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साई कॉलेज में होलियाना अंदाज में मना रंगोत्सव
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अम्बिकापुर- श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में होलियाना अंदाज में गुरूवार को रंगोत्सव मनाया गया। विद्यार्थियों के साथ प्राध्यापकों और कर्मचारियों ने मां सरस्वती की आराधना के साथ होली के रस से रसासिक्त होने लगे। सभी के लिए थाल में अबीर, गुलाल कई रंगों में सजे थे। प्राध्यापक, कर्मचारी और विद्यार्थियों ने एक दूसरे पर अंतरंगता के साथ गुलाल लगाया और जम कर अबीर उड़ाया। इस अवसर पर गुलाल और अबीर से परिसर में उपस्थित सभी का चेहरा पल-पल अपने रंग में बदलता नजर आया। प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने सभी को होली की बधाई दी और शुभकामाना संदेश देते हुए कहा कि यह त्यौहार आपके जीवन में खुशियों का रंग बरसाये। सौहार्द्रपूर्ण होली के दौरान डीजे की धून पर सभी थिरकते नजर आये। होली, रसिया, अवधी, होरी पर सभी ताल से ताल मिलाते रहे। चेहरे पर रंगों की खुशी और पग में नर्तन की ताल उत्सव को और सराबोर किया। शासी निकाय के अध्यक्ष विजय कुमार इंगोले और सचिव अजय कुमार इंगोले ने होली की बधाई दी। रंगों के उत्सव के दौरान सभी प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

राज्यपाल रमेन डेका को मुख्यमंत्री श्री साय ने दी होली की शुभकामनाएं
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रायपुर- राज्यपाल रमेन डेका से आज राजभवन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भेंट कर होली की शुभकामनाएं दीॅ और राज्य हित से जुड़े विषयों पर चर्चा की। श्री डेका ने भी उन्हें होली की शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल श्री डेका को मुख्यमंत्री श्री साय ने राजकीय गमछा पहनाकर सम्मानित किया।

होली से पहले चढ़ा पारा, प्रदेश में तापमान में 3 डिग्री तक बढ़ोतरी, आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है गर्मी
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रायपुर- होली से पहले ही प्रदेश में गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. बीते 24 घंटे में तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पश्चिमी चक्रवात और विक्षोभ के कारण प्रदेश में तापमान तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है.

प्रदेश के कई जिलों में पारा चढ़ने लगा है. सारंगढ़ में अधिकतम तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गया, जबकि रायपुर और बिलासपुर में तापमान 39 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग के अनुसार, आज प्रदेश का मौसम शुष्क रहेगा और गर्मी का असर लगातार बढ़ सकता है.

कुसमुंडा खदान में बड़ा हादसा: 25 फीट ऊंचाई से गिरकर मजदूर की मौत, गुस्साए परिजनों ने मजदूरों के साथ किया प्रदर्शन
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कोरबा- दो दिन पहले कुसमुंडा खदान में 25 फीट की ऊंचाई से गिरकर मजदूर की मौत हो गई थी. वहीं आज मृतक के परिजनों ने मजदूरों के साथ प्रदर्शन किया, जिसके बाद प्रबंधन ने मुआवजा राशि दी. वहीं मजदूरों ने कंपनी पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने बताया कि बिना सुरक्षा उपकरणों के जोखिम भरे काम कराए जाते हैं।

जानकारी के अनुसार, 11 मार्च को कोल वाशरी के M.P.T K.D.I कंपनी में बिना किसी सुरक्षा उपकरण के 26 वर्षीय मजदूर किशन कुमार कोल शिफ्टिंग के ऊपर वेल्डिंग का काम कर रहा था. इस दौरान वह 25 फीट ऊपर से नीचे गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इस हादसे के बाद खदान में अफरा-तफरी मच गई. प्रबंधन ने मृतक के शव को मोर्चरी में रखवा दिया था, जिसके बाद परिजन शव लेने पहुंचे और गुस्साए मजदूरों के साथ कंपनी की लापरवाही को लेकर जमकर नारेबाजी की और प्रबंधन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. मजदूरों का आरोप है कि खदान में सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया जाता, जिससे आए दिन इस तरह के हादसे हो रहे हैं.

