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15 लाशों को एंबुलेंस में डालने वाले कुलियों ने बताया… कैसा था नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मंजर, कैसे मची भगदड़?

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर 1981 से अब तक इतनी भीड़ कभी नहीं देखी. भगदड़ में लोग दब गए. हम लोगों ने 15 लाशों को एंबुलेंस बुलाकर उसमें रखा… ये बात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के दौरान मौजूद कुलियों ने बताया है. उन्होंने कहा कि वो उनके साथी अंदर आने के लिए लाइन में थे तभी चीख-पुकार मच गई. उन्होंने थोड़ा अंदर आकर देखा तो हालात बेकाबू हो चुके थे. इसके बाद कुलियों ने रास्ते बंद किए, ताकी और लोग अंदर न आएं, भीड़ न बढ़े

उन्होंने बताया कि अचानक ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदले गए, इसमें पब्लिक अचानक दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने के लिए भागने लगी. इस दौरान एस्कलेटर और सीढ़ियों पर गिर गए. जो जहां गिरा वहीं दब गया. जो गिर गए वो दोबारा उठ नहीं पाए. कुलियों ने बताया कि लाशों को देखने के बाद रात को खाना तक नहीं खाया गया. ऐसे जिंदगी में कभी नहीं देखा.

क्यों भागने लगे लोग?

14 नंबर पर दिल्ली से दरभंगा जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस आने वाली थी. ये ट्रेन पहले से लेट चल रही थी. यानी इसके पैसेंजर भी प्लेटफॉर्म पर थे. वहीं, प्रयागराज जाने वाली एक और ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर आने वाली थी, वो भी लेट चल रही थी, इस वजह से उसके पैसेंजर पर प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर मौजूद थे.

इस बीच नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इंडियन रेलवे हर घंटे प्रयागराज के लिए 1500 टिकटों की बिक्री कर रहा था. यानी हर घंटे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के अंदर प्रयागराज जाने वाले 1500 लोग एंट्री ले रहे थे. इस वजह से अंदर भीड़ खचाखच थी. दोनों ट्रेनों के इंतजार तक सब कुछ ठीक था. तभी रेलवे की तरफ से एक अनाउंसमेंट हुआ कि प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन आ रही है. यानी प्लेटफॉर्म नंबर 16 से प्रयागराज जाने वाली स्पेशल ट्रेन का ऐलान हुआ.

इसके बाद 14 नंबर प्लेटफॉर्म पर प्रयागराज जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे लोग 16 नंबर पर आने वाली ट्रेन को पकड़ने के लिए दौड़े और भगदड़ मच गई. फिर क्या था, चारों तरफ चीख-पुकार. रोते-बिलखते लोग. अपनों की सांसों को वापस लाने की कोशिश में लगे लोग. जिसने भी वो मंजर देखा वो सिहर उठा.

भगदड़ के निशान से उठते सवाल?

बिना टिकट लोग अंदर कैसे पहुंचे?

भीड़ होने के बावजूद प्लेटफॉर्म बदलने की सूचना क्यों दी गई?

प्लेटफॉर्म पर आरपीएफ जवानों की संख्या कम क्यों थी?

अंदर भीड़ जमा हो रही थी तो लोगों की एंट्री रोकी क्यों नहीं गई?

नई दिल्ली स्टेशन पर तैनात रहने वाले जवानों को प्रयागराज में ड्यूटी क्यों लगाई गई?

भीड़ होने के बावजूद हर घंटे 1500 टिकटें क्यों बेची जा रही थीं?

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ मामले को लेकर केंद्र पर बरसे राहुल गांधी

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि भगदड़ मचने से कई लोगों की मौत और कईयों के घायल होने की खबर अत्यंत दुखद और व्यथित करने वाली है. यह घटना एक बार फिर रेलवे की नाकामी और सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती है.

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर लिखा, ‘शोकाकुल परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं. यह घटना एक बार फिर रेलवे की नाकामी और सरकार की असंवेदनशीलता को उजागर करती है.

उन्होंने आगे लिखा कि प्रयागराज जा रहे श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को देखते हुए स्टेशन पर बेहतर इंतजाम किए जाने चाहिए थे. सरकार और प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए कि बदइंतजामी और लापरवाही के कारण किसी को अपनी जान न गंवानी पड़े.

प्रियंका गांधी ने हादसे पर जताया शोक

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस हादसे पर शोक जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भीड़ की वजह से मची भगदड़ में महिलाओं और बच्चों समेत कई लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखद है. ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें. शोक-संतप्त परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 16 पर हुआ हादसा

शनिवार रात करीब 9.30 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 16 पर हादसा हुआ, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में 9 महिलाएं और 5 बच्चे भी शामिल हैं. वहीं भगदड़ में कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं. सभी घायलों का इलाज लेडी हार्डिंग और LNJP अस्पताल में चल रहा है. रेल मंत्री भगदड़ की हाई लेवल जांच के आदेश दिए. नई दिल्ली पर NDRF की टीम तैनात है.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मची, 18 लोगों की मौत, महाकुंभ जाने के लिए उमड़ी थी भारी भीड़

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात भगदड़ की वजह से पुलिस सूत्रों के मुताबिक 18 लोगों की मौत हो गई है और दर्जनभर से अधिक लोग घायल हो गए. ये भगदड़ रात करीब 9 बजकर 55 मिनट प्लेटफॉर्म संख्या 14 और 15 पर मची. दरअसल यहां कुंभ जाने के लिए भारी भीड़ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर पहुंची थी. इसी दौरान भारी भीड़ होने के चलते भगदड़ मच गई. अधिकारियों ने बताया कि भगदड़ से पहले स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 14 और 15 पर यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी, जो प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में चढ़ने का इंतजार कर रहे थे.

