फाइलेरिया से बचाव की दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित : भूपेंद्र

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को बिसवां क्षेत्र के बल्देव नगर के स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज में बूथ लगाकर छात्र-छात्राओं को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई गई। इस बूथ का आयोजन छूटे हुए छात्र-छात्राओं को दवा खिलाने के लिए किया गया।

इस मौके पर सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के जिला समंवयक भूपेंद्र ठाकुर ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर और लाइलाज बीमारी है जो की मच्छर के काटने से होती है। मच्छर कभी भी, किसी को भी, कहीं भी काट सकता है इसके लक्षण आने में पांच से 15 साल लग जाते हैं। फाइलेरिया एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यतः हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। इसके मुख्य लक्षण पैरों व हाथों में सूजन (हाथीपांव), पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोश का सूजन) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय समय पर फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करना है। यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित हैं।

सीफार संस्था के सहयोग से गठित फाइलेरिया नेटवर्क की सदस्य पूजा देवी ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए लोग घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई रखें। बुखार आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना इसके लक्षण हैं। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें इसके लिए सरकार हर साल में एक बार एमडीए अभियान चलाती है। इससे लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध होती है, जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होती है।

आशा कार्यकता ज्ञानवती और जंत्रा देवी ने बताया कि इस मौके पर 225 छात्र-छात्राओं को उनकी लंबाई व उम्र के हिसाब से दवाइयां की मात्रा दी गई है। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाचार्य अर्शउद्दीन खान सहित शिक्षक अश्वनी कुमार, सचिन कुमार, ज्ञानेंद्र कुमार, चंद्र प्रकाश वर्मा, संजय सागर, अभिषेक कुमार, नरेंद्र मिश्रा, देशराज यादव, ज्ञानेंद्र सिंह यादव सहित सहायक शशिकांत भी मौजूद रहे।

सीतापुर में अधेड़ शादीशुदा प्रेमी जोड़े ने फांसी लगाकर दी जान, पुलिस जांच में जुटी

सीतापुर। जिले के रेवसा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को अधेड़ प्रेमी जोड़े का शव फांसी के फंदे से लटका मिला। महिला मुस्लिम धर्म की और युवक हिन्दू धर्म के हैं। वे दोनों शादीशुदा थे। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है।

अपर पुलिस अधीक्षक प्रताप कुमार ने बताया कि नकछेद(52) का गांव की ही मुस्लिम महिला सलीमून(45) करीब 12 साल से एक दूसरे से प्रेम चलता था। दोनों विवाहित थे। शुक्रवार को दोनों की लाश एक पेड़ में फांसी के फंदे के सहारे लटकी हुई मिली है। सूचना पाकर रेवसा थाना प्रभारी घनश्यामराम और अन्य पुलिस अधिकारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गये। घटना की जानकारी पर मृतकों के परिवार के लोग भी आ गए। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर घटना के संबंध में जानकारी हासिल की। बाद में पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

एएसपी ने बताया कि करीब 12 साल से दोनों के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसी वजह से दोनों ने खुदकुशी की है। अभी तक दोनों परिवार की ओर से अपराध से संबंधित कोई तहरीर प्राप्त नहीं हुई। शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। अगर कोई तहरीर मिलती है तो आगे की कार्रवाई अमल में लायी जाएगी।

युवक की मौत पर जताई हत्या की आशंका

सम्भल। गुरुवार को थाना हयातनगर क्षेत्र के ग्राम सीतापुरी में सुसराल में रह रहे युवक का शव गाँव में पहुँचे से गाँव हड़कम्प मच गया म्रतक के परिजनों ने शव को गाँव की ही सड़क रख कर म्रतक के सुसराल वालो पर हत्या का आरोप लगाते हुए कानूनी कार्यवाही की मांग करने लगे। जिसकी सूचना जब थाना हयातनगर पुलीस को पहुँची तो गाँव मे पहुँच मामले को शांत कराया। पिन्टू सैनी पुत्र पूरन सैनी 27 वर्षीय की शादी अब से 8 वर्ष पूर्व प्यारे लाल पुत्री नीलम निवासी पीला खदाना सरायतरीन से हुई थी।

शादी के बाद मृतक के सुसराल वाले काम के सिलसिले में फरीदाबाद चले गए। मृतक के भतीजे दिनेश ने बताया कि काम के सिलसिले में बीते तीन वर्ष पूर्व दैनिक मजदूरी के लिए मृतक पिन्टू भी वही काम करने चला गया बीती देर रात दो बजे मृतक के परिवार वालो ने फोन कर जानकारी दी पिन्टू ने जहर का सेवन कर लिया है जिस कारण उसकी मृत्यु हो गयी है। ओर देर रात तीन बजे मृतक के शव को गाँव ले आये सुबह के समय मृतक के सुसराल पक्ष ने एक स्टाम्प मृतक की पत्नी द्वारा लिखा दिखाया जिसमे मृतक की पैतृक भूमि में हिस्सा देने की मांग की गई जिसपर मृतक के परिवार व ग्रामीणों को पिन्टू की मौत नही हत्या का शक पैदा हुआ।

मृतक के परिवार वाले रजत ने बताया कि बीते दो माह पूर्व मृतक के पिता ने अपनी जमीन 7 लाख 70 हजार की बेची थी जिसकी रकम मृतक अपने पिता से लेकर अपने सुसर को साली की शादी के लिए दे दी थी अब मृतक के पिता ने अपनी रकम बेटे की शादी के मांगी दी। जिसको लेकर मृतक टेंशन में था। मृतक ने अपने चचेरे सुसर से भी 20 हजार रुपए उधार बतौर लिए थे जिसका तकाजा मृतक के चचेरे सुसर ने किया था जिस पर म्रतक की उनसे भी कहासुनी हुई थी।

बाल शिक्षा निकेतन में किया गया आयोजन

रमन वर्मा

सीतापुर । महोली के नेरी क्षेत्र के विद्यालयों उर्मिला बाल शिक्षा निकेतन, सदा विष्णु चिल्ड्रन स्कूल,राजकीय कन्या इंटर कॉलेज नेरी मे शिक्षक दिवस के मौके पर छात्र छात्राओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया बालिका कालेज मे सामूहिक नृत्य, एकल नृत्य, कव्वाली, हास्य व्यंग सहित कई तरह के कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिससे लोग देखकर मंत्रमुग्ध हो गए ।

इस मौके पर सहायक अध्यापिका भावना दुबे ने कहा कि डॉक्टर राधाकृष्णन जैसे शिक्षकों के किरदार हम लोगों को प्रभावित करते हैं व शिक्षक के सम्मान और उसके समर्पण भाव से ही विद्यार्थी के चरित्र निर्माण के द्वार खुलते है विद्यालयों में छात्र छात्राओं द्वारा शिक्षक व शिक्षिकाओं को सम्मान स्वरुप उपहार भी दिये इस मौके पर भावना दुबे,अतुल त्रिवेदी, शिवेन्द्र मिश्रा, आदि मौजूद रहे।

पुलिस अधीक्षक के आश्वासन पर दस घंटे बाद समाप्त हुआ धरना

शिवकुमार जायसवाल,सकरन (सीतापुर) पंद्रह लाख की फिरौती के लिए आरोपियों ने दिव्यांश का अपहरण किया था ग्रामीणों के देख लेने पर मामला खुल जाने के डर से किशोर को मार कर लखीमपुर के शारदानगर स्थिति नहर में डाल दिया चारों अभियुक्तों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है आरोपियों की निशान देही पर पुलिस शव को नदी में तलाश कर रही है गुस्साए ग्रामीणों ने रोड़ जाम कर किया धरना प्रदर्शन

सकरन थाना क्षेत्र के सिरकिंड़ा गांव निवासी दिव्यांश (11) मंगलवार की साम 5-30 बजे घर से मंदिर आया था जहां से वह लापता हो गया था देर रात तक घर वापस न आने पर परिजनों को चिंता हुई तो परिजन उसकी तलाश करने लगे लेकिन कहीं पता नही चला इसी बीच कुछ ग्रामीणों ने बताया कि कुछ लोग उसे कार में बिठा कर कहीं ले गए है ।