बिना सुरक्षा उपकरणों के कराया जा रहा था काम

मौके पर मौजूद मजदूरों ने बताया कि मृतक किशन कुमार बिना हेलमेट और सेफ्टी बेल्ट के वेल्डिंग कर रहा था, जिससे यह हादसा हुआ. यही नहीं, अन्य कई मजदूर भी बिना सुरक्षा उपकरणों के जोखिम भरा काम कर रहे थे, जिससे कंपनी की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है.

मजदूरों का कहना है कि संबंधित विभाग सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है और जब तक किसी की जान नहीं जाती, तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाती. आखिर इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है?

कुसमुंडा थाना प्रभारी रूपक शर्मा ने बताया कि मामले में केस दर्ज कर लिया गया है. वहीं कंपनी ने मृतक के परिवार को मुआवजा देने की घोषणा की है. मामले में आगे की कार्रवाई जारी है.

छत्तीसगढ़ में रेलवे परियोजनाओं को लेकर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने संसद में पूछा महत्वपूर्ण सवाल
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नई दिल्ली/रायपुर-  छत्तीसगढ़ में रेलवे की 2,731 किलोमीटर लंबाई की 25 परियोजनाओं पर 37,018 करोड़ रुपये का कार्य योजना व निर्माण प्रक्रिया में है, जिनमें से 882 किलोमीटर कार्य पूरा किया जा चुका है। यह जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के छत्तीसगढ़ में रेलवे के विकास कार्यों को लेकर किए गए प्रश्न के जवाब में दी। बृजमोहन अग्रवाल ने रेल मंत्री से पिछले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में स्वीकृत रेलवे परियोजनाओं, उनके कार्यान्वयन की स्थिति, लंबित परियोजनाओं के कारणों और नई रेलगाड़ियों की संभावनाओं पर विस्तृत जानकारी मांगी।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि, वर्ष 2009-14 की तुलना में 2014-24 के दौरान नई रेल पटरियों की कमीशनिंग 15 गुना बढ़ी है। वर्ष 2009-14 में सिर्फ 32 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई गई थी, जबकि 2014-24 में 999 किलोमीटर रेल लाइन चालू की गई। रेलवे बजट आवंटन भी वर्ष 2009-14 में 311 करोड़ रुपये प्रति वर्ष से 2024-25 में बढ़कर 6922 करोड़ रुपये हो गया है, जो 22 गुना वृद्धि दर्शाता है।

लंबित परियोजनाओं के कारण और समाधान:

सांसद बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर मंत्री ने बताया कि रेलवे परियोजनाओं की प्रगति भूमि अधिग्रहण, वन स्वीकृतियों, राज्य सरकार की लागत भागीदारी, जनोपयोगी सेवाओं के स्थानांतरण, कानूनी और जलवायु परिस्थितियों जैसी कई बाधाओं पर निर्भर करती है। रेलवे मंत्रालय द्वारा परियोजनाओं की प्राथमिकता तय करने, बजट आवंटन बढ़ाने, निगरानी तेज करने और राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित करने जैसे कदम उठाए गए हैं, जिससे रेलवे विकास की गति को तेज किया जा सके।

नई रेलगाड़ियों की मांग और जवाब:

