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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से जोरा नाला कंट्रोल स्ट्रक्चर से इंद्रावती नदी में जल प्रवाह सुनिश्चित
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रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर जोरा नाला कंट्रोल स्ट्रक्चर में जल प्रवाह को नियंत्रित कर इंद्रावती नदी की मुख्य धारा में पानी छोड़ा गया है। ओडिशा सरकार की सहमति के बाद स्ट्रक्चर में रेत की बोरियां डालकर पानी का प्रवाह सुनिश्चित किया गया, जिससे इंद्रावती नदी में जल स्तर में वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल से इंद्रावती नदी के जल संकट के समाधान हेतु चर्चा की। इस पर केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा के मुख्यमंत्रियों को समस्या के निराकरण हेतु आवश्यक निर्देश दिए। जिसके परिणामस्वरूप उड़ीसा राज्य की सहमति से जोरा नाला कंट्रोल स्ट्रक्चर को अस्थायी रूप से एक फीट ऊंचा किया गया, जिससे इंद्रावती नदी के जल प्रवाह में सुधार हुआ।

इसके अतिरिक्त, इंद्रावती नदी के अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम में जमा रेत को हटाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जिसे अप्रैल के पहले सप्ताह तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस संबंध में कलेक्टर हरिस एस के मार्गदर्शन में अपर कलेक्टर सी.पी. बघेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग और जल संसाधन विभाग के ईई वेद पांडेय ने स्थानीय किसानों को जिला कार्यालय के प्रेरणा सभा कक्ष में पूरी जानकारी दी।

इंद्रावती नदी और जोरा नाला की समस्या

इंद्रावती नदी का उद्गम ओडिशा राज्य के कालाहांडी जिले के रामपुर धुमाल गांव से हुआ है। यह नदी 534 किलोमीटर की यात्रा के बाद गोदावरी नदी में मिलती है। नदी का कैचमेंट एरिया 41,665 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें ओडिशा में 7,435 वर्ग किमी, छत्तीसगढ़ में 33,735 वर्ग किमी और महाराष्ट्र में 495 वर्ग किमी शामिल हैं।

ओडिशा राज्य की सीमा पर ग्राम सूतपदर में इंद्रावती नदी दो भागों में बंट जाती है। एक भाग इंद्रावती नदी के रूप में 5 किमी बहकर ग्राम भेजापदर के पास छत्तीसगढ़ में प्रवेश करता है, जबकि दूसरा भाग जोरा नाला के रूप में 12 किमी बहते हुए शबरी (कोलाब) नदी में मिल जाता है। पहले जोरा नाला का पानी इंद्रावती में आता था, लेकिन धीरे-धीरे इसका बहाव बढ़ने से इंद्रावती का जल प्रवाह कम हो गया।

समस्या गंभीर होने पर दिसंबर 2003 में ओडिशा और छत्तीसगढ़ के प्रमुख अभियंताओं की बैठक में जोरा नाला के मुहाने पर जल विभाजन के लिए कंट्रोल स्ट्रक्चर बनाने का निर्णय लिया गया। यह स्ट्रक्चर ओडिशा सरकार द्वारा बनाया गया, जिसकी डिज़ाइन केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने तैयार की। निर्माण के बाद भी जोरा नाला में अधिक पानी जाने से छत्तीसगढ़ को ग्रीष्म ऋतु में औसतन 40.71% और ओडिशा को 59.29% जल प्रवाह मिला।

राज्य सरकार की पहल से समाधान की दिशा में प्रगति

इंद्रावती नदी में न्यूनतम जल प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने कई प्रयास किए। 6 जनवरी 2021 को ओडिशा और छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में कंट्रोल स्ट्रक्चर के अपस्ट्रीम में जलभराव रोकने के लिए रेत और बोल्डर हटाने तथा जोरा नाला के घुमाव को सीधा करने का अनुरोध किया गया।

वर्ष 2018 के बाद इंद्रावती नदी में सतत जल प्रवाह कम होने की समस्या बनी हुई थी। अब राज्य सरकार के प्रयासों से ओडिशा सरकार का सहयोग प्राप्त हुआ है, जिससे नदी के जल प्रवाह को संतुलित करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इससे इंद्रावती नदी में जल प्रवाह बढ़ेगा और किसानों को सिंचाई के लिए पानी की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

भारत माला परियोजना में भ्रष्टाचार की EOW करेगी जांच, साय कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसले
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रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है. मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित इस बैठक में भारत माला परियोजना के क्रियान्वन में भ्रष्टाचार की जांच को ईओडब्ल्यू को सौंपने का फैसला किया है. वहीं युवाओं के लिए मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना को शुरू किए जाने का फैसला लिए गया है. इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. 

- राज्य में नक्सल समस्या के समाधान के लिए ठोस पहल करते हुए छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति-2023 के स्थान पर छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति-2025 को मंजूरी प्रदान की है। इस नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को आर्थिक सहायता, पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।

- छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल विधेयक-2025 विधानसभा के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

- छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

- छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

- मुख्यमंत्री ने 27 फरवरी को फिल्म ‘‘छावा‘‘ को राज्य में टैक्स फ्री करने की घोषणा की थी। मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री जी की घोषणा के अनुपालन में फिल्म छावा के प्रदर्शन पर प्रवेश हेतु देय राज्य माल और सेवा कर (एसजीएसटी) के समतुल्य धनराशि की प्रतिपूर्ति किए जाने का अनुमोदन किया गया।

- राज्य में जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और वैज्ञानिक योजना तैयार करने के लिए राज्य जल सूचना केन्द्र (SWIC) का गठन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से समझौता ज्ञापन (एमओयू) करने की सहमति प्रदान की गई।

स्टेट वाटर इंफॉर्मेशन सेंटर वर्षा, नदी और जलाशयों के स्तर, भूजल गुणवत्ता, गाद, नहरों में जल प्रवाह, फसल कवरेज, जलभृत मानचित्रण, भूमि और मिट्टी के डेटा सहित जल संसाधन संबंधी विभिन्न सूचनाओं का संग्रह, विश्लेषण और भंडारण करेगा।

SWIC, NWIC द्वारा विकसित डिजिटल प्लेटफार्म की सहायता से जल संसाधन प्रबंधन के लिए प्रमाणिक डेटा उपलब्ध कराएगा। इससे नीति निर्माण, रणनीतिक निर्णय, मॉडलिंग, विश्लेषणात्मक उपकरणों के विकास और जल प्रबंधन को मजबूती मिलेगी।

- राज्य के जल संसाधन विभाग के 09 बॉधों के सुधार कार्यों के लिए 522.22 करोड़ रूपए भारत सरकार के माध्यम से ऋण स्वीकृति प्राप्त करने का निर्णय लिया गया। इनमें मनियारी टैंक, घोंघा टैंक, दुधावा, किंकारी, सोंढूर, मूरूमसिल्ली (भाग-2), रविशंकर सागर परियोजना (भाग-2), न्यूज रूद्री बैराज और पेण्ड्रावन टैंक शामिल हैं।

- राज्य में सुशासन और नीति क्रियान्वयन को मजबूत करने में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सुशासन फेलोशिप योजना शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

यह योजना आईआईएम रायपुर और ट्रांसफार्मिंग रूरल इंडिया फाउण्डेशन नई दिल्ली के सहयोग से सुशासन एवं अभिसरण विभाग द्वारा संचालित की जाएगी। यह योजना छत्तीसगढ़ के मूल निवासी युवाओं के लिए होगी। इस कार्यक्रम को सुफलतापूर्वक पूर्ण करने वाले फेलो को आईआईएम रायपुर द्वारा एमबीए के डिग्री प्रदान की जाएगी। प्रारंभिक तौर पर चयनित फेलो को दो वर्ष की कुछ अवधि में आईआईएम रायपुर में शैक्षणिक सत्र में शामिल होना होगा तथा शेष अवधि में जिला/विभाग में राज्य की योजनाओं एवं कार्यक्रम हेतु कार्य करके जिला/विभाग को सहयोग प्रदान करना होगा। इस कार्यक्रम में होने वाले खर्च का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा साथ ही फेलो को प्रति माह स्टाईपेंड भी प्रदान किया जाएगा।

- छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार की प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच ईओडब्ल्यू के माध्यम से जांच कराने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से तमिलनाडु के किसानों ने की सौजन्य मुलाकात
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रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज विधानसभा स्थित उनके कार्यालय में तमिलनाडु कावेरी फार्मर्स प्रोटेक्शन एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान तमिलनाडु के किसानों ने मुख्यमंत्री का पारंपरिक रूप से धान और पान से बनी माला पहनाकर अभिनंदन किया और अपनी परंपरा के अनुरूप रेड बनाना (लाल केला), आम, नारियल के पौधे और कटहल उपहार स्वरूप भेंट किए। इस आत्मीय स्वागत के लिए मुख्यमंत्री श्री साय ने किसानों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी उपस्थित थे।

तमिलनाडु के किसानों ने छत्तीसगढ़ सरकार की नीति को बताया अनुकरणीय

मुलाकात के दौरान तमिलनाडु के किसानों ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को दिए जा रहे देश के सर्वाधिक धान मूल्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की नीति किसानों के लिए एक मिसाल है। इस पहल को किसानों की आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताते हुए उन्होंने कहा कि जब किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिलता है, तो वे न केवल अधिक उत्पादन के लिए प्रेरित होते हैं, बल्कि खेती को एक स्थायी आजीविका के रूप में भी देख सकते हैं।

एसोसिएशन के महासचिव स्वामीमलाई सुंदर विमलनाथन ने मुख्यमंत्री की इस नीति की सराहना करते हुए कहा कि उचित समर्थन मूल्य किसानों को आश्वस्त करता है कि उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलेगा। जब मूल्य उत्पादन लागत से मेल खाता है, तो किसान निडर होकर खेती कर सकते हैं और अपनी आजीविका को समृद्ध बना सकते हैं। छत्तीसगढ़ का यह कदम पूरे देश में मिसाल बन सकता है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों से संवाद करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार का संकल्प किसानों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ दिलाना है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। धान के लिए उच्चतम समर्थन मूल्य और समय पर भुगतान हमारी प्राथमिकता है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसान न केवल आत्मनिर्भर बनें बल्कि समृद्ध भी हों।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लागू की गई यह नीति राज्य में धान उत्पादन को नए उच्च स्तर तक ले जा रही है। किसान हितैषी योजनाओं के कारण प्रदेश में धान का उत्पादन लगभग 1.50 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गया है, जो राज्य के कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

छत्तीसगढ़ की कृषि नीति को राष्ट्रीय पहचान

तमिलनाडु के किसानों ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार की कृषि नीतियों की राष्ट्रीय स्तर पर पहचान की सराहना की। किसानों ने कहा कि जब सरकार किसानों के हित में ठोस नीतियाँ बनाती है, तो उनका सीधा प्रभाव उनकी आय, जीवन स्तर और समृद्धि पर पड़ता है। यह मुलाकात दो राज्यों के किसानों के बीच आपसी सौहार्द और कृषि सहयोग का प्रतीक बनी। इससे स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ सरकार की किसान-केंद्रित नीतियां न केवल राज्य में बल्कि देशभर में अनुकरणीय बन रही हैं।

इस अवसर पर एसोसिएशन के महासचिव स्वामीमलाई सुंदर विमलनाथन के साथ चेरन, कालिया पेरूमल, समीनाथन, सेनगुटटुवन, सुगुमारन, बालाजी, सीतारामन, सबरी नाथन, जी. बालाजी सहित अन्य किसान नेता उपस्थित थे।

टीम प्रहरी अभियान: राजधानी के यातायात को सुगम और व्यवस्थित करने जिला प्रशासन चला रही अभियान
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रायपुर-  राजधानी रायपुर के यातायात को सुगम और सुव्यवस्थित बनाने के मद्देनजर जिला प्रशासन रायपुर लगातार प्रयास कर रही है। राजधानी के ऐसे इलाके जहां भीड़ भाड़ और वाहनों के आवाजाही ज्यादा रहती है। टीम प्रहरी द्वारा ऐसे इलाकों में उन्हें व्यवस्थित कर यातायात को सुगम और व्यवस्थित बनाने की पहल की जा रही है। इससे राजधानीवासियों को ट्रैफिक जाम सेे बड़ी राहत मिल रही है।

कलेक्टर रायपुर डॉ. गौरव कुमार सिंह की पहल पर टीम प्रहरी अभियान की शुरूआत की गई है। कलेक्टर डॉ सिंह के निर्देशानुसार आज टीम प्रहरी ने कार्रवाई करते हुए बैजनाथ पारा, मालवीय रोड़ तथा एवरग्रीन चौक पर यातायात बाधित कर रहे सड़कों के किनारे व्यवसायिक प्रतिष्ठानों एवं स्ट्रीट वेंडर के ठेला, गुमटी, साइन बोर्ड सहित अन्य सामान का जब्ती बनाया गया।

नगर निगम, पुलिस एवं जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से चलाए जा रहे इस अभियान के तहत निरंतर समझाइश के साथ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान नगर निगम निवेशक आभाष मिश्रा, यातायात डीएसपी सतीश ठाकुर तथा जोन-04 के संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

रायपुर प्रेस क्लब के होली मिलन समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
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रायपुर-  होली केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि आपसी प्रेम, सद्भाव और भाईचारे को मजबूत करने का अवसर भी है। यह पर्व हमें छोटी-छोटी अनबन को भुलाकर नए सिरे से दोस्ती की शुरुआत करने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह में यह बात कही।

रंगों के बीच पत्रकारों संग झूमे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री साय का रायपुर प्रेस क्लब के सदस्यों ने अनूठे अंदाज में भिंडी की माला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रेस क्लब के होली विशेषांक ‘सेंसलेस टाइम्स’ का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि रायपुर प्रेस क्लब में पर्वों को मिल-जुलकर मनाने की एक गौरवशाली परंपरा है। हर साल इस होली उत्सव में शामिल होने का अवसर मिलता है। मैं रायपुर प्रेस क्लब परिवार का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। हर्ष और उल्लास से भरा यह पर्व आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करे, यही मेरी मंगलकामना है।

मुख्यमंत्री ने बजाया नगाड़ा, रंगों के उल्लास में झूमे पत्रकार

रायपुर प्रेस क्लब के होली मिलन समारोह में रंगों और उमंग का अनोखा नज़ारा देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने खुद नगाड़ा बजाकर उत्सव का जोश दोगुना कर दिया। मुख्यमंत्री के नगाड़ा बजाते ही समारोह में मौजूद पत्रकारों और गणमान्यजनों ने तालियों से उत्साह बढ़ाया और पूरे माहौल में उल्लास की लहर दौड़ गई। पारंपरिक ढोल-नगाड़ों की धुन पर मुख्यमंत्री भी पत्रकारों के साथ फाग गीतों और होली की मस्ती में झूमते नजर आए। होली के इस रंगीन माहौल में संगीत, उत्सव और आपसी भाईचारे का अनूठा संगम देखने को मिला।

पत्रकारों के लिए बड़ी सौगात, प्रेस क्लब के लिए 1 करोड़ का बजट प्रावधान

मुख्यमंत्री श्री साय ने रायपुर प्रेस क्लब की परंपरा को सराहते हुए कहा कि इस वर्ष के बजट में पत्रकारों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज का दर्पण होते हैं, जो लोकतंत्र की मजबूती में अहम भूमिका निभाते हैं। रायपुर प्रेस क्लब को राजधानी की गरिमा के अनुरूप विकसित करने के लिए 1 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिससे इसके भवन का रिनोवेशन और विस्तार किया जाएगा। इसके अलावा पत्रकारों के लिए एक्सपोजर विजिट की भी मांग उठी थी, जिसे पूरा करते हुए 1 करोड़ रुपये का अलग से बजट प्रावधान किया गया है।मुख्यमंत्री श्री साय ने वरिष्ठ पत्रकारों के कल्याण की चिंता करते हुए कहा कि लंबे समय तक पत्रकारिता के क्षेत्र में जनसेवा करने वाले साथियों को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े, इसके लिए सरकार ने सम्मान निधि को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रति माह कर दिया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मुझे लगता है कि यह होली केवल रंगों और फाग की मस्ती का पर्व नहीं, बल्कि पत्रकार मित्रों के लिए भी बड़ी सौगात लेकर आई है।

महिला पत्रकारों के योगदान को सराहा

मुख्यमंत्री ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित विशेष कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि इस अवसर पर उन्होंने महिला पत्रकारों का सम्मान किया और उनके संघर्ष व उपलब्धियों को करीब से समझने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि महिला पत्रकारिता में चुनौतियाँ बहुत हैं, लेकिन उनके हौसले और संकल्प भी उतने ही ऊँचे हैं।

लोकतंत्र के प्रहरी के रूप में पत्रकारों की अहम भूमिका

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के प्रहरी होते हैं, जिनकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है। ऐसे में उनके लिए इस तरह के सांस्कृतिक और मिलन समारोह जरूरी हैं, जिससे कार्य के दबाव से अलग हटकर परस्पर सौहार्द को बढ़ावा मिले।

रायपुर प्रेस क्लब वर्षों से होली मिलन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करता आ रहा है। यह परंपरा आगे भी जारी रहनी चाहिए। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक अनुज शर्मा, विधायक सुनील सोनी, रायपुर नगर निगम की महापौर मीनल चौबे, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा, मुख्यमंत्री के प्रेस अधिकारी आलोक सिंह, अमित चिमनानी, अनुराग अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और अधिकारीगण कार्यक्रम में शामिल हुए। रायपुर प्रेस क्लब की ओर से अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर सहित प्रेस क्लब के सदस्यगण उपस्थित थे।

भारतमाला परियोजना में हुए भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच हो - गोपाल साहू
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रायपुर- आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल साहू ने भारतमाला परियोजना में हुई गड़बड़ी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भारतमाला परियोजना में बहुत बड़ी गड़बड़ी हुई है। और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। उनका कहना है कि अधिसूचना जारी होने के बाद रकबे का टुकड़ा किया गया। जमीन एक बार अधिग्रहित की गई थी उसे दोबारा भूअर्जन किया गया, जिसे मुआवजा मिलना था उसे ना देकर दूसरे को मुआवजा दिया गया। जमीन के 13 मूल खाताधारकों के खसरे को 54 टुकड़ों में बांटा गया। एक गांव में एक मूल खसरे को 4 टुकड़े किए गए, तीसरे गांव में चार मूल खसरे को 33 टुकड़े किए गए। वहीं रायपुर के अभनपुर तहसील के चार गांवों के मुआवजा गड़बड़ी की गई।ट्रस्ट को मुआवजा ना देकर निजी व्यक्ति को मुआवजा दिया गया। और जिसमें लगभग 43 करोड़ 19 लाख का आर्थिक नुकसान केंद्र सरकार को हुआ। मामले में अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है जो नाकाफी है। निश्चित ही इस परियोजना में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है।

उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी तो कई भ्रष्टाचार के कई मामलों में भाजपा कहती थी कि हमारी सरकार आने पर हम जांच कराएंगे और वही आज भाजपा की सरकार है तो भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस सवाल उठाने पर बचती हुई नजर आ रही है। निश्चित ही यह दोनों पार्टियों की मिली भगत है और दोनों पार्टियों ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जांच कराने से घबराती हैं। आम आदमी पार्टी मांग करती है कि भारतमाला परियोजना में हुए भ्रष्टाचार मामले की सीबीआई से करानी चाहिए

गौशाला में गायों की मौत : कांग्रेस ने बनाई तीन सदस्यीय जांच समिति, वरिष्ठ नेता धनेंद्र साहू को बनाए गए संयोजक
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रायपुर- गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर विकासखण्ड के ग्राम कोपरा स्थित शिवबाबा कोपेश्वरनाथ गौ-शाला में विगत दिनों कई गायों की मौत हुई थी. इस की घटना को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता धनेन्द्र साहू के संयोजकत्व में 3 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है.

जांच समिति में पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल, पूर्व विधायक विनोद चंद्राकर सदस्य बनाए गए हैं. जांच समिति कोपरा गौशाला जाएंगे एवं ग्रामवासियों से भेंटकर घटना की वस्तुस्थिति से अवगत होकर अपनी जांच रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को देंगे.

दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

बता दें कि इस मामले में पुलिस ने शिवबाबा कोपेश्वर नाथ संस्था के अध्यक्ष मनोज साहू और संयोजक हलधरनाथ गोस्वामी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियमन और बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है. कोपरा नगर पंचायत के सीएमओ ने पांडुका थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि 02.02.2025 से 07. 03.2025 तक कुल 19 मवेशियों की मौत हुई है. गायों के खानपान एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी शिवबाबा कोपेश्वर नाथ संस्था के अध्यक्ष मनोज साहू और संयोजक हलधरनाथ गोस्वामी की थी, लेकिन दोनों की लापरवाही के कारण पशुओं को समय पर खाना नहीं दिया गया. इसके कारण मशेवियों की बीते एक महीने में असमय मृत्यु हुई. आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम 1960 और बीएनएस के धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया. साथ ही पृथक से प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जा रही है.

होली के अवसर पर अम्बेडकर अस्पताल में 24 घंटे जारी रहेगी आपात चिकित्सा सेवा
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रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल और स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल के दिशानिर्देश पर होली के त्योहार को ध्यान में रखते हुए अम्बेडकर अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने की व्यवस्था की गई है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य संबंधित विभागों को अलर्ट मोड में रहने के लिए निर्देशित किया है।

होली के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना या आपातकालीन चिकित्सा स्थिति के संभावित मामलों को देखते हुए आपात चिकित्सा सेवाओं को चौबीसों घंटे चालू रखने के निर्देश दिए गए हैं। होली के दिन 14 मार्च को शासकीय अवकाश होने के कारण ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) बंद रहेगा, लेकिन इमरजेंसी सेवाएं पूर्ववत 24 घंटे उपलब्ध रहेंगी।

आपात चिकित्सा सेवाओं को लेकर विशेष प्रबंध

आपातकालीन वार्डों में जीवन रक्षक दवाओं और आवश्यक संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। मेडिकल स्टाफ को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल सहायता दी जा सके। सभी डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को इमरजेंसी ड्यूटी के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। मरीजों को समय पर इलाज मिल सके, इसके लिए ट्रॉमा और इमरजेंसी यूनिट को विशेष रूप से सशक्त किया गया है।

सुरक्षा व्यवस्था भी होगी चाक-चौबंद

अस्पताल परिसर में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा गार्ड और बंदूकधारी गार्ड तैनात किए गए हैं। सिक्योरिटी सुपरवाइजर को विशेष सतर्कता बरतने और सुरक्षा स्टाफ को चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। आपात स्थिति में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस से समन्वय किया गया है।

डीकेएस अस्पताल तक एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध

गंभीर मरीजों को आवश्यकतानुसार चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए डीकेएस अस्पताल स्थित सुपर स्पेश्यलिटी विभाग में भेजने की प्रक्रिया को तेज और सुगम बनाने के लिए अम्बेडकर अस्पताल से डीकेएस अस्पताल तक एम्बुलेंस सेवा 24 घंटे सक्रिय रहेगी। अस्पताल प्रशासन ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि होली का त्योहार सावधानीपूर्वक मनाएं और किसी भी आकस्मिक चिकित्सा स्थिति में घबराए बिना अस्पताल की आपातकालीन सेवाओं का लाभ उठाएं।

सुरक्षा बलों को नक्सल मोर्चे पर मिली बड़ी सफलता: एक लाख के इनामी डीएकेएमएस अध्यक्ष समेत 5 नक्सलियों को किया गिरफ्तार, भारी मात्रा में प्रचार सामग
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बीजापुर- जिले में सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। नक्सल विरोधी अभियान के तहत थाना उसूर पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित संगठन डीएकेएमएस के एक लाख रुपये के इनामी एक लाख रुपये का इनामी समेत पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। सुरक्षा बलों ने इन नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में प्रचार सामग्री, पर्चे और बैटरियां बरामद किया है।

बता दें कि नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत थाना उसूर, सीआरपीएफ 229 बटालियन और कोबरा 201, 205, 206 की संयुक्त टीम ने नेलाकांकेर, मारूड़बाका और कमलापुर इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान संदिग्ध गतिविधियों में शामिल पांच नक्सलियों को दबोच लिया गया। जब उनकी तलाशी ली गई तो उनके थैलों से माओवादी प्रचार सामग्री, पर्चे और छोटी-बड़ी एवररेडी बैटरियां बरामद हुईं।

न्यायालय में किया गया पेश

गिरफ्तार किए गए सभी नक्सलियों को थाना उसूर लाया गया, जहां उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई पूरी की गई। इसके बाद उन्हें न्यायिक रिमांड पर माननीय न्यायालय, बीजापुर में पेश किया गया है।

सुरक्षा बलों का लगातार अभियान जारी

बीजापुर जिले में नक्सल गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए सुरक्षाबलों का अभियान लगातार जारी है। हाल के महीनों में कई इनामी नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है। सुरक्षा एजेंसियां इलाके में सक्रिय नक्सलियों पर नजर बनाए हुए हैं और आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रखने की तैयारी में हैं।

तहसील कार्यालय में किसान ने खाया जहर, न्याय में देरी से था परेशान, प्रशासन पर उठे सवाल…
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बलौदाबाजार- छत्तीसगढ़ के एक अन्नदाता ने प्रशासन के लेट-लतीफी के चलते आज जहर खा लिया. मामला बलौदा बाजार जिले के सुहेला का है. किसान ने त्वरित न्याय नहीं मिलने के चलते तहसील कार्यालय से निकलते ही कार्यालय परिसर में ही जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया. मौके पर मौजूद लोगों व तहसीलदार ने तुरंत किसान को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुहेला में भर्ती कराया, जहां उसका इलाज जारी है. फिलहाल उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. वहीं इस खबर के सामने आते ही स्थानीय प्रशासन में हडकंप मच गया है.

जानकारी के अनुसार, किसान का नाम हीरालाल साहू, निवासी बुढ़गहन गांव है. वह लंबे समय से अपनी जमीन पर कब्जे से जुड़े विवाद को लेकर परेशान था. यह प्रकरण सुहेला तहसील में चल रहा था. कई चक्कर लगाने के बाद आज भी जब उसे अगली पेशी तारीख दी गई. अंतत: प्रशासन से मदद न मिलने के चलते परेशान किसान ने कार्यालय से बाहर निकलते ही जहर खा लिया. इस घटना ने स्थानीय प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

फिलहाल डॉक्टरों की टीम किसान की हालत पर नजर बनाए हुए हैं. लेकिन इस घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों और किसान संगठनों में आक्रोश बढ़ गया है.

क्यों खाया किसान ने जहर ?

सूत्रों के मुताबिक, किसान हीरालाल साहू का भूमि कब्जे से जुड़ा एक मामला सुहेला तहसील में लंबित था. वह लगातार तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रहा था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की बेरुखी और मामले के लंबित रहने के कारण वह मानसिक रूप से टूट चुका था. 

ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने पहले ही उचित कार्रवाई की होती, तो यह स्थिति नहीं आती. किसान पहले से ही आर्थिक और मानसिक दबाव में रहते हैं, ऐसे में प्रशासन की लापरवाही उनके लिए आत्महत्या जैसे गंभीर कदम उठाने का कारण बन जाती है.

किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेने की जरूरत

किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं, और प्रशासन की निष्क्रियता इस समस्या को और विकराल बना रही है. यह घटना एक बार फिर बताती है कि अगर समय पर प्रशासन ने हस्तक्षेप किया होता, तो आज एक किसान अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष नहीं कर रहा होता. 

कांग्रेस जिलाध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर ने किसान द्वारा आत्महत्या के प्रयास को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण कहा है. उन्होने कहा कि राजस्व मंत्री के विधानसभा क्षेत्र का किसान राजस्व अधिकारियों की लापरवाही के चलते आत्महत्या का प्रयास करने को मजबूर हो रहे है. इससे यह सिद्ध हो रहा है कि सरकार और सरकार के मंत्री संवेदनहीन हो गये हैं. प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है. यह सरकार की नाकामी और मंत्री जी की असफलता है.

कलेक्टर ने जांच के दिए निर्देश

वहीं मामले को लेकर कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि सुहेला तहसील में मामला सामने आया है. किसान ने जहर खुरानी किया है. मामले की जांच के लिए एसडीएम सिमगा अंशुल वर्मा को निर्देशित किया गया है. जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.