*शोधपीठ की त्रैमासिक ई-पत्रिका गोरख पथ के पांचवें संस्करण का विमोचन*

गोरखपुर- दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर स्थित महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ की त्रैमासिक ई-पत्रिका गोरख पथ के द्वितीय वर्ष के चतुर्थ अंक का विमोचन प्रो. पूनम टण्डन, मा. कुलपति, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के द्वारा किया गया।

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने पिछले वर्ष से लगातार प्रकाशित हो रही इस पत्रिका की सराहना करते हुए कहा कि यह पत्रिका शोधपीठ की गतिविधियों का महत्वपूर्ण दस्तावेज है। शोधपीठ के उपनिदेशक डा. कुशलनाथ मिश्र ने बताया कि इस अंक में अक्टूबर, नवम्बर एवं दिसम्बर माह में शोधपीठ में हुये कार्यक्रमों को विस्तार से समेटा गया है। शोधपीठ के शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों से युक्त इस पत्रिका को विश्वविद्यालय एवं शोधपीठ के आधिकारिक वेबसाइट पर पढ़ा जा सकता है।

इस अवसर पर ई-पत्रिका के सम्पादक महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ के उप निदेशक डॉ. कुशलनाथ मिश्र, सह सम्पादक शोधपीठ के सहायक निदेशक डॉ. सोनल सिंह, रिसर्च एसोसिएट डॉ. सुनील कुमार एवं वरिष्ठ शोध अध्येता डॉ. हर्षवर्धन सिंह उपस्थित रहे।

*महाकुंभ 2025 तथा खिचड़ी मेला पर्व की तैयारियों को मॉक ड्रिल कर परखी गई*

गोरखपुर- रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 01 पर स्थापित पश्चिम पुल (फुट ओवर ब्रिज) के समीप मॉक ड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 13 जनवरी से आयोजित होने वाले महाकुंभ तथा खिचड़ी मेला पर्व के दौरान रेल मार्ग से भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिसके दृष्टिगत रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित हो तथा सभी विभागों के मध्य समन्वय स्थापित रहे, हेतु मॉक ड्रिल कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

मॉक ड्रिल कार्यक्रम को तीन चरणों में संपादित किया गया: -

प्रथम चरण: यह प्रदर्शित किया गया कि एक ही समय में स्टेशन पर भारी संख्या में लोग आ गए हैं जिसके कारण प्लेटफार्म संख्या एक पर स्थापित फुट ओवर ब्रिज क्षतिग्रस्त हो गया है जिसमें कई व्यक्ति घायल हो गए हैं। फुट ओवर ब्रिज क्षतिग्रस्त होने के कारण उसमें 15 लोग दबे हुए हैं जिनको निकालने के लिए रेलवे की टेक्निकल टीम कटर मशीन आदि अन्य संसाधनों का प्रयोग कर सुरक्षित बाहर निकालने की कार्रवाई को प्रदर्शित करती है। सुरक्षित बाहर निकालने की पश्चात उन्हें प्राथमिक उपचार प्रदान कर जिला अस्पताल रेफर किया जाता है।

द्वितीय चरण: दूसरे चरण में यह प्रदर्शित किया जाता है कि लगभग 175 लोग घायल हुए हैं जिनमें से 75 व्यक्तियों को रेलवे स्टेशन पर ही स्थापित किए गए वैकल्पिक चिकित्सा केंद्र में प्राथमिक उपचार प्रदान कर रवाना किया जाता है और शेष 100 व्यक्ति जो गंभीर रूप से घायल है उन्हें एंबुलेंस के माध्यम से जिला चिकित्सालय, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, रेलवे चिकित्सालय, ए.आई.आई.एम.एस. आदि स्थलों पर रेफर किया जाता है। रेफर किये जा रहे घायलों का विवरण रेलवे हेल्प डेस्क पर अंकित किया जाता है जिससे कि परिजनों को सही सूचना उपलब्ध कराई जा सके।

तृतीय चरण: इसस्थिति में यह प्रदर्शित किया जाता है कि भगदड़ के दौरान किन्हीं कारण वर्ष अग्निकांड की घटना घटित होती है जिस पर रेलवे में उपलब्ध अग्निशमन यंत्र तथा अग्निशमन विभाग की रेस्क्यू टीम आग पर काबू पाने का प्रदर्शन करती है।

मॉक ड्रिल को सफल बनाने के लिए इनर कार्डन एवं आउटर कार्डन में स्थल को विभाजित किया गया। इनर कार्डन जहां पर घटना घटित हुई है वहां पर वही व्यक्ति प्रवेश कर रहे थे जो प्रशिक्षित थे और सुरक्षित रूप से लोगों को बाहर निकालने में सहयोग प्रदान कर रहे थे। आउटर कार्डन में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस आदि बल तैनात थे जो भीड़ को नियंत्रित करने तथा बाहर निकाले जा रहे को घायलों को प्राथमिक उपचार प्रदान कर रहे थे।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्यालय स्तर पर इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (ई.ओ.सी) को क्रियाशील किया गया और रेलवे द्वारा प्राप्त प्राथमिक सूचना के आधार पर सभी डिपार्टमेंट को घटनास्थल पर पहुंचने तथा आवश्यक सहयोग प्रदान करने हेतु सूचना का प्रसारण ई.ओ.सी. के माध्यम से किया गया।

