पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड आतंकी शाहिद लतीफ की हत्या, पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने मारी गोली

पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड और भारत का मोस्ट वांटेड आतंकी शाहिद लतीफ की पाकिस्तान में हत्या कर दी गई है। 2016 में पंजाब के पठानकोट के एयरबेस पर आतंकी हमला हुआ था। यह हमला आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने किया था। इस हमले में भारतीय सेना के सात जवान शहीद हुए थे। एनआईए की जांच से पता चला था कि इस हमले का मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ ही था।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अज्ञात हमलावरों ने पाकिस्तान की एक मस्जिद में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के प्रांत पंजाब के शहर सियालकोट में उसे मारा गया है।

दो जनवरी, 2016 को जैश के आतंकियों ने पठानकोट में एयरबेस पर हमला कर दिया था। इसमें सात जवान शहीद हो गए थे। तीन दिन तक कॉम्बिंग ऑपरेशन चला था। शाहिद लतीफ आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का एक प्रमुख सदस्य था। उसने ही चारों आतंकवादियों को पठानकोट भेजा था।एनआईए की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि पठानकोट आतंकी हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई और उसे अंजाम दिया गया था। आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने हमले को अंजाम देने के लिए चार फिदायीनों को प्रशिक्षित किया था और उन्हें भेजा था। एनआईए की जांच में पाया गया था कि हमले को अंजाम देने के लिए भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के मास्टरमाइंड और आका सभी पाकिस्तान में स्थित थे।

एयरबेस पर यह हमला भारतीय सेना की वर्दी में आए हथियारबंद आतंकियों ने इसे अंजाम दिया था। वे सभी भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर रावी नदी के रास्ते आए थे। भारतीय इलाके में पहुंचकर आतंकियों ने कुछ गाड़ियां हाईजैक कीं और पठानकोट एयरबेस की ओर बढ़ गए। बाद में, कैंपस की दीवार कूदकर, लंबी घास से होते हुए उस जगह पहुंचे, जहां सैनिक रहते थे। यहां उनका पहला सामना सैनिकों से हुआ। फायरिंग में चार हमलावर मारे गए और तीन जवान शहीद हो गए। अगले दिन एक आईईडी धमाके में चार और भारतीय सैनिक शहीद हुए। सुरक्षाबलों को यह पक्का करने में तीन दिन लग गए कि हालात पूरी तरह उनके काबू में हैं।

बता दें कि शाहिद लतीफ को 1993 में आतंकी आरोप में भारत में गिरफ्तार किया गया था।उस पर मुकदमा चलाया गया और जेल भेज दिया गया। शाहिद लतीफ भारतीय जेल में करीब 11 सालों तक बंद रहा था। भारत में सजा पूरी होने के बाद 2010 में उसे पाकिस्तान भेज दिया गया था।

विश्व कप 2023: पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले टीम इंडिया के लिए खुशखबरी! शुभमन गिल की हो सकती है वापसी

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भारत और अफगानिस्तान के बीच मैच से पहले टीम इंडिया के लिए अच्छी खबर आ रही है। भारत के स्टार ओपनर शुभमन गिल आज चेन्नई से अहमदाबाद के लिए रवाना होंगे। बीसीसीआई मेडिकल टीम की निगरानी में उनकी रिकवरी जारी रहेगी और पाकिस्तान के खिलाफ मैच में वह खेल सकते हैं।आपको बता दें कि पिछले करीब एक साल से शानदार फॉर्म में चल रहे शुभमन गिल को वर्ल्ड कप शुरू होने से ठीक पहले डेंगू हो गया, जिसकी वजह से वह ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाला पहला मैच नहीं खेल पाए थे। उसके बाद बीसीसीआई ने उन्हें सोमवार को अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले भारत के दूसरे वर्ल्ड कप मैच से भी बाहर कर दिया क्योंकि वह मेडिकल टीम की देखरेख में चेन्नई में रुके थे। 

भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर ने युवा बल्लेबाज शुभमन गिल के बारे में कुछ खुलासे किए हैं उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि शुभमन गिल को बीमारी से जूझ रहे हैं, और अभी भी चेन्नई में ही रिकवरी स्टेज पर हैं। बल्लेबाजी कोच ने ये भी बताया कि उन्हें सिर्फ एहतियात के तौर पर चेन्नई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और अब वे लौट आए हैं।

टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ ने भारत-अफगानिस्तान मैच से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान राठौड़ ने गिल के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह चेन्नई में बीमारी से ठीक से उबर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह बीमारी से उबर रहे हैं। उन्हें अस्पताल में एहतियात के तौर पर भर्ती कराया गया था। वह होटल में वापस आ गए हैं। वह चिकित्सा टीम की निगरानी में है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि वह जल्द ही ठीक हो कर टीम से जुड़ जाएंगे।

शुभमन गिल डेंगू से पीड़ित हुए थे और उनके शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या एक लाख से कम होने पर एहतियातन उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था। हालांकि, एक रात रुकने के बाद ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। अब गिल के लिए बड़ी चुनौती मैच फिट होने की होगी। अहमदाबाद की गर्मी में वनडे मैच खेलने के लिए अच्छी फिटनेस की जरूरत होती है। फिटनेस कम होने पर गिल को लंबी पारी खेलने में मुश्किल आएगी। दरअसल, डेंगू जैसे बुखार से ठीक होने और फिर मैच के लिए फिट होने में कम से कम 2 हफ्ते का वक्त लग जाता है। ऐसे में शुभमन गिल का 14 अक्टूबर को पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले मैच में भी खेलना मुश्किल लग रहा है।

दिल्ली-यूपी समेत छह राज्यों में एनआईए की रेड, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन से जुड़े छह अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी

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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर बैन के बावजूद अंदरखाने गतिविधियां हो रही है।यही कारण है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन से जुड़े छह अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में की गई है। तमिलनाडु के मदुरै में भी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन से जुड़े विभिन्न इलाकों में एनआईए ने छापेमारी की है।

सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में तीन से चार जगहों पर छापेमारी हो रही है। एनआईए की एक टीम मुंबई के विक्रोली इलाक़े में रहने वाले अब्दुल वाहिद शेख़ के घर पहुंची है। शेख़ साल 2006 में हुए रेलवे ब्लास्ट मामले में एक आरोपी रह चुका है लेकिन ट्रायल के समय कोर्ट ने उसे सभी आरोपों से मुक्त कर दिया था। दिल्ली में भी एनआईए का सर्च ऑपरेशन जारी है। यहां बल्लीमारान के हौजकाजी में एनआईए की टीम छापेमारी कर रही है। जानकारी के मुताबिक राजस्थान में भी मंगलवार देर रात एनआईए की कई टीमों ने अचानक कई ठिकानों पर छापेमारी की । एनआईए की छापेमारी की खबर लगते ही लोगों में हड़कंप मच गया । सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के टोंक, कोटा और गंगापुर सहित कई जगहों पर एनआईए की छापेमारी की सूचना है। उधर, तमिलनाडु में एनआईए ने मदुरै में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की है।इसके अलावा यूपी के बाराबंकी में छापेमारी चल रही है।

बता दें कि कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की आतंकी फंडिंग व अन्य गतिविधियों के चलते भारत में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।एक साल पहले सितंबर 2022 में भारत सरकार ने पीएफआई को बैन कर दिया था। टेरर लिंक के सबूत मिलने के बाद पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है और उस पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था।इसके अलावा गृह मंत्रालय ने उसके 8 सहयोगी संगठनों पर भी पांच साल का बैन लगाया था।

विश्व कप में भारत का आज दूसरा मुकाबला, दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में अफगानिस्तान के साथ भिडंत

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वनडे वर्ल्ड कप 2023 में भारतीय टीम आज अपना दूसरा मुकाबला अफगानिस्तान के खिलाफ खेलने जा रही है।दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में आज भारत और अफगानिस्तान के बीच मैच होना है।टीम इंडिया की नजर जीत के क्रम को जारी पर रखने पर होगी। उसने अपने पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत हासिल की थी। वहीं, अफगानिस्तान को बांग्लादेश के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।

पाकिस्तान के खिलाफ 14 अक्तूबर को होने वाले महामुकाबले से पहले भारत इस मैच को जीतना चाहेगा। भारत-पाकिस्तान के बीच मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में होगा। दूसरी ओर, अफगानिस्तान की टीम जीत की पटरी पर लौटना चाहेगी। भारत के बाद उसका मुकाबला 15 अक्तूबर को गत चैंपियन इंग्लैंड से होगा।

बता दें कि अफगानिस्तानी टीम पहली बार भारत के खिलाफ उसी के घर में कोई वनडे मुकाबला खेलेगी।भारत और अफगानिस्तान के बीच अब तक 3 वनडे मैच खेले गए हैं, जिसमें दो मुकाबलों में भारतीय टीम ने जीत दर्ज की।जबकि एक मैच टाई रहा था। यह दोनों टीमों के बीच चौथा वनडे मुकाबला होगा।

भारतीय टीम की बात करें तो वह दिल्ली में चौथी बार विश्व कप में कोई मैच खेलेगी। एशियाई धरती पर चौथी बार टूर्नामेंट का आयोजन हो रहा है। इससे पहले तीनों मौकों पर दिल्ली में टीम इंडिया कम से कम एक मैच जरूर खेली है। 1987 में उसने ऑस्ट्रेलिया को 56 रन से हराया था। 1996 में श्रीलंका के खिलाफ छह विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, 2011 में नीदरलैंड को पांच विकेट से परास्त किया था। इस तरह टीम ने यहां तीन विश्व कप मैच में दो जीते हैं।

वनडे वर्ल्ड कप में भारत-अफगानिस्तान का स्क्वॉड:

भारतीय टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), ईशान किशन, विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद शमी, सूर्यकुमार यादव, शुभमन गिल, शार्दुल ठाकुर।

अफगानिस्तानी टीम: हशमतुल्लाह शाहिदी (कप्तान), रहमानुल्लाह गुरबाज, इब्राहिम जादरान, रियाज हसन, रहमत शाह, नजीबुल्लाह जादरान, मोहम्मद नबी, इकराम अलीखिल, अजमतुल्ला उमरजई, राशिद खान, मुजीब उर रहमान, नूर अहमद, फजलहक फारूकी, अब्दुल रहमान, नवीन उल हक।

अरुंधति रॉय पर चलेगा मुकदमा, दिल्ली के उपराज्यपाल ने दी मंजूरी

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दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने लेखिका अरुंधति रॉय और शेख शौकत हुसैन के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी दे दी है। इन दोनों पर 2010 में सार्वजनिक मंच से देश विरोधी भाषण देने का आरोप है। उपराज्यपाल कार्यालय ने मंगलवार को मामले को चलाने के लिए मंजूरी दी है।

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीआरपीसी की धारा 196 के तहत अरुंधतिरॉय और शेख शौकत हुसैन के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दे दी है। दोनों पर देश की एकता के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।कार्यालय ने कहा है कि कश्मीर केंद्रीय विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय कानून के पूर्व प्रोफेसर डॉ.हुसैन और अरुंधति रॉय के खिलाफ दिल्ली में एक सार्वजनिक समारोह में उनके दिए गए भाषणों के लिए आईपीसी की धारा 153ए, 153 बी और 505 के अंतर्गत अपराध बनता है।

उपराज्यपाल कार्यालय ने बताया है कि मामला राजद्रोह से संबंधित है फिर भी आईपीसी की धारा 124 ए के तहत मुकदमा की मंजूरी नहीं दी गई है। उच्चतम न्यायालय ने पांच मई 2022 को धारा 124ए (देशद्रोह) के तहत तय आरोप, लंबित मुकदमें और अपील की कार्यवाही को स्थगित कर दिया था। अभी संविधान पीठ के पास लंबित है। ऐसे में इस धारा के तहत अभियोजन की मंजूरी नहीं दी जा सकती है। इस मामले के दो अन्य आरोपी कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी और संसद में हुए हमले के आरोप से बरी और दिल्ली विश्वविद्यालय के व्याख्याता सैयद अब्दुल रहमान गिलानी की मौत हो गए है।

हेमकुंड साहिब आए पाकिस्तानी यात्रियों की बस हुई हादसे का शिकार, अनियंत्रित होकर खाई की तरफ लटकी, टला हादसा


उत्तराखंड के चमोली जिले में हेमकुंड साहिब की यात्रा पर पाकिस्तान से आए जत्थे की बस हादसे का शिकार हो गई। गोविंद घाट गुरुद्वारे की ओर आते समय बस अचानक तेज ढलान पर अनियंत्रित होकर सड़क के किनारे बिजली के तारों के साथ खाई की तरफ लटक गई। गनीमत रही कि बस खाई में नहीं गिरी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।

जानकारी के अनुसार, बस में 15 महिला, पुरुष व बच्चे सवार थे। बस हादसे की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष गोविन्दघाट पुलिस फोर्स के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने विभाग से बात कर बिजली सप्लाई बंद कराई। इसके बाद सभी यात्रियों को बस से बाहर निकाला गया। पुलिस द्वारा तत्काल मिली सहायता से संगत खुश हुई और उनका आभार जताया।

11 अक्टूबर को बंद होंगे उत्तराखंड में हेमकुंड व लोकपाल के कपाट, इस वर्ष 1.75 लाख श्रद्धालुओं ने दरबार में टेका मत्था


उत्तराखंड के चमोली जिले में समुद्रतल से 15225 फीट की ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट बंद करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। धाम को गेंदे के फूलों से सजाया जा रहा है।

दोनों धाम के कपाट 11 अक्टूबर को दोपहर डेढ़ बजे बंद किए जाने हैं। कपाटबंदी के मौके पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) का भी हेमकुंड साहिब पहुंचने का कार्यक्रम है। श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने गोविंदघाट में यह जानकारी दी।

इस वर्ष 1.75 तीर्थ यात्रियों ने टेका दरबार में मत्था

बिंद्रा ने बताया कि कपाटबंदी का साक्षी बनने के लिए पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ व दिल्ली से तीर्थयात्री बड़ी संख्या में गोविंदघाट और घांघरिया पहुंचने लगे हैं। इस वर्ष अब तक 1.75 लाख तीर्थयात्री दरबार साहिब में मत्था टेक चुके हैं।

सुबह दस बजे से कपाट बंद करने की प्रक्रिया होगी शुरू

बिंद्रा ने बताया कि 11 अक्टूबर को धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया सुबह दस बजे से शुरू होगी। सुखमणि साहिब पाठ के बाद 11:15 बजे सबद-कीर्तन होंगे और इसके करीब सवा घंटे बाद इस साल की अंतिम अरदास पढ़ी जाएगी।

शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे कपाट

दोपहर एक बजे गुरुग्रंथ साहिब का हुक्मनामा लिया जाएगा और फिर पंज प्यारों की अगुआई में गुरुग्रंथ साहिब को दरबार साहिब से सतखंड साहिब ले जाया जाएगा। इसके बाद शीतकाल के लिए धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। इस मौके पर गुरुद्वारा गोविंदघाट के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह भी मौजूद रहे।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचे राघव चड्ढा, राज्यसभा से सस्पेंशन के खिलाफ दी चुनौती

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आम आदमी पार्टी (आप) सांसद राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। अगस्त के महीने में राघव चड्ढा को निलंबित कर दिया गया था। 5 सांसदों की सहमति के बिना उनका नाम सेलेक्ट कमिटी के लिए प्रस्तावित करने के आरोप में उन्हें निलंबित किया गया था। मामला अभी संसद की विशेषाधिकार कमिटी के पास है। राघव ने अपने निलंबन को गलत बताया है। इसके अलावा उन्होंने सरकारी बंगला खाली करने का आदेश देने वाले ट्रायल कोर्ट के फैसले को भी दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी। जिस पर जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संजीव नरुला की बेंच 11 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।

करीब दो महीने पहले आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा पर दिल्ली सेवा विधेयक के संबंध में पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगा था। असल में चड्ढा ने इस मुद्दे पर प्रस्ताव पेश किया था। भारतीय जनता पार्टी के तीन, बीजू जनता दल के एक और अन्नाद्रमुक के एक सांसद ने प्रस्ताव पर नाम का विरोध किया। इसके बाद संसद में यह मसला उठा तो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जांच की मांग उठाई।फिर 11 अगस्त को संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राघव चड्ढा को पांच सांसदों के फर्जी हस्ताक्षर करने के आरोप में राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था।

सदन में बोलने का मौका नहीं देने के लिए माइक बंद कर देने के मुद्दे पर राघव चड्ढा ने विशेषाधिकार समिति के सामने भी अपनी बात रखी। अभी तक इस समिति की तरफ से कोई रिपोर्ट नहीं आई है, वहीं इससे पहले राघव चड्ढा अपने निलंबन को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंच गए हैं। दूसरी ओर राधव चड्ढा को सितंबर 2022 में दिल्ली पंडरा रोड पर टाइप-7 बंगला अलॉट हुआ था। राज्यसभा सचिवालय के आदेश पर इस बंगले को भी खाली कराने के लिए कार्रवाई हुई। मामला दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट राघव के सरकारी बंगले को खाली कराने के आदेश पर लगी अंतरिम रोक हटा दी थी।

नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के निधन की अफवाह, जानें बेटी ने क्या कहा?

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नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के निधन की अफवाह उड़ी थी।मंगलवार को सोशल मीडिया पर अमर्त्य सेन के निधन की खबर चल रही थी। हालांकि, अमर्त्य सेन के निधन की खबरों का उनकी बेटी नंदना देब सेन ने खंडन किया है। पीटीआई के हवाले से ये जानकारी सामने आई है। उन्होंने पिता नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की मौत की खबर से इनकार किया है।

नंदना देब सेन ने कही ये बात

नंदना देब सेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, 'दोस्तों, आपकी चिंता के लिए धन्यवाद लेकिन यह फर्जी खबर है। बाबा पूरी तरह से ठीक हैं। हमने कैंब्रिज में अपने परिवार के साथ एक शानदार सप्ताह बिताया। कल रात जब हमने बाय कहा तो उनका गले लगाना हमेशा की तरह मजबूत था! वह हार्वर्ड में हर हफ्ते 2 कोर्स पढ़ा रहे हैं और अपनी किताब पर काम कर रहे हैं। हमेशा की तरह व्यस्त!

ऐसे फैली अफवाह

दरअसल अर्थशास्त्र में नोबेल पुरस्कार विजेता क्लाउडिया गोल्डिन के एक अनवेरीफाइड अकाउंट से ट्वीट किया गया था, जिसमें बताया गया था कि अमर्त्य सेन का कुछ मिनट पहले निधन हो गया है। गोल्डिन ने एक्स पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा कि एक भयावह खबर है। मेरे सबसे प्रिय प्रोफेसर अमर्त्य सेन का कुछ मिनट पहले निधन हो गया है। वहीं, हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर कैस सनस्टीन रॉबर्ट वाल्मस्ले ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा कि अमर्त्य सेन की मृत्यु के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। मैं अब तक जितने लोगों को जानता हूं, उनकी बुद्धि अत्यंत प्रखर थी। वह दयालु, मजाकिया और शालीन थे, और कुछ साल पहले उनके साथ एक पाठ्यक्रम पढ़ाना खुशी और सौभाग्य की बात थी। दुनिया में एक खूबसूरत रोशनी बुझ गई है।उनके इस ट्वीट के बाद ही ये खबर वायरल होने लगी कि अमर्त्य सेन नहीं रहे। इसके बाद अमर्त्य सेन की बेटी नंदना देब सेन ने निधन की खबरों का खंडन किया।

अर्थशास्त्र में पहली बार नोबेल

बता दें कि साल 1998 में भारत के अमर्त्य सेन को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें अर्थशास्त्र के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वैसे इससे पहले भी कई भारतीयों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इसमें रवींद्रनाथ टैगौर, सीवी रमन, मदर टेरेसा शामिल है। लेकिन, अर्थशास्त्र में पहली बार भारत को ये पुरस्कार मिला था। इस वजह से भी भारत की काफी चर्चा हुई थी। बता दें कि अमर्त्य सेन के बाद कैलाश सत्यार्थी को भी इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

13 अक्टूबर तक बढ़ाई गई आप नेता संजय सिंह की हिरासत, कोर्ट में बोले सांसद- हो सकता है मेरा एनकाउंटर

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पांच दिन की रिमांड पूरी होने के बाद ईडी ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। ईडी को सांसद की फिर तीन की कस्टडी मिल गई है। ईडी ने कहा कि संजय सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे ईडी के सवालों के जवाब सही ढंग से नहीं दे रहे हैं। इसलिए 5 दिन का रिमांड और दिया जाए। इसके बाद ईडी को तीन की रिमांड की अनुमति मिल गई।

ईडी ने कोर्ट को बताया कि शराब व्यापारियों के लाइसेंस को क्लीयर करने के लिए घूस मांगी गई थी। ईडी ने कोर्ट में कहा कि घूस लेने के नहीं, घूस मांगने के सबूत हैं। शराब लाइसेंस के लिए घूस मांगी गई। सर्वेश मिश्रा भी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। जिसके लिए कल नया समन जारी किया गया है।

वहीं, संजय सिंह की वकील रेबेका जॉन ने कहा कि ईडी को कस्टडी का अधिकार नहीं है, जो मांगे जाने पर ऐसे ही मिल जाए। इसके लिए जांच एजेंसी के पास पुख्ता वजह होनी चाहिए। पिछले पांच दिन की जांच में बेतुके सवाल पूछे जा रहे हैं। संजय सिंह के हवाले से वकील ने कहा कि अगर मुझे सबूतों को मिटाना ही होता, तो मेरे पास 2021 से अब तक का समय था। ईडी की रिमांड दलीलों में नया कुछ नहीं है। संजय सिंह ने कोई फोन नष्ट नहीं किया। उनका पूरा घर CCTV से कवर है, CCTV में कोई बैग लेकर आता नहीं दिखा। अगर CDR में दिनेश अरोड़ा को फोन करने की तस्दीक होती है, तो सबूत आपके पास है, जांच कीजिए। संजय सिंह से पूछने की क्या जरूरत है।

सुनवाई के दौरान संजय सिंह ने कहा कि मुझसे रात के साढ़े दस बजे कहा गया कि आपको बाहर ले जाया जा रहा है। पूछने पर बताया कि तुगलक रोड थाने ले जा रहे हैं। मैंने फिर सवाल किया कि क्या जज की इजाजत ली है। मेरे अड़ने पर उन्होंने कहा कि मुझे लिखकर दीजिए। मैंने लिखकर दिया। दूसरे दिन भी यही हुआ।इसका मतलब है कि इनका दूसरा एजेंडा है। संजय सिंह ने कहा कि अगर बाहर ले जाकर मेरा एनकाउंटर कर दिया तो किसको जवाब देंगे। सिंह ने कहा कि अब जज साहब इनसे पूछिए, किस ऊपर वाले के कहने पर मुझे ऊपर भेजने की तैयारी थी, ये इनसे पूछिए। मेरा सिर्फ इतना अनुरोध है कि जहां भी ले जाना है, जज साहब को बता दीजिए।