सऊदी अरब और यूएई में दौड़ेगी “भारतीय रेल”, खाड़ी देशों में चीन के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए डोभाल ने संभाला मोर्चा
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सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात समेत कई खाड़ी देशों में जल्द भी भारत की बनाई ट्रेन दौड़ सकती है। इस परियोजना को लेकर अमेरिका, भारत, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच एक बैठक भी हुई है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल सऊदी अरब में सुरक्षा सलाहकारों के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा के बैठक में शामिल हुए। इस बैठक के दौरान सऊदी अरब में भारतीय रेलवे प्रोजेक्ट को शुरु करने को लेकर बातचीत हुई।
खाड़ी देशों में चीन के बढ़ते दबदबे को कम करने का प्लान
सऊदी अरब में भारत के रेल प्रोजेक्ट को शुरु करने के पीछे की खास वजह है, चीन के खाड़ी देशों में बढ़ते प्रभाव को रोकना। इस प्रोजेक्ट के तहत भारत सऊदी अरब में बंदरगाहों को शिपिंग लेन से जोड़ेगा। सूत्रों की मानें तो इस प्रोजेक्ट के डेवलपमेंट की खबर सबसे पहले अमेरिका की न्यूज वेबसाइट एक्सियोज ने दी थी। इसमें कहा गया है कि भारत में बनी ट्रेनें खाड़ी के कई देशों में जल्द दौड़ सकती हैं। भारत के अलावा अमेरिका भी संयुक्त अरब अमीरात में रेलवे प्रोजेक्ट से कामों में शामिल होना चाहता है। भारत और अमेरिका का खास मकसद है, चीन के खाड़ी देशों में बढ़ते दबदबे को कम करना। हाल के दिनों में चीन मध्य पूर्व देशों में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के जरिए काफी तेजी से निवेश कर रहा है।
अमेरिकी एनएसए भी बैठक में हुए शामिल
चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के जरिए मध्य पूर्व के देशों में तेजी से निवेश कर रहा है। ऐसे में रेल नेटवर्क की यह संयुक्त बुनियादी ढांचा परियोजना उन प्रमुख पहलों में से एक है जिसे व्हाइट हाउस मध्य पूर्व में तेजी से लागू करना चाहता है। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भी शनिवार से सऊदी अरब के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने इस परियोजना और अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए रविवार को अपने सऊदी, अमीराती और भारतीय समकक्षों से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान अन्य क्षेत्रीय मुद्दों समेत रेल नेटवर्क परियोजना के बारे में गंभीर चर्चा हुई।
भारत के होगा फायदा
भारत को सऊदी अरब में अपने रेलवे प्रोजेक्ट से कई तरह के फायदे हो सकते हैं। अगर यूएई में रेलवे परियोजना सफल होती है, तो इस तरह से अच्छे कनेक्टिविटी की वजह से कच्चे तेल के इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट में आसानी होगी। भारत को तेल के ट्रांसपोर्टेशन में कम खर्च आएगा। रेल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने से भारत में उन 80 लाख लोगों को मदद मिलेगी जो खाड़ी क्षेत्र में रहते हैं और काम करते हैं।
May 08 2023, 12:12