*बिजली के चाक से कम समय में अधिक उत्पादन और लाभ- विधायक*

खजनी गोरखपुर।उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के द्वारा विपणन विकास सहायता और प्रचार-प्रसार योजना के तहत माटी कला से जुड़े उत्पादों के उपयोग के लिए जन जागरूकता लाने तथा माटी कला से जुड़े उद्यमियों को नवाचार से परिचित कराने के लिए एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन खजनी कस्बे में स्थित कंबल कारखाना परिसर में किया गया। मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं विधायक श्रीराम चौहान ने विभाग द्वारा जिले के 45 प्रशिक्षित कुम्हारों को मुफ्त बिजली से चलने वाला चाक और प्रमाणपत्र देते हुए कहा कि कुम्हारों की आमदनी बढ़ाने के लिए बिजली से चलने वाले इस चाक से समय की बचत होगी तथा उत्पाद वृद्धि से उनकी आमदनी बढ़ेगी और परिवार में खुशहाली आएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार (प्रजापति) कुम्हार समाज के उत्थान के लिये सतत प्रयत्नशील है, और उनके हित के लिए योजनाएं चला रही है। कुम्हार अब हांथ से चलाने वाले पुराने पारंपरिक पत्थर के बड़े चाक के स्थान पर बिजली से चलने वाले चाक चला रहे हैं।

जिला उद्योग अधिकारी ए.के. पाल‌ ने कहा कि बिजली से चलने वाले चाक के प्रयोग से कुम्हारों को काम करने में आसानी होगी वे पहले से ज्यादा काम भी कर सकेंगे। उनका काम तकनीकी रूप से और अच्छा होगा। मशीनों के प्रयोग के बाद कुम्हारों को अपने परिवार का जीवन स्तर सुधारने में भी मदद मिलेगी। मौके पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष जगदीश चौरसिया, खजनी ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि शक्ति सिंह,भाजपा मंडल अध्यक्ष अवध बिहारी मिश्रा,धरणीधर राम त्रिपाठी पमहदेवा मंडल अध्यक्ष दुर्गेश पटवा, माल्हनपार मंडल अध्यक्ष अश्विनी सिंह, बेलघाट मंडल अध्यक्ष बजरंगी सिंह, तारकेश्वर मिश्रा समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।

*लोन दिलाने का झांसा देकर महिला से दुष्कर्म और जमीन लिखाई*

खजनी गोरखपुर।महिला से अवैध शारीरिक संबंध बनाने तथा उसे बैंक से लोन दिलाने का झांसा देकर तहसील ले जाकर उसकी जमीन रिजस्ट्री कराने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित महिला की तहरीर पर केस दर्ज कर पुलिस कार्रवाई में जुट गई है।

बेलघाट ब्लॉक क्षेत्र के एक गाँव की निवासी महिला ने सिकरीगंज थाने में दी गई तहरीर में बताया कि उसके पति विदेश में रहते हैं, वह बच्चों के साथ गाँव में अकेली रहती है, उसने एक गाय पाल रखी है और गाँव का ही एक व्यक्ति उससे गाय का दूध ले जाता था। गाँव के व्यक्ति ने सिकरीगंज इलाके के रोहारी गाँव के रहने वाले संजय यादव और सुदर्शन यादव से महिला की मुलाकात कराई थी। महिला ने आरोप लगाया है कि, इन लोगों ने कहा कि हम तुम्हारे खेत पर लोन करा देंगे। महिला उनके झांसे में आ गई और उनके साथ खजनी हरनहीं तहसील पर चली गई। महिला से उसके खेत का नंबर लिया गया और उसे बताया गया कि तुम्हारे खेत पर ढाई लाख रूपए का लोन हो रहा है। इसी दौरान बीते 18 दिसम्बर को महिला को रूपए लोन दिलाने का झांसा देकर खेत उसका खेत बैनामा करा लिया तथा महिला से कहा कि तुम किसी से कुछ मत कहना तुम्हारा लोन पास करा दिया जाएगा। महिला ने बताया कि 16 दिसंबर को उसके बैंक खाते में पहले एक लाख 36 हजार रुपए डालें उसके बाद कहा कि तुम पैसा निकाल कर मुझे दे दो। महिला ने बताया कि आरोपित राधेश्याम ने कई बार उसी के पैसे को खाते में डालने और निकालने का काम किया। उसके बाद संजय यादव ने महिला को उसकी बहन के घर ले जाने के दौरान रास्ते में सुनसान जगह पर ले जाकर महिला के साथ जबरन दुष्कर्म किया।

