दुधवा को इको-टूरिज्म का हब बनाने की दिशा में तेज कदम, विस्टाडोम ट्रेन से विद्यार्थियों का शैक्षिक भ्रमण
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* वन सम्पदा को संरक्षित करते हुए दुधवा को पर्यटन गन्तव्य के रूप में विकसित किया जायेगा : जयवीर सिंह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा दुधवा राष्ट्रीय उद्यान को इको-टूरिज्म के एक प्रमुख गंतव्य के रूप में विकसित करने के प्रयासों में तेजी लाई जा रही है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग की ओर से एक उच्चस्तरीय स्टेकहोल्डर बैठक आयोजित की गई, जिसमें वन विभाग, होटल व्यवसाय से जुड़े प्रतिनिधि, और बेंगलुरु की आईडीईसीके संस्था के विशेषज्ञ शामिल हुए।
बैठक में पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे के विकास, और पर्यटक अनुभव को बेहतर बनाने जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि, "मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि दुधवा को सतत् पर्यटन और स्थानीय विकास का आदर्श मॉडल बनाया जाए।"
बोर्ड की टीम ने थारू जनजाति, होमस्टे संचालकों और नेचर गाइड्स से भी संवाद कर स्थानीय सहभागिता को और मजबूत किया। इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में एक नवाचारी पहल के तहत, शनिवार को नवयुग कन्या इंटर कॉलेज, लखनऊ और रविवार को डीएवी इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों को विस्टाडोम ट्रेन से दुधवा और कतर्नियाघाट का शैक्षिक भ्रमण कराया गया। इस दौरान छात्रों ने वन्यजीवों, जैव विविधता, और जंगलों के संरक्षण के महत्व को नज़दीक से जाना।
विद्यार्थियों को बाघ, दलदली क्षेत्र के बारहसिंगा, गैंडा, घड़ियाल, और दुर्लभ पक्षियों की जानकारी दी गई। दुधवा का शांत प्राकृतिक सौंदर्य सभी को मंत्रमुग्ध कर गया।
इस अवसर पर पर्यटन निदेशक प्रखर मिश्रा, वन एवं पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, और कई विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे। छात्राओं को इको-टूरिज्म में संभावित करियर विकल्पों के बारे में बताया गया और उन्हें नेचर गाइड्स से संवाद का अवसर भी मिला।
इस संवाद और शैक्षिक कार्यक्रम के माध्यम से ना केवल विद्यार्थियों में पर्यावरण जागरूकता बढ़ी, बल्कि स्थानीय समुदाय की भागीदारी से सतत् पर्यटन को भी बल मिला।
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