क्या आप भी रात में ओवरथिंकिंग (अधिक सोचने) के समस्या के कारण चैन से सो नहीं पाते,तो सोने से पहले करे ये उपाय


रात में ओवरथिंकिंग (अधिक सोचना) एक आम समस्या है, जो बहुत से लोगों को परेशान करती है। इसके कारण हम चैन की नींद नहीं ले पाते और थकान और तनाव में रहते हैं। अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं, तो सोने से पहले कुछ सरल कदम अपनाकर इस समस्या को दूर कर सकते हैं। यहां पांच उपाय बताए जा रहे हैं, जो आपको बेहतर नींद में मदद कर सकते हैं:

1. सोने से पहले ध्यान लगाएं:

ध्यान एक प्रभावी तरीका है जिससे आप अपने मन को शांत कर सकते हैं। 10-15 मिनट का ध्यान आपको ओवरथिंकिंग से मुक्त कर सकता है। ध्यान करने से मन स्थिर होता है और नींद अच्छी आती है। गहरी साँसें लें, अपनी साँसों पर ध्यान केंद्रित करें और अपने विचारों को जाने दें।

2. सोने का समय तय करें:

हर दिन एक निश्चित समय पर सोने और जागने की आदत बनाएं। इससे आपकी बायोलॉजिकल क्लॉक सेट होती है और शरीर को संकेत मिलता है कि अब आराम का समय है। सोने का एक नियमित समय निर्धारित करें और उसे पालन करें, चाहे वीकेंड हो या वीकडे।

3. नोटबुक में अपने विचार लिखें:

अगर आपके दिमाग में बहुत सारे विचार आते हैं, तो उन्हें एक नोटबुक में लिखें। इस प्रक्रिया से आपका मन हल्का हो जाएगा और आपको लगेगा कि आपने अपने विचारों को सुरक्षित जगह पर रखा है। यह एक तरीके से 'मेंटल डिक्लटरिंग' (मस्तिष्क की सफाई) है।

4. सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करें:

मोबाइल फोन, टैबलेट, टीवी या लैपटॉप का उपयोग सोने से पहले न करें। इन उपकरणों से निकलने वाली नीली रोशनी आपके दिमाग को सक्रिय बनाए रखती है, जिससे नींद आने में समस्या हो सकती है। सोने से कम से कम एक घंटा पहले सभी डिजिटल डिवाइस बंद कर दें।

5. आरामदायक माहौल बनाएं:

सोने के लिए एक आरामदायक और शांत माहौल बनाएं। अपने कमरे का तापमान अनुकूल रखें, बिस्तर को आरामदायक बनाएं और बेडरूम में हल्की रोशनी का उपयोग करें। आप सुकूनदायक संगीत या सफेद शोर (व्हाइट नॉइज़) का भी सहारा ले सकते हैं, जिससे नींद में बाधा न हो।

इन उपायों को नियमित रूप से अपनाने से आपको ओवरथिंकिंग की समस्या से निजात मिल सकती है और आप चैन की नींद का आनंद ले सकते हैं। याद रखें, अच्छी नींद आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।

आइए जानते है क्या शाम 5 बजे तक डिनर करने से वजन कम होता हैं।

डिनर का समय हमारे स्वास्थ्य और वजन पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि जल्दी डिनर करना वजन घटाने में मदद कर सकता है। शाम 5 बजे तक डिनर करना एक नई आदत के रूप में सामने आ रहा है, जिसे इंटरमिटेंट फास्टिंग के एक हिस्से के रूप में देखा जा सकता है।

कैसे काम करता है जल्दी डिनर?

कम कैलोरी सेवन: जब आप जल्दी डिनर करते हैं, तो आपके पास रात के समय में कुछ खाने का समय सीमित हो जाता है। इससे आप ओवरईटिंग से बच सकते हैं, जिससे कुल कैलोरी सेवन कम हो सकता है।

बेहतर मेटाबॉलिज्म:

 सुबह और दोपहर के समय हमारा मेटाबॉलिज्म तेज होता है। शाम को जल्दी खाने से आपका शरीर इन घंटों में भोजन को अधिक प्रभावी तरीके से पचा सकता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग का हिस्सा:

 शाम 5 बजे डिनर करने से, यदि आप अगली सुबह तक कुछ नहीं खाते हैं, तो यह 12 से 16 घंटे के फास्टिंग पीरियड को जन्म देता है। इस प्रकार के फास्टिंग से शरीर में इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ती है, जिससे फैट बर्निंग को बढ़ावा मिलता है।

विज्ञान क्या कहता है?

कुछ अध्ययनों के अनुसार, जल्दी डिनर करना और रात के खाने के बाद लंबे समय तक फास्टिंग रखने से वजन घटाने में सहायता मिल सकती है। एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग शाम 6 बजे से पहले खाना खाते हैं, उनका वजन कम होने की संभावना अधिक होती है।

ध्यान देने योग्य बातें:

व्यक्तिगत जीवनशैली: हर किसी के लिए जल्दी डिनर करना व्यावहारिक नहीं हो सकता। काम की समयसारिणी, परिवार की जिम्मेदारियाँ, और सामाजिक कार्यक्रमों के कारण यह हमेशा संभव नहीं होता।

संतुलित आहार:

 केवल जल्दी डिनर करना पर्याप्त नहीं है। यह भी महत्वपूर्ण है कि आप क्या खा रहे हैं। संतुलित आहार जिसमें प्रोटीन, सब्जियाँ, और स्वस्थ फैट शामिल हों, वजन घटाने के लिए महत्वपूर्ण है।

नींद की गुणवत्ता:

 जल्दी डिनर करने से आपकी नींद की गुणवत्ता पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। देर रात खाने से पेट में भारीपन और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिससे नींद प्रभावित हो सकती है।

निष्कर्ष:

शाम 5 बजे तक डिनर करना एक स्वस्थ आदत हो सकती है, जो वजन घटाने में मदद कर सकती है, बशर्ते कि यह आपके व्यक्तिगत जीवनशैली के अनुरूप हो और आप इसे नियमित रूप से पालन करें। हालांकि, इसके साथ ही संतुलित आहार और नियमित व्यायाम भी महत्वपूर्ण हैं। अपने आहार और समयसारिणी में किसी भी बदलाव को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से परामर्श लेना उचित रहेगा।

मौत के 24 घंटे बाद आत्मा घर क्यों लौटती है, आईए जानते है गरुड़ पुराण में क्या लिखा हैं।

गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है, जिसमें मृत्यु और उसके बाद के जीवन से संबंधित गहन ज्ञान और जानकारी दी गई है। यह पुराण भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ के बीच हुए संवाद पर आधारित है। इसमें मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा, उसके अनुभव और कर्मों के फल के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है।

मौत के बाद आत्मा का सफर

गरुड़ पुराण के अनुसार, जब कोई व्यक्ति मरता है, तो उसकी आत्मा तुरंत शरीर से अलग हो जाती है। लेकिन यह आत्मा का अंतिम सफर नहीं होता। आत्मा का एक मार्ग तय होता है, जो उसके पिछले कर्मों और पुण्यों पर निर्भर करता है। मृत्यु के बाद आत्मा एक विशेष यात्रा पर निकलती है, जिसमें वह अपने परिवार, मित्रों और समाज के अन्य सदस्यों के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करती है।

आत्मा का घर लौटना

गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा को कुछ समय के लिए अपने घर वापस लौटने का अधिकार होता है। यह समय 24 घंटे या एक दिन का हो सकता है। इस अवधि में आत्मा अपने घर और प्रियजनों के बीच घूमती है। ऐसा माना जाता है कि आत्मा यह देखने के लिए लौटती है कि उसके प्रियजन उसकी मृत्यु के बाद कैसे प्रतिक्रिया कर रहे हैं और उसके प्रति उनके प्रेम और सम्मान को कैसे व्यक्त कर रहे हैं।

आत्मा के घर लौटने के पीछे धार्मिक दृष्टिकोण भी है। यह समय आत्मा के लिए एक प्रकार की विदाई या अलविदा कहने का होता है। इस दौरान आत्मा अपने जीवन के उन सभी घटनाओं और व्यक्तियों को याद करती है जो उसके लिए महत्वपूर्ण थे।

गरुड़ पुराण में आत्मा की स्थिति

गरुड़ पुराण में उल्लेख किया गया है कि आत्मा मृत्यु के बाद अनिश्चित, अस्थिर और भयभीत हो जाती है। यह आत्मा अपने शरीर से अचानक अलग हो जाने के कारण परेशान और अस्थिर रहती है। ऐसे में, आत्मा अपने परिवार और घर के वातावरण की ओर आकर्षित होती है, जहां उसे सबसे अधिक सुकून और सुरक्षा मिलती है।