तब दिव्यांश के चाचा शुभम ने बुधवार की सुबह सकरन थाने पर तहरीर दी थी तहरीर के आधार पर पुलिस ने चार लोगों के बिरूद्ध अपहरण का मुकदमा दर्ज कर दविश देकर 24 घंटे के भीतर चारों अभियुक्तों अंकुर (25) पुत्र श्याममुरारी पुनीत (20) पुत्र दीनबंधु निवासी उमरिया थाना लहरपुर रिंकू (22) पुत्र रमाकन्त निवासी सिरकिंडा थाना सकरन अभिषेक उर्फ राज (20) पुत्र अजयपाल निवासी गुलरिया थाना बिजुआ जिला लखीमपुर खीरी को अपहरण में प्रयोग की गई मारूति कार वढ34इह3690 समेत गिरफ्तार कर लिया पकडे गए अभियुक्तों ने बुधवार की रात पुलिस को पूंछतांछ के दौरान बताया कि हम लोगों ने 15 लाख रुपए की फिरौती के लिए दिव्यांश को पकड़ा था कार में बैठालते हुए कुछ बच्चों व लोगों ने देख लिया था पकडे जाने के डर से उसका गला दबाकर हत्या कर दी उसके बाद शव को रात में लखीमपुर के शारदानगर स्थित नदी में डाल दिया ।

अभियुक्तों के बयान पर पुलिस ने सारे घटना क्रम के बारे में बृहस्पतिवार की सुबह मृतक के परिजनों को बतायी तो परिजनों ने करीब पांच सौ से ऊपर ग्रामीणों के साथ चकलेबाबा के पास मतुआ सकरन रोड जाम करके पुलिस पर देर से कार्यवाही किए जाने का आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एएसपी दक्षिणी प्रवीन रंजन लहरपुर सीओ शुशील कुमार यादव सीओ महमूदाबाद दिनेश शुक्ला के अलावा ,लहरपुर,बिसवां,तम्बौर,मानपुर,तालगांव,रेउसा,थानगांव थानों की पुलिस व भारी मात्रा में पीएसी मौजूद थी पुलिस व प्रशासन के समझाने के बाद धरना समाप्त हुआ चारों आरोपी पुलिस हिरासत में है मृतक के शव को पुलिस गोताखोरों की मदद से तलाश कर रही है े

एसओ कृष्ण कुमार ने बताया कि चारों आरोपी पुलिस हिरासत में है जिनके बिरूद्ध मुकदमा दर्ज है उन्हे जेल भेजा जायेगा ।

ससुराल से वापस आए युवक ने संदिग्ध परिस्थितियों में पेड़ से लटक कर दी जान

कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। कोतवाली क्षेत्र की भदफर चौकी के ग्राम बेलवा डिगुरां में ससुराल से वापस आए युवक ने संदिग्ध परिस्थितियों में पेड़ से लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त की। प्राप्त जानकारीके अनुसार ग्राम बेलवा डिगुरां निवासी मोहन पुत्र स्वर्गीय रामकिशुन 25 वर्ष बुधवार को अपनी ससुराल गौर चौखड़िया गया हुआ था, बृहस्पतिवार को ससुराल से वापस आने पर, घर ना वापस आकर गांव के दक्षिण जामुन के पेड़ में प्लास्टिक की रस्सी से लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

बृहस्पतिवार को गांव के लड़के पशुओं के चारा के लिए गन्ने की पत्ती लेने खेत जा रहे थे तभी उन लोगों ने मोहन को रस्सी से लटकता हुआ देखकर उसे नीचे उतार दिया और परिजनों को सूचना दी, परिजन मोहन को घर लेकर आ गए, ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी, घटना की सूचना पर भदफर चौकी प्रभारी धर्मेंद्र बहादुर सिंह व पुलिस टीम ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा कर पीएमके लिए भेज दिया।

