के उपसरपंच और जनपद तथा जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों का निर्वाचन किया जाना हैं.

पंचायत संचालनालय द्वारा प्रदेश के समस्त जिलों के कलेक्टरों को इस संर्दभ में पत्र लिखकर 4 मार्च से 12 मार्च के मध्य ग्राम पंचायत के उपसरपंच और जनपद तथा जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों का निर्वाचन तथा प्रथम सम्मेलन आयोजित कराने को कहा गया है.

गुरु घासीदास की जन्म स्थली गिरौदपुरी में 4 मार्च से लगेगा मेला, राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की लगी ड्यूटी, आदेश जारी…

रायपुर-  बाबा गुरु घासीदास की जन्म स्थली गिरौदपुरी में 4 से 6 मार्च तक मेले का आयोजन किया जाएगा. मेले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. इसका आदेश आज सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया.

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CM साय ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता जताते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को किया कटघरे में खड़ा

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए एक तरफ जहां अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया, वहीं दूसरी ओर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार, नक्सलवाद को बढ़ावा देने, किसानों और जनता को धोखा देने, प्रचार के नाम पर जनता के पैसे की बर्बादी करने और लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन करने जैसे गंभीर आरोप लगाए. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने भाषण की शुरुआत में ही नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को मिली हार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप सोचिए ऐसी स्थिति क्यों बनी है, यह आपके पांच वर्षों के कुशासन और अराजकता पर जनता का जवाब था.

मुख्यमंत्री ने हमला जारी रखते हुए कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने महापौर का अप्रत्यक्ष चुनाव इसलिए करवाया ताकि योग्य प्रत्याशी की जगह अपने गुट के अपने कृपापात्र को महापौर बनवा दिया जाए. आखिर में थोपे हुए मेयर पार्षद का चुनाव भी हमारे एक जमीनी कार्यकर्ता से हार गए.

विष्णु देव साय ने जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने वहां टंकियां और पाइपलाइन बिछा दी गईं, जहां पानी का स्रोत ही नहीं था. PSC परीक्षा घोटाला का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं और PSC अधिकारियों के रिश्तेदारों का चयन हुआ, जिससे युवाओं के सपने टूट गए.

सर्वाधिक चर्चित महादेव एप घोटाले का जिक्र करते हुए कांग्रेस सरकार के संरक्षण में सट्टे और ग़ैर-क़ानूनी धंधों को बढ़ावा मिला. वहीं शराब घोटाले का जिक्र कांग्रेस सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव कर सरकारी राजस्व को नुकसान पहुँचाया, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला।

प्रधानमंत्री आवास योजना में लापरवाही का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि 18 लाख लोगों को मकान मिलने थे, लेकिन राज्य सरकार ने अपना अंशदान नहीं दिया, जिससे गरीबों को नुकसान हुआ. वहीं पांच साल के कार्यकाल के दौरान नक्सलवाद से निपटने में गंभीरता नहीं दिखाई गई, जिससे नक्सल समस्या बनी रही.

कांग्रेस शासनकाल में प्रचार-प्रसार पर किए गए भारी-भरकम खर्च का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रचार पर सबसे अधिक बजट खर्च किया, लेकिन जमीनी स्तर पर विकास कार्य नगण्य रहे. पूरे राज्य में बड़े-बड़े होर्डिंग्स और विज्ञापनों में केवल भूपेश बघेल ही नजर आते थे, लेकिन जनता को कोई वास्तविक लाभ नहीं मिला.

भूपेश सरकार की प्रिय गौठान योजना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने गौठानों और गोबर खरीदी के बड़े-बड़े दावे किए, लेकिन जब जांच की गई तो वहां “नील बटे सन्नाटा” था, यानी ज़मीनी हकीकत कुछ और थी. धान खरीदी का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस ने झूठे आरोपों और दुष्प्रचार के जरिए किसानों को गुमराह करने की कोशिश की गई.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बिंदुवार पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए पत्रकारों पर किए दमन का जिक्र करते हुए कहा कि जो पत्रकार भ्रष्टाचार उजागर करते थे, उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता था, जेल में डाल दिया जाता था. विशेष पिछड़ी जनजातियों को सिर्फ भावनात्मक सहानुभूति दी गई, लेकिन उनके लिए कोई ठोस कार्य नहीं किया.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमला करने के साथ-साथ अपनी सरकार की प्राथमिकताओं को गिनाते हुए बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश में नक्सलवाद के सफाए की समय सीमा मार्च 2026 रखी है. हम इस अवधि तक पूरे छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का सफाया कर देंगे. सरकार ने बोली का जवाब बोली से और गोली का जवाब गोली से देने का निश्चय किया है. वहीं आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए अच्छी पुनर्वास नीति बनाई है. उनके लिए 15 हजार प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए हैं.