श्री अग्रवाल ने रायपुर से जबलपुर, इंदौर, हैदराबाद और जयपुर के लिए नई रेलगाड़ियों की मांग की है। जिसपर रेल मंत्री ने बताया कि नई रेलगाड़ियों का संचालन यात्रियों की मांग, परिचालन व्यवहार्यता और नेटवर्क की जरूरतों के आधार पर किया जाता है। उन्होंने जानकारी दी कि पिछले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ से 08 नई गाड़ियों शुरू की गईं और 08 सेवाओं का विस्तार किया गया। रेलवे द्वारा यात्री आवश्यकताओं और परिचालन संभावनाओं को देखते हुए लगातार नई रेल सेवाओं की समीक्षा की जाती है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इस पर कहा, "छत्तीसगढ़ की जनता के लिए बेहतर रेल सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। मैं लगातार राज्य के विकास से जुड़ी हर परियोजना की मॉनिटरिंग कर रहा हूं और आवश्यक सुविधाओं के लिए केंद्र सरकार से आग्रह करता रहूंगा। छत्तीसगढ़ के लोगों को जल्द ही और अधिक रेल सेवाओं का लाभ मिलेगा।"

अब महाकाल की तर्ज पर बनेगा महादेव घाट कॉरिडोर
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रायपुर- महाकाल कॉरिडोर की तरह ऐतिहासिक महादेव घाट के शिव मंदिर और नदी का वह तट जो मंदिर के ठीक पीछे से रायपुरा पुल की ओर जाता है, इसी प्रकार मुक्तिधाम को छोड़ भाठागांव बायपास रोड की ओर जहां आजू-बाजू दुकानें हैं उस एरिया को भी व्यवस्थित किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में नगर निगम के लिए 10 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं.

इसका दूसरा चरण सिंचाई और पर्यटन विभाग विकसित करेगा. पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश मूणत ने बताया कि इस कॉरिडोर की तैयारी लंबे समय से चल रही थी. महादेव घाट के महत्व को शासन ने माना और इसे एक नये पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में स्वीकृत देकर राशि जारी कर दी. इसके बाद विसर्जन कुंड से होते हुए टाटीबंध के आगे चंदनीडीह की ओर एक डबल लेन रोड का भी प्रस्ताव तैयार किया गया है. इस पर भी अगले महीने से लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) सर्वे करेगा. श्री मूणत ने बताया कि इस रोड के बनने से आधे से अधिक ट्रैफिक डायवर्ट हो जाएगा. लोगों का भिलाई-दुर्ग की ओर भाठागांव, रायपुरा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से आना-जाना आसान हो जाएगा. इस रोड बनने के साथ ही हम पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से सघन वृक्षारोपण जिसमें मौसमी फलों के वृक्ष लगाकर ऐसे फलों के व्यापार को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. 

चौक से शुरू हो जाएगी व्यवस्था

महादेव घाट प्रोजेक्ट का काम रायपुरा का चौक जहां से एक ओर पुल की ओर दूसरा रास्ता सीधे मंदिर में जाता है, इसी मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते से शुरू होगा. इसके बाद ब्रम्हविद् स्कूल की ओर जाने वाली रोड का लगभग 50 से 100 मीटर हिस्सा भी प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा.

मंदिर के आसपास दुकानें होंगी व्यवस्थित

इस प्रोजेक्ट के संबंध में अधिकारियों ने कहा कि महादेव घाट कॉरिडोर योजना में मंदिर के आसपास की दुकानों को भी व्यवस्थित किया जाएगा. हम इन दुकानों को वहां से हटाने के बजाय उनके लिए आकर्षक व्यवस्था करने की दिशा में काम करेंगे. इससे मंदिर का स्वरूप जो अभी दूर से नहीं दिखता, लोगों को रोड से स्पष्ट दिखाई देगा.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मिनीमाता जयंती पर उन्हें किया नमन
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रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महान समाजसेविका एवं छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की जयंती पर उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन किया। उन्होंने कहा कि मिनीमाता जी का संपूर्ण जीवन समाज में व्याप्त छुआछूत, गरीबी, अशिक्षा और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए समर्पित था।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नारी शिक्षा और मजदूरों के कल्याण के लिए उनके प्रयास ऐतिहासिक रहे हैं। उन्होंने सामाजिक बुराइयों के खिलाफ न केवल आवाज उठाई, बल्कि उन्हें समाप्त करने के लिए संघर्ष भी किया। वंचितों, शोषितों और महिलाओं के सशक्तिकरण में उनका योगदान अमूल्य है। श्री साय ने कहा कि मिनीमाता जी का सेवाभावी, कर्मठ और प्रेरणादायी व्यक्तित्व सभी के लिए मार्गदर्शक है। उनके विचार और कार्य हमें समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए सदैव प्रेरित करते रहेंगे।

