भारत के बजट से अमेरिका को क्या होगा फायदा? ट्रंप के 'टैरिफ वॉर' के बीच सीतारमण का जवाब

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में बजट पेश किया। इस बजट में मध्य वर्ग को बड़ी राहत दी गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती और विकास दर पर उठ रहे सवालों के बीच इस बजट में अलग अलग वर्ग को राहत देने की कोशिश दिखाई दे रही है। इन सबके बीच देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ऐसा भी ऐलान किया है, जो डोनाल्ड ट्रंप को काफी खुश कर सकता है। जी हां, सरकार ने कुछ कस्टम ड्यूटी कम की है। जिसका असर अमेरिका से होने वाले निर्यात पर पड़ता हुआ दिखाई दे सकता है।

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ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने रविवार को कहा कि मोटरसाइकिल और स्वाद बढ़ाने वाले कृत्रिम तत्व जैसे प्रोडक्ट्स पर बजट में कस्टम ड्यूटी घटाई गई है। इससे अमेरिकी निर्यात को लाभ होगा। जीटीआरआई ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत की‘टैरिफ किंग’के रूप में आलोचना करने के बाद देश के बजट ने कई उत्पादों पर महत्वपूर्ण शुल्क कटौती की गई है। इनमें से कई प्रोडक्ट्स अमेरिकी एक्सपोर्ट को फायदा पहुंचाने वाले हैं। जीटीआरआई ने बयान में कहा,‘‘टेक्नोलॉजी, व्हीकल, इंडस्ट्रीयल रॉ मटेरियल और स्क्रैप के आयात पर शुल्क कटौती के साथ भारत व्यापार को सुविधाजनक बनाने की दिशा में कदम उठाता दिख रहा है।

बदलेगा ट्रंप का नजरिया?

डोनाल्ड ट्रंप हमेशा भारत की टैरिफ किंग के तौर पर आलोचना करते हैं, लेकिन बजट ने कई उत्पादों पर महत्वपूर्ण शुल्क कटौती से अमेरिकी निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद की जा रही है कि बजट में इस ऐलान के बाद ट्रंप का नजरिया बदलेगा।

बता दें कि अप्रैल-नवंबर, 2024-25 के दौरान अमेरिका 82.52 अरब डॉलर व्यापार के साथ भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। इसके पहले 2021-24 के दौरान अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था।

इन चीजों से शुल्क घटी

फ्रोजेन मछली पेस्ट (सुरीमी) और जलीय चारे के लिए मछली हाइड्रोलाइजेट पर शुल्क घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है. इन पर अभी तक लागू शुल्क क्रमश: 30 प्रतिशत और 15 प्रतिशत था. रसायन क्षेत्र में, पिरिमिडीन और पिपरेजीन यौगिकों पर शुल्क को मौजूदा 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इनका उपयोग खाद्य और पेय पदार्थों को एक निश्चित स्वाद देने के लिए किया जाता है. इसी तरह कम कैलोरी वाले यौगिक सोर्बिटोल पर शुल्क मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके अलावा, प्रमुख खनिजों (लिथियम, कोबाल्ट, सीसा, जस्ता, तांबा) और कोबाल्ट पाउडर के अपशिष्ट और स्क्रैप पर सीमा शुल्क खत्म कर दिया गया है. मंत्रालय ने कहा कि इन उपायों से आयात निर्भरता कम होगी, उत्पादन लागत कम होगी और प्रमुख उद्योगों में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी

धर्म से जुड़े विवादों का कैसे होगा निपटारा? एनएसए अजीत डोभाल ने बताया

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल रविवार 2 फरवरी को दिल्ली में आयोजित हो रहे पुस्तक मेले में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने तुर्की-अमेरिकी विद्वान अहमद टी कुरु की पुस्तक 'इस्लाम, ऑथरिटेरियनिस्म एंड अंडर डेवलपमेंट' को लॉन्च किया। इस दौरान अजीत डोभाल ने मेले में धार्मिक पहचान से जुड़े विवादों पर बातचीत की। एनएसए ने कहा कि धार्मिक पहचान से जुड़े विवादों से बचने के लिए विचारों का स्वतंत्र प्रवाह महत्वपूर्ण है। संघर्ष समाधान पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों और समाजों द्वारा ‘‘आत्मनिरीक्षण'' हमेशा महत्वपूर्ण रहा है।