भ्रष्टाचार के खिलाफ की जा रही सरकार की कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि हमने खनिजों का ऑनलाइन ट्रांजिट पास पुन: आरंभ किया है. आबकारी की पुरानी नीति को समाप्त कर नई नीति लागू की है, जिससे फर्जीवाड़े पर लगाम लगी और राजस्व दोगुना हो गया. यही नहीं खरीदी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार रोकने के लिए जेम पोर्टल से खरीदी अनिवार्य किया.

गरीब परिवारों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना का जिक्र करते हुए कहा कि हमारी सरकार जरूरतमंद 68 लाख परिवारों को पांच साल तक मुफ्त राशन प्रदान करेगी.

नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि कक्षा पहली व दूसरी में विभिन्न स्थानीय भाषा एवं चार प्रांतीय भाषाओं में द्विभाषिक पुस्तकें तैयार की गई है. पालकों और शिक्षकों का संवाद बना रहे इसके लिए पेरेंट्स टीचर मीडिया शुरू कराई. उच्च शिक्षा में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाते हुए एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा हिन्दी माध्यम से शुरू की है.

उद्योगों को बढ़ावा देने के लिहाज से नई औद्योगिक नीति का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री बताया कि में सरगुजा और बस्तर में उद्योग लगाने पर विशेष रियायत दी गई है. इसके साथ नई नीति में सेवानिवृत्त अग्निवीर, आत्मसमर्पित नक्सली और नक्सल हिंसा से प्रभावित लोगों को उद्यम लगाने के लिए विशेष प्रावधान किए जाने की बात कही.

नक्सल फंडिंग मामले में बड़ी कार्रवाई : NIA ने मूलवासी बचाओ मंच के लीडर रघु मिडियामी को किया गिरफ्तार, जांच जारी

रायपुर-  राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आज छत्तीसगढ़ नक्सल फंडिंग केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए मूलवासी बचाओ मंच के प्रमुख रघु मिडियामी को गिरफ्तार किया है. एमबीएम को छत्तीसगढ़ सरकार ने पहली ही बैन कर दिया है. 

बता दें कि इससे पहले नवंबर 2023 में छत्तीसगढ़ पुलिस ने इसी मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके पास से 6 लाख रुपये नकद बरामद हुए थे. जांच में सामने आया कि ये दोनों MBM के ओवरग्राउंड वर्कर (OGW) थे, जो माओवादियों के लिए फंड जुटाने और वितरित करने का काम कर रहे थे.

जांच में पता चला कि रघु मिडियामी एमबीएम का प्रमुख है. यह संगठन सीपीआई (माओवादी) के लिए धन इकट्ठा करने, भंडारण करने और वितरित करने में लगा हुआ है, ताकि उनके भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाया जा सके. एनईएनए जांच के अनुसार, रघु मिडियामी सीपीआई (माओवादी) के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के लिए स्थानीय स्तर पर धन के वितरण के लिए नोडल व्यक्ति था.

भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन, धान समिति प्रबंधक निलंबित

सरगुजा- अमेरा धान समिति के प्रबंधक जगदीश राजवाड़े पर निलंबन की कार्रवाई की गई है. प्रबंधक को तारपोलिन और प्लास्टिक कवर खरीद में गड़बड़ी के आरोप के चलते सस्पेंड किया गया है. कार्यालय उपायुक्त सहकारिता एवं उप पंजीयक सहकारी संस्था आदिम जाति सेवा सहकारी समिति द्वारा निलंबन आदेश जारी किया गया है.

जानकारी के मुताबिक, प्रबंधक जगदीश राजवाड़े पर भंडार क्रय नियमों का उल्लंघन करते हुए 12 नग तारपोलिन 9500 रुपये प्रति नग की दर से खरीदी करने का आरोप लगा था. प्रबंधक जगदीश राजवाड़े धान खरीदी में भी भारी धांधली के आरोप लगे थे. निलंबन के बाद अमेरा धान समिति का प्रभार अस्थायी रूप से कंप्यूटर ऑपरेटर को सौंप दिया गया है.

नान घोटाला : पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र को राहत, सुप्रीम कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत

नई दिल्ली/रायपुर- छत्तीसगढ़ के पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा को बड़ी राहत मिली है. नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को नियमित जमानत दे दी है. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया.

