कजान से आई डिनर टेबल की तस्वीरें, पुतिन-मोदी और जिनपिंग को साथ देख टिकी दुनिया की निगाहें

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रूस के कजान में ब्रिक्स का 16वीं समिट चल रहा है। इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार दोपहर कजान पहुंचे। पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के बीच मंगलवार रात मुलाकात हुई। वहीं, पुतिन ने ब्रिक्स देशों के नेताओं के लिए डिनर होस्ट किया। डिनर के दौरान पुतिन के साथ मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग म्यूजिकल कन्सर्ट का लुत्फ उठाते दिखे। इस दौरान बीच में पुतिन बैठे थे और दोनों तरफ कुर्सी पर पीएम मोदी और जिनपिंग थे।

बुधवार यानी 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने वाले हैं। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझाने को लेकर की गई अहम घोषणा के बाद ये पहली मुलाकात हो रही है। लेकिन द्विपक्षीय मुलाकात से पहले पीएम मोदी और जिनपिंग की तस्वीरें सामने आई है जो बहुत कुछ कहती है। 

डिनर कार्यक्रम में रूसी राष्ट्रपति पुतिन पीएम मोदी और जिनपिंग को अपने साथ ही लेकर चलते नजर आए। डिनर कार्यक्रम की एक और तस्वीर आई, जिसमें पुतिन पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच बैठे नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर में पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच पुतिन एक दूसरे को जोड़ने वाले पुल की तरह नजर आ रहे हैं। ये तस्वीर बताती है कि पुतिन किस तरह दोनों नेताओं के बीच दोस्ती कराने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हैं, जो भारत के साथ-साथ चीन से भी अच्छे रिश्ते रखना चाहते हैं। ऐसे में पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आज होने वाली मुलाकात महत्वपूर्ण हो जाती है। मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर संघर्ष के बाद इस तरह की पहली बैठक होगी।20 में लद्दाख में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में झड़प के बाद से दोनों नेताओं के बीच सिर्फ दो बार बहुत ही संक्षिप्त मुलाकात हुई है। इसके पहले साल 2022 में इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर सम्मलेन और दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में 2023 में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं का आमना-सामना हुआ था। ऐसे में रूस में पीएम मोदी और जिनपिंग की मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर होगी

“जांच से सार्थक जवाबदेही नहीं मिलने तक संतुष्ट नहीं”, पन्नू के खिलाफ साजिश मामले में बोला अमेरिका

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खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश रचने के मामले में लगातार विवाद बना हुआ है। पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप भारत पर लगाया गया। हालांकि, भारत इस बात से साफ इनकार कर चुका है। अब एक बार फिर मामला गरमा गया है। अब अमेरिका ने कहा है कि हम तब तक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होंगे, जब तक कि जांच से सार्थक जवाबदेही नहीं मिलती। वहीं, पिछल हफ्ते अमेरिका ने कहा था कि खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर हो रही जांच में भारत की तरफ से सहयोग किया जा रहा है, उससे वे संतुष्ट हैं।

पन्नू की हत्या की कथित नाकाम साजिश पर भारत को अमेरिकी सरकार के संदेश के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा, 'एक कदम पीछे हटने के लिए, पिछले हफ्ते भारत की जांच समिति के साथ मूल्यवान बातचीत हुई और हमारी दोनों सरकारों के बीच जांच को आगे बढ़ाने के लिए जानकारी का आदान-प्रदान किया गया। हम समझते हैं कि भारतीय जांच समिति अपनी जांच जारी रखेगी और पिछले सप्ताह की बातचीत के आधार पर हमें उम्मीद है कि आगे के कदम देखने को मिलेंगे।

उन्होंने आगे कहा, 'हम उस जांच के परिणामों के आधार पर जवाबदेही देखना चाहते हैं। निश्चित रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका तब तक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होगा जब तक कि उस जांच के परिणामस्वरूप सार्थक जवाबदेही नहीं होती है। इसके अलावा, मैं इस पर और अधिक विस्तार से बात नहीं करूंगा, क्योंकि यह एक ऐसा मुद्दा है जो सक्रिय है और हमारे दोनों देशों में इसकी जांच और चल रही है।

