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Aug 29 2024, 13:52

हिंद महासागर में चीन की हर चाल होगी नाकाम, भारतीय नेवी की ताकत बढ़ाने आ रही आईएनएस अरिघात

#ins_arighat_commissioning_indian_navy_second_nuclear_powered_submarine

हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की नौसेना लगातार अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। भारत के लिए ये चिंता का विषय है। हालांकि, देश अपने दुश्मनों को नजरअंदाज नहीं करता, यही कारण है भारत लगातार अपनी सेना को मजबूत करने में लगा है। इसी क्रम में भारतीय नौसेना के बेड़े में आज आईएनएस अरिघात की एंट्री होने जा रही है।अरिघात को 2017 में लॉन्च किया गया था। तब से इसकी टेस्टिंग जारी रही। अब फाइनली इसे कमीशन किया जाएगा। आईएनएस अरिघात भारत की दूसरी न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन है। यह स्वदेशी परमाणु पनडुब्बियों की अरिहंत क्लास की दूसरी पनडुब्बी है। परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पहली स्वदेशी पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत है जिसे 2009 में नौसेना में शामिल किया गया था।

अरिघात शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका मतलब है ‘शत्रु का नाश करने वाला’। जैसा इसका नाम वैसा ही इसका काम भी है। यह किलर पनडुब्बी पानी की सतह पर 22 से 28 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है और समंदर की गहराई में भी 44 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। इसके अलावा यह महीनों तक पानी में रह सकती है।

लगभग 112 मीटर लंबी इस पनडुब्बी में K-15 मिसाइलें लगी हैं, जो 750 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं। 6,000 टन वजन की INS अरिघात लंबे ट्रायल्स और टेक्नोलॉजिकल अपग्रेड्स के बाद पूरी तरह से तैयार है। विशाखापत्तनम में एक गोपनीय कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में इस पनडुब्बी को नौसेना में शामिल किया जाएगा।

आईएनएस अरिहंत के साथ-साथ अब आईएनएस अरिघात के नौसेना में आने से भारतीय नेवी और मजबूत होगी। अरिघात, अरिहंत का एडवांस वर्जन है। दोनों ही समंदर के भीतर से परमाणु बम दागने की क्षमता रखते हैं। बस अंतर है मिसाइलों के अधिक कैरी करने का। अरिघात K15 मिसाइलों को अधिक ले जा सकता है। यह दुश्मनों को छिपकर ध्वस्त कर सकता है। भारत की ये ताकत दुश्मन देशों के लिए काल बन चुकी है। चीन के समुद्री विस्तार को लगाम लगाने के लिए भारत का हर एक कदम उसे पीछे खदेड़ेगा।

बता दें कि भारतीय नौसेना अब तक 3 न्यूक्लियर सबमरीन तैयार कर चुकी है। इसमें से एक अरिहंत कमीशंड है, दूसरी अरिघात मिलने वाली है और तीसरी S3 पर टेस्टिंग जारी है। इन सबमरीन के जरिए दुश्मन देशों पर परमाणु मिसाइल दागी जा सकती हैं।

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Aug 28 2024, 20:02

हिंद महासागर में चीन का बढ़ता दबदबाः ड्रैगन के मुकाबले कितनी मजबूत है भारतीय नौसेना

#india_vs_china_comparative_of_navy

इस समय दुनिया में युद्ध के कई मुहाने खुले हुए हैं। एक तरफ पिछले लगभग लगभग 3 वर्षों से रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है। वहीं अक्टूबर 2023 में इजरायल-फिलिस्तीन का युद्ध शुरू हो गया। इस बीच चीन ने खुद को इस जगह पर खड़ा कर लिया है, जहां से देखें तो वो जंग के लिए लालायित दिख रहा है। चीन की अपने पड़ोसी देशों की सीमाओं पर दखलअंदाजी कभी भी बड़ा “धमाका” करा सकती है। इस बीच चीन “स्ट्रिंग्स ऑफ पल्स प्रोजेक्ट” के जरिये भारत को उसकी सीमा के भीतर चारों ओर से घेरने की कोशिश कर रहा है। साथ ही पिछले कई वर्षों से हिंद महासागर में चीन ने अपनी मौजूदगी बढ़ा कर भारत की चिंता बढ़ाने का कम किया है।

भारत और चीन एशिया की दो महाशक्तियां मानी जातीं हैं।चीन-भारत प्रतिद्वंद्विता के संदर्भ में भारत की नौसैनिक क्षमताओं पर कोई भी चर्चा हिंद महासागर पर केंद्रित होनी चाहिए। भारत इसे अपने प्रभाव क्षेत्र के रूप में देखता है और वहां एक प्रमुख भूमिका निभाना चाहता है। हालांकि बिजिंग का कहना है कि “हिंद महासागर भारत का महासागर नहीं है।”

पिछले कई वर्षों से भारत हिंद महासागर में और खास तौर पर अपने नजदीकी पड़ोस में चीन की बढ़ती नौसैनिक मौजूदगी को लेकर चिंतित है। भारतीय अधिकारियों ने श्रीलंका के तट पर चीनी नौसैनिक जहाजों की मौजूदगी और बांग्लादेश द्वारा चीनी नौसैनिक प्लेटफॉर्म और पनडुब्बियों की खरीद पर बार-बार चिंता व्यक्त की है। इस संबंध में भारत के लक्ष्य रणनीतिक और भौगोलिक रूप से अच्छी तरह से परिभाषित हैं। भारत हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर पर नियंत्रण को अपनी सुरक्षा और आर्थिक हितों के लिए केंद्रीय मानता है।

भारत दक्षिण चीन सागर में चीन के क़दमों को लेकर चिंतित है। भारत नहीं चाहता कि चीनी नौसेना हिंद महासागर में भी अपनी गतिविधि बढ़ाए। भारत की चिंता की बड़ी वजह ये थी कि हंबनटोटा से चेन्नई, कोच्चि, और विशाखापत्तनम बंदरगाहों का फासला क़रीब 900 से 1500 किलोमीटर ही है। साथ ही भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए लॉन्च बेस इंफ्रास्ट्रक्चर देने वाला सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा भी क़रीब 1100 किलोमीटर की दूरी पर ही है। चीनी नौसेना की संख्या और गतिविधियां जिस तरह से हिन्द महासागर क्षेत्र में बढ़ती दिख रही हैं, जासूसी की सम्भावना भारत जैसे देशों के लिए एक बड़ी चिंता बन रही है।

यही वजह है कि भारत, पूर्व एशिया के देशों जैसे फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम के साथ सैन्य सहयोग बढ़ा रहा है। दरअसल, दक्षिण चीन सागर में इन देशों का चीन से सीमा विवाद है।वहीं, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दख़ल से मुक़ाबला करने के लिए भारत अपनी सेना ख़ासकर नौसेना की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है। इसके लिए भारत अपने समुद्री बेड़े में कई नई पनडुब्बियों को शामिल करने के अलावा सेना के उपकरणों को आधुनिक बना रहा है।

चीन के बढ़ते नौसैनिक प्रभाव के बीच बड़ा सवाल ये है कि चीनी नौसेना भारत के लिए कितना बड़ा ख़तरा है और उसके मुक़ाबले भारतीय नौसेना कहां खड़ी है?

चीनी नौसेना नंबर के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी है और ये तेजी से अपना आकार बढा रही है। तीन एयरक्राफ्ट कैरियर उसके पास मौजूद है और वो चौथे सुपर कैरियर की तैयारी कर चुका है। अभी नहीं लेकिन अगले 2-3 साल के अंदर ये एयरक्राफ्ट कैरियर हिंद महासागर क्षेत्र में भी दिखाई दे सकते हैं। सबमरीन और जंगी जहाज तो इस इलाके से होकर गुजरते ही हैं। लिहाजा एयरक्राफ्ट कैरियर और वॉरशिप का सबसे बड़ा किलर यानी सबमरीन की ताकत भारतीय नौसेना युद्ध स्तर पर बढ़ा रही है।

दुनिया में फिलहाल तीन तरह के सबमरीन है। पहला डीजल इलेक्ट्रिक पावर्ड सबमरीन है। फिलहाल भारत के पास 16 डीजल इलेक्ट्रिक पावर्ड सबमरीन और 1 बैलेस्टिक मिसाइल न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन है, जिसमें 1 बैलेस्टिक मिसाइल न्यूक्लियर सबमरीन (SSBN) INS अरिहंत तो सूत्रों के मुताबिक दूसरी अरिघात का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और जल्द वो भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। सूत्रों की माने तो भारतीय नौसेना को उनकी न्यूक्लियर पॉवर्ड अटैक सबमरीन (SSN) की मंजूरी भी सरकार से मिल सकती है।

ग्लोबल फायर पॉवर ने इस साल की शुरूआत में दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं की सूची जारी की थी।इस सूची के हिसाब से अमेरिका की सेना सबसे ताकतवर है। वहीं दूसरे नंबर पर रूस है वहीं चीन की सेना दुनिया में तीसरे नंबर पर आती है। इसके बाद भारत का नंबर आता है।सैन्य विमानों की तुलना करें तो चीन में 3,304 विमान हैं जबकि भारत के पास 2,296 विमान हैं।इसके साथ ही भारत के पास 4,614 टैंक मौजूद हैं तो चीन के पास 5,000 टैंक हैं। थल सेना के अलावा भारत की वायुसेना में 3,10,575 वायुसैनिक हैं और जलसेना में 1,42,252 सैनिक देश की जल सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। वहीं चीन की वायुसेना में 4,00,000 जवान है और इनकी जलसेना में 3,80,000 सैनिक हैं।

भारतीय नौसेना की शक्ति की बात की जाए तो नौसेना के पास दो एयरक्राफ्ट करियर हैं। आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत। भारतीय नौसेना के 11 से ज्यादा बेस हैं। जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, केरल, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, गोवा कर्नाटक और गुजरात में मौजूद हैं। भारतीय नौसेना के सबसे जरूरी काम है एम्यूनिशन सपोर्ट, लॉजिस्टिक्स, मेंटेनेंस सपोर्स, मार्कोस बेस, एयर स्टेशन, फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस, सबमरीन और मिसाइल बोट बेस आदि। आठ टैंक लैंडिंग जहाज, 12 विध्वंसक, 12 फ्रिगेट, दो न्यूकिल्यर बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन, 16 हमला सबमरीन, 22 कार्वेट, आठ लैंडिंग क्राफ्ट उपयोगिताएं, दस बड़े ऑफशोर पेट्रोलिंग शिप, पांच फ्लीट टैंकर और इसके साथ ही कई सारे सहायक जहाज और छोटी पेट्रोलिंग बोट्स भी मौजूद हैं।

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Jul 18 2024, 10:56

ओमान में INS तेग ने संभाला मोर्चा, 8 भारतीयों समेत नौ बचाए गए, कई अब भी लापता

#ins_teg_saved_8_indian_sailors_lives_when_oil_tanker_sunk_off_coast_of_oman 

ओमान तट के नजदीक तीन दिन पहले डूबे कोमोरोस के ध्वज वाले मालवाहक जहाज पर सवार 9 क्रू मेंबर्स को बचा लिया गया है। रक्षा अधिकारी ने बताया कि भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस तेग ने 8 भारतीयों और 1 श्रीलंकाई सहित 9 क्रू मेंबर्स को बचाया है।भारतीय नौसेना की संपत्ति और ओमानी एजेंसियां अभी भी क्षेत्र में खोज और बचाव अभियान चला रही हैं। बता दें कि 14 जुलाई को ओमान तट पर कोमोरोस के झंडे वाले एमटी फॉल्कन प्रस्टीज नामक जहाज पलट गया था। जिसके बाद उसमें सवार करीब 16 चालक दल के सदस्य लापता हो गए थें, जिनमें 13 भारतीय और 3 श्रीलंकाई थें।

भारतीय नौसेना ने खोज और बचाव अभियान चलाने के लिए ओमानी जहाजों और कर्मियों के साथ अपने समुद्री निगरानी विमान पी-8आई को भी तैनात किया था। चालक दल के शेष सदस्यों का पता लगाने के लिए क्षेत्र में खोज एवं बचाव अभियान जारी रहेगा। भारतीय और ओमानी सैनिक मिलकर चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में बचाव कार्य कर रहे हैं। इस क्षेत्र में समुद्र में उथल-पुथल और तेज हवाएं चल रही हैं। भारतीय नौसेना का लंबी दूरी का समुद्री टोही विमान P8I भी जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहा है।

ओमान स्थित भारतीय दूतावास खाड़ी देश के संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है। ओमान में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि दूतावास एमटी प्रेस्टीज फाल्कन के लिए ओमानी अधिकारियों और भारतीय नौसेना के साथ एसएआर ऑप्स का समन्वय कर रहा है। आईएनएस तेग द्वारा आज 8 भारतीयों सहित 9 चालक दल को बचा लिया गया है। बाकी बचे लोगों की तलाश लगातार जारी है।

बता दे कि जहाज एमटी फाल्कन प्रेस्टीज ने 14 जुलाई को रात लगभग 10 बजे ओमान के तट पर आपात संदेश भेजा था। उन्होंने बताया कि इस जहाज पर चालक दल के 16 सदस्य सवार थे जिनमें से 13 भारतीय हैं।

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Jan 30 2024, 14:27

अरब सागर में डाकुओं ने किडनैप कर ली थी कई नाव, फ़ौरन पहुंची इंडियन नेवी, 19 पाकिस्तानी नाविकों को बचाया

भारतीय युद्धपोत INS सुमित्रा ने एक बचाव अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिसमें 19 पाकिस्तानी नाविकों को सोमाली समुद्री डाकुओं से बचाया गया, जिन्होंने उनके मछली पकड़ने वाले जहाज का अपहरण कर लिया था। यह 36 घंटे की अवधि के भीतर INS सुमित्रा द्वारा चलाया गया दूसरा समुद्री डकैती विरोधी अभियान है। जहाज ने रविवार रात को एक इमरजेंसी कॉल का जवाब दिया, जिससे मछली पकड़ने वाले एक अन्य जहाज की सहायता की गई जो समुद्री डाकुओं का शिकार हो गया था।

इस घटना में ईरानी ध्वज वाला मछली पकड़ने वाला जहाज अल नईमी शामिल था, जिसे सोमवार को सशस्त्र समुद्री डाकुओं ने जब्त कर लिया था। चालक दल के 19 सदस्यों, सभी पाकिस्तानी राष्ट्रीयता के, को बंधक बना लिया गया। उभरते संकट की त्वरित और निर्णायक प्रतिक्रिया में, INS सुमित्रा ने 29 जनवरी को मुखर रणनीति का उपयोग करके और अपने हेलीकॉप्टर और नौकाओं को प्रभावी ढंग से तैनात करके मछली पकड़ने वाले जहाज को रोक दिया। इस रणनीतिक दृष्टिकोण ने चालक दल और पकड़े गए जहाज दोनों की सुरक्षित रिहाई को मजबूर किया।

नौसेना ने जहाज की त्वरित कार्रवाई पर प्रकाश डालते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि, "INS सुमित्रा ने 29 जनवरी की शाम को मछली पकड़ने वाले जहाज को रोक लिया और अपने अभिन्न हेलीकॉप्टर और नौकाओं की जबरदस्त मुद्रा और प्रभावी तैनाती के माध्यम से चालक दल और जहाज की सुरक्षित रिहाई को मजबूर किया।" इसके अतिरिक्त, युद्धपोत ने सोमाली समुद्री डाकुओं द्वारा बंदी बनाए गए चालक दल की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए पुष्टिकरण बोर्डिंग का आयोजन किया।

AhanShubh6000

Jan 02 2024, 09:24

Chess news

Carlsen wins fifth Rapid World Championship

Magnus Carlsen won the 2023 FIDE World Rapid Chess Championship for the fifth time, earning $60,000.

Praggnanandhaa draws with Carlsen

Praggnanandhaa forced a stalemate against Carlsen in the first classical game of the 2023 Chess World Cup final.

Indian chess teams win silver medals

The Indian men's and women's chess teams both won silver medals at the Asian Games in Hangzhou.

Levan Pantsulaia wins 2023 Meghalaya GM Open

Levan Pantsulaia won the 2023 Meghalaya GM Open, with Aronyak Ghosh and Ratnakaran placing second and third.

Magnus Carlsen and Valentina Gunina win 2023 World Blitz

Magnus Carlsen and Valentina Gunina won the 2023 World Blitz.

Here are other exciting chess news

  • Anish Giri won his first Tata Steel Masters.
  • Hou Yifan continues to top the women's list, and Bibisara Assaubayeva is the world's best female junior.
  • Indian chess made rapid progress in 2023.
  • Indian chess players' valuables were stolen after multiple room break-ins in Spain.
  • India shined at the 25th Asian Youth Chess Championship in UAE.
  • Gukesh is closing in on Candidates qualification.

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Nov 24 2023, 16:09

अब चीन के 'छक्के छुड़ाने' की तैयारी शुरू ! तीन मेगा प्रोजेक्ट में जुटी भारतीय वायुसेना, ताकत में होगा जबरदस्त इजाफा

 रक्षा क्षेत्र में भारत लगातार आत्मनिर्भर होता जा रहा है। कभी हथियार और रक्षा उपकरणों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहने वाला भारत, अब दुनिया के लगभग 90 देशों को घर में बने हथियार बेच रहा है। साथ ही बॉर्डर से सटे दो दुश्मन देशों, चीन-पाकिस्तान की चुनौती को देखते हुए भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा कर रहा है। अब भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से तीन प्रमुख रक्षा परियोजनाओं को शुरू करने के लिए तैयार है। इन परियोजनाओं में एक विमान वाहक का निर्माण, 97 तेजस लड़ाकू विमानों का उत्पादन और 156 प्रचंड हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का विकास शामिल है, जिनकी कुल लागत लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में रक्षा परिषद ने 30 नवंबर को एक बैठक के दौरान "आवश्यकता की स्वीकृति (AON)" चरण में अपनी प्रारंभिक मंजूरी दे दी है।

तेजस लड़ाकू विमान परियोजना

प्रस्तावित रक्षा परियोजनाएं कैबिनेट समिति द्वारा आगे की मंजूरी के अधीन हैं। मंजूरी मिलते ही, वाणिज्यिक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जिसमें संबंधित परियोजनाओं के लिए कंपनियों का चयन शामिल होगा। 97 तेजस 1ए लड़ाकू विमान के निर्माण की अनुमानित लागत लगभग 55 करोड़ रुपये है। गौरतलब है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पहले से ही तेजस लड़ाकू विमान बनाने में लगी हुई है और अतिरिक्त 83 मार्क 1ए विमान का ऑर्डर दिया गया है, जिसकी लागत करीब 47 हजार करोड़ रुपये है। इन 83 विमानों की डिलीवरी फरवरी 2024 से फरवरी 2028 तक निर्धारित है।

एयरक्राफ्ट करियर 

INS विक्रांत की तरह ही डिजाइन किए गए विमानवाहक पोत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड में होगा, जिसकी अनुमानित लागत 40 हजार करोड़ रुपये होगी। वाहक के 8 से 10 वर्षों में पूरा होने का अनुमान है। नौसेना की रूसी मूल के INS विक्रमादित्य जैसा एक वाहक हासिल करने की भी योजना है। वर्तमान में रूस से खरीदे गए 40 मिग-29के जेट से सुसज्जित, भारतीय नौसेना DRDO के माध्यम से अपना स्वयं का डेक-आधारित लड़ाकू विमान विकसित करने पर काम कर रही है, जिसके लगभग एक दशक में बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है।