रेलवे बोर्ड में इंफॉर्मेशन एंड पब्लिसिटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर दिलीप कुमार ने बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ मामले की जांच करने और घटना के कारणों का पता लगाने के लिए दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में मौतों पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से व्यथित हूं. मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग जल्द ठीक हो जाएं. अधिकारी उन सभी लोगों की सहायता कर रहे हैं जो इस भगदड़ से प्रभावित हुए हैं.

लोगों की मौत से बेहद दुखी हूं: राजनाथ

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वह मौतों से दुखी हैं. उन्होंने लिखा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से विनाशकारी खबर. रेलवे प्लेटफॉर्म पर भगदड़ के कारण लोगों की मौत से मैं बेहद दुखी हूं. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.

भगदड़ की वजह से दुर्भाग्यपूर्ण घटना

दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने एक्स पर एक पोस्ट में मौतों पर दुख जताया, लेकिन बाद में इसे संपादित किया और उन अंशों को हटा दिया जहां उन्होंने मौतों का उल्लेख किया था. अपने पोस्ट में, एलजी ने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अव्यवस्था और भगदड़ के कारण दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना हुई थी. इस त्रासदी के पीड़ितों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं.

दो को छोड़कर सभी की पहचान

दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी ने पत्रकारों को बताया कि मध्य दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में 15 लोगों को मृत लाया गया था. हताहतों में से दो को छोड़कर सभी की पहचान कर ली गई. उनमें से तीन बच्चे थे. आतिशी ने कहा, लगभग 15 लोग घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है.

दम घुटने से यात्री हुए बेहोश

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि स्टेशन पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई और कई यात्री दम घुटने के कारण बेहोश हो गए. एक आधिकारिक बयान में, पुलिस उपायुक्त (रेलवे) ने कहा कि प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर पहले से ही बहुत भीड़ थी, जब प्रयागराज एक्सप्रेस ट्रेन अपने प्रस्थान के लिए वहां खड़ी थी.

अधिकारी ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस कैंसल थीं और इन ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफॉर्म संख्या 12, 13 और 14 पर मौजूद थे. डीसीपी ने कहा कि सीएमआई के अनुसार, रेलवे द्वारा हर घंटे 1,500 सामान्य टिकट बेचे गए, जिसके कारण स्टेशन पर भीड़ बढ़ गई और बेकाबू हो गया. प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर और प्लेटफॉर्म नंबर 16 के पास एस्केलेटर के पास भगदड़ मच गई.

प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाई खौफनाक कहानी

भगदड़ रात करीब 9.55 बजे मची, जिसके बाद अधिकारियों को आपातकालीन प्रतिक्रिया देनी पड़ी. पीड़ितों में से एक ने बताया कि उसकी मां की भगदड़ में मौत हो गई थी. उन्होंने कहा कि हम एक ग्रुप में बिहार के छपरा स्थित अपने घर जा रहे थे, लेकिन अफरा-तफरी में मेरी मां की जान चली गई. लोग एक-दूसरे को धक्का दे रहे थे. उन्होंने आगे कहा, डॉक्टर ने हमें पुष्टि की है कि मेरी मां की मौत हो गई है.

यात्रियों ने एक-दूसरे को धक्का दिया

दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि अधिकारियों ने बचाव दल भेजे और चार दमकल गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया. उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) हिमांशु उपाध्याय ने पहले यात्रियों ने एक-दूसरे को धक्का दिया, जिससे उनमें से कुछ को चोटें आईं. उन्होंने बताया कि उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए अस्पतालों में ले जाया गया.

यात्रियों में से एक धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि मैं प्रयागराज जा रहा था लेकिन कई ट्रेनें देरी से चल रही थीं या रद्द कर दी गईं. स्टेशन पर बहुत भीड़ थी. मैंने इस स्टेशन पर पहले से कहीं ज्यादा लोग देखे थे. मेरे सामने छह या सात महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाया गया.

कन्फर्म टिकट वाले भी ट्रेन में नहीं चढ़ सके

एक अन्य यात्री, प्रमोद चौरसिया ने कहा, मेरे पास पुरूषोत्तम एक्सप्रेस के लिए स्लीपर क्लास का टिकट था, लेकिन कन्फर्म टिकट वाले भी ट्रेन में नहीं चढ़ सके. मेरा एक दोस्त और एक महिला यात्री भीड़ में फंस गए. बहुत ज्यादा धक्का-मुक्की हो रही थी. हम अपने बच्चों के साथ बाहर इंतजार करके सुरक्षित रहने में कामयाब रहे. मौतों की पुष्टि होने से पहले, रेलवे बोर्ड के सूचना और प्रचार, कार्यकारी दिलीप कुमार ने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों के आने के कारण भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई और कई लोग गिर गए.

5 दिन में की थी 4 चौकीदारों की हत्या, बनना चाहता था KGF-2 का रॉकी भाई… सीरियल किलर को मिली एक और उम्रकैद

फेम पाने के लिए 4 चौकीदारों को मौत के घाट उतारने वाले सीरियल किलर को भोपाल कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. 2022 में एक के बाद एक 4 चौकीदारों की हत्या करने वाले सीरियल किलर ने भोपाल और सागर में हत्याओं को अंजाम दिया था. उस समय पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया था कि उसने फेमस होने के लिए ही इन हत्याओं को अंजाम दिया था. अब भोपाल कोर्ट ने आरोपी शिव प्रसाद को एक हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है.

सीरियल किलर शिव प्रसाद उर्फ हल्कू धुर्वे को भोपाल के खजूरी सड़क थाना क्षेत्र लके टाइल्स गोदाम के चौकीदार की हत्या का दोषी पाया गया है. इस हत्या से पहले शिव प्रसाद ने सागर में तीन हत्याओं को अंजाम दिया था. सागर कोर्ट भी शिवप्रसाद को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुना चुकी है. अब भोपाल कोर्ट ने भोपाल में चौकीदार की हत्या के मामले में सजा सुनाई है. आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया था कि वह केजीएफ – 2 मूवी का रॉकी भाई बनना चाहता था. इसलिए उसने फेम पाने के लिए इन हत्याओं को अंजाम दिया था.

विशेष लोक अभियोजक सुधा विजय सिंह भदौरिया ने बताया कि 2 दिसंबर 2022 को खजूरी सड़क थाने की पुलिस को एक मार्बल की दुकान के गोदाम में चौकीदार सोनू वर्मा निवासी भिंड का खून से लथपथ शव मिला था. पुलिस ने मामले में हत्या का केस दर्ज किया और जांच शुरू कर दी. पुलिस को मौके से एक सीसीटीवी फुटेज मिला था जिसमें सोनू के पास एक युवक नजर आया था. बाद में उस युवक की पहचान शिव प्रसाद के रूप में हुई थी. इस मामले में कोर्ट ने सजा सुनाते हुआ सीसीटीवी फुटेज को अहम सबूत माना.

न्यायाधीश प्रशांत सक्सेना ने उम्रकैद की सजा सुनाते हुए कहा कि सोते हुए व्यक्ति और अबोद बालक एक ही श्रेणी में आते हैं. उन पर कोई हमला करे तो उन्हें प्रतिरक्षा का मौका नहीं मिलता. इसलिए दोषी को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में उचित संदेश जाए.

दो हत्याओं में उम्रकैद

पुलिस ने जब शिव प्रसाद को गिरफ्तार किया था तब तक वह 5 दिन के अंदर 4 चौकीदारों की हत्या कर चुका था. सागर शहर में हत्यारे ने चौकीदार शंभू दयाल दुबे, भैंसा के कल्याण लोधी और सागर के ही मंगल अहिरवार की हत्या कर चुका था. इसके बाद वह भोपाल गया था और चौकीदार सोनू वर्मा की हत्या को अंजाम दिया. सागर कोर्ट शिव प्रसाद को शंभू दयाल दुबे हत्याकांड के मामले में उम्रकैद की सजा सुना चुका है, वहीं भोपाल कोर्ट ने उसे सोनू वर्मा हत्याकांड के मामले में सजा सुनाई है. अन्य दो हत्याओं के मामलों में सुनवाई अभी भी जारी है.

मोबाइल से पकड़ा गया था सीरियल किलर

सीरियल किलर शिव प्रसाद ने चौकीदार शंभूदयाल की हत्या करने के बाद उसका मोबाइल उठा लिया था. मोबाइल की लोकेशन का पीछा करते हुए पुलिस ने शिव प्रसाद को पकड़ा था. पुलिस की पूछताछ में शिव प्रसाद ने बताया था कि वह सो रहे चौकीदारों की हत्या के मिशन पर निकला था और वह केजीएफ 2 के रॉकी भाई के किरदार से बहुत प्रभावित था. वह इन हत्याओं को अंजाम देने के बाद गैंगस्टर बनना चाहता था. शिव प्रसाद चौकीदारों की हत्या करने के बाद उनके पैसे और मोबाइल लूट लेता था.

सीएम नीतीश कुमार ने बक्सर को दी 476 करोड़ की सौगात, 73 योजनाओं का किया उद्घाटन और शिलान्यास

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के क्रम में शनिवार को बक्सर जिले को 476.02 करोड़ रुपये से अधिक की सौगात दी. इस अवसर पर 73 विकासात्मक योजनओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया. इसके तहत 350.13 करोड़ रुपए की 41 योजनाओं का उद्घाटन तथा 125.89 करोड़ रुपए की 32 योजनाओं का शिलान्यास किया.