मॉक कार्यक्रम के साथ-साथ रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा में कोई कमी ना रहे इस हेतु रेलवे प्रशासन द्वारा प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर के नेतृत्व में निम्नांकित अधिकारीगणों को तैनात किया गया:

सीनियर डिवीजनल सेफ्टी ऑफिसर, सीनियर डिवीजनल ऑपरेशनल मैनेजर, स्टेशन डायरेक्टर, असिस्टेंट कमांडेंट आर.पी.एफ., सीओ जी.आर.पी., डिवीजनल मेकेनिकल इंजीनियर आदि अन्य अधिकारी तैनात रहे।

मॉक ड्रिल कार्यक्रम में अपर जिलाधिकारी (वि/रा)/प्रभारी अधिकारी (आपदा) एवं पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) के नेतृत्व में अपर नगर मजिस्ट्रेट (प्रथम), डिप्टी कमांडेंट एन.डी.आर.एफ., अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, दल नायक एसडीआरएफ, फायर स्टेशन ऑफीसर, आपदा मित्र, मास्टर प्रशिक्षक, आदि अन्य विभागों के अधिकारीगण अपनी पूरी टीम के साथ तैनात रहे। मॉक ड्रिल कार्यक्रम का संचालन गौतम गुप्ता, जिला आपदा विशेषज्ञ गोरखपुर ने किया।

*शिक्षकों कि निलंबन एवं बर्खास्तगी को लेकर माध्यमिक शिक्षक संघ संयुक्त मोर्चा ने की प्रेस वार्ता

गोरखपुर- निलंबन एवं बर्खास्तगी को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि द्वारा गोरखपुर जर्नलिस्ट्स प्रेस क्लब पहुंचकर प्रेस वार्ता किया गया। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अगस्त 2023 में भंग होने के पश्चात प्रदेश भर चल रहे सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों के निलम्बन एवं वर्खास्तगी से सम्पूर्ण 'शैक्षक समाज आतंकित, एवं चिंतित है। शिक्षकों एवं प्रधानाचार्यों का प्रबन्धकों ‌द्वारा उत्पीड़न बदस्तूर जारी है। यह सिलसिला गोरखपुर में सर्वाधिक है। जहां 3-4 प्रधानाचार्यों की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया। वर्तमान में एक ही संस्था श्री राम रेखा सिंह इण्टर कालेज उरुवा बाजार गोरखपुर के प्रधानाचार्य एवं द्वय प्रवक्तागण को निलम्बित करते हुए निलम्बन का अनुमोदन भी कर दिया गया है। शिक्षक वं शिक्षा के सरंक्षण के लिए बना शिक्षा विभाग मूकदर्शक बना हुआ है।

सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय में अधिकांश निर्धन एवं कमजोर वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं। ऐसा माहौल सृजित कर न केवल यह इन प्रधानाचार्यों एवं शिक्षको का उत्पीड़न वल्कि निर्धन एवं कमजोर वर्ग के छात्रों के साथ अन्याय है। इस तरह की हो रही आये दिन की कार्यवाहियां लोक कल्याण के पावन उद्देश्य से स्थापित वि‌द्यालयों को पूंजीवाद के मूल सिद्धांत की ओर ले जाने का षड्यंत्र है। जो लाभ के सिद्धांत पर आधारित होता है। वह लाभ भी श्रमिकों व उपभोक्ताओं के मिलने के वजाय पूंजीपति को प्राप्त होता है। आज़ के इस पूंजीवादी दौर में समाज शवा की भावना से कार्य करने वाली प्रबन्ध समिति अब पूंजीवादी सिद्धांत पर कार्य करने के लिए उद्यत प्रतीत हो रही हैं। उत्त्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ संयुक्त मोर्चा मांग करता है कि गरीब एवं कमजोर वर्ग के छात्र छात्राओं के हित में प्रबन्धकीय उत्पीड़न एवं अत्याचार से प्रधानाचार्य/शिक्षकों को मुक्ति दिलाने के लिए गोरखपुर मण्डल में निलम्बित एवं वर्खास्तगी को समाप्त किया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाय कि भविष्य में किसी भी शिक्षक / कर्मचारी के विरूद्ध ऐसी पुनरावृत्ति न हो।

