cgstreetbuzz

Aug 27 2024, 20:26

वन मंत्री केदार कश्यप ने किया डीआरजी के जवानों को बाइक वितरण

रायपुर-    प्रदेश के वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, सहकारिता एवं कौशल विकास तथा संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने नारायणपुर जिला के दो दिवसीय प्रवास के दौरान आज नारायणपुर पुलिस थाना में डीआरजी के जवानों को 150 बाइक वितरण कर नक्सल ऑपरेशन में सफलता प्राप्त करने के लिए जवानों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने जवानों का हाल-चाल पूछा और नक्सल ऑपरेशन में सफलता प्राप्त करने के लिए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक रूप साय सलाम, कलेक्टर बिपिन मांझी, पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, डीएफओ सच्चिदानंद के. सहित अधिकारीगण मौजूद थे।

मंत्री श्री कश्यप ने जवानों की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि ये मोटरसाइकिलें उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि करेंगी और सुरक्षा अभियानों में सहायता प्रदान करेंगी।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा जवानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रही है, और यह वितरण उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

cgstreetbuzz

Aug 27 2024, 20:20

वनमंत्री केदार कश्यप और सांसद ने नारायणपुर जिला के ग्रामों में देवगुड़ी बनाने हेतु किया भूमिपूजन, पोटा केबिन के 69 बालिकाओं को किया साइकिल वितरण

रायपुर-    प्रदेश के वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता तथा संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप और बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद महेश कश्यप के द्वारा जिले के ग्रामों में देवगुड़ी बनाए जाने हेतु भूमिपूजन किया गया। देवगांव पोटा केबिन में आयोजित कार्यक्रम में 69 बालिकाओं को सरस्वती साइकिल योजना के तहत साइकिल वितरित किए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि पढ़ाई का समय जीवन में एक बार मिलता है, जिसका सही उपयोग कर अपने जीवन को सुखमय बनाने के लिए अच्छे से पढ़ाई करें और जीवन में परिवर्तन लाएं। जिले के अंदरूनी क्षेत्र से आकर पोटा केबिन जैसे संस्था में रहकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं बच्चे अपने माता-पिता के लिए एक चिराग के समान हैं। उन्होंने छात्र- छात्राओं से कहा कि अच्छे से पढ़ लिख कर अपने माता-पिता के साथ-साथ पूरे जिले और प्रदेश का नाम रोशन करें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि गुरुजनों के बताए हुए रास्ते पर चलकर अपने जीवन को साकार बनाएं और मेहनत कर कामयाबी हासिल करें। मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि कठिन परिश्रम करने से जीवन में बदलाव निश्चित ही प्राप्त होती है। पढ़ाई के साथ-साथ कौशल विकास के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने की आवश्यकता है, जिससे हमारे देश को आगे बढ़ाने में सहयोग मिलेगा।

बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद महेश कश्यप ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों ने संस्कृति और परंपरा को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की हैं उन्हें बचाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। बालिकाओं ने बस्तर के संस्कृति के ऊपर प्रस्तुत कार्यक्रम को देखकर सांसद ने कहा कि मैं अपने पूर्वजों को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं जिन्होंने हमारी संस्कृति और परंपरा को संरक्षित रखे। उन्होंने अपने सांसद बनने के बाद पहली बार संसद भवन पहुंच कर बस्तर के विकास के लिए प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने बताया कि रेल मार्ग अंतागढ़ से लेकर जगदलपुर तक 126 किलोमीटर बढ़ाने और रायपुर धमतरी से होते हुए केशकाल से जगदलपुर तक और जगदलपुर से दंतेवाड़ा होते हुए बीजापुर से महाराष्ट्र तक रेल मार्ग बनाया जाएगा। सांसद ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया। इस अवसर पर सर्व आदिवासी समाज के संरक्षक रूपसाय सलाम, कलेक्टर बिपिन मांझी, डीएफओ सच्चिदानंद के. सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी, स्कूली विद्यार्थी उपस्थित थे।

cgstreetbuzz

Aug 27 2024, 19:43

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नई दिल्ली में ट्राइबल यूथ हॉस्टल और छत्तीसगढ़ निवास का किया निरीक्षण