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने बक्सर जिला अंतर्गत सिमरी बहुग्रामी जलापूर्ति योजना, केशवपुर का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया. इसकी लागत 202.70 करोड़ रुपए है. उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने इस बहुग्रामी जलापूर्ति योजना का निरीक्षण किया.

अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस बहुग्रामी पेयजल आपूर्ति प्लांट के शुरू हो जाने से सिमरी प्रखंड के 214 वार्डों में स्थित 36760 घरों में आर्सेनिक मुक्त शुद्ध गंगा जल की आपूर्ति पेयजल के रूप में होगी. बक्सर जिलांतर्गत विकासात्मक योजनाओं का रिमोट के माध्यम से मुख्यमंत्री ने उद्घाटन एवं शिलान्यास किया.

विभिन्न विभागों एवं जीविका दीदियों ‘द्वारा लगाये गये स्टॉल का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयुष्मान कार्ड, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत एक लाख रुपये का सांकेतिक चेक, सुयोग्य श्रेणी के लाभुकों को सरकारी भूमि के बंदोबस्ती प्रमाण पत्र, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना अंतर्गत 1 करोड़ 60 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया.

सीएम ने 73 योजनाओं का किया शिलान्यास और उद्घाटन

वहीं, मुख्यमंत्री निःशक्त जन विवाह प्रोत्साहन योजना तथा मुख्यमंत्री अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत एक-एक लाख रुपये के अनुदान राशि, मुख्यमं मुख्यमंत्री कृषि वानिकी प्रजाति प्रोत्साहन योजना अंतर्गत 1 लाख 28 हजार 700 रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया.

मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना से लाभान्वित 703 परिवारों को 2 करोड़ 66 लाख 24 हजार 200 रुपये तथा 12,743 जीविका स्वयं सहायता समूह को 129 करोड़ 75 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया. सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत ई-रिक्शा हस्तांतरण की चाबी, जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जीविका ग्राम संगठन आदर्श, चौगांई तथा सूरज इटाढ़ी में तालाब के जीर्णोद्धार के लिये 2 लाख 10 हजार रुपये हस्तांतरित करने की स्वीकृति पत्र लाभुकों को प्रदान किया.

सीएम ने विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की

मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से बातचीत करते हुए कहा कि पूरे बिहार में जीविका दीदियां काफी अच्छा काम कर रही हैं. जब हम केंद्र में मंत्री थे तो कई जगहों पर जाकर स्वयं सहायता समूह के कामों को देखा था. बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या बहुत कम थी. अब तक 3 लाख से ज्यादा जीविका दीदियों की संख्या शहरी क्षत्रों में हो गई है. आप लोगों को हर प्रकार से सरकार मदद पहुंचा रही है.

मुख्यमंत्री ने सिमरी प्रखंड के केशोपुर ग्राम में 51.72 किलोमीटर लंबाई की बक्सर-कोईलवर गंगा तटबंध का सुदृढ़ीकरण, कालीकरण तथा सुरक्षात्मक कार्य का स्थल निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों ने साइट मैप के माध्यम से मुख्यमंत्री को बताया कि इस कार्य के पूर्ण हो जाने से बक्सर, चक्की, सिमरी, ब्रह्मपुर आदि प्रखंडों की 6 लाख की आबादी लाभान्वित होगी. तटबंध के किनारे के क्षेत्र का व्यवसायिक विकास होगा.

साथ ही बक्सर अनुमंडल से डुमरांव अनुमंडल तक वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था उपलब्ध होगी। बाढ़ से बक्सर जिला के अहीरौली, अर्जुनपुर, मझरियां, केशोपुर, जवही, नैनीजोर, धर्मगतपुर, नगपुरा, राजपुर, छोटका राजपुर, बड़का राजपुर, राजपुर कला, मियाजीपुर तथा गंगौली जैसे गांवों को सुरक्षा मिलेगी. इसकी कुल प्राक्कलित राशि 18,126.883 लाख रुपये है.

निर्धारित समय सीमा के अंदर काम पूरा करने का निर्देश

इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस काम को निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण करें. बक्सर कोइलवर तटबंध का सुदृढ़ीकरण एवं कालीकरण ठीक से हो इसका विशेष रूप से ख्याल रखें. इस काम के पूर्ण हो जाने से लोगों को आवगमन की बेहतर सुविधा मिलेगी और तटबंध के आसपास के इलाके बाढ़ से भी सुरक्षित रहेंगे.

मुख्यमंत्री ने सिमरी प्रखंड के राजपुरकलां पंचायत स्थित ग्राम परसन पाह में नवनिर्मित पंचायत सरकार भवन का निरीक्षण किया. बक्सर गोलंबर पर पर्यटन विभाग द्वारा प्रस्तावित होटल विश्वामित्र विहार ‘बक्सर’ के परिसर में बजट होटल के निर्माण कार्य का मुख्यमंत्री ने रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया. प्रस्तावित बजट होटल की प्राक्कलित राशि 24.56 करोड़ रुपए है.

मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग द्वारा बक्सर के रामरेखा घाट के समीप एक्सपेरिएंस सेंटर, रेस्टोरेंट, संपर्क पथ सहित पर्यटकीय विकास कार्य का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया. इसकी प्राक्कलित राशि 13.24 करोड़ रुपए है. मुख्यमंत्री के आगमन पर रामरेखा घाट के पंडों एवं पुजारियों द्वारा शंखनाद एवं डमरु बजाकर उनका अभिनंदन किया गया.

पवित्र शहर अमृतसर को बदनाम किया जा रहा… अवैध प्रवासियों के विमान की लैंडिंग पर सीएम भगवंत मान का हमला

अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों के मुद्दे और अमेरिका से आ रहे विमानों के मुद्दे पर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने शनिवार को बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हमारे पवित्र शहर अमृतसर को डिटेंशन सेंटर या डिपोर्ट सेंटर नहीं बनाया जाना चाहिए. आपके पास काफी सारे एयरपोर्ट और एयरबेस हैं, वहां पर इस तरह के विमान को उतार लो. आप क्यों हमारे पवित्र शहर अमृतसर को इस तरह से बदनाम कर रहे हैं? सभी लोगों का क्रिमिनल रिकॉर्ड चेक कर लिया गया है सब सही है.

उन्होंने कहा कि बीजेपी को मैं कहना चाहता हूं कि आप हम पर जो मर्जी आरोप लगा लो, लेकिन आप पंजाब में कभी सत्ता में नहीं आओगे.

उन्होंने कहा कि हमारे कल के ऐतराज के बाद आज कुछ बदलाव हुआ है. अब विमान एयरपोर्ट के टर्मिनल पर आएगा. विमान से पंजाब के 67 लोगों को उतार दिया जाएगा.

हरियाणा के लोगों को सड़क मार्ग से भेजा जाएगा

उन्होंने कहा कि हरियाणा के जो पंजाब के नजदीक के रहने वाले लोग हैं, उन्हें भी अगर सड़क मार्ग से जाना होगा तो वो भी यहां उतर जाएंगे. यहां से बाकी राज्यों के लोग एयरपोर्ट के अंदर ही रहेंगे. उनके रहने-खाने का बंदोबस्त एयरपोर्ट के अंदर ही हमने कर दिया है. इन दूसरे राज्यों के लोगों की सुबह दिल्ली के लिए फ्लाइट है.

उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी के नेता ये कह रहे हैं कि अमृतसर नजदीक पड़ता है इसलिए फ्लाइट्स को यहां उतारा जा रही हैं तो वो अमृतसर से अमेरिका की सीधी फ्लाइट क्यों नहीं शुरू करवा देते? पंजाब के लोगों का अमेरिका और कनाडा जाने का वक्त कम होगा. ये बेवजह का तर्क है क्या ट्रंप ने उस विमान में ईंधन कम डाला है जो विमान आगे कहीं नहीं उतर सकता सिर्फ अमृतसर में ही उतरेगा.

अमृतसर में विमान उतारे जाने पर मान की आपत्ति

सीएम मान ने कहा कि हमें अब तक जानकारी नहीं है कि जो लोग आ रहे हैं उनके हाथों-पैरों में बेड़ियां लगी हुई है या नहीं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को मोदी जी को ट्रंप के सामने उठाना चाहिए था.

उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा के रोड से जाने वाले लोगों को यही उतार दिया जाएगा और बाकी लोगों को सुबह 6:30 बजे की फ्लाइट से दिल्ली भेजा जाएगा और वहां से वो अपने-अपने राज्यों की ओर जाएंगे.

उन्होंने कहा कि अगर अमृतसर धुंध पड़ गई तो क्या फिर इस विमान को लाहौर में उतर जाएगा. इस विमान को जयपुर या कहीं और डाइवर्ट नहीं किया जाएगा तो अब ऐसा क्यों नहीं हो सकता. इस विमान को दिल्ली उतार लो हिंडन उतार लो.

वापस लौटकर आए लोगों की करेंगे मदद

उन्होंने कहा कि लेकिन मुझे पता लगा है कि केंद्र सरकार इस बात से सहमत है कि बॉर्डर एयरपोर्ट पर किसी देश का आर्मी प्लेन उतखरना सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है और अमेरिका तो हर देश पर नजर रखता है.

उन्होंने कहा कि पहले हम ये चेक करेंगे कि किन एजेंटों ने इन लोगों से झांसे में लेकर पैसे लिए, उनका पैसा रिकवर करवाने का प्रयास किया जाएगा. फिर उसके बाद जो काम ये लोग कर सकते हैं उस हिसाब से उन्हें रोजगार देने का प्रयास किया जाएगा. अगर कोई कंपटीशन का एग्जाम दे सकता है तो वो एग्जाम देकर नौकरी पर भी लग सकता है नहीं तो उसकी काबिलियत के हिसाब से उसका काम लगवाने में मदद की जाएगी.

