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गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में नमाज प्रकरण मामले में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, NSS प्रभारी दिलीप झा को किया गिरफ्तार, 8 अन्य पर भी FIR

बिलासपुर- गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (GGU) में आयोजित एनएसएस कैंप के दौरान जबरन नमाज पढ़वाने के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस विवाद में नामजद तत्कालीन एनएसएस प्रभारी प्रो. दिलीप झा को गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके साथ 8 अन्य कार्यक्रम अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी।

यह कार्रवाई बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर की गई। कोटा पुलिस ने दिलीप झा को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में अन्य आरोपी कार्यक्रम अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई तेज हो सकती है।

गौरतलब है कि यह मामला 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक कोटा क्षेत्र के ग्राम शिवतराई में आयोजित सात दिवसीय एनएसएस शिविर से जुड़ा है। शिविर में कुल 159 छात्र शामिल हुए थे, जिनमें से केवल 4 छात्र मुस्लिम समुदाय से थे। आरोप है कि 31 मार्च को ईद के दिन सुबह हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाई गई थी।

इस घटना के बाद एबीवीपी और अन्य हिंदू संगठनों ने विश्वविद्यालय परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था। दबाव बढ़ने पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने तत्कालीन समन्वयक दिलीप झा को पद से हटाकर प्रो. राजेंद्र कुमार मेहता को नया एनएसएस प्रभारी नियुक्त किया था। साथ ही 12 कार्यक्रम अधिकारियों को भी हटा दिया गया था।

अब पुलिस की कार्रवाई ने इस मामले को और गंभीर मोड़ दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, आगे और भी गिरफ्तारियां संभव हैं, क्योंकि धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन और जबरन धार्मिक क्रियाकलाप कराने जैसे गंभीर आरोप मामले में शामिल हैं।

युवती ने प्रेमी के साथ मिलकर की मंगेतर की हत्या, जंगल में दफनाया शव, पुलिस ने कब्र खोदकर निकाली लाश

सरगुजा- छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां होने वाले मंगेतर को युवती ने प्रेमी के साथ मिलकर मौत के घाट उतारा. इसके बाद प्रेमी जोड़े ने शव को जंगल में दफना दिया था. यह मामला बतौली थाना क्षेत्र के ग्राम घोघरा का है. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी प्रेमी जोड़े को हिरासत में लिया है.

जानकारी के मुताबिक, 6 मई को सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम जजगा के रहने वाले अमृत लकड़ा का विवाह पुष्पा केरकेट्टा पिता बसंतलाल घोघरा निवासी के साथ होने वाला था. विवाह से पहले 26 अप्रैल को होने वाले पति को बुलाकर युवती ने अपने प्रेमी गगन टोप्पो उर्फ बबलू, पिता मैनाराम ग्राम घोघरा निवासी के साथ मिलकर टंगिया से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया. वारदात को अंजाम देने के बाद शव को जमीन में दफना दिया था.

इधर अमृत लकड़ा के परिजनों ने 28 अप्रैल को थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने संदेह के आधार पर अमृत की होने वाली पत्नी पुष्पा और उसके प्रेमी गगन को हिरासत में लिया. पूछताछ के बाद प्रेमी जोड़े की निशानदेही पर पुलिस ने बेन्दोकोना के जंगल से अमृत लकड़ा के शव को बरामद किया।


एक महीना पहले रची थी हत्या की साजिश

बताया जा रहा कि लकड़ी के यहां चाचा की शादी थी. एक महीना पहले प्रेमी जोड़े ने अमृत लकड़ा की हत्या की साजिश रची थी. वारदात के बाद पकड़े जाने के डर से कल प्रेमी जोड़े ने बतौली स्थित एक दुकान से रस्सी खरीदी थी और आत्महत्या करने की योजना बनाई थी. आत्महत्या करने जा रहे प्रेमी जोड़े को सचिव ने देखा, इसके बाद उन्होंने पुलिस को जानकारी दी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रेमी जोड़े को हिरासत में लिया है।

गर्भवती महिला की मौत, डॉक्टर की लापरवाही या और वजह ?? पुलिस ने शुरू की जांच

रायपुर/गरियाबंद-  छुरा विकासखंड में बीते दिनों एक गर्भवती महिला की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. परिजनों ने गर्भवती महिला की मौत के पीछे डॉक्टर की लापरवाही और व्यवस्था पर आरोप लगाए हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने दावा किया है कि महिला की हीमोटिप के कारण हुई है.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महिला बेहोशी की हालत में भर्ती कराई गई थी लेकिन प्रारंभिक जांच की गई तब तक उनकी मृत्यु हो गई थी. महिला के शार्ट पीएम में ब्लू स्क्वाड पाए गए हैं. यानी महिला के शरीर में अंदरूनी चोट के निशान मिले है.

