रीक्षित राजा की जन्म कथा सुन लोगो भाव बिभोर हुए
अमेठी। परीक्षित राजा की जन्म कथा सुनाई। और उनके शाप की बात बताई। उसके निदान के लिए लोगो से पूछा। श्री धाम वृन्दावन से आए कथा व्यास शिवेश शास्त्री जी महराज ने सोमवार को संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ मे ग्राम शुकुलपुर मे मुख्य यजमान लक्ष्मी कान्त शुक्ल सपत्नीक के यहा कही।
कथा व्यास श्री शास्त्री ने कहा कि कुन्ती ने भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति किया। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा वरदान मांग लो। कुन्ती ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण जी हमे बिपत्ति दो। ताकि हमे दर्शन मिले। चूंकि बिपत्ति मे सदैव साथ रहे। भगवान का भजन-कीर्तन मे समय बीते और भगवान श्रीकृष्ण जी आपका दर्शन मिलता रहे।
कथा व्यास श्री शास्त्री ने आगे कहा कि महाराजा परीक्षित एक दिन भ्रमण पर निकले। तो उनकी मुलाकात कलियुग से हो गई
तो उन्होने कलियुग को मरने दौडे। ती कलियुग राजा परीक्षित के चरणो पर गिर पडा ।पूछा कि कहा रहते है। कलियुग ने चार जगह रहते है। जहा मदिरा,अपराध,हिंसा,आदि हो। दूबारा कलियुग से पूछा तो कहा कि मै सोना मे रहता हूँ। राजा परीक्षित ने श्राप मिलने पर अपने बेटे जन्मेजय को राज गद्दी सौप दी। और नदी के तट पर चले गए।
इस अवसर पर कार्यक्रम मे टी पी मिश्र,राजपति मिश्र,सुभाष तिवारी,रमाकांत पाण्डेय,विद्या अलंकर तिवारी,अरुणोदय मिश्र,कौशल किशोर मिश्र,कमलेश कुमार पाण्डेय,राम जी तिवारी,आदि लोगो को कथा व्यास श्री शास्त्री ने पटका पहनाकर सम्मानित किए।
Nov 05 2024, 19:40