सतीशचंद्र वर्मा पर आरोप था कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए नान घोटाले के मुख्य आरोपियों, अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला को जमानत दिलाने में मदद की. इससे पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने सतीशचंद्र वर्मा की जमानत का विरोध किया. हालांकि न्यायमूर्ति नाथ ने कहा, “हमने प्रस्तुत वाट्सएप चैट को पढ़ा है, इसमें कोई भी ऐसा शब्द नहीं है, जिससे नान के आरोपियों को लाभ मिला हो, क्योंकि उनकी जमानत पहले ही हो चुकी थी.”


राज्य सरकार के वकील को लगाई फटकार

न्यायालय ने राज्य सरकार के वकील को फटकार लगाते हुए कहा कि यदि वे अधिक बहस करेंगे तो अदालत शासन के खिलाफ टिप्पणी करने पर मजबूर हो जाएगी. इस पर राज्य सरकार के वकील ने कहा कि वे एक सप्ताह तक वर्मा की गिरफ्तारी नहीं करेंगे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को नियमित जमानत प्रदान करने का आदेश जारी किया.

सुप्रीम कोर्ट ने आरोपों को नहीं माना पर्याप्त

यह मामला तब सामने आया था, जब आयकर विभाग ने सतीशचंद्र वर्मा और नान घोटाले के आरोपियों के बीच व्हाट्सएप चैट बरामद की. इसमें आरोप लगाया गया कि वर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आरोपियों को जमानत दिलाने में मदद की. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों को पर्याप्त नहीं माना और वर्मा को राहत दी.

छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में बूम! देश के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में शामिल होने की ओर

रायपुर-  छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था लगातार आगे बढ़ रही है और इस साल इसमें और भी तेज़ी देखने को मिलेगी. हाल ही में राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, इस साल छत्तीसगढ़ की आर्थिक वृद्धि दर 7.51% रहने का अनुमान है. इसका मतलब है कि व्यापार, उद्योग और खेती से होने वाली आमदनी में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे लोगों की आमदनी और जीवन स्तर बेहतर होगा.

सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP)

छत्तीसगढ़ की कुल आर्थिक उत्पादन यानी सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में इस साल अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. पिछले साल राज्य का GSDP ₹3,06,712 करोड़ था, जो इस साल ₹3,29,752 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है. यह संकेत देता है कि छत्तीसगढ़ में नए उद्योग, फैक्ट्रियां और व्यापार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं.

कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र – सबमें जबरदस्त उछाल

छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था तीन मुख्य स्तंभों – कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र पर टिकी हुई है. तीनों ही क्षेत्रों में इस साल बढ़िया प्रदर्शन की उम्मीद है.

  1. खेती और इससे जुड़े कामों में बढ़ोतरी
  2. छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में खेती की अहम भूमिका है. इस साल कृषि, पशुपालन और वानिकी क्षेत्र में 5.38% की वृद्धि होने का अनुमान है. 2023-24 में यह क्षेत्र ₹48,987 करोड़ का था, जो इस साल ₹51,621 करोड़ तक पहुंच सकता है. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
  3. उद्योगों का विस्तार
  4. राज्य में उद्योगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इस साल उद्योग क्षेत्र में 6.92% की वृद्धि होने की संभावना है, जिससे इसका कुल आकार ₹1,47,172 करोड़ तक पहुंच सकता है. नई फैक्ट्रियों और कंपनियों के आने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और युवाओं को नौकरियां मिलेंगी.
  5. सेवा क्षेत्र की जबरदस्त ग्रोथ
  6. बैंकिंग, टूरिज्म और आईटी सेक्टर में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है. इस साल सेवा क्षेत्र में 8.54% की वृद्धि होने का अनुमान है, जिससे यह ₹1,08,461 करोड़ तक पहुंच सकता है. छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ते पर्यटन और डिजिटल सेवाओं के कारण इस क्षेत्र में और भी अधिक संभावनाएं हैं.

आम जनता को कैसे मिलेगा फायदा?

आर्थिक विकास का सबसे बड़ा असर आम जनता पर पड़ता है, क्योंकि जब राज्य की आमदनी बढ़ती है, तो लोगों की जिंदगी भी बेहतर होती है.

नई नौकरियां: उद्योग और सेवा क्षेत्र में बढ़ोतरी से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.

अधिक आय: जब अर्थव्यवस्था बढ़ती है, तो आम लोगों की कमाई में भी इजाफा होता है.