लड़ाकू हेलीकाप्टर का निर्माण

विमानवाहक पोत और लड़ाकू विमानों के अलावा, सेना को 15 नए लड़ाकू हेलीकॉप्टर मिलने की तैयारी है। पिछले साल, पर्वतीय युद्ध के लिए डिज़ाइन किए गए 5.8-टन भारी हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता की पहचान की गई थी, जो 20 मिमी बंदूक, 70 मिमी रॉकेट प्रणाली और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को ले जाने में सक्षम थे। 1999 के संघर्ष के दौरान इस क्षमता को आवश्यक समझा गया था, लेकिन उसके बाद से कदम नहीं उठाए गए। दो परिचालन विमान वाहकों के साथ चीन तेजी से अपने वाहक बेड़े को आगे बढ़ा रहा है, उसने दो और वाहकों का निर्माण शुरू कर दिया है। यह महत्वपूर्ण रक्षा विस्तार विभिन्न मोर्चों पर अपनी सैन्य क्षमताओं और तैयारियों को बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

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Nov 21 2023, 18:23

हेलीकाप्टर से दागेंगे मिसाइल, 500 किमी दूर बैठा दुश्मन होगा नष्ट, भारतीय नौसेना ने किया सफल परिक्षण


'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में आगे बढ़ते हुए, भारतीय नौसेना ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ मिलकर 21 नवंबर को सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर से पहली स्वदेशी रूप से विकसित नौसेना एंटी-शिप मिसाइल का निर्देशित उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक कर लिया है। इससे पहले अक्टूबर में, रिपोर्ट आई थी कि DRDO बहुप्रतीक्षित लंबी दूरी की एंटी-शिप मिसाइल (LRASM) का परीक्षण करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाएगी, खासकर विस्तारित रेंज के साथ जहाज-आधारित मिसाइल प्रणालियों के क्षेत्र में ये मार्क सिद्ध होगी।

रिपोर्ट में कहा कि मिसाइल की मारक क्षमता 500 किलोमीटर हो सकती है, जो सुपरसोनिक इंडो-रूसी क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस द्वारा दी गई 350-400 किलोमीटर की रेंज से अधिक है। इससे पहले मई 2022 में भी, भारत ने कम दूरी की श्रेणी में आने वाली अपनी पहली स्वदेश निर्मित एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण किया, जिसका वजन लगभग 380 किलोग्राम था और इसकी मारक क्षमता 55 किलोमीटर थी। इन्हें 'नेवल एंटी-शिप मिसाइल-शॉर्ट रेंज' (NASM-SR) नाम दिया गया है, इन्हें हमलावर हेलीकॉप्टरों से लॉन्च किया जा सकता है।

MRSAM परीक्षण

बता दें कि, इस साल मार्च में, भारतीय नौसेना ने 'एंटी शिप मिसाइलों' को मार गिराने की क्षमता को प्रमाणित करते हुए INS विशाखापत्तनम से सफलतापूर्वक MRSAM (मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल) फायरिंग की थी। मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और इजरायली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई थी।

लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने फरवरी में एक प्रेस बयान जारी कर कहा था, 'MRSAM हथियार प्रणाली जिसे 'अभ्र' हथियार प्रणाली भी कहा जाता है, एक अत्याधुनिक मध्यम दूरी की वायु रक्षा हथियार प्रणाली है। MSME सहित भारतीय सार्वजनिक और निजी रक्षा उद्योग भागीदारों की सक्रिय भागीदारी के साथ DRDO और इज़राइली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) का संयुक्त उद्यम।"

MRSAM

बता दें कि, MRSAM 70 किलोमीटर की दूरी तक कई लक्ष्यों को भेद सकता है। कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (CMS), मोबाइल लॉन्चर सिस्टम (MLS), एडवांस्ड लॉन्ग रेंज रडार, मोबाइल पावर सिस्टम (MPS), रडार पावर सिस्टम (RPS), रीलोडर व्हीकल (RV), और फील्ड सर्विस व्हीकल में मिसाइल सिस्टम शामिल है, जो स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट मोटर और नियंत्रण प्रणाली (FSV) द्वारा संचालित है।

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Nov 05 2023, 13:18

केरल में हादसे का शिकार हुआ भारतीय नौसेना का हेलीकॉप्टर, एक अफसर का दुखद निधन

केरल में शनिवार को दुखद हादसा हो गया। राज्य के कोच्ची में शनिवार दोपहर चेतक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से नौसेना के एक अधिकारी की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रनवे पर मौजूद नौसेना अधिकारी की हेलिकॉप्टर के रोटर ब्लेड की चपेट में आने से मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार, यह दुर्घटना यहां नौसेना मुख्यालय में INS गरुड़ रनवे पर हुई। शुरुआती रिपोर्टों में दावा किया गया है कि दुर्घटना में हेलिकॉप्टर के पायलट समेत दो लोग घायल हो गए। दोनों का नौसेना मुख्यालय के संजीवनी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार दोपहर करीब 2.30 बजे नियमित प्रशिक्षण के दौरान हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। भारतीय नौसेना की ओर से आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। हादसे के बाद कोच्चि हार्बर पुलिस मौके पर पहुंच गई है।

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Nov 04 2023, 19:29

Arunachal Pradesh : APSSB Personal Asst (Stenographer Gr III) Online Form 2023

Name of Organization : Government of Arunachal Pradesh, Arunachal Pradesh

Advt No. : 05/2023

Important Dates :

  • Starting Date : 15-11-2023
  • Last Date : 05-12-2023
  • Tentative Date for Written Exam : 25-02-2024
  • Tentative date of Proficiency Test : 21-01-2024

Total Vacancy : 90

Qualifications : Diploma/ Degree (Relevant Discipline).

Age Limit : 18-35 Yrs.

Application Fee :

  • For APST : ₹150/-
  • For General : ₹200/-
  • For PWD : Free

For More Details, Please Read Official Notification Carefully OR Visit Official Website.

Important Links :

Apply Online : Available on 15-11-2023

Download Notification : Click Here

Official Website : Click Here

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Oct 16 2023, 15:32

Arunachal Pradesh : APSSB Combined Secondary Level Exam 2023 PET/PST Result

Advt No. : 03/2023

Total Vacancy : 1391

Download PET/PST Result : Click Here

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Official Website : Click here

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Aug 29 2024, 13:52

हिंद महासागर में चीन की हर चाल होगी नाकाम, भारतीय नेवी की ताकत बढ़ाने आ रही आईएनएस अरिघात

#ins_arighat_commissioning_indian_navy_second_nuclear_powered_submarine

हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की नौसेना लगातार अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। भारत के लिए ये चिंता का विषय है। हालांकि, देश अपने दुश्मनों को नजरअंदाज नहीं करता, यही कारण है भारत लगातार अपनी सेना को मजबूत करने में लगा है। इसी क्रम में भारतीय नौसेना के बेड़े में आज आईएनएस अरिघात की एंट्री होने जा रही है।अरिघात को 2017 में लॉन्च किया गया था। तब से इसकी टेस्टिंग जारी रही। अब फाइनली इसे कमीशन किया जाएगा। आईएनएस अरिघात भारत की दूसरी न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन है। यह स्वदेशी परमाणु पनडुब्बियों की अरिहंत क्लास की दूसरी पनडुब्बी है। परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पहली स्वदेशी पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत है जिसे 2009 में नौसेना में शामिल किया गया था।

अरिघात शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका मतलब है ‘शत्रु का नाश करने वाला’। जैसा इसका नाम वैसा ही इसका काम भी है। यह किलर पनडुब्बी पानी की सतह पर 22 से 28 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है और समंदर की गहराई में भी 44 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है। इसके अलावा यह महीनों तक पानी में रह सकती है।

लगभग 112 मीटर लंबी इस पनडुब्बी में K-15 मिसाइलें लगी हैं, जो 750 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं। 6,000 टन वजन की INS अरिघात लंबे ट्रायल्स और टेक्नोलॉजिकल अपग्रेड्स के बाद पूरी तरह से तैयार है। विशाखापत्तनम में एक गोपनीय कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में इस पनडुब्बी को नौसेना में शामिल किया जाएगा।

आईएनएस अरिहंत के साथ-साथ अब आईएनएस अरिघात के नौसेना में आने से भारतीय नेवी और मजबूत होगी। अरिघात, अरिहंत का एडवांस वर्जन है। दोनों ही समंदर के भीतर से परमाणु बम दागने की क्षमता रखते हैं। बस अंतर है मिसाइलों के अधिक कैरी करने का। अरिघात K15 मिसाइलों को अधिक ले जा सकता है। यह दुश्मनों को छिपकर ध्वस्त कर सकता है। भारत की ये ताकत दुश्मन देशों के लिए काल बन चुकी है। चीन के समुद्री विस्तार को लगाम लगाने के लिए भारत का हर एक कदम उसे पीछे खदेड़ेगा।

बता दें कि भारतीय नौसेना अब तक 3 न्यूक्लियर सबमरीन तैयार कर चुकी है। इसमें से एक अरिहंत कमीशंड है, दूसरी अरिघात मिलने वाली है और तीसरी S3 पर टेस्टिंग जारी है। इन सबमरीन के जरिए दुश्मन देशों पर परमाणु मिसाइल दागी जा सकती हैं।

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Aug 28 2024, 20:02

हिंद महासागर में चीन का बढ़ता दबदबाः ड्रैगन के मुकाबले कितनी मजबूत है भारतीय नौसेना

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इस समय दुनिया में युद्ध के कई मुहाने खुले हुए हैं। एक तरफ पिछले लगभग लगभग 3 वर्षों से रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है। वहीं अक्टूबर 2023 में इजरायल-फिलिस्तीन का युद्ध शुरू हो गया। इस बीच चीन ने खुद को इस जगह पर खड़ा कर लिया है, जहां से देखें तो वो जंग के लिए लालायित दिख रहा है। चीन की अपने पड़ोसी देशों की सीमाओं पर दखलअंदाजी कभी भी बड़ा “धमाका” करा सकती है। इस बीच चीन “स्ट्रिंग्स ऑफ पल्स प्रोजेक्ट” के जरिये भारत को उसकी सीमा के भीतर चारों ओर से घेरने की कोशिश कर रहा है। साथ ही पिछले कई वर्षों से हिंद महासागर में चीन ने अपनी मौजूदगी बढ़ा कर भारत की चिंता बढ़ाने का कम किया है।

भारत और चीन एशिया की दो महाशक्तियां मानी जातीं हैं।चीन-भारत प्रतिद्वंद्विता के संदर्भ में भारत की नौसैनिक क्षमताओं पर कोई भी चर्चा हिंद महासागर पर केंद्रित होनी चाहिए। भारत इसे अपने प्रभाव क्षेत्र के रूप में देखता है और वहां एक प्रमुख भूमिका निभाना चाहता है। हालांकि बिजिंग का कहना है कि “हिंद महासागर भारत का महासागर नहीं है।”

पिछले कई वर्षों से भारत हिंद महासागर में और खास तौर पर अपने नजदीकी पड़ोस में चीन की बढ़ती नौसैनिक मौजूदगी को लेकर चिंतित है। भारतीय अधिकारियों ने श्रीलंका के तट पर चीनी नौसैनिक जहाजों की मौजूदगी और बांग्लादेश द्वारा चीनी नौसैनिक प्लेटफॉर्म और पनडुब्बियों की खरीद पर बार-बार चिंता व्यक्त की है। इस संबंध में भारत के लक्ष्य रणनीतिक और भौगोलिक रूप से अच्छी तरह से परिभाषित हैं। भारत हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर पर नियंत्रण को अपनी सुरक्षा और आर्थिक हितों के लिए केंद्रीय मानता है।

भारत दक्षिण चीन सागर में चीन के क़दमों को लेकर चिंतित है। भारत नहीं चाहता कि चीनी नौसेना हिंद महासागर में भी अपनी गतिविधि बढ़ाए। भारत की चिंता की बड़ी वजह ये थी कि हंबनटोटा से चेन्नई, कोच्चि, और विशाखापत्तनम बंदरगाहों का फासला क़रीब 900 से 1500 किलोमीटर ही है। साथ ही भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए लॉन्च बेस इंफ्रास्ट्रक्चर देने वाला सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा भी क़रीब 1100 किलोमीटर की दूरी पर ही है। चीनी नौसेना की संख्या और गतिविधियां जिस तरह से हिन्द महासागर क्षेत्र में बढ़ती दिख रही हैं, जासूसी की सम्भावना भारत जैसे देशों के लिए एक बड़ी चिंता बन रही है।

यही वजह है कि भारत, पूर्व एशिया के देशों जैसे फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम के साथ सैन्य सहयोग बढ़ा रहा है। दरअसल, दक्षिण चीन सागर में इन देशों का चीन से सीमा विवाद है।वहीं, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते दख़ल से मुक़ाबला करने के लिए भारत अपनी सेना ख़ासकर नौसेना की क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है। इसके लिए भारत अपने समुद्री बेड़े में कई नई पनडुब्बियों को शामिल करने के अलावा सेना के उपकरणों को आधुनिक बना रहा है।

चीन के बढ़ते नौसैनिक प्रभाव के बीच बड़ा सवाल ये है कि चीनी नौसेना भारत के लिए कितना बड़ा ख़तरा है और उसके मुक़ाबले भारतीय नौसेना कहां खड़ी है?