*राजस्व कर्मचारियों का एंटी करप्शन के खिलाफ धरना, डीएम को सौंपा ज्ञापन*

गोरखपुर- राजस्व कर्मचारियों ने एंटी करप्शन के खिलाफ बोला हल्ला आज उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ उत्तर प्रदेश राजस्व निरीक्षक संघ तहसील सदर परिसर में दिया धरना किया प्रदर्शन। लेखपाल संघ अध्यक्ष राजू सिंह अध्यक्ष रामरेखा के नेतृत्व में गाजीपुर एंटी करप्शन टीम द्वारा जबरन पाउडर लगाकर लेखपाल के हाथ में पैसा रखवा कर लेखपाल को जबरदस्ती साजिश के तहत गिरफ्तारी के विरोध में सदर तहसील परिसर में लेखपाल संघ व निरीक्षक संध ने धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को संबोधित जिला अधिकारी गोरखपुर को सदर तहसील परिसर में ज्ञापन सौंपा। कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ राजेंद्र शर्मा के नेतृत्व में उनकी टीम भी लेखपाल संघ व राजस्व निरीक्षक संघ के धरना प्रदर्शन का समर्थन किया।

कर्मचारियों ने कहा कि लेखपाल राजस्व विभाग का फील्ड कर्मचारी होता है जिसका सम्बन्ध जनता से सीधे जुड़ा होता है। जनता की भूमि विवाद सहित अधिकांश समस्याओं से सम्बन्धित संदर्भ निस्तारण हेतु लेखपाल के पास ही आते हैं। दो पक्षों के विवाद के निस्तारण सम्बन्धी की गयी कार्यवाही से किसी एक पक्ष का असंतुष्ट होना स्वाभाविक है। पंचायत / विकास विभाग की विविध योजनाओं हेतु भूमि उपलब्ध कराने एवं अवैध अतिक्रमण की स्थिति में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही से भी अतिचारी / प्रभावित व्यक्तियों के परिवार लेखपाल से दुश्मनी ठान लेता है और लेखपाल को क्षेत्र की राजनीति में घसीटने का प्रयास किया जाता है। विधि विरूद्ध कार्य कराने में असफल एवं विविध कारणों से असंतुष्ट व्यक्ति लेखपालों के खिलाफ साजिश करके एण्टी करप्शन टीम द्वारा पकड़वाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है।

ऐसे में एण्टी करप्शन कार्यालय द्वारा सामान्य शिकायत के आधार पर वास्तविक तथ्यों का परीक्षण किए बगैर शिकायतकर्ता को उकसाकर स्वयं बोल बोल कर शिकायती प्रार्थनापत्र लिखदाया जाता है और प्री ट्रैप जांच की कागजी औपचारिकता कर उसी दिन अथवा अगले दिन लेखपाल को फंसाने के विविध प्रयास करके गिरफ्तार कर लिया जाता है। इस तरह फर्जी तरीके से राजस्व कर्मचारी को एंटी करप्शन द्वारा गिरफ्तार करना निंदनीय है जिसका राजस्व कर्मचारी विरोध करता है।

पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में बनी नई खेल संस्कृति : सीएम योगी

गोरखपुर, 3 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले दस वर्षों में देश के अंदर एक नई खेल संस्कृति बनी है। पीएम मोदी ने खेलो इंडिया, फिट इंडिया मूवमेंट, सांसद खेल स्पर्धा के माध्यम से खेल की नई संस्कृति को आगे बढ़ाया है तो प्रदेश में राज्य सरकार भी खिलाड़ियों और खेल की गतिविधियों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है।

सीएम योगी शुक्रवार को दोपहर बाद महानगर के भाटी विहार कॉलोनी में बने गोरखपुर के पहले मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के क्रम में राज्य सरकार ने ग्रामीण खेल लीग शुरू किया है। युवक मंगल दलों और महिला मंगल दलों के जरिये गांवों में खेलों का माहौल तैयार किया जा रहा है। हर गांव में खेल के मैदान बनाए जा रहे हैं। ब्लॉक स्तर पर मिनी स्टेडियम और जिला स्तर पर स्टेडियम बनाने के लिए जमीन व धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार गोरखपुर में एक इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम बनाने जा रही है। इसके अलावा कुछ माह में राप्ती नगर क्षेत्र में 33 एकड़ में एक बड़ा स्पोर्ट्स सेंटर भी बनना शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सहजनवा में एक मिनी स्टेडियम का निर्माण चल रहा है। अन्य क्षेत्रों में भी मिनी स्टेडियम बनाने की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाटी विहार के मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का संचालन पीपीपी मोड पर कराया जाएगा। यहां खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रशिक्षण और अन्य सुविधाएं प्राप्त होंगी।

