नई दिल्ली में तीन दिवसीय पांचवें राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन का शुक्रवार को हुआ आगाज़

देश की राजधानी नई दिल्ली में शुक्रवार से तीन दिवसीय (26 से 28 दिसंबर) पांचवें राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। इस भव्य सम्मेलन का नेतृत्व प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है।सम्मेलन के माध्यम से केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने, सरकारी नीतियों को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने और साझा प्रयासों से शासन व्यवस्था को मजबूत बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। राष्ट्रीय विकास से जुड़े अहम मुद्दों पर हो रहे इस विचार-विमर्श का उद्देश्य केंद्र–राज्य साझेदारी को और अधिक सशक्त करना है।

इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में झारखंड सरकार की ओर से मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, परिवहन विभाग के सचिव श्री कृपानंद झा, योजना एवं विकास विभाग के सचिव श्री मुकेश कुमार तथा विशेष सचिव श्री राजीव रंजन सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी सहभागिता कर रहे हैं। सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य प्रधानमंत्री, नीति आयोग, केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा विषय विशेषज्ञों के साथ समन्वित विचार-विमर्श के माध्यम से सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करना और प्रभावी शासन मॉडल विकसित करना है।

सम्मेलन में मानव पूंजी के विकास पर जोर

इस वर्ष सम्मेलन में मानव पूंजी के विकास जैसे व्यापक विषयों पर विस्तृत चर्चा हो रही है, जिसके अंतर्गत पांच प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया जाएगा, जिनमें प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा, स्कूली शिक्षा, कौशल विकास, उच्च शिक्षा, खेल एवं पाठ्येतर गतिविधियां शामिल हैं।इसका लक्ष्य ‘विकसित भारत’ के लिए एक साझा विकास रोडमैप तैयार करना है।

यह सम्मेलन न केवल नीति निर्माण को मजबूती प्रदान करेगा, बल्कि केंद्र और राज्यों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से समावेशी, सतत एवं भविष्य-उन्मुख विकास की दिशा में एक ठोस आधार भी तैयार करेगा।

पेसा कानून से मजबूत होगा जनजातीय स्वशासन: ढोल-नगाड़ों के साथ सीएम आवास पहुंचे सरना समिति के प्रतिनिधि, मुख्यमंत्री ने कहा— "गांव मजबूत होगा तभी

रांची | : झारखंड में जनजातीय समाज के दशकों पुराने संघर्ष को एक नई दिशा मिली है। राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा पेसा नियमावली (पंचायत उपबंध, अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम) को हरी झंडी दिए जाने के बाद आज केंद्रीय सरना समिति, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा और आदिवासी छात्रावासों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।

ढोल-नगाड़ों के साथ आभार यात्रा

मुख्यमंत्री आवासीय परिसर आज उत्सव के मैदान में तब्दील हो गया। सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग पारंपरिक ढोल-नगाड़ों के साथ पहुंचे और पेसा नियमावली लागू करने के ऐतिहासिक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रतिनिधियों ने इसे आदिवासी स्वशासन और जल-जंगल-जमीन की रक्षा की दिशा में अब तक का सबसे बड़ा कदम बताया।

मुख्यमंत्री के संबोधन की मुख्य बातें:

पूर्वजों के संघर्ष का सम्मान: मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग झारखंड राज्य और जल-जंगल-जमीन की रक्षा के लिए हमारे पूर्वजों ने लंबी प्रताड़ना झेली और बलिदान दिए। पेसा कानून उन्हीं वीर सपूतों के सपनों को धरातल पर उतारने का जरिया है।

ग्राम सभाओं को मिलेगी शक्ति: सीएम ने स्पष्ट किया कि पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभाओं को निर्णय लेने का संवैधानिक अधिकार और शक्तियां मिलेंगी। इससे स्थानीय स्वशासन की व्यवस्था सुदृढ़ होगी और पंचायतों को अपना वास्तविक हक मिलेगा।

भ्रम फैलाने वालों से रहें सावधान: मुख्यमंत्री ने युवाओं और ग्रामीणों से अपील की कि वे पेसा कानून की बारीकियों को समझें। उन्होंने कहा कि कुछ तत्व ग्रामीणों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं, इसलिए नीतियों की सही जानकारी होना जरूरी है।

विकसित गांव, विकसित राज्य: मुख्यमंत्री ने दोहराया कि "हमारी सरकार गांव की सरकार है।" जब तक राज्य का सुदूर ग्रामीण क्षेत्र मजबूत नहीं होगा, तब तक राज्य के विकास की कल्पना अधूरी है।

नवनियुक्तियों का जिक्र

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी याद दिलाया कि सरकार केवल नीतियां ही नहीं बना रही, बल्कि रोजगार भी दे रही है। हाल ही में 10 हजार युवाओं को सरकारी नियुक्ति दी गई है और आने वाले समय में रोजगार के और अवसर सृजित किए जाएंगे।

प्रमुख उपस्थिति

इस अवसर पर केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, सचिव रूपचंद केवट, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के महासचिव जलेश्वर उरांव सहित सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के छात्र और प्रतिनिधि उपस्थित थे।

धान अधिप्राप्ति पर सीएम हेमन्त सोरेन की अपील: ₹2450 प्रति क्विंटल की दर से सीधा भुगतान, बिचौलियों से सावधान रहने की हिदायत

रांची | 26 दिसंबर 2025: झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने राज्य के किसानों की समृद्धि और सुरक्षा को लेकर एक विशेष संदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार धान खरीद की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ संचालित कर रही है और किसानों को उनके पसीने की पूरी कीमत सीधे उनके खातों में मिल रही है।

मुख्य बातें:

₹2450 प्रति क्विंटल: राज्य सरकार धान की खरीद निर्धारित दर ₹2450 प्रति क्विंटल पर कर रही है।

700+ केंद्र: पूरे झारखंड में धान अधिप्राप्ति के लिए 700 से अधिक केंद्र सक्रिय हैं।

सीधा भुगतान: बिचौलियों की भूमिका खत्म करने के लिए भुगतान की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जा रही है।

बिचौलियों के खिलाफ सख्त रुख

मुख्यमंत्री ने किसान भाइयों और बहनों से अपील की है कि वे किसी भी बिचौलिए के बहकावे में न आएं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कोई व्यक्ति मुआवजे या भुगतान के नाम पर धन की मांग करता है या किसानों को गुमराह करने की कोशिश करता है, तो इसकी सूचना तुरंत जिला प्रशासन या अंचल कार्यालय को दें।

मुख्यमंत्री का संदेश

"किसानों की समृद्धि ही झारखण्ड की शक्ति है। सरकार हमेशा आपके अधिकारों की रक्षा के लिए संकल्पित है। अपनी उपज प्रखंड के नजदीकी सरकारी केंद्रों पर ही बेचें।" — हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री

अरगोड़ा के 'पर्ल ऑर्किड' अपार्टमेंट में भीषण आग; 11वें फ्लोर पर फंसे 5 लोगों की बची जान, 8 दमकलों ने पाया काबू

रांची | 26 दिसंबर 2025: राजधानी के पॉश इलाके अरगोड़ा चौक के पास स्थित पर्ल ऑर्किड अपार्टमेंट में शुक्रवार सुबह अचानक आग लग गई। यह आग अपार्टमेंट के 11वें फ्लोर पर स्थित झारखंड पुलिस के सार्जेंट मेजर अभिनव पाठक के फ्लैट में लगी। धुएं और आग की लपटों ने देखते ही देखते पूरे फ्लोर को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे पूरे अपार्टमेंट में हड़कंप मच गया।

बाल-बाल बचा परिवार

जिस वक्त आग लगी, फ्लैट के अंदर दो बच्चे, एक बुजुर्ग, एक महिला और एक पुरुष समेत कुल पांच लोग मौजूद थे। सुबह करीब 7:30 बजे सबसे पहले बाथरूम से धुआं निकलता देखा गया। परिवार ने सूझबूझ दिखाते हुए तुरंत घर खाली कर दिया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। अपार्टमेंट के अन्य निवासी भी सीढ़ियों के सहारे आनन-फानन में नीचे उतर आए।

शॉर्ट सर्किट से लगी आग

शुरुआती जांच में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। आग इतनी तेजी से फैली कि फ्लैट में रखा कीमती फर्नीचर, दस्तावेज और जरूरी सामान जलकर राख हो गए। पुलिस और स्थानीय लोगों की सूचना पर फायर ब्रिगेड की 8 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और काफी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया।

पुलिस और फायर ब्रिगेड की तत्परता

घटनास्थल पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पेट्रोलिंग टीम ने धुआं उठते ही मोर्चा संभाल लिया था। फायर ब्रिगेड की मुस्तैदी के कारण आग 11वें फ्लोर से अन्य फ्लैटों तक नहीं फैल सकी। फिलहाल नुकसान का आकलन किया जा रहा है और अपार्टमेंट की बिजली सुरक्षा की जांच की जा रही है।

मंईयां सम्मान योजना: क्रिसमस पर बहनों को सौगात, नवंबर माह की किस्त ₹2500 खातों में पहुँचना शुरू

रांची: झारखंड की लाखों महिलाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत नवंबर माह की ₹2500 की किस्त लाभुकों के बैंक खातों में आधार सीडिंग के माध्यम से ट्रांसफर की जाने लगी है। राज्य सरकार ने क्रिसमस और आने वाले त्यौहारों को देखते हुए यह राशि जारी की है।

20 जिलों में भुगतान पूरा, बाकी 4 जिलों में प्रक्रिया तेज

सामाजिक सुरक्षा निदेशालय के अनुसार, राज्य के 20 जिलों में 23 दिसंबर से ही राशि भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी।

रांची अपडेट: रांची जिला प्रशासन ने 3 लाख 93 हजार से अधिक लाभुकों के लिए 98.27 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है।

विलंब वाले जिले: देवघर, गुमला, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला में तकनीकी कारणों से थोड़ा विलंब हुआ था, लेकिन वहां भी 25 दिसंबर तक सभी के खातों में राशि पहुँचने का भरोसा दिलाया गया है।

जनवरी में आएगी दिसंबर की किस्त

निदेशक विजय कुमार ने स्पष्ट किया है कि विभाग के पास फरवरी 2026 तक की राशि उपलब्ध है, इसलिए भुगतान में कोई अड़चन नहीं है। दिसंबर माह की किस्त जनवरी 2026 में सोहराय और टुसू पर्व के अवसर पर जारी की जाएगी, ताकि महिलाएं अपने स्थानीय त्यौहारों को उत्साहपूर्वक मना सकें।

बजट में पर्याप्त प्रावधान

मंईयां सम्मान योजना के निर्बाध संचालन के लिए सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में 13,363 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया था। हाल ही में शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए गए अनुपूरक बजट में भी महिला एवं बाल विकास विभाग को 2,082 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित किए गए हैं।

योजना का सफर: ₹1000 से ₹2500 तक

अगस्त 2024 में शुरू हुई इस योजना के तहत पहले ₹1000 प्रति माह दिए जाते थे। हेमंत सरकार ने अपने वादे के मुताबिक जनवरी 2025 से इस राशि को बढ़ाकर ₹2500 प्रति माह कर दिया है। होली के समय भी सरकार ने एकमुश्त ₹7500 देकर महिलाओं को बड़ी राहत दी थी।

शहीद निर्मल महतो की 75वीं जयंती: सीएम हेमन्त सोरेन ने दी श्रद्धांजलि, कहा– "शहीद निर्मल महतो के आदर्शों से ही समृद्ध होगा झारखंड"

रांची | 25 दिसंबर 2025: झारखंड अलग राज्य आंदोलन के प्रखर नेता अमर वीर शहीद निर्मल महतो की 75वीं जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन एवं विधायक श्रीमती कल्पना सोरेन ने जेल मोड़ स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।

युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं निर्मल महतो

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद निर्मल महतो जी ने आदिवासी-मूलवासियों के हक और अधिकार के लिए अपनी शहादत दी। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "झारखंड अलग राज्य आंदोलन में उनका योगदान अमूल्य है। जब वे शहीद हुए, तब वे एक युवा नेता थे। आज राज्य का एक-एक नौजवान उन्हें अपना मार्गदर्शक और प्रेरणास्रोत मानता है।"

25 साल का झारखंड और शहीदों के सपने

मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि झारखंड राज्य को बने 25 वर्ष हो चुके हैं और आज राज्य सरकार उनके आदर्शों एवं विचारों को आत्मसात करते हुए निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि आने वाले समय में भी निर्मल महतो जी के विचारों को जिंदा रखते हुए राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाया जाएगा।

राज्यभर में श्रद्धा का माहौल

झारखंड के इस वीर सपूत को याद करने के लिए आज राज्य के कोने-कोने में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जेल मोड़ पर आयोजित इस कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों ने पहुंचकर शहीद निर्मल महतो को नमन किया।

जामताड़ा गोलीकांड के बाद गिरिडीह में हाई अलर्ट: पुलिस ने संभाली कमान, रात भर सड़कों पर हुई माइकिंग और सघन गश्त

गिरिडीह: जामताड़ा में बुधवार शाम एक जेवरात दुकान में नकाबपोश अपराधियों द्वारा व्यवसायी को गोली मारकर लूटपाट करने की घटना ने पुलिस महकमे को हिला कर रख दिया है। इस घटना के बाद गिरिडीह जिले की सीमाएं सील कर दी गई हैं और एसपी डॉ. बिमल कुमार के निर्देश पर पूरे जिले में विशेष सुरक्षा अभियान चलाया जा रहा है।

बॉर्डर पर सघन चेकिंग, शहर में माइकिंग

जामताड़ा से सटे गिरिडीह के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस ने गश्त तेज कर दी है। बुधवार की पूरी रात पुलिस पदाधिकारी और जवान सड़कों पर नजर आए। गिरिडीह पुलिस ने एक नई पहल करते हुए माइक के जरिए जागरूकता अभियान शुरू किया है। पुलिस की टीमें चौक-चौराहों पर रुककर लोगों को निम्नलिखित हिदायतें दे रही हैं:

रात में दुकान और घरों को डबल लॉक करें।

सीसीटीवी कैमरों को चालू रखें और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करें।

किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वाहन की सूचना तुरंत डायल 112 या नजदीकी थाने को दें।

आईजी के निर्देश: "घर बंद कर बाहर जाएं तो पुलिस को बताएं"

हाल ही में बोकारो प्रक्षेत्र के आईजी की बैठक में गृहभेदन (चोरी) की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई गई थी। आईजी के निर्देशानुसार, गिरिडीह पुलिस लोगों से अपील कर रही है कि यदि वे परिवार के साथ घर बंद कर छुट्टियों पर जा रहे हैं, तो इसकी सूचना स्थानीय पुलिस या मोहल्ले के प्रबुद्ध लोगों को जरूर दें। इससे पुलिस को उन क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने में मदद मिलेगी और चोरी की घटनाओं पर लगाम लगेगी।

एसपी का सख्त रुख

एसपी डॉ. बिमल कुमार ने सभी थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि हाल के दिनों में हुई चोरी और गृहभेदन की घटनाओं का जल्द उद्भेदन करें। उन्होंने अधिकारियों को देर रात तक फील्ड में रहने और संदिग्धों की धरपकड़ के लिए वाहनों की जांच तेज करने को कहा है।

पुलिस की अपील: सुरक्षा के 5 सुनहरे नियम

सूचना दें: बाहर जाने से पहले थाने को सूचित करें।

सजग रहें: अजनबी या संदिग्ध दिखने पर तुरंत 112 मिलाएं।

रोशनी: घर के बाहर और प्रतिष्ठान में पर्याप्त लाइट रखें।

डिजिटल सुरक्षा: दुकान में अलार्म और सीसीटीवी का उपयोग करें।

त्वरित सूचना: घटना होने पर पुलिस को सूचना देने में देरी न करें।

अटल जयंती की पूर्व संध्या पर दीपों से जगमगाया झारखंड; भाजपा ने प्रतिमाओं की सफाई कर मनाया दीपोत्सव

रांची: भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती की पूर्व संध्या पर झारखंड प्रदेश भाजपा ने पूरे राज्य में भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया। प्रदेश कार्यालय से लेकर जिला कार्यालयों और बूथ स्तर तक दीप जलाकर जनप्रिय नेता को याद किया गया।

प्रतिमाओं की सफाई और माल्यार्पण

कार्यक्रम की शुरुआत स्वच्छता अभियान के साथ हुई। झारखंड विधानसभा परिसर स्थित अटल जी की प्रतिमा सहित राज्य के सभी जिलों में स्थापित उनकी प्रतिमाओं की सफाई की गई। शाम ढलते ही कार्यकर्ताओं ने 'अटल जी अमर रहें' के उद्घोष के साथ दीप प्रज्वलित किए। रांची महानगर द्वारा विधानसभा परिसर में विशेष दीपोत्सव आयोजित किया गया।

प्रमुख नेताओं के उद्गार

आदित्य साहू (प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष): "श्रद्धेय अटल जी स्वयं एक प्रकाश पुंज थे। उन्होंने अपने विचारों और कृतित्व से न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को आलोकित किया। भाजपा का हर कार्यकर्ता उनके बताए सेवा मार्ग पर चलने को समर्पित है।"

डॉ. रविंद्र कुमार राय: "अटल जी न होते तो शायद झारखंड अलग राज्य का सपना कभी साकार नहीं होता। झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता उनकी सदैव ऋणी रहेगी।"

कर्मवीर सिंह (संगठन महामंत्री): "अटल जी ने भाजपा के विचारों को फर्श से अर्श तक पहुँचाया। एक कवि, चिंतक और कुशल राजनेता के रूप में उनका व्यक्तित्व सदैव हमें प्रेरणा देता रहेगा।"

आगामी कार्यक्रम: 25 से 31 दिसंबर तक 'अटल स्मृति सम्मेलन'

भाजपा ने अटल जी की स्मृति में सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है:

25 दिसंबर: बूथ स्तर पर 'अटल स्मृति दिवस' और जिला कार्यालयों में 'चित्र प्रदर्शनी' का आयोजन।

25 से 31 दिसंबर: सभी विधानसभा क्षेत्रों में 'अटल स्मृति सम्मेलन'। इसमें बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, रघुवर दास, चंपई सोरेन और मधु कोड़ा जैसे दिग्गज नेता शामिल होंगे।

इनकी रही गरिमामय उपस्थिति

दीपोत्सव कार्यक्रम में मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल, राकेश प्रसाद, सुनीता सिंह, हेमंत दास, शिवपूजन पाठक, वरुण साहू सहित सैकड़ों की संख्या में पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।

झारखंड के कोयला क्षेत्रों का बदलेगा स्वरूप: मुख्यमंत्री और केंद्रीय कोयला मंत्री के बीच झरिया मास्टर प्लान और विस्थापितों के पुनर्वास पर हुई निर

रांची | : मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में बुधवार को मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन और केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी० किशन रेड्डी के बीच एक उच्चस्तरीय औपचारिक मुलाकात हुई। इस बैठक में झारखंड में कोयला खनन, विस्थापितों के अधिकार और पर्यावरण सुरक्षा से जुड़े गंभीर मुद्दों पर राज्य और केंद्र सरकार के बीच सहमति बनाने का प्रयास किया गया।

विस्थापितों का सम्मान और झरिया मास्टर प्लान

मुख्यमंत्री ने झरिया मास्टर प्लान और बेलगढ़िया टाउनशिप को राज्य की प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के माध्यम से विस्थापित परिवारों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन देना सरकार का लक्ष्य है। बैठक में झरिया मास्टर प्लान के लिए जल्द ही एक पूर्णकालिक सीईओ (CEO) की नियुक्ति करने पर भी चर्चा हुई।

बैठक के मुख्य बिंदु एवं चर्चा के विषय:

जमीन की वापसी: जिन क्षेत्रों में खनन कार्य पूर्ण हो चुका है, उन जमीनों को राज्य सरकार को वापस करने की प्रक्रिया पर सकारात्मक बातचीत हुई।

रैयतों का अधिकार: कोल परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित भूमि के बदले रैयतों को उचित मुआवजा और नौकरी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।

राजस्व और रॉयल्टी: खनिजों पर मिलने वाली रॉयल्टी और सरकारी भूमि पर जमाबंदी को लेकर नीतिगत निर्णय लेने पर सहमति बनी।

अवैध खनन पर लगाम: खदानों में अवैध उत्खनन से होने वाले हादसों को रोकने और सुरक्षा मानकों को कड़ा करने पर चर्चा हुई।

CSR फंड: खनन क्षेत्रों के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों के विकास के लिए सीएसआर (CSR) फंड के प्रभावी इस्तेमाल की योजना पर बात हुई।

समन्वय से निकलेगा समाधान

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि केंद्र और राज्य सरकार के बेहतर समन्वय से ही कोल परियोजनाओं के संचालन में आ रही अड़चनों को दूर किया जा सकता है। वहीं, केंद्रीय मंत्री ने खनन परियोजनाओं के विस्तार में आ रही व्यावहारिक समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

उपस्थिति:

इस बैठक में मुख्य सचिव श्री अविनाश कुमार, कोल इंडिया अध्यक्ष श्री बी० साईराम, सीसीएल (CCL) के सीएमडी श्री एन० के० सिंह, बीसीसीएल (BCCL) के सीएमडी श्री मनोज अग्रवाल सहित कोयला मंत्रालय और कोल इंडिया की अनुषंगी इकाइयों के कई वरीय अधिकारी मौजूद थे।

झारखंड में पेसा (PESA) राज का आगाज़: मुख्यमंत्री ने नगाड़ा बजाकर मनाया जश्न, कहा– "अब ग्राम सभाएं होंगी असली सरकार"

रांची | 24 दिसंबर 2025: मुख्यमंत्री आवासीय परिसर आज एक ऐतिहासिक उत्सव का गवाह बना। राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा पेसा नियमावली 2025 को मंजूरी दिए जाने के बाद राज्यभर से आए पारंपरिक ग्राम प्रधानों, मानकी-मुंडाओं और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन का आभार जताया। खुद मुख्यमंत्री ने पारंपरिक नगाड़ा बजाकर इस फैसले की खुशी राज्यवासियों के साथ साझा की।

जल-जंगल-जमीन पर अब जनजातीय समाज का अधिकार

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पेसा कानून का धरातल पर उतरना हमारे पूर्वजों और वीर शहीदों के सपनों को साकार करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम है। उन्होंने जोर देकर कहा:

  • शक्तियों का विकेंद्रीकरण: अब अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाएं शक्तिशाली होंगी। उन्हें अपनी परंपराओं, संस्कृति और प्राकृतिक संसाधनों (जल, जंगल, जमीन) के प्रबंधन का पूर्ण अधिकार होगा।

  • देश के लिए नजीर: मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि झारखंड की पेसा नियमावली अपनी समावेशी प्रकृति के कारण पूरे देश के लिए एक रोल मॉडल साबित होगी।
  • भावनाओं का कानून: "पेसा सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, यह हमारी अस्मिता और भावनाओं का परिचायक है," मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा

विकास की लंबी और गाढ़ी लकीर

संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य के भविष्य के लिए अपना विजन साझा किया:

  • ग्रामीण मजबूती: गांव मजबूत होंगे, तभी राज्य सशक्त बनेगा।
  • युवाओं को संबल: आर्थिक रूप से कमजोर आदिवासी बच्चों के लिए मुफ्त मेडिकल और इंजीनियरिंग कोचिंग की शुरुआत एक बड़े बदलाव की शुरुआत है।
  • मइयां सम्मान: योजना के जरिए 50 लाख महिलाओं का सशक्तिकरण ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन रहा है।

"आलोचना से नहीं, योजनाओं की असफलता से डरता हूँ"

अपनी कार्यशैली पर बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे विरोधियों की आलोचनाओं से विचलित नहीं होते, बल्कि उनका ध्यान इस बात पर रहता है कि योजनाएं शत-प्रतिशत सफल हों और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक लाभ पहुंचे।

ग्राम प्रधानों ने जताया आभार

गुमला, सरायकेला-खरसावां और पूर्वी सिंहभूम से आए ग्राम प्रधानों (राम प्रसाद बड़ाईक, दिवाकर सोरेन, कान्हू मुर्मू आदि) ने एक स्वर में कहा कि वर्षों पुरानी मांग पूरी कर मुख्यमंत्री ने जनजातीय समाज को वास्तविक मान-सम्मान दिया है।