पहले दिखाई जांच से संतुष्टि

इससे पहले अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर हो रही जांच में भारत की तरफ से सहयोग किया जा रहा है, उससे वे संतुष्ट हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था कि भारतीय अधिकारी हमें अपनी जांच का अपडेट दे रहे हैं और हम अपनी जांच का अपडेट उन्हें दे रहे हैं। मिलर ने गुरुवार को प्रेस ब्रीफिंग में ये भी बताया कि जिस शख्स पर अमेरिका में पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था, अब वह भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है। 

दरअसल, अमेरिका ने पहले आरोप लगाया था कि पन्नू की हत्या की साजिश रचने में आरोपी निखिल गुप्ता, भारत सरकार के एक कर्मचारी का सहयोगी है। इन्होंने मिलकर न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या की साजिश रचने में मदद की थी।

14 अक्टूबर को अमेरिका ने कहा था कि भारत ने पन्नू की हत्या की कोशिश करने के आरोपी खुफिया अधिकारी को गिरफ्तार किया है। वॉशिंगटन पोस्ट में इस अधिकारी का नाम विक्रम यादव बताया गया था।

पन्नू की हत्या की साजिश का मामला क्या है

पन्नू की हत्या की साजिश को लेकर अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट का आरोप है कि भारतीय अधिकारी निखिल गुप्ता ने 9 जून के आसपास पन्नू की हत्या के लिए एक डॉलर यानी 83 लाख रुपए से ज्यादा की सुपारी दी थी। पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को 30 जून 2023 को चेक रिपब्लिक पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद 14 जून 2024 को निखिल को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया था। निखिल पर अमेरिका में केस चलाया गया, जहां उसने खुद को निर्दोष बताया था।

अमेरिकी एजेंसियों के मुताबिक, पन्नू को मारने साजिश पिछले साल सितंबर में पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के वक्त की गई थी। भारत के एक पूर्व अफसर ने निखिल गुप्ता से पन्नू की हत्या की साजिश रचने को कहा था।

कौन है खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू?

गुरपतवंत सिंह पन्नू सिख फॉर जस्टिस की अगुवाई करता है। भारत ने उसे मोस्ट वांटेड आतंकी घोषित किया हुआ है। पन्नू अमेरिका के न्यूयॉर्क में रहता है। उसके पास कनाडा की भी नागरिकता है। एनआईए ने सिख फॉर जस्टिस और अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज कर रखे हैं। पिछले साल जांच एजेंसी ने पंजाब और चंडीगढ़ में उनकी संपत्तियों को भी अपने कब्जे में ले लिया था। पन्नू ने हाल ही में अपने वीडियो में जम्मू-कश्मीर, असम, मणिपुर और नागालैंड में पूर्ण आजादी आंदोलन चलाने की धमकी दी थी जैसा की पंजाब में करने का प्रयास है।