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव ने आज नई दिल्ली के द्वारका में स्थित राज्य के ट्राइबल यूथ हॉस्टल का दौरा कर सुविधाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने इस दौरान हॉस्टल में रह रहे छात्र-छात्राओं से मुलाकात की और उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में जानकारी ली। उन्होंने हॉस्टल में मिल रही सुविधाओं के बारे में भी पूछा। इस हॉस्टल में रहकर छत्तीसगढ़ की अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। श्री साव के साथ राज्य शासन में लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह भी इस दौरान मौजूद थे।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने हॉस्टल में निवासरत छात्र-छात्राओं से कहा कि आप सभी हमारे राज्य का भविष्य हैं। सरकार आप लोगों की शिक्षा और विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहें और राज्य के विकास में योगदान दें। राज्य शासन उनके लिए यहां सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है।

श्री साव ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी, अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के छात्रों की शिक्षा और उनके भविष्य के प्रति गंभीर है और इस दिशा में लगातार कदम उठा रही है। उप मुख्यमंत्री से चर्चा के दौरान छात्रों ने अपनी समस्याएं और चुनौतियां भी साझा कीं। श्री साव ने उनकी समस्याओं को दूर करने तुरंत कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने ट्राइबल यूथ हॉस्टल के निरीक्षण के बाद द्वारका में ही स्थित छत्तीसगढ़ निवास का भी दौरा किया। उन्होंने वहाँ की व्यवस्थाओं का जायजा लेकर सुनिश्चित किया कि छत्तीसगढ़ से दिल्ली आने वाले नागरिकों और अधिकारियों के लिए उचित सुविधाएँ उपलब्ध हों। उन्होंने छत्तीसगढ़ निवास के अधिकारियों और कर्मचारियों को राज्य के लोगों की सेवा में सदैव तत्पर रहने के लिए निर्देशित किया। श्री साव ने ट्राइबल यूथ हॉस्टल और छत्तीसगढ़ निवास में अधिकारियों को राज्य के छात्रों और नागरिकों के लिए उपलब्ध सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान के भी निर्देश दिए।

cgstreetbuzz

Aug 27 2024, 18:59

छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम की उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी से सौजन्य भेंट

नई दिल्ली-    छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने आज नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी से सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर दोनों मंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में कृषि विकास से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया।

श्री नेताम और श्री जोशी ने आधुनिक कृषि तकनीकों और सरकारी नीतियों के प्रभाव पर भी चर्चा की, जिसमें किसानों की समस्याओं के समाधान और उनके जीवन स्तर में सुधार के उपायों पर जोर दिया गया। इस भेंट के दौरान, दोनों मंत्रियों ने कृषि क्षेत्र में आपसी सहयोग और अनुभवों के आदान-प्रदान की संभावनाओं पर भी चर्चा की, जिससे दोनों राज्यों को लाभ मिल सके।

cgstreetbuzz

Aug 27 2024, 18:50

कृष्ण जन्माष्टमी कार्यक्रम में शामिल हुई मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े

रायपुर-    महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े बिश्रामपुर और सूरजपुर में कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आयोजित मटकी फोड़ कार्यक्रम में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि इस उल्लासमयी अवसर पर क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर धार्मिक उत्सव की खुशियों को साझा करने का अनुभव अद्वितीय है। हम आशा करते हैं कि आने वाले वर्षों में भी ऐसे ही धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों की सफलता का सिलसिला जारी रहेगा।

इस अवसर पर मंत्री राजवाड़े ने विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत लोगों का सम्मान भी किया। मंत्री राजवाड़े ने कहा कि भगवान श्री कृष्णा को हर व्यक्ति पूजता है और वह हर भक्त का मनोकामना पूर्ण करते हैं। भगवान श्री कृष्णा सदैव ही सत्य की राह पर चलना सीखते हैं उन्होंने सत्य के राह पर चलते हुए ही महाभारत में जीत दिलाई थी। आप सभी ऐसे ही धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करते रहें ताकि आपके जिले में धर्म और संस्कृति को बढ़ावा मिले और छोटे बच्चे आगे चलकर सही दिशा में बड़े मुकाम पर पहुंचे।