बेहतर बुनियादी सुविधाएं: सरकार को ज्यादा टैक्स मिलेगा, जिससे नई सड़कें, अस्पताल और स्कूल बनाए जा सकेंगे.

छत्तीसगढ़ की बढ़ती अर्थव्यवस्था – पूरे देश के लिए मिसाल!

छत्तीसगढ़ की आर्थिक तरक्की यह साबित कर रही है कि राज्य तेजी से विकास कर रहा है. अगर यही रफ्तार बनी रही, तो आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ देश के सबसे तेजी से बढ़ते राज्यों में शामिल हो सकता है. यह न सिर्फ राज्य के लोगों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है!

क्यों तेजी से आगे बढ़ रहा है छत्तीसगढ़?

औद्योगिक निवेश बढ़ा: राज्य में नए उद्योग लग रहे हैं, जिससे नौकरियां भी बढ़ रही हैं.

कृषि और व्यापार को बढ़ावा: सरकार की योजनाओं से किसानों और व्यापारियों को सीधा फायदा मिल रहा है.

बुनियादी ढांचे में सुधार: सड़क, बिजली और पानी जैसी सुविधाएं तेजी से विकसित की जा रही हैं.

तीनों सेक्टर मजबूत – हर क्षेत्र में ग्रोथ

राज्य के विकास की यह रफ्तार हर सेक्टर में देखने को मिल रही है-

कृषि और संबद्ध क्षेत्र: 2023-24 में 3.03% वृद्धि, अगले साल 5.38% की उम्मीद

उद्योग और निर्माण: 2023-24 में 4.87% की ग्रोथ, अगले साल 6.92% की संभावना

सेवा क्षेत्र: इस साल 10.43% की वृद्धि, अगले साल 8.54% बढ़ने का अनुमान

आम आदमी की आय में भी बढ़ोतरी!

छत्तीसगढ़ में सिर्फ अर्थव्यवस्था ही नहीं, लोगों की आमदनी भी बढ़ रही है.

  • 2023-24 में प्रति व्यक्ति आय ₹1,48,922 रही.
  • 2024-25 में यह ₹1,62,870 तक पहुंचने की उम्मीद है.

यानि लोगों की कमाई 9.37% बढ़ेगी, जिससे उनका जीवन स्तर और बेहतर होगा.

पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा के खिलाफ पार्टी करेगी कार्रवाई, कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में फैसला

रायपुर- छत्तीसगढ़ कांग्रेस की राजीव भवन में आज अहम बैठक हुई, जिसमें कई मुद्दों को लेकर चर्चा की गई. इस बैठक में पीसीसी चीफ दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत समेत कई नेता मौजूद रहे. चुनाव के दौरान अपने ही पार्टी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने वाले पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा पर अब कार्रवाई की तैयारी है. 

जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में शराब घोटाले के संबंध में ईडी की कार्रवाई और पीसीसी चीफ दीपक बैज के घर पर रेकी मामले को लेकर चर्चा. आज विधानसभा में मुद्दा उठाने के बाद आगे की रणनीति को लेकर बातचीत की गई. इस दौरान नगरीय निकाय चुनावों में मिली हार का ठीकरा पीसीसी चीफ पर फोड़ने वाले पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा को लेकर कार्रवाई की मांग की गई. बैठक में सर्वसम्मति से विधायक कुलदीप जुनेजा के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है. 

कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा के साथ पूर्व मंत्री अमरजीत भगत पर भी कार्रवाई की मांग उठी. बिलासपुर के दोनों जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी और विजय पाण्डेय को शो-कॉज नोटिस भेजने का फैसला बैठक में लिया गया है. बता दें कि छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव में मिली हार को लेकर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने नेतृत्व पर सवाल उठाया था. 

बता दें कि कुलदीप जुनेजा ने कहा था कि संगठन कमजोर रहा है. निर्दलीय लोगों को बिठाने में पार्टी विफल रही, पोलिंग पांच बजे समाप्त हुई और 18 लोगों को प्रवेश दें दिया गया, किसके बोलने से प्रवेश किया गया? ये सभी चुनाव हारने का कारण हैं. वहीं उन्होंने यह भी कहा था कि चार चुनाव हारने के बाद भी यदि इस्तीफ़ा मांगा जाए तो शर्म की बात है. नैतिकता नाम की भी कोई चीज होती है, दीपक बैज को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए. कांग्रेस संगठन में बदलाव बहुत जरूरी है. कांग्रेस संगठन में बदलाव बहुत जल्द होना जरूरी है.