ओडिशा-पश्चिम बंगाल में तबाही मचा सकता है चक्रवात 'दाना', 150 से अधिक ट्रेने रद्द, जानें कब करेगा लैंडफॉल
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* ओडिशा-पश्चिम बंगाल पर भयंकर चक्रवाती तूफान 'दाना' के कारण बड़ा खतरा मंडरा रहा है। यह तूफान गुरुवार रात या शुक्रवार सुबह तक केंद्रीयपारा जिले में दस्तक दे सकता है। इसकी रफ़्तार 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है। मौसम विभाग ने चक्रवात की आशंका को देखते हुए अलर्ट जारी किया है। दोनों ही राज्यों की सरकारें सुरक्षा से संबंधित सभी बिंदुओं पर गंभीरता नजर बनाए हुए हैं। गंभीर स्थिति को देखते हुए 150 ट्रेनों को भी रद्द करना पड़ा है। चक्रवाती तूफान दाना के खतरे को देखते हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल सरकारों ने संवेदनशील इलाकों को खाली कराकर नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य शुरू कर दिया है। दोनों राज्यों में शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया गया है। साथ ही तटरक्षक बल को हाईअलर्ट पर रखा गया है। *100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं* पश्चिम बंगाल में चक्रवात और तूफान की आशंका के बीच भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी जारी की है कि चक्रवाती तूफान 'दाना' बंगाल के कई जिलों में विकराल रूप लेगा। यह तूफान 24 अक्टूबर की रात से 25 अक्टूबर की सुबह के बीच ओडिशा तट को पार कर पश्चिम बंगाल के तट पर पहुंच सकता है। इस दौरान हवा की गति 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। *पुरी से पश्चिम बंगाल के सभी पूर्वी तटीय क्षेत्र होंगे प्रभावित* मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि पुरी से पश्चिम बंगाल के सभी पूर्वी तटीय क्षेत्रों के इस चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है। ओडिशा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। उन्होंने कहा कि सभी सुविधाओं से युक्त 250 राहत शिविरों को तैयार किया गया है। *कई जिलों में अलर्ट* इस दौरान ओडिशा और पश्चिम बंगाल के अलावा पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश और झारखंड के कई जिलों में भी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने 23 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों पूर्वी मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना में भारी बारिश का अनुमान जताया है। विभाग ने कहा कि 24 और 25 अक्टूबर को पूर्वी मेदिनीपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और झारग्राम में एक या दो स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश के साथ, भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। मौसम विभाग ने यह भी कहा कि 24 और 25 अक्टूबर को कोलकाता, हावड़ा, हुगली, उत्तर 24 परगना, पुरुलिया और बांकुड़ा जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। *150 से अधिक ट्रेनें रद्द* तूफान के 25 अक्टूबर को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने की आशंका है। जिसके चलते दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) क्षेत्र से गुजरने वाली 150 से अधिक एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन को रद्द कर दिया गया है। एसईआर के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रद्द की गई ट्रेन में-हावड़ा-सिकंदराबाद फलकनुमा एक्सप्रेस, कामाख्या-यशवंतपुर एसी एक्सप्रेस, हावड़ा-पुरी शताब्दी एक्सप्रेस, हावड़ा-भुवनेश्वर शताब्दी एक्सप्रेस और हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस शामिल हैं। एसईआर के अधिकारी ने कहा कि रद्द की गई ट्रेन 23 से 25 अक्टूबर तक अपने शुरुआती स्टेशनों से प्रस्थान करने वाली थीं। जरूरत पड़ने पर दक्षिण पूर्व क्षेत्र से गुजरने वाली और भी ट्रेन रद्द की जा सकती हैं। कोलकाता मुख्यालय वाले एसईआर क्षेत्र में पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड आदि आते हैं।
दिल्ली बनी गैस चेंबर, कई इलाकों में AQI पहुंचा 400 के पार, इस तरह लोगों को परेशान कर रही जहरीली हवा

#delhi_ncr_pollution_aqi_crossed_400

देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जहरीली हवा ने पूरी दिल्ली को ढक लिया है। दिल्ली अब पूरी तरह से गैस चैम्बर में तब्दील हो चुकी है। वायु प्रदूषण ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है और सांस से जुड़ी बीमारियों समेत कई बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है।

दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को प्रदूषण का स्तर बेहद खराब दर्ज हुआ है। हवा में धूल के कण और जहरीली गैसों की मात्रा भी बढ़ गई है। राजधानी में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' स्तर पर पहुंच गई है।राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार चला गया है। बुधवार सुबह जहांगीरपुरी में 414, आनंद विहार में 403 और नजफगढ़ में 400 एक्यूआई दर्ज किया गया। 400 या उससे ज्यादा एक्यूआई को गंभीर श्रेणी में रखा गया है। यानी दिल्ली के कई इलाकों में वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। इसके साथ ही दिल्ली के ज्यादा इलाकों में एक्यूआई 300 पार हो चुका है। कई जगहों पर एक्यूआई 350 के ऊपर दर्ज किया जा रहा है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली का ओवरआल एयर क्वालिटी इंडेक्स 349 दर्ज किया गया। जबकि यह मंगलवार को 318 पर था। जबकि सोमवार को यह 310 पर था।प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर काबू पाने के लिए दिल्ली में ग्रैप का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी सुधार नहीं हो रहा है।