गर्भवती महिला की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग के मेमो और परिजनों के हंगामे के बाद पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस पीएम रिपोर्ट और मिश्रा परीक्षण का इंतजार कर रही है, पीएम रिपोर्ट के बाद ही पुलिस मामले में आगे कार्रवाई करेगी. सूत्रों ने बताया कि फिलहाल पुलिस मर्ग कायम कर स्वास्थ्य विभाग के तात्कालिक पदस्थअधिकारी कर्मचारियों से तथा महिला के परिजनों से पूछताछ शुरू कर दी है.

बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने राज्यपाल डेका और CM साय से की मुलाकात, कर्रेगुट्टा में जारी एंटी-नक्सल ऑपरेशन जारी रखने का किया आग्रह

रायपुर- बस्तर अंचल के नक्सल पीड़ितों ने सोमवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और राज्यपाल रमेन डेका से मुलाकात कर सुरक्षाबलों द्वारा छत्तीसगढ़-तेलंगाना राज्य की सरहद पर स्थित कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर चलाए जा रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशन को जारी रखने की मांग की। पीड़ितों ने आवेदन सौंपते हुए कहा कि नक्सलियों की हिंसा से उन्होंने अपनों को खोया है, कोई आंखों की रोशनी गंवा चुका है तो कोई विकलांग हो गया है, लेकिन वे चाहते हैं कि कर्रेगुट्टा जैसे दुर्गम इलाकों में भी मुठभेड़ अभियान रुकना नहीं चाहिए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा, “आज सुकमा, बीजापुर और कांकेर क्षेत्र के नक्सल पीड़ितों ने मुझसे मुलाकात कर एंटी-नक्सल ऑपरेशन को जारी रखने का अनुरोध किया। ये वही लोग हैं जो नक्सली हिंसा में घायल हुए, अपंग हुए, जिन्होंने अपनों को खोया। लेकिन दुख की बात यह है कि जो लोग दिल्ली तक इस अभियान को बंद कराने की कोशिश कर रहे हैं, वे कभी इन पीड़ितों से मिलने तक नहीं आए और न ही इनकी पीड़ा सुनी।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ितों ने राज्यपाल से भी भेंट कर यही मांग दोहराई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार इन नागरिकों की सुरक्षा और न्याय के लिए प्रतिबद्ध है और नक्सल विरोधी अभियान को और सशक्त रूप से जारी रखा जाएगा।

यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में बीजापुर के कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में सुरक्षाबलों का अब तक का सबसे बड़ा एंटी-नक्सल ऑपरेशन जारी है, जिसमें कई नक्सलियों के मारे गए है। 280 किमी के दायरे में कर्रेगुट्टा, दुर्गमगुट्टा, पुजारी कांकेर की पहाड़ियां और यह पूरा इलाका फैला हुआ है। जो नक्सली लीडर हिड़मा, देवा, दामोदर, विकास, सुजाता, आजाद जैसे बड़े हार्डकोर नक्सलियों का ठिकाना माना जाता है।

यहां LMG, AK-47, इंसास, SLR जैसे आधुनिक हथियारों से लैस करीब 1500 से 2000 नक्सलियों की मौजूदगी है। जिन्हें ढूंढने, एनकाउंटर करने छत्तीसगढ़ से DRG, CRPF, STF, कोबरा, बस्तर फाइटर्स के 10 हजार से ज्यादा जवान ऑपरेशन पर निकले हैं। हालांकि, तेलंगाना बैकफुट पर है। यहां स्थित CRPF की बटालियन केंद्र के निर्देश पर ऑपरेशन में शामिल है।