पीड़ित महिला की तहरीर पर सिकरीगंज पुलिस ने मुकदमा अपराध संख्या 13/2025 में बीएनएस की धाराओं 64, 318(4), 351(3), 61(2) के तहत आरोपितों राधेश्याम निवासी ग्राम बरपरवा बाबू थाना बेलघाट संजय यादव और सुदर्शन यादव निवासी ग्राम रोहारी थाना सिकरीगंज के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

सिकरीगंज थानाध्यक्ष कमलेश कुमार ने बताया कि महिला की शिकायत पर तीन लोगों के विरुद्ध केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपितों की तालाश की जा रही है।

जीवन को लेकर आयुर्वेद, योग और नाथपंथ की मान्यता एक : सीएम योगी

गोरखपुर, 13 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय मनीषा मानती है कि ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्'। अर्थात धर्म की साधना के लिए शरीर ही माध्यम है। धर्म के सभी साधन स्वस्थ शरीर से ही संभव हो सकते हैं। धर्मपरक जीवन से ही अर्थ, कामनाओं की सिद्धि और फिर मोक्ष प्राप्ति संभव है। इस परिप्रेक्ष्य में धर्म साधना से जुड़े जीवन को लेकर आयुर्वेद, योग और नाथपंथ की मान्यता के समान है।

सीएम योगी सोमवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) की तरफ से आयुर्वेद, योग और नाथपंथ के पारस्परिक अंतरसंबंधों को समझने के लिए आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन विशेष व्याख्यान दे रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में ‘आयुर्वेद, योग और नाथपंथ का मानवता के प्रति योगदान’ विषय पर केंद्रित अपने व्याख्यान में उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की मान्यता है कि चराचर जगत पंचभूतों से बना है। इन्हीं पंचभूतों से हमारा शरीर भी बना है। महायोगी गुरु गोरखनाथ ने भी कहा है कि पिंड में ही ब्रह्मांड समाया है। जो तत्व ब्रह्मांड में है वही हमारे शरीर में भी हैं।

आयुर्वेद, योग और नाथपंथ सबका ध्यान नियम-संयम पर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय मनीषा में हर व्यक्ति के जीवन का एक अभीष्ट होता है, धर्म के पथ पर चलते हुए मोक्ष की प्राप्ति करना प्रति करना। धर्म की साधना के लिए स्वस्थ शरीर की अपरिहर्ता हमारे ऋषियों, मुनियों ने बताई है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद, योग और नाथपंथ, तीनों नियम-संयम पर जोर देते हैं। आयुर्वेद में जहां व्याधियों को दूर करने के लिए औषधियों और पंचकर्म की पद्धतियां हैं तो वही योग में भी हठयोग, राजयोग, ज्ञानयोग, लययोग और क्रियायोग की विशिष्ट विधियां हैं। इसी क्रम में शरीर की आरोग्यता के लिए नाथपंथ का हठयोगी योग को खट्कर्म से जोड़ता है। आयुर्वेद, योग और नाथपंथ की पद्धतियां, तीनों ही वात, पित्त और कफ से जनित रोगों के निदान के लिए एक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं और वह मार्ग है नियम-संयम। सीएम योगी ने कहा कि आयुर्वेद, योग और नाथपंथ तीनों ही व्यवहारिकता के स्तर पर एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। तीनों ने ही शरीर को पंचभौतिक माना है।

