लोकसभा चुनाव को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी शुभ्रा रानी के अध्यक्षता में हुई बैठक





सरायकेला : चांडिल अनुमंडल सभागार में बुधवार को लोकसभा चुनाव को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी शुभ्रा रानी के अध्यक्षता में बैठक की गई.

बैठक में रांची लोकसभा अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कई बिंदुओं पर चर्चा हुई.

इस दौरान सभी बूथों का निरीक्षण, पेयजल बिजली आदि सुविधा पर चर्चा की गई. इस मौके पर अनुमंडल पदाधिकारी शुभ्रा रानी ने बताया कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए सेक्टर मजिस्ट्रेट, एआरओ अनुमंडल क्षेत्र के सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, थाना प्रभारी आदि पदाधिकारी के साथ बैठक हुई.

बैठक में सभी बूथों पर पेयजल की सुविधा रहेगी. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बूथों पर सीआरपीएफ के जवान तैनात रहेंगे. सीआरपीएफ के रहने के लिए भवन उनके मापदंडों के आधार पर चयनित की जा रही है.

इस मौके पर सीडीपीओ सुनील राजवार, चांडिल बीडीओ तालेश्वर रविदास, इचागढ़ बीडीओ कीकू महतो, नीमडीह सीओ अभिषेक कुमार आदि उपस्थित थे।
छात्राओं के साथ शिक्षक द्वारा अश्लील हरकत की थाना में शिकायत दर्ज, कारवाई की मांग


सरायकेला : चांडिल प्रखंड क्षेत्र के खूंटी पंचायत अंतर्गत नव प्राथमिक विद्यालय जाहेरडीह में एक तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा तथा एक पांचवी कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा के साथ विद्यालय में कार्यरत पारा शिक्षक द्वारा अश्लील हरकत करने को लेकर दोनों छात्रा के पिता ने मंगलवार को चौका थाना में अलग अलग दो लिखित आवेदन दिया है। 

छात्राओं के दोनों पिता द्वारा थाना को दिए गए आवेदन में लिखा गया है कि विद्यालय में पदस्थापित पारा शिक्षक द्वारा उनके बेटी के साथ एक माह से अश्लील हरकत किया जा रहा है।

शिक्षक द्वारा दोनों छात्रा के साथ लगातार अश्लील हरकत करने से दोनों छात्रा विद्यालय जाने से इंकार कर रही थी। दोनों छात्रा के मां ने अपने अपने बेटी से विद्यालय नहीं जाने का कारण पूछी, तो दोनों छात्रा ने शिक्षक द्वारा अश्लील हरकतें करने की बात अपने मां को बताई। शिक्षक के द्वारा दोनों छात्रा के साथ अश्लील हरकत करने की बात उजागर हुआ। दोनों छात्रा के पिता ने चौका थाना में लिखित आवेदन देकर पारा शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।

 इस संबंध में चौका थाना प्रभारी बजरंग महतो ने कहा कि दोनों छात्रा के पिता द्वारा थाना में लिखित आवेदन दिया है। विद्यालय जाकर मामले की जांच करेंगें। दोषी पाए जाने पर कारवाई होगा।

जल्द कारवाई नही हुई तो महिला समिति करेगी जोरदार आंदोलन

इस शर्मनाक हरकत से महिलाओं के बीच आक्रोश व्याप्त है। महिला समिति के सदस्यों ने कहा कि पुलिस द्वारा अविलंब ऐसे असामाजिक व्यक्ति को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए।

 महिला समिति सदस्य ने कहा कि पुलिस अगर आरोपी को जल्द गिरफ्तार कर जेल नहीं भेजती है तो पुलिस प्रशासन के खिलाफ जोरदार आंदोलन किया जाएगा।

सिंहभूम संसदीय क्षेत्र में राष्ट्रीय मुद्दा के साथ इस बार भी स्थानीय मुद्दा होगी हावी,भाजपा के साथ जनता की नज़र गठबंधन दलों पर भी...!


चाईबासा : जनता जनार्दन को पता है लोकसभा चुनाव का बिगुल बज गया है और जनता को यह भी पता है दिल्ली दरबार में बैठने वाले जनप्रतिनिधि को चुनना है। हालांकि इस चुनाव में राजनीतिक दल राष्ट्रीय मुद्दा पर अधिक फोकस करते है। और ऐसे भी नहीं है कि लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय मुद्दा बिल्कुल ही गायब रहता है। क्षेत्रीय मुद्दा भी लोकसभा चुनाव में प्रभाव डालती है। 

अलग अलग संसदीय क्षेत्र पर निर्भर करता है। उस संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं की जातीय समीकरण पर निर्भर करता है। जैसे 2019 की लोकसभा चुनाव के समय की परिस्थिति पर एक नजर खासकर सिंहभूम संसदीय क्षेत्र की ओर देखते है तो सहज ही दिख जाएगा। 2019 की लोकसभा चुनाव में झारखंड से कांग्रेस को एक ही सीट पर जीत हासिल हुई थी। हां,सिंहभूम संसदीय सीट से कांग्रेस महागठबंधन को जीत मिली थी।

 सांसद गीता कोड़ा को कांग्रेस,झामुमो,राजद महागठबंधन के साझा उम्मीदवार के रूप में पसंद किया था। इसीलिए सिंहभूम संसदीय क्षेत्र की जनता ने अपना बहुमूल्य वोट देकर गीता कोड़ा को दिल्ली दरबार में भेजा था। जबकि उस समय स्व:लक्ष्मण गिलुआ भाजपा सांसद के साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी थे। लेकिन भाजपा सांसद स्व:लक्ष्मण गिलुआ को कांग्रेस के साझा उम्मीदवार गीता कोड़ा ने लगभग 70 हजार के बड़े अंतर से हरा दी थी। 

इसके पीछे क्षेत्रीय मुद्दा ही कारण बना था । कयोंकि यह सीट आदिवासी सुरक्षित सीट है।आदिवासियों की बहुलता वाले संसदीय क्षेत्र है। झारखंड की उस समय के मुख्यमंत्री रघुवर दास के द्वारा सीएनटी,एसपीटी एक्ट में संशोधन विधेयक को मुद्दा बनाया गया था । जिसे उस समय के राज्यपाल ने उस विधेयक को वापस कर दिया था। रघुबर दास सरकार द्वारा तैयार की गई लैंड बैंक को मुद्दा बनाया गया था । साथ ही स्थानीय नीति को मुद्दा बनाया गया था । जिसके कारण भाजपा को सिंहभूम संसदीय क्षेत्र के ग्रामीण जनता अस्वीकार कर दिया था । 

सांसद स्व: लक्ष्मण गिलुआ को करारी हार का सामना करना पड़ा था । जिस प्रकार सांसद गीता कोड़ा कांग्रेस गठबंधन से जीतने के बाद चुनाव के ठीक पहले पाला बदलते हुए भाजपा में शामिल हो गई । और भाजपा ने उसे उम्मीदवार भी घोषित कर दिया। ठीक उसी प्रकार 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले 2018 के अक्टूबर महीने में गीता कोड़ा कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही जय भारत समानता पार्टी को भी कांग्रेस मे विलय कर लिया था। 

उस समय प.सिंहभूम जिला के कांग्रेस जिला अध्यक्ष सन्नी सिंकु थे । झारखंड के उस समय के मुख्यमंत्री रघुवर दास के द्वारा जब सीएनटी एसपीटी एक्ट की कृषि भूमि को गैर कृषि भूमि में बदलने के लिए संशोधन विधेयक को विधानसभा में लाया गया था। उस विधेयक के विरोध में कांग्रेस ने प.सिंहभूम जिला के 18 प्रखंड में धरना प्रदर्शन करने के बाद संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी के द्वारा राज्यपाल को मांग पत्र सौंपा गया था। उसी तरह से जब उस समय के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गैर मजरूआ आम और ख़ास जमीन को अवैध जमाबंदी घोषित करते हुए रद्द कर दिया था। और उस सामुदायिक जमीन को लैंड बैंक में जमा कर दिया था । 

उस लैंड बैंक के विरोध में जिला कांग्रेस ने जिला के सभी बाजार हाट में नुक्कड़ सभा किया था। जिसका असर जनता पर पड़ा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साझा उम्मीदवार के रूप में गीता कोड़ा को जनता जनार्दन ने स्वीकार किया और वह निर्वाचित हुई । लेकिन अब जब कांग्रेस,झामुमो,राजद गठबंधन से जीत हासिल करने वाली गीता कोड़ा भाजपा में शामिल हो गई,और पार्टी ने उसे उम्मीदवार भी घोषित कर दिया तो ग्रामीण जनता उससे निराश है और नाराज भी। पर जनता के सामने अब तक बेहतर विकल्प नहीं होने के कारण जनता इंतजार में है। सिंहभूम संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस, झामुमो, राजद गठबंधन की ओर जनता टकटकी लगाए बैठी है। जनता जनार्दन का धैर्य भी जवाब दे जा रहा है। महागठबंधन के कई समर्थकों से तो यह भी कहते सुनाई पड़ जाता है भाजपा से सीखना चाहिए महागठबंधन को। छह माह और एक वर्ष पहले जैसे झामुमो जिला कमिटी और विधायकों की ओर से प्रत्येक विधानसभा में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करके कार्यकर्ताओं का मनोबल बहाल कर रखा था। अब तक महागठबंधन के उम्मीदवार की घोषणा नहीं होने से पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की असंतोष भी समाचार बनकर तैर रहा है। झामुमो के भीतर आपसी तकरार भी दिखाई देने लग रहा है। एक दूसरे पर बाहरी लोकसभा क्षेत्र के होने का टिका टिप्पणी तक होने लगी है। और वहीं लगभग झामुमो का उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना पर आधारित संलेख भी अखबारों में सुर्खियां बटोर रही है,और वहीं भाजपा ने सांसद गीता कोड़ा को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। और वह अपना प्रचार अभियान शुरू कर चुकी है। उनको जगह जगह जनता जनार्दन का जन समर्थन भी मिल रहा है।

कहीं कहीं अंदर ही अंदर सांसद गीता कोड़ा के द्वारा पाला बदलने के कारण जनता जनार्दन नाराज भी है। रह रहकर कुछ जागरूक शिक्षित और संवेदनशील जनता यह भी कहते सुनाई दे जाते है भाजपा के डबल इंजन की सरकार में ही मणिपुर की घटना हुई। जहां पर आदिवासी महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार हुई थी,लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी एक बार भी मणिपुर नहीं गए। मध्यप्रदेश में एक आदिवासी युवक के मूंह पर पेशाब किया गया।

 उसी तरह से अब हसदेव अरण्य बचाने के लिए आदिवासी संघर्ष कर रहे है। लेकिन महागठबंधन की ओर से अब तक उम्मीदवार घोषित नहीं होने से जनता के सामने विकल्प ही नहीं है। जानकारी के लिए सांसद गीता कोड़ा से नाराज होकर कांग्रेस का जिला अध्यक्ष पद त्याग करने वाले सन्नी सिंकु अपने सहयोगियों के साथ 01 मार्च को रांची के परिसदन में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी के साथ शिष्टाचार मुलाकात किया था। उस समय चर्चा हो रहा था कि अब सन्नी सिंकु कांग्रेस में वापस लौट सकते है।लेकिन महीना बीत गया सन्नी सिंकु के कांग्रेस में शामिल होने की कोई खबर नहीं है। जो हो सन्नी सिंकु कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहते हुए या टीएमसी में रहते हुए या झारखंड पुनरूत्थान अभियान के मुख्य संयोजक के रूप में जन मुद्दा से सरोकार तो रखते है। टीएमसी में रहते हुए उन्होंने न सिर्फ बाजार हाट में किसानों के तीन काला कानून के विरोध में नुक्कड़ सभा करते रहा,बल्कि जिला में सैकड़ों ट्रैक्टर रैली निकालकर किसानों के आवाज बनते रहे । जब जिला में विकास गलियारा परियोजना की तैयारी बैठक प्रशासन और टाटा स्टील फाउंडेशन के साथ हुई, तो सन्नी सिंकु ने जमशेदपुर के खैरबानी गांव से ओडिसा के कालिंग नगर तक आदिवासी मूलवासियों को विस्थापित करने के विरोध में 300 किलोमीटर की पदयात्रा किया था। 

उसी तरह से एनएच के नाम पर बिना ग्रामसभा से लिखित सहमति लेकर जगन्नाथपुर और चाईबासा बायपास सड़क निर्माण करने के लिए जब नोटिफिकेशन हुआ तो आदिवासी मूलवासियों के खेती करने वाली जमीन पर ही पैदल चलकर उसका विरोध किया। साथ ही झारखंड सरकार के द्वारा बनाया गया निजी कंपनियों में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को नौकरी देने के लिए भी आंदोलन करते हुए दिखाई देते रहे । इस तरह से झारखंड पुनरूत्थान अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु हमेशा जन मुद्दा पर मुखर होकर सड़कों पर आवाज बुलंद करते हुए दिखाई देते है। जबकि सांसद गीता कोड़ा और मधु कोड़ा द्वारा कांग्रेस छोड़ने के बाद सन्नी सिंकु के लिए कांग्रेस पार्टी घर वापसी की तरह हो सकता है। लेकिन वर्तमान राजनीतिक प्रतिस्पर्धा, प्रतिद्वंदिता और कूटनीति में सन्नी सिंकु कितना उपयुक्त है यह तो समय ही बताएगा। लेकिन सन्नी सिंकु का ईमानदारी छवि और जुझारू पहचान तो है। और पड़े लिखे झारखंड आंदोलनकारी भी है। जो हो पल पल में राजनीतिक समीकरण बनते बिगड़ते हुए दिखाई दे रहा है सिंहभूम संसदीय क्षेत्र में। 

जब तक कांग्रेस ,झामुमो,राजद महागठबंधन की उम्मीदवार का घोषणा नहीं हो जाता है,तब तक लाख सांसद गीता कोड़ा के विरोध में लहर हो वही सब पर भारी है। और भाजपा ने बहुत सोच समझ कर सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग करते हुए सांसद गीता कोड़ा को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग संपन्न मध्यप्रदेश, छातीसगढ़,राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भी खूब चला। इंडिया गठबंधन के साझा घोषणा पत्र भले ही सार्वजनिक नहीं हुआ हो,लेकिन कांग्रेस ने पांच न्याय और 25 गारंटी वाली घोषणापत्र तैयार कर लिया है। और भाजपा ने भी घोषणापत्र तैयार करने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अध्यक्ष मनोनीत किया है।और दिल्ली रामलीला मैदान में संपन्न हुई लोकतंत्र बचाओ महारैली में केंद्र की भाजपा सरकार पर जिस प्रकार से महागठबंधन दल के नेतागण हमलावर थे। उस लोकतंत्र बचाओ रैली में कल्पना सोरेन,सुनीता केजरीवाल की दहाड़ भी नई राजनीतिक समीकरण को दिशा दिया है।

 साथ ही आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जमानत मिल जाना भी राजनीतिक समीकरण को बिगाड़ने वाले साबित होने वाला प्रतीत होता है। जिसके कारण इस बार का लोकसभा चुनाव कुछ नया गुल खिला दें तो अचरज नहीं होगा।दिनों दिन सांसद,विधायक के द्वारा पाला बदलने का खेल दोनों ही राष्ट्रीय राजनीतिक दल में दिखाई दे रही है।

जो हो देश सहित झारखंड और सिंहभूम संसदीय क्षेत्र की जनता जनार्दन नेताओं को अपने नजरों से देख तो रही है। अब इन्हीं जनता जनार्दन को ही सभी राजनीतिक दल रिझाने के लिए साम दाम दण्ड भेद की राह अख्तियार करना है। अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता जनार्दन किसके पक्ष में मतदान करने वाले हैं।

आज करें गणेश जी की आराधना,मिलेगा लाभ


सरायकेला :- श्री गणेश की पूजा का विशेष दिन बुधवार माना गया है। इस दिन बुध ग्रह की पूजा की जाती है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थिति में हो तो बुधवार को गणेश पूजन करने से लाभ मिलता है।

प्रत्येक शुभ कार्य में सबसे पहले करते हैं याद

हिन्दू धर्म में भगवान गणेश को सर्वश्रेष्ठ स्थान दिया गया है। प्रत्येक शुभ कार्य में सबसे पहले भगवान गणेश की ही पूजा की जाती है। देवता भी कार्य करने से पहले गणेश जी की पूजा करते हैं। बुध को ग्रहों का राजकुमार माना जाता है और उनके अधिपति देवता भगवान गणेश जी हैं। बुध को बुद्धि, वाकपटुता, कला, निपुणता, विचार, चरित्र, विद्या का कारक माना गया है।

इन सभी चीजों पर अधिपत्य गणपति जी का है इसलिए उन्हें प्रसन्न करने के लिए बुधवार के दिन उनकी विशेष रूप से पूजा की जाती है । गणेश जी को विघ्नहर्ता कहते हैं और इनका शुभ दिन बुधवार माना गया हैं। बुधवार के दिन गणेशजी की उपासना से व्यक्ति का सुख-सौभाग्य बढ़ता है और सभी तरह की रुकावटे दूर होती हैं।

गणपति पूजा की सामग्री- 

पुष्प, दीप, धूप, चंदन, कपूर, मौली, रोली, कुमकुम, अक्षत, दूर्वा, पान और मोदक गणपति जी पर चढ़ाएं।

बुधवार को ऐसे करें बप्पा की पूजा –

गणेश जी के पूजन में सबसे पहले दीपक जलाएं। इसके साथ ही गणपति पर पुष्प समर्पित करते हुए चन्दन का तिलक करें। अब लड्डुओं का भोग लगाएं और गंगा जल अर्पित करें। इसके बाद गणपति का पाठ करें।

गुड़ और घी का लगाएं भोग-

बुधवार के दिन श्री गणेश की विधिवत पूजा करने के बाद गुड़ और घी का भोग लगाएं। थोड़ी देर के बाद ये भोग गाय को खिला दें। इससे व्यक्ति को विशेष फल की प्राप्ति होती है और घर में शांति बनी रहती है।

गणपति के इन अंगों के दर्शन करने से अशुभ होता है – 

शास्त्रों के अनुसार गणपति जी के इन अंगों को देखना वर्जित है। अगर किसी की गलती से इन अंगों पर नज़र चली जाती है, तो उसके साथ कुछ अशुभ हो सकता है।

पीठ– गणपति की पीठ में दरिद्रता का वास होता है इसलिए गणपति की पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए।

नाभि – गणपति की नाभि को देखने से मानसिक विकार आते हैं। यह मन को अशांत करती हैं।

कंठ – गणपति के कंठ के दर्शन से कंठ के रोग हो सकते हैं, इसलिए इनके कंठ को भी नहीं देखना चाहिए।

55 वर्षीय शेख बब्बर की हत्या,उसके पास से 55 हज़ार रुपये लूट लिए,हत्या का कारण अबैध संबंध बताया जाता है


सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के कपाली ओपी अंतर्गत गौस नगर मे आजाद नगर के निवासी शेख बब्बर उम्र 55 वर्ष पर धारदार हथियार से हमला कर घायल कर दिया साथ ही शेख बब्बर की स्कूटी तथा उसके पास से 15 हजार रुपए भी लूट लिए ।

इस घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर आजाद नगर थाना क्षेत्र के बारिश कॉलोनी के रहने वाले शेख बब्बर को कपाली की रहने वाली एक महिला के साथ अवैध संबंध था और महिला ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर पहले तो शेख बब्बर को धारदार हथियार से मार कर घायल कर दिया उसके बाद स्कूटी एवं उसके पास से ₹15000 लूट लिए ।

घटना सोमवार रात लगभग 10:00 बजे की बताए जा रहा है। शेख बबर का इलाज एमजीएम अस्पताल में चल रहा है इधर शेख बब्बर की बेटी ने बताया कि उक्त महिला के साथ मेरे पिता का अवैध संबंध था महिला कई दिनों से मेरे पिता से पैसे की मांग कर रही थी इधर कपाली पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई है।

सरायकेला :स्वीप कार्यक्रम के तहत इचागढ़ प्रखंड में चालाया गया मतदाता जागरूकता अभियान

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सरायकेला :लोकतंत्र का महापर्व लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के निमित्त स्वीप कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में आज इचागढ़ प्रखंड तिरुलडीह में मतदाता जागरूकता अभियान एवं शपथ ग्रहण अभियान चलाया गया, जिससे मतदाताओं को जागरूक किया जा सकें।

 इस अवसर पर लोकसभा चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के लिए मतदाता जागरूकता कार्यक्रम स्वीप के तहत लोगों को जागरूक किया गया। मौके पर सभी को लोकतांत्रिक देश का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते अपने मत का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया। इसके अलावा मतदान के महत्व तथा निर्वाचन प्रणाली के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। 

साथ ही 1950 वोटर हेल्पलाइन नंबर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उनका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज हो। यदि किसी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो उसे बीएलओ के माध्यम से या वोटर हेल्प लाइन एप के माध्यम से फॉर्म 6 अवश्य भरने और प्रत्येक नागरिक को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। 

उन्हें शपथ दिलाई गई कि वे लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। साथ ही अपने घरों व आस पड़ोस के लोगों को मतदान के लिए जागरूक करने का हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही उन्हें अपने स्तर पर मतदाताओं को जागरूक करने लिए अपनी सकारात्मक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया गया।

जल् संकट से परेशान नागरिक ने कहा हम सभी करेगें वोट का वहिष्कार,नेता वोट मांगने आ जाते लेकिन नही करते हमारे समस्याओं का समाधान

सरायकेला : आदित्यपुर नगर निगम के स्थानीय लोगो ने कहा कि नेता सिर्फ चुनाव में ही नजर आते हैं ऐसे कोई भी यहां नहीं आता है गर्मी की दस्तक से तापमान भी उफान पर है और कई लोगो के घर के साथ मुहल्ले के लोग बून्द बून्द पानी के लिए तरस रहे जिससे परेशान लोग कह रहे कि हमलोग पानी के लिए तरस रहे हैं लेकिन अब तक किसी नेता या अधिकारी देखने भी नहीं आये है अगर जल्द हीं कोई निदान नहीं निकलता है तो हमलोग वोट का बहिष्कार करेंगे। 

 वही जिला प्रशासन ओर नगर निगम ने भी नहीं ली आदित्यपुर वासियो की सुधी जबकि आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में कई बड़े बड़े जलमीनार वर्षो से बन ही रहे लेकिन अब तक कोई भी जलमीनार बनकर तैयार नही।

रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून, पानी गए न ऊबरे, मोती मानुष चून रहीम का यह दोहा गर्मी की तपिश बढ़ते ही आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 17 के साथ नागिनापुरी हरिओम नगर के लोगो के लिए तकिया सच साबित होने लगा है विकास के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सरकार जिला प्रशासन और नगर निगम क्षेत्र के लोगों की प्यास बुझाने में नाकाम रही है लोग बूंद-बूंद पानी के लिए भटक रहे हैं गर्मी का पारा चढ़ते ही यहां जल संकट गहराने लगे हैं आम से लेकर खास तक सभी पीने के पानी को लेकर काफी चिंतित रहने लगे हैं कई जगह तो लोग बूंद-बूंद पानी के लिए लोग तरस रहे हैं गर्मी का मौसम परवान चढ़ते ही लोगों का कंठ सूखने के साथ घरों में लगे नल बोरिंग का पानी भी सूखने लगे हैं टैंकर से पानी जो महज एक खानापूर्ति साबित हो रहा है ।

आदित्यपुर नागिनापुरी, हरिओम नगर वार्ड 17 में सभी चापाकल सुख गया है यहां पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है करीब पांच हजार की आबादी पानी के लिए पूरी तरह से त्रस्त है इस भीषण गर्मी में सभी घरों के बोरिंग भी सूख गए हैं यहां के लोगों ने बताया कि करीब 200-300 फीट नीचे चापाकल का पाइप गया फिर एक बूंद भी पानी नहीं निकल रहा है इस नगर निगम में करीब 100 घर है लगभग सभी घरों के चापाकल पूरी तरह सूख गया है यहां के लोगो को पीने का पानी की खरीदी करना पड़ रहा है ।

टैंकर से पानी लाकर अपना काम कर रहे है आलम यह है कि मुख्यमंत्री या केंद्र सरकार योजना अंतर्गत हर-घर नल का जल योजना में चयनित होने के बावजूद भी इस नगर निगम के लोग एक-एक बूंद पानी के लिए तरह रहे है करीब फरवरी माह से यहां सभी चापाकल सूख गये है एक जलमीनार भी लगातर कई वर्षों से बन रहा है पर आज तक जलमीनार भी बनकर तैयार नही हुआ नगर निगम के कई वरीय अधिकारी बदल गए मुख्यमंत्री या मंत्री के साथ विभागीय बैठक भी कई बार हुई पर जलमीनार बनकर तैयार नही हुई जिससे स्थानीय लोग रोष व्याप्त है सरकार ने बोरिंग के लिए परमिशन दिया पर पानी भी कही नही निकला ।  

एक-एक बूंद पानी के लिए तरह रहे है लोग के घरों में पानी नही है

इसकी शिकायत कई बार वार्ड पार्षद से लेकर बीडीओ-सीओ नगर निगम व जिलाधिकारी से भी की लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुआ है जिससे लोगों को पानी पीने के लिए भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है वहीं नहाने के लिए तो सोचना पड़ता है लोग इस भीषण गर्मी में कई दिनों से नहाना छोड़ दिये है यह हालत हो गई कि एक-एक बूंद पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है नहाने से लेकर पीने व खाना बनाने में परेशानी हो रही है 

जब यहां की जनता पानी के लिए तरस रही है तो चुनाव में वोट देने से क्या फायदा। इसलिए हम सभी ग्रामीणों ने वोट नहीं देने का फैसला लिया है.इतनी गंभीर समस्या है कि इसमें विभाग के अधिकारी को पानी का तत्काल पेयजल उपलब्ध कराना चाहिए।

सरायकेला :स्वीप कार्यक्रम के तहत इचागढ़ प्रखंड में चालाया गया मतदाता जागरूकता अभियान

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सरायकेला :लोकतंत्र का महापर्व लोकसभा आम निर्वाचन 2024 के निमित्त स्वीप कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में आज इचागढ़ प्रखंड तिरुलडीह में मतदाता जागरूकता अभियान एवं शपथ ग्रहण अभियान चलाया गया, जिससे मतदाताओं को जागरूक किया जा सकें।

 इस अवसर पर लोकसभा चुनाव में शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने के लिए मतदाता जागरूकता कार्यक्रम स्वीप के तहत लोगों को जागरूक किया गया। मौके पर सभी को लोकतांत्रिक देश का जिम्मेदार नागरिक होने के नाते अपने मत का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया गया। इसके अलावा मतदान के महत्व तथा निर्वाचन प्रणाली के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। 

साथ ही 1950 वोटर हेल्पलाइन नंबर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उनका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज हो। यदि किसी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो उसे बीएलओ के माध्यम से या वोटर हेल्प लाइन एप के माध्यम से फॉर्म 6 अवश्य भरने और प्रत्येक नागरिक को अपने मताधिकार का प्रयोग करना चाहिए। 

उन्हें शपथ दिलाई गई कि वे लोकतंत्र के इस महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। साथ ही अपने घरों व आस पड़ोस के लोगों को मतदान के लिए जागरूक करने का हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही उन्हें अपने स्तर पर मतदाताओं को जागरूक करने लिए अपनी सकारात्मक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया गया।

सरायकेला :लोकसभा चुनाव को लेकर जिला पुलिस की तैयारियों की समीक्षा करने पहुंचे छोटानागपुर के जोनल आईजी।


सरायकेला :आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर जिला पुलिस की तैयारियों की समीक्षा करने मंगलवार को छोटानागपुर के जोनल आईजी अखिलेश झा सरायकेला जिला पुलिस मुख्यालय पहुंचे। जहां जिले के एसपी सहित तमाम पुलिस पदाधिकारी के साथ उन्होंने बैठक कर अब तक के तैयारियों का जायजा लिया। 

आईजी ने लगभग 2 घंटे तक पुलिस पदाधिकारियों के साथ एक- एक बूथ के स्थिति का अवलोकन करते हुए जरूरी दिशा- निर्देश दिए। 

इस संबंध में जानकारी देते हुए मुख्यालय डीएसपी प्रदीप उरांव ने बताया कि लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्वक संपन्न कराने हेतु आईजी ने जरूरी दिशा- निर्देश दिए हैं। ख़ासकर अराजक तत्वों और सोशल मीडिया पर विशेष चौकसी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। 

चुनाव के दौरान व्यवधान उत्पन्न करनेवालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इसके अलावा अवैध शराब, ब्राउन शुगर के कारोबारियों और आपराधिक चरित्र के लोगों चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

सांसद संजय सेठ का समाधान केंद्र साबित हुआ ढकोसला, पांच साल में न सांसद और न उनके प्रतिनिधियों ने सुनी जनता की फरियाद

एक खास रिपोर्ट: विजय कुमार गोप।

सरायकेला : रांची लोकसभा के सांसद संजय सेठ ने 2019 में निर्वाचित होने के पूर्व चुनावी अभियान में जनता के समस्याओं के समाधान के लिए बड़े बड़े वायदे किए, तरह तरह के घोषणाओं के अंबार लगा दिए थे। वहीं, 2019 में सांसद निर्वाचित होने के बाद भी कुछ दिनों तक खूब चहल कदमी की। रांची लोकसभा क्षेत्र के भ्रमण पर निकले थे। 

इस दौरान जगह जगह उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ था तो उन्होंने भी आनन फानन में जनता के हर समस्या को सुनने तथा समस्याओं का समाधान करने का भरोसा दिलाया था। यहां तक की जनता की शिकायत सुनने के लिए सांसद ने लोकसभा क्षेत्र के सभी छह विधानसभा क्षेत्र में समाधान केंद्र खोल दिया। 

कुछ विधानसभा में एक से अधिक समाधान केंद्र खोल दिया। उन समाधान केंद्रों में निर्धारित तिथियों में सांसद स्वयं उपस्थित होने की बात कहते थे। वहीं, सांसद की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि केंद्रों में रहकर जनता से रूबरू होने का ढिंढोरा पिटा था। समाधान केंद्रों के खुलने से क्षेत्र के जनता के मन में विश्वास जगा था कि इस बार वाले नए सांसद कुछ ऐसा करेंगे जो अबतक के सांसदों ने नहीं किया था। परंतु, हुआ क्या? वही "ढाक के तीन पात" वाली कहावत चरितार्थ हुई। बल्कि कहावत चरितार्थ नहीं हुई, सांसद ने जनता के उस भ्रम को हमेशा के लिए दूर कर दिया है कि भले ही जनप्रतिनिधि बदल जाए, सत्ता परिवर्तन हो जाए लेकिन जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली में बदलाव की आशा करना ही व्यर्थ है। 

बात करें ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र की, तो यहां से 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सांसद संजय सेठ को करीब एक लाख 19 हजार मत प्राप्त हुए थे। अन्य विधानसभा क्षेत्र की तरह ही ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के चांडिल स्टेशन में भी सांसद ने पहले एक समाधान केंद्र खोला, बाद में चौका में और एक केंद्र खोला। बताया गया था कि इन केंद्रों में समय समय पर सांसद उपस्थित होंगे और जनता की समस्याओं को सुनेंगे। परंतु, जानकारी के अनुसार पांच साल में एक बार भी सांसद ने अपने समाधान केंद्र में जनता के लिए उपस्थित नहीं हुए। 

हालांकि, चांडिल स्थित समाधान केंद्र पूर्व विधायक स्वर्गीय साधुचरण महतो के आवास पर ही खोला गया है तो इस हिलाज से भाजपा के कार्यक्रम होते हैं। यहां भाजपा के कार्यक्रम और बैठकों में सांसद उपस्थित होते हैं लेकिन कभी भी आम जनता के लिए विशेष कार्यक्रम कभी नहीं हुआ। क्षेत्र की जनता इस आशा में रहते हैं कि जब सांसद ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में आएंगे तो उन्हें अपने क्षेत्र के समस्याओं की जानकारी देंगे। परंतु आम जनता को भनक तक नहीं लगती हैं कि कब सांसद क्षेत्र में आते हैं और अपना निर्धारित कार्यक्रम संपन्न करके चले जाते हैं। 

बहरहाल, अब आचार संहिता लागू हो गई हैं। अब सांसद जी फिर से एक बार जीत हासिल करने की रणनीति में जुटे हैं। लेकिन सवाल वही है कि पिछले पांच साल में समाधान केंद्र के माध्यम से अथवा समाधान केंद्रों के बगैर कितने समस्याओं का समाधान हुआ? यदि किसी समस्या का समाधान नहीं भी हुआ तो सांसद पांच साल में कितनी बार आम जनता के साथ बैठक की और उनकी समस्याओं को सुना है?