निष्कर्ष

गरुड़ पुराण में आत्मा के घर लौटने के पीछे गहरे धार्मिक और आध्यात्मिक अर्थ छिपे हुए हैं। यह केवल आत्मा की यात्रा का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह जीवन के उस चक्र को भी दर्शाता है जो मृत्यु के बाद भी जारी रहता है। आत्मा का 24 घंटे बाद घर लौटना परिवार के सदस्यों के लिए भी एक महत्वपूर्ण समय होता है, जब वे अपने प्रियजन की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।

आइए जानते है क्या है वाटर फास्टिंग क्या सच में इससे तेजी से घटता है वजन


वाटर फास्टिंग एक प्रकार का उपवास है जिसमें व्यक्ति केवल पानी का सेवन करता है और अन्य किसी भी तरह का भोजन या पेय पदार्थ नहीं लेता। इस प्रकार के उपवास का उद्देश्य शरीर को डिटॉक्स करना, वजन घटाना और मानसिक स्पष्टता प्राप्त करना होता है। यह उपवास आमतौर पर एक दिन से लेकर एक सप्ताह तक का हो सकता है, लेकिन कुछ लोग इसे और भी लंबे समय तक करते हैं।

वजन घटाने के लिए वाटर फास्टिंग का प्रभाव:

वाटर फास्टिंग को वजन घटाने के लिए एक प्रभावी तरीका माना जाता है। जब आप केवल पानी पीते हैं और कोई कैलोरीयुक्त पदार्थ नहीं लेते, तो आपका शरीर स्टोर की हुई वसा को ऊर्जा के रूप में उपयोग करने लगता है। इस प्रक्रिया को केटोसिस कहा जाता है, जिसमें शरीर वसा को तोड़कर ऊर्जा प्राप्त करता है।

हालांकि, यह वजन घटाने का तरीका अल्पकालिक होता है। वाटर फास्टिंग के दौरान शरीर में पानी और मांसपेशियों का वजन भी घटता है, जिससे कुल वजन में कमी दिखाई देती है। लेकिन जब आप फिर से सामान्य आहार शुरू करते हैं, तो वजन वापस बढ़ सकता है।

क्या ये सुरक्षित है?

वाटर फास्टिंग सभी के लिए सुरक्षित नहीं हो सकता। जिन लोगों को पहले से ही स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जैसे कि मधुमेह, हृदय रोग, या खाने से संबंधित विकार, उनके लिए यह उपवास हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा, लम्बे समय तक वाटर फास्टिंग करने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी, थकान, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

वाटर फास्टिंग के फायदे और नुकसान:

फायदे:

त्वरित वजन घटाने: अल्प समय में वजन घटता है।

डिटॉक्स: शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।

मानसिक स्पष्टता: कुछ लोग मानसिक रूप से अधिक स्पष्ट और ध्यान केंद्रित महसूस करते हैं।

नुकसान:

पोषक तत्वों की कमी: आवश्यक विटामिन और खनिजों की कमी हो सकती है।

ऊर्जा की कमी: शारीरिक थकावट और कमजोरी महसूस हो सकती है।

स्वास्थ्य जोखिम: लंबे समय तक उपवास करने से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

निष्कर्ष:

वाटर फास्टिंग एक ऐसा तरीका है जिससे आप वजन तेजी से घटा सकते हैं, लेकिन यह दीर्घकालिक समाधान नहीं है। इसे शुरू करने से पहले डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से परामर्श करना आवश्यक है, खासकर अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है। वजन घटाने के लिए एक संतुलित आहार और नियमित व्यायाम अधिक स्थायी और सुरक्षित तरीका हो सकता है।

बारिश के मौसम में भूल कर भी ना करे ये गलतियां नहीं तो उठाने पर सकते है भारी नुकसान


बारिश का मौसम एक ओर जहां ताजगी और ठंडक लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह कई चुनौतियों और जोखिमों से भरा होता है। इस मौसम में थोड़ी सी लापरवाही भी बड़ी मुसीबत का कारण बन सकती है। ऐसे में हमें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि हम किसी भी तरह के नुकसान से बच सकें। आइए जानते हैं कि बारिश के मौसम में कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए।

1. पानी से भरे रास्तों पर वाहन चलाने में सावधानी बरतें:

बारिश के दौरान कई बार सड़कों पर पानी भर जाता है। इस स्थिति में गाड़ी चलाना बहुत जोखिम भरा हो सकता है। पानी के अंदर छिपे गड्ढे और अवरोधकों के कारण दुर्घटना हो सकती है। इसलिए, पानी से भरे रास्तों पर गाड़ी चलाने से बचें, और यदि बहुत ज़रूरी हो, तो बहुत ही धीमी गति से वाहन चलाएं।

2. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का सही ढंग से प्रयोग करें:

बारिश के मौसम में बिजली का फ्लक्चुएशन और शॉर्ट सर्किट होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, बिजली से चलने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें। जब बिजली कड़क रही हो, तो टीवी, कंप्यूटर, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बंद कर दें। इस दौरान मोबाइल फोन को चार्ज पर लगाने से भी बचें।

3. भीगे कपड़ों और जूतों का सही रखरखाव:

बारिश में भीगने के बाद गीले कपड़े और जूतों को सूखाने के लिए उन्हें ऐसे स्थान पर रखें, जहां हवा अच्छे से आ सके। गीले कपड़े और जूते फफूंदी का कारण बन सकते हैं, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जूते पहनने से पहले अच्छी तरह सूख जाने दें।

4. सड़कों पर पैदल चलते समय सतर्क रहें:

बारिश के समय फिसलन वाली सड़कें आम हो जाती हैं। ऐसे में पैदल चलने वालों को भी अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। फिसलन वाले फुटपाथों और सीढ़ियों पर चलने से बचें और यदि आवश्यक हो, तो अच्छे ग्रिप वाले जूते पहनें।

5. पानी पीने की गुणवत्ता का ध्यान रखें:

बारिश के मौसम में जल स्रोतों का दूषित होना आम बात है। इसलिए, पानी पीने से पहले उसे अच्छे से छान लें या उबाल लें। साफ पानी पीना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है, अन्यथा पेट संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

6. खुली बिजली की तारों से दूरी बनाएं:

बारिश के मौसम में बिजली की तारें या पोल्स अक्सर गीले हो जाते हैं। अगर गलती से कोई तार खुला रह जाए, तो उसमें करंट आ सकता है। ऐसे में इन तारों से दूरी बनाए रखें और बच्चों को भी सावधान रखें।

निष्कर्ष:

बारिश के मौसम का आनंद उठाना सबको पसंद होता है, लेकिन इसके साथ आने वाले खतरों से बचाव करना भी उतना ही जरूरी है। उपरोक्त बताए गए सावधानियों का पालन करके आप न केवल खुद को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि अपने परिवार और प्रियजनों को भी किसी भी अप्रिय घटना से बचा सकते हैं। बारिश का मौसम खुशियों भरा हो, इसलिए सतर्कता और सावधानी हमेशा बनाए रखें।

पति पत्नी के बीच अगर कोई तीसरा इंसान आए और उस इंसान के कारण शादी जैसे पवित्र बंधन में आ रही हैं कारवाहट तो क्या करे?

पति-पत्नी का संबंध विश्वास, प्रेम, और समझदारी पर आधारित होता है। यदि इस पवित्र बंधन में कोई तीसरा व्यक्ति आकर समस्या उत्पन्न कर रहा है और इसके कारण आपके रिश्ते में खटास आ रही है, तो यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है। इस स्थिति में कुछ कदम उठाकर आप अपने रिश्ते को सुधार सकते हैं।

खुले मन से बातचीत करें:

 पति-पत्नी के बीच संवाद की कमी किसी भी रिश्ते में गलतफहमी को जन्म दे सकती है। दोनों पक्षों को बैठकर अपनी भावनाओं और चिंताओं को साझा करना चाहिए। बिना किसी आरोप या पूर्वधारणा के बातचीत करने की कोशिश करें।

एक-दूसरे की बातों को सुनें:

केवल अपनी बात कहने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता। यह जरूरी है कि आप एक-दूसरे की भावनाओं को समझने की कोशिश करें और उनकी बातों को गंभीरता से सुनें।

विश्वास की पुनर्स्थापना करें:

यदि विश्वास में कमी आ गई है, तो उसे पुनः स्थापित करना महत्वपूर्ण है। इसके लिए आपको एक-दूसरे के प्रति ईमानदारी और समझदारी दिखानी होगी।

