चैत्र नवरात्रि मेला को सकुशल एवं निर्बाध रुप से सम्पन्न कराये के लिए दिशा निर्देश जारी

मीरजापुर। मां विन्ध्यवासिनी देवी के धाम विन्ध्याचल, कालीखोह व अष्टभुजा धाम विन्ध्याचल क्षेत्र में आज रात्रि से प्रारम्भ होने वाले चैत्र नवरात्र को सकुशल सम्पन्न कराने मण्डलायुक्त विन्ध्याचल मण्डल डॉ0 मुथुकुमार स्वामी बी0, व उप पुलिस महानिरीक्षक आर0पी0सिंह0, जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन एवं पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन ने थाना कोतवाली कटरा क्षेत्रान्तर्गत स्थित सैमफोर्ड पब्लिक स्कूल, मीरजापुर में जनपद एवं वाह्य जनपदों से आने वाले प्रशासननिक अधिकारियों, जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेटो व पुलिसकर्मियों की बैठक कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया।

मण्डलायुक्त ने सभी सम्बोधित करते हुये कहा कि विन्ध्याचल कारीडोर बनने के पश्चात श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है, विन्ध्याचल धाम की महिमा देश व प्रदेश में काफी महत्वा के रूप में जाना जाता है अतएव जो भी मेला में प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी की ड्यूटी लगायी गयी है वे इसे ड्यूटी न मानकर सेवा भाव की तरह से श्रद्धालुओं की सेवा करें ताकि दूर दराज से आने वाले श्रद्धालु मां का दर्शन खुशी मन से अपने ज्ञतव्य पर जायें। मेला लगें सभी कार्मिको से कहा कि सभी लोग प्रमुखता: मुख्य चिकित्साधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका, जिला पंचायत राज अधिकारी, सभी सेक्टर व जोनल मजिस्ट्रेट, एम्बुलेंस व फायर ब्रिगेड के अधिकारियों के नम्बर अपने पास रखे ताकि किसी भी परिस्थिति में उन्हे दूरभाष पर किसी घटना होने पर तत्काल अवगत कराया जा सकें। उन्होेने कहा कि एन0डी0आर0एफ0, जल पुलिस मेला घाटो पर सर्तक दृष्टि रखें।

उप पुलिस महानिरीक्षक ने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि जो श्रद्धालु दर्शन करने आते है उनके साथ किसी प्रकार का दुव्यर्वहार न किया जाए उन्हे हर सम्भव मद्द व सहायता पहुंचाया जाए। प्रत्येक प्वाइंट पर चेकिंग आवश्यक है परन्तु महिला दर्शनार्थियो को महिला पुलिस के द्वारा ही जांच व चेकिंग की जाए। घाट, रेलवे स्टेशन, आदि पर भी सर्तकता बरती जाए।जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने कहा कि मेला क्षेत्र में सभी अधिकारी अपने दायित्वों का निर्हवन करे। पुलिस अधिकारी के अलावा मेला क्षेत्र में लगाये गये अधिकारी कर्मचारी मोबाइल पर वीडियों न देखकर अपने क्षेत्र में भ्रमणशील रहे जहां कही भी पेयजल सफाई प्रकाश व्यवस्था व अन्य कमियां पायी जाए सम्बन्धित अधिकारी को तत्काल अवगत कराया ताकि समय रहते कमियांपूर्ण करायी जा सके।

अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 शिव प्रताप शुक्ल ने मेला ड्यूटी से सम्बन्धित सभी को अपने दायित्यों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। सम्पूर्ण मेला व्यवस्था के नोडल अधिकारी अपर पुलिस अधीक्षक नगर नितेश सिंह को बनाया गया है। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र को 03 सुपर जोन, 10 जोन एवं 21 सेक्टर जोन में विभाजित किया गया है, प्रत्येक सुपर जोन, जोन व सेक्टर के प्रभारी अधिकारी क्रमश: अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक व निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारी बनायें गए है। चैत्र नवरात्रि मेला विन्ध्याचल-2024 ड्यूटी में लगे पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी/कर्मचारीगण की ब्रीफिंग के दौरान निर्देशित किया गया कि ड्यूटी में लगे सभी अधिकारी/कर्मचारीगण मां विन्ध्यवासिनी, अष्टभुजा व काली खोह का दर्शन पूजन करने आने वाले श्रद्धालुजन/दर्शनार्थियो को सुगम एवं सुरक्षित ढ़ंग से दर्शन-पूजन कराना सुनिश्चित करेंगें तथा गर्भ गृह में प्रवेश पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा, ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी साफ-सुथरी वर्दी धारण करेंगें तथा अनुशासित रहकर विन्ध्याचल मेला में आने वाले श्रद्धालुजन/दर्शनार्थियों से विनम्रता पूर्ण व्यवहार करते हुए अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का पूर्ण मनोयोग एवं निष्ठा के साथ निर्वहन करेंगें। किसी बालक!पुरुष/महिला के मेले में गुम हो जाने अथवा परिवारीजन से बिछड़ जाने पर उसे खोया पाया केन्द्र/पुलिस सहायता केन्द्र तक पहुँचाकर सहयोग करें। दर्शनार्थियों के साथ अत्यन्त विनम्रता तथा आदर का व्यवहार करें।