खेल बेहतरीन करियर का माध्यम भी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खेल करियर बनाने का भी बेहतरीन माध्यम है। प्रदेश सरकार ओलंपिक, एशियाड, कॉमनवेल्थ गेम्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप के पदक विजेता खिलाड़ियों को सीधे सरकारी नौकरी देती है। उन्होंने बताया कि 2022 के टोक्यो ओलंपिक में पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी ललित उपाध्याय को सीधे डिप्टी एसपी बनाया गया है। इस बार की ओलंपिक पदक विजेता हॉकी टीम के खिलाड़ी राजकुमार पाल को भी सरकार डिप्टी एसपी बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अब तक 500 से अधिक खिलाड़ियों को यूपी पुलिस और अन्य सरकारी विभागों में नौकरी दी जा चुकी है।

खिलाड़ियों पर धनवर्षा करती है सरकार

सीएम योगी ने अपने संबोधन में खिलाड़ियों पर धनवर्षा करने के तथ्य को स्थापित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ओलंपिक की एकल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाले प्रदेश के खिलाड़ी को 6 करोड़, सिल्वर मेडल जीतने वाले को 4 करोड़ तथा ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को 2 करोड़ रुपये की धनराशि देती है। टीम स्पर्धा में यह राशि क्रमशः 3 करोड़, 2 करोड़ और 1 करोड़ रुपये होती है। एशियाड, कामनवेल्थ गेम्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप के पदक विजेता को भी नकद पुरस्कार दिए जाते हैं। साथ ही इन स्पर्धाओं में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।

जिन्हें लोग भूल गए, उन्हें पीएम मोदी ने याद किया

खेल पुरस्कारों के लिए चुने गए खिलाड़ियों का उल्लेख करते हुए सीएम योगी ने कहा कि इस बार चार बड़े खिलाड़ियों को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न के लिए चुना गया है। इनमें उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी और पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले प्रवीण कुमार भी हैं। अर्जुन पुरस्कार में एक ऐसे खिलाड़ी मुरलीकांत पेटकर को चुना गया जिन्होंने सत्तर के दशक में पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। लोग उन्हें भूल गए थे लेकिन पीएम मोदी ने उन्हें याद किया।

स्वस्थ जीवन के लिए खेल आवश्यक

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए खेलकूद आवश्यक है। कोरोना की चपेट में ज्यादातर वही लोग आए जो आरामतलब थे। स्वस्थ जीवन के लिए परिश्रम जरूरी है और खेलकूद इसका बड़ा माध्यम है। उन्होंने कहा कि एक फिट युवा ही स्वस्थ और सशक्त समाज एवं राष्ट्र की आधारशिला रख सकता है। फिट युवा की ऊर्जा का लाभ राष्ट्र को मिलता है।

मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निरीक्षण कर खुश हुए सीएम

मुख्यमंत्री ने बाबा राघव दास के नाम पर बने मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निरीक्षण भी किया। उन्होंने कॉम्प्लेक्स में इंडोर गेम्स के लिए जिम, एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक, बैडमिंटन कोर्ट, राइफल व पिस्टल शूटिंग रेंज, मल्टी परपज हाल आउटडोर गेम्स के लिए 300 मीटर का सिंथेटिक रनिंग ट्रैक, लॉन टेनिस कोर्ट आदि जायजा लिया। वह यहां की व्यवस्था देखकर खुश हुए कि शासन की निधि का खिलाड़ियों के हित में अच्छा इस्तेमाल किया गया है। खासतौर पर शूटिंग रेंज की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि अब शूटिंग के खिलाड़ियों को कौशल निखारने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) द्वारा 2 एकड़ भूमि पर कराया गया। इस पर 5.96 करोड़ रुपये की लागत आई है जिसमें से 3 करोड़ रुपये सीएम योगी ने अपनी विधायक निधि (विधानमंडल क्षेत्र विकास निधि) से दिए हैं। शेष धनराशि जीडीए ने दिया है। लोकार्पण समारोह को महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया। अंत मे मंडलायुक्त अनिल ढींगरा और जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

इस अवसर पर एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक फतेह बहादुर सिंह, विपिन सिंह, सरवन निषाद, स्थानीय पार्षद धर्मदेव चौहान, भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, जीडीए बोर्ड के सदस्य राधेश्याम श्रीवास्तव, दुर्गेश बजाज, पवन त्रिपाठी समेत, ब्लॉक प्रमुख संजय सिंह ज़ संजय यादव, प्रशासन, जीडीए और पुलिस के अधिकारी, खिलाड़ी और बड़ी संख्या में खेल प्रेमी उपस्थित रहे।

खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स किट वितरित किए सीएम योगी ने

मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 खिलाड़ियों को स्पोर्ट्स किट वितरित किए। मुख्यमंत्री के हाथों स्पोर्ट्स किट प्राप्त करने वालों में शगुन, अनिका गौतम, परी गुप्ता, हर्षित बंसल, अंशुमन मल्ल, अजहर अली, उत्कर्ष श्रीवास्तव, रिया त्रिपाठी, मालविका द्विवेदी और आकांक्षा पांडेय शामिल रहीं।

शिक्षक की अलख जगाने वाली देवी क्रान्तिज्योति माता सावित्री बाई फुले जी अमर रहें....

गोरखपुर। आज नगर पंचायत गोला के बेवरी अम्बेडकर चौराहे पर *देश की प्रथम महिला शिक्षिका क्रान्तिज्योति माता सावित्रीबाई फुले जी के जयंती के अवसर पर गौतम बुद्धा सेवा समिति के तत्वावधान में कार्यक्रम का आयोजन किया, जहाँ कार्यक्रम की शुरुआत बतौर मुख्य अतिथि के रूप में विनय सैनी सभासद जी व विशिष्ट अतिथि पप्पू माली तथा विशाल सैनी जी व समिति के सदस्यों ने उनके चित्र के सामने दीपप्रज्वलित व पुष्प अर्पित कर की। इस अवसर पर गब्बूलाल पूर्व जिला पंचायत सदस्य, कन्हैया लाल, बबलू गौतम, विनय सैनी व रणविजय ने बताया कि सावित्रीबाई फुले न सिर्फ पहली महिला शिक्षिका थी, बल्कि महान समाजसेविका और नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता भी थीं। उनका पूरा जीवन समाज के वंचित तबके खासकर महिलाओं और दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष में बीता। उनका नाम आते ही सबसे पहले शिक्षा और समाज सुधार के क्षेत्र में उनका योगदान हमारे सामने आता है। वे हमेशा महिलाओं और वंचितों की शिक्षा के लिए जोरदार तरीके से आवाज उठाती रहीं। वे अपने समय से बहुत आगे थीं और उन गलत प्रथाओं के विरोध में हमेशा मुखर रहीं। शिक्षा से समाज के सशक्तिकरण पर उनका गहरा विश्वास था। सावित्रीबाई फुले एक महान समाज सुधारक, दार्शनिक, कवयित्री और शिक्षाविद् भी थीं। उनके पति ज्योतिराव फुले भी एक प्रसिद्ध चिंतक और लेखक थे। जब महाराष्ट्र में अकाल पड़ा तो सावित्रीबाई और महात्मा फुले ने जरूरतमंदों की मदद के लिए अपने घरों के दरवाजे खोल दिए थे। सामाजिक न्याय का ऐसा उदाहरण विरले ही देखने को मिलता है। जब वहां प्लेग का भय व्याप्त था तो उन्होंने खुद को लोगों की सेवा में झोंक दिया। इस दौरान वे खुद इस बीमारी की चपेट में आ गईं। मानवता को समर्पित उनका जीवन आज भी हम सभी को प्रेरित कर रहा है।

इस अवसर पर अरुण कुमार रामजी वकील अजय कुमार रामकिशुन यादव एजाज मालिक रणजीत गोलू उर्फ प्रधान दीपू नारायण विनोद गौतम सतपाल रामभजन अशोक सुरेश अश्वनी गिरजेश विशाल गोविंद बालेन्द्र अमन अमित बृजेश संदीप रामानंद प्रिंस मौर्या अमरजीत देव नारायण चंदन सम्मी आर्या व अक्षय प्रताप सहित इत्यादि लोग भारी संख्या में मवजूद थें। क्रान्तिज्योति महात्मा ज्योतिबा राव फुले जी अमर रहें क्रांतिज्योति माता सावित्री बाई फुले जी अमर रहें बाबा साहब अमर रहें

अभाविप के 64वें प्रांत अधिवेशन के लिए गोरखपुर महानगर में भव्य तैयारियां

गोरखपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के गोरखपुर महानगर में आयोजित होने जा रहे 64वें प्रांत अधिवेशन के निमित्त अभाविप प्रांत कार्यालय बेतियाहाता में पत्रकार वार्ता आयोजित हुई।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 64वें प्रांत अधिवेशन के निमित्त प्रांत मंत्री मयंक राय, प्रांत सह-मंत्री अर्पित कसौधन व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुश्री सौम्या गुप्ता पत्रकार वार्ता में उपस्थित रहे।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत मंत्री मयंक राय ने कहा कि विद्यार्थी परिषद का गोरखपुर महानगर में आयोजित यह प्रांत अधिवेशन विद्यार्थियों के लिए प्रवेश, परीक्षा, परिणाम जैसे विषयों पर विभिन्न मुद्दों पर संवाद का प्रमुख मंच है। पूर्वांचल में शैक्षिक विसंगतियों पर लगे अंकुश, यातायात नियमों का कठोरता से हो पालन और पूर्वांचल में स्वास्थ्य सेवाओं का गिरता स्तर व बाजारीकरण जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण प्रस्ताव इस अधिवेशन में भाग ले रहे प्रतिनिधियों के समक्ष रखा जाएगा, जिसपर विस्तृत चर्चा के उपरांत इन्हें पारित किया जाएगा। श्री राय ने आगे बताया कि प्रांत अधिवेशन के लिए योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह को पूरा भव्य बनाया गया है जहां भारतीय विचार से जुड़े विभिन्न प्रतीक चिन्ह रहेंगे। इस अधिवेशन के पहले दिन 04 जनवरी को हनुमान प्रसाद पोद्दार प्रदर्शनी का उद्घाटन जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के कुलपति प्रोफेसर संजीत गुप्ता जी करेंगे तथा 5 जनवरी को यूजीसी के पूर्व चेयरमैन व टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) के कुलपति प्रोफेसर धीरेंद्र पाल सिंह जी उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि रहेंगे।