कार्यक्रम की शुरूआत भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा-अर्चना से हुई। मटकी फोड़ कार्यक्रम की गतिविधियाँ शुरू की गईं, जिसमें विभिन्न लोग उत्साहपूर्वक भाग लेते नजर आए। इस आयोजन ने सभी को एकजुट होने और धार्मिक मान्यताओं के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करने का एक शानदार मौका प्रदान किया। सभी की सक्रिय भागीदारी और उत्साहपूर्ण उत्सव ने इस आयोजन को विशेष बना दिया।

कार्यक्रम के दौरान लोगों ने उत्साहपूर्वक मटकी फोड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जिसमें छोटे और बड़े सभी ने अपनी ऊर्जा और कौशल का प्रदर्शन किया। इस आयोजन के माध्यम से सभी ने आनंद का अनुभव किया और पर्व की शुभकामनाओं को एक-दूसरे के साथ साझा किया।

cgstreetbuzz

Aug 27 2024, 18:45

मिर्च की बम्पर पैदावार से अमलू के आय में हुई बढ़ोत्तरी, कृषक हुए प्रोत्साहित

रायपुर-     बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकासखण्ड शंकरगढ़ के ग्राम लरंगी के प्रगतिशील कृषक श्री अमलू के पास 02 एकड़ खेत है और इनका पारिवारिक पेशा खेती-बाड़ी है। श्री अमलू परम्परागत् तरीके से खेती करते थे, पर विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं एवं उन्नत तकनीकी ज्ञान के अभाव में उत्पादन इतना कम होता था कि परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो जाता था। इसके अलावा भविष्य की पारिवारिक जिम्मेदारियां भी अंधकारमय दिखाई दे रहीं थी। अमलू कहता है कि मिर्च की खेती करने से मेरे आय के स्त्रोत में बढ़ोत्तरी होने पर मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार आ रही है। श्री अमलू के इस जुनून को देखते हुए आस-पास के कृषक भी उद्यानिकी फसल को अपनाने हेतु प्रेरित हो रहे हैं।

श्री अमलू अपनी आय को बढ़ाने के लिए एक दिन विकासखण्ड के उद्यानिकी विभाग गया तथा अधिकारियों से सम्पर्क कर खेती की उन्नत तकनीक के बारे में चर्चा की। उन्हें बताया गया कि विकासखण्ड में संचालित राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजनांतर्गत प्रशिक्षण एवं भ्रमण कार्यक्रम आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेकर अमलू ने सब्जी उत्पादन के साथ-साथ अंतरवर्ती फसल करने का निर्णय लिया। उन्होंने उद्यान विभाग से मिर्च बीज प्राप्त कर अपने 02 एकड़ खेत में मिर्च की खेती की, जिसके लिए 80 हजार रूपये खर्च करना पड़ा। साथ ही उद्यान विभाग द्वारा उन्हें मिर्च की खेती करने के लिए 20 हजार रुपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ।

श्री अमलू की मेहनत और उद्यानिकी विभाग की मदद से मिर्च की बम्पर फसल हुई है जिससे किसान अमलू के चेहरे की मुस्कान और आय स्त्रोत में बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने बताया कि खेती से लगभग 100 क्विंटल मिर्च प्राप्त हुये जिसका बाजार मूल्य 02 लाख 30 हजार रूपये है। खर्च काटकर अमलू को लगभग 01 लाख 50 हजार रूपये की बचत प्राप्त हुई।

cgstreetbuzz

Aug 27 2024, 18:39

महिलाएं बांस शिल्प कला में डाल रही जान, महतारी वंदन योजना से आर्थिक रूप से सशक्त होने में भी मिल रही है मदद

