डायरिया, H1N1 प्रकरणों की वर्तमान स्थिति एवं रोकथाम एवं उपचार हेतु तैयारियों की हुई समीक्षा

रायपुर-    स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ऋतुराज रघुवंशी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों को बीमारियों को देखते हुए सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। वीडियो कांफ्रेंस में प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा समस्त सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक उपस्थित थे। बैठक में मुख्य रूप से डायरिया एवं H1N1 प्रकरणों की वर्तमान स्थिति , उनकी रोकथाम एवं उपचार के लिए की जा रही तैयारियों की स्थिति पर चर्चा एवं समीक्षा की गयी।

समीक्षा बैठक में श्री रघुवंशी ने मलेरिया, डेंगू, जापानी इन्सेफेलाइटिस, सर्पदंश के प्रकरणों की वर्तमान स्थिति और उनकी रोकथाम एवं उपचार की तैयारियों की भी समीक्षा की । इसके साथ ही राज्य में दवाइयों एवं कंस्यूमेबल्स की उपलब्धता की वर्तमान स्थिति की जिलेवार जानकारी ली गयी। इसके साथ ही मातृत्व स्वास्थ्य अंतर्गत हाई रिस्क प्रेगनेन्सी के प्रकरणों की स्थिति की भी समीक्षा की गयी। बैठक में मातृत्व मृत्यु अंकेक्षण की स्थिति, टी.बी. की वर्तमान स्थिति एवं दवाइयों की उपलब्धता की स्थिति, टीकाकरण की वर्तमान स्थिति और सिकल सेल उन्मूलन मिशन अंतर्गत स्क्रीनिंग की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गयी। इसके साथ ही बान्डेड चिकित्सकों के जॉइनिंग की स्थिति, स्थानांतरित चिकित्सकों के कार्यमुक्त होने की स्थिति और नाको अंतर्गत संचालित ओएसटी केन्द्रों की स्थिति की समीक्षा भी बैठक में की गयी।

गृह मंत्री विजय शर्मा ने SI भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए की बात, बताया कब जारी होगा रिजल्ट

रायपुर-     राजधानी रायपुर में इच्छामृत्यु या नौकरी की माँग को लेकर अड़े सब इंस्पेक्टर (SI) अभ्यर्थी अंततः घर लौट गए हैं। गृहमंत्री विजय शर्मा ने अभ्यर्थियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अभ्यर्थियों की चिंताओं और सवालों का समाधान किया और उन्हें आश्वस्त किया कि भर्ती का रिजल्ट 4 सितंबर तक जारी कर दिया जाएगा। गृहमंत्री विजय शर्मा ने अभ्यर्थियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की और भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है।

बता दें कि साल 2018 में सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा शुरू हुई थी, लेकिन 6 साल बाद भी अब तक कोई भी परिणाम जारी नहीं किया गया है। तब से लेकर अब तक सैकड़ों अभ्यर्थी राजधानी के सड़कों पर धरना प्रदर्शन और कैंडल मार्च कर सरकार से जल्द से जल्द भर्ती की प्रक्रिया पूरी कर रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे थे, कोरोना काल के दौरान महामारी की वजह से यह आंदोलन फीका पड़ गया। इसके बाद साल 2022 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान जून-जुलाई 2022 में शारीरिक नापजोक, 29 जनवरी 2023 को प्रारम्भिक परीक्षा आयोजित की गई थी, वहीं 26 मई 2023 से 29 मई 2023 तक मुख्य परीक्षा चली, शारीरिक दक्षता परीक्षा 18 जुलाई 2023 से 30 जुलाई 2023 तक हुई और साक्षात्कार परीक्षा 17 अगस्त 2023 से 08 सितंबर 2023 तक आयोजित किया गया। सभी प्रक्रियाएं पूरी हो जाने के बावजूद रिज़ल्ट अभी तक जारी नहीं किया गया है, जिससे अभ्यर्थियों में निराशा बनी हुई है।

गृह मंत्री के आश्वासन के बावजूद अभ्यर्थियों का कहना है कि इससे पहले भी कई बार तारीखें दी गई थी और एक बार फिर उन्हें सिर्फ़ एक और तारीख दी गई है, अब देखने की बात यह होगी की इस बार क्या होता है।

PM आवास योजना के लिए उमड़ी भीड़: 1133 मकानों के लिए आए 4500 आवेदन

रायपुर-     प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों को नागरिकों का राजधानी शहर रायपुर में नगर पालिक निगम को जबरदस्त प्रतिसाद मिला है. नगर निगम रायपुर द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कचना, दलदल सिवनी, सोनडोंगरी एवं मठपुरैना में निर्मित 1133 मकानों के लिए 13 अगस्त 2024 तक आवेदन मंगाए गए. इस हेतु 4500 नागरिकों के आवेदन नगर निगम रायपुर को प्राप्त हुए।

विगत 14 अगस्त 2024 से प्रतिदिन कार्यालयीन दिवस पर सुबह 10.30 बजे से दोपहर 11.30 बजे तक 300 आवेदकों को टोकन जारी कर उक्त दिवस उनके द्वारा दिए गए ऑनलाइन दस्तावेजों का परीक्षण का कार्य प्रतिदिन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित मकानों को प्राप्त करने नगर निगम मुख्यालय भवन में भीड़ उमड़ पड़ी है। आज नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने निगम मुख्यालय भवन के चतुर्थ तल पर निगम सामान्य सभा सभागार में पहुंचकर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत टोकन के आधार पर आवेदकों के ऑनलाइन दस्तावेजों का परीक्षण किये जाने के कार्य का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया। आयुक्त ने निर्देश दिए है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों हेतु आवेदन करने वाले नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो, इस बात का ध्यान रखा जाये। उन्होंने दस्तावेजों का परीक्षण करवा रहे आवेदकों से भी चर्चा की।

EPIL भिलाई के तत्कालीन DGM और निजी कंपनी के पार्टनर के खिलाफ CBI में मामला दर्ज, करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप

रायपुर-     सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोप में ईपीआईएल, भिलाई के तत्कालीन डीजीएम और एक निजी कंपनी के पार्टनर समेत दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. तलाशी भी शुरू कर दी है. 84 करोड़ रुपए से ज्यादा का गलत लाभ प्राप्त कर ईपीआईएल को आर्थिक नुकसान पहुंचाने पर एफआईआर के बाद सीबीआई की छापामार कार्रवाई जारी है. CBI ने यूपी के बिजनौर और छत्तीसगढ़ के भिलाई में दोनों आरोपियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों में छापामार कार्रवाई की है.

सीबीआई ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि, आरोप है कि भिलाई इस्पात संयंत्र, भिलाई, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ (भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड के अधीन) एवं मैसर्स इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड (ईपीआईएल) (भारत सरकार का उद्यम) ने 30 अप्रैल 2010 को भिलाई इस्पात संयंत्र में नए ओएचपी, भाग (पैकेज-61) के साथ कच्चे माल की प्राप्ति एवं हैंडलिंग सुविधाओं के विस्तार की स्थापना के लिए 5,50,82,27,000 रुपए के अनुबंध मूल्य पर एक अनुबंध किया. इसके परिणामस्वरूप ईपीआईएल (विभिन्न क्षेत्रों विशेष रूप से इस्पात एवं बिजली के क्षेत्र में परियोजनाओं के निष्पादन के लिए भारत सरकार की कंपनी) ने पीकेजी-061 के तहत सिविल निर्माण कार्यों के लिए कई एनआईटी (निविदा आमंत्रण सूचना) जारी की एवं आरोपी साझेदार की फर्म सहित कई कंपनियों/फर्मों को अलग-अलग “पीकेजी-061” के सिविल निर्माण के कार्य आवंटित किए गए.