अभाविप का 64वां प्रांत अधिवेशन गोरखपुर महानगर में हो रहा है, यह आतिथ्य गोरखपुर धर्म और संस्कृति की पावन धरा है ऐसे स्थान पर प्रांत के अलग-अलग क्षेत्रों से प्रतिभाग कर रही छात्रशक्ति के समागम से एकता में अनेकता का भाव‌ स्पष्ट दिखाई देगा। विद्यार्थी परिषद के 76 वें वर्ष की ध्येय यात्रा देश के विद्यार्थियों की सशक्त आवाज रही है। अभाविप का उद्देश्य है सभी को साथ लेकर चलना।‌ विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में देश में अनेक परिवर्तनकारी काम हुए हैं। पत्रकार वार्ता में विशेष रूप से राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद सदस्य सुश्री सौम्या गुप्ता और प्रांत सह मंत्री अर्पित कसौधन रहे।

*सीएम योगी का सटीक निशाना, पहली ही बार ‘बुल्स आई’*

गोरखपुर, 3 जनवरी। गोरखपुर के भाटी विहार कॉलोनी में नवनिर्मित मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके शूटिंग रेंज में राइफल से लक्ष्य पर निशाना भी साधा। उनकी सटीक निशानेबाजी देख साथ में मौजूद लोग हतप्रभ रह गए। मुख्यमंत्री ने पहली ही बार में ‘बुल्स आई’ टारगेट कर दिया, यानी सौ फीसद सटीक लक्ष्य पर ही निशाना।

मुख्यमंत्री की खेलों के प्रति खासी दिलचस्पी है। इसमें भी पारंपरिक भारतीय खेलों के साथ निशानेबाजी से उनका लगाव कई बार सार्वजनिक देखा जाता है। जब भी वह सैन्य प्रदर्शनियों और खेल एकेडमी या खेल केंद्रों में जाते हैं तो निशानेबाजी के अभ्यास से खुद को नहीं रोक पाते। शुक्रवार को गोरखपुर के भाटी विहार कॉलोनी में मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री जब मल्टीपर्पज हाल में बने शूटिंग रेंज में आए तो उन्होंने दस मीटर रायफल शूटिंग के रेंज पर निशानेबाजी में हाथ आजमाया। उनका पहला शॉट ही बुल्स आई रहा। उनके सटीक निशाने पर वहां मौजूद सभी लोग आश्चर्य चकितहोकर मुस्कराने लगे।

अंतिम पायदान के व्यक्ति तक सुविधा पहुंचाने को सरकार प्रयत्नशील : सीएम योगी

गोरखपुर, 3 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी सभ्य समाज में अंतिम पायदान के व्यक्ति तक सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास होना चाहिए। सरकार इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता से प्रयत्नशील है। सरकार का यह संकल्प है कि भीषण शीतलहर में कोई भी व्यक्ति खुले में सोने और ठंड से ठिठुरने को मजबूर न हो। इसके लिए आश्रय गृहों की व्यवस्था, कंबल वितरण सहित सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं।

सीएम योगी शुक्रवार पूर्वाह्न ट्रांसपोर्ट नगर में नगर निगम द्वारा 2 करोड़ 17 लाख रुपये की लागत से बनाए गए नवीन आश्रय गृह (रैन बसेरा) का लोकार्पण करने और गरीबों-असहायों के बीच कंबल व भोजन पैकेट वितरित करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रैन बसेरे के लोकार्पण और यहां उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि भीषण शीतलहर में आश्रयविहीन को आश्रय मिल जाए, यह सबसे बड़ा पुण्य है। ट्रांसपोर्ट नगर के रैन बसेरे से पहले शहर में कई आश्रय गृह पहले से संचालित हैं।

