*आजमगढ़:पिता के मुख से पति का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकी थी माता सती*
फूलपुर(आजमगढ़) : फूलपुर के अतरडीहा गांव में चल रही संगीतमयी श्रीमद भागवत कथा में चौथे दिन कथावाचक प्रशांतानंद जी महाराज ने बताया कि देवी के प्रसिद्ध और पावन मंदिरों में 52 शक्तिपीठ शामिल हैं। वैसे तो 51 शक्तिपीठ माने जाते हैं लेकिन तंत्र चूड़ामणि में 52 शक्तिपीठ बताए गए हैं। इन शक्तिपीठ के अस्तित्व में आने के पीछे एक खास वजह है। पौराणिक कथा के मुताबिक भगवान शिव की पहली पत्नी सती ने अपने पिता राजा दक्ष की मर्जी के बिना भोलेनाथ से विवाह किया था। इस पर एक बार राजा दक्ष ने एक विराट यज्ञ का आयोजन किया लेकिन अपनी बेटी और दामाद को यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया।
माता सती बिना पिता के निमंत्रण के यज्ञ में पहुंच गईं, जबकि भोलेनाथ ने उन्हें वहां जाने से मना किया था। राजा दक्ष ने माता सती के सामने उनके पति भगवान शिव को अपशब्द कहे और उनका अपमान किया। पिता के मुंह से पति का अपमान माता सती से बर्दाश्त नहीं हुआ और उन्होंने यज्ञ की पवित्र अग्नि कुंड में कूदकर प्राण त्याग दिए। भोलेनाथ पत्नी के वियोग को सह न सके। वह माता सती का शव लेकर शिव तांडव करने लगे। ब्रह्मांड पर प्रलय आने लगी, जिस पर विष्णु भगवान ने इसे रोकने के लिए सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के टुकड़े कर दिए।
माता के शरीर के अंग और आभूषण 52 टुकड़ों में धरती पर अलग अलग जगहों पर गिरे, जो शक्तिपीठ बन गए। इस मौके पर इस मौके पर भाजपा नेता सुजीत जायसवाल आशु, अविरल शुक्ला, राजेश पाण्डेय, संजय दूबे, उमंग पाण्डेय, डाक्टर शर्मा, हौसला प्रसाद पाण्डेय, शिवम उपाध्याय, राजेश दूबे , रोहित दूबे, सन्तोष मौर्य, सुरेश मौर्य, अतुल मोदनवाल, राज प्रकाश पाण्डेय, प्रेम प्रकाश पाण्डेय, सुरेश शुक्ला आदि लोग रहे ।
Oct 19 2023, 18:54