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दक्षिण विधानसभा में 50 प्रतिशत वोटिंग को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर का बड़ा बयान, कहा- मतदान अनिवार्य करने का लाना चाहिए कानून
रायपुर-   रायपुर दक्षिण विधानसभा में उपचुनाव में कम मतदान पर चिंता जताते हुए पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अब अनिवार्य मतदान को लेकर कानून बनाना चाहिए. दरअसल बुधवार को दक्षिण विधानसभा में उपचुनाव के लिए वोट डाले गए. सुबह 7 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक मतदान की प्रकिया चली, लेकिन वोटरों में उत्साह की भारी कमी देखने को मिली, जिसकी वजह से शाम 6 बजे तक 50.50 प्रतिशत ही मतदान दर्ज हुआ.

कम मतदान से कांग्रेस को जीत की उम्मीद पर चंद्राकर का तंज

कम वोटिंग से कांग्रेस को जीत की उम्मीद पर अजय चंद्राकर ने पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक साल पहले भी सरकार बनाने में कॉन्फिडेंट थी. इसलिए भूपेश बघेल नया सीएम निवास को रोज देखने जाते थे. कांग्रेस ने केवल काम किया कि नया सीएम निवास जल्द बन जाए. 5 साल तक कांग्रेस का ध्यान इसमें ही था. कांग्रेस को सपने देखने से कौन रोक सकता है.

धान खरीदी की शुरुआत पर चंद्राकर का बयान

छत्तीसगढ़ में आज से धान खरीदी की शुरुआत हो गई है. इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री साय आज धान खरीदी की शुरुआत कर रहे हैं. मोदी की गारंटी पर दृढ़ता से अमल हो रहा है. 25 क्विंटल और 31 सौ रुपए की गारंटी पर अमल हो रहा है. समय में सही रूप में धान खरीदी होगी. समिति कर्मचारी की मांग को मुख्यमंत्री ने पूरा किया. किसानों के दाम को उचित मूल्य मिलेगा और प्रयास जोरदार है.

धान खरीदी पर कांग्रेस की नीयत पर सवाल

अजय चंद्राकर ने धान खरीदी को लेकर कांग्रेस पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीयत धान खरीदी में सही नहीं थी, और इस पर विधानसभा में भी चर्चा हो चुकी है. उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद हाईकोर्ट में इस संबंध में एक जनहित याचिका दायर की थी, जिससे कांग्रेस की वास्तविक नीयत उजागर हो चुकी है.

धान खरीदी पर कांग्रेस के सवाल पर पलटवार

अजय चंद्राकर ने धान खरीदी को लेकर कांग्रेस के उठाए गए सवाल पर कहा कि कांग्रेस की धान खरीदी की नियत कैसी थी. इसमें विधानसभा में आधे घंटे की चर्चा हो चुकी है. खुद की PIL हाइकोर्ट में फाइल है. कांग्रेस की नियत इस PIL में पता चल गई थी. अच्छे काम और कांग्रेस का कोई संबंध नहीं है. बुरे काम और कांग्रेस में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है. कांग्रेस जो भी करती है मिलजुल कर करती है.

रायपुर दक्षिण में करीब सवा लाख मतदाताओं ने नहीं किया मतदान, भाजपा या कांग्रेस किसे होगा नुकसान?

रायपुर-  रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट का चुनाव आखिरकार संपन्न हो गया. बिना किसी ठोस मुद्दे के लड़े गए इस चुनाव में क्षेत्र के 2 लाख 73 हजार मतदाताओं में से 51 फीसदी मतदान के हिसाब से 1 लाख 25 हजार से ज्यादा लोग मतदान करने ही नहीं गए. मतदाताओं की इस बेरुखी का परिणाम क्या होगा, अब इस बात का आंकलन करने में विश्लेषक जुटे हैं. 

2023 विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार करीब 10 प्रतिशत कम मतदान हुआ है. 2023 के विधानसभा चुनाव में रायपुर दक्षिण में 60.20 प्रतिशत मतदान हुआ था. वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव में 61.70 प्रतिशत मतदान हुआ था. इन चुनावों में महिला मतदाताओं ने पुरुषों की तुलना में ज्यादा उत्साह दिखाया था.

उप चुनाव के दौरान विधानसभा क्षेत्र में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से 25 हजार ज्यादा होने की वजह से अनुमान जताया जा रहा है कि इस बार भी महिलाएं बड़ी तादात में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगी. लेकिन महिलाओं की सशक्त भागीदारी देखने को नहीं मिली, वहीं पुरुषों या फर्स्ट टाइम वोटर ने भी वोट देने में इसलिए रुचि नहीं दिखाई.