सनातन धर्म छोड़ेंगी महामंडलेश्वर हिमांगी सखी! किन्नर अखाड़े में शुरू हुआ नया बवाल

महाकुंभ में किन्नर अखाड़े का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा. अब नया विवाद किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी के बयान से शुरू हुआ है. उन्होंने किन्नर अखाड़े में पहले से चल रहे विवाद से दुखी होकर ना केवल किन्नर अखाड़ा, बल्कि वह सनातन धर्म ही छोड़ देने की धमकी दी है. कहा कि अखाड़े के अंदर चल रहा यह विवाद अब उनके बर्दाश्त के बाहर हो गया है. ऐसे में वह जल्द ही धर्म परिवर्तन करने पर विचार करेंगी.

महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने यह बयान किन्नर अखाड़े की ही एक अन्य महामंडलेश्वर कल्याणी नंद गिरी पर हमले के बाद दिया है. हिमांगी सखी ने कहा कि उनके ऊपर इस हमले का आरोप लगा है. जबकि उनका इससे कोई वास्ता नहीं है. इससे पहले उनके खुद के ऊपर हमला हुआ था. उस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हुई थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि वह हमला खुद किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कराया था.

धर्म परिवर्तन की धमकी

उन्होंने कहा कि किन्नर अखाड़े में वर्चस्व की जंग चल रही है. जल्द से जल्द यह जंग खत्म होनी चाहिए. महामंडलेश्वर हिमांगी सखी के मुताबिक यदि यह विवाद जल्द खत्म नहीं होता तो उन्हें अखाड़े से और सनातन धर्म से बाहर होने के लिए विचार करना होगा. हिमांगी सखी ने सीधे तौर पर धर्म परिवर्तन कर लेने की भी धमकी दी है.बता दें कि बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने पर पहली किन्नर जगदगुरु महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने सवाल उठाया था. इसके बाद ही उनके ऊपर जानलेवा हमला हुआ.

अखाड़े में नॉनवेज और शराब पीने का आरोप

इस हमले में हिमांगी गंभीर रूप से घायल तो हुई, लेकिन उनकी जान बच गई. उन्होंने इस हमले के लिए आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और उनके साथियों पर आरोप लगाया है. वहीं ममता कुलकर्णी के एक बार महामंडलेश्वर पद छोड़ने और फिर से उसी पद पर आसीन होने को उन्होंने मजाक बयाया. कहा कि इन लोगों को धर्म और शास्त्र से कोई मतलब नहीं है. दिखावे की जिंदगी है और इन लोगों ने सनातन धर्म का भी मजाक बना दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि किन्नर अखाड़े में मांस-मदिरा का सेवन हो रहा है. कई लोग शराब के नशे में उनके शिविर में भी घुस आए थे.

तेली-कुर्मी, धोबी अधिकार…चुनाव में वक्त लेकिन पटना में शुरू हुआ रैलियों का रैला

बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव होना है. हालांकि, अभी इसमें कुछ महीने का समय बचा हुआ है. चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों की कवायद शुरू हो गयी है. सभी राजनीतिक दल उन वोटरों को अपनी तरफ आकर्षित करने में जुट गए हैं, जो उनके लिए चुनाव में मत दे सकते हैं. आलम यह है कि बिहार में रैलियों का रैला शुरू हो गया है.

पहले तेली और धोबी अधिकार रैली, अब अन्य रैलियां

कुछ दिन पहले ही राजधानी के मिलर स्कूल मैदान में तेली जाति को इकट्ठा करने के लिए तेली हुंकार रैली का आयोजन किया गया था. हालांकि, इसे एक सामाजिक रैली का नाम दिया गया था. साथ ही यह भी कहा गया था कि इसका राजनीति से कोई खास लेना देना नहीं है. लेकिन, इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव शामिल हुए और उन्होंने एक के बाद एक कई वादे भी कर दिए. तेजस्वी यादव ने कहा कि तेली समाज हमारा साथ देगा. आप लोगों को आगे बढ़ाने की चिंता हम करेंगे.

विकसित बिहार बनाने के लिए सबको साथ लेकर चलेंगे. तेजस्वी यादव ने अपने पिता लालू प्रसाद यादव के द्वारा तेली समाज के उत्थान के लिए किए गए कामों के बारे में विस्तृत जानकारी दी. खास बात यह कि इस रैली की अध्यक्षता बिहार तैलिक साहू सभा के अध्यक्ष रणवीर साहू ने की. रणविजय साहू राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रधान महासचिव होने के साथ-साथ पार्टी के विधायक भी हैं.

धोबी अधिकार रैली

इसी प्रकार राजधानी में बीती नौ फरवरी को धोबी अधिकार रैली का भी आयोजन हो चुका है. इस रैली के भी माध्यम से धोबी समाज को अपने अधिकार के प्रति जागरूक करने की कोशिश की गई. इस रैली को भी इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.

कुर्मी एकता रैली

तेली रैली और धोबी अधिकार रैली अभी खत्म ही हुई थी कि अब राजधानी का मिलर स्कूल का मैदान फिर एक रैली का गवाह बनने जा रहा है. दरअसल, अब इस मैदान में एक रैली का आयोजन आगामी 19 फरवरी को किया जाएगा. इसे कुर्मी एकता रैली का नाम दिया गया है. खास बात यह कि इस रैली में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती का भी जिक्र किया गया है.