रायपुर-     बलौदाबाजार जिले के सुदूर अंचल में स्थित ग्राम बल्दाकछार में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति कमार महिलाओं के लिए महतारी वंदन योजना बड़ी खुशी लेकर आई है। महतारी वंदन योजना ने यहाँ के बांस शिल्प कला में नई जान डाल दी है। महतारी वंदन योजना से मिले पैसों से यहां की महिलाओं को बांस शिल्प कला को नई पहचान दिलाने का मौका मिल रहा है और उन्हें स्वरोजगार से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त होने में भी मदद मिल रही है।

बल्दाकछार के कमारपारा में निवासरत चांदनी बाई कमार ने बताया कि वह परंपरागत रूप से बांस शिल्प की कला कृति बनाकर एवं कृषि के समय कृषक मजदूरी का कार्य करके जीवकोपार्जन करती है। पहले वह आर्थिक तंगी के कारण बांस शिल्प बनाने के लिए बांस नहीं खरीद पाती थी पर अब उन्हें महतारी वंदन योजना से प्रतिमाह 1 हजार रूपये मिलते है, जिसका उपयोग वह बांस खरीदने में करती है। वह झेंझरी, सुपा, पर्रा, टुकनी सहित अन्य सजावटी वस्तुएं अधिक संख्या में बना पाती है, जिसे बेचकर उन्हें अच्छी खासी आमदनी मिल रही है। श्रीमती चांदनी ने महतारी वंदन योजना के लिए राज्य सरकार को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इसकी राशि बढ़ाने के लिए आग्रह की है। उसी गांव कि ममता कमार भी महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि का उपयोग बांस शिल्प एवं अपनी बच्ची 1 वर्षीय लवली कमार के शिक्षा के लिए बचत कर रही है। महतारी वंदन योजना से हर माह मिलने वाली राशि उनके लिए बहुत बड़ा सहारा है। छत्तीसगढ़ की परंपरा रही है कि यहां बेटियों को अगाध स्नेह और सम्मान दिया जाता है। बेटियों का हर घर में विशेष स्थान होता है। तीज- त्यौहारों में बेटियों और बहनों को स्नेह से भेंट और राशि दी जाती है। इसी के तहत संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने माताओं-बहनों को त्यौहार पर यह उपहार भेंट की है।

cgstreetbuzz

Aug 27 2024, 18:33

जन्माष्टमी के अवसर पर ननिहाल से भेजे गए विशेष परिधान से सुशोभित हुए अयोध्या में श्रीरामलला

रायपुर-    प्रभु श्री रामलला अयोध्या मे प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपनी सम्पूर्ण दिव्यता और आभा से सुशोभित हैं। प्राणप्रतिष्ठा के पश्चात पहली जन्माष्टमी में बस्तर के श्रमसाधकों द्वारा विशेष रूप से तैयार किए गए पीले खादी सिल्क से निर्मित शुभवस्त्र से सुशोभित प्रभु श्री रामलला की अलौकिक छटा दर्शनीय है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पुनीत अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ स्थल में श्रीरामलला को छत्तीसगढ़ में निर्मित पीली खादी सिल्क से निर्मित वस्त्र धारण कराना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। यह वस्त्र बस्तर के शिल्पियों द्वारा निर्मित है। दंडकारण्य जहां मर्यादा पुरुषोत्तम ने अपने वनवास का अधिकांश समय व्यतीत किया, वहां से भेजा वस्त्र धारण करने का समाचार वास्तव में भावुक करने वाला है। भांचा श्रीराम की कृपा उनके ननिहाल पर बरसती रहे यही कामना है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ जहां के लोगों ने भगवान श्रीराम और माता कौशल्या का सदैव प्रेम और आशीर्वाद पाया है, यहां की माटी में आज भी वही दिव्यता है जो भगवान राम के चरणों से पवित्र हुई है। छत्तीसगढ़ जिसे प्रभु श्री राम के ननिहाल होने का गौरव है यहां पग-पग में प्रभु श्री राम की यादें दिखाई पड़ती है। बस्तर अंचल जिसे दंडकारण्य भी कहा जाता है, जहां प्रभु राम ने वनवास काल का अधिकांश समय व्यतीत किया है, वहां के शिल्पियों द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर उनके ननिहाल से भेजा गया विशेष परिधान धारण करना छत्तीसगढ़ के जन-जन के लिए गर्व का क्षण है। मामागांव के परंपरागत वस्त्रों में भांचा राम के सुशोभित होने से सभी छत्तीसगढ़वासियों का हृदय गर्व और असीम आनंद से परिपूर्ण है। यह अद्वितीय वस्त्र हमारी परम्पराओं और संस्कारों का प्रतीक है जो भगवान श्री राम और माता कौशल्या को छत्तीसगढ़ की भूमि से जोड़ता है। यह वस्त्र केवल एक परिधान नही, बल्कि हमारी संस्कृति, हमारी परंपरा, हमारी अडिग आस्था और भांचा राम के प्रति हमारे प्रेम एवम श्रद्धा का प्रतीक है।

भांचा राम के यह वस्त्र केवल धागे से नहीं बल्कि उनके ननिहाल के भक्तों द्वारा श्रद्धा और स्नेह से बुने गए हैं। बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और छत्तीसगढ़ की अनुपम कला को दर्शाते ये वस्त्र छत्तीसगढ़ वासियों की आस्था और समर्पण का प्रतीक भी है। असली स्वर्ण-चूर्ण से हस्तछपाई की गई यह खादी सिल्क, उन अनगिनत घंटों की मेहनत की साक्षी है, जो बस्तर के शिल्पकारों ने भगवान राम के प्रति अपनी अनन्य भक्ति में समर्पित करते हुए बिताए हैं।

‘भांचा राम‘ के रूप में श्रीराम का प्रेम और आशीर्वाद यहाँ के लोगों के हृदय में सदैव प्रवाहित होता रहा है। छत्तीसगढ़ की पावन माटी आज भी उस स्नेह और श्रद्धा को संजोए हुए है, जिससे माता कौशल्या ने अपने पुत्र को संस्कारित किया। यह वही धरती है जहां श्रीराम ने अपने वनवास के समय अपार प्रेम और सम्मान पाया, यहाँ का एक एक कण आज भी भांचा राम और माता कौशल्या की अनुपम गाथा को संजोए हुए है।

उल्लेखनीय है कि श्री कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व अयोध्या में अत्यंत भव्य तरीके से मनाया गया। प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात यह पहली जन्माष्टमी है, जिसे लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह और उमंग देखा गया। जन्मोत्सव के लिए मंदिर की रंग-बिरंगे फूलों से आकर्षक सजावट के साथ ही भोग के लिए पंजीरी, पंचामृत और अनेकों व्यंजन तैयार किये गये। इस पावन अवसर पर कीर्तन, भजन का आयोजन भी किया गया।

cgstreetbuzz

Aug 27 2024, 17:33

बलौदाबाजार हिंसा मामला : 7 दिनों के लिए बढ़ी विधायक देवेंद्र यादव की न्यायिक रिमांड

रायपुर-  कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की न्यायिक रिमांड 7 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है. बता दें कि बलौदाबाजार हिंसा मामले में पुलिस ने 17 अगस्त को देवेंद्र यादव को गिरफ्तार किया था. आज रिमांड खत्म होने पर रायपुर जेल में बंद विधायक देवेंद्र यादव की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई. बलौदाबाजार कोर्ट ने 3 सितंबर तक के लिए उनकी रिमांड बढ़ा दी है।

जानिए पूरा मामला

बता दें कि गुरु बाबा घासीदास की तपोभूमि गिरौदपुरी में सतनाम समाज के आस्था के केंद्र अमर गुफा में स्थित महकोनी मंदिर परिसर में आसामाजिक तत्वों ने जमकर तांडव मचाया था. जैतखाम में तोड़फोड़ की घटना से आक्रोशित समाज के लोगों ने सीबीआई जांच की मांग की थी. इस मामले में पुलिस ने संदिग्ध आरोपियों को हिरासत में लिया है. वहीं राज्य सरकार ने पहले ही जैतखंभ तोड़फोड़ की घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए थे. इस घटना को लेकर बलौदाबाजार में हिंसक प्रदर्शन हुआ था. इस मामले में विधायक देवेंद्र यादव समेत सैकड़ों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

cgstreetbuzz

Aug 27 2024, 17:26

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्रों में जनजातीय युवाओं के सशक्तिकरण की अभिनव पहल

रायपुर-     छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा राज्य में जनजातीय वनवासियों के हितों के संरक्षण के लिए और पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए लगातार महत्वपूर्ण पहल की जा रही हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वन मंत्री केदार कश्यप ने जनजातीय समुदायों के युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और जैव विविधता संरक्षण की आवश्यकता को बखूबी समझा है। उनके दूरदर्शी नेतृत्व में इन समुदायों को सशक्त बनाने एवं छत्तीसगढ़ राज्य की समृद्ध प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की गई है।

छत्तीसगढ़ वन विभाग ने हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए ग्रीन स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत एक अनूठा कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। इस अभिनव पहल का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय युवाओं को विशेष प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान करके उन्हें स्वावलंबी बनाना है। इस कार्यक्रम के तहत युवाओं को पैराटैक्सोनॉमी जैसे महत्वपूर्ण विषय में प्रशिक्षित किया जा रहा है, जो जैव विविधता संरक्षण के लिए अत्यंत आवश्यक है।

पैराटैक्सोनॉमी एक ऐसी विधा है जिसमें जैविक अनुसंधान के लिए विभिन्न प्रजातियों की त्वरित पहचान और वर्गीकरण किया जाता है। छत्तीसगढ़ जैसे जैव विविधता से भरपूर क्षेत्रों में यह विधा विशेष रूप से उपयोगी है। इस प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षित युवा नेशनल पार्क गाइड, पर्यटक गाइड, नेचर कैंप मैनेजर, पारंपरिक चिकित्सक जैसे विभिन्न पेशों में काम कर सकते हैं एवं बोटेनिकल सर्वे ऑफ इंडिया तथा जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जैसी संस्थाओं में रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं।

वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि हमारे राज्य में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में जनजातियों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं बनाई है। जिसके उचित क्रियान्वयन से सभी लोगों को समय पर लाभ मिल रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पीछे की अवधारणा को साझा करते हुए कहा कि यह पहल स्थानीय समुदायों को छत्तीसगढ़ की जैव विविधता संरक्षण में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रशिक्षण न केवल युवाओं के रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाता है, बल्कि स्थानीय वनस्पतियों और जीवों के बारे में पारंपरिक ज्ञान को संरक्षित करने और इसे अगली पीढ़ी को सौंपने का भी अवसर प्रदान करता है।

छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष राकेश चतुर्वेदी ने इस पहल के व्यापक प्रभाव पर जोर देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ एक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम नहीं है। यह छत्तीसगढ़ के जनजातीय युवाओं के लिए एक परिवर्तनकारी अवसर है। पैराटैक्सोनॉमी में कौशल प्रदान करके हम एक ऐसी पीढ़ी को बढ़ावा दे रहे हैं जो न केवल अपने पर्यावरण के बारे में जानकार है, बल्कि उसे संरक्षित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव राजेश कुमार चंदेले, आईएफएस ने पर्यावरण संरक्षण में पैरा टैक्सोनॉमी की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में कहा कि जैव संकेतक (बायो इंडिकेटर) पौधों की पहचान करके पैरा टैक्सोनॉमी पारिस्थितिकी तंत्र की निगरानी और संसाधन संरक्षण में सहायता करती है।

इस प्रशिक्षण में भाग लेने वाले 53 प्रतिभागियों में से 40 जनजातीय युवा थे, जिनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि 10$2 से लेकर स्नातक तक थी और वे कांकेर, कोंडागांव, केशकाल, भानुप्रतापपुर और नारायणपुर जैसे विभिन्न वन-मंडलों से आए थे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम छत्तीसगढ़ राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में 22 जुलाई से 18 अगस्त तक आयोजित किया गया था। 30 दिवसीय इस प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों ने कक्षा शिक्षण और फील्डवर्क दोनों में भाग लिया, जिसमें उन्होंने जंगल सफारी, मोहरेगा, सिरपुर, अर्जुनी, बारनवापारा और उदंती वन्यजीव अभयारण्य जैसे स्थलों पर जाकर विभिन्न प्रजातियों की पहचान और दस्तावेजीकरण किया। प्रशिक्षण के दौरान 93 प्रकार के मैक्रोफंगी, 153 प्रकार की वनस्पतियाँ, 47 औषधीय पौधे और 187 प्रकार के बीज का पहचान और दस्तावेजीकरण किया गया।

यह प्रशिक्षण प्रतिभागियों के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नीतू हर्मुख ने इस प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि सभी प्रतिभागी पैराटैक्सोनॉमी में कौशल सीखने के लिए उत्सुक और तत्पर थे। कांकेर जिले के डुमरपानी गांव के 24 वर्षीय जनजातीय युवक त्रिभुवन कुमार करगा ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, “पैराटैक्सोनॉमी’’ में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद मेरा आत्मविश्वास निश्चित रूप से बढ़ा है। अब मेरे लिए आय सृजन के नए रास्ते खुल गए हैं। इसी प्रकार ग्राम मुढ़ोवा चारामा, कांकेर जिले के 39 वर्षीय जनजातीय समुदाय के प्रतिभागी राकेश नेताम ने कहा इस प्रशिक्षण ने हमारे जंगलों की जैव विविधता को समझने का ज्ञान दिया है। अब मुझे प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के प्रति एक अहम जिम्मेदारी का एहसास होता है।

जनजातीय महिलाओं ने भी इस कार्यक्रम से काफी लाभ उठाया है। कोंडागांव जिले के बड़ेराजपुर विश्रामपुरी गांव की 22 वर्षीय महिला सुश्री दिव्या मरकाम ने कहा कि एक जनजातीय क्षेत्र की महिला के रूप में विशेष शिक्षा और रोजगार के अवसर सीमित रहे हैं। पैरा टैक्सोनॉमी के इस प्रशिक्षण से मुझे एक नया अनुभव प्राप्त हुआ है, इससे हमें रोज़गार के नए अवसर प्राप्त होंगे एवं जनजातीय महिला सशक्तिकरण भी होगा। साथ ही साथ क्षेत्र की जैव विविधता को संरक्षित करने में भी मदद मिलेगी।

प्रशिक्षण की सफलता को देखते हुए छत्तीसगढ़ वन विभाग इस कार्यक्रम का विस्तार राज्य के अन्य हिस्सों जैसे जगदलपुर, सरगुजा, बिलासपुर और दुर्ग में भी करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा वन विभाग ने आगामी पैराटैक्सोनॉमी प्रशिक्षण सत्रों के लिए पहले बैच के प्रतिभागियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में उपयोग करने की योजना बनाई है, जिससे न केवल पहले बैच के प्रतिभागियों को अनुभव और रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि कार्यक्रम की निरंतरता और स्थिरता भी सुनिश्चित होगी।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने जैव विविधता संरक्षण में पहले ही महत्वपूर्ण परिणाम दिखाए हैं। प्रतिभागियों ने अपने स्थानीय क्षेत्रों में कई दुर्लभ वनस्पति और जीवों की प्रजातियों की पहचान और दस्तावेजीकरण किया है, जिसमें पीले चमकदार खोल वाला एक अनूठा कछुआ (Lissemys Punctata) और दुर्लभ पौधे जैसे Gloriosa superba, Ophioglossum और Nervelia शामिल हैं।

छत्तीसगढ़ के जनजातीय युवाओं को सशक्त बनाने और राज्य की समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित करने के इस प्रयास ने यह सुनिश्चित किया है कि हमारी प्राकृतिक धरोहरें आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रहेंगी।