फर्जी सैक्स सीडी मामले में भूपेश बघेल पर फिर शिकंजा कसने की तैयारी
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रायपुर- फर्जी सैक्स सीडी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इतनी आसानी से निजात नहीं मिलने वाली है. स्पेशल मजिस्ट्रेट द्वारा उनके खिलाफ आरोप हटाने के आदेश पर सीबीआई ने रिवीजन फाइल की है, जिसकी सुनवाई 4 अप्रैल को होगी. 

सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने बुधवार को रायपुर जिला न्यायाधीश की कोर्ट में रिवीजन फाइल की है, जिसे न्यायाधीश ने सीबीआई की विशेष अदालत को भेज दिया है. मामले की अगली सुनवाई सीबीआई की स्पेशल ट्रायल कोर्ट में 4 अप्रैल को होगी.

 

अंतर्राष्ट्रीय मास्टर लीग टी-20 मैच : रायपुर के वीर नारायण सिंह स्टेडियम में 13 और 14 मार्च को खेला जाएगा सेमीफाइनल, जानिए रूट मैप…
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रायपुर-  13 एवं 14 मार्च 2025 को शहीद वीर नारायण सिंह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम नया रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय मास्टर लीग टी-20 मैच का सेमीफाइनल खेला जाना है. इस दौरान क्रिकेट मैच देखने के लिए राज्य के अलग-अलग जिलो से आने वाले दर्शकों के सुगम आवागमन और खिलाड़ियों के सुरक्षित आवागमन के लिए यातायात पुलिस रायपुर ने मार्ग एवं पार्किंग व्यवस्था निर्धारित किया है. शराब, बीड़ी-सिगरेट, गुटका तंबाखु, सुटकेश, लेडिज बैग, कागज का पैकेट स्टेडियम में प्रतिबंधित रहेगा.

जानिए यातायात व्यवस्था की रूट

रायपुर शहर से होकर क्रिकेट स्टेडियम जाने के लिए मार्ग:- रायपुर शहर से होकर क्रिकेट स्टेडियम जाने के लिए तेलीबांधा थाना तिराहा नेशनल हाइवे क्र-53 होकर सेरीखेड़ी ओव्हरब्रीज से नया रायपुर मार्ग होकर स्टेडियम तिराहा से सांई अस्पताल रोड होकर सांई अस्पताल पार्किंग व सेंध तालाब पार्किग में अपना वाहन पार्क कर स्टेडियम पैदल पहुंचेंगे।

बिलासपुर की ओर से स्टेडियम आने वाले दर्शको के लिए मार्ग व्यवस्था:- बिलासपुर की ओर से होकर क्रिकेट स्टेडियम आने वाले दर्शकगण बिलासपुर-रायपुर मार्ग से होकर धनेली नाला से रिंग रोड नम्बर-03 होकर विधानसभा चौक, राजू ढाबा रिंग रोड नंम्बर-03 जंक्शन होकर नेशनल हाइवे क्र-53 से मंदिर हसौद होकर नवागांव से स्टेडियम टर्निग होकर स्टेडियम के पूर्व दिशा स्थित परसदा पार्किंग एवं कोसा पार्किंग में अपना वाहन पार्क कर पैदल स्टेडियम पहुचेंगे।

बलौदाबाजार-खरोरा की ओर से स्टेडियम आने वाले दर्शकों के लिए मार्ग व्यवस्थाः- बलौदा बाजार-खरोरा मार्ग से होकर स्टेडियम आने वाले दर्शक बलौदाबाजार-रायपुर मार्ग में विधानसभा ओव्हरब्रीज चौक सेे रिंग रोड नम्बर-03 होकर विधानसभा चौक, राजू ढाबा रिंग रोड नंम्बर-03 जंक्शन होकर नेशनल हाइवे क्र-53 से मंदिर हसौद होकर नवागांव से स्टेडियम टर्निग होकर स्टेडियम के पूर्व दिशा स्थित परसदा पार्किंग एवं कोसा पार्किंग में अपना वाहन पार्क कर पैदल स्टेडियम पहुचेंगे।

जगदलपुर-धमतरी मार्ग से होकर आने वाले दर्शकों के लिए मार्ग व्यवस्था:- धमतरी-जगदलपुर की ओर से आने वाले दर्शक अभनपुर से केन्द्री, उपरवारा, मंत्रायल चौक, कोटराभाठा, सेंध तालाब होकर सांई अस्पताल पार्किंग व सेंध तालाब पार्किग में अपना वाहन पार्क कर स्टेडियम पैदल पहुंचेगे।

दुर्ग-भिलाई की ओर से आने वाले दर्शकों के लिए मार्ग व्यवस्था:- दुर्ग-भिलाई की ओर से आने वाले दर्शक टाटीबंध से रिंग रोड 01 होकर पचपेढ़ीनाका, तेलीबांधा थाना तिराहा नेशनल हाइवे क्र-53 होकर सेरीखेड़ी ओव्हरब्रीज से नया रायपुर मार्ग होकर स्टेडियम तिराहा से सांई अस्पताल रोड होकर सत्यसांई अस्पताल पार्किंग व सेंध तालाब पार्किग में अपना वाहन पार्क कर स्टेडियम पैदल पहुंचेंगे।

महासमुंद-सरायपाली की ओर से आने वाले दर्शकों के लिए मार्ग व्यवस्था:- महासमुंद सरायपाली की ओर से आने वाले दर्शकों के लिए आरंग से सीधे स्टेडियम टर्निग होकर स्टेडियम के पूर्व दिशा स्थित परसदा पार्किंग एवं कोसा पार्किंग में अपना वाहन पार्क कर पैदल स्टेडियम पहुंचेंगे।

पासधारी वाहनों के लिए मार्ग एवं पार्किंग:- पासधारी वाहन जिन्हे पार्किंग पास A,B,C,D,R-1,R-2 जारी हुआ है वे सेरीखेड़ी ओव्हर ब्रीज होकर नया रायपुर प्रवेश मार्ग से स्टेडियम टर्निंग, डॉ खूबचंद बघेल चौक, कयाबांधा चौक (सेक्टर 15/21) कोटराभांठा चौक (सेक्टर-17/20) से ग्राम सेंध सेक्टर-04/10 होकर स्टेडियम पार्किंग A,B,C,D,R-1,R-2 में अपना वाहन पार्क कर सकेंगे।

मध्यम/भारी माल वाहनों का आवागमन प्रतिबंध:- दिनांक 13.03.2025 को सेमीफाइनल क्रिकेट मैच आयोजन के दौरान सुगम सुरक्षित यातायात व्यवस्था हेतु नया रायपुर के सभी प्रवेश मार्गो पर मध्यम/भारी मालवाहक वाहनों का प्रवेश अपरान्ह 03ः00 बजे से रात्रि 01ः00 बजे तक पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। असुविधा से बचने के लिए इस मार्ग स्थान पर वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग कर सकते है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से जोरा नाला कंट्रोल स्ट्रक्चर से इंद्रावती नदी में जल प्रवाह सुनिश्चित
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रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर जोरा नाला कंट्रोल स्ट्रक्चर में जल प्रवाह को नियंत्रित कर इंद्रावती नदी की मुख्य धारा में पानी छोड़ा गया है। ओडिशा सरकार की सहमति के बाद स्ट्रक्चर में रेत की बोरियां डालकर पानी का प्रवाह सुनिश्चित किया गया, जिससे इंद्रावती नदी में जल स्तर में वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से इंद्रावती नदी के जल संकट के समाधान हेतु चर्चा की। इस पर केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा के मुख्यमंत्रियों को समस्या के निराकरण हेतु आवश्यक निर्देश दिए। जिसके परिणामस्वरूप उड़ीसा राज्य की सहमति से जोरा नाला कंट्रोल स्ट्रक्चर को अस्थायी रूप से एक फीट ऊंचा किया गया, जिससे इंद्रावती नदी के जल प्रवाह में सुधार हुआ।

इसके अतिरिक्त, इंद्रावती नदी के अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम में जमा रेत को हटाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जिसे अप्रैल के पहले सप्ताह तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस संबंध में कलेक्टर हरिस एस के मार्गदर्शन में अपर कलेक्टर सी.पी. बघेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग और जल संसाधन विभाग के ईई वेद पांडेय ने स्थानीय किसानों को जिला कार्यालय के प्रेरणा सभा कक्ष में पूरी जानकारी दी।

इंद्रावती नदी और जोरा नाला की समस्या

इंद्रावती नदी का उद्गम ओडिशा राज्य के कालाहांडी जिले के रामपुर धुमाल गांव से हुआ है। यह नदी 534 किलोमीटर की यात्रा के बाद गोदावरी नदी में मिलती है। नदी का कैचमेंट एरिया 41,665 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें ओडिशा में 7,435 वर्ग किमी, छत्तीसगढ़ में 33,735 वर्ग किमी और महाराष्ट्र में 495 वर्ग किमी शामिल हैं।

ओडिशा राज्य की सीमा पर ग्राम सूतपदर में इंद्रावती नदी दो भागों में बंट जाती है। एक भाग इंद्रावती नदी के रूप में 5 किमी बहकर ग्राम भेजापदर के पास छत्तीसगढ़ में प्रवेश करता है, जबकि दूसरा भाग जोरा नाला के रूप में 12 किमी बहते हुए शबरी (कोलाब) नदी में मिल जाता है। पहले जोरा नाला का पानी इंद्रावती में आता था, लेकिन धीरे-धीरे इसका बहाव बढ़ने से इंद्रावती का जल प्रवाह कम हो गया।

समस्या गंभीर होने पर दिसंबर 2003 में ओडिशा और छत्तीसगढ़ के प्रमुख अभियंताओं की बैठक में जोरा नाला के मुहाने पर जल विभाजन के लिए कंट्रोल स्ट्रक्चर बनाने का निर्णय लिया गया। यह स्ट्रक्चर ओडिशा सरकार द्वारा बनाया गया, जिसकी डिज़ाइन केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने तैयार की। निर्माण के बाद भी जोरा नाला में अधिक पानी जाने से छत्तीसगढ़ को ग्रीष्म ऋतु में औसतन 40.71% और ओडिशा को 59.29% जल प्रवाह मिला।

राज्य सरकार की पहल से समाधान की दिशा में प्रगति

इंद्रावती नदी में न्यूनतम जल प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने कई प्रयास किए। 6 जनवरी 2021 को ओडिशा और छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में कंट्रोल स्ट्रक्चर के अपस्ट्रीम में जलभराव रोकने के लिए रेत और बोल्डर हटाने तथा जोरा नाला के घुमाव को सीधा करने का अनुरोध किया गया।

वर्ष 2018 के बाद इंद्रावती नदी में सतत जल प्रवाह कम होने की समस्या बनी हुई थी। अब राज्य सरकार के प्रयासों से ओडिशा सरकार का सहयोग प्राप्त हुआ है, जिससे नदी के जल प्रवाह को संतुलित करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इससे इंद्रावती नदी में जल प्रवाह बढ़ेगा और किसानों को सिंचाई के लिए पानी की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित होगी।