संभवत: बिहार की राजनीति में यह पहला मौका है, जब छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम किसी रैली में लिया गया है. इस रैली को लेकर के राजधानी में जो पोस्टर लगाए गए हैं, उनमें छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ ही सीएम नीतीश कुमार, सरदार वल्लभभाई पटेल के अलावा अन्य लोगों की तस्वीरें हैं. इस रैली के पोस्टर को प्रदेश जदयू कार्यालय के मेन गेट पर तो लगाया ही गया है, राजधानी में कई जगह पर इसके पोस्टर लगाए गए हैं.

हम पार्टी करेगी दलित समागम

राज्य और केंद्र सरकार में एनडीए की सहयोगी घटक दल हिंदुस्तानी एवं मोर्चा यानी हम पार्टी ने भी इसी माह में समागम करने का फैसला किया है. इसका आयोजन राजधानी के गांधी मैदान में किया जाएगा. इस रैली को सफल बनाने के लिए पार्टी की तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है. पार्टी का मानना है कि इस दलित समागम में पूरे राज्य के कोने-कोने से हम पार्टी के समर्थक हिस्सा लेंगे.

नागमणि भी कर रहें रैली

बिहार लेनिन के नाम से प्रसिद्ध शहीद जगदेव प्रसाद के बेटे और अटल सरकार में मंत्री रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि भी रैली की तैयारी में है. नागमणि कोइरी आक्रोश रैली के नाम से रैली करेंगे. उनका दावा है कि इस रैली में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी शामिल होंगे. इस रैली का आयोजन राजधानी के गांधी मैदान में इसी महीने 23 तारीख को किया जाएगा. नागमणि लंबे समय तक किसी भी राजनीतिक दल में नहीं रहे हैं.

नागमणि जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल, भारतीय जनता पार्टी, एकीकृत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अलावा तमाम राजनीतिक दलों में रह चुके हैं. नागमणि की पार्टी भी न तो महागठबंधन का हिस्सा है और न ही वह एनडीए में हैं. हालांकि, नागमणि की पूरी कोशिश बिहार की राजनीति के साथ-साथ इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक उपस्थिति को दिखाने की है. नागमणि कोइरी समाज के नाम पर अपनी रैली को कर रहे हैं. वह इस रैली के माध्यम से कोई समाज को इकट्ठा करने की कोशिश में हैं.

पशुपति पारस की भी पार्टी पीछे नहीं

एक तरफ जहां महागठबंधन और एनडीए के घटक दल अपने-अपने स्तर पर रैली करने की तैयारी कर चुके हैं और इसकी घोषणा भी कर दिए हैं, वही पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने भी राजधानी में एक बड़ी रैली आयोजित करने की घोषणा कर दी है. पशुपति पारस न तो अभी आधिकारिक रूप से एनडीए का हिस्सा है न हीं वह महागठबंधन का हिस्सा हैं.

पशुपति पारस ने चंद रोज पहले ही इस बात की जानकारी दी थी कि आगामी 14 अप्रैल को वह पटना में एक बड़ी रैली करेंगे. 14 अप्रैल को भारत रत्न डॉक्टर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जाती है. 14 अप्रैल के दिन पशुपति पारस के द्वारा रैली का आयोजन करने से करके पशुपति पारस दलितों में अपने संदेश को देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

रैली शक्ति प्रदर्शन का जरिया

वरिष्ठ पत्रकार ध्रुव कुमार कहते हैं राजनीतिक दलों द्वारा रैली का आयोजन करना नयी बात नहीं हैं. रैलियों का आयोजन पहले भी होता रहा है. बिहार कई रैलियों का गवाह रहा है. पार्टी चाहे कोई भी हो, वह अपनी शक्ति का प्रदर्शन करती है. चूंकि यह चुनावी वर्ष है. विधानसभा चुनाव होने हैं. इसलिए चुनाव के पहले सभी राजनीतिक दल अपने समर्थकों के साथ दूसरे दलों को भी अपनी सांगठनिक मजबूती को दिखाने की कोशिश में लग गए हैं. अब इन सारी कवायद का मतदाताओं पर कितना असर पडेगा, यह तो उनके ऊपर निर्भर करता है.

4 जिलों के 200 जवान कर रहे गश्त, बंद कराई जा रहीं दुकानें… सिंगरौली में बवाल के बाद कैसे हैं हालात?

मध्य प्रदेश के सिंगरौली के बधौरा पुलिस चौकी अंतर्गत अमिलिया घाटी में हुए बवाल के बाद स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है, लेकिन हालत अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. किसी भी आशंका को देखते हुए मौके पर तीन जिलों के करीब 200 पुलिसकर्मी मोर्चा संभाले हुए हैं. पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आसपास की दुकानों को बंद करा रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने मृतकों के परिजनों को बिना सूचना दिए उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था.

सिंगरौली में महान एनर्जी कंपनी का ट्रक कोयला लेकर जा रहा था. उसकी चपेट में आने से बाइक सवार दो लोगों की मौत हो गई. इसके बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क गया. गुस्साई भीड़ ने वाहनों को आग के हवाले कर दिया, इनमें पांच बसें और तीन डंपर फूंक दिए गए. बसों में बैठे कंपनी के कर्मचारियों से मारपीट की गई. हालात को काबू करने पहुंची पुलिस को भी ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा. कई पुलिसकर्मियों के भी चोट आई है. थाना इंचार्ज का हाथ फ्रेक्चर हुआ है. देर रात तक उपद्रव होता रहा, पुलिस ने बमुश्किल स्थिति को नियंत्रित किया है.

चार जिलों के 200 पुलिस जवान तैनात

बधौरा पुलिस चौकी अंतर्गत अमिलिया घाटी में सिंगरौली के अलावा सीधी, रीवा और सतना जिले की पुलिस फोर्स तैनात की गई है. घटनास्थल को पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. शनिवार सुबह जब दुकानदारों ने अपनी दुकानें खोली तो पुलिस ने उन्हें बंद करा दिया. जले हुए वाहनों को हटाने की तैयारी की जा रही है. पुलिस उपद्रव करने वाले लोगों की शिनाख्त में जुट गई है. कार्रवाई को लेकर पुलिस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.

बिना सूचना दिए भेज दिया पोस्टमार्टम के लिए

स्थानीय लोगों का आरोप है कि अदानी ग्रुप की महान एनर्जी कंपनी की मनमानी से लोग काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि यह कंपनी एस्सार ग्रुप का संचालन कर रही है. आरोप है कि अब तक कोल वाहनों से 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. स्थानीय लोग रोजगार के लिए भी कंपनी प्रबंधन से लड़ाई लड़ रहे हैं. ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि शुक्रवार को कंपनी के कोयला वाहन से दो लोगों की मौत के बाद पुलिस ने बिना परिजनों को सूचित किए शवो को पीएम के लिए भेज दिया.

इससे नाराज ग्रामीण गड़ा खांड चौराहे व अमिलिया घाटी में सड़क को जाम कर प्रदर्शन करने लगे. इसी बीच महान एनर्जी कंपनी की शिफ्ट बस कर्मचारियों को लेकर उधर से निकली. तभी गुस्साए ग्रामीण बसों के शीशे-खिड़की तोड़ने लगे. उसके बाद पांच बसों और तीन डंपरों में आग लगा दी.

महाकुंभ: मेला क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित, 15-16 फरवरी का पास निरस्त, आने से पहले जरूर पढ़ें ये खबर

प्रयागराज में इन दिनों दिव्य और भव्य महाकुंभ मेला चल रहा है. इस हफ्ते शनिवार और रविवार को भारी के भीड़ आने का अनुमान जताया जा रहा है, जिसे देखते हुए मेला प्रशासन ने सभी पास को निरस्त कर दिया है. पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया है. इसी के साथ-साथ प्रशासन ने प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन बंद करने की भी घोषणा की है. मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ से सीख लेते हुए प्रशासन जरूरी सावधानियां बरत रहा हैं.

महाकुंभ मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मेला क्षेत्र में जाने के लिए जारी पास को रविवार और शनिवार के लिए निरस्त कर दिया है. भारी भीड़ की आशंका के चलते 15 और 16 फरवरी को पूरे महाकुंभ मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन भी घोषित किया गया है. इस दौरान किसी भी वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. गाड़ियों को नजदीकी पार्किंग में पार्क करने की अनुमति दी जाएगी, लेकिन मेला क्षेत्र में बनी पार्किंग में गाड़ियां पार्क नहीं होगी.

16 फरवरी तक संगम स्टेशन बंद

इस संदर्भ में मेला प्रशासन ने दिशा निर्देश जारी कर दिया. कुंभ मेले में सुगम व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने यह बड़ा फैसला लिया है. वहीं, रेलवे ने भी भारी भीड़ को देखते हुए संगम स्टेशन 16 फरवरी तक बंद करने का ऐलान किया है. भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में रेलवे ने जीआरपी और आरपीएफ के जवानों को अलर्ट मोड पर रहने को कहा है. दरअसल, वीकेंड की वजह से महाकुंभ नगर में शुक्रवार की सुबह से काफी संख्या में लोगों की आवाजाही शुरू हो गई है.

वीकेंड पर भारी भीड़ पहुंचने का अनुमान

महाकुंभ स्नान के लिए संगम स्टेशन पर पहुंची रही भारी भीड़ को देखते हुए स्टेशन को बंद करने का निर्णय लिया है. यह स्टेशन संगम के सबसे नजदीक है. यहां 16 फरवरी तक सभी तरह की एंट्री और एग्जिट पर रोक लगा दी है. बता दें कि माघ पूर्णिमा से पहले उमड़ी भीड़ के चलते 9 फरवरी को ही प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन 14 फरवरी तक के लिए बंद किया गया था, जिसे बढ़कर अब 16 फरवरी तक कर दिया गया है.