चीनी नौसेना नंबर के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी है और ये तेजी से अपना आकार बढा रही है। तीन एयरक्राफ्ट कैरियर उसके पास मौजूद है और वो चौथे सुपर कैरियर की तैयारी कर चुका है। अभी नहीं लेकिन अगले 2-3 साल के अंदर ये एयरक्राफ्ट कैरियर हिंद महासागर क्षेत्र में भी दिखाई दे सकते हैं। सबमरीन और जंगी जहाज तो इस इलाके से होकर गुजरते ही हैं। लिहाजा एयरक्राफ्ट कैरियर और वॉरशिप का सबसे बड़ा किलर यानी सबमरीन की ताकत भारतीय नौसेना युद्ध स्तर पर बढ़ा रही है।

दुनिया में फिलहाल तीन तरह के सबमरीन है। पहला डीजल इलेक्ट्रिक पावर्ड सबमरीन है। फिलहाल भारत के पास 16 डीजल इलेक्ट्रिक पावर्ड सबमरीन और 1 बैलेस्टिक मिसाइल न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन है, जिसमें 1 बैलेस्टिक मिसाइल न्यूक्लियर सबमरीन (SSBN) INS अरिहंत तो सूत्रों के मुताबिक दूसरी अरिघात का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और जल्द वो भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। सूत्रों की माने तो भारतीय नौसेना को उनकी न्यूक्लियर पॉवर्ड अटैक सबमरीन (SSN) की मंजूरी भी सरकार से मिल सकती है।

ग्लोबल फायर पॉवर ने इस साल की शुरूआत में दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं की सूची जारी की थी।इस सूची के हिसाब से अमेरिका की सेना सबसे ताकतवर है। वहीं दूसरे नंबर पर रूस है वहीं चीन की सेना दुनिया में तीसरे नंबर पर आती है। इसके बाद भारत का नंबर आता है।सैन्य विमानों की तुलना करें तो चीन में 3,304 विमान हैं जबकि भारत के पास 2,296 विमान हैं।इसके साथ ही भारत के पास 4,614 टैंक मौजूद हैं तो चीन के पास 5,000 टैंक हैं। थल सेना के अलावा भारत की वायुसेना में 3,10,575 वायुसैनिक हैं और जलसेना में 1,42,252 सैनिक देश की जल सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। वहीं चीन की वायुसेना में 4,00,000 जवान है और इनकी जलसेना में 3,80,000 सैनिक हैं।

भारतीय नौसेना की शक्ति की बात की जाए तो नौसेना के पास दो एयरक्राफ्ट करियर हैं। आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत। भारतीय नौसेना के 11 से ज्यादा बेस हैं। जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, केरल, लक्षद्वीप, महाराष्ट्र, गोवा कर्नाटक और गुजरात में मौजूद हैं। भारतीय नौसेना के सबसे जरूरी काम है एम्यूनिशन सपोर्ट, लॉजिस्टिक्स, मेंटेनेंस सपोर्स, मार्कोस बेस, एयर स्टेशन, फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस, सबमरीन और मिसाइल बोट बेस आदि। आठ टैंक लैंडिंग जहाज, 12 विध्वंसक, 12 फ्रिगेट, दो न्यूकिल्यर बैलिस्टिक मिसाइल सबमरीन, 16 हमला सबमरीन, 22 कार्वेट, आठ लैंडिंग क्राफ्ट उपयोगिताएं, दस बड़े ऑफशोर पेट्रोलिंग शिप, पांच फ्लीट टैंकर और इसके साथ ही कई सारे सहायक जहाज और छोटी पेट्रोलिंग बोट्स भी मौजूद हैं।

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Jul 18 2024, 10:56

ओमान में INS तेग ने संभाला मोर्चा, 8 भारतीयों समेत नौ बचाए गए, कई अब भी लापता

#ins_teg_saved_8_indian_sailors_lives_when_oil_tanker_sunk_off_coast_of_oman 

ओमान तट के नजदीक तीन दिन पहले डूबे कोमोरोस के ध्वज वाले मालवाहक जहाज पर सवार 9 क्रू मेंबर्स को बचा लिया गया है। रक्षा अधिकारी ने बताया कि भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस तेग ने 8 भारतीयों और 1 श्रीलंकाई सहित 9 क्रू मेंबर्स को बचाया है।भारतीय नौसेना की संपत्ति और ओमानी एजेंसियां अभी भी क्षेत्र में खोज और बचाव अभियान चला रही हैं। बता दें कि 14 जुलाई को ओमान तट पर कोमोरोस के झंडे वाले एमटी फॉल्कन प्रस्टीज नामक जहाज पलट गया था। जिसके बाद उसमें सवार करीब 16 चालक दल के सदस्य लापता हो गए थें, जिनमें 13 भारतीय और 3 श्रीलंकाई थें।

भारतीय नौसेना ने खोज और बचाव अभियान चलाने के लिए ओमानी जहाजों और कर्मियों के साथ अपने समुद्री निगरानी विमान पी-8आई को भी तैनात किया था। चालक दल के शेष सदस्यों का पता लगाने के लिए क्षेत्र में खोज एवं बचाव अभियान जारी रहेगा। भारतीय और ओमानी सैनिक मिलकर चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में बचाव कार्य कर रहे हैं। इस क्षेत्र में समुद्र में उथल-पुथल और तेज हवाएं चल रही हैं। भारतीय नौसेना का लंबी दूरी का समुद्री टोही विमान P8I भी जीवित बचे लोगों की तलाश कर रहा है।

ओमान स्थित भारतीय दूतावास खाड़ी देश के संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है। ओमान में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि दूतावास एमटी प्रेस्टीज फाल्कन के लिए ओमानी अधिकारियों और भारतीय नौसेना के साथ एसएआर ऑप्स का समन्वय कर रहा है। आईएनएस तेग द्वारा आज 8 भारतीयों सहित 9 चालक दल को बचा लिया गया है। बाकी बचे लोगों की तलाश लगातार जारी है।