नाथ योगियों ने दिया है अंतःकरण की शुद्धि पर जोर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नियम-संयम का जीवन में बड़ा महत्व है। योग ने उसी को जोड़ा है। अंतःकरण की शुद्धि नियम-संयम से ही हो सकती है। नाथ योगियों ने क्रियात्मक योग के माध्यम से नियम संयम की विशिष्ट विधा दी है। कौन सी क्रिया का लाभ कब प्राप्त होगा, नाथ योगियों ने इसे विस्तार से समझाया है। उन्होंने कहा कि योग के कई आसनों के नाम नाथ योगियों के नाम पर हैं जैसे गोरखआसन, मत्स्येंद्रआसान, गोमुखआसन आदि। सीएम योगी ने कहा कि नाथ परंपरा में हर नाथ योगी जनेऊ धारण करता है जो उसे शरीर की नाड़ियों से अवगत कराता है। नाथ जनेऊ की उपयोगिता उसे योगी की दीक्षा के समय बताई जाती है। योग हर नाथ योगी के जीवन का अभिन्न हिस्सा होता है।

चेतना के उच्च आयाम पर पहुंचने का मार्ग दिखाया गुरु गोरखनाथ ने

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु गोरखनाथ ने चेतना के उच्च आयाम तक पहुंचाने का मार्ग दिखाया है। उन्होंने चेतन मन के साथ ही अवचेतन और अचेतन मन को साधने की क्रिया भी सिखाई है। मानव मन, बिना साधना के जितना चेतन होता है वह संपूर्ण चेतना का बहुत छोटा भाग है। योग के माध्यम से साधना की चरम सीमा पर जाकर हम अवचेतन और अचेतन मन के रहस्यों को उद्घाटित कर सकते हैं। नाथ योगियों की साधना का उद्देश्य भी यही रहा है।

शरीर की साधना से ही अष्ट सिद्धियों की प्राप्ति

मुख्यमंत्री ने कहा कि शरीर की यही साधना अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों को प्राप्त करने का माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार जीवन के लिए प्राण आवश्यक है उसी प्रकार मन की वृत्तियों और शरीर के बीच तारतम्य स्थापित करने के लिए प्राणायाम भी आवश्यक है।

भारत की ज्ञान धारा को प्राप्त हो रहा प्राचीन गौरव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपने प्राचीन ज्ञान के धरोहरों से हमने दूरी बनानी प्रारंभ की तो एक समय ऐसा भी आ गया कि भारतीय हीन भावना का विषय बन गए। अपने दिव्यज्ञान के स्रोत से वंचित होते गए। हमारी प्राचीन आयुर्वेद की दवाओं को बाहरी लोगों ने पेटेंट करना शुरू कर दिया। पर, आज यह सुखद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत की प्राचीन ज्ञान धारा, आयुर्वेद और योग को फिर से प्राचीन गौरव प्राप्त हो रहा है। पूरी दुनिया एक बार फिर आयुर्वेद और योग के प्रति केंद्रित होकर भारत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रही है।

सृष्टि के कालखंड की सबसे प्राचीन है भारतीय संस्कृति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाथ ने कहा कि भारत की सभ्यता और संस्कृति अति प्राचीन है। सृष्टि के कालखंड की सबसे प्राचीन संस्कृति भारतीय संस्कृति को माना जाता है। अलग-अलग कालखंड में ऋषियों, मुनियों ने अपनी ज्ञान के धारा के अनुभव से इसे नया आयाम प्रदान किया। पहले ज्ञान की परंपरा गुरु शिष्य के माध्यम से श्रवण परंपरा थी। उसे लिपिबद्ध करने का कार्य महर्षि वेदव्यास ने चार संहिताओं के माध्यम से किया। महर्षि वेदव्यास ने न केवल चार वेदों ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद की रचना की बल्कि उन्होंने श्रीमद्भागवत पुराण समेत 18 पुराणों की रचना को भी ज्ञान से जोड़कर भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाया। महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत पुराण आज भी भारत वासियों को धर्म का सही मार्ग दिखाता है।

धर्म पथ पर चलकर सफलता के चरम पर पहुंचना ही मोक्ष

मुख्यमंत्री ने कहा कि मोक्ष या मुक्ति सिर्फ मरण से नहीं मिलती है बल्कि श्रीमद्भागवत के अनुसार धर्म के पथ पर चलते हुए सफलता के चरम पर पहुंचना ही मोक्ष है। महर्षि वेदव्यास ने भागवत पुराण के माध्यम से यह शिक्षा दी है कि सभी लोग धर्म के मार्ग का अनुसरण करें। धर्म के मार्ग का अनुसरण करने पर अर्थ और कामनाओं की भी सिद्ध हो सकती है।

धर्म केवल उपासना तक सीमित नहीं

सीएम योगी ने कहा कि भारतीय मनीषा ने धर्म को उपासना तक सीमित नहीं माना है। धर्म का स्वरूप विराट परिप्रेक्ष्य में निर्धारित किया गया है। कर्तव्य, सदाचार और नैतिक मूल्य के विशिष्ट जीवन पद्धति को समग्र रूप में भारतीय मनीषा धर्म के रूप में स्थापित करती है। धर्म के मार्ग से अर्थ और कामनाओं की सिद्धि से मोक्ष अपने आप प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि हिंदू कहलाने के लिए मंदिर जाना या धार्मिक ग्रंथो का पढ़ना आवश्यक नहीं है। हमारी सनातन परंपरा में धर्म को एक व्यापक दृष्टि से देखा और समझा गया है।

ज्ञान के लिए सभी दरवाजे खुले रखो

सीएम योगी ने कहा कि एक विश्वविद्यालय या शिक्षा संस्थान रचनात्मक कार्यों से वर्तमान पीढ़ी को नवीन ज्ञान से ओतप्रोत करता है। हमारे वैदिक संस्कृति का सूत्र भी यही है, ‘आनो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः।’ अर्थात ज्ञान के लिए सभी दरवाजे खुले रखो। ऐसे में इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के माध्यम से ज्ञान के प्रति जड़ता तोड़ने और उसे नवीनता से परिपूर्ण करने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

स्वागत संबोधन महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह और आभार ज्ञापन आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम ने किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी, मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह,

आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह, बीएचयू के वरिष्ठ आचार्य डॉ. के. रामचंद्र रेड्डी,

इजराइल के आयुर्वेद औषधि विशेषज्ञ वैद्य गुई लेविन, श्रीलंका से आए आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. टी. वीररत्ना, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव सहित संगोष्ठी में देश और दुनिया से प्रतिभागी, शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

संगोष्ठी की स्मारिका और दो पुस्तकों का सीएम ने किया विमोचन, स्टालों का किया अवलोकन

मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी की स्मारिका और डॉ. के. रामचंद्र रेड्डी व डॉ. शांतिभूषण हांदुर द्वारा लिखित दो पुस्तकों का विमोचन किया। मंच पर आगमन से पूर्व उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माताओं डाबर, वैद्यनाथ, श्रीधुतपापेश्वर, ऐमिल, हिमालया और वैद्यरत्नम की तरफ से लगाए गए स्टालों का भी अवलोकन किया।

*समाधान दिवस में पहुंचे दो फरियादी, एक का समाधान*

गोरखपुर- थाने में आयोजित वर्ष 2025 के पहले समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहे खजनी के तहसीलदार कृष्ण गोपाल तिवारी एवं दिवस प्रभारी एसएसआई बलराम पाण्डेय की उपस्थिति में दो फरियादी अपनी भूमि विवाद से संबंधित समस्याएं लेकर पेश हुए, जिनमें तहसीलदार के द्वारा एक मामले का मौके पर समाधान करा दिया गया।

वहीं दूसरे मामले में पैमाइश के लिये पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम गठित करते हुए उन्हें मौके पर पहुंच कर जांच करने तथा अगले थाना दिवस तक जांच आख्या प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया। मौके पर राजस्व निरीक्षक गंगा प्रसाद मिश्रा, रामप्रकाश चौरसिया, सहित राजस्व निरीक्षक और हल्का लेखपाल मौजूद रहे।