जानकार मानते हैं कि मतदाताओं के बूथ तक नहीं पहुंचने के पीछे एक बड़ी वजह इस चुनाव का विधानसभा की तस्वीर में नहीं पड़ने वाला असर है. इस चुनाव की वजह से न तो भाजपा सत्ता से जा रही है, और न ही कांग्रेस फिर से सत्ता में वापसी कर रही है. इसके अलावा जानकार मानते हैं कि प्रत्याशी भी मतदाताओं के बीच उत्साह पैदा करने में नाकामयाब रहे. वहीं पार्टियां भी ऐसा कोई मुद्दा नहीं उठा पाईं, जिससे मतदाता मतदाता मतदान केंद्रों में जाने के लिए उतावले हों.

जानकार मानते हैं कि भले ही इस परिणाम की विधानसभा की तस्वीर बदलने में कोई अहम भूमिका न हो, मुद्दा विहिन प्रत्याशी और पार्टियों के बीच मतगणना जरूर रुचि पैदा करेंगे. कम वोटिंग की वजह से मतों का अंतर भी कम रहेगा, और यदि यह आंकड़ा हजार से घटकर सैकड़ा तक पहुंच गया तो फिर नया तूफान खड़ा हो जाएगा. खैर, परिणाम जो भी भाजपा और कांग्रेस के लिए एक-दूसरे पर हमला करने के लिए नया मुद्दा जरूर मिल जाएगा.

दोस्त ने दोस्त की ली जान : शराब पीने के दौरान हुआ विवाद, फिर डंडे से सिर पर वार कर उतारा मौत के घाट, ऐसे खुला अंधे कत्ल का राज

गरियाबंद-    छुरा थाना क्षेत्र के कलमीदादर गांव में सोमवार को एक युवक की लाश क्षत-विक्षत हालत में मिली थी. मृतक की पहचान कोड़ामाल निवासी 35 वर्षीय रोमन कवर के रूप में हुई थी. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की तो फोरेंसिक रिपोर्ट हत्या की ओर इशारा कर रही थी. जांच आगे बढ़ी तो पता चला मृतक का आना-जाना कलमीदादर निवासी उसके मित्र टिकेश्वर के घर होता था. शव टिकेश्वर के घर से 50 मीटर दूरी पर ही मिला था. संदेह की सुई टिकेश्वर पर आकर टिक गई. मामले में जब टिकेश्वर से पूछताछ की गई तो उसने हत्या की बात कबूल किया.

थाना प्रभारी दिलीप मेश्राम ने बताया कि मामले में आरोपी टिकेश्वर नेताम (30 वर्ष) के खिलाफ धारा 103(1), 238 बीएनएस कायम कर आरोपी को आज विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे गरियाबंद उप जेल भेज दिया गया है.

कपड़ों से हुई शव की पहचान, घटना स्थल पर हत्यारा भी था मौजूद

घटना 11 अक्टूबर की है, जब मृतक का शव मिला था.धड़ को जंगली जानवरों ने नोच डाला था, सिर भी काफी दूर मिला, सड़ने के कारण शव की पहचान मुश्किल से हुई. शव मिलने के सूचना पर पूरा गांव इकठ्ठा था. हैरान करने वाली बात यह है कि भीड़ के बीच हत्यारा मित्र भी मौजूद था पूरे घटनाक्रम को देख रहा था. गुम सदस्य की तलाश कर रहे परिजनों ने कपड़े से शव की पहचान की थी.

शराब के नशे में विवाद ने लिया हत्या का रूप

आरोपी टिकेश्वर ने पुलिस को बताया कि 28 अक्तूबर को दोनों रास्ते में मिले थे और दोनों वहां से आरोपी के घर आ गए. आरोपी के बाड़ी में पीछे बैठकर शराब भी पीए. शराब पीते-पीते मामूली विवाद में झगड़ा हुआ तो पास पड़े डंडे से टिकेश्वर ने रोमन के सर पर जोरदार वार किया, जिससे वह मौके पर ही अधमरा हो गया. आरोपी दोस्त ने उसे उसी हाल में छोड़ दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. फोरेंसिक रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने तीन दिन के भीतर हत्यारे को पकड़ लिया.

छत्तीसगढ़ में यूपी का धान खपाने की थी तैयारी : खरीदी शुरू होने से पहले बड़ी कार्रवाई, 700 बोरा अवैध धान