तीसरे व्यक्ति से दूरी बनाएं: 

यदि संभव हो तो उस तीसरे व्यक्ति से दूरी बनाना बेहतर रहेगा जो आपके रिश्ते में दरार पैदा कर रहा है। कभी-कभी दूरी ही सबसे अच्छा उपाय होता है।

पेशेवर मदद लें:

यदि समस्या ज्यादा गहरी हो और आप दोनों इसे अपने स्तर पर सुलझाने में असमर्थ हों, तो किसी पेशेवर सलाहकार, जैसे कि मैरिज काउंसलर, से संपर्क करना समझदारी हो सकती है।

अपनी प्राथमिकताओं पर विचार करें:

अपने रिश्ते की प्राथमिकता को समझें और उसे प्राथमिकता दें। यह सोचें कि आप दोनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्या है—आपका रिश्ता या वह तीसरा व्यक्ति।

धैर्य और समय दें:

समस्याओं का समाधान एक दिन में नहीं हो सकता। अपने रिश्ते को सुधारने के लिए धैर्य रखें और एक-दूसरे को समय दें।

अगर इन सभी प्रयासों के बावजूद भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है, तो अंतिम निर्णय लेने से पहले अपने दिल और दिमाग से विचार करें कि आपके लिए सबसे अच्छा क्या होगा।

स्मरण रखें कि विवाह एक महत्वपूर्ण और पवित्र बंधन है, और इसे बचाने के लिए दोनों पक्षों का प्रयास आवश्यक है।

अगर शादी का रिश्ता बोझ बनता जा रहा है एक दूसरे में अब नहीं रही दिलचस्पी तो अपनाएं ये बाते जिनको अपना कर आप अपना रिश्ता बचा सकते हैं।


कहते है कुछ रिश्ते आसमान में बनते है और हमे वो जमीन में मिलते हैं,जी हां हम बात कर रहे है शादी के रिश्ते की। शादी का रिश्ता प्यार ,विश्वास ,हमदर्दी सबसे अनोखा रिश्ता हैं। इस रिश्ते में इंसान अगर प्यार से रहे तो जिंदगी कितनी भी कठिन क्यों ना हो आराम से निकल जाती हैं।

दुनियाभर में पति पत्नि के रिश्ते को पवित्र रिश्तों में से एक रिश्ता माना जाता है। लेकिन कई बार यह भी सामने आया है कि, छोटी-छोटी बातों को लेकर अक्सर प्यार में कड़वाहट पैदा होने लगती है, जो समय के साथ एक विकराल रूप ले लेती है। यहां तक की कई बार तो रिश्ते तूटने की नौबत आ जाती है और कई बार रिश्ते तूट भी जाते हैं।

लेकिन, आमतौर पर देखा गया है कि जब कपल्स नए-नए होते हैं तब वह एक दूसरे से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं, लेकिन जब उनकी शादी को समय बीत जाता है तो समय के साथ-साथ धीरे-धीरे रिश्ते कमजोर होने लगते हैं। कई मामलों में तो यह दोनो एक दूसरे को खुद पर बोझ समझने लगते हैं।

ऐसे हालात में शादी होने के बाद पार्टनर्स को कई छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। अगर दोनो ही कुछ छोटी ज़रूर पर इन खास बातों का ध्यान रखते हैं तो हमेशा इनके रिश्ते मज़बूत बने रहते हैं। आज हम आपको वेवाहिक जीवन में खुशहाली बनाए रखने के लिए जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बताएंगे। इससे आपका जीवन सुख और प्यार के साथ गुज़रेगा और आपका रिश्ता समय के साथ मज़बूत होता जाएगा। आइए जानते हैं उन खास बातों के बारे में।

पुरानी यादों को दोहराएं

जब व्यक्ति का रिश्ता बिगड़ जाता है तो अक्सर पुरानी यादें याद आने लगती है और पति-पत्नी अपने पुराने समय को याद करते हुए यह सोचने लगते हैं कि पहले के मुकाबले प्यार कम हो गया है जिसको सोच-सोचकर मन दुखी होता है और मन में ख्याल आता है कि आप पूरी तरह बदल चुके हैं इन्हीं सब कारणों से जब भी आपका साथी आपसे नाराज होता है तो आपको कुछ पुरानी यादों को दोहराना चाहिए इससे आपके साथी का मूड ठीक हो जाएगा।