*मंदिर की चला सफाई अभियान, सांसद रवि किशन और मेयर ने नौका विहार पर लगाई झाड़ू*

गोरखपुर- मैरियन फाउंडेशन के तत्वावधान में हाउस औफ मोज़ेक के संस्थापक और सेंट पॉल स्कूल के ट्रस्टी अमरीश चंद्रा तथा मुख्य अतिथि सांसद रवि किशन ने बुड़िया माई मंदिर की सफाई अभियान को स्वयं झाड़ू लगाकर आगे बढ़ाया। इसके बाद सेंट पॉल स्कूल जो की शहर का पहला एस.डी.जी. अवेयर स्कूल हैके छात्रों ने पूरे रास्ते पर झाड़ू लगाई और आसपास फैली गंदगी को भी उठाया।

रवि किशन ने कहा कि जिस तरह हमारे प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान की पहल की है और भारत के सभी नागरिकों ने इसे आगे बढ़ाया है, ठीक उसी तरह हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है। इसे देखते हुए इस जगह को प्लास्टिक मुक्त बनाया जाना चाहिए। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि प्लास्टिक बहुत हानिकारक है। इस जगह पर रहने वाले जानवर प्लास्टिक खाकर मर जाते हैं। रवि किशन ने हाउस औफ मोज़ेक के संस्थापक और सेंट पॉल स्कूल के ट्रस्टी अमरीश चंद्रा तथा सेंट पॉल स्कूल के छात्रों और पूरे सेंट पॉल स्कूल प्रबंधन टीम को भी धन्यवाद दिया। और इस जगह को प्लास्टिक मुक्त बनाने की कोशिश की सराहना की। और कहा कि हम सभी मिलकर बुढ़िया माई मंदिर के 4 किलोमीटर के पूरे हिस्से को साफ करने का प्रण लेते है।

अंत में अमरीश चंद्र ने सांसद रवि किशन श्रीमती प्रीति चन्द्रा, हेड, जूनियर सेक्शन, सेन्ट पाॅल्स स्कूल, विवेक यादव, डी.एफ.ओ. गोरखपुर और सभी छात्रों, प्रबंधन कर्मचारियों और सभी उपस्थित महानुभावों को इस पहल में शामिल होने इसे संभव बनाने के लिए धन्यवाद दिया ।

*जनांदोलन बना सौ दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान, निजी क्षेत्र के चिकित्सक भी आगे आए*

गोरखपुर- जिले में चल रहा सौ दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान जनांदोलन बनने लगा है। सरकारी क्षेत्र के साथ अब इस अभियान का हिस्सा निजी क्षेत्र भी बनेगा। शुक्रवार की देर रात तक निजी क्षेत्र के चिकित्सकों के साथ इस अभियान के बारे में चर्चा की गई। मौका था टीबी नोटिफिकेशन और मैनेजमेंट संबंधित सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का, जिसे डॉक्टर्स फॉर यू संस्था के सहयोग से स्वास्थ्य विभाग ने आयोजित किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने निजी क्षेत्र से अपील की कि वह अधिकाधिक टीबी मरीजों को खोजने में मददगार बनें। इस बीच, जिले के मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना ने भी एक वीडियो संदेश के माध्यम से उच्च जोखिम समूह के लोगों से टीबी जांच की अपील की है। सौ दिन के अभियान में इस समूह के 9.50 लाख लोगों की टीबी जांच होनी है।

मुख्य विकास अधिकारी ने कहा है कि टीबी एक ऐसी बीमारी है जो समय से इलाज न करवाने पर फैलती है। दो सप्ताह से अधिक की खांसी, पसीने के साथ बुखार, तेजी से वजन गिरना आदि टीबी के लक्षण हैं। साठ वर्ष से अधिक के लोग, मधुमेह रोगी, शराब पीने व धुम्रपान करने वाले लोग, एचआईवी मरीज और अन्य सहरूग्णता वाले लोग टीबी के मरीज भी हो सकते हैं। ऐसे लोगों की नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में टीबी जांच आवश्यक है। जांच के बाद टीबी निकले तो डरने की आवश्यकता नहीं है, इस बीमारी का पूरा इलाज संभव है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कमार दूबे ने बताया कि जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव, जिला पंचायती राज अधिकारी नीलेश प्रताप सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव कुमार मिश्र समेत कई सामाजिक लोगों ने भी वीडियो अपील के माध्यम से इस अभियान को सफल बनाने में योगदान दिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और पीडियाट्रिक एसोसिएशन के गोरखपुर चैप्टर की मदद से निजी क्षेत्र के कई दर्जन प्रतिष्ठित चिकित्सकों का संवेदीकरण किया गया है और उनकी तरफ से भी आश्वासन मिला है कि वह टीबी मरीज खोजने में मदद करेंगे।

इस अवसर पर उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, डीपीसी धर्मवीर प्रताप सिंह, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र, मिर्जा आफताब बेग, मयंक, अभयनंदन, डॉक्टर्स फॉर यू के राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय प्रतिनिधिगण भी मौजूद रहे। पाथ संस्था की प्रतिनिधि डॉ सुचेता ने इस मौके पर आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के बारे में चिकित्सकों को जानकारी दी।

निक्षय मित्र बनने की अपील

सीएमओ ने निजी क्षेत्र के चिकित्सकों से निक्षय मित्र बन टीबी मरीजों को गोद लेने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के चिकित्सक अपने यहां उच्च जोखिम समूह के अधिकाधिक लोगों की एक्स रे जांच कराएं। अगर टीबी का लक्षण है तो सीबीनॉट जांच के लिए जिला क्षय रोग केंद्र भेजें। निजी क्षेत्र के चिकित्सक मरीज से परामर्श शुल्क ले सकते हैं और साथ में अपने मरीजों को भी सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाएं दिलवा सकते हैं। ऐसे मरीजों को भी निक्षय पोषण योजना के तहत 1000 रुपये प्रति माह की दर से इलाज चलने तक पोषण सहायता राशि दी जाती है। नोटिफिकेशन करने वाले चिकित्सक को 500 रुपये नया मरीज नोटिफाई करने पर, जबकि 500 रुपये मरीज के ठीक हो जाने पर दिये जाते हैं।

*मुफ्त नेत्र जांच शिविर में 52 मोतियाबिंद के मरीज मिले, 285 लोगों का मुफ्त इलाज*

गोरखपुर- जिले के मशहूर नेत्र चिकित्सक एवं सर्जन डॉक्टर वाई सिंह द्वारा मुफ्त एक दिवसीय नेत्र जांच शिविर का शुभारंभ मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक प्रदीप शुक्ला और तहसीलदार खजनी कृष्ण गोपाल तिवारी ने फीता काट कर किया गया। मुख्य अतिथि विधायक प्रदीप शुक्ला ने कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा सराहनीय कार्य है, अयोध्या में भगवान श्रीराम के प्राण-प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के मौके पर स्वास्थ्य शिविर के आयोजन से क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। विधायक ने ग्रामप्रधानों और स्थानीय पत्रकारों को स्मृति चिन्ह भेंट देकर सम्मानित किया।

शिविर में पहुंचे लोगों ने इस आयोजन के लिए संतोष तिवारी के योगदान की सराहना की, शिविर में विमलेश तिवारी, मंगलम भरतिया, उमेश दूबे, ऋषभ त्रिपाठी आदि ने सहयोग किया।

इस दौरान आयोजित स्वास्थ्य शिविर में खजनी पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर प्रदीप तिवारी के निर्देशन में आरबीएसके टीम के प्रभारी डॉक्टर त्रिवेणी कुमार द्विवेदी एवं उनके सहयोगियों के द्वारा मरीजों का मुफ्त जांच और इलाज किया गया।

शिविर में पहुंचे कुल 285 लोगों के आंखों की जांच कर उन्हें मुफ्त दवाएं दी गईं, इस दौरान 52 मरीज मोतियाबिंद से पीड़ित मिले। डॉक्टर वाई सिंह के द्वारा मोतियाबिंद के सभी मरीजों को उनके मुफ्त आॅपरेशन के लिए शहर के संगम आई हाॅस्पिटल में बुलाया गया। डॉक्टर वाई सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में संसाधनों के अभाव में मोतियाबिंद से पीड़ित गरीब तबके के लोग समय से अपना इलाज नहीं करा पाते आज शिविर में ऐसे सभी लोगों के मुफ्त आॅपरेशन और इलाज की व्यवस्था की गई।

इस दौरान उनवल के चेयरमैन महेश दूबे एडवोकेट धीरज यादव, बृजेश सिंह, ज्ञानेंद्र राय, श्रद्धा त्रिपाठी, कृष्णा, दीपक, नायब तहसीलदार राम सूरज प्रसाद, राकेश कुमार शुक्ला खजनी मंडल अध्यक्ष अवध बिहारी मिश्रा, जिला पंचायत सदस्य रजनी देवी, जगदंबा शुक्ला, अमित सिंह, सुमित सिंह, राहुल उर्फ संगम त्रिपाठी, अर्जुन जायसवाल, मयंक त्रिपाठी समेत दर्जनों की संख्या में स्थानीय गणमान्य लोग मौजूद रहे।

आमी नदी में अज्ञात युवक का शव मिला

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के विश्वनाथपुर गांव में बीती रात लिंक एक्सप्रेस-वे के पास आमी नदी के पानी में एक अज्ञात युवक का शव मिला। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची खजनी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामे के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए जिले पर भेज दिया है। मृत युवक का क्षत-विक्षत शव लगभग 4 दिन पुराना बताया गया। थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने बताया कि मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

सांसद रवि किशन शुक्ला को केंद्रीय सैनिक बोर्ड का सदस्य किया गया नामित

गोरखपुर के सांसद और प्रसिद्ध अभिनेता रवि किशन शुक्ला को केंद्र सरकार ने एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें केंद्रीय सैनिक बोर्ड पर संसद सदस्य के रूप में नामित किया गया है। इस नामांकन के तहत उन्हें देश के सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम करना होगा।

इस नियुक्ति की जानकारी देते हुए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि यह सरकार का सांसद रवि किशन पर गहरा विश्वास और उनके कार्यों के प्रति सराहना को दर्शाता है। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि सांसद रवि किशन इस नई जिम्मेदारी को अपने बहुमूल्य समय और समर्पण के साथ निभाएंगे।

केंद्रीय सैनिक बोर्ड: एक परिचय

केंद्रीय सैनिक बोर्ड देश के सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था है, जो उनके हितों की रक्षा और कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में सहायक भूमिका निभाती है। इस बोर्ड में सांसद रवि किशन की नियुक्ति यह दर्शाती है कि उनकी अनुभव और प्रतिबद्धता को सरकार ने उचित महत्व दिया है।

सांसद रवि किशन पहले से निभा रहे अहम जिम्मेदारियां

सांसद रवि किशन शुक्ला पहले से ही कई महत्वपूर्ण समितियों और जिम्मेदारियों का हिस्सा हैं:

1. स्थायी समिति रक्षा:

- रक्षा नीति औरय योजनाओं की समीक्षा।

- सैनिकों के कल्याण और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सुझाव।

2. परामर्शदात्री समिति (पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय):

- ऊर्जा संसाधनों के उपयोग और प्रबंधन पर परामर्श।

- मंत्रालय की योजनाओं को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सुझाव।

3. विशेष आमंत्रण:

- मौद्रिक नीति और बिजली क्षेत्र में सुझाव और मार्गदर्शन।

सांसद रवि किशन की प्रतिक्रिया

इस नामांकन पर सांसद रवि किशन ने कहा: "केंद्रीय सैनिक बोर्ड पर नामांकित होना मेरे लिए गर्व की बात है। यह अवसर मुझे हमारे सैनिकों और उनके परिवारों के लिए कुछ विशेष करने का मौका देगा। मैं इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाऊंगा।"

जनता और क्षेत्रीय प्रतिक्रिया गोरखपुर की जनता ने सांसद रवि किशन को बधाई दी और इसे क्षेत्र का गौरव बताया। क्षेत्रवासियों का कहना है कि सांसद रवि किशन के प्रयासों से गोरखपुर और देश दोनों का नाम रोशन हो रहा है।

सरकार का विश्वास, सांसद की प्रतिबद्धता सांसद रवि किशन का यह नामांकन दर्शाता है कि वे सरकार के भरोसे पर खरे उतर रहे हैं। उनकी बहुआयामी भूमिका और सक्रियता ने न केवल गोरखपुर बल्कि पूरे देश में उनकी छवि को और सशक्त बनाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संसदीय कार्य मंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए सांसद रवि किशन ने कहा कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ करेंगे।

गोरखपुर और देशवासियों की आशा है कि सांसद रवि किशन अपने इस नए दायित्व को भी उतनी ही जिम्मेदारी से निभाएंगे, जितनी उन्होंने अपनी अब तक की भूमिकाओं में निभाई है।*

गोरखपुर महोत्सव में सीआरसी द्वारा आयोजित हुई समावेशी खेल प्रतियोगिता

गोरखपुर महोत्सव के अंतर्गत आज सीआरसी गोरखपुर द्वारा समावेशी खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें दिव्यांगजन और सामान्य लोगों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर दिव्यांगजन हेतु जहां गोरखपुर स्थित क्षेत्रीय क्रीड़ा केंद्र में ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर रेस प्रतियोगिता तथा बाल थ्रो प्रतियोगिता आयोजित हुई। वहीं सामान्य छात्रों हेतु पुरुष वर्ग में 100 मीटर और महिला वर्ग में 100 मीटर दौड़ प्रतियोगिता तथा खो-खो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

ट्राई साइकिल रेस में राकेश कुमार ने प्रथम, रामनिवास ने द्वितीय तथा सोनू मिश्रा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। पुरुषों की 100 मीटर दौड़ में श्री आदर्श सिंह प्रथम, नवीन सिंह द्वितीय और आदित्य ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। महिला वर्ग दौड़ प्रतियोगिता में निधि प्रथम, सोनम यादव द्वितीय तथा वैदेही ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इस समावेशी खेल प्रतियोगिता में गोरखपुर के कैंपियरगंज, पीपीगंज, सहजनवा, उनवल तथा आसपास के सुदूरवर्ती क्षेत्र के दिव्यांगजनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उनके रुकने तथा भोजन आदि की व्यवस्था सीआरसी उपलब्ध कराई थी। इस प्रतियोगिता में ये दिव्यांगजन हर साल प्रतिभाग करते हैं और एक दिन पहले से आकर के विभिन्न प्रतियोगिताओं की सीआरसी में तैयारी करते हैं।

सीआरसी गोरखपुर के निदेशक जितेंद्र यादव ने कहा कि यह समावेशी खेल प्रतियोगिता दिव्यांगजनों के साथ-साथ समाज के सामान्य जनों में भी उत्साह का संचरण करेगी ताकि वे अपने आस-पास रहने वाले दिव्यांगजनों को प्रेरित कर सकें। बता दें विगत कई सालों से सीआरसी गोरखपुर महोत्सव के अंतर्गत आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में प्रतिभाग करता रहा है और गोरखपुर महोत्सव स्थल पर नियमित अपने स्टॉल की प्रदर्शनी लगाता रहा है जहां पर सीआरसी में उपलब्ध दिव्यांगजनों हेतु सभी सेवाओं के बारे में बताया जाता है। सीआरसी गोरखपुर दिव्यांगजनों हेतु भारत सरकार का एक राज्य स्तरीय संसाधन केंद्र है जहां पर दिव्यांगजनों हेतु सभी प्रकार की सुविधाएं नि:शुल्क उपलब्ध है।