उक्त भागीदार की निजी कंपनी ने जाली गेट मटेरियल एंट्री चालान जिसे फॉर्म सीआईएसएफ-157 के नाम से जाना जाता है एवं स्टोर इशूड स्लिप( Store Issued Slip), जाली चालान के साथ प्रस्तुत किए. यह भी आरोप है कि सीआईएसएफ फॉर्म-157 को आरोपी उप महाप्रबंधक, ईपीआईएल द्वारा सत्यापित किया गया था. कार्य आदेशों की मूल्य अनुसूची के अनुसार, सुदृढ़ीकरण स्टील (Reinforcement Steel) की आपूर्ति एवं रखने (Placing) की दर कथित रूप से 70,000 रुपए प्रति मीट्रिक टन तय की गई थी. इस प्रकार एक निजी फर्म के आरोपी साझीदार ने जाली चालान प्रस्तुत करके कथित रूप से 84,05,880 रुपए का लाभ प्राप्त किया और ईपीआईएल को इसी प्रकार हानि पहुंचाई.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री को बताई समस्याएं, कहा – 6 माह से लंबित है आयुष्मान योजना की राशि
रायपुर-  इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से मुलाकात कर अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल ने बताया, पिछले 6 महीना से आयुष्मान योजना की राशि लंबित है. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने बताया,आज की तिथि तक का पिछला पूरा भुगतान एक मुश्त कर दिया जाएगा, इसकी कोशिश उच्च स्तर पर जारी है.

पिछले कई वर्षों से लगभग सभी बीमारियों के इलाज का पैकेज रिवीजन नहीं किए जाने की एक प्रमुख मांग के संबंध में मंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया है. वर्तमान पैकेज दर पर मरीजों का इलाज गुणवत्ता पूर्वक किए जाने में आईएमए प्रतिनिधि मंडल ने असमर्थता जताई. पिछले वर्षों में अपनाई गई पारदर्शी प्रक्रिया की जानकारी आईएमए अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने मंत्री को बताई, ताकि तर्क सम्मत पैकेज रेट सभी स्पेशलिटी डॉक्टरों के सहयोग से पुनः निर्धारित किए जा सके.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल द्वारा आईएमए प्रतिनिधि मंडल को पूरी आयुष्मान स्कीम इंश्योरेंस मोड पर दिए जाने के संभावित निर्णय की जानकारी दिए जाने पर आईएमए रायपुर के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता ने तुरंत अपना विरोध दर्ज कराया. उन्होंने 5 वर्ष पहले के अनुभवों से प्रतिवर्ष के अंतिम चार-पांच महीनों में बार-बार गतिरोध और भुगतान रुकने की अनवरत समस्या से बचने के लिए ही ट्रस्ट मोड़ पर योजना को किए जाने की बात कही.

ट्रस्ट मोड में योजना को शुरू करने के बाद पिछले 6 वर्षों में किसी प्रकार के विवादास्पद भुगतान रोकने और रिजेक्शन की जानकारी बड़े स्तर पर नहीं आई है. इंश्योरेंस मोड पर आयुष्मान योजना आने से इंश्योरेंस कंपनी की मनमानी फिर से शुरू हो जाएगी, यह विरोध मंत्री के सामने ही प्रतिनिधि मंडल ने जता दिया है. इस संबंध में आईएमए रायपुर की एक मीटिंग बुलाए जाने की तैयारी है. इसके अलावा नर्सिंग होम एक्ट संशोधन, पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड और फायर एक्ट के लाइसेंस के रेनियुवल की प्रक्रिया के सरलीकरण की बात भी मंत्री के सामने रखी गई है. आईएमए रायपुर के प्रतिनिधि मंडल के साथ जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल भी अपनी मांगों के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री से मिला. छात्राओं के हॉस्टल और अस्पताल परिसर में सुरक्षा का मुद्दा भी मंत्री के सामने प्रमुखता से उठाया गया. मंत्री ने निकट भविष्य में अधिकारियों के साथ प्रस्तावित विभागीय मीटिंग समस्याओं का सार्थक हल निकालने का आश्वासन जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल को दिया है.
डॉ. चरणदास महंत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओ पर पुलिस लाठीचार्ज की करी कड़ी निंदा

रायपुर-    छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भिलाई 03 क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस लाठी चार्ज को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्ति की है। प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा हैं कि, मात्र 08 माह की प्रदेश सरकार में लचर कानुन व्यवस्था के चलते सामाजिक समरसता आपसी भाईचारे पर जबरदस्त ठेस लगी है।