पार्टनर की तारीफ जरूर करें

अगर आप किसी की तारीफ करते हैं तो वह चाहे कितना भी परेशान क्यों ना हो उसकी सारी परेशानी खत्म हो जाएगी इसलिए तारीफ को एक दवा माना गया है अगर कोई काम करता है तो उसको इस बात की आशा होती है कि उसको तारीफ मिले जब कपल्स की नई नई शादी होती है तो वह एक दूसरे को समझ रहे होते हैं तब वह एक दूसरे की खूब तारीफ के पुल बांधते हैं परंतु जैसे-जैसे समय बीतता जाता है वैसे-वैसे इन सभी बातों को यह ज्यादा अहमियत नहीं देते हैं इसलिए अगर आपको कभी भी अवसर मिले तो एक दूसरे की तारीफ जरूर करें और एक दूसरे के छोटे मोटे कामों में सहायता करें।

हंसी मजाक को बातचीत में शामिल रखें

ज्यादातर कपल्स को देखा गया है कि जब कोई जरूरी काम होता है तभी वह एक दूसरे से बातें करते हैं इसके अलावा और कोई खास बातचीत नहीं करते हैं परंतु इसकी वजह से रिश्तो में बोरियत उत्पन्न होने लगती है रिश्तो में एक दूसरे के ऊपर विश्वास रखना और एक दूसरे से बातचीत करना बहुत ही जरूरी है इसलिए अगर आपको मौका मिलता है तो अपने पार्टनर से हंसी मजाक जरूर करें।

हर बात सीरियस ना लें

वैसे देखा जाए तो हर घर में कोई ना कोई परेशानी जरूर होती है चाहे वह आर्थिक परेशानी हो या पारिवारिक परेशानी जिसकी वजह से मूड खराब रहता है और स्वभाव में चिड़चिड़ापन और गुस्सा रहता है अगर ऐसी स्थिति में आपका पार्टनर कुछ बोल दे तो आपको बुरा नहीं मानना चाहिए इन सभी बातों का कोई मतलब नहीं होता है गुस्से में कही गई बात ज्यादातर लोग अपने पार्टनर से कहना नहीं चाहते हैं परंतु दिमागी परेशानी की वजह से बातें मुंह से निकल जाती है इसलिए ऐसी बातों को आप कभी भी सीरियसली मत लीजिए।

सरप्राइज़ प्लॉन करें

इंसान की खुशी तब दुगनी हो जाती है जब अचानक से उसको कोई सरप्राइज़ मिलता है इसलिए अगर आप अपना रिश्ता मजबूत रखना चाहते हैं तो कभी-कभी आपको सरप्राइज़ प्लान करना चाहिए जैसे कि आप ऑफिस से जल्दी आकर डिनर पर ले जाएं या शादी की सालगिरह पर कोई ज्वेलरी गिफ्ट कर दे।

बगलादेश में भी सैनिक शासन की शुरूआत आर्मी चीफ जनरल वकार उज जमान ने संभाली कमान। शेख हसीना ने छोड़ा देश


ढाका : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है और अब अंतरिम सरकार कार्यभार संभालेगी। बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने सोमवार को यहां यह घोषणा की। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब पिछले दो दिनों में हसीना की सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिनमें 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के देश छोड़कर चले जाने की खबरों के बीच सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान ने टेलीविजन पर दिए गए अपने संबोधन में कहा कि मैं देश की सारी जिम्मेदारी ले रहा हूं। अराजकता और हिंसा से दूर रहें। हम जल्द ही बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनाएंगे। कृपया सहयोग करें।

बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद यदि आर्मी रुल लगता है तो आर्मी चीफ के पास पूरे देश की कमान होगी। वर्तमान में कार उज जमान बांग्लादेश के आर्मी चीफ हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें...

संभाला सेना प्रमुख का पदभार

लेफ्टिनेंट जनरल वकार उज जमान को हाल ही में प्रमोट कर आर्मी जनरल नियुक्त किया गया। 58 वर्षीय लेफ्टिनेंट जनरल वकार को 11 जून 2024 को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के लिए सिलेक्ट किया गया और 23 जून 2024 को उन्होंने तीन साल की अवधि के लिए सेना प्रमुख का पदभार संभाला।

पूर्व सेना प्रमुख की बेटी से की शादी

1966 में ढाका में जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल वकार उज जमान की शादी जनरल मुहम्मद मुस्तफिज़ुर रहमान की बेटी साराहनाज कमालिका जमान से हुई, जो 1997 से 2000 तक सेना प्रमुख रहे।

लंदन से की पढ़ाई

बांग्लादेश सेना की वेबसाइट के अनुसार, जमान के पास बांग्लादेश के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से रक्षा अध्ययन में मास्टर डिग्री और किंग्स कॉलेज लंदन से रक्षा अध्ययन में मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री है।

कई अभियानों में निभाई भूमिका

सेना प्रमुख बनने से पहले उन्होंने छह महीने से थोड़े अधिक समय तक चीफ ऑफ जनरल स्टाफ के रूप में कार्य किया। उन्होंने सैन्य अभियानों और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट

रविवार को पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों में 200 से अधिक लोग मारे गए। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सोमवार को बांग्लादेश में हुए घटनाक्रम के मद्देनजर 4096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर अपनी सभी यूनिट को हाई अलर्ट जारी किया।

सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा

अधिकारियों ने बताया कि बीएसएफ के कार्यवाहक महानिदेशक (डीजी) दलजीत सिंह चौधरी और अन्य वरिष्ठ कमांडर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए कोलकाता पहुंच गए हैं। महानिदेशक ने उत्तर 24 परगना जिला और सुंदरबन इलाके में तैयारियों की समीक्षा की।

पीले पड़ गए दांतो में चमक लाने के लिए अपनाए ये घरेलू उपाय


दांतों का पीलापन एक सामान्य समस्या है, जो कई कारणों से हो सकती है, जैसे खराब मौखिक स्वच्छता, तंबाकू का सेवन, अत्यधिक चाय या कॉफी का सेवन, या कुछ खाद्य पदार्थों का नियमित रूप से सेवन। पीले दांत न केवल आपकी मुस्कान को कम आकर्षक बनाते हैं बल्कि आपकी आत्मविश्वास को भी प्रभावित कर सकते हैं। यहां कुछ घरेलू उपाय दिए गए हैं जो आपके दांतों को सफेद और चमकदार बना सकते हैं:

1. बेकिंग सोडा और नींबू का रस

बेकिंग सोडा में प्राकृतिक सफेदी गुण होते हैं और नींबू का रस एसिडिक होने के कारण दांतों के दाग हटाने में मदद करता है।

उपयोग की विधि:

एक चम्मच बेकिंग सोडा लें।

उसमें कुछ बूंदें नींबू का रस मिलाएं।

इस मिश्रण को अपने टूथब्रश पर लगाएं और दांतों पर ब्रश करें।

2-3 मिनट तक ब्रश करने के बाद अच्छी तरह कुल्ला करें।

इसे सप्ताह में 2-3 बार करें।

2. नारियल तेल से कुल्ला (ऑयल पुलिंग)

नारियल तेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुंह की स्वच्छता को बनाए रखने में मदद करते हैं और दांतों को सफेद करते हैं।

उपयोग की विधि:

एक चम्मच नारियल तेल लें।

इसे मुंह में डालें और 10-15 मिनट तक मुंह में घुमाएं।

बाद में तेल को थूक दें और मुंह को गर्म पानी से धो लें।

इसे रोजाना सुबह करें।

3. स्ट्रॉबेरी और बेकिंग सोडा

स्ट्रॉबेरी में मौजूद मैलिक एसिड दांतों के दाग हटाने में मदद करता है और बेकिंग सोडा सफेदी लाता है।

उपयोग की विधि:

एक या दो स्ट्रॉबेरी को मैश करें।

इसमें आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाएं।

इस मिश्रण को अपने दांतों पर लगाएं और 5 मिनट तक छोड़ दें

फिर सामान्य तरीके से ब्रश करें और कुल्ला करें।

इसे सप्ताह में एक बार करें।

4. नमक और सरसों का तेल

नमक में प्राकृतिक सफेदी गुण होते हैं और सरसों का तेल मसूड़ों को मजबूत बनाता है।

उपयोग की विधि:

आधा चम्मच नमक लें।

इसमें कुछ बूंदें सरसों का तेल मिलाएं।

इस मिश्रण को दांतों पर मलें और 2-3 मिनट तक मसाज करें।

फिर गर्म पानी से कुल्ला करें।इसे सप्ताह में 2-3 बार करें।

5. संतरे का छिलका

संतरे के छिलके में विटामिन सी होता है, जो दांतों के दाग हटाने में मदद करता है।

उपयोग की विधि:

संतरे के ताजे छिलके का अंदरूनी भाग (सफेद हिस्सा) लें।

इसे दांतों पर रगड़ें।

कुछ मिनट तक रगड़ने के बाद पानी से कुल्ला करें।

इसे रोजाना रात में करें।

निष्कर्ष

ऊपर बताए गए घरेलू उपाय न केवल आपके दांतों को सफेद और चमकदार बनाएंगे बल्कि आपकी मौखिक स्वच्छता को भी बेहतर बनाएंगे। हालांकि, अगर समस्या बनी रहती है या गंभीर है, तो डेंटिस्ट से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। नियमित ब्रशिंग और फ्लॉसिंग के साथ इन उपायों को अपनाएं और मुस्कुराहट को हमेशा चमकदार बनाए रखें।

मित्रता दिवस पर जानें कृष्ण-सुदमा की सच्ची मित्रता की कहानी,"जब भी मित्रता की बात हो तब कृष्ण और सुदामा की मित्रता की मिशाल दी जाती है"


मित्रता दिवस एक ऐसा अवसर है जब हम अपने दोस्तों की अहमियत को पहचानते हैं और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। इस अवसर पर कृष्ण और सुदामा की सच्ची मित्रता की कहानी हमें मित्रता के महत्व और उसकी पवित्रता को समझने का एक उत्तम उदाहरण प्रस्तुत करती है।

प्रारंभिक जीवन और मित्रता

कृष्ण और सुदामा की मित्रता का प्रारंभ उनके गुरुकुल के दिनों से होता है। कृष्ण, जो द्वारका के राजा बने, और सुदामा, जो एक गरीब ब्राह्मण थे, दोनों ही अपने गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। उन दिनों में दोनों ने एक-दूसरे के साथ अपने अनुभव साझा किए और गहरी मित्रता का बंधन बनाया। उनकी मित्रता धन, प्रतिष्ठा या सामाजिक स्थिति से परे थी और पूर्णतः सच्चाई, प्रेम और समर्पण पर आधारित थी।

सुदामा का संघर्ष

सुदामा का जीवन कठिनाइयों से भरा हुआ था। उनके पास रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी पर्याप्त साधन नहीं थे। आर्थिक तंगी के बावजूद सुदामा ने अपनी संतुष्टि को बनाए रखा और अपने मित्र कृष्ण के प्रति उनकी मित्रता में कोई कमी नहीं आई। उनकी पत्नी ने एक दिन उनसे आग्रह किया कि वे कृष्ण से सहायता मांगें, जो अब एक समृद्ध राजा थे।

कृष्ण से मिलन

सुदामा अपने पुराने मित्र से मिलने द्वारका पहुंचे। उन्होंने कृष्ण के लिए थोड़े से चावल लेकर गए, जो उनके पास देने के लिए सबसे मूल्यवान वस्तु थी। जब कृष्ण ने अपने मित्र को देखा, तो वे बहुत प्रसन्न हुए और सुदामा का स्वागत अत्यधिक आदर और प्रेम के साथ किया। कृष्ण ने सुदामा के लाए चावल को बड़े प्रेम से ग्रहण किया, जिससे उनकी सच्ची मित्रता की गहराई और पवित्रता प्रकट होती है।

कृष्ण का उपहार

सुदामा ने कृष्ण से अपनी आर्थिक स्थिति का जिक्र नहीं किया, लेकिन कृष्ण उनकी कठिनाइयों से परिचित थे। जब सुदामा अपने घर वापस लौटे, तो उन्होंने देखा कि उनकी झोपड़ी एक सुंदर महल में बदल गई थी और उनके पास सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध थे। यह कृष्ण का सुदामा के प्रति सच्चे प्रेम और मित्रता का प्रतीक था।

निष्कर्ष

कृष्ण और सुदामा की मित्रता की यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची मित्रता धन, प्रतिष्ठा या सामाजिक स्थिति से परे होती है। यह प्रेम, सम्मान और निस्वार्थता पर आधारित होती है। मित्रता दिवस पर हमें इस कहानी से प्रेरणा लेकर अपने दोस्तों के प्रति प्रेम और कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी मित्रता भी सच्चाई और समर्पण पर आधारित हो।