मेला क्षेत्र में वाहन पार्किंग हेतु बनाये गये पार्किंग स्थलों द्वारा रेट सूची के अनुसार पार्किंग शुल्क लिये जाने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित किया गया। किसी भी व्यक्ति के बीमार/बेहोश अथवा अस्वस्थ होने पर चिकित्सकीय व्यवस्था उपलब्ध करायें जाने हेतु मेला कन्ट्रोल को तत्काल सूचित करें। ड्यूटीरत् पुलिसकर्मी अपने साथ ड्यूटी कार्ड अवश्य रखे तथा निष्ठा एवं कुशलता से ड्यूटी पर सतर्क रहें। अपनी ड्यूटी को जोनल/सेक्टर/ड्यूटी प्रभारी अधिकारी से अच्छी प्रकार समझ लें तथा इयूटी के दौरान उपस्थिति अवश्य दर्ज कराये जाने हेतु बताया गया तत्पश्चात ड्यूटी में लगे सभी अधिकारी एवं कर्मचारीगण को चैत्र नवरात्र मेला विन्ध्याचल-2024 को सकुशल एवं शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने की शपथ दिलाई गयी। मेला को सकुशल सम्पन्न करायें जाने हेतु तथा मेले में आने वाली बालिकाओं/महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए महिला पुलिस अधिकारी/कर्मचारीगण की सादे तथा वर्दी में विभिन्न प्रकार की ड्यूटियां लगायी गयी हैं। चैत्र नवरात्र मेला को निर्बाध एवं शांतिपूर्ण ढ़ंग से सम्पन्न कराये जाने हेतु अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, निरीक्षक, उप-निरीक्षक, पुरूष/महिला मुख्य आरक्षी व आरक्षी स्तर के पुलिस अधिकारी/कर्मचारीगण की विभिन्न प्वाइंटो पर भारी संख्या में ड्यूटी लगायी गयी हैं तथा उक्त के अतिरिक्त यातायात पुलिस, फायर मैन, पीएसी(फ्लड कंपनी), एसडीआरएफ, गुण्डा दमन दल, एन्टी चैन स्नैचर स्क्वाड, फायर टेन्डर, क्रेन, एचएचएमडीध्डीएफएमडी, सीसीटीवी व ड्रोन कैमरा तथा पर्याप्त संख्या में होमगाड/पीआरडी व पीएसी बल का डिप्लायमेंट किया गया है। ब्रीफिंग के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक नगर, अपर जिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी नगर, नगर मजिस्ट्रेट सहित जनपदीय व वाह्य जनपदीय पुलिस व प्रशासनिक सहित अन्य विभागों के अधिकारीध्कर्मचारीगण मौजूद रहे।

ई- स्टाम्प का प्रयोग अनिवार्य

मीरजापुर। मुख्य कोषाधिकारी अर्चना त्रिपाठी ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया है कि जिलाधिकारी द्वारा सहायक आयुक्त स्टाम्प एवं समस्त उपनिबन्धक जनपद मीरजापुर को कोषागार मीरजापुर में उपलब्ध स्टाम्पो का जिन दस्तावेजो में रु0 25000 तक के स्टाम्प लग रहे है उनमे अनिवार्य रुप से तथा जिन दस्तावेजो में रु0 25000 से अधिक के स्टाम्प लग रहे है उनमे यथासंभव रु0 25000 मूल्य तक का स्टाम्प कोषागार मीरजापुर मे उपलब्ध गैर- न्यायिक भौतिक स्टाम्पो का प्रयोग किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।

एतमादपुर गांव के किसान का करीब चार बीघा गेंहूं खेत मे हाइटेंशन तार से गिरी चिंगारी से जलकर राख

नवाबगंज (गोंडा) ।थाना क्षेत्र के उमारिया गांव के एतमादपुर गांव के किसान का करीब चार बीघा गेंहूं खेत मे हाइटेंशन तार से गिरी चिंगारी से जलकर राख। प्रधान प्रतिनिधि अभिषेक सिंह ने कहा कि लेखपाल को घटना की सूचना दी गई है, किसान को जल्द राहत दिलाई जाएगी।

मिली जानकारी अनुसार थाना क्षेत्र के उमारिया गांव के राजस्व गांव एतमादपुर मे सोमवार को हाईटेंसन तार से निकली चिंगारी के चपेट मे आने से गांव के किसान सुरेन्द्र श्रीवास्तव व केशरी नंदन श्रीवास्तव का गेंहू का खेत चपेट मे आने से करीब चार बीघा गेंहू की खडी फसल जलकर राख हो गया। इस घटना की सूचना पाकर आसपास के लोगों ने किसी तरह आग पर काबू पाया।

इस घटना के बाबत प्रधान प्रतिनिधि अभिषेक सिंह ने कहा कि घटना की सूचना हल्का लेखपाल को दिया गया है तथा पीडित किसानो को हरसंभव मदद कराया जाएगा।

हद है : सांठ-गांठ कर वन विभाग की जमीन पर लगे सैकड़ों पेड़ों को जमीदोज कर बनाई गई सड़क

अनपरा, सोनभद्र। पिपरी वन क्षेत्र अंतर्गत वेलवादाह एवं कुलडोमरी ग्राम पंचायत स्थिति राख बांध से राख ट्रांसपोर्टिंग के लिए वन विभाग, राजस्व एवं खनन विभाग के बिना एनओसी के कुछ कास्तकारो से सांठ-गांठ कर एक निजी कम्पनी के अधिकारी कर्मचारियों ने नियमों को ताक पर रखकर सैकड़ों पेड़ों को पोकलेन मशीन लगाकर जमींदोज कर मिट्टी के नीचे दबाकर सड़क बना दिया गया है। जिसका खुलासा होते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

रविवार को राजस्व विभाग व वन विभाग की सयुक्त जांच में जंगल को नुकसान पहुंचाने वाली जमीन वन विभाग की निकली। बताते चले कि एमईआईएल कम्पनी से बेलवादाह राख बांध से राख ट्रांसपोर्टिंग का पांच साल के लिए यूनाइटेड मेगा मुवर्स कम्पनी को कार्य आवंटित हुआ है। जिसका सब कांटरेक्टर सांई सूर्या प्रोफेशनल सर्विस है जिसने नियमों को ताक पर रखकर बिना वन विभाग की अनुमति के बेलवादाह जहां वन विभाग की लगभग 30 बीघा से अधिक जमीन है उसे काटकर सैकड़ों पेड़ों को जमींदोज कर सड़क बना डाला जिससे भारी मात्रा में वन वनस्पति को नुकसान पहुंचा है। जिसका खुलासा रविवार को राजस्व विभाग की टीम द्वारा किये गए जांच में हुआ है। यूनाइटेड मेगा मुवर्स कम्पनी पूर्व में बने सड़क से ट्रांसपोर्टिंग ना करके कई किलोमीटर बचाने के चक्कर मे यूपी सरकार के जीरो टॉलरेंस की धज्जियां उड़ाते हुये नियमों को ताक पर रखकर आबादी के बीच से होते हुए कच्ची अस्थाई सड़क बिना सम्बंधित विभागों के अनुमति से बना डाला है। जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

कानूनगो सुरेश पाण्डेय ने बताया कि राख बांध से सटे वन विभाग की लगभग 30 बीघा जमीन है जिसके बाद कस्तकारों की जमीन है। बिना वन विभाग के अनुमति के सड़क नहीं बनाई जा सकती है। पिपरी के रेंजर राघवेंद्र कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट आते ही संबंधितों पर वन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जायेगा। इस अवसर पर वन विभाग के दरोगा संजीव कुमार, छोटेलाल, कुलडोमरी की लेखपाल वर्षा वर्मा, बेलवादाह की लेखपाल अंजना पटेल, मुर्धवा के लेखपाल विशाल सहित दर्जनों ग्रामीण व कम्पनी के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।

नकली चाइना फोन को असली बताकर बेचने वाले दो अन्तर्राज्यीय अभियुक्त गिरफ्तार

सोनभद्र। एसओजी, सर्विलांस व थाना रॉबर्ट्सगंज पुलिस द्वारा नकली चाइना मेड फोन को असली बताकर बेचने वाले दो नफर अन्तर्राज्यीय अभियुक्त को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 52 अदद मोबाइल फोन, कूटरचित मोबाइल की रसीद, बार कोड, नकली मोहर व एक अदद मोटर साइकिल बरामद कर गिरोह का भण्डाफोड़ किया गया है।

जानकारी के अनुसार चन्द्रभान सिंह पुत्र भुल्लन यादव द्वारा थाना रॉबर्ट्सगंज पर सूचना दी गयी कि थी कि 20 फरवरी 2024 को दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अपने बच्चे की तबियत खराब बताते हुए डठए ढछवर कम्पनी का मल्टी मीडिया एण्ड्रायड स्मार्ट फोन 9 हजार रुपये में उनको बेचा गया था। बेचते समय उन लोगों द्वारा मोबाइल का बिल भी दिया गया था। जब इनके द्वारा उक्त मोबाइल फोन में सिम लगाया गया तो फोन आया कि आप द्वारा जो मोबाइल फोन खरीदा गया है वह गड़बड़ है तथा जिसका यह मोबाइल है उसके साथ घटना हो गयी है। जिससे इनको संदेह हुआ कि फर्जी बिल देकर गलत मोबाइल फोन बेचा गया है।

सूचना पर थाना रॉबर्ट्सगंज पर भादवि का अभियोग पंजीकृत किया गया। घटना के सफल अनावरण हेतु पुलिस अधीक्षक सोनभद्र डॉ यशवीर सिंह द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) कालू सिंह निर्देशन व क्षेत्राधिकारी नगर राहुल पाण्डेय के निकट पर्यवेक्षण में एसओजी, सर्विलांस, थाना रॉबर्ट्सगंज की संयुक्त टीम का गठन किया गया। इस टीम द्वारा सूचना संजाल तैयार कर प्राप्त आसूचना के आधार पर 7 अप्रैल 2024 को मधुपुर चन्द्रगुप्त मौर्य इण्टर कॉलेज के पास से घटना में संलिप्त दो नफर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया तथा उनके कब्जे से 52 अदद मोबाइल फोन, कूटरचित मोबाइल की रसीद, बार कोड, नकली मोहर व एक अदद मोटर साइकिल बरामद कर घटना का सफल अनावरण किया गया।

पूछताछ करने पर अभियुक्तगण द्वारा बताया कि उनके पास से बरामद मोबाइल फोन चाइनिज हैं जिसे वे अपने गांव के ही अभिषेक चौहान से तीन से चार हजार रुपये प्रति पीस के हिसाब से खरीदते हैं तथा मीरजापुर, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती, चन्दौली, सोनभद्र तथा आस-पास के जिलों में भोले भाले लोगों को अपने बच्चों की बिमारी या पैसे की किल्लत बताकर फर्जी बिल दिखाकर 9 से 10 हजार की कीमत में बेच देते हैं। यही हमारा व्यापार है।

शादी के बाद से ही मायके में रह रही थी पत्नी, बार-बार बुला रहा था पति, जब नहीं बनी बात तो चाकू से कर दिया वार

सोनभद्र। जिले के ओबरा थाना क्षेत्र में एक पति ने अपनी पत्नी के गर्दन पर चाकू से हमला बोलते हुए उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया है। पति द्वारा चाकू से हमला करने से चाकू पत्नी के गर्दन में ही फंस गया। पत्नी के शोर मचाने के बाद परिजनों द्वारा उसे ओबरा के परियोजना अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने गर्दन से चाकू निकालकर पीड़िता का इलाज शुरू किया। अस्पताल कर्मियों द्वारा इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने पीड़िता के परिजनों की तहरीर पर गंभीर धाराओं में पति पर मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्यवाही में जुट गईं है। जानकारी के अनुसार ओबरा थाना क्षेत्र के गजराज नगर निवासी हनी विश्वकर्मा 23 वर्ष ने सोनू जायसवाल पुत्र स्व. रामचंद्र जायसवाल 24 वर्ष निवासी गुरमुरा डाला चौकी से लगभग तीन वर्ष पूर्व कोर्ट में लव मैरिज किया था। शादी के बाद से ही पीड़िता हनी विश्वकर्मा अपने मायके में ही रह रही थी और अपने ससुराल नहीं जा रही थी। जिससे पति सोनू जायसवाल परेशान रहता था। बकाया जा रहा है कि आज सुबह रोज की भांती हनी घर से टहलने निकली थीं तभी उसका पति सोनू जायसवाल आ गया और उसे फोन कर घर पर बुलाकर जब तक वह कुछ समझबुझ पाती कि अचानक चाकू से हमला बोल दिया। चाकू के हमले से पीड़िता के गर्दन में ही चाकू फंस गया जिससे वह तड़प उठी थी ।

पीड़िता के शोर मचाने पर पति हुआ फरार

पति के चाकू से वार करने पर घायल पीड़िता के शोर मचाने पर पति मौके से फरार हो गया। वहीं पीड़िता के परिजनों द्वारा लहूलुहान अवस्था में उसे ओबरा परियोजना अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने घायल के गर्दन में फंसे हुए चाकू को बाहर निकाल कर उसका इलाज शुरू किया है। सुचना पर पहुंचीं पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्यवाही में जुट गईं है।

दामाद बार-बार दे रहा था धमकी

इस मामले में पीड़िता की मां का कहना है कि उनकी बेटी हनी रा तीन वर्ष पूर्व डाला चौकी क्षेत्र निवासी सोनू जायसवाल से कोर्ट मैरेज विवाह हुआ था। शादी के बाद से ही लड़की अपने मायके में रह रही थी। इधर तीन चार दिनों से दामाद सोनू द्वारा बेटी को मारने की धमकी दे रहा था। आज सुबह सोनू घर पर आकर मेरी बेटी को बुलाया और चाकू से हमला कर दिया, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गई।

जल के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते : सुशील कुमार पांडेय

मीरजापुर। जिला विज्ञान क्लब द्वारा 8 अप्रैल को जल अच्छे स्वास्थ्य का द्योतक है, जल ही जीवन है विषय पर आॅन लाइन गोष्ठी आयोजित की गई।जिसमें 157 बाल वैज्ञानिकों एवं विज्ञान संचारको ने प्रतिभागिता की। विषय विशेषज्ञ के रूप में जिला समन्वयक सुशील कुमार पांडेय, डॉक्टर एसी मिश्र, डॉक्टर पंकज सिंह, डॉक्टर सुभाष सिन्हा, डॉक्टर रश्मि ने अपने विचार व्यक्त किए। जिला विज्ञान क्लब समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि जल के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है और बिना पानी के इस धरती पर कोई रह भी नहीं सकता है। जीवों में संचालित सभी प्रकार की महत्वपूर्ण जैविक क्रियाएं जल की उपस्थिति में ही संचालित होती है। जल को प्रकृति का संचालक भी कहा जाता है। यह हमारे भोजन का मुख्य भाग है। एक औसत व्यक्ति तीन दिन से ज्यादा प्यासा नही रह सकता है। हमारा भोजन जल में ही पकाया जाता है। एक व्यक्ति प्रति दिन लगभग 2.5 लीटर जल पीता है जिसकी मात्रा गर्मी में बढ़ जाती है। मनुष्य को पेय जल की मात्रा शारीरिक क्रिया कलापों पर निर्भर करती है।

अधिक श्रम करने वाले व्यक्ति को अधिक जल पीने की आवश्यकता पड़ती है।सामान्यता एक गिलास जल (200 मिली) से 200 कैलोरी ऊर्जा प्रदान होती है। डॉक्टर एसी मिश्र ने बताया कि जल अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है। जल शुद्ध होगा तो स्वास्थ्य भी उत्तम होगा। इसलिए यह जानना आवश्यक है कि हम जो जल पी रहे है क्या वह शुद्ध है और पीने लायक है। दुनिया की एक बड़ी आबादी को आज भी स्वच्छ जल नही मिल पा रहा है जो जल हम तक पहुंच रहा है वह भी संक्रमित है और जल जन्य बीमारियों के किटाणुओ से युक्त है। इसके कारण दस्त, चर्मरोग, हेपेटाइटिस, कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ रही है।

डॉक्टर पंकज सिंह ने कहा कि जल हमारे शरीर के लिए पोषक पदार्थ है और ऊर्जा प्रदान करता है।यह हमारे शरीर के जोड़ों एवम सभी अंतरंग भागो के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जल की पर्याप्त मात्रा शरीर के व्यर्थ एवं विषैले पदार्थ को बाहर निकालने में सहायक है। भोजन के पूर्व अधिक जल पीना लाभदायक नहीं होता है। अजीर्ण, मिचली, पेट दर्द और उल्टी जैसे लक्षणों में भोजन न करके केवल जल का सेवन औषधि का कार्य करती है।भोजन के लगभग 3 घंटे बाद सेवन किया हुआ जल पाचन में बाधा उत्पन्न न करने के कारण बलदायक होता है। भोजन के बीच में घूट घूट सेवन किया हुआ जल रुचि उत्पन्न करने के कारण अमृत के समान होता है और भोजन करके तुरंत सेवन किया हुआ जल पाचक रसो को पतला करके पाचन तंत्र में भोजन को जल्दी आगे बढ़ाने के कारण विष सम अहितकर होता है।

डॉक्टर रश्मि ने कहा कि गर्भवती एवं दुग्धपान कराने वाली महिलाओं के लिए जल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।गर्भावस्था की अवधि में शिशु विकास के अलग अलग चरणों में जल की विभिन्न मात्राओं की आवश्यकता पड़ती है। यह उन्हे ऊर्जा प्रदान करने के साथ साथ कब्ज,रक्तस्राव, इलेक्ट्रोलाइट, असंतुलन और गर्भ क्षति रोकने में मदद करती है। डॉक्टर सुभाष सिन्हा ने कहा कि जल की कमी हमारे शरीर में चक्कर आना, थकान और कमजोरी महसूस होने जैसे लक्षण पैदा करते है। यदि शरीर में 2 प्रतिशत जल की कमी हो जाए तो प्यास लगती है भूख लगती है, त्वचा शुष्क हो जाती है, मुंह सूखने लगता है, ठंड लगती है और मूत्र का पीलापन बढ़ जाता है। यदि शरीर में 5 प्रतिशत जल की कमी होने पर हृदय की धड़कन बढ़ जाती है, मल मूत्र त्याग में परेशानी होती है, मशपेशियो में जकड़न हो जाती है, थकान बढ़ जाती है, मिचली और सिरदर्द जैसे लक्षण उत्पन्न होते है। यदि शरीर में 10 प्रतिशत तक की कमी हो जाए तो तत्काल चिकित्सकीय सुविधा प्राप्त करनी चाहिए। ऐसे में चक्कर आना, मशपेशियों में अकड़न, उल्टी, नाडी तेज चलना, शरीर का सिकुड़ना, धुंधला दिखाई देना,सांस लेने में परेशानी, स्मृति दोष, सीने में दर्द जैसे लक्षण उत्पन्न होते है। गोष्ठी के समापन सत्र में जिला समन्वयक ने सभी से अनुरोध किया कि आप सभी जल बचाए और संरक्षित भी करे। जिससे पानी की प्रचुरता बनी रहे और अगली पीढ़ी को स्वच्छ पानी मिले।

जल के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते : सुशील कुमार पांडेय

मीरजापुर। जिला विज्ञान क्लब द्वारा 8 अप्रैल को जल अच्छे स्वास्थ्य का द्योतक है, जल ही जीवन है विषय पर आॅन लाइन गोष्ठी आयोजित की गई।जिसमें 157 बाल वैज्ञानिकों एवं विज्ञान संचारको ने प्रतिभागिता की। विषय विशेषज्ञ के रूप में जिला समन्वयक सुशील कुमार पांडेय, डॉक्टर एसी मिश्र, डॉक्टर पंकज सिंह, डॉक्टर सुभाष सिन्हा, डॉक्टर रश्मि ने अपने विचार व्यक्त किए। जिला विज्ञान क्लब समन्यवक सुशील कुमार पांडेय ने कहा कि जल के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है और बिना पानी के इस धरती पर कोई रह भी नहीं सकता है। जीवों में संचालित सभी प्रकार की महत्वपूर्ण जैविक क्रियाएं जल की उपस्थिति में ही संचालित होती है। जल को प्रकृति का संचालक भी कहा जाता है। यह हमारे भोजन का मुख्य भाग है। एक औसत व्यक्ति तीन दिन से ज्यादा प्यासा नही रह सकता है। हमारा भोजन जल में ही पकाया जाता है। एक व्यक्ति प्रति दिन लगभग 2.5 लीटर जल पीता है जिसकी मात्रा गर्मी में बढ़ जाती है। मनुष्य को पेय जल की मात्रा शारीरिक क्रिया कलापों पर निर्भर करती है।

अधिक श्रम करने वाले व्यक्ति को अधिक जल पीने की आवश्यकता पड़ती है।सामान्यता एक गिलास जल (200 मिली) से 200 कैलोरी ऊर्जा प्रदान होती है। डॉक्टर एसी मिश्र ने बताया कि जल अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है। जल शुद्ध होगा तो स्वास्थ्य भी उत्तम होगा। इसलिए यह जानना आवश्यक है कि हम जो जल पी रहे है क्या वह शुद्ध है और पीने लायक है। दुनिया की एक बड़ी आबादी को आज भी स्वच्छ जल नही मिल पा रहा है जो जल हम तक पहुंच रहा है वह भी संक्रमित है और जल जन्य बीमारियों के किटाणुओ से युक्त है। इसके कारण दस्त, चर्मरोग, हेपेटाइटिस, कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ रही है।

डॉक्टर पंकज सिंह ने कहा कि जल हमारे शरीर के लिए पोषक पदार्थ है और ऊर्जा प्रदान करता है।यह हमारे शरीर के जोड़ों एवम सभी अंतरंग भागो के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जल की पर्याप्त मात्रा शरीर के व्यर्थ एवं विषैले पदार्थ को बाहर निकालने में सहायक है। भोजन के पूर्व अधिक जल पीना लाभदायक नहीं होता है। अजीर्ण, मिचली, पेट दर्द और उल्टी जैसे लक्षणों में भोजन न करके केवल जल का सेवन औषधि का कार्य करती है।भोजन के लगभग 3 घंटे बाद सेवन किया हुआ जल पाचन में बाधा उत्पन्न न करने के कारण बलदायक होता है। भोजन के बीच में घूट घूट सेवन किया हुआ जल रुचि उत्पन्न करने के कारण अमृत के समान होता है और भोजन करके तुरंत सेवन किया हुआ जल पाचक रसो को पतला करके पाचन तंत्र में भोजन को जल्दी आगे बढ़ाने के कारण विष सम अहितकर होता है।

डॉक्टर रश्मि ने कहा कि गर्भवती एवं दुग्धपान कराने वाली महिलाओं के लिए जल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।गर्भावस्था की अवधि में शिशु विकास के अलग अलग चरणों में जल की विभिन्न मात्राओं की आवश्यकता पड़ती है। यह उन्हे ऊर्जा प्रदान करने के साथ साथ कब्ज,रक्तस्राव, इलेक्ट्रोलाइट, असंतुलन और गर्भ क्षति रोकने में मदद करती है। डॉक्टर सुभाष सिन्हा ने कहा कि जल की कमी हमारे शरीर में चक्कर आना, थकान और कमजोरी महसूस होने जैसे लक्षण पैदा करते है। यदि शरीर में 2 प्रतिशत जल की कमी हो जाए तो प्यास लगती है भूख लगती है, त्वचा शुष्क हो जाती है, मुंह सूखने लगता है, ठंड लगती है और मूत्र का पीलापन बढ़ जाता है। यदि शरीर में 5 प्रतिशत जल की कमी होने पर हृदय की धड़कन बढ़ जाती है, मल मूत्र त्याग में परेशानी होती है, मशपेशियो में जकड़न हो जाती है, थकान बढ़ जाती है, मिचली और सिरदर्द जैसे लक्षण उत्पन्न होते है। यदि शरीर में 10 प्रतिशत तक की कमी हो जाए तो तत्काल चिकित्सकीय सुविधा प्राप्त करनी चाहिए। ऐसे में चक्कर आना, मशपेशियों में अकड़न, उल्टी, नाडी तेज चलना, शरीर का सिकुड़ना, धुंधला दिखाई देना,सांस लेने में परेशानी, स्मृति दोष, सीने में दर्द जैसे लक्षण उत्पन्न होते है। गोष्ठी के समापन सत्र में जिला समन्वयक ने सभी से अनुरोध किया कि आप सभी जल बचाए और संरक्षित भी करे। जिससे पानी की प्रचुरता बनी रहे और अगली पीढ़ी को स्वच्छ पानी मिले।

नीम हकीम की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत

ड्रमंडगंज, मीरजापुर। स्थानीय थाना क्षेत्र के राजपुर गांव में भाड़े के कमरे में बीस वर्ष से रह कर लोगों का दवा इलाज करने वाले नीम-हकीम की रविवार को दोपहर संदिग्ध परिस्थितियों में चारपाई पर मौत हो गई। काफी देर तक दरवाजा बंद देखकर ग्रामीणों को किसी अनहोनी की आशंका होने पर इसकी सूचना पुलिस को दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने नीम हकीम के कमरे का दरवाजा को तोड़वाया तो देखा कि नीम हकीम चारपाई पर मृत अवस्था में पड़ा हुआ था। पुलिस ने नीम हकीम के परिवार के लोगों को सूचना देते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है।

बताया गया कि कोतवाली चुनार निवासी 60 वर्षीय मुसीम करीब बीस वर्षों से हलिया थाना क्षेत्र के राजपुर गांव में आजाद कोल का किराए पर कमरा लेकर लोगों का दवा इलाज करते थे। शनिवार को नौ बजे रात नीम हकीम की पत्नी नजमा बेगम नीम हकीम के पास आई थी इस बीच नीम हकीम और उसकी पत्नी के बीच क्या हुआ इसकी जानकारी किसी को नहीं है। नीम हकीम अपने कमरे में दरवाजा बंद कर चारपाई पर लेट गया था। सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में नीम हकीम की चारपाई पर लाश मिली है। इसकी भी जानकारी लोगों को तब हुई जब काफी देर तक नीम हकीम के कमरें का दरवाजा बंद होने पर गांव निवासी अफजल व सोनू दवा लेने आये तो दरवाजा नहीं खुलने पर अनहोनी की आशंका पर इसकी सूचना उन्होंने थानाध्यक्ष हलिया विष्णु प्रभा सिंह को दिया।

 जिस पर थानाध्यक्ष के निर्देश पर एसआई बाली मौर्य हमराह हेड कांस्टेबल ब्रजेश राय व शैलेन्द्र गुप्ता के साथ मौके पर पहुंचकर नीम हकीम के कमरे के दरवाजा को तोड़वाया तो देखा कि नीम हकीम चारपाई पर मृत अवस्था में पड़ा हुआ था। जिस पर घटना की सूचना परिजनों को देते हुए शव के पोस्टमार्टम की कार्रवाई में जुट गई है। दूसरी ओर अफजल कि पत्नी का कहना है कि शनिवार को नौ बजे रात जब वह चुनार से राजपुर पहुंची तो मुझे कमरे पर नहीं रहने दिए। इसके बाद मैं पडोस में रात गुजारी हूं। ग्रामीणों ने बताया कि नीम हकीम की शादी नहीं हुई थी 30 वर्ष पूर्व नजमा बेगम विधवा होने के बाद दो लड़की व एक लड़के के साथ बतौर पत्नी की तरह रह रही थी मुशीम से कोई बच्चा नहीं पैदा हुआ है। 

इस संबंध में थानाध्यक्ष हलिया विष्णु प्रभा सिंह ने बताया कि राजपुर गांव में नीम हकीम की संदिग्ध परिस्थितियों में चारपाई पर कमरे में मौत होने की सूचना मिलने पर मौके पर पंंहुचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत का कारण स्पष्ट हो जायेगा।

न्यायिक मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट के मीरजापुर की जिला कार्यकारिणी घोषित

मीरजापुर। न्यायिक मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट के मीरजापुर जिला कार्यकारिणी की आवश्यक बैठक नगर के पेहटी का चौराहा स्थित श्री नागेश्वरनाथ महादेव मंदिर पर सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता न्यायिक मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट के जिला महासचिव प्रदीप यादव ने की। इस दौरान न्यायिक मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द कुमार राव साहब, राष्ट्रीय महासचिव अंकित मौर्या व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - अभय गुप्ता का जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने माला व गमछा पहनाकर स्वागत किया।

बैठक में सर्वसम्मति से न्यायिक मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविन्द कुमार ने यश अग्रहरि को माला पहनाकर उन्हें सर्वसम्मति से न्यायिक मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट के मीरजापुर का नया जिला अध्यक्ष बनाया। न्यायिक मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट की कोर कमेटी का भी गठन किया गया। सर्वसम्मति से अरविन्द कुमार, अंकित मौर्या, अभय गुप्ता, प्रथम साहू, यश, कमलेश मोदनवाल को कोर कमेटी का सदस्य बनाया गया। बैठक में न्यायिक मानवाधिकार सेवा ट्रस्ट के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष अशोक कन्नौजिया, जिला सह मीडिया प्रभारी आयुष साहू, जिला सचिव हरी बिन्द, विनीत पटेल, गोप्पल सहित पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहें।