चाणक्य रक्षा संवाद-2025 : राष्ट्रीय विकास और सुरक्षा के बीच संबंधों पर हुई चर्चा
![]()
दिल्ली ब्यूरो
नई दिल्ली। नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर के अशाेका हाॅल में साेमवार काे चाणक्य रक्षा संवाद-2025 (सीडीडी-2025) का तीसरा संस्करण पूर्वावलोकन तीन सत्राें में आयाेजित हुआ। आगामी 27-28 नवंबर 2025 को होने वाला यह संवाद "सुधार से परिवर्तन : सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत" विषय पर आधारित होगा। पहले सत्र में थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने राष्ट्रीय विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा, दूसरे सत्र में पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का संबोधन तथा तीसरे व आखिरी सत्र में रक्षा में आत्मनिर्भरता- सशक्त भारत की कुंजी पर पैनल चर्चा हुई।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषणों के साथ हुई, जिसके बाद सीडीडी-2025 का टीजर जारी किया गया। इस दाैरान थल सेनाध्यक्ष उपेंद्र द्विवेदी ने बातचीत के दौरान राष्ट्रीय विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संबंधों पर प्रकाश डाला और कहा कि विकसित भारत की आकांक्षाओं के लिए निरंतर स्थिरता और सुरक्षित वातावरण की आवश्यकता है। इससे पहले 2023 में सीएलएडब्ल्यूएस का विषय स्थाई शांति और सुरक्षा, 2024 में देश निर्माण तथा 2025 में रिफार्म टू ट्रांसफार्म यानी परिवर्तन के लिए सुधार के रूप में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने रक्षा मंत्रालय द्वारा 2025 को 'सुधारों का वर्ष' घोषित करने का स्मरण किया और इस बात पर जाेर दिया कि सुरक्षा और विकास को साथ-साथ आगे बढ़ना होगा।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि विकसित भारत के लिए हम सभी को साथ मिलकर काम करना होगा उन्होंने कहा कि राज्य प्रायोजित आतंकवाद नहीं चलेगा। जो कम में रोड़ा बनेगा उनको सही जवाब दिया जाएगा। आतंकवाद के खिलाफ राष्ट्रीय संकल्प दोहराया और ज़ोर देकर कहा कि "खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते" और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने वालों के लिए जवाबदेही जरूरी है। इस ऑपरेशन ने राष्ट्रीय हितों की रक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को मज़बूत करने के प्रति भारत के दृढ़ दृष्टिकोण को प्रदर्शित किया। भारत अब सशक्त है और अब उसे कोई ब्लैकमेल नहीं कर सकता है।
जम्मू कश्मीर के सवाल पर कहा कि वहां से पलायन कर चुके कश्मीरी लोग अब वापसी कर रहे हैं और देश का हर नागरिक वहां जाना चाहता हैं । पिछले साल अमरनाथ यात्रा में 4 लाख लोग गए थे वहीं इस बार 4.1 लाख रही।
सियाचिन के मुद्दे पर उन्हाेंने कहा कि पिछले एक साल में भारत और चीन के संबंधों में काफी सकरात्मक बदलाव आया है। दोनों देश के लोगों की विभिन्न मंचों पर हुई बातचीत हुई है। बावजूद इसके रक्षा कूटनीति पर अभी भारत काे बहुत कुछ करना है। आने वाले समय में देश को स्मार्ट पावर बनाना है। पहले के वक्त में दाेनाें देशाें की सैन्य कोर कमांडरों के स्तर पर बातचीत हाेती थी लेकिन अब ग्राउंड लेवल पर बात की जा रही है। इससे दोनों तरफ के संबंधाें में लचीलापन आया है। इसके अलावा पड़ाेसी देश म्यांमार में अशांति के मसले पर कहा कि पड़ोस में अस्थिरता हाेने से अपने देश पर भी प्रभाव पड़ता है। वहां से पलायन कर भारत आए 43000 शरणार्थी आज भी यहां निवास कर रहे हैं।
दूसरे सत्र में पूर्व इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक विशेष संबोधन दिया। उन्होंने तकनीकी क्षमता और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच रणनीतिक संबंध पर जाेर दिया और भारत की दीर्घकालिक आत्मनिर्भरता को मजबूत करने में विश्वसनीय, स्वदेशी डिजिटल और उभरती-प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी प्रणालियों के महत्व पर प्रकाश डाला।
आखिरी सत्र में रक्षा में आत्मनिर्भरता-सशक्त भारत की कुंजी पर चर्चा हुई। पैनल में डीआरडीओ की डायरेक्टर जनरल (उत्पादन समन्वय और सेवा संपर्क) डाॅ. चंद्रिका काैशिक, अडानी डिफेंस के सीईओ आशीष राजवंशी, साइरन एआई सॉल्यूशंस के संस्थापक प्राे. मनन सूरी माैजूद थे। इसकी अध्यक्षता सेना उप प्रमुख (क्षमता विकास एवं पोषण) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने की।
आयोजित पैनल चर्चा में डीआरडीओ, रक्षा उद्योग और शिक्षा जगत के विशेषज्ञ एक साथ आए। विचार-विमर्श रणनीतिक स्वायत्तता के मार्ग के रूप में आत्मनिर्भरता पर केंद्रित रहा, जिसमें स्वदेशी डिज़ाइन, विकास और नवाचार पर ज़ोर, दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों को मजबूती के साथ ही डीआरडीओ, निजी क्षेत्र और शिक्षा जगत के बीच पारिस्थितिकी तंत्र एकीकरण, खरीद प्रक्रियाओं में सुधार और प्रतिस्पर्धी एवं निर्यात-सक्षम क्लस्टरों के निर्माण में एमएसएमई और रक्षा औद्योगिक गलियारों की भूमिका पर चर्चा की गई। इसके साथ ही भविष्य की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं, कम बाहरी निर्भरताओं और भारत के गहन-तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र के त्वरित विकास की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।












Nov 17 2025, 18:02
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
1.9k