हर युवा के चेहरे की चिंता हमने पढ़ी, हर परिवार की पीड़ा हमने समझी और उसका समाधान करने का किया प्रयास : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संवेदनशील पहल से छत्तीसगढ़ के 26 सौ से अधिक बीएड अर्हताधारी बर्खास्त सहायक शिक्षकों के जीवन में खुशियां लौट आई है। प्रदेश सरकार ने बर्खास्त शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस फैसले से राज्य के 2600 से अधिक युवाओं का भविष्य एक बार फिर संवर गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज मुख्यमंत्री निवास में बर्खास्त सहायक शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात कर उनका आभार व्यक्त किया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ग़जमाला पहनाकर उनके प्रति कृतज्ञता जताई।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं और उनसे अपने दायित्व का निर्वहन पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बच्चों का और देश का भविष्य गढ़ना शिक्षकों का सबसे बड़ा कर्तव्य है। आप सभी अपने दायित्व के प्रति सचेत हों और इस भूमिका में सर्वोच्च योगदान दें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों की चिंता पहले दिन से की थी। आप हमारे प्रदेश के बच्चें है और आपके भविष्य को सुरक्षित करने का संकल्प हमने पहले से ले लिया था। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह कदम छत्तीसगढ़ के भविष्य निर्माताओं को नया संबल देगा और शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाएगा। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि ये युवा शिक्षक आने वाले वर्षों में प्रदेश की नई पीढ़ी को दिशा देंगे और छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर अग्रसर करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। यह निर्णय शिक्षकों के उज्जवल, सुरक्षित और सम्मानजनक भविष्य की एक नई शुरुआत है।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के साथ आपके नौकरी के संबंध में लगातार चर्चा होती थी। हमारे मुखिया इतने संवेदनशील है कि उन्होंने पहले ही दिन कहा था कि जितना भी आर्थिक बोझ पड़े राज्य सरकार अपने युवाओं के भविष्य को खतरे में नहीं डालेगी। उन्होंने कहा कि आपके परिजन भी लगातार हमसे संपर्क कर अपनी चिंता व्यक्त करते थे और आज मुख्यमंत्री ने उन सभी की चिंता को दूर करते हुए अपना वादा निभाया। मुख्यमंत्री जी ने न केवल अपना वादा निभाया है बल्कि अपनी इच्छा शक्ति से सुशासन को स्थापित करने का कार्य किया है। उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के इस ऐतिहासिक निर्णय ने पूरे देश में मिसाल कायम की है।

इस अवसर पर युवाओं ने कहा कि नौकरी जाने के बाद वे अपने भविष्य को लेकर गहरी आशंका में थे और लगातार मानसिक पीड़ा झेल रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता ने उन्हें संबल दिया। शिक्षकों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने हर बार उनकी बात सुनी और भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने हमसे वादा किया था कि हमारे बेटे-बेटियों का भविष्य सुरक्षित किया जाएगा और आज उन्होंने अपना वादा निभाकर एक अभिभावक की जिम्मेदारी पूरी की है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल युवा शिक्षकों ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में सरकार ने वास्तव में सुशासन और संवेदनशीलता का परिचय दिया है। हमें गर्व है कि आज हमारे प्रदेश में ऐसी सरकार है जो हमारी पीड़ा को समझती है और संवेदनशीलता के साथ हमारी समस्याओं का समाधान करती है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर और बिलासपुर के डे-स्कॉलर विशेष बच्चों के लिए निःशुल्क बस सेवा का किया शुभारंभ

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास परिसर से दृष्टि एवं श्रवण बाधित बच्चों को एक बड़ी सौगात देते हुए दो विशेष बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये बसें रायपुर और बिलासपुर स्थित शासकीय दृष्टि एवं श्रवण बाधित विद्यालयों में अध्ययनरत डे-स्कॉलर बच्चों को प्रतिदिन निःशुल्क घर से स्कूल और स्कूल से घर तक पहुंचाएंगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह सुविधा विशेष बच्चों के लिए न केवल सुगम और सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करेगी, बल्कि उनके आत्मविश्वास, शिक्षा की निरंतरता और सामाजिक समावेश को भी मजबूती प्रदान करेगी।

उन्होंने कहा कि यह पहल उन माता-पिता के लिए भी राहत लेकर आएगी, जो अपने बच्चों की दैनिक आवाजाही को लेकर चिंतित रहते हैं, विशेष रूप से जब दोनों अभिभावक कार्यरत हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का संकल्प है कि हर विशेष आवश्यकता वाले बच्चे तक पहुँचा जाए और उन्हें एक बेहतर जीवन देने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। यह बस सेवा केवल परिवहन सुविधा नहीं, बल्कि विशेष बच्चों के जीवन में बदलाव लाने का माध्यम है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षा तक पहुंच सभी बच्चों का अधिकार है और सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसी भी शारीरिक बाधा के कारण कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।