प्रदेश सरकार अपने राष्ट्रीय एजेंडे फुट डालो-राज करो की नीति पर चल रही है। एक ओर बलौदाबाजार की घटना में जिस तरह समाज को समाज में बाँटने की नाकाम साजिश की गयी और देश के इतिहास में पहली बार कलेक्टर, एसपी कार्यलय फूंक दिए गए सरकार और प्रशासन मूक दर्शक बनी रही।पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सुरक्षा में चूक, फिर उपद्रवियों द्वारा बदसलूकी धक्का-मुक्की, उस पर कोई कार्यवाही न होना प्रदेश सरकार की नियत और कानुन व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है।

दोषियों पर कार्यवाही की मांग को लेकर सरल तरीके से मांग कर रहे हमारे कांग्रेस कार्यकर्ताओ पर अपराधी की तरह बर्ताव दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जाना ये कतई बर्दास्त नहीं किया जा सकता। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आगे कहा कि, प्रदेश में लगातार विपक्षीय कार्यकर्ताओ के साथ मारपीट की जा रही है। सरकार का काम प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम रखने का है और वे ही इस तरह पेश आ रही है जो उचित नहीं है। प्रदेश सरकार के इस रवैये का हम कडे शब्दों में निंदा करते है।

प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस का धरना : पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा –
रायपुर- रायपुर पश्चिम के पूर्व विधायक व लोकसभा प्रत्याशी विकास उपाध्याय के नेतृत्व में आज कांग्रेसजनों ने रामनगर के ऐतिहासिक कबीर चौक में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन कर भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर कड़ा प्रहार किया है. उपाध्याय ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की 08 माह की सरकार ने प्रदेश की जनता को उपहार में उनके विश्वास के बदले में सिर्फ अपराध दिया है. उन्होंने कहा कि लगातार हत्या, लूट, डकैती, चोरी, चैन स्नैचिंग, नशीले पदार्थ का व्यापार, अवैध शराब बिक्री, जुआं, सट्टा सहित जघन्य अपराध प्रदेश की जनता को उपहार में दिया है. वहीं भारतीय जनता पार्टी की सरकार के संरक्षण में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. रामनगर की सड़कों में खुले आम हत्या हो जाती है उसके बाद अपराधी सोशल मीडिया में उसे लाईव भी वायरल कर देता है, कोई अपराधी का पुलिस कार्यवाही होने से पहले ही वर्तमान भारतीय जनता पार्टी की सरकार की इस पर कोई प्रतिक्रिया भी नहीं होती बल्कि उनका उल्टा फोन चला जाता है कि उस पर कोई कार्यवाही न की जाये. वर्तमान सरकार एवं वर्तमान विधायक आँखों में पट्टी बाँधकर बैठे हुए हैं और वहीं पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा रामनगर में पुलिस चौकी खोलने के लिए निविदा तक की प्रक्रिया हो चुकी थी उसको तक वर्तमान विधायक द्वारा अपनी हठधर्मिता के कारण शुरू नहीं होने दे रहे हैं उसी के चलते विगत् दिनों उसी क्षेत्र में जहाँ पर पुलिस चौकी खुलना था हत्या जैसी घटना घट गई. आज इसी के विरोध में एकदिवसीय धरना रामनगर के ऐतिहासिक कबीर चौक में भारतीय जनता पार्टी के सरकार एवं विधायक के कार्यशैली के खिलाफ आम जनता एवं कांग्रेसजनों ने धरना प्रदर्शन किया.

विकास उपाध्याय ने कहा कि दो दिन पूर्व छत्तीसगढ़ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के काफिले को रोका जाता है उनकी सुरक्षा में तैनात जवानों से धक्का-मुक्की और बद्तीमीजी की जाती है, उनके गाड़ी में पथराव किया जाता है और जब इसके विरोध में कल कांग्रेस पार्टी द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से धरना दिया जाता है तब जिन लोगों ने काफिले को रोकने वालों की शिनाक्त करवाई थी उनको चिन्हित कर उन पर लाठी चार्ज किया जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के काफिले में हुए हमले एवं उनके सुरक्षा में हुए चूक को लेकर कल 3 बजे कांग्रेस के प्रतिनिधि मण्डल डीजीपी से मुलाकात करेंगे.