बता दे कि जहाज एमटी फाल्कन प्रेस्टीज ने 14 जुलाई को रात लगभग 10 बजे ओमान के तट पर आपात संदेश भेजा था। उन्होंने बताया कि इस जहाज पर चालक दल के 16 सदस्य सवार थे जिनमें से 13 भारतीय हैं।

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Jan 30 2024, 14:27

अरब सागर में डाकुओं ने किडनैप कर ली थी कई नाव, फ़ौरन पहुंची इंडियन नेवी, 19 पाकिस्तानी नाविकों को बचाया

भारतीय युद्धपोत INS सुमित्रा ने एक बचाव अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया, जिसमें 19 पाकिस्तानी नाविकों को सोमाली समुद्री डाकुओं से बचाया गया, जिन्होंने उनके मछली पकड़ने वाले जहाज का अपहरण कर लिया था। यह 36 घंटे की अवधि के भीतर INS सुमित्रा द्वारा चलाया गया दूसरा समुद्री डकैती विरोधी अभियान है। जहाज ने रविवार रात को एक इमरजेंसी कॉल का जवाब दिया, जिससे मछली पकड़ने वाले एक अन्य जहाज की सहायता की गई जो समुद्री डाकुओं का शिकार हो गया था।

इस घटना में ईरानी ध्वज वाला मछली पकड़ने वाला जहाज अल नईमी शामिल था, जिसे सोमवार को सशस्त्र समुद्री डाकुओं ने जब्त कर लिया था। चालक दल के 19 सदस्यों, सभी पाकिस्तानी राष्ट्रीयता के, को बंधक बना लिया गया। उभरते संकट की त्वरित और निर्णायक प्रतिक्रिया में, INS सुमित्रा ने 29 जनवरी को मुखर रणनीति का उपयोग करके और अपने हेलीकॉप्टर और नौकाओं को प्रभावी ढंग से तैनात करके मछली पकड़ने वाले जहाज को रोक दिया। इस रणनीतिक दृष्टिकोण ने चालक दल और पकड़े गए जहाज दोनों की सुरक्षित रिहाई को मजबूर किया।

नौसेना ने जहाज की त्वरित कार्रवाई पर प्रकाश डालते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि, "INS सुमित्रा ने 29 जनवरी की शाम को मछली पकड़ने वाले जहाज को रोक लिया और अपने अभिन्न हेलीकॉप्टर और नौकाओं की जबरदस्त मुद्रा और प्रभावी तैनाती के माध्यम से चालक दल और जहाज की सुरक्षित रिहाई को मजबूर किया।" इसके अतिरिक्त, युद्धपोत ने सोमाली समुद्री डाकुओं द्वारा बंदी बनाए गए चालक दल की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए पुष्टिकरण बोर्डिंग का आयोजन किया।

AhanShubh6000

Jan 02 2024, 09:24

Chess news

Carlsen wins fifth Rapid World Championship

Magnus Carlsen won the 2023 FIDE World Rapid Chess Championship for the fifth time, earning $60,000.

Praggnanandhaa draws with Carlsen

Praggnanandhaa forced a stalemate against Carlsen in the first classical game of the 2023 Chess World Cup final.

Indian chess teams win silver medals

The Indian men's and women's chess teams both won silver medals at the Asian Games in Hangzhou.

Levan Pantsulaia wins 2023 Meghalaya GM Open

Levan Pantsulaia won the 2023 Meghalaya GM Open, with Aronyak Ghosh and Ratnakaran placing second and third.

Magnus Carlsen and Valentina Gunina win 2023 World Blitz

Magnus Carlsen and Valentina Gunina won the 2023 World Blitz.

Here are other exciting chess news

  • Anish Giri won his first Tata Steel Masters.
  • Hou Yifan continues to top the women's list, and Bibisara Assaubayeva is the world's best female junior.
  • Indian chess made rapid progress in 2023.
  • Indian chess players' valuables were stolen after multiple room break-ins in Spain.
  • India shined at the 25th Asian Youth Chess Championship in UAE.
  • Gukesh is closing in on Candidates qualification.

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Nov 24 2023, 16:09

अब चीन के 'छक्के छुड़ाने' की तैयारी शुरू ! तीन मेगा प्रोजेक्ट में जुटी भारतीय वायुसेना, ताकत में होगा जबरदस्त इजाफा

 रक्षा क्षेत्र में भारत लगातार आत्मनिर्भर होता जा रहा है। कभी हथियार और रक्षा उपकरणों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहने वाला भारत, अब दुनिया के लगभग 90 देशों को घर में बने हथियार बेच रहा है। साथ ही बॉर्डर से सटे दो दुश्मन देशों, चीन-पाकिस्तान की चुनौती को देखते हुए भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा कर रहा है। अब भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के उद्देश्य से तीन प्रमुख रक्षा परियोजनाओं को शुरू करने के लिए तैयार है। इन परियोजनाओं में एक विमान वाहक का निर्माण, 97 तेजस लड़ाकू विमानों का उत्पादन और 156 प्रचंड हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का विकास शामिल है, जिनकी कुल लागत लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में रक्षा परिषद ने 30 नवंबर को एक बैठक के दौरान "आवश्यकता की स्वीकृति (AON)" चरण में अपनी प्रारंभिक मंजूरी दे दी है।

तेजस लड़ाकू विमान परियोजना

प्रस्तावित रक्षा परियोजनाएं कैबिनेट समिति द्वारा आगे की मंजूरी के अधीन हैं। मंजूरी मिलते ही, वाणिज्यिक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जिसमें संबंधित परियोजनाओं के लिए कंपनियों का चयन शामिल होगा। 97 तेजस 1ए लड़ाकू विमान के निर्माण की अनुमानित लागत लगभग 55 करोड़ रुपये है। गौरतलब है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पहले से ही तेजस लड़ाकू विमान बनाने में लगी हुई है और अतिरिक्त 83 मार्क 1ए विमान का ऑर्डर दिया गया है, जिसकी लागत करीब 47 हजार करोड़ रुपये है। इन 83 विमानों की डिलीवरी फरवरी 2024 से फरवरी 2028 तक निर्धारित है।

एयरक्राफ्ट करियर 

INS विक्रांत की तरह ही डिजाइन किए गए विमानवाहक पोत का निर्माण कोचीन शिपयार्ड में होगा, जिसकी अनुमानित लागत 40 हजार करोड़ रुपये होगी। वाहक के 8 से 10 वर्षों में पूरा होने का अनुमान है। नौसेना की रूसी मूल के INS विक्रमादित्य जैसा एक वाहक हासिल करने की भी योजना है। वर्तमान में रूस से खरीदे गए 40 मिग-29के जेट से सुसज्जित, भारतीय नौसेना DRDO के माध्यम से अपना स्वयं का डेक-आधारित लड़ाकू विमान विकसित करने पर काम कर रही है, जिसके लगभग एक दशक में बेड़े में शामिल होने की उम्मीद है।