उल्लेखनीय है कि इन विशेष बसों के संचालन से रायपुर और बिलासपुर के सैकड़ों दृष्टि एवं श्रवण बाधित बच्चों को प्रतिदिन सम्मानजनक और सुरक्षित यात्रा का अवसर मिलेगा, जिससे वे मुख्यधारा की शिक्षा से सहज रूप से जुड़ सकेंगे।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक भूलन सिंह मरावी एवं समाज कल्याण विभाग की संचालक रोक्तिमा यादव सहित अनेक जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ क्रिश्चन फोरम के प्रमुख अरुण पन्नालाल के खिलाफ FIR दर्ज

रायपुर- छत्तीसगढ़ क्रिश्चन फोरम के प्रमुख अरुण पन्नालाल के खिलाफ रायपुर के आजाद चौक थाने में एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई है. उन पर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए पर्यटकों के नामों की गलत सूची सोशल मीडिया पर वायरल करने का आरोप है. FIR में धार्मिक भावनाएं आहत करने, अफवाह फैलाने और सोशल मीडिया पर गलत कंटेंट वायरल करने की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है.

जानकारी के मुताबिक, हिंदुवादी संगठनों, विशेष रूप से बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने इस मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाया. संगठनों ने अरुण पन्नालाल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए आजाद चौक थाने और उनके घर का घेराव किया था. कार्यकर्ताओं ने पुलिस को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी थी कि यदि FIR दर्ज नहीं की गई, तो वे जयस्तंभ चौक पर सार्वजनिक मुंडन कराएंगे.

हिंदुवादी संगठनों का आरोप है कि अरुण पन्नालाल ने सोशल मीडिया पर पहलगाम आतंकी हमले के शहीदों की गलत सूची साझा कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई और सामाजिक तनाव को बढ़ावा दिया. इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आजाद चौक थाने में FIR दर्ज की है.

पुलिस ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और सोशल मीडिया पर वायरल सामग्री की सत्यता की पड़ताल की जा रही है. अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकती हैं, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

700 करोड़ के स्टील प्लांट का विरोध तेज, ग्रामीणों से लेकर कांग्रेस ने जताई आपत्ति… BJP विधायक बोले प्रबंधन से होगी बात

मुंगेली-  मुंगेली जिले के सरगांव क्षेत्र अंतर्गत बड़ियाडीह गांव में प्रस्तावित 700 करोड़ रुपये के स्टील प्लांट को लेकर ग्रामीणों का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है. बड़ियाडीह समेत 8 ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने इस परियोजना के खिलाफ जनसुनवाई में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. पर्यावरण विभाग द्वारा आयोजित इस जनसुनवाई में 88 लोगों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 85 लोगों ने प्लांट के विरोध में और केवल 3 ने पक्ष में मत दिए. लिखित में भी 27 विरोध और 1 समर्थन मिला.

जैव विविधता और नदी प्रदूषण को लेकर चिंता

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह प्लांट मदकूद्वीप क्षेत्र के निकट है, जो जिले का प्रमुख पर्यटन और जैवविविधता वाला क्षेत्र है. उनका दावा है कि स्टील प्लांट से उत्पन्न रासायनिक अपशिष्ट और धुआं न केवल वायु और जल को प्रदूषित करेगा बल्कि मदकूद्वीप की पारिस्थितिकी भी प्रभावित होगी. साथ ही, मनियारी और शिवनाथ नदियों के जल स्रोतों पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है.

कांग्रेस ने भी दर्ज कराई आपत्ति

जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष घनश्याम वर्मा ने लिखित रूप में M/S LN Steel & Alloys Pvt. Ltd. द्वारा प्रस्तावित प्लांट का विरोध किया है. उन्होंने 8 बिंदुओं में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है, जिसमें पर्यावरणीय प्रदूषण, जल स्रोतों पर असर, स्वास्थ्य संबंधी खतरे, कृषि और पशुपालन पर प्रभाव, स्थानीय युवाओं को रोजगार में उपेक्षा, सामाजिक-सांस्कृतिक असंतुलन और कृषि भूमि के औद्योगिक उपयोग का मुद्दा शामिल है. कांग्रेस ने EIA रिपोर्ट सार्वजनिक करने और परियोजना को तत्काल रोकने की मांग की है.