समस्या को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पानी का छिड़काव सहित दूसरे उपाये तेज करने का निर्देश दिया है। साथ ही सड़कों पर वाहन कम करने के लिए पर्यावरण मंत्री ने डीटीसी और मैट्रो को फ्रीक्वेंसी और फेरे बढ़ाने के निर्देश दिया है। आदेश के बाद डीटीसी ने फ्रीक्वेंसी बढ़ाई है। वहीं मेट्रो ने 40 फेरे बढ़ा दिए हैं। साथ ही मेट्रो को आगे और ज्यादा फेरे बढ़ाने के लिए कहा गया है। वहीं सड़कों से निजी परिवहन को कम करने के लिए वाहन पार्किंग शुल्क में वृद्धि को लेकर संबंधित विभाग को जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।

दिल्ली बनी गैस चेंबर, कई इलाकों में AQI पहुंचा 400 के पार, इस तरह लोगों को परेशान कर रही जहरीली हवा*
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देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जहरीली हवा ने पूरी दिल्ली को ढक लिया है। दिल्ली अब पूरी तरह से गैस चैम्बर में तब्दील हो चुकी है। वायु प्रदूषण ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है और सांस से जुड़ी बीमारियों समेत कई बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है। दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को प्रदूषण का स्तर बेहद खराब दर्ज हुआ है। हवा में धूल के कण और जहरीली गैसों की मात्रा भी बढ़ गई है। राजधानी में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' स्तर पर पहुंच गई है।राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार चला गया है। बुधवार सुबह जहांगीरपुरी में 414, आनंद विहार में 403 और नजफगढ़ में 400 एक्यूआई दर्ज किया गया। 400 या उससे ज्यादा एक्यूआई को गंभीर श्रेणी में रखा गया है। यानी दिल्ली के कई इलाकों में वायु प्रदूषण गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। इसके साथ ही दिल्ली के ज्यादा इलाकों में एक्यूआई 300 पार हो चुका है। कई जगहों पर एक्यूआई 350 के ऊपर दर्ज किया जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली का ओवरआल एयर क्वालिटी इंडेक्स 349 दर्ज किया गया। जबकि यह मंगलवार को 318 पर था। जबकि सोमवार को यह 310 पर था।प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर काबू पाने के लिए दिल्ली में ग्रैप का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी सुधार नहीं हो रहा है। समस्या को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पानी का छिड़काव सहित दूसरे उपाये तेज करने का निर्देश दिया है। साथ ही सड़कों पर वाहन कम करने के लिए पर्यावरण मंत्री ने डीटीसी और मैट्रो को फ्रीक्वेंसी और फेरे बढ़ाने के निर्देश दिया है। आदेश के बाद डीटीसी ने फ्रीक्वेंसी बढ़ाई है। वहीं मेट्रो ने 40 फेरे बढ़ा दिए हैं। साथ ही मेट्रो को आगे और ज्यादा फेरे बढ़ाने के लिए कहा गया है। वहीं सड़कों से निजी परिवहन को कम करने के लिए वाहन पार्किंग शुल्क में वृद्धि को लेकर संबंधित विभाग को जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया गया है।
*पीएम मोदी और जिनपिंग के बीच आज द्विपक्षीय वार्ता, चार साल बाद हो रही मुलाकात पर दुनिया की नजर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को रूस के कजान पहुंचे हैं। यहां वो ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। रूस यात्रा के पहले दिन पीएम ने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। अब पीएम मोदी बुधवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे। दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी होगी। ये बैठक काफी अहम होगी। दरअसल, लंबे अर्से से चली आ रही भारत और चीन के रिश्तों की तल्खी में हाल के दिनों में कमी आई है। ऐसे में दोनों नेताओं की इस मुलाकात पर दुनिया की नजर होगी।

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बुधवार को रूस के कजान शहर में द्विपक्षीय बैठक होगी।विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, मैं पुष्टि कर सकता हूं कि बुधवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी। हालांकि उन्होंने इस दौरान इस द्विपक्षीय बैठक को लेकर और कोई अन्य जानकारी नहीं साझा की है।

इससे पहले पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद को लेकर भारतीय और चीनी सैन्य वार्ताकार एक समझौते पर पहुंच गए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को जानकारी दी थी कि एलएसी पर पेट्रोलिंग को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बन गई है। बीते कुछ हफ्तों में भारत और चीन के वार्ताकार इस मुद्दे पर संपर्क में रहे हैं। विक्रम मिस्री ने कहा है कि हाल में हुए समझौते से दोनों देशों के बीच डिस-इंगेजमेंट हो रहा है और अंततः उन मुद्दों का समाधान हो रहा है जो इन क्षेत्रों में साल 2020 में पैदा हुए थे।

वक्फ बिल पर जेपीसी की बैठक में हंगामे के बाद एक्शन, अमर्यादित आचरण के लिए निलंबित किए गए कल्याण बनर्जी

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तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी क बार फिर विवादों में हैं। वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में कल्याण बनर्जी को अमर्यादित आचरण के लिए सजा भुगतनी होगी। टीएमसी सांसद को वक्फ विधेयक संबंधी संसदीय समिति से एक दिन के लिए निलंबित किया गया है।बीजेपी के सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय और विपक्षी सांसदों के बीच गहमागहमी इतनी ज्यादा बढ़ गई कि बीच बैठक में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी ने गुस्से में आकर पानी वाली शीशे की बोतल पटक कर तोड़ दी। टीएमसी नेता के इस अशोभनीय व्यवहार के लिए समिति से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया है।

वक्फ विधेयक पर संयुक्त समिति की एक बैठक हो रही थी। तभी टीएमसी सदस्य कल्याण बनर्जी की भाजपा के अभिजीत गंगोपाध्याय के साथ तीखी बहस हो गई। इस दौरान बनर्जी ने एक कांच की बोतल तोड़कर फेंक दी, जिससे उनके अंगूठे और तर्जनी में चोट लग गई। टीएमसी सांसद को तुरंत प्राथमिक उपचार देना पड़ा। उन्हें अपने हाथ में टांके लगवाने पड़े हैं। बाद में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आप नेता संजय सिंह उन्हें बैठक कक्ष में वापस ले जाते हुए नजर आए। 

दरअसल, बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति मंगलवार को सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और वकीलों के एक समूह के विचार सुन रही थी। इसी समय विपक्षी सदस्यों ने सवाल किया कि इस विधेयक से इनका क्या लेना देना है। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्षी सांसदों के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। बात इतनी बढ़ गई कि हंगाम खड़ा हो गया।

BRICS: भारत के लिए कितना अहम, पीएम मोदी का सम्मेलन में शामिल होना कितना फायदेमंद*
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने के लिए रूस पहुंच गए हैं। पीएम मोदी कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और इस दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। पुतिन ने खुद भारतीय प्रधानमंत्री को द्विपक्षीय वार्ता के लिए आमंत्रित किया है। 22 और 23 अक्तूबर को होने वाले इस सम्मेलन की अध्यक्षता रूस करेगा। इस साल यह समिट भारत के लिए महत्वपूर्ण है। पिछले साल ब्रिक्स के विस्तार के बाद हो रहा यह पहला सम्मेलन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। साल 2009 में रूस की पहल पर BRIC की स्थापना की गई थी। इसमें ग्रुप में ब्राजील, रूस, भारत और चीन शामिल थे। अगले ही साल यानी 2010 में दक्षिण अफ्रीका के शामिल होने से यह ब्रिक्स हो गया। ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक मंच के रूप में उभर रहा है, जिसमें नई ताकतें शामिल हो रही हैं। 2023 के सम्मेलन में सऊदी अरब, ईरान, मिस्र, और यूएई जैसे देशों की सदस्यता ने इसे और व्यापक बना दिया। ब्रिक्स अब 60 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी और 37.4 प्रतिशत वैश्विक सकल उत्पाद का प्रतिनिधित्व करता है, जो इसे group of seven (G7) से भी ज्यादा शक्तिशाली बनाता है। इस बढ़ते संगठन की भूमिका आने वाले दशकों में वैश्विक शक्ति संतुलन को बदल सकती है और भारत की इसमें भागीदारी इसे और मजबूत कर रही है। इस समूह को बनाने का उद्देश्य तेजी से बढ़ और विकसित हो रहे देशों को साथ लाना था, जिससे वे पश्चिमी शक्तियों के आधिपत्य वाले अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के सामने अपनी बात रख सकें और अपनी चिंताओं से अवगत करा सकें। इसका मुख्य उद्देश्य विकासशील देशों में आपसी आर्थिक सहयोग बढ़ाना है, जिससे विकसित देश खासकर पश्चिमी देश इन पर अपनी नीतियों को थोप न पाएं। इसके चलते इस समूह के मकसद में विकासशील और विकसित देशों में तालमेल कायम रखना भी है। साथ ही एक-दूसरी से राजनीतिक संबंध, एक-दूसरी की संस्कृति की रक्षा करना भी इसमें शुमार है। सीधे-सीधे कहें तो इसका लक्ष्य अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के आधिपत्य वाली वैश्विक व्यवस्था को चुनौती देना है। वैसे तो ब्रिक्स किसी देश के खिलाफ नहीं है पर विकासशील देशों की आवाज उठाने के लिए सशक्त मंच के रूप में देखा जाता है। *ब्रिक्स भारत के लिए मजबूत वैश्विक मंच* भारत हमेशा से ब्रिक्स जैसे संगठनों के लिए प्रतिबद्ध रहा है। यह वास्तव में एक बहुध्रुवीय दुनिया देखना चाहता है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय मसलों पर पश्चिमी देशों का आधिपत्य न हो। पिछले साल ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इसका स्पष्ट संदेश भी दे चुके हैं कि दुनिया अब बहुध्रुवीय है और अब इसे पुराने नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। वैसे भी ओआरएफ के आर्टिकल में कहा गया है कि भारत हमेशा से बहुत से मंचों के जरिए वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है। ब्रिक्स भी भारत के लिए एक ऐसा ही मंच है, जिसके जरिए वह वैश्विक साउथ की आवाज बन रहा है। *पीएम मोदी-शी जीनपिंग की मुलाकात!* 16 वें ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भागीदारी न सिर्फ भारत-रूस संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन पर भी गहरा प्रभाव डालेगी। साल 2020 में भारत-चीन सीमा विवाद के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की इस सम्मेलन में मुलाकात की पूरी संभावना है। यह बैठक दोनों देशों के बीच संबंधों की बहाली के लिए अहम मानी जा रही है। चीन और भारत के बीच लगातार तनाव के बावजूद, इस मुलाकात से दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी पर नए सिरे से बातचीत की उम्मीद है। *एर्दोगान के बदले रुख के मायने* वहीं, तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगान के साथ पीएम मोदी की मुलाकात को दोनों देशों के बीच आपसी तल्खी दूर करने के तौर पर देखे जाने की संभावना है। तुर्की के राष्ट्रपति पिछले कुछ वर्षों से संयुक्त राष्ट्र व दूसरे मंचों पर कश्मीर का मुद्दा उठाते थे लेकिन इस साल संयुक्त राष्ट्र की सालाना अधिवेशन में उन्होंने ऐसा नहीं कहा है। यह उनकी तरफ से भारत को एक सकारात्मक संकेत भेजने के तौर पर देखा गया है।
शांति से हो हर समस्या का समाधान', कजान में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बोले पीएम मोदी

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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए मंगलवार को रूस पहुंच गए हैं। कजान पहुंचने पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी का औपचारिक तौर पर स्वागत किया। राष्ट्रपति पुतिन ने इस दौरान पीएम मोदी से कहा कि हमारे संबंध बहुत पुराने हैं। उन्होंने भारत और रूस को ब्रिक्स के मूल सदस्य देश बताया।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने स्वागत के लिए पुतिन का धन्यवाद किया। पीएम मोदी ने कहा, मैं आपकी (पुतिन) मित्रता और गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं। इस शहर के साथ भारत के गहरे और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं। कजान में भारत के नए कांसुलेट खुलने से ये संबंध और मजबूत होंगे। पिछले 3 महीनों में मेरा दो बार रूस आना हमारे करीबी समन्वय और गहरी मित्रता को दर्शाता है।

शांति से हो रूस-यूक्रेन के संघर्ष का समाधान- पीएम मोदी

मोदी ने पुतिन के सामने यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा, मैं रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के विषय पर लगातार आपके संपर्क में रहा हूं। जैसा कि मैंने पहले कहा है, हमारा मानना है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। हम शांति और स्थिरता की जल्द स्थापना का पूरा समर्थन करते हैं। हमारे सभी प्रयासों में मानवता को प्राथमिकता दी जाती है। भारत आने वाले समय में हर संभव सहयोग देने के लिए तैयार है।

पुतिन ने क्या कहा

इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि मुझे याद है कि जुलाई में हमारी मुलाकात हुई थी और कई मुद्दों पर हमारी बहुत अच्छी चर्चा हुई थी। हम कई बार टेलीफोन पर भी बात कर चुके हैं। कजान आने का निमंत्रण स्वीकार करने के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। आज हम ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे और उसके बाद रात्रिभोज करेंगे।

उन्होंने कहा कि आज होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान अन्य नेताओं के साथ मिलकर हमें कुछ बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतर सरकारी आयोग की अगली बैठक 12 दिसंबर को नई दिल्ली में होने वाली है। हमारी परियोजनाएं लगातार विकसित हो रही हैं। आपने कजान में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने का फैसला किया है। हम इसका स्वागत करते हैं। भारत की नीतियों से हमारे सहयोग को फायदा होगा। हमें आपको और आपके प्रतिनिधिमंडल को रूस में देखकर बहुत खुशी हुई।

भारतीय सेना विवादित पेट्रोलिंग प्वॉइंट्स पर फिर से पेट्रोलिंग कर सकेगी, भारत चीन दोनों देशों के बीच के रिश्तों में दिखी नरमी

भारत और चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने पर सहमति बन गई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है।

भारतीय विदेश सचिव ने भी इस समझौते की जानकारी दी, जिसके अनुसार दोनों सेनाएं अब अपनी पुरानी स्थिति पर लौटेंगी। इस समझौते के तहत भारतीय सेना विवादित पेट्रोलिंग प्वॉइंट्स पर फिर से पेट्रोलिंग कर सकेगी, जिससे दोनों देशों के बीच के रिश्तों में थोड़ी नरमी देखने को मिली है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का समाधान करने की दिशा में एक नई शुरुआत है। पिछले कुछ समय में, विशेष रूप से 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से, दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया था। हालांकि, हाल की बातचीत के चलते यह आशा की जा रही है कि संबंधों में सुधार हो सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पिछली बार 2023 में ब्रिक्स बैठक के दौरान बातचीत हुई थी, लेकिन तब कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो पाई थी। जियोपॉलिटिक्स में हुए बदलावों के कारण चीन को पश्चिमी देशों के साथ रिश्तों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वह थोड़ी बैकफुट पर नजर आ रहा है।

2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के दौरान भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि चीन ने केवल 4 सैनिकों की मौत की पुष्टि की थी। इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में तल्खी आई थी, लेकिन हाल का समझौता एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।