क्या मणिपुर में कुछ बड़ा होगा? अमित शाह के साथ सेना प्रमुख समेत कई बड़े अधिकारियों की बैठक


डेस्क: पूर्वोत्तर भारत के राज्य मणिपुर में बीते लंबे समय से जारी हिंसा ने अब तक रुकने का नाम नहीं लिया है। हालांकि, केंद्र सरकार अब इस मुद्दे पर एक्शन मोड में आ गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को मणिपुर के हालात को लेकर गृह मंत्रालय में अहम बैठक की है। आपको बता दें कि इससे पह कल गृह मंत्री ने मणिपुर राज्यपाल से भी मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इस बैठक में हिंसा को समाप्त करने के लिए कोई बड़ा फैसला किया जा सकता है।

सेनाध्यक्ष भी पहुंचे

मणिपुर के हालात को लेकर गृह मंत्रालय में हुई बैठक में भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज पांडे, अगले सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह, सीआरपीएफ के पूर्व प्रमुख और मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह और कई अन्य बड़े अधिकारी पहुंचे थे। हालांकि, मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह इस बैठक में नहीं पहुंचे थे।

मणिपुर में हालत ठीक करने पर मंथन

गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए आज एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक तकरीबन डेढ घंटे तक चली। इस बैठक में मणिपुर में हालत ठीक करने को लेकर हुआ मंथन। बैठक में NCRB के डीजी विवेक गोगिया भी गृह मंत्रालय पहुंचे थे।
पहली बार चुनाव में उतरेंगी प्रियंका गांधी वाड्रा, राहुल गांधी की जीती वायनाड सीट से लडे़ंगी उपचुनाव

लखनऊ । आखिरकार समय आ ही गया..राहुल गांधी की बहन प्रियंका गांधी पहली बार चुनावी मैदान में बतौर प्रत्याशी ताल ठोकेंगीं। ये पहली बार होगा, जब अपने राजनीतिक जीवन में प्रियंका गांधी कोई चुनाव लड़ेंगी। कांग्रेस के थिंक टैंक ने तय कर दिया है कि राहुल गांधी वायनाड लोकसभा सीट छोड़ेंगे और प्रियंका गांधी यहां से चुनाव लड़ेंगी।  

2019 के आम चुनाव में प्रियंका गांधी को कांग्रेस ने महासचिव बनाया और पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी थी। हालांकि, राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गए थे। इसके बाद वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए तो प्रियंका गांधी के हाथ एक बार फिर से निराशा आई, कांग्रेस महज दो सीटों पर सिमट गई। ऐसा लगने लगा था कि प्रियंका उत्तर प्रदेश की राजनीति को अलविदा कह देंगी। 

मल्लिकार्जुन खरगे ने बैठक के बाद की घोषणा

 

लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद देशभर में सियासी दल आंतरिक बैठक कर आगे की रणनीति तैयार कर रहे हैं। इसी कड़ी में सोमवार को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर बैठक की और राहुल गांधी की संसदीय सीट को लेकर फैसला किया। बैठक के बाद खरगे ने कहा कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ेंगे और रायबरेली अपने पास रखेंगे। इसके बाद प्रियंका गांधी वाड्रा वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी। इस मीटिंग में सोनिया गांधी के साथ राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और केसी वेणुगोपाल भी शामिल हुए।

राहुल गांधी रायबरेली सीट रखेंगे अपने पास

खरगे ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम सबने बैठक में यह तय कर लिया कि राहुल गांधी रायबरेली सीट अपने पास रखेंगे, क्योंकि रायबरेली पहले से भी उनके काफी नजदीक रही है। उस परिवार के साथ जुड़ाव है और पीढ़ियों से वहां से लड़ते आए हैं। इसलिए वहां के लोगों और पार्टी के लोगों का भी कहना है कि वह रायबरेली की सीट अपने पास रखें। वायनाड के लोगों का प्यार भी राहुल को मिला है। वे लोग चाहते हैं कि राहुल वायनाड में ही रहें, लेकिन कानून इसकी इजाजत नहीं देता। इसलिए वायनाड सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ेंगी। 

प्रियंका ने कहा इस फैसले से बहुत खुश हूं

बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा कि मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं। वायनाड का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात होगी। मैं एक अच्छा प्रतिनिधि बनने की कोशिश करुंगी। रायबरेली से मेरा पुराना रिश्ता है और मैंने रायबरेली और अमेठी के लिए काफी काम किया है। मैं भैया की मदद रायबरेली में भी करुंगी। हम दोनों वायनाड और रायबरेली में एक-दूसरे की मदद भी करेंगे।

EVM पर Mid Day अखबार की खबर भ्रामक, चुनाव आयोग से मांगी माफी, जानिए पूरा मामला



मिड डे अखबार ने अपनी उस रिपोर्ट के लिए खेद प्रकट किया है, जिसमें दावा किया गया था कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से जीत हासिल करने वाले रविंद्र वायकर के रिश्तेदार के पास 'EVM अनलॉक करने वाला फोन था'. अखबार ने 16 जून को ये खबर छापी थी और 17 जून को सफाई छापी है.

अखबार ने माना- 'रिपोर्ट में गलती हुई'
अखबार ने अपनी गलती मानते हुए लिखा,

“'वायकर के रिश्तेदार के पास EVM को अनलॉक करने वाला फोन था' (पेज 6, जून 16), इस खबर में गलती से ये लिखा गया था कि आरोपी व्यक्ति ने EVM को अनलॉक करने का OTP जनरेट करने के लिए अपने मोबाइल का इस्तेमाल किया. इस गलती के लिए खेद है.”


मिड डे की 16 जून की रिपोर्ट को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शेयर करते हुए लिखा था,

"भारत में EVM एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है, और किसी को भी उसकी जांच करने की अनुमति नहीं है. हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं. जब संस्थाओं में जवाबदेही का अभाव होता है, तो लोकतंत्र दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की आशंका बढ़ जाती है."

चुनाव आयोग ने किया था प्रेस कॉन्फ्रेंस

वहीं चुनाव आयोग ने 16 जून की शाम को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि EVM को अनलॉक करने के लिए कोई OTP नहीं लगता है.

आयोग की तरफ से कहा गया,

“16 जून को जो खबर आई उसे लेकर कुछ लोगों ने ट्वीट किए. EVM को अनलॉक करने के लिए कोई OTP नहीं लगता है. EVM डिवाइस किसी से कनेक्ट नहीं रहता. एक अखबार द्वारा पूरी तरह से गलत खबर चलाई गई है. EVM स्टैंडअलोन सिस्टम है. अखबार की खबर पूरी तरह से गलत है, हमने पेपर को नोटिस जारी किया है. 499 IPC के तहत मानहानि का केस भी किया गया है.”


मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर शिंदे गुट वाली शिवसेना के उम्मीदवार रविंद्र वायकर को 48 वोटों से जीत मिली थी. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक 4 जून को आम चुनावों के नतीजों की घोषणा के समय रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर को मतगणना केंद्र पर कथित तौर पर मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए देखा गया था. दरअसल, मतदान केंद्र पर मोबाइल या किसी भी इलेक्ट्रॉनिक चीजों के इस्तेमाल की मंजूरी नहीं है. इस मामले में मुंबई पुलिस ने मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है.

मुंबई पुलिस ने क्या बताया?

हालांकि, मुंबई पुलिस ने भी ‘EVM को अनलॉक करने के लिए मोबाइल पर OTP जनरेट करने’ की खबरों का खंडन किया है. बताया है कि काउंटिंग स्टेशन पर एक व्यक्ति को अवैध रूप से मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने की मंजूरी देने को लेकर वनराई पुलिस स्टेशन में एक केस दर्ज किया गया है.


मुंबई पुलिस का कहना है कि अभी इस मामले की जांच चल रही है. वहीं कुछ अंग्रेजी और मराठी न्यूज मीडिया ने खबर छापी है कि 'EVM को अनलॉक करने के लिए, एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल OTP जनरेट करने के लिए किया गया'. मुंबई पुलिस ने कहा है कि उनकी ओर से ऐसी कोई जानकारी किसी भी अखबार को जारी नहीं की गई है. इसलिए ऐसे न्यूज आर्टिकल झूठे और भ्रामक हैं.
ईवीएम की पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करें या इसे हटा दें”, चुनाव आयोग से बोले राहुल गांधी

#rahul_gandhi_said_evm_is_black_box_election_commission_ensures_transparency 

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर क बार फिर सियासत जारी है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को एक बार फिर ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया। उन्होंने चुनाव आयोग से ईवीएम और प्रक्रियाओं की पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने या उन्हें समाप्त करने की मांग की। एक दिन पहले कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एक “ब्लैक बॉक्स” है और किसी को भी इसकी जांच करने की अनुमति नहीं है।

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, जब लोकतांत्रिक संस्थानों पर कब्जा कर लिया जाता है तो एकमात्र सुरक्षा चुनावी प्रक्रिया में निहित होती है, जो जनता के लिए पारदर्शी होती है। उन्होंने कहा कि ईवीएम अभी ब्लैक बॉक् है। चुनाव आयोग या तो मशीनों और प्रक्रियाओं की पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करनी चाहिए या उन्हें समाप्त कर देना चाहिए। 

वहीं, एक अन्य कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, “इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को अचूक मानने से पहले, भारत निर्वाचन आयोग को यह आंकड़ा जारी करना चाहिए कि चुनावों के दौरान कितनी ईवीएम खराब पायी गईं।” उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को यह बताना चाहिए कि आम चुनावों के दौरान कितनी मशीनों ने गलत समय, तारीख और गलत मत दर्ज किए तथा कितनी ईवीएम के घटकों - मतगणना इकाई, मतपत्र इकाई को बदला गया तथा छद्म मतदान के दौरान कितनी ईवीएम में खराबी मिली। 

गोगोई ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “चुनाव लड़ने के बाद मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि इन मशीनों ने अशुद्ध नतीजे दिखाए हैं। मुझे उम्मीद है कि निर्वाचन आयोग उपरोक्त आंकड़े जारी करेगा क्योंकि जनता को जानने का अधिकार है।” 

बता दें कि लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद ईवीएम पर एक बार फिर घमासान शुरू हो गया है। रविवार को इसने एकदम से उस वक्त तेजी पकड़ी जब राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने एक खबर का हवाला दिया। इसमें आरोप लगाया गया था कि मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से शिवसेना उम्मीदवार के एक रिश्तेदार का फोन काउंटिंग के समय ईवीएम से जुड़ा हुआ था।

वहीं, मुंबई में मतगणना केंद्र के ईवीएम के साथ उम्मीदवार के रिश्तेदार का फ़ोन जुड़े होने को लेकर मीडिया में आई ख़बरों को चुनाव अधिकारी के खारिज किया है। मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा क्षेत्र की रिटर्निंग अफ़सर वंदना सूर्यवंशी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, "ईवीएम एक स्टैंडअलोन डिवाइस है, इसमें तार या बेतार कनेक्शन की कोई सुविधा नहीं होता है। जो ख़बर शेयर की जा रही है वो ग़लत है, आधारहीन है।

कंचनजंगा एक्सप्रेस हादसे में बड़ी लापरवाही आई सामने, सुबह से खराब पड़ा था ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम

#kanchanjunga_express_accident_big_negligence_revealed 

पश्चिम बंगाल में सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस सोमवार को सुबह न्यू जलपाईगुड़ी के पास हादसे का शिकार हो गई। उसे एक मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मार दी। हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया कि आखिरकार ऐसा हुआ क्यों? अब तक मिली जानकारी के मुताबिक यह हादसा भी सिग्नल की गड़बड़ी के कारण बताया जा रहा है।

रेलवे सूत्र के हवाले से बताया कि पश्चिम बंगाल में रानीपानी रेलवे स्टेशन और छत्तर हाट जंक्शन के बीच स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली सही तरह से काम नहीं कर रही थी। सूत्रों की मानें तो सुबह 5.50 बजे से ऑटोमेटिक सिंग्निलिंस सिस्टम में खराबी थी। “ट्रेन नंबर 13174 (सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस) सुबह 8:27 बजे रंगपानी स्टेशन से रवाना हुई और स्वचालित सिग्नलिंग विफलता के कारण रानीपत्रा रेलवे स्टेशन और छत्तर हाट के बीच रुक गई।” वहीं 8.55 मिनट पर यह हादसा हुआ और 9.01 मिनट पर सुबह रेलवे को इसकी जानकारी मिली।

एक अन्य रेलवे अधिकारी के मुताबिक, जब ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम काम करना बंद कर देती है, तो स्टेशन मास्टर ‘टीए 912’ नामक एक लिखित आधिकार-पत्र जारी करता है, जो चालक को खराबी के कारण उस सेक्शन के सभी रेड सिग्नलों को पार करने का अधिकार देता है। सूत्र ने बताया, ‘रानीपतरा के स्टेशन मास्टर ने ट्रेन संख्या 13174 (सियालदह कंचनजंघा एक्सप्रेस) को ‘टीए 912′ जारी किया था।’ उन्होंने कहा, ‘जीएफसीजे नामक एक मालगाड़ी लगभग उसी समय सुबह 8:42 बजे रंगापानी से रवाना हुई और 13174 नंबर ट्रेन के पिछले हिस्से से टकरा गई।

सूत्रों ने कहा कि जांच से ही पता चल सकेगा कि क्या मालगाड़ी को खराब सिग्नलों को तेज गति से पार करने के लिए टीए 912 दिया गया था या नहीं। वहीं, अगर मालगाड़ी को टीए 912 नहीं दिया गया था तो चालक को प्रत्येक खराब सिग्नल पर ट्रेन को एक मिनट के लिए रोकना था और 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ना था।

रेलवे सूत्रों की मानें तो जिस समय ट्रेन हादसा हुआ उस समय उस इलाके में काफी तेज बारिश हो रही थी। ऐसे में संभव है सिग्नल के लाल बत्ती को ड्राइवर बारिश की वजह से देख नहीं पाया हो और वह आगे बढ़ गया। ऐसी भी आशंका है कि चूंकि ऑटोमैटिक सिग्नल सिस्टम सही तरीके से काम नहीं कर रहा था। ऐसे में मैनुअल सिग्नल सिस्टम को मालगाड़ी का ड्राइवर फॉलो नहीं कर पाया। हांलांकि इसी ट्रैक पर आगे कंचनजंगा एक्सप्रेस खड़ी थी, जिसके ड्राइवर ने सभी नियमों का सही तरीके से पालन किया।

बता दें कि हादसे में ट्रेन चला रहे चालक (लोको पायलट) की भी मौत हो गई। वहीं, कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड ने भी अपनी जान गंवा दी है। वहीं, अभी भी कंचनजंगा का एक डब्बा हवा में लटका हुआ है।

लखनऊ के सैलून में थूक लगा कर रहा था मसाज, सीसीटीवी में कैद हो गई घटना- पुलिस ने कर दी यह कार्रवाई



डेस्क : सुशांत गोल्फ सिटी इलाके में सैलून संचालक मोहम्मद जैद ने ग्राहक के चेहरे पर थूंक लगा-लगाकर मसाज की। यह घटना सीसी फुटेज में कैद हो गई। शनिवार देर रात वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गई। इसके बाद ग्राहक को जानकारी हुई। ग्राहक ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में आरोपित सैलून संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

पीड़ित ग्राहक पंडित आशीष कुमार उन्नाव जिले के कटियान के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि वह पृथ्वीपुरम में एक कैंटीन में काम करते हैं। वहां पास ही मो. जैद का सैलून है। मंगलवार को वह जैद के यहां दाढ़ी बनवाने गए थे। दाढ़ी बनवाने के दौरान उन्होंने जैद से चेहरे पर मसाज करने को कहा।

जैद ने चेहरे पर क्रीम लगाई और मसाज करने लगे। इस दौरान जैद बार-बार अपने हाथ पर थूंकते और फिर चेहरे पर मसाज करते। यह पूरा वाक्या दुकान में लगे सीसी कैमरे में भी कैद हो गया। शनिवार रात वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया। प्रसारित वीडियो देखकर आशीष ने विरोध किया तो जैद ने धमकी दी। इसके बाद आशीष ने सुशांत गोल्फ सिटी थाने में जैद के खिलाप तहरीर दी। इंस्पेक्टर अंजनी कुमार मिश्रा ने बताया कि आरोपित जैद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
आदिवासी बहुल मंडला जिले में पशु तस्करों पर कार्रवाई के बाद सरकारी जमीन पर बने 11 घरों पर चला बुलडोज़र, प्रशासन ने पहले भी दी थी नोटिस


मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल मंडला जिले में पशु तस्करी पर प्रशासन ने कार्रवाई क़ी है. इसके तहत सरकारी जमीन पर बने 11 घरों पर बुलडोज़र चलाकर उसे ध्वस्त कर दिया.

अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने पहले भी इस सम्बन्ध में नोटिस जारी क़ी थी, जवाब नहीं देने पर यह कार्रवाई कि गयी.

 सरकारी जमीन पर घर बनाया गया,क्योंकि पुलिस ने दावा किया था कि वहां पर गोमांस, जानवरों की खालें और गोवंश के कंकाल भी मिले हैं। पुलिस ने मंडला के नैनपुर थाने में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है ।

घटना शनिवार को नैनपुर के भैंसवाही गांव की है। पुलिस ने घर पर दबिश देकर 11 आरोपियों में से एक को गिफ्तार किया बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमों का गठन कर दिया गया है। गिरफ्तार वाहिद कुरैशी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि 5 से 6 आरोपी पहले भी पशु तस्करी में शामिल रहे हैं।

आरोपियों के घर को ढहाने की कार्रवाई पर मंडला के एसपी रजत सकलेचा ने मीडिया को बताया कि ये घर 15 हजार वर्ग फीट सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बनाए गए थे। उन्होंने कहा कि यह जमीन अधिकारियों ने जानवरों के चरने के लिए छोड़ दी थी। एसपी ने यह भी बताया कि रेवेन्यू टीम ने इस अतिक्रमण को लेकर कुछ समय पहले ही नोटिस भेज दिया था। उन्होंने कहा कि सभी आरोपियों को जवाब देने के लिए मौका भी दे दिया गया था। इसके बाद अधिकारियों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को तेज कर दिया और 11 घरों को ढहा दिया। नैनपुर एसडीएम सोनल सिडाम ने कहा कि अवैध रूप से अतिक्रमण को लेकर पहले भी यहां पर एक मामले चल रहा था। शनिवार को रेवेन्यू डिपार्टमेंट की टीम ने इसे हटाने की कार्रवाई की।

सर्च ऑपरेशन में आरोपियों के पास से क्या-क्या मिला

जानवरों की तस्करी के आरोपों पर एसपी ने कहा कि गांव में पहले भी पशु तस्करी के मामले 5 से 6 मामले सामने आ चुके हैं। इस गांव में पुलिस लगातार गश्त करती रहती है। इस बार हमको एक इनपुट मिला और हमने वरिष्ठ अधिकारियों की तीन टीमों के साथ जाने का फैसला कर लिया। इसके बाद बड़े पैमाने पर इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। 11 घरों में हमने उनके फ्रिज से गोमांस, 100 से ज्यादा जानवरों की खालें और कई कंकाल बरामद किए। 

छोटे-छोटे घरों में 150 जिंदा गायें भी मिलीं। एसपी ने कहा कि भैंसवाही इलाका पिछले कुछ टाइम से गौतस्करी का अड्डा बन गया है।

पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि मांस का इस्तेमाल खाने के लिए किया जाना था। वहीं, खाल को जबलपुर में चमड़ा बनाने के लिए व्यापारियों को बेचा जाना था। मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि कथित पशु तस्करी का यह गिरोह मंडला और जबलपुर के बीच चल रहा था। उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी का रिश्तेदार जबलपुर में इस धंधे में शामिल था। हड्डियों का इस्तेमाल सप्लीमेंट के लिए किया जाना था।

नैनपुर एसएचओ इंदर बलदेव ने कहा कि वे आरोपियों के ठिकाने का पता लगाने की भरसक कोशिश में जुटे हुए हैं और अपने सोर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता था कि उस इलाके में कुछ गोहत्या के मामले थे। इनमें से दो आरोपी दमोह के हैं। वहीं, बाकी के स्थानीय लोग ही हैं। वह बेरोजगार हैं और इस पेशे में करीब 15 साल से काम कर रहे हैं।

सीएम मोहन यादव ने 2024 को गौवंश रक्षा वर्ष मनाने का फैसला किया

इंदर बलदेव ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने जानवरों के बाजार से पशु खरीदे और उन्हें मंडला और जबलपुर में बेचने की कोशिश की। मध्य प्रदेश में राज्य में स्थानीय पुलिस को गौतस्करी और हत्या पर नकेल कसने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। सीएम मोहन यादव ने 2024 को गौवंश रक्षा वर्ष मनाने का फैसला किया है। इस एक्शन पर बोलते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि गाय के साथ हो रही क्रूरता को किसी भी तरह से बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मंडला जिले के भैंसवाही गांव में पुलिस ने कार्रवाई कर करीब 150 गायों को बचाया। आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं अतिक्रमण को भी हटाया गया है।

एयर इंडिया में परोसे जाने वाले खाने के विकल्प पर कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर को हुई आपत्ति, जानें क्या है मामला

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कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सोशल मीडिया पर एयर इंडिया की वेबसाइट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए एयर इंडिया की उड़ानों में परोसे जाने वाले भोजन विकल्पों पर सवाल उठाए हैं। मणिकम टैगोर ने धर्म के आधार पर एयर इंडिया के मेन्यू रखे जाने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

दरअसल, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने एयर इंडिया की डाइनिंग एक्सपीरियंस पेज का स्क्रीनग्रैब लिया, जिसमें खाने की कैटेगरी हिंदू मील और मुस्लिम मील के आधार पर था। एयरलाइंस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने सवाल उठाया कि हिंदू या मुस्लिम खाना क्या है? सोशल मीडिया पर इस पोस्ट को शेयर करते हुए उन्होंने मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन से इसके खिलाफ कार्रवाई करने की भी अपील की है। आगे उन्होंने कहा कि क्या संघियों ने एयर इंडिया पर कब्जा कर लिया है।

केवल हिंदू मील और मुस्लिम मील ही दिखा

वैसे यहां गौर करने वाली बात ये है कि कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर को डाइनिंग एक्सपीरियंस पेज पर केवल हिंदू मील और मुस्लिम मील ही दिखाई दिया। हालांकि इसके अलावा भी एयर इंडिया जैन और यहूदी यात्रियों के लिए भी विशिष्ट मेनू प्रदान करता है। एयर इंडिया के अलावा सिंगापुर एयरलाइन्स, एमिरेट्स एयरलाइन्स और जेट एयरलाइन्स जैसी कंपनियां भी अपने कस्टमर्स को 'रिलिजियस' मील का ऑप्शन देती हैं। रिलिजियस मील कैटिगरी के अंतर्गत 4 तरह के ऑप्शन्स होते हैं- मुस्लिम मील, हिंदू मील, जैन मील और कोशर मील।

हिंदू मील के तहत वेज और नॉन वेज

हिंदू मील के अंदर भी 2 ऑप्शन्स हैं- इंडियन वेजिटेरिअन मील और नॉन वेजिटेरिअन हिंदू मील। इंडियन वेजिटेरिअन यानी शाकाहारी मील के तहत यात्रियों को खाने में हर तरह की सब्जियां, ताजे फल, ड्राई फ्रूट्स, दाल, डेयरी प्रॉडक्ट्स, टोफू, अनाज और वेजिटेबल जिलेटिन दिया जाता है। इस शाकाहारी खाने में किसी भी तरह का मीट या मीट-बाय प्रॉडक्ट्स, मछली, शेलफिश, अंडा या ऐनिमल जिलेटिन शामिल नहीं होता।

नॉन वेज हिंदू मील बीफ सर्व नहीं किया जाता

नॉन वेज हिंदू मील की करें तो यह खाना वैसे इन-फ्लाइट पैसेंजर्स को सर्व किया जाता है जो हिंदू धर्म को मानने वाले हैं। इसमें मिलने वाले नॉन वेज खाने में यात्रियों को गोश्त, चिकन, मछली, अंडा, दूध, डेयरी प्रॉडक्ट्स और अनाज दिया जाता है जबकि बीफ या बीफ बाय-प्रॉडक्ट्स और रॉ या स्मोक्ड फिश बिलकुल सर्व नहीं किया जाता।

जैन कम्युनिटी के लिए अलग मील

इसके अलावा जैन मील जैन कम्युनिटी के लोगों को सर्व किया जाता है जो प्योर वेजिटेरिअन होते हैं। जैन मील में सिर्फ वैसे फलों और सब्जियों को शामिल किया जाता है जो जमीन के ऊपर उगते हैं। जैन मील में ऐनिमल प्रॉडक्ट्स, सी-फूड, अंडा, डेयरी प्रॉडक्ट्स, बैंगन, गोभी, ब्रॉकली और जड़ वाली सब्जियां जैसे- प्याज, मशरूम, अदरक, लहसुन आलू, गाजर, चुकंदर, मूली और हल्दी बिलकुल सर्व नहीं किया जाता।

मेडिकल और डायटरी जरूरतों के हिसाब से भी मील

ठीक वैसे पैसेंजर्स जो यहूदी कस्टम को मानने वाले होते हैं उन्हें कोशर मील सर्व किया जाता है। यहूदी को डायटरी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस मील को तैयार किया जाता है। इसके अलावा फ्लाइट्स पर पैसेंजर्स को मेडिकल और डायटरी जरूरतों के हिसाब से भी मील दी जाती है जिसमें डायबीटिक मील, ग्लूटेन-फ्री मील, लो कलेस्ट्रॉल और लो फैट मील, लो सॉल्ट मील और नॉन-लैक्टोज मील भी शामिल है।

दिल्ली के चूड़ीवाला इलाके में सड़क धंसने से भरभराकर गिरी मस्जिद, मची अफरा-तफरी



डेस्क: पुरानी दिल्ली के चूड़ीवाला इलाके में आज एक बड़ा हादसा हो गया है। यहां सड़क धंसने की वजह से एक मस्जिद अचानक भरभराकर गिर गई। इसका वीडियो भी सामने आया है। जिसमें देखा जा सकता है कि कुछ लोग मस्जिद से दूर खड़े होकर उसका वीडियो बना रहे हैं। अचानक मस्जिद गिर जाती है, जिससे अफरा-तफरी मच जाती है।

क्या है पूरा मामला?

इस मस्जिद को करीब 10 साल पहले बनाया गया था और ये संगमरमर की मस्जिद के नाम से फेमस थी। आज सुबह के वक्त पुलिस को ये सूचना मिली कि मस्जिद के सामने सड़क धंस गई। इसके बाद पुलिस ने आस-पास की दुकानों को खाली कराया, जिससे कोई अनहोनी ना हो।

दोपहर में अचानक ये मस्जिद भरभराकर गिर गई। गनीमत ये रही कि इसकी जद में कोई इंसान नहीं आया क्योंकि पुलिस ने पहले ही आस-पास के इलाके को खाली करा लिया था। अब पुलिस और प्रशासन इस बात की जांच में जुटा है कि सड़क क्यों धंसी।

इसके अलावा स्थानीय मुसलमानों का कहना है कि मस्जिद को दोबारा बनाया जाए। फिलहाल मलबे को सड़के से हटाने का काम जारी है।
शंघाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में छाएंगे शाहरुख खान, 'डंकी' का बजेगा डंका




डेस्क: राजकुमार हिरानी अपनी फिल्मों की खूबसूरत कहानी और इमोशन को गहराई से छूने के लिए जाने जाते हैं। अब अपनी हाल ही में रिलीज हुई शाहरुख खान, तापसी पन्नू, विक्की कौशल और बोमन ईरानी स्टारर फिल्म 'डंकी' के साथ सभी को इंप्रेस करना जारी रखे हुए हैं। फिल्म ने देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी मौजूद दर्शकों का दिल जीता है और इस तरह से यह एक और उपलब्धि अपने नाम करने जा रही है। फिल्म ने न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ी है। लोगों को शाहरुख खान और बाकी कलाकारों की एक्टिंग भी खूब पसंद आई। फिल्म का असर अभी भी देखने मिल रहा है, क्योंकि राजकुमार हिरानी को शंघाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (SIFF) में 'डंकी' फिल्म स्क्रीन करने के लिए इन्वाइट किया गया है।

तीन अलग-अलग दिन होगी प्रदर्शित

राजकुमार हिरानी को SIFF में फिल्म रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर इन्वाइट किया गया है। बता दें कि 'डंकी' को 14 से 23 जून तक होने वाले SIFF 2024 के इंटरनेशनल पैनोरमा सेक्शन के लिए चुना गया है। शंघाई इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में 15, 18 और 20 जून को 'डंकी' की स्क्रीनिंग होगी। राजकुमार हिरानी के साथ ही फिल्मी इंडस्ट्री के लिए भी ये गर्व करने का मौका है। फिल्म को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है। शंघाई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (SIFF) की स्थापना 1993 में हुई थी और इसे इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म फेस्टिवल द्वारा मान्यता प्राप्त नॉन-स्पेशलाइज्ड कॉम्पिटेटिव फिल्म फेस्टिवल में से एक माना जाता है।


बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन

फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया और विश्व बॉक्स ऑफिस पर 500 करोड़ की कमाई की। यह शाहरुख खान की 2023 की तीसरी फिल्म थी। उन्होंने 4 साल के लंबे अंतराल के बाद वापसी की। हालांकि, शाहरुख की इस साल कोई रिलीज नहीं हो रही है। अभिनेता ने अपनी आगामी फिल्मों की भी घोषणा नहीं की है, लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि वह KGF फेम अभिनेता यश की अगली फिल्म 'टॉक्सिक' में कैमियो कर सकते हैं।


फिल्म के बारे में और जानकारी

अनजान लोगों के लिए बता दें कि 'डंकी' शब्द एक पंजाबी मुहावरा है, जिसका मतलब है एक जगह से दूसरी जगह जाना। जब लोगों को अलग-अलग देशों में रोककर अवैध तरीके से दूसरे देश भेजा जाता है तो इसे डंकी मार्ग कहा जाता है। अमेरिका, कनाडा और कुछ यूरोपीय देशों तक पहुंचने के लिए इस मार्ग या रास्ते को अवैध तरीके से प्रयोग किया जाता है। बता दें, फिल्म की कहानी से कई लोग रिलेट कर सके और यही वजह रही कि इसे काफी दर्शक मिले।