इस संबंध में चौकी प्रभारी धर्मेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि मृत युवक पत्नी को विदा कराने गया था पत्नी के ना आने से हुये विवाद से नाराज होकर उसने रस्सी के सहारे लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली, परिजनो द्वारा कोई भी प्रार्थना पत्र नहीं दिया गया है,शव को पीएम के लिए भेजा गया है, पीएम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ईसीसी एजुकेटर की भर्ती होने से नाराज हुई आंगनबाड़ी, दिल्ली तक धरना-प्रदर्शन करने की दी चेतावनी

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के बैनर तले गुरुवार को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने सरोजिनी वाटिका में संघ की जिलाध्यक्ष नीतू सिंह की अध्यक्षता में बैठक की।

जिसमें आउटसोर्सिंग के माध्यम से ईसीसी एजुकेटर की भर्ती पर नाराजगी जाहिर की गई। वहीं सरकार द्वारा एजुकेटर का पद समाप्त न किये जाने पर जिले से लेकर लखनऊ व दिल्ली तक धरना प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी भी दी गयी है। ज्ञात हो कि आंगनबाड़ी की योजना करीब 50 वर्षों से चल रही है। जिसमें 6 वर्ष तक के बच्चों के मानसिक, शारीरिक व भौतिक विकास के लिए कार्यत्रियां अपनी सेवाएं दे रही हैं। लेकिन अभी हाल में सरकार द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के साथ-साथ ईसीसी एजुकेटर नाम का पद सृजित करके आंगनबाड़ी में भर्ती किया जा रहा है।

जोकि भर्ती आउटसोर्सिंग के जरिए करके उनको दस हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। इस बात से आंगनवाड़ी कार्यकत्रिया नाराज है। क्योंकि उक्त सृजित पद के कार्य अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकत्री करते चली आ रही हैं। नीतू सिंह ने कहा कि उक्त एजुकेटर की चयन प्रक्रिया करने से न सिर्फ उनको अतिरिक्त मानदेय भत्ता आदि की सुविधा दी जाएगी और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय पर एक बुरा प्रभाव पड़ेगा।

जबकि उक्त कार्य के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय भी बढ़ाया जा सकता था या फिर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों में से ही योग्य कार्यकत्रियों को उक्त पद पर समायोजन करना चाहिए था। लेकिन ऐसा ना करके बाहर के लोगों को सरकार भर्ती करने जा रही है। इसी को लेकर के आज सरोजिनी वाटिका में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी ने बैठक कर अपना विरोध दर्ज कराया और कार्यकत्रियों का कहना है कि अगर ईसीसी एजुकेटर पद समाप्त नहीं किया गया, उसकी भर्ती खत्म नहीं की गई तो आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां सीतापुर से लगाकर लखनऊ व दिल्ली तक धरना प्रदर्शन करके आंदोलनरत रहेगी।

इस मौके पर जिला अध्यक्ष नीतू सिंह, एलिया ब्लॉक अध्यक्ष नीता सिंह, जिला महामंत्री राम श्री राठौर, विनीत दीक्षित, हरिओम मिश्रा, नीलम, मंजुला, रुचि तिवारी, शालिनी, राधा, अनीता राठौर, संतोषी, राम बेटी, अनीता पांडे, मंतोष, संजू सिंह व अनुराधा सिंह सहित बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां मौजूद रही।

ईसीसी एजुकेटर की भर्ती होने से नाराज हुई आंगनबाड़ी, दिल्ली तक धरना-प्रदर्शन करने की दी चेतावनी

सीके सिंह(रूपम)

सीतापुर। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश के बैनर तले गुरुवार को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने सरोजिनी वाटिका में संघ की जिलाध्यक्ष नीतू सिंह की अध्यक्षता में बैठक की।

जिसमें आउटसोर्सिंग के माध्यम से ईसीसी एजुकेटर की भर्ती पर नाराजगी जाहिर की गई। वहीं सरकार द्वारा एजुकेटर का पद समाप्त न किये जाने पर जिले से लेकर लखनऊ व दिल्ली तक धरना प्रदर्शन किए जाने की चेतावनी भी दी गयी है। ज्ञात हो कि आंगनवाड़ी की योजना करीब 50 वर्षों से चल रही है। जिसमें 6 वर्ष तक के बच्चों के मानसिक, शारीरिक व भौतिक विकास के लिए कार्यत्रियां अपनी सेवाएं दे रही हैं। लेकिन अभी हाल में सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के साथ-साथ ईसीसी एजुकेटर नाम का पद सृजित करके आंगनवाड़ी में भर्ती किया जा रहा है।

जोकि भर्ती आउटसोर्सिंग के जरिए करके उनको दस रुपये मानदेय दिया जाएगा। इस बात से आंगनवाड़ी कार्यकत्रिया नाराज है। क्योंकि उक्त सृजित पद के कार्य अभी तक आंगनबाड़ी कार्यकत्री करते चली आ रही हैं। नीतू सिंह ने कहा कि उक्त एजुकेटर की चयन प्रक्रिया करने से न सिर्फ उनको अतिरिक्त मानदेय भत्ता आदि की सुविधा दी जाएगी और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय पर एक बुरा प्रभाव पड़ेगा।

जबकि उक्त कार्य के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का मानदेय भी बढ़ाया जा सकता था या फिर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों में से ही योग्य कार्यकत्रियों को उक्त पद पर समायोजन करना चाहिए था। लेकिन ऐसा ना करके बाहर के लोगों को सरकार भर्ती करने जा रही है। इसी को लेकर के आज सरोजिनी वाटिका में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी ने बैठक कर अपना विरोध दर्ज कराया और कार्यकत्रियों का कहना है कि अगर ईसीसी एजुकेटर पद समाप्त नहीं किया गया, उसकी भर्ती खत्म नहीं की गई तो आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां सीतापुर से लगाकर लखनऊ व दिल्ली तक धरना प्रदर्शन करके आंदोलनरत रहेगी।

इस मौके पर जिला अध्यक्ष नीतू सिंह, एलिया ब्लॉक अध्यक्ष नीता सिंह, जिला महामंत्री राम श्री राठौर, विनीत दीक्षित, हरिओम मिश्रा, नीलम, मंजुला, रुचि तिवारी, शालिनी, राधा, अनीता राठौर, संतोषी, राम बेटी, अनीता पांडे, मंतोष, संजू सिंह व अनुराधा सिंह सहित बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां मौजूद रही।

10.97 लाख की आबादी में खोजे जाएंगे टीबी रोगी, माइक्रो प्लान तैयार, 418 टीमों की देखरेख में चलेगा अभियान

सीके सिंह(रूपम),सीतापुर। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत आगामी नौ से बीस सितंबर तक दस दिवसीय सक्रिय क्षय रोगी खोज (एसीएफ) अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर संभावित क्षय रोग के लक्षण वाले मरीजों की पहचान करेंगी। जिसके बाद चिन्हित इन संभावित रोगियों की टीबी की जांच की जाएगी और टीबी की पुष्टि होने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा उनका इलाज शुरू किया जाएगा। इस आशय की जानकारी सीएमओ डॉ. हरपाल सिंह ने गुरुवार को अपने कार्यालय में मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए दी।

सीएमओ ने बताया कि यह अभियान अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, ईंट-भट्टे, निर्माणाधीन प्रोजेक्ट, फल व सब्जी मंडी, क्रेशर, बाल संरक्षण गृह, लेबर मार्केट आदि में भी चलाया जाएगा। इसको लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने बताया कि जिले की कुल आबादी की 20 फीसद आबादी को आच्छादित करते हुए शहरी एवं ग्रामीण बस्ती तथा हाई रिस्क क्षेत्र में यह अभियान चलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिले की कुल आबादी 54,58,355 है, इसका 20 फीसद यानि 10,91,671 आबादी में यह अभियान चलाया जाएगा। जिसके लिए माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है।

