बढ़ती दिख रही प्रियंका गांधी की मुश्किलें, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी की चार्जशीट में आया नाम

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कांग्रेस पार्टी के महासचिव प्रियंका गांधी की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का नाम 'प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट' (पीएमएलए) से जुड़े एक केस की चार्जशीट में दर्ज किया गया है। जमीन घोटाला मामले में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट में पहली बार कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का नाम सामने आया है। सूत्रों ने दावा किया कि ईडी की चार्जशीट में रॉबर्ट वाड्रा के साथ ही प्रियंका गांधी का जिक्र किया गया है। हालांकि, उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।

जांच एजेंसी ने प्रियंका गांधी के खिलाफ हरियाणा के फरीदाबाद में एक जमीन की खरीद से जुड़े मामले की चार्जशीट में नाम शामिल किया है।ईडी ने बताया है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली के रहने वाले रियल एस्टेट एजेंट के जरिए हरियाणा में जमीनी खरीदीं। इस एजेंट ने एनआरआई बिजनेसमैन सीसी थम्पी को भी जमीनें बेचीं।

ईडी का कहना है कि वाड्रा और थम्पी के रिश्ते काफी लंबे हैं और दोनों एक जैसा व्यापार करने के अलावा भी कई काम मिलकर करते हैं। ये एक बड़ा मामला है, जो भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी से संबंधित है। भंडारी की मनी-लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा और काले धन कानूनों के उल्लंघन और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत कई एजेंसियां जांच कर रही है। वह 2016 में ही जांच एजेंसियों के डर की वजह से भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग गया था।

क्या है मामला

फरीदाबाद में जमीनी खरीद से यह जुड़ा मामला है। साल 2005-2006 के बीच फरीदाबाद के अमीपुर गांव में एचएल पाहवा (थंपी के करीबी) प्रोपर्टी डीलर के जरिये रोबर्ट वाड्रा ने करीब 40.8 एकड़ जमीन खरीदी थी, जिसे दिसंबर साल 2010 में पाहवा को ही वापस बेच दिया था। इसी तरह प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम पर भी इसी अमीपुर गांव में अप्रैल 2006 में खरीदी गई थी, जिसे फरवरी 2010 में पाहवा को ही वापस बेच दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, पाहवा थंपी का बेहद करीबी है, इसी अमीपुर गांव में थंपी को भी जमीन पाहवा ने ही खरीदवाई थी।

कांग्रेस का 139 वां स्थापना दिवस आज, नागपुर की महारैली से होगा मिशन 2024 का आगाज, संघ के गढ़ में भरेगी हुंकार

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कांग्रेस पार्टी आज अपना 139वां स्थापना दिवस मना रही है। इस मौके पर पार्टी नागपुर में एक बड़ा आयोजन करने जा रही है।जिसमें दिग्गज नेता जुट रहे हैं। पार्टी ने महारैली के लिए 'तैयार हैं हम' स्लोगन भी दिया है।कांग्रेस की यह मेगा रैली इस मायने में महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका आयोजन नागपुर में हो रहा है, जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय और ऐतिहासिक स्थल ‘दीक्षाभूमि’ स्थित है। महारैली के साथ कांग्रेस 2024 लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत करेगी।

नागपुर में रैली बीजेपी सरकार को देगी कड़ा मैसेज

महाराष्ट्र पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का कहना है कि वह संघ की जमीन पर बीजेपी को कड़ा जवाब देंगे। कांग्रेस नेता चव्हाण का कहना है कि मौजूदा बीजेपी सरकार बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की आत्महत्या सहित तमाम समस्याओं को हल करने और लोगों को राहत देने में विफल रही है। कांग्रेस इस रैली के जरिए बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को कड़ा मैसेज देना चाहती है। यही वजह है कि रैली के लिए नागपुर को चुना गया है। पार्टी ने पहले ही नारा ‘तैयार हैं हम’ दिया है, जो इरादों को स्पष्ट कर रहा है।

इतिहास अपने आपको दोहरायगा-नाना पटोले

महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बुधवार को रैली स्थल पर संवाददताओं को संबोधित करते हुए कहा, देश के लोगों के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है।जब भी देश पर संकट आया, कांग्रेस आगे आई और देश में एक बड़ा बदलाव आया। उन्होंने कहा, आपातकाल के बाद (तत्कालीन प्रधानमंत्री) इंदिरा गांधी ने नागपुर में जनसभा की थी, और कांग्रेस को विदर्भ की सभी सीटों पर जीत मिली थी। कांग्रेस नेता ने कहा, इतिहास अपने आपको दोहरायगा और देश में एक बड़ा परिवर्तन होगा

मंच पर होगा गांधी परिवार

ये पहली बार है कि नागपुर में सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी एक साथ दिखाई देने वाले हैं।कांग्रेस राज्य के सभी मुख्यमंत्री भी रैली में मौजूद रहने वाले हैं। रैली में 247 प्रमुख नेता, अधिकांश सांसदों और 600 में से लगभग 300 विधायकों के शामिल होने की संभावना है। पार्टी ने उम्मीद लगाई है कि इस महारैली में कम से कम 10 लाख लोग एकत्रित होंगे।

लोकसभा चुनाव की बनेगी रणनीति

वहीं, नागपुर में महारैली के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पार्टी महासचिवों और सभी प्रदेश प्रभारियों के साथ बैठक भी करेंगे। इस बैठक में लोकसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन किया जाएगा। कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती उत्तर भारत के राज्यों में जीत हासिल करना है, जिस पर सबसे ज्यादा फोकस किया जा रहा है। पार्टी सीटों के बंटवारे को लेकर यूपी, बिहार जैसे राज्यों के क्षेत्रीय दलों के साथ बातचीत कर रही है।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मिले विदेश मंत्री जयशंकर, पीएम मोदी को रूस आने के न्यौते से लेकर व्यापार तक जानें क्या हुई बात

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इस वक्त रूस दौरे पर हैं। जहां उन्होंने राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात की। इस दौरान पुतिन को एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लिखी हुई चिट्ठी सौपी हैय़ उन्होंने पुतिन से कहा कि पीएम मोदी ने शुभकामनाएं दी है। इस दौरान पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले साल रूस आने का न्योता दिया।उन्होंने कहा कि अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी को रूस में देखकर उन्हें खुशी होगी। विदेश मंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन के निमंत्रण का जवाब देते हुए कहा कि निश्चित तौर पर पीएम मोदी अगले साल रूस की यात्रा के लिए उत्सुक हैं और मुझे यकीन है कि हम दोनों देशों के राजनीतिक कैलेंडर से पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख खोजेंगे।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार शाम को मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। क्रेमलिन में एस जयशंकर से मुलाकात के बाद पुतिन ने संयुक्त प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध पर टिप्पणी करते हुए कहा, मैंने यूक्रेन के साथ चल रहे संघर्ष को लेकर बार-बार सूचना दी है। पुतिन ने कहा, हमारा व्यापार लगातार दूसरे वर्ष और आत्मविश्वासपूर्ण गति से बढ़ रहा है। इस वर्ष, विकास दर पिछले वर्ष से भी अधिक थी। सिर्फ तेल उत्पाद और कोयला का उत्पादन ही नहीं हम हाई-टेक क्षेत्रों में मिलकर भारत के साथ काम कर रहे हैं।

पुतिन ने कहा, हमें यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि दुनिया में मौजूदा उथल-पुथल के बावजूद, एशिया में हमारे पारंपरिक मित्रों, भारत और भारतीय लोगों के साथ संबंध लगातार आगे बढ़ रहे हैं। हम यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी का स्टैंड जानते हैं। मैं उनकी स्थिति, हॉट स्पॉट, यूक्रेन की स्थिति सहित जटिल प्रक्रियाओं के प्रति उनके रवैये की बात कर रहा हूं। मैंने उन्हें यूक्रेन संघर्ष के आसपास की स्थिति के बारे में बार-बार सूचित किया है। मैं शांतिपूर्ण तरीकों से इस समस्या को हल करने के उनके प्रयास के बारे में जानता हूं।

रूसी राष्ट्रपति के साथ अपनी मुलाकात के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स (ट्विटर) पर कहा कि वह भारत-रूस संबंधों के आगे के विकास पर पुतिन के मार्गदर्शन की सराहना करते हैं। आज शाम राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करके सम्मानित महसूस कर रहा हूं।

जयशंकर रूस की पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। उन्होंने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात की।इस दौरान दोनों ने अंतरराष्ट्रीय स्थिति और समसामयिक मुद्दों पर बात की।जयशंकर ने लावरोव के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र, यूक्रेन संघर्ष, गाजा स्थिति, अफगानिस्तान और मध्य एशिया, ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन, जी20 और संयुक्त राष्ट्र पर भी विचार-विमर्श किया। 

जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ एक व्यापक और उपयोगी बैठक हुई। रणनीतिक साझेदार के रूप में, अंतरराष्ट्रीय स्थिति और समसामयिक मुद्दों पर चर्चा की गई। जयशंकर ने द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग, ऊर्जा व्यापार, कनेक्टिविटी प्रयासों, सैन्य-तकनीकी सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क में हुई प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, '2024-28 की अवधि के लिए परामर्श प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए। भारत-रूस संबंध भू-राजनीतिक वास्तविकताओं, रणनीतिक भागीदारी और पारस्परिक लाभ को दर्शाते हैं।

मौसम का मिजाज : दिसंबर के आखिरी हफ्ते में शीतदिवस और शीतलहर की जगह बिहार के कई शहरो में समान्य से अधिक पारा

डेस्क : बिहार में सामान्यत दिसंबर के आखिरी हफ्ते में शीतदिवस और शीतलहर की स्थिति बनती थी लेकिन इस बार उमस और गर्मी की स्थिति है। प्रदेश के अधिकतर शहरों का न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर बना हुआ है। दिसंबर का आखिरी हफ्ता बीत रहा है, लेकिन अब तक हर साल की तरह ठंड और कोहरे की सघनता नहीं दिख रही है।

मौसमविद इसे तात्कालिक रूप से पश्चिमी विक्षोभ का असर बता रहे हैं। बुधवार को 17 शहरों के न्यूनतम तापमान में गिरावट आई। राज्य के अधिकतर जिलों में पिछले दो दिनों में अधिकतम व न्यूनतम तापमान में वृद्धि हुई। इन दिनों चक्रवातीय हवा का क्षेत्र बांग्लादेश व आसपास समुद्र तल से 1.5 से 3.1 किमी के बीच बना हुआ है। इनके कारण पुरवा हावी है।

मौसम विभाग के अनुसार पटना सहित अधिसंख्य भागों में सुबह के समय कोहरे का प्रभाव रहेगा। पटना सहित 17 शहरों के न्यूनतम तापमान में गिरावट आई। 10.3 डिग्री सेल्सियस के साथ गया में सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। वहीं, राजधानी का न्यूनतम तापमान 13.1 डिग्री सेल्सियस रहा। बुधवार को पटना, गया, पूर्णिया समेत अन्य भागों में कोहरा छाए रहा।

वहीं, धूप निकलने के बाद मौसम सामान्य बना रहा। पटना सहित अधिसंख्य भागों में सुबह के समय कोहरे का प्रभाव कम रहेगा।

बीते बुधवार को प्रदेश के प्रमुख शहरों का अधिकतम और न्यूनतम तापमान इस प्रकार रहा। 

पटना 25.9 13.1

गया 24.8 10.3

भागलपुर 24.7 15.5

मुजफ्फरपुर 25.0 15.3 डिग्री सेल्सियस।

जदयू के बढ़ते दायरे और सीएम नीतीश की बढ़ती लोकप्रियता से बीजेपी बेचैन : श्रवण कुमार

डेस्क : जदयू के वरिष्ठ नेता व बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि जदयू का दायरा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इसलिए भाजपा के लोग बेचैन हैं।

उन्होंने कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार के अंदर भाजपा का खाता भी नहीं खुलेगा। 

मंत्री श्रवण कुमार ने कहाकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो भी करते हैं बिहार के हित में करते हैं।वहीं पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल कि जदयू के अंदर अंदरुनी कलह की बात सामने आ रही है। इसपर उन्होंने कहा कि जदयू हर तरह की स्थिति के लिए तैयार है।

राहुल गांधी की न्याय यात्रा पर अनुराग ठाकुर का तंज, बोले-जिनके शासन में 1984 के दंगे हुए वे क्या न्याय देंगे?

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भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब कांग्रेस ने एक और यात्रा निकालने की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने घोषणा की है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में मणिपुर से मुंबई तक 'भारत न्याय यात्रा' निकालेगी जाएगी। इसकी शुरुआत 14 जनवरी से होगी, जोकि 20 मार्च तक चलेगी। यात्रा के शुरू होने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला है।केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने तो कांग्रेस का टुकड़े-टुकड़े गैंग और सिख दंगों से कनेक्शन जोड़ दिया है।केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ‘भारत न्याय यात्रा' निकालने के कांग्रेस के फैसले पर तंज कसते हुए बुधवार को विपक्षी पार्टी पर 1984 के सिख दंगा पीड़ितों को कई वर्षों तक न्याय दिलाने में विफल रहने और ‘टुकड़े-टुकड़े' गैंग के साथ खड़े होने का आरोप लगाया।

अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस की भारत न्याय यात्रा के बारे में पूछे जाने पर यहां संवाददाताओं से कहा, जो लोग 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को कई वर्षों तक न्याय नहीं दिला सके, वे किसी के साथ न्याय कैसे कर सकते हैं? उन्होंने कहा, जो लोग टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्यों को शामिल करते हैं और जाति और क्षेत्र के आधार पर विभाजन पैदा करते हैं, वे कैसे न्याय प्रदान करेंगे? उन्होंने कहा कि यह मोदी सरकार है जिसने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एसआईटी जांच का गठन किया।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा पर सवाल उठाते हुए कहा-जिनकी पार्टी में टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य शामिल हैं, जो लोग भारत को क्षेत्रों और धर्मों में बांटने का काम करते हैं - वे क्या न्याय देंगे? जनता भी इनके असली चेहरे से वाकिफ है।

बता दें कि राहुल गांधी 14 जनवरी को मणिपुर के इंफाल से 6,200 किलोमीटर की भारत न्याय यात्रा शुरू करेंगे। यह 14 राज्यों के 85 जिलों को कवर करेगी और 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी। इस बार यात्रा का माध्यम बस और पैदल यात्रा मार्ग होगा। यात्रा में शामिल होने वाले राज्यों में मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी ममता बनर्जी, सीताराम येचुरी पहले ही ठुकरा चुके हैं न्योता

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अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई लोगों को भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विपक्षी नेताओं को भी निमंत्रण भेजा गया है। 22 जनवरी को होने वाले राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में विपक्षी गठबंधन दलों से कौन शामिल हो रहा है कौन नहीं, इस पर सवाल बना हुआ है। इस बीच खबर आ रही है कि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तृणमूल कांग्रेस की ओर से कार्यक्रम में कोई शिरकत नहीं करेगा। हालांकि,टीएमसी की ओर से आधिकारिक तौर इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

टीएमसी ने इसलिए बनाई दूरी

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। उनकी पार्टी टीएमसी की तरफ से कोई प्रतिनिधि भी इस समारोह में शामिल नहीं होगा। तृणमूल कांग्रेस के नेता रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को पॉलिटिकल इवेंट कह रहे हैं। उनका मानना है कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव अभियान के लिए राममंदिर को एक स्प्रिंगबोर्ड की तरह इस्तेमाल करना चाहती है। इसीलिए पार्टी इस इवेंट से दूरी बना रही है

सीताराम येचुरी भी कर चुके हैं इनकार

इससे पहले सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के निमंत्रण को ठुकरा चुके हैं। सीताराम येचुरी कह चुके हैं कि उन्हें न्योता मिला है लेकिन वे इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे। येचुरी ने कार्यक्रम के निमंत्रण को अस्वीकार करते हुए कहा कि धर्म व्यक्तिगत पसंद का मामला है और इसे राजनीतिक फायदे के लिए औजार नहीं बनाया जाना चाहिए। येचुरी के इस विरोध पर विश्व हिंदू परिषद ने आपत्ति जताई थी। विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि अगर वह ‘राम, रामत्व और भारत की ओर लौट जाते हैं’ तो यह उनके हित में होगा। 

22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा

बता दें कि 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है।रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कई बड़ी हस्तियों को निमंत्रण भेजा है। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अयोध्या में खास तैयारियां की जा रही है। इसके लिए अयोध्या में सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए जा रहे हैं।

क्‍या 2024 के लिए राम मंदिर असल मुद्दा है?कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने पूछा बड़ा सवाल

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देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा है। इसमें पीएम मोदी भी शामिल होंगे। चुनावी साल में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से राजनीति में गरमी बढ़ेगी और बीजेपी की ताकत भी बढ़ेगी।अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण बीजेपी के चुनावी वादों में से एक रहा है। अब जब यह जमीनी हकीकत बनेगा तो पार्टी इसे अपने एक पूरे किए गए वादे के तौर पर लोगों को बताएगी। यानी कुछ ही महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं और पार्टी के लिए यह एक बड़ा मुद्दा रहेगा। इसको लेकर बीजेपी की रणनीति भी तैयार है। इस बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने सवाल उठाया है, 'क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या बेरोजगारी और मुद्रास्फीति?

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा, 'मुझे किसी भी धर्म से कोई समस्या नहीं है। कभी-कभार मंदिर के दर्शन के लिए जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते। 40 फीसदी लोग बीजेपी को वोट देते हैं और 60 फीसदी लोग बीजेपी को वोट नहीं देते। वह हर किसी के प्रधानमंत्री हैं, न कि किसी पार्टी और यही संदेश भारत के लोग उनसे चाहते हैं।

लोगों को तय करना होगा उन्हें तानाशाह चाहिए या लोकसेवक-पित्रोदा

इंडिन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि 2024 का चुनाव भारत के भविष्य के लिए अहम है। उन्होंने कहा कि भारतीयों को अब तय करना है कि वह कैसा राष्ट्र बनाना चाहते हैं। क्या उन्हें हिंदू राष्ट्र चाहिए या फिर समावेशी और स्थिर धर्मनिर्पेक्ष देश चाहिए। लोगों को तय करना होगा कि उन्हें तानाशाह चाहिए या फिर लोकसेवक। लोगों को अब तय करना होगा कि उन्हें धर्म के आधार पर बंटवारा चाहिए या एक लोकसेवक, जो सभी को साथ लेकर चले। क्या लोगों को डर फैलाने वाली सरकार चाहिए या फिर सुरक्षा प्रदान करने वाली सरकार, यह उन्हें ही तय करना होगा। 2024 का चुनाव देश के भविष्य के लिए होने जा रहा है न कि किसी व्यक्ति विशेष के भविष्य के बारे में।

जनता को तय करना है कि असली मुद्दे क्या हैं-पित्रोदा

पित्रोदा ने आगे कहा, आप बेरोजगारी पर बात कीजिए, आप महंगाई पर बात कीजिए, साइंस एंड टेक्नोलॉजी और जो चुनौतियां हैं उस पर बात कीजिए। उन्हें (जनता) तय करना है कि असली मुद्दे क्या हैं- क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या बेरोजगारी असली मुद्दा है? क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या महंगाई असली मुद्दा है? क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या दिल्ली में वायु प्रदूषण असली मुद्दा है?

पीएम मंदिरों में समय बिता रहे हैं, इससे मुझे परेशानी होती है-पित्रोदा

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा, 2024 का चुनाव यह तय करेगा कि भारत भविष्य में क्या रास्ता अपनाएगा। मैं देख रहा हूं कि आज लोकतंत्र कमजोर हो गया है एक देश का पीएम 10 साल तक प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करता, ये बात मुझे परेशान करती है'। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मंदिर में अधिक समय दे रहे हैं, यह मुझे परेशान करता है।

भारत और भारत सरकार की अलोचना में अंतर-पित्रोदा

राहुल गांधी द्वारा विदेशी जमीन पर देश के खिलाफ दिए गए बयानों और उस पर भाजपा के हमले के सवाल पर पित्रोदा का कहना है कि हम विदेश में भारत की आलोचना नहीं करते। हम भारत सरकार की आलोचना करते हैं। यह दोनों अलग-अलग चीजें हैं। भारत सरकार की आलोचना और भारत की आलोचना में भ्रमित नहीं होना चाहिए। भारत बहुत बड़ा है। भारत सबसे महत्वपूर्ण है।

सनातन मानने वाले लोगों को पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण नहीं करना चाहिए', क्रिसमस डे को लेकर बोले पंडित धीरेंद्र शास्त्री


बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने क्रिसमस को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होने लोगों से अपील की कि क्रिसमस डे का जश्न पाश्चात्य संस्कृति का प्रतीक है तथा सनातन को मानने वाले लोगों को पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण नहीं करना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों से अपील किया कि वह अपने बच्चों को सांता क्लॉस की जगह हनुमानजी की पूजा के लिए प्रेरित करें।