उपाध्याय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस की सरकार में अपराध करने वालों व अपराध पर पूर्ण नियंत्रण था, जबकि पश्चिम विधानसभा, रायपुर शहर सहित पूरे प्रदेश में आपराधिक प्रकरणों में लगातार वृद्धि हो रही है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. क्या हमने यही दिन देखने के लिए इन्हें विधायक चुना था, क्या ऐसी स्थिति लाने के लिए सरकार को चुना था, छत्तीसगढ़ जैसे शांत प्रदेश को भारतीय जनता पार्टी की सरकार आग में झोंकने का काम कर रही है और जनता को गुमराह करने के लिए मुख्यमंत्री और उनके मंत्री, विधायक सोशल मीडिया में कहते फिर रहे हैं हमने बनाया है हम ही संवारेंगे. जबकि वास्तविक स्थिति यह है कि भाजपा ने बनाया तो नहीं लेकिन छत्तीसगढ़ प्रदेश को बिगाड़ने का काम अवश्य कर रहे हैं. आने वाले दिनों में अगर अपराध में अंकुश नहीं लगा पाती है भारतीय जनता पार्टी की सरकार तो वो दिन दूर नहीं की जनता सड़कों पर उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य होगी.

आज ऐतिहासिक कबीर चौक रामनगर के धरना में विकास उपाध्याय के साथ शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे, ब्लॉक अध्यक्ष दाऊलाल साहू, देवकुमार साहू, अशोक सिंह ठाकुर, श्रीकुमार मेनन, बबीता नत्थानी, धनंजय ठाकुर, पार्षद मनीराम साहू, सुन्दर लाल जोगी, डॉ. अन्नू राम साहू, प्रकाश जगत, वारेन्द्र साहू, राजेश पाल, सोहन शर्मा, तरूण श्रीवास, भागवत साहू, शिव सिंह ठाकुर, विकास अग्रवाल, रितेश त्रिपाठी, कमलाकांत शुक्ला, सोहन साहू, लक्की ठाकुर, दिनेश ठाकुर, खुशबू केडिया, ईश्वरी नामदेव, अजय तिवारी, पम्मी चोपड़ा, शानू दीवान, योगेश तिवारी, रितेश साहू, डेमेन्द्र यदु, निरंजन पठारी, अजीत जगत, रामदास कुर्रे, कामत साहू, सोनू यादव, ईश्वर चक्रधारी, प्रकाश दास मानिकपुरी, ईश्वर जांगड़े, कुन्दन सिन्हा, सूरज साहू, अजय निषाद, दिलीप गुप्ता, राजू टाटीबंध, मुकेश चौधरी, हेमलाल नायक, रूखमणी यादव, भीम यादव, भूपेन्दर शेरगिल सहित काफी संख्या में कांग्रेस के साथी उपस्थित रहे.
सौम्या चौरसिया को हाईकोर्ट से फिर लगा झटका, तीसरी बार जमानत याचिका की ख़ारिज

बिलासपुर- कोल लेव्ही वसूली मामले में पूर्व मुख्यमंत्री की उपसचिव रह चुकी सौम्या चौरसिया की ज़मानत याचिका को हाईकोर्ट ने तीसरी बार खारिज कर दिया है। जस्टिस एन के व्यास की सिंगल बेंच ने यह निर्णय सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया। इस निर्णय की पुष्टि राज्य के उप महाधिवक्ता और ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ. सौरभ कुमार पांडेय ने की है।

बता दें कि 570 करोड़ के कोल लेव्ही वसूली मामले में सौम्या चौरसिया के साथ ही आईएएस समीर बिश्नोई रानू साहू व अन्य को ईडी ने गिरफ्तार किया था। कोल कारोबारियों से परिवहन व पीट पास जारी करने की एवज में प्रति टन के हिसाब से रुपए वसूले जाते थे। जो कारोबारी रकम नहीं देता था उसे परिवहन पास नहीं दिया जाता था। इसे एक पूरे सिंडिकेट की तरह चलाया जाता था। सिंडिकेट का किंगपिंग कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया था। सूर्यकांत तिवारी को यह शक्ति सौम्या चौरसिया से प्राप्त होती थी। ईडी ने जांच के बाद सौम्या चौरसिया और दो आईएएस के अलावा अन्य को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

ईडी के अलावा ईओडब्ल्यू ने भी कोल घोटाले की जांच में सौम्या चौरसिया और उसके परिवार के द्वारा आय से अधिक 9 करोड़ 20 लाख रुपये की 29 अचल संपत्ति खरीदने की बात कही है। यह संपत्ति साल 2021 से 2022 के बीच खरीदी गई है। मामले में पीछे डेढ़ साल से सौम्या चौरसिया जेल में बंद है। उनकी दो बार पूर्व में जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। अब सुप्रीम कोर्ट से आईएएस रानू साहू, दीपेश टांक को जमानत मिलने के आधार पर सौम्या चौरसिया ने तीसरी बार जमानत याचिका लगाई थी।

सौम्या चौरसिया के अधिवक्ता ने तर्क दिया था कि सौम्या चौरसिया पिछले डेढ़ साल से जेल में बंद है। उनके छोटे बच्चे हैं। प्रकरण की सुनवाई में अभी काफी टाइम लगना है। इसी मामले में तीन आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। लिहाजा उन्हें भी जमानत कर लाभ प्रदान किया जाए। सुनवाई के बाद जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब फैसले को सार्वजनिक किया गया है।

जल जीवन मिशन - प्रदेश में अब तक 79 प्रतिशत काम पूर्ण, 39 लाख से अधिक घरों में नल से पहुंच रहा पेयजल

रायपुर-  लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा प्रदेश में जल जीवन मिशन का काम समय-सीमा में पूर्ण करने सभी उपाय किए जा रहे हैं। मिशन के कार्यों में गति लाने लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही प्रगतिरत कार्यों को तेजी से पूर्ण किया जा रहा है। कार्य के प्रति उदासीन और गलत रिपोर्टिंग करने वाले छह जिलों के कार्यपालन अभियंताओं के विरूद्ध निलंबन और चार जिलों के कार्यपालन अभियंताओं के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने की कार्रवाई पिछले महीने की गई है। जल जीवन मिशन के कार्यों को समय पर पूर्ण करने निलंबित अधिकारियों के बदले उस क्षेत्र में पहले से ही मिशन का काम कर रहे अधिकारियों को प्रभार सौंपा गया है।

जल जीवन मिशन के कार्यों में कसावट और तेजी लाने निलंबित कार्यपालन अभियंताओं के स्थान पर नवीन कार्यपालन अभियंताओं की पदस्थापना की गई है। चार जिलों में सहायक अभियंताओं को प्रभारी कार्यपालन अभियंता के पद पर पदस्थ किया गया है। इन चारों सहायक अभियंताओं के पहले से ही उन क्षेत्रों में कार्यरत रहने से उन्हें मिशन के कार्यों और क्षेत्र की बेहतर जानकारी है। इन सहायक अभियंताओं की पदस्थापना से बेहतर कार्य प्रगति की संभावनाओं को देखते हुए ही इनका चयन किया गया है। इसमें किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या प्रभारवाद को प्रश्रय नहीं दिया गया है, वरन् कार्य की गंभीरता, महत्व और कार्य-पूर्णता की समय-सीमा को ध्यान में रखते हुए प्रभार सौंपे गए हैं। किसी अन्य क्षेत्र के वरिष्ठ अधिकारी को पदस्थ करने पर उसे क्षेत्र को जानने एवं कार्य पूर्ण कराने के लिए वातावरण को समझने में समय लग सकता था। चूँकि मिशन का कार्यक्रम समयबद्ध है, इसलिए वरिष्ठता के स्थान पर स्थानीय स्तर पर प्रभावी व्यवस्था और कार्य-पूर्णता के लक्ष्य को प्राथमिकता देते हुए शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है।