कंबल वितरण के लिए हर जिले में पर्याप्त धनराशि जारी

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशभर में जरूरतमंद लोगों को भीषण ठंड से बचाने के लिए राजस्व विभाग के माध्यम से सभी जिलों को कंबल वितरण के लिए पर्याप्त धनराशि जारी की गई है। हर जिले में जनप्रतिनिधियों के सहयोग से पर्याप्त संख्य में कंबल वितरण हो रहे हैं। इसमें धर्मार्थ संस्थाएं भी आगे आई हैं। यह सबकी जिम्मेदारी होती है कि हम हर जरूरतमंद व्यक्ति की विपत्ति में उसके साथ खड़े रहें। सीएम योगी ने कहा कि कुछ दिनों तक शीतलहर का यह दौर जारी रह सकता है। ऐसे में हमें स्वस्थ जीवन के लिए सबको सावधानी और बचाव के उपायों के प्रति लोगों को प्रेरित करने की जरूरत है।

खुले में कोई न सोए, इसे नागरिक भी देखें

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन-प्रशासन ने आश्रय गृहों की व्यवस्था दी है। खुले में आसमान के नीचे, सड़क के किनारे फुटपाथ पर कोई खुले में न सोए, यह देखना जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की भी जिम्मेदारी है। यदि कोई बाहर से आया आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति, मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति या शहर में काम की तलाश में आए कामगार-मजदूर, रिक्शा वाले खुले में सोते मिले तो पूरी सम्वेदना से उसे आश्रय गृह पहुंचाने की पहल होनी चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आपदा के समय, भीषण सर्दी, बाढ़, भीषण गर्मी जैसी स्थितियों में आश्रय गृह बेहद उपयोगी साबित होते हैं। इस अवसर पर उन्होंने सुरक्षा के ध्यान को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि पुलिस और प्रशासन तो सुरक्षा की जिम्मेदारी उठा ही रहे हैं, समाज के लोगों को भी देश के दुश्मनों से सावधान रहना होगा।

जो लोग बच जाएं, उन्हें भी उपलब्ध कराएं कंबल

रैन बसेरे के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में करीब एक हजार लोगों के बीच कंबल और भोजन के पैकेट वितरित किए गए। कई लोगों को मुख्यमंत्री ने खुद अपने हाथों से कंबल और भोजन के पैकेट प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने बच्चों को चॉकलेट और दुलार कर आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि यहां जो लोग भी कंबल पाने से बच जाएं, उनके नाम नोट कर लिए जाएं। कार्यक्रम के बाद उन तक भी कंबल पहुंचना सुनिश्चित किया जाए। इस अवसर पर महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, महानगर के कई पार्षद, जिला प्रशासन, पुलिस और नगर निगम के अधिकारी उपस्थित रहे।

व्हीलचेयर पर बच्चे को देख भावुक हो गए सीएम योगी

कंबल वितरण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर जैसे ही मेवातीपुर से आई अनीता रानी और उनके साथ व्हीलचेयर पर बैठे उनके पुत्र 11 वर्षीय अर्जित पर पड़ी तो वह भावुक हो गए। उनके यह पूछने पर कि बच्चे को क्या हो गया है, अनीता ने बताया कि बचपन से ही न्यूरो की प्रॉब्लम होने से अर्जित चल फिर या बोल नहीं पाता है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉक्टर को दिखाइए, इलाज कराइए। हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी।

प्राकृतिक विधि के जल शोधन से नदी की शुद्धि के साथ करोड़ों की बचत : मुख्यमंत्री

गोरखपुर, 3 जनवरी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राप्ती नदी में गिरने वाले नालों के प्राकृतिक विधि (फाइटोरेमिडीएशन तकनीकी) से जल शोधन की 2 करोड़ 70 लाख रुपये की नगर निगम की परियोजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्राकृतिक विधि से जल शोधन से नदी की शुद्धि के साथ करोड़ों रुपए की बचत भी होगी। इसमें न तो बिजली का खर्च आएगा और न ही मेंटिनेंस का।

तकियाघाट पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर में राप्ती नदी अविरल एवं निर्मल रहे, उसका जल स्वच्छ एवं सुदर रहे, इसके लिए जो प्रयास नगर निगम ने किया है वह सराहनीय है। यह बहुत बड़ा काम हुआ है। यह कार्य उर्वरता और जीवन को बचाने के लिए हुआ है। सीएम ने कहा कि महापुरूषों ने जल को जीवन माना है। प्रदूषित जल के कारण गोरखपुर के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1977 से लेकर 2017 तक 50 हजार मासूम बच्चे इंसेफेलाइटिस एवं वेक्टरजनित बीमारियों के कारण काल के गाल में समा गए। विषाणुजनित बीमारियों से होने वाली मौतों का कारण प्रदूषित जल और गंदगी था। सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से स्वच्छ भारत मिशन पूरे देश में लागू हुआ। हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए शहरी क्षेत्र में अमृत मिशन और ग्रामीण क्षेत्र में जल जीवन मिशन प्रारम्भ हुआ। हर घर नल योजना के माध्यम से घर-घर तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य किया गया।

पीएम मोदी की प्रेरणा से प्रारम्भ हुआ नदी संस्कृति को बचाने का कार्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज नामामि गंगे परियोजना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से नदी संस्कृति को बचाने का कार्य प्रारम्भ किया गया है। आज उसका परिणाम है कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक समागम उत्तर प्रदेश की धरती प्रयागराज में मां गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी पर महाकुम्भ के रूप में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में भी हमारी सभ्यता एवं संस्कृति नदी के तट पर बसी है। गोरखपुर राप्ती नदी व रोहिन नदी के तट पर बसा है। जो नदी हमारी सभ्यता व संस्कृति की जननी है, उसे शुद्ध करने का कार्य किया जा रहा है।

350 था बीओडी लेवल, अब 22 हुआ

मुख्यमंत्री ने कहा कि राप्ती नदी में प्रदूषित पानी गिरने के कारण पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नगर निगम पर लगातार जुर्माना कर रहा था। नगर निगम ने 110 करोड रुपये की लागत से एसटीपी बनने की तैयारी की थी। तब हमने कहा कि जल शोधन के लिए प्राकृतिक तरीका अपनाया जाए। आज उसका सुखद परिणाम सबके सामने है। पहले यहां पानी का बीओडी (बायो केमिकल ऑक्सीजन डिमांड) लेवल 350 तक पहुंच गया था और खतरनाक जहर से भी बदतर होकर वह खेतों में सिंचाई के लायक भी नहीं था। प्राकृतिक विधि से जल शोधन के बाद अब बीओडी लेवल शुद्ध स्थिति में आ गया है। इस परियोजना में अंतिम छोर पर गिरने वाले पानी का बीओडी लेवल 22 आया है।

सिर्फ एक बार का खर्च और फिर बचत ही बचत

सीएम योगी ने कहा कि प्राकृतिक विधि से जल शोधन की इस परियोजना में सिर्फ एक बार 2 करोड़ 70 लाख रुपये लगे हैं। और, अब इससे करोड़ों रुपए की बिजली और मेंटिनेंस खर्च की बचत होगी। उन्होंने कहा कि इस विधि को और भी अच्छे ढंग से आगे बढ़ा सकते हैं। यह सतत विकास का एक मॉडल है। इसको हम हर नाले के साथ जोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी ड्रेनेज और सीवर से जुड़े हुए जितने भी नाले हैं, उन सबको इसी रूप में आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे तो एक प्राकृतिक मॉडल के माध्यम से कम खर्चे में बेहतर परिणाम देकर जीवन की सबसे बुनियादी आवश्यकता जल की शुद्धता को बनाये रखने में हम सफल हो पायेंगे।

समारोह को महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव और विधायक विपिन सिंह ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ के संयोजक भोला अग्रहरि, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

नाले के शोधन कार्य का सीएम योगी में लिया जायजा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को नगर निगम की प्राकृतिक विधि (फाइटोरेमिडीएशन तकनीकी) से जल शोधन परियोजना का शुभारंभ करने से पूर्व इसका जायजा भी लिया। उन्होंने प्रोजेक्ट की डिजाइन का अवलोकन करने के साथ मौके पर जाकर शोधित जल की स्थिति भी देखी। नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने उन्हें बताया कि महानगर से निकलने वाला दूषित जल मुख्य 15 नालों के माध्यम से राप्ती और रोहिन नदी में गिरता है। नदी के जल को दूषित होने से बचाने के लिए इलाहीबाग रेगुलेटर से तकिया घाट होते हुए राप्ती नदी में गिरने वाले नाले पर नगर निगम द्वारा 2 करोड़ 70 लाख रुपये की लागत से प्राकृतिक विधि (फाइटोरेमिडीएशन तकनीकी) से जल शोधन का कार्य कराया जा रहा है। इस विधि के तहत मुख्य नाले एवं उसमें गिरने वाले चार ब्रांच नालों और दो अन्य ब्रांच नालों पर प्री फिल्टर लगाया गया है। साथ ही प्रति 30 से 40 मीटर पर प्राकृतिक स्टोन से गैबियन वाल बनाई गई है। नाले में एक्वेटिक प्लांट भी लगाए गए हैं। इन प्रक्रियाओं से होकर गुजरने वाला जल शोधित होकर नदी में गिरता है। इस परियोजना की क्षमता प्रतिदिन 15 मेगा लीटर जल शोधन की है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अन्य नालों को भी इंटरसेप्ट कर प्राकृतिक विधि से जल शोधन का सुझाव दिया।

नागरिकों से किया आत्मीय संवाद, बच्ची से पूछा- कैसी चल रही पढ़ाई

तकियाघाट पर जल शोधन परियोजना का निरीक्षण करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों से आत्मीय संवाद किया। उन्होंने कक्षा तीन में पढ़ने वाली आशिया नाम की एक बच्ची से पूछा कि पढ़ाई कैसी चल रही है। मुख्यमंत्री में आशिया और अन्य बच्चों को आशीर्वाद देते हुए चॉकलेट भी गिफ्ट किया।