मीडिया से चर्चा करते हुए बाबा बागेश्वर ने कहा, 'यह क्रिसमस सनातनी संस्कृति के अनुरूप नहीं है। अभिभावकों को अपने बच्चों को सांता क्लॉस के पास ना भेजकर आसपास के मंदिरों में हनुमानजी के पास भेजना चाहिए। आज मातृ-पितृ पूजन, तुलसी पूजन दिवस भी है। मातृ-पितृ पूजन कराया जाए, तुलसी पूजन कराया जाए। सांता क्लॉस आएगा गिफ्ट लाएगा... ये क्या हम पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं? भारतीय एवं सनातनियों को इस पर विचार करना चाहिए तथा पाश्चात्य संस्कृति का बहिष्कार करना चाहिए। अभिभावकों को अपने बच्चों को हनुमानजी, मीराबाई एवं स्वामी विवेकानंद के आदर्शों की तरफ प्रेरित करना चाहिए, ना कि पाश्चात्य संस्कृति की तरफ।' 

बता दे कि धीरेंद्र शास्त्री का पूरा नाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री है। वह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थित बागेश्वर धाम सरकार मंदिर के मुख्य पुजारी हैं, जो बागेश्वर धाम महाराज के नाम से मशहूर हैं। वह सभाओं में धार्मिक कथाएं सुनाते हैं। धीरेंद्र का जन्म 4 जुलाई 1996 को छतरपुर जिले के ही गढ़ा गांव में हुआ था। वह सामान्य निर्धन परिवार से आते हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से हुई है।

छत्तीसगढ़ी भात से महकेगा अयोध्या में 'भंडारा', आएगा 3000 मीट्रिक टन चावल

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में तैयार हो रहे भव्य श्रीराम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं। 22 जनवरी 2024 को श्रीराम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होगा। इसके लिए देश का हर राज्य अपनी ओर से कुछ न कुछ दान कर पुण्य का भागी बन रहा है। इसी क्रम में प्रभु श्री राम के ननिहाल यानी छत्तीसगढ़ में भी खूब तैयारी चल रही है। छत्तीसगढ़ से 3000 मीट्रिक टन चावल अयोध्या भेजा जाएगा।

वही इस चावल का उपयोग प्रभु श्रीराम के महाभंडारे में होगा। छत्तीसगढ़ के सुगंधित चावल से अयोध्या का महाभंडारा महकेगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 28 दिसंबर को चावलों से भरे ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर अयोध्या रवाना करेंगे, जो 30 दिसंबर को पहुंचेगा। ये अब तक कि सबसे बड़ी चावल की खेप है जो अयोध्या पहुंचेगी। चावलों की बोरियों को छत्तीसगढ़ के कई जिलों से एक साथ एकत्रित कर ले जाया जाएगा। मनेद्रगढ़ MLA एवं केबिनेट मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि यह राज्य रामलला की जननी माता कौशल्या की जन्म भूमि है। इसलिए भगवान रामचन्द्र हमारे भांजे हुए। निश्चित तौर पर राम लला की स्थापना अयोध्या में हो रही है। 

जैसे ननिहाल में बालक पैदा होने पर उत्सव मानते हैं वैसा उत्सव हम लोग भी मनाएंगे। मैं सभी से इसके लिए अपील भी कर चुका हूं। अपने-अपने नगरों में और गांवों में एक उत्सव का माहौल बनाएं व अपने घरों को दीप जलाकर सजाएं। अभी सभी क्षेत्रों में प्रभु श्री राम के लिए कलश भ्रमण का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि सभी राईस मिलर मिलकर पूरे राज्य भर से 300 टन अच्छे क्वालिटी के चावल 28 दिसंबर को अयोध्या के लिए रवाना कर रहे हैं। सभी धार्मिक संगठनों, सामाजिक संगठनों और छत्तीसगढ़ के लाखों व्यक्तियों ने इस मुहिम में बढ़-चढ़ कर अन्न दान किया है। क्योंकि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है तथा श्री राम यहां के भांजे हैं। इस लिए यहां से जो चावल जा रहा है वो वहां के प्रसाद में इस्तेमाल होगा।