सीएमओ ने बताया कि टीबी (क्षय रोग) एक घातक संक्रामक रोग है जो कि माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस जीवाणु की वजह से होता है। टीबी (क्षय रोग) का बैक्टीरिया ज्यादातर फेफड़ों पर हमला करता है लेकिन यह फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता हैं। यह रोग हवा के माध्यम से फैलता है। जब क्षय रोग से ग्रसित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है तो उसके साथ संक्रामक ड्रॉपलेट न्यूक्लिआई उत्पन्न होता है जो कि हवा के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। ये ड्रॉपलेट न्यूक्लिआई कई घंटों तक वातावरण में सक्रिय रहते हैं। जब एक स्वस्थ्य व्यक्ति हवा में घुले हुए इन माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस ड्रॉपलेट न्यूक्लिआई के संपर्क में आता है तो वह इससे संक्रमित हो सकता है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मनोज देशमणि ने बताया कि इस अभियान में 418 टीमें लगाई गयी हैं और हर टीम में आशा, आंगनवाड़ी एवं कम्युनिटी वोलेंटियर रहेंगे। प्रत्येक पांच टीमों पर एक सुपरवाइजर की तैनाती की गई है। हर ब्लॉक में एक चिकित्सा अधिकारी को इस अभियान का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। डॉ. मनोज देशमणि ने बताया कि इस साल बीते जुलाई माह तक 9,387 टीबी रोगियों की खोज की जा चुकी है, इन सभी का उपचार स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराया जा रहा है। इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी राज कुमार, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष दीक्षित एवं यूनिसेफ के एमएम खान सहित मीडिया कर्मी मौजूद रहे।

टीबी के लक्षण ---

- लगातार दो सप्ताह से खांसी व बुखार का आना और आगे भी जारी रहना।

- खांसी के साथ खून का आना।

- छाती में दर्द और सांस का फूलना।

- वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना।

- शाम को बुखार का आना और ठण्ड लगना।

- वजन कम होना ।

- रात में पसीना आना।

संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय फाइलेरियारोधी दवा का सेवन है: अंशू


आरएन सिंह,बिसवां, (सीतापुर)। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत बुधवार को कस्बे के बच्चू लाल राम दुलारी महाविद्यालय में बूथ लगाकर छात्र-छात्राओं को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई गई। इस बूथ का आयोजन छूटे हुए छात्र-छात्राओं को दवा खिलाने के लिए किया गया।

इस मौके पर प्रोजेक्ट कंसर्न आॅफ इंडिया (पीसीआई) की डीएमसी अंशू मिश्रा ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर और लाइलाज बीमारी है जो की मच्छर के काटने से होती है। मच्छर कभी भी, किसी को भी, कहीं भी काट सकता है इसके लक्षण आने में पांच से 15 साल लग जाते हैं। फाइलेरिया एक संक्रामक रोग है जिसे सामान्यत: हाथी पांव के नाम से जाना जाता है। इसके मुख्य लक्षण पैरों व हाथों में सूजन (हाथीपांव), पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोश का सूजन) और महिलाओं में ब्रेस्ट में सूजन है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय समय पर फाइलेरियारोधी दवा का सेवन करना है। यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रमाणित हैं।

आशा कार्यकर्ता रूमन ने बताया कि फाइलेरिया से बचाव के लिए लोग घरों के आसपास गंदगी और पानी नहीं जमने दें। घर के आसपास साफ-सफाई रखें। बुखार आना, शरीर में लाल धब्बे या दाग होना, शरीर के किसी भी अंग में सूजन होना इसके लक्षण हैं। ज्यादातर इस बीमारी से ग्रसित लोगों के पांव या हाइड्रोसिल में सूजन हो जाती है। लोग इस बीमारी से सुरक्षित रह सकें इसके लिए सरकार हर साल में एक बार एमडीए अभियान चलाती है। इससे लोगों को जरूरी दवा उपलब्ध होती है, जो इस बीमारी को रोकने में सहायक होती है। इस मौके पर 450 छात्र-छात्राओं को उनकी लंबाई व उम्र के हिसाब से दवाइयां की मात्रा दी गई है। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक धीरेश अवस्थी, सुपरवाइजर नैनसी बाजपेयी, सोमपालय यादव सहित कॉलेज के शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहीं।