राहुल गांधी ने EVM पर उठाए सवाल, कहा- 'यह ब्लैक बॉक्स है, किसी को भी इसकी जांच की इजाजत नहीं'

डेस्क : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर EVM को लेकर सवाल उठाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है। उन्होंने दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलन मस्क की एक्स पर की गई पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए एक अखबार का हवाला दिया और ईवीएम पर सवाल खड़े किए।

चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं 

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में कहा- 'भारत में ईवीएम एक ब्लैक बॉक्स है और किसी को भी इसकी जांच की इजाजत नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।'

रविंद्र वायकर से जुड़ी खबर को किया शेयर

 

राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव से जुड़ी एक घटना का जिक्र किया है। राहुल ने इससे जुड़ी खबर को शेयर किया है। इस मामले में ईवीएम को लेकर सवाल उठाए गए हैं। मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है। मंगेश पांडिलकर पर यह आरोप है कि उसने मुंबई के गोरेगांव चुनाव केंद्र के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल किया था।

48 वोटों से जीते थे रविंद्र वायकर

मुंबई पुलिस ने पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग के एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। दरअसल, इस मामले में मुंबई की नॉर्थ पश्चिम सीट से चुनाव लड़नेवाले कई उम्मीदवारों की तरफ से भी शिकायतें मिली थीं। जिसके बाद मामला दर्ज किया गया। बता दें कि शिवसेना शिंदे के उम्मीदवार रविंद्र वायकर दोबारा काउंटिंग होने के बाद केवल 48 वोटों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस पर काफी विवाद भी हुआ था। 

EVM को लेकर एलन मस्क का पोस्ट

दरअसल, एलन मस्क ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है। मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा कि हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। क्यों मनुष्यों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम है।मस्क ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद के दावेदार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर की पोस्ट को रिपोस्ट किया है। रॉबर्ट एफ कैनेडी ने अपनी पोस्ट में ईवीएम को लेकर गडबड़ियों का उल्लेख किया था।

राजकोट गेमिंग जोन आग मामले में दस्तावेजों से छेड़छाड़ के आरोप में दो स्थानीय कर्मचारी गिरफ्तार

डेस्क: राजकोट नगर निगम के दो कर्मचारियों को एक गेमिंग जोन में पिछले माह लगी आग की घटना के बाद उससे संबंधित दस्तावेजों में छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आग की इस घटना में 27 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि इसके साथ ही राजकोट शहर में टीआरपी गेमिंग जोन में 25 मई को हुई घटना के सिलसिले में अब तक छह सरकारी कर्मचारियों सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 

सहायक नगर योजना अधिकारी गिरफ्तार

पुलिस उपायुक्त (अपराध) पार्थराजसिंह गोहिल ने बताया कि शहर की अपराध शाखा ने शनिवार को राजकोट नगर निगम के सहायक नगर योजना अधिकारी राजेश मकवाना और सहायक अभियंता जयदीप चौधरी को आग की घटना के बाद आधिकारिक रजिस्टर में छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा, ‘‘आग की घटना के बाद उन्होंने टीआरपी गेमिंग जोन से जुड़े सरकारी दस्तावेजों में कुछ छेड़छाड़ की। उन्होंने जाली दस्तावेज भी बनाए।’’ गोहिल ने कहा, ‘‘टीआरपी गेमिंग जोन में आग लगने के मामले में अब तक हम छह सरकारी कर्मचारियों और छह अन्य लोगों को गिरफ्तार कर चुके हैं।’’ 

अब तक इन लोगों की हुई है गिरफ्तारी

इससे पहले जिन चार सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था उनमें राजकोट के नगर योजना अधिकारी एम.डी सागथिया, सहायक नगर योजना अधिकारी मुकेश मकवाना और गौतम जोशी तथा कलावड रोड दमकल केंद्र के पूर्व अधिकारी रोहित विगोरा शामिल हैं। पिछले बृहस्पतिवार को गेमिंग जोन के सह-मालिक अशोक सिंह जडेजा ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। जडेजा ‘टीआरपी गेमिंग जोन’ के छह मालिकों में से एक है। उनमें से पांच को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है और एक की 25 मई को लगी आग में मौत हो गई थी। इस मामले में गेमिंग जोन के एक प्रबंधक को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। 

गेमिंग जोन के एक मालिक की आग में झुलसकर मौत

पुलिस के अनुसार, मामले की जांच के दौरान इस बात की पुष्टि हुई कि सह-मालिकों में से एक प्रकाश हिरेन की आग में झुलसकर मौत हो गई थी क्योंकि जब गेमिंग जोन में आग लगी तब वह अंदर ही मौजूद था। सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से पता चला कि भू-तल पर वेल्डिंग के काम के दौरान थर्माकोल (पॉलीस्ट्रीन) शीट पर चिनगारी गिरने से आग लगी। वहां मौजूद कर्मचारियों ने आग बुझाने वाले उपकरणों की मदद से आग को काबू करने की कोशिश की लेकिन आग फैल गई और इसने गेमिंग जोन को अपनी चपेट में ले लिया। पुलिस के मुताबिक, राजकोट नगर निगम के अग्निशमन विभाग से अग्नि सुरक्षा संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र के बिना ही इस गेमिंग जोन का संचालन किया जा रहा था। राजकोट की घटना के बाद, राज्य भर में कई गेमिंग जोन और अन्य मनोरंजन केंद्रों को सील कर दिया गया तथा बिना किसी अनुमति के ऐसी सुविधाएं संचालित करने के लिए उनके मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई।

तेलंगाना के मेडक में झड़प, BJP MLA राजा सिंह को किया गया हॉउस अरेस्ट

डेस्क: तेलंगाना के मेडक में दो समुदायों के बीच झड़प की घटना के बाद अब तेलंगाना पुलिस ने बीजेपी के विधायक राजा सिंह को हाउस अरेस्ट कर लिया है। राजा सिंह मेडक में बीजेपी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के लिए जा रहे थे। लेकिन उन्हें पुलिस ने रोक दिया और हाउस अरेस्ट कर लिया है। राजा सिंह ने खुद सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी है कि उन्हें हैदराबाद एयरपोर्ट पर रोक लिया गया है। वे बीजेपी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने जा रहे थे। 

मेडक में फिलहाल हालात नियंत्रण में

इस मामले में अब तक BJP और भारतीय जनता युवा मोर्चा के 3 स्थानीय नेताओं सहित 10 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मेडक में फिलहाल हालात काबू में है, घटना स्थल के आस पास धारा 144 लगाई गई है, सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस पहरा लगाया गया है।

शनिवार को भड़क उठी थी हिंसा

बता दें कि तेलंगाना के मेडक जिले में शनिवार को हिंसा भड़क उठी था। कथित गौ तस्करी के आरोप लगने के बाद दो गुटों के बीच झड़प हुई। इसके बाद पुलिस को संबंधित इलाकों में धारा 144 लगानी पड़ी। पुलिस के अनुसार घटना मेडक के रामदास चौरस्ता की है। धारा 144 लागू होने के बाद चार या उससे ज्यादा एक साथ नहीं आ सकते हैं। ऐसा होने पर पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। 

धरने के कारण हुई झड़प

पुलिस अधिकारी ने बताया कि भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने गायों को ले जा रहे लोगों को रोक दिया और शिकायत करने की बजाय धरने पर बैठ गए। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। इस झड़प में दो लोग घायल हुए हैं। झड़प के बाद दोनों पक्षों ने सड़क पर प्रदर्शन किया। पुलिस के अनुसार जिस अस्पताल में घायलों का इलाज किया जा रहा था। वहां भी हमला किया गया। हालांकि, इस घटना में अब तक किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है।

एलन मस्क से भिड़े राजीव चंद्रशेखर, कहा- 'भारत जैसी EVM बना सकते हो, हम सिखा देंगे'

डेस्क: टेस्ला और स्पेसएक्स के प्रमुख एलन मस्क ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। उन्हें डर है कि इस मशीन के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है। मस्क की यह टिप्पणी दुनिया भर में ईवीएम की सुरक्षा को लेकर बढ़ती बहस के बीच आई है। प्यूर्टो रिको के हालिया प्राथमिक चुनावों में अनियमितताओं के आरोपों के बाद इसे हवा मिली है। मस्क ने एक्स पर लिखा, "हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। मनुष्य या एआई इसे हैक कर सकते हैं। खतरा कम है, फिर भी बहुत अधिक है।"

प्यूर्टो रिको में हाल ही में हुए विवादों के कारण ईवीएम सुरक्षा पर चर्चा तेज हो गई है। वहां प्राथमिक चुनाव में ईवीएम से जुड़ी कई अनियमितताएं सामने आई थीं। हालांकि, एक पेपर ट्रेल ने चुनाव अधिकारियों को वोटों की गिनती की पहचान करने और उसे सही करने में मदद की।

रॉबर्ट एफ कैनेडी के ट्वीट से उठा मामला

मस्क की यह टिप्पणी, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के भतीजे और 2024 के अमेरिकी चुनावों के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के जवाब में थी, जिन्होंने लिखा था, "एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से संबंधित सैकड़ों मतदान अनियमितताएं देखी गईं। सौभाग्य से, वहां एक पेपर ट्रेल था इसलिए समस्या की पहचान की गई और वोटों की गिनती को सही किया गया। उन अधिकार क्षेत्रों में क्या होता है जहां कोई पेपर ट्रेल नहीं है?"

भारत में सुरक्षित हैं ईवीएम

केनेडी जूनियर ने चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप को रोकने के लिए कागजी मतपत्रों की वापसी की वकालत की, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रत्येक वोट की गिनती हो और चुनाव सुरक्षित रहें। संयुक्त राज्य अमेरिका में ईवीएम को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं, भारत में परिदृश्य एक विपरीत तस्वीर प्रस्तुत करता है। भारत तीसरी पीढ़ी के ईवीएम का उपयोग करता है, जिसे एम3 ईवीएम के रूप में जाना जाता है, जिससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। ये मशीनें 'सुरक्षा मोड' में चली जाती हैं और अगर किसी भी तरह की छेड़छाड़ का पता चलता है तो वे निष्क्रिय हो जाती हैं।

राजीव चंद्रशेखर का पोस्ट

पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मस्क के बयान का विरोध करते हुए इसे "एक बहुत बड़ा सामान्यीकरण" करार दिया, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने लिखा "यह एक बहुत बड़ा व्यापक सामान्यीकरण कथन है जिसका अर्थ है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता। यह गलत है। कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ नहीं, वाई-फाई नहीं, इंटरनेट नहीं, कोई रास्ता नहीं है। फैक्टरी-प्रोग्राम किए गए नियंत्रक जिन्हें फिर से प्रोग्राम नहीं किया जा सकता। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक से डिजाइन किया और बनाया जा सकता है, जैसा कि भारत ने किया है। हमें एक ट्यूटोरियल देने में खुशी होगी, एलन।"

पीएम मोदी को धन्यवाद बोलकर शरद पवार, उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में बजा दिया चुनावी बिगुल, कहा, एक साथ मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे

 लोकसभा चुनाव के बाद अब राज्यों के विधानसभा चुनावों पर नजर है. इसी कड़ी में महाराष्ट्र में हलचल होने लगी है और महाविकास अघाड़ी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिगुल बजा दिया है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस नेता भी शामिल थे. इस दौरान उन्होंने ऐलान किया है कि एमवीए महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव साथ लड़ेगी. वहीं शरद पवार ने यह कहा कि जो छोड़कर गए उन्हें वापस नहीं लेंगे. इस दौरान कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद महाराष्ट्र में जल्द ही सरकार बदलने के आसार हैं.

असल में महाराष्ट्र में लोकसभा चुनावों में सफलता से खुश महाविकास अघाड़ी ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. इसमें कहा गया कि वे राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव भी साथ मिलकर लड़ेंगे. शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) के लिए लोकसभा चुनाव की जीत अंत नहीं, बल्कि शुरुआत है.

शरद ने कसा पीएम मोदी पर तंज

वहीं राकांपा (एसपी) के नेता शरद पवार ने कहा कि हम एमवीए के पक्ष में राजनीतिक माहौल को अनुकूल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हैं. उन्होंने तंज भरे लहजे में कहा कि जहां-जहां मोदी ने रोड शो और रैलियां की उन सभी जगहों पर महाविकास अघाड़ी की जीत हुई है. उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा चुनाव में मोदी की ज्यादा से ज्यादा सभाएं होनी चाहिए, ताकि हम बहुमत की ओर बढ़ते रहें. 

'एक रिक्शा के तीन पैर'

इस दौरान उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने खुद ही 400 का नारा दिया था. अच्छे दिनों की कहानी का क्या हुआ, मोदी की गारंटी का क्या हुआ…देवेंद्र फडणवीस ने हमें बताया कि हमारी सरकार एक रिक्शा के तीन पैरों की तरह है, केंद्र की बीजेपी सरकार का भी यही हाल है.

विधानसभा चुनाव पर है नजर

 

बता दें कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन ने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 31 सीटें जीती हैं, जबकि भाजपा गठबंधन को 17 सीटें मिली हैं. विधानसभा की 288 सीटों पर अक्टूबर में चुनाव हो सकते हैं. फिलहाल राज्य में शिवसेना शिंदे गुट, भाजपा और अजित पवार गुट की सरकार है. इसी कड़ी में एमवीए ने लोकसभा चुनाव की सफलता के बाद विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने का ऐलान किया है.

एमपी में देश के सबसे बड़े ईथेन क्रैकर प्लांट का विरोध, खुलने से पहले किसान बोले- सरकार भले हमें गोली मार दे, जमीन नहीं देंगे, अपने गले में डाल

 मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा में देश के सबसे बड़े एथेन क्रैकर प्लांट को खोलने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तरफ से कुछ दिन पहले ही स्वीकृति दी गई है. लेकिन एथेन क्रैकर प्लांट खुलने से पहले ही इसके खिलाफ विरोध भी शुरू हो गया है. किसानों ने एथेन क्रैकर प्लांट विरोध करना शुरू कर दिया है. यहीं नहीं प्लांट के विरोध में कुछ किसानों ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. इस वजह से सीमांकन के लिए पहुंचे अफसरों को बैरंग ही वापस लौटना पड़ा.

बता दें सीहोर जिले की आष्टा तहसील में लगभग 60 हजार करोड़ के निवेश से निर्मित होने वाली यह परियोजना देश की सबसे बड़ी एथेन क्रैकर परियोजना होगी. इस परियोजना में ग्रीन फील्ड पेट्रोकेमिकल परिसर भी प्रस्तावित है. इसके अंतर्गत एलएलडीपीई, एचडीपीई, एमईजी और प्रोपेलीन जैसे पेट्रोकेमिकल्स का उत्पादन होगा. 

इस परियोजना से निर्माण अवधि के दौरान 15000 व्यक्तियों तथा संचालन अवधि के दौरान लगभग 5600 व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा. परियोजना में 70 हेक्टेयर की टाउनशिप भी प्रस्तावित है. परियोजना का भूमिपूजन आगामी फरवरी माह तक तथा वाणिज्यिक उत्पादन वित्त वर्ष 2030-31 में प्रारंभ होने की संभावना है. इस प्लांट को लेकर सरकार द्वारा स्वीकृति दी है, लेकिन प्लांट को लेकर आष्टा विधानसभा क्षेत्र में विरोध जताया जा रहा है. किसानों का कहना है कि मर जाएंगे, लेकिन प्लांट के लिए अपनी जमीन नहीं देंगे.

प्लांट के सीमांकन के लिए मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारियों की टीम पहुंची. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की टीम को देखकर किसान बिफर गए. किसानों ने पेड़ पर रस्सी बांधी और फांसी लगाने का प्रयास किया, इस दौरान कुछ महिलाएं भी खुदकुशी करने की कोशिश कर रही थी. इस दौरान एक किसान ने तो अपने गले में फंदा भी डाल लिया था. सीमांकन का विरोध जता रहे किसानों का कहना है कि हम जान देंगे, लेकिन प्लांट के लिए जमीन नहीं देंगे. 

किसानों का कहना है कि यह हमारे पुरखों की जमीन है. यही जमीन हमारे परिवार के लालन पालन का साधन भी है. कुछ भी हो जाएं हम जमीन नहीं देंगे. किसानों का कहना है कि प्लांट के लिए सरकार बंजर जमीन देखें, ना की उपजाऊ. किसानों के बढ़ते विरोध के बाद प्रशासनिक अमला व पुलिस भी मौके पर पहुंची. इस दौरान एसडीएम स्वाति उपाध्याय ने किसानों से चर्चा में बताया कि किसानों की बगैर अनुमति के सीमांकन नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि निजी जमीन का सीमांकन नहीं करेंगे.

आतंकी और दहशतगर्दों की अब नहीं खैर, अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त, अमित शाह ने की हाई लेवल बैठक


डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू- कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के चलते दिल्ली में हाई लेवल बैठक की। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में गृह मंत्री ने घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज करने के लिए सुरक्षाबलों और सैन्य अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। इसी महीने की 29 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ तीर्थयात्रा की तैयारियों और श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था का भी अमित शाह ने पूरा जायजा लिया। 

सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री को जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालात के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। आने वाले दिनों में सुरक्षाबल वहां आतंकवाद रोधी अभियान तेज कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ अभियान प्रधानमंत्री के निर्देशानुसार चलाया जाएगा।

बैठक में अजीत डोभाल और उपराज्यपाल समेत ये लोग रहे मौजूद

इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी शामिल हुए। इसके साथ ही इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका, सीआरपीएफ के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह, जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक आरआर स्वैन और अन्य शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सेना के चीफ, वाईस चीफ, सेना के 15 और 16 कोर कमांडर भी बैठक में मौजूद रहे।

सूत्रों ने बताया कि पिछले शुक्रवार को हुई एक बैठक में शाह को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति, अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर सुरक्षाबलों की तैनाती, घुसपैठ की कोशिशों, आतंकवाद रोधी अभियानों की स्थिति और केंद्र शासित प्रदेश में सक्रिय आतंकवादियों के बारे में जानकारी दी गई थी। 

बॉर्डर पर निगरानी और घुसपैठियों पर कड़ी कार्रवाई

बता दें कि पिछले सप्ताह आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में एक बस पर हमला कर दिया था। इस आतंकी हमले में 10 लोगों की जान चली गई थी। रियासी के साथ ही आतंकियों ने कठुआ और डोडा जिले के अलग-अलग चार स्थानों पर भी हमले किए थे।

अमरनाथ यात्रा में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के निर्देश

कठुआ जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में दो संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी भी मारे गए थे। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किया गया था। इस बीच जून के अंत में अमरनाथ तीर्थ यात्रा भी शुरू हो रही है। अमरनाथ तीर्थ यात्रा 29 जून से शुरू होकर और 19 अगस्त तक चलेगी। इसको लेकर आज की बैठक में सुरक्षा व्यवस्था में कड़े बंदोबस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।

AI से हैक हो सकती है EVM, एलन मस्क ने कहा- ईवीएम का इस्तेमाल बंद हो, पेपर बैलेट पर...

टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है और इसलिए इनका इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। मस्क की यह टिप्पणी अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार रॉबर्ट एफ. कैनेडी Jr. के एक पोस्ट के जवाब में आई है। 

कैनेडी Jr. ने X पर पोस्ट करते हुए प्यूर्टो रिको में हुए प्राथमिक चुनावों में ईवीएम से जुड़ी अनियमितताओं का हवाला दिया था। कैनेडी Jr. ने लिखा था, "एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक, प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों में ईवीएम से जुड़ी सैकड़ों मतदान अनियमितताएं देखी गईं। हालांकि वहां एक पेपर ट्रेल था, जिसके जरिए समस्या का पता लगाया गया और वोटों की गिनती को सही किया गया। अमेरिकी नागरिकों को यह जानने की जरूरत है कि उनके हर वोट की गिनती हुई है और उनके चुनावों को हैक नहीं किया जा सकता। हमें चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक हस्तक्षेप से बचने के लिए पेपर बैलेट पर वापस लौटने की जरूरत है। इससे हम ईमानदार और निष्पक्ष चुनावों की गारंटी दे सकेंगे।"

मस्क ने कैनेडी Jr. के पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, "हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। इनमें मनुष्यों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम है। भले ही जोखिम कम हो, लेकिन यह फिर भी बहुत ज्यादा है।" गौरतलब है कि ईवीएम का इस्तेमाल कुल 31 देशों में किया जाता है। इनमें से केवल 4 देशों में ही पूरे देश के चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल होता है। 

11 देशों में इसका इस्तेमाल कुछ ही चुनावों में किया जाता है। वहीं, जर्मनी, नीदरलैंड और पुर्तगाल जैसे 3 देशों ने ईवीएम का इस्तेमाल बंद कर दिया है। 11 अन्य देशों ने इसे प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल किया था, लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया। भारत में भी ईवीएम का इस्तेमाल होता है। 2001 में लोकसभा चुनावों में पहली बार ईवीएम का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया गया था। मस्क के बयान के बाद ईवीएम को लेकर बहस तेज हो गई है। कुछ लोग मस्क की बातों से सहमत हैं, जबकि कुछ का मानना है कि ईवीएम सुरक्षित हैं और इनमें हेरफेर करना मुश्किल है।

ट्रेनों में वेटिंग की समस्या से मिलेगी निजात, जानिए, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कर दिया ये बड़ा ऐलान

त्योहारों, गर्मियों की छुट्टियों और शादी-ब्याह के सीजन में ट्रेन टिकट को लेकर परेशान होना अब पुरानी बात हो जाएगी। भारतीय रेलवे ने वेटिंग टिकट की समस्या से निजात दिलाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को घोषणा की कि आगामी 2 महीने के भीतर देश में 'वंदे भारत स्लीपर' ट्रेन सेट पटरियों पर दौड़ने लगेंगे।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें यात्रियों को आरामदायक और सुविधाजनक यात्रा प्रदान करेंगी। इन ट्रेनों में एसी 3-टियर, एसी 2-टियर और एसी 1-टियर सहित तीन श्रेणियों के कोच होंगे। ट्रेनों में अत्याधुनिक सुविधाएं जैसे कि ऑटोमैटिक डोर, एलईडी लाइटिंग, वाई-फाई, सीसीटीवी कैमरे और बायो-वैक्यूम टॉयलेट होंगे। वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें भारतीय रेलवे की गतिशीलता और आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इन ट्रेनों के आने से यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव मिलेगा और ट्रेनों में भीड़भाड़ की समस्या भी कम होगी।

यह घोषणा भारतीय रेल यात्रियों के लिए एक खुशखबरी है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इन ट्रेनों का किराया राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए के बराबर होगा। पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर चलाई जाएगी। इतना ही नहीं सरकार की योजना अगले पांच साल में लगभग 400 वन्दे भारत ट्रेन ट्रैक पर लाने की योजना है। 

वंदे भारत ट्रेन में इंजन अलग से नहीं होता है, बल्कि ये ट्रेन सेट का ही हिस्सा होता है। रेलवे के पटरी के प्वाइंट से 1,29,000 किलोमीटर का ट्रैक है। रेलवे का सबसे अधिक विकास तमिलनाडु में हो रहा है। तमिलनाडु को 6,321 करोड़ रुपए की रेलवे परियोजनाएं मिली हैं। पिछले दस सालों में हजारों किलोमीटर नई लाइन बिछी हैं। देश में हर दिन करीब 14.5 किलोमीटर रेल की पटरी बन रही है।

इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा की बड़ी जीत, कांग्रेस नेताओं के दावे निकले झूठे, सोशल मीडिया से सभी वीडियो हटाने का दिया आदेश

मानहानि के एक मामले में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा की बड़ी जीत हुई है। कांग्रेस की नेता रागिनी नायक द्वारा अपशब्द बोलने का झूठा आरोप लगाए जाने के बाद रजत शर्मा ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था। कांग्रेस नेताओं ने बकायदा यह झूठा आरोप लगाते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में सख्त आदेश देते हुए कांग्रेस नेताओं के आरोप को झूठा बताया। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया कि एक हफ्ते के अंदर सोशल मीडिया से कांग्रेस के ऐसे सभी झूठे वीडियो हटाए जाएं।

बता दें कि रागिनी नायक द्वारा अपशब्द बोलने का झूठा आरोप लगाए जाने के बाद रजत शर्मा ने शुक्रवार को दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दायर करके कांग्रेस नेताओं रागिनी नायक, जयराम रमेश और पवन खेड़ा के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा किया था। कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए शनिवार को आदेश दिया कि कांग्रेस को इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो भी हटाने होंगे। इसके साथ ही पवन खेड़ा और जयराम रमेश को अपने ट्वीट भी हटाने होंगे। 

‘सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं’

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि कांग्रेस के नेताओं ने मनगढ़ंत तरीके से सनसनी फैलाई है और उनके झूठे आरोप वाले सभी वीडियो एक हफ्ते के अंदर हटा लिए जाएं। कोर्ट के आदेश के बाद रजत शर्मा ने X पर लिखा, ‘सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं’। बता दें कि रागिनी नायक ने लाइव शो के 6 दिन बाद ट्वीट करके रजत शर्मा पर गाली देने का झूठा आरोप लगाया था और कांग्रेस नेताओं ने बकायदा इस घिनौने आरोप को मुद्दा बना लिया था। हालांकि कोर्ट ने कांग्रेस को अब सख्त आदेश देते हुए ऐसे सभी झूठे वीडियो को हटाने का आदेश दिया है।