केंद्र और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ की 11 हजार 658 ग्राम पंचायतों के 19 हजार 657 गांवों में हर घर स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का काम किया जा रहा है। राज्य के सभी गांवों के प्रत्येक घर में नल के माध्यम से शुद्ध जल प्रदान करना एक अति विस्तारित कार्य है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में कोरोना महामारी की वजह से और उसके बाद विभागीय निविदा प्रक्रिया असफल होने के कारण छत्तीसगढ़ में इस मिशन की शुरूआत वर्ष 2019 के स्थान पर 2021 में हुई। मिशन के लिए पांच वर्षों के स्थान पर छत्तीसगढ़ को तीन वर्ष का ही समय उपलब्ध हो पा रहा है। इसके कार्यों को सीमित समय में पूर्ण किया जाना है। मिशन के अंतर्गत निर्धारित लक्ष्यों को दिसम्बर-2024 तक पूर्ण किया जाना है।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा जल जीवन मिशन को समय पर पूर्ण करने सभी उपाय किए जा रहे हैं। विभाग में अभियंताओं की कमी के बावजूद सभी जिलों में तेजी से कार्य पूर्ण किए जा रहे हैं। उप अभियंताओं के कुल स्वीकृत पदों के विरुद्ध अभी केवल 25 प्रतिशत ही कार्यरत हैं। चूँकि कार्यावधि कम है और कार्यों की संख्या ज्यादा है, इसलिए विभाग द्वारा गुणवत्तापूर्ण कार्यों के साथ वांछित प्रगति को प्राथमिकता में रखकर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य में अब तक जल जीवन मिशन का 79 प्रतिशत काम पूर्ण हो चुका है। प्रदेश में 50 लाख पांच हजार 111 घरों में नल से जल पहुंचाने के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 39 लाख 35 हजार 597 घरों में पाइपलाइन के जरिए पेयजल पहुंच रहा है। राज्य के 16 जिलों में मिशन का 80 प्रतिशत से अधिक काम पूर्ण कर लिया गया है। वहीं 3600 गांवों के हर घर में नल से जल की आपूर्ति हो रही है।

दुर्ग लाठीचार्ज मामला : कांग्रेस के प्रदर्शन पर पुलिस का एक्शन, महापौर समेत 150 से अधिक नेताओं के खिलाफ गैर जमानती धाराओं में मामला दर्ज

दुर्ग-  पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के काफिले को रोकने के विरोध में मंगलवार कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने थाने का घेराव किया. इस प्रदर्शन के बाद अब पुलिस ने अब चरोदा मेयर निर्मल कोसरे समेत 150 से अधिक नेताओं के खिलाफ गैर जमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया है. 

दरअसल, 27 अगस्त को पूर्व सीएम भूपेश बघेल के समर्थकों ने दुर्ग के भिलाई 3 थाने का घेराव किया. इससे पहले भिलाई 3 के सिरसा गेट पर एक बड़ी सभा भी आयोजित की गई. जिसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. वहीं थाने के घेराव के दौरान पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया, जिसमें कई कांग्रेसी नेता और जनप्रतिनिधि के अलावा पुलिस जवान भी घायल हुए. कांग्रेसियों और पुलिस के बीच हुए इस टकराव के बाद अब पुलिस ने गैर जमानती धाराओं के तहत 150 से अधिक लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया है. वहीं नामजद में पुलिस ने मेयर निर्मल कोसरे, मनोज मढरिया और सुजीत बघेल को प्रमुख आरोपी के रूप में शामिल किया है. पुलिस ने बीएनएस की धारा 326/24 धारा 189(2), 190, 221, 132, 121, 324(2) के तहत दो अपराध दर्ज किए है.

दुर्ग पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में बताया गया है कि लोग उग्र होकर अचानक थाने की ओर बढ़े, झूमाझटकी करते हुए झंडे लेकर, झंडे की लकड़ी से पुलिस बल पर प्रहार करते हुए थाने के भीतर घुसने की कोशिश करने लगे. प्रदर्शनकारियों की ओर से किए गए अपराधिक बल प्रयोग से पुलिस बल के तीन जवानों को चोट आई है. इस के साथ साथ बल संसाधित सामग्री भी क्षतिग्रस्त हुई है.

पुलिस के अनुसार पूरे घटनाक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग और तस्वीरों की सूक्ष्मता से जांच की जा रही है. आरोपियों की पहचानकर अन्य लोगों पर भी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है. एसपी जितेंद्र शुक्ला ने अपने बयान में कहा था कि प्रदर्शनकारियों ने इस प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली थी. बिना अनुमति प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं दुर्ग एसपी के निर्देश पर प्रदर्शन के दौरान इस्तेमाल किए गए टेंट समाग्री और कुर्सियां भी जब्त कर ली गई है.