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अजीत डोभाल ने कहा देश और धर्म के बीच संबंधों की घटना इस्लाम के लिए नई बात नहीं है. कुरु की किताब में जैसे बताया गया है कि इस्लाम के इतिहास में अलग-अलग कई स्टेज आए, जिसमें देश और धर्म के बीच रिश्ते कई दफा बदले, घटे और बढ़े क्योंकि अब्बासिद राजवंश के शासन में देश और धर्मगुरु की भूमिका पर स्पष्टता थी। पादरी वर्ग की भूमिका क्या है और राज्य की भूमिका क्या है, इसकी समझ बिल्कुल साफ थी। हिंदू धर्म में भी यह बात रही है और मुझे नहीं लगता कि आने वाले समय में शायद इसमें कोई भिन्नता हो।

विवादों से बचने के लिए विचारों का स्वतंत्र प्रवाह बहुत जरूरी-डोभाल

डोभाल ने कहा कि संघर्ष किसी भी विचारधारा या किसी भी देश के अस्तित्व में अंतर्निहित होते हैं। विचार और विचारधारा में प्रतिस्पर्धी होना बहुत जरूरी है। अगर यह प्रतिस्पर्धी नहीं है, तो फिर यह नहीं है या फिर सर्वमान्य है। हम संघर्षों का हल कैसे करते हैं, ये महत्वपूर्ण है। समाज की मानसिकता क्या है, इसको भी समझना बहुत जरूरी है। विवादों से बचने के लिए विचारों का स्वतंत्र प्रवाह बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पहला संघर्ष खुद से खुद के बीच है। आपकी मान्यताओं, विचारों, आवश्यकताओं, आकांक्षाओं के बीच संघर्ष है। यहां तक कि दूसरे इंसानों, भगवान और समाज के साथ भी संघर्ष है। आपके खुद एक से अधिक विचार हो सकते हैं और कभी-कभी आप खुद इसे सोचते भी होंगे।

प्रिंटिंग प्रेस के विरोध का किया जिक्र

हिंदू धर्म का जिक्र करते हुए एनएसए ने कहा कि हिंदू धर्म में लड़ाई-झगडों को शास्त्रार्थ और मेडिटेशन के जरिए सुलझाया जाता था। वहीं जो पीढ़ियां लीक से हटकर नहीं सोच पाईं वे स्थिर हो गईं। एनएसए अजीत डोभाल ने प्रिंटिंग प्रेस का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रिंटिंग प्रेस को अपनाने के लिए इमाम वर्ग की ओर से काफी विरोध हुआ था। उन्होंने सोचा था कि इसके आने से इस्लाम के वास्तविक अर्थ की सही ढंग से या उनकी मान्यता के हिसाब से व्याख्या नहीं हो पाएगी।

आत्मनिरीक्षण को बताया महत्वपूर्ण

एनएसए डोभाल ने कहा कि राज्यों और समाजों द्वारा आत्मनिरीक्षण बहुत महत्वपूर्ण है। धर्म या राज्य के प्रति निष्ठा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए। हमें अपने दिमाग को कैद नहीं होने देना चाहिए। अगर आप आत्मनिरीक्षण नहीं करते हैं तो आप समय और दिशा खो देते हैं। अगर बहुत देर से किया तो आप पिछड़ जाते हैं। किसी भी विचार या विचारधारा को प्रतिस्पर्धी होना चाहिए, लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि हम समाज की ऐसी परस्पर विरोधी मानसिकताओं का समाधान कैसे करते हैं।

महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नानःबसंत पंचमी पर संगम में स्नान जारी, साधु-संतों पर की गई पुष्प वर्षा

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वसंत पंचमी पर महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान जारी है। महाकुंभ के आखिरी अमृत स्नान पर संगम तट पर जुटे साधु-संतों और श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की गई है। यह पुष्प वर्षा हेलिकॉप्टर के जरिए की गई है। 144 साल बाद आए इस महाकुंभ का यह आखिरी अमृत स्नान है। महाकुंभ का आज 22वां दिन है। 13 जनवरी से अब तक 34.97 करोड़ से ज्यादा लोग डुबकी लगा चुके हैं। प्रशासन का अनुमान है कि आज 3 से 4 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा सकते हैं। 20 से ज्यादा देशों के लोग भी अमृत स्नान देखने के लिए संगम पहुंचे हैं।

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त्रिवेणी संगम में अखाड़े अपने निर्धारित समय और कार्यक्रम के मुताबिक पावन स्नान कर रहे हैं। तीसरे अमृत स्नान के दौरान सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के साधु-संतों ने डुबकी लगाई। फिर निरंजनी अखाड़ा और उसके बाद जूना अखाड़े के साधु-संत ने डुबकी लगाई।

संगम जाने वाले सभी रास्तों पर 10 किमी तक श्रद्धालुओं का रेला है। प्रयागराज जंक्शन से 8 से 10 किमी पैदल चलकर लोग संगम पहुंच रहे हैं। भीड़ देखते हुए लेटे हनुमान मंदिर को बंद कर दिया। मेला क्षेत्र के सभी रास्ते वन-वे हैं।

100 से ज्यादा IPS को उतारा गया

महाकुंभ मेले में 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं। भीड़ संभालने के लिए 100 से ज्यादा नए IPS को भी उतारा गया है। हेलिकॉप्टर से भीड़ की मॉनिटरिंग की जा रही है। 2750 सीसीटीवी भी लगाए गए हैं। लखनऊ में सीएम आवास पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और सीनियर अफसरों के साथ योगी तड़के 3 बजे से खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

सीएम योगी ने अधिकारियों को दिया निर्देश

योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे स्नान स्थल पर पूरी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें और श्रद्धालुओं के लिए सभी आवश्यक इंतजाम पूरे करें। साथ ही, उन्होंने आस्था के इस महान पर्व पर प्रशासन की तत्परता को बढ़ाने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सुरक्षा व्यवस्था और यातायात प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया, ताकि हजारों श्रद्धालुओं को बिना किसी समस्या के संगम में स्नान का लाभ मिल सके।

अमृत स्नान की व्यवस्था पर डीआईजी ने क्या कहा

डीआइजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने कहा, व्यवस्था बहुत अच्छी है और आज भीड़ नियंत्रण आज हमारा काफी अच्छा है। सभी अखाड़ों का स्नान सफलतापूर्वक संपन्न हो रहा है और समय से पहले ही संपन्न हो रहा है। तीन अखाड़ों का स्नान अभी तक हो चुका है- महानिर्वाणी अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा और जूना अखाड़ा ने सफलतापूर्वक स्नान कर लिया है और अन्य अखाड़े भी सफलतापूर्वक स्नान करेंगे।

भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ा झटका, ऑर्बिट में स्थापित नहीं हो सका NVS-02 सैटेलाइट, आगे क्या करेगा इसरो ?

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अंतरिक्ष के क्षेत्र में लगातार सफलता हासिल कर रहे भारत को बड़ा क्षटका लगा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 100वें NVS-02 सैटेलाइट मिशन में रविवार को तकनीकी खराबी आ गई। NVS-02 ऑर्बिट में स्थापित नहीं हो सका है। इसरो ने बताया कि अंतरिक्ष यान के थ्रस्टर्स सही से काम नहीं कर सके, जिसकी वजह से ऑर्बिट एजजस्टमेंट में बाधा आई। इसरो का ये मिशन अंतरिक्ष-आधारित नेविगेशन सिस्टम के लिए महत्वपूर्ण था। 29 जनवरी को श्रीहरिकोटा से जीएसएलवी-एफ 15 के जरिए NVS-02 सैटेलाइट लॉन्च किया था।

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इसरो ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि अंतरिक्ष यान में लगे ‘थ्रस्टर्स’ के काम नहीं करने के कारण एनवीएस-02 उपग्रह को वांछित कक्षा में स्थापित करने का प्रयास सफल नहीं हो सका। इसरो ने कहा कि लॉन्‍च के बाद सेटेलाइट में लगे सौर पैनल को सफलतापूर्वक तैनात किया गया था। बिजली उत्पादन नाममात्र है. ग्राउंड स्टेशन के साथ कम्‍यूनिकेशन सिस्‍टम स्थापित हो गया है लेकिन सेटेलाइट कक्षा को आगे नहीं बढ़ाया जा सका क्योंकि ऐसा करने के लिए थ्रस्टर्स को फायर करने के लिए ऑक्सीडाइज़र को प्रवेश करने वाले वाल्व नहीं खुले थे।

इसरो ने अपने अपडेट में बताया कि हालांकि, सैटेलाइट के सभी सिस्टम सामान्य हैं और यह फिलहाल एक अंडाकार कक्षा (Elliptical Orbit) में मौजूद है। अब वैज्ञानिक इस सैटेलाइट का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसरो का NVS-02 सेटेलाइट को पृथ्वी के चारों ओर एक अण्डाकार कक्षा में स्थापित करने का इरादा था। बताया गया था कि इसकी अपोजी यानी सबसे दूर का बिंदू 37,500 किमी रहेगा जबकि पेरीजी यानी निकटतम बिंदू और 170 किमी की होगी। 29 जनवरी को जीएसएलवी द्वारा बहुत सटीक इंजेक्शन ने सेटेलाइट को एक ऐसी कक्षा में स्थापित कर दिया था जो लक्ष्‍य किए गए अपोजी से 74 किमी और पेरीजी से 0.5 किमी दूर थी।

बता दें कि इसरो का ये अभियान सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम का हिस्सा है, जो भारत में जीपीएस जैसी नेविगेशन सुविधा को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह सिस्टम कश्मीर से कन्याकुमारी, गुजरात से अरुणाचल तक का हिस्सा कवर करेगा। साथ ही साथ कोस्टल लाइन से 1500 किमी तक की दूरी भी कवर होगी। इससे हवाई, समुद्री और सड़क यात्रा के लिए बेहतर नेविगेशन हेल्प मिलेगी।

जनवरी में उत्तर - पश्चिम भारत में सामान्य से 80% कम बारिश, फसलों की पैदावार पर देखने को मिलेगा असर


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रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

देश में अधिकतर हिस्से में जनवरी जाते - जाते गर्म होती है तो फरवरी में तापमान सामान्य से अधिक और बारिश सामान्य से कम होने के आसार हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बातें कही। आईएमडी ने कहा कि फरवरी में उत्तर भारत के कुछ इलाकों में पहले वाली शीतलहर का प्रकोप दिखने की संभावना भी इस बार कम है‌। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने फरवरी महीने के मौसम को लेकर पूर्वानुमान जारी किया। कहा कि फरवरी में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक बना रहेगा। पश्चिमी मध्य भारत और दक्षिणी भारत के कुछ के इलाकों में यह सामान्य रह सकता है। इसी तरह न्यूनतम भी देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक रह सकता है। उत्तर - पश्चिम इलाकों, दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य रह सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण में बदरा कम बरस सकते हैं। मौसम विभाग ने कहा कि फरवरी के दौरान उत्तर - पश्चिमी राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, कश्मीर में बारिश सामान्य से 78% तक कम रहने की संभावना है।

कम बारिश से गर्म रही जनवरी

मौसम विभाग के अनुसार बारिश कम होने से जनवरी इस बार सबसे गर्म महीना रहा। वर्ष 1901 के बाद जनवरी सर्वाधिक गर्म रहा है जब अधिकतम पारा 25.45 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। जनवरी का अधिकतम औसत तापमान 24.61 डिग्री है। इस प्रकार जनवरी में 0.84 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है। भारत में वर्ष 1901 के बाद बीते अक्टूबर सबसे गर्म महीना रहा था।

गर्मी और सूखे से गहराएगा संकट

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर और पश्चिमी राज्यों जैसे यूपी, पंजाब, हरियाणा, कश्मीर, उत्तराखंड में रबी फसलें लगी है। सर्दी में बारिश कम होने से पैदावार प्रभावित होगी। बागवानी भी प्रभावित हो सकती है। फरवरी में तापमान की तेज चाल से फलों में फूल जल्दी जाएंगे। फसलें प्रभावित होने के साथ गुणवत्ता भी खराब हो सकती है। अच्छी पैदावार के लिए हल्की सिंचाई की जरूरत होगी। शीतलहर का प्रकोप कम रहने से यूपी, मध्य प्रदेश में नुकसान कम होगा।

कैंसर की दवा से लेकर मेडिकल उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियां और मोबाइल, क्या सस्ता क्या महंगा, देखें लिस्ट

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में वित्त वर्ष 2025 का आम बजट पेश किया। इस बजट पर आम जनता से लेकर व्यापार जगत की भी नजरें टिकी हुईं थी। बजट में मोदी सरकार ने इस बार मध्यम वर्ग के लिए अपना पिटारा खोल दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि इस बार मिडिल क्लास पर लक्ष्मी बरसेगी। बजट में आयकर से जुड़ी घोषणाओं के साथ-साथ कई ऐसे ऐलान हुए, जो रोजमर्रा की जरूरतों से जुड़े सामान की कीमतों को प्रभावित करते हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि सेक्टर से लेकर ऑटोमोबाइल सेक्टर को बड़ा तोहफा दिया है, जहां एक ओर किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर दिया है। वहीं, हेल्थ सेक्टर को बूस्ट देने के लिए भी फैसला किया है। बजट में कैंसर पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए कैंसर की दवाओं को सस्ता करने का ऐलान किया गया है। केपीएमजी ने सभी जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर सेंटर लगाने की योजना का समर्थन किया है। यह योजना कैंसर मरीजों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने के दिशा में बढ़िया हैं।

ये चीजें हुईं सस्ती

• कई तरह के खनिज

• बुनकरों के बनाए कपड़े

• चमड़े से बने सामान

• मोबाइल फोन

• लीथियम बैटरी

• एलईडी

• एलसीडी टीवी

• इलेक्ट्रिक व्हीकल

• मेड इन इंडिया कपड़े

• मेडिकल उपकरण

• कैंसर की दवाएं

• फिश पेस्ट

• लेदर गुड्स

महंगे हुए ये सामान

वहीं, अब इम्पोर्टेड मोटरसाइकिल, इंटरेक्टिव फ्लैट, पैनल डिस्प्ले और प्रीमियम टीवी महंगी जो जाएगी।

खुल गया मोदी सरकार का पिटारा, जानें बजट की बड़ी घोषणाएं

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट 2025 को पेश किया।सरकार की तरफ से महंगाई और टैक्स के साथ-साथ मिडिल क्लास के भी कई ऐलान किए गए हैं।सबसे बड़ा ऐलान नए टैक्स स्लैब को लेकर रहा जिसे बढ़ाकर 12 लाख कर दिया गया है। सीतारमण ने ऐलान करते हुए कहा कि अब 12 लाख की सालाना कमाई पर कोई भी टैक्‍स देने की आवश्‍यकता नहीं है। यह बदलाव न्‍यू टैक्‍स व्‍यवस्‍था के तहत की गई है। इसके अलावा वित्तमंत्री ने ऐलान किया है कि कैंसर की दवा, मोबाइल की बैटरी, बुनकरों के बनाए कपड़े, चमड़े से बने सामान, मोबाइल फोन, बैटरी, एलईडी और एलसीडी टीवी और इलेक्ट्रिक व्हीकल सस्ते होंगे।

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वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में किसान, महिला, युवा, बुजुर्ग, मिडल क्लास पर खास फोकस रखा। वित्त मंत्री ने जहां आईआईटी और मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाने की घोषणा की तो एआई के लिए सेंटर फॉर एक्सिलेंस की स्थापना का भी ऐलान किया। आइए वित्त वर्ष 2025-26 के बजट की प्रमुख घोषणाओं पर एक नजर डालें।

➤ 12 लाख रुपये तक के इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।

➤ बिहार में मखाना बोर्ड का गठन होगा।

➤ किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) लोन की सीमा 3 लाख से रुपये बढ़कर 5 लाख रुपये हुई।

➤ बिहार में नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फूड टेक्नॉलजी, आंट्रप्रन्योरशिप, एंड मैनेजमेंट की स्थापना की जाएगी। इससे पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण की गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

➤ वर्ष 2015 के बाद स्थापित आईआईटीज में इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने का ऐलान किया गया। इससे 6,500 सीटें बढ़ जाएंगी। आईआईटी पटना का विस्तार किया जाएगा।

➤ एआई के लिए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस की स्थापना होग। वित्त मंत्री ने इसके लिए 500 करोड़ रुपये के बजंट आवंटन की घोषणा की है।

➤ पांच विश्वस्तरीय स्किल सेंटर बनेंगे जिनकी विदेशों के साथ भागीदारी होगी।

➤ बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्यों को 50 वर्ष के लिए 1.5 लाख करोड़ का ब्याज मुक्त कर्ज दिया जाएगा।

➤ मेडिकल की पढ़ाई के लिए वित्त वर्ष 2025-26 में कॉलेजों और अस्पतालों में 10 हजार नई सीटें जोड़ी जाएंगी। सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्ष में नई सीटों की संख्या बढ़ाकर 75 हजार करने का है।

➤ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) का निवेश और टर्नओवर लिमिट क्रमशः ढाई गुना और दोगुना किया गया। महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति वर्ग के लोगों के पहली बार बिजनस शुरू करने पर 5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।

➤ उड़ान योजना नए स्वरूप में पेश की जाएगी। योजना के तहत 120 नए डेस्टिनेशंस जोड़े जाएंगे जिनसे 4 करोड़ अतिरिक्त यात्रियों के जुड़ने का लक्ष्य है।

2047 तक कम से कम 100 गीगावॉट परमाणु बिजली पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है।

➤ 1 लाख करोड़ रुपये का अर्बन चैलेंज फंड की घोषणा की गई है। इस फंड से रचनात्मक पुनर्विकास को बल मिलेगा। साथ ही, पानी और स्वच्छ बुनियादी ढांचे पर जोर दिया जाएगा।

➤ अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में डेकेयर कैंसर सेंटर्स की स्थापना की जाएगी।

➤ टैक्स रिजीम में बड़ा बदलाव होने वाला है। वित्त मंत्री ने अगले सप्ताह संसद में नया टैक्स विधेयक पेश करने की घोषणा की है।

➤ जनविश्वास 2.0 के तहत 100 कानूनों को खत्म करेगी मोदी सरकार।

➤ टैक्स रिजीम में बड़ा बदलाव होने वाला है। वित्त मंत्री ने अगले सप्ताह संसद में नया टैक्स विधेयक पेश करने की घोषणा की है।

➤ 36 जीवन रक्षक दवाओं पर कस्टम ड्यूटी पूरी तरह से हटाया गया। 6 लाइव सेविंग दवाओं पर 6 फीसदी कस्टम ड्यूटी।

बजट में मिडिल क्लास को बड़ी राहत, 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं, सरकार का बड़ा ऐलान

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वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स पर बड़ा ऐलान कर दिया है। मिडिल क्लास को सरकार ने बड़ी सौगात दी है। अब 12 लाख तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसका मतलब है कि एक लाख तक की कमाई पर अब टैक्स नहीं लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह ऐलान किया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि 12 लाख की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की समय सीमा 2 साल से बढ़ाकर 4 साल की गई। इस बार बजट से टैक्सपेयर्स को काफी उम्मीदें थीं। पीएम मोदी ने संसद में आम बजट पेश होने से एक दिन पहले संकेत दिया कि इस बार गरीबों, मिडल क्लास और महिलाओं के लिए कई नई पहलों का ऐलान हो सकता है।

टीडीएस-टीसीएस का सरलीकरण

टीडीएस की सीमा में बदलाव किए जाएंगे ताकि इसमें एकरूपता लाई जा सके। वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस में छूट की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाएगा। किराए से होने वाली आमदनी पर टीडीएस में छूट की सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये किया जाएगा। नॉन-पैन मामलों में उच्च टीडीएस के प्रावधान लागू रहेंगे। अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की सीमा को दो साल से बढ़ाकर चार साल किया जा रहा है।

बीमा क्षेत्र के लिए एफडीआई 100 प्रतिशत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीमा क्षेत्र के लिए एफडीआई सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत की जाएगी। यह बढ़ी हुई सीमा उन कंपनियों के लिए उपलब्ध होगी जो भारत में पूरा प्रीमियम निवेश करती हैं। विदेशी निवेश से जुड़ी मौजूदा सुरक्षा और शर्तों की समीक्षा की जाएगी और उन्हें सरल बनाया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जुलाई 2024 के बजट में घोषित सीमा शुल्क दरों की संरचना की व्यापक समीक्षा के एक भाग के रूप में, मैं 7 टैरिफ दरों को हटाने का प्रस्ताव करती हूं। यह 2023-24 के बजट में हटाए गए टैरिफ के अतिरिक्त है। 82 टैरिफ लाइनों पर सामाजिक कल्याण अधिभार से छूट देने का प्रस्ताव करती हूं, जो उपकर के अधीन हैं।

देश में बनेगा नया इनकम टैक्स कानून, अगले हफ्ते संसद में किया जाएगा पेश

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वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स पर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि इनकम टैक्स पर नया बिल अगले हफ्ते सरकार लाएगी। इसके अलावा उन्होंने इस पर और कुछ नहीं कहा है। वैसे भी इस बार बजट से टैक्सपेयर्स को काफी उम्मीदें थीं। माना जा रहा था कि पुरानी और नई, दोनों तरह की इनकम टैक्स व्यवस्थाओं में टैक्सपेयर्स को कई छूट और कटौती दी जा सकती हैं। लेकिन यह इंतजार एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है।

यह तीसरी बार है जब आयकर अधिनियम को फिर से तैयार करने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले, 2010 में प्रत्यक्ष कर संहिता विधेयक पेश किया गया था। इसके बाद, मोदी सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति गठित की थी, लेकिन उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई और सिफारिशों को लागू भी नहीं किया गया।

देश में अभी 1961 का इनकम टैक्स कानून लागू है। बजट 2020 में सरकार ने इसी कानून के तहत एक नई टैक्स रिजीम लागू की थी। लेकिन जुलाई 2024 में पेश किए गए बजट में सरकार ने साफ कहा था कि देश में इनकम टैक्स कानून को बदलने की जरूरत है। इसके लिए एक समीक्षा कमेटी बनाई गई थी। अब उसी के आधार पर सरकार ने नया बिल लाने का ऐलान किया है, इससे बनने वाला इनकम टैक्स कानून देश में 1961 के कानून की जगह लेगा।

नए इनकम टैक्स कानून में क्या होगा, इसे लेकर बजट में खास ऐलान नहीं किया गया है। लेकिन सरकार ने बजट में जिन 6 कोर को पहचान दी है, उनमें से एक रेग्युलेटरी रिफॉर्म का है। देश में रेग्युलेशन को आसान बनाने का जिक्र कल आए इकोनॉमिक सर्वे में भी किया गया है। निश्चित तौर पर नए कानून में सरकार टैक्स का सरलीकरण करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नया इनकम टैक्स कानून ‘न्याय’ देने वाला होगा। ये मौजूदा बिल से सरल होगा। ये लिटिगेशन को कम करेगा।

बजट 2025: किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़कर पांच लाख रुपये

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बजट 2025 में मोदी सरकार ने देश के करोड़ों किसानों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढा दी है। अब यह सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। बजट में सरकार ने किसानों को लेकर कई और बड़ी घोषणाएं भी की है। इनमें धन धान्य कृषि योजना, कृषि कार्यक्रम से 1.7 करोड़ किसानों की मदद, कम उत्पादकता वाले 100 जिलों को कवर करने के लिए कृषि योजना शामिल है।

किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन की लिमिट बढ़ी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, किसान क्रेडिट कार्ड 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को अल्पावधि ऋण की सुविधा प्रदान करता है। संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए गए ऋण के लिए ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी जाएगी।

एससी और एसटी को 5 साल में टर्म लोन देने का प्रस्ताव

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति को अगले 5 साल में टर्म लोन देने का प्रस्ताव है। इसके अलावा श्रमिक क्षेत्र में सरकार की बड़े योजना का प्रस्ताव की तैयारी है। माइक्रो स्मॉल इंटरप्राइजेज को लोन की सीमा 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करने का प्रस्ताव।

एमएसएमई सेक्टर में क्रेडिट कवर बढ़ाया जाएगा

इस बजट में सरकार ने कई छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने की कोशिश की है। वित्त मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की संख्या एक करोड़ है और इनसे 5.7 करोड़ लोग जुड़े हैं। यह भारत को दुनिया में मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में मददगार है। ये एमएसएमई 45 फीसदी निर्यात में हिस्सेदारी रखते हैं। एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को बढ़ाया जाएगा। एमएसएमई वर्गीकरण के लिए निवेश की सीमा 2.5 गुना बढ़ाई जाएगी। वर्गीकरण के लए टर्नओवर सीमा दो गुना की जाएगी। सूक्ष्म उद्यमों के लिए कस्टमाइज्ड क्रेडिट जारी होंगे, जिनकी सीमा पांच लाख रुपये होगी। पहले वर्ष ऐसे 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।

पीएम स्वनिधि स्कीम को बढ़ाया जा रहा है

वित्त मंत्री ने कहा, पीएम स्वनिधि स्कीम से 60 लाख स्ट्रीट वेंडर को फायदा पहुंचा है। उन्हें इस स्कीम के जरिए लोन मिला है। इस स्कीम को बढ़ाया जा रहा है। लोन की सीमा बढ़ाकर 30 लाख करने का प्रस्ताव किया जा रहा है।