संत रामरूपदास महात्यागी की भी आपत्ति

मदकूद्वीप के संत रामरूपदास महात्यागी ने भी स्टील प्लांट को लेकर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि यह प्लांट मदकूद्वीप के निकट है और इससे क्षेत्र की जैवविविधता और धार्मिक आस्था पर बुरा असर पड़ेगा. वातावरण खराब होने की भी संभावना है.

जानिए क्या कहते हैं जन प्रतिनिधि

क्षेत्रीय विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि वह इस प्रोजेक्ट को लेकर अधिकारियों से बात करेंगे. वहीं, डिप्टी सीएम अरुण साव ने भी इस मामले को संज्ञान में लेने की बात कही है और कहा है कि मीडिया के माध्यम से उन्हें ग्रामीणों की आपत्ति की जानकारी मिली है.

प्रशासन की प्रतिक्रिया

अपर कलेक्टर निष्ठा पांडेय तिवारी ने बताया कि जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने पर्यावरण, सड़क, पानी और बिजली से जुड़े कई मुद्दों पर आपत्ति और सुझाव दिए हैं. सभी जानकारी क्षेत्रीय पर्यावरण मंडल द्वारा रिपोर्ट के रूप में हेड ऑफिस और फिर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी. निर्णय प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा.

14 जून से शुरू होगा सेंट्रल इंडिया का पहला फिनिशिंग स्कूल ‘Vigor and Verve’, 21 दिनों में सिखाई जाएंगी होम मैनेजमेंट की खास कलाएं

रायपुर- आधुनिकता की दौड़ रफ्तार में पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन कौशलों से लोग दूर होते जा रहे हैं, जिससे सामाजिक और पारिवारिक संतुलन प्रभावित हो रहा है. इसी जरूरत को देखते हुए सेंट्रल इंडिया का पहला फिनिशिंग स्कूल ‘Vigor and Verve’ अब अपने नए सत्र की शुरुआत 14 जून से करने जा रहा है.

इस 21 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम में छात्राओं को एक ही छत के नीचे वातानुकूलित आवास और भोजन की सुविधा के साथ होम मैनेजमेंट की विभिन्न कलाएं सिखाई जाएंगी. यह कार्यक्रम युवतियों को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और व्यावहारिक रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित होगा.

प्रशिक्षण कार्यक्रम में पाक कला, कार ड्राइविंग, डांस, विभिन्न प्रकार के आर्ट एंड क्राफ्ट, इंटरनेशनल आर्टिस्ट प्रमोद साहू द्वारा रंगोली, अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने की कला ,समाजिक एवं व्यावहारिक शिष्टाचार, समय ,अनुशासन, वित्त प्रबंध एवं स्वयं को संवारने की कला और भी बहुत कुछ सिखने को मिलेगा.

फिनिशिंग स्कूल ने सभी पालकों से अपील की है कि बेटियों के उज्जवल वैवाहिक जीवन एवं उसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम जरूर ज्वाइन करवाए.

छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा पर नक्सलियों ने मचाया तांडव, मुंशी को उतारा मौत के घाट, सड़क निर्माण में लगे गाड़ियों में लगाई आग…

बलरामपुर- एक तरफ छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन जारी है. वहीं आज दूसरी तरफ छत्तीसगढ़-झारखंड बॉर्डर पर माओवादियों ने तांडव मचाया है. नक्सलियों ने एक बार फिर से विकास कार्य को रोकने के प्रसाय में एक बेकसूर मुंशी की हत्या कर दी और सड़क निर्माण में लगी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया.

बता दें, नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर बलरामपुर से लगे महुआडांड थाना क्षेत्र के गांव ओरसापाठ में चल रहे सड़क निर्माण कार्य में ड्यूटी पर तैनात मुंशी की बेरहमी से हत्या कर दी और वहां खड़ी JCB वाहन को भी फूंक डाला. घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है. साथ ही अब बलरामपुर पुलिस भी अलर्ट मोड पर आ गई है.

सूचना पर पहुंची पुलिस ने मर्ग कायम कर मृतक मुंशी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच में जुट गई है.