लड़ाकू हेलीकाप्टर का निर्माण

विमानवाहक पोत और लड़ाकू विमानों के अलावा, सेना को 15 नए लड़ाकू हेलीकॉप्टर मिलने की तैयारी है। पिछले साल, पर्वतीय युद्ध के लिए डिज़ाइन किए गए 5.8-टन भारी हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता की पहचान की गई थी, जो 20 मिमी बंदूक, 70 मिमी रॉकेट प्रणाली और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को ले जाने में सक्षम थे। 1999 के संघर्ष के दौरान इस क्षमता को आवश्यक समझा गया था, लेकिन उसके बाद से कदम नहीं उठाए गए। दो परिचालन विमान वाहकों के साथ चीन तेजी से अपने वाहक बेड़े को आगे बढ़ा रहा है, उसने दो और वाहकों का निर्माण शुरू कर दिया है। यह महत्वपूर्ण रक्षा विस्तार विभिन्न मोर्चों पर अपनी सैन्य क्षमताओं और तैयारियों को बढ़ाने की भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

India

Nov 21 2023, 18:23

हेलीकाप्टर से दागेंगे मिसाइल, 500 किमी दूर बैठा दुश्मन होगा नष्ट, भारतीय नौसेना ने किया सफल परिक्षण


'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में आगे बढ़ते हुए, भारतीय नौसेना ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ मिलकर 21 नवंबर को सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर से पहली स्वदेशी रूप से विकसित नौसेना एंटी-शिप मिसाइल का निर्देशित उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक कर लिया है। इससे पहले अक्टूबर में, रिपोर्ट आई थी कि DRDO बहुप्रतीक्षित लंबी दूरी की एंटी-शिप मिसाइल (LRASM) का परीक्षण करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाएगी, खासकर विस्तारित रेंज के साथ जहाज-आधारित मिसाइल प्रणालियों के क्षेत्र में ये मार्क सिद्ध होगी।

रिपोर्ट में कहा कि मिसाइल की मारक क्षमता 500 किलोमीटर हो सकती है, जो सुपरसोनिक इंडो-रूसी क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस द्वारा दी गई 350-400 किलोमीटर की रेंज से अधिक है। इससे पहले मई 2022 में भी, भारत ने कम दूरी की श्रेणी में आने वाली अपनी पहली स्वदेश निर्मित एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण किया, जिसका वजन लगभग 380 किलोग्राम था और इसकी मारक क्षमता 55 किलोमीटर थी। इन्हें 'नेवल एंटी-शिप मिसाइल-शॉर्ट रेंज' (NASM-SR) नाम दिया गया है, इन्हें हमलावर हेलीकॉप्टरों से लॉन्च किया जा सकता है।

MRSAM परीक्षण

बता दें कि, इस साल मार्च में, भारतीय नौसेना ने 'एंटी शिप मिसाइलों' को मार गिराने की क्षमता को प्रमाणित करते हुए INS विशाखापत्तनम से सफलतापूर्वक MRSAM (मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल) फायरिंग की थी। मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और इजरायली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई थी।

लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने फरवरी में एक प्रेस बयान जारी कर कहा था, 'MRSAM हथियार प्रणाली जिसे 'अभ्र' हथियार प्रणाली भी कहा जाता है, एक अत्याधुनिक मध्यम दूरी की वायु रक्षा हथियार प्रणाली है। MSME सहित भारतीय सार्वजनिक और निजी रक्षा उद्योग भागीदारों की सक्रिय भागीदारी के साथ DRDO और इज़राइली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) का संयुक्त उद्यम।"

MRSAM

बता दें कि, MRSAM 70 किलोमीटर की दूरी तक कई लक्ष्यों को भेद सकता है। कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (CMS), मोबाइल लॉन्चर सिस्टम (MLS), एडवांस्ड लॉन्ग रेंज रडार, मोबाइल पावर सिस्टम (MPS), रडार पावर सिस्टम (RPS), रीलोडर व्हीकल (RV), और फील्ड सर्विस व्हीकल में मिसाइल सिस्टम शामिल है, जो स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट मोटर और नियंत्रण प्रणाली (FSV) द्वारा संचालित है।

India

Nov 05 2023, 13:18

केरल में हादसे का शिकार हुआ भारतीय नौसेना का हेलीकॉप्टर, एक अफसर का दुखद निधन

केरल में शनिवार को दुखद हादसा हो गया। राज्य के कोच्ची में शनिवार दोपहर चेतक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से नौसेना के एक अधिकारी की मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रनवे पर मौजूद नौसेना अधिकारी की हेलिकॉप्टर के रोटर ब्लेड की चपेट में आने से मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार, यह दुर्घटना यहां नौसेना मुख्यालय में INS गरुड़ रनवे पर हुई। शुरुआती रिपोर्टों में दावा किया गया है कि दुर्घटना में हेलिकॉप्टर के पायलट समेत दो लोग घायल हो गए। दोनों का नौसेना मुख्यालय के संजीवनी अस्पताल में इलाज चल रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार दोपहर करीब 2.30 बजे नियमित प्रशिक्षण के दौरान हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। भारतीय नौसेना की ओर से आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। हादसे के बाद कोच्चि हार्बर पुलिस मौके पर पहुंच गई है।

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Nov 04 2023, 19:29

Arunachal Pradesh : APSSB Personal Asst (Stenographer Gr III) Online Form 2023

Name of Organization : Government of Arunachal Pradesh, Arunachal Pradesh

Advt No. : 05/2023

Important Dates :

  • Starting Date : 15-11-2023
  • Last Date : 05-12-2023
  • Tentative Date for Written Exam : 25-02-2024
  • Tentative date of Proficiency Test : 21-01-2024

Total Vacancy : 90

Qualifications : Diploma/ Degree (Relevant Discipline).

Age Limit : 18-35 Yrs.

Application Fee :

  • For APST : ₹150/-
  • For General : ₹200/-
  • For PWD : Free

For More Details, Please Read Official Notification Carefully OR Visit Official Website.

Important Links :

Apply Online : Available on 15-11-2023

Download Notification : Click Here

Official Website : Click Here

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Oct 16 2023, 15:32

Arunachal Pradesh : APSSB Combined Secondary Level Exam 2023 PET/PST Result

Advt No. : 03/2023

Total Vacancy : 1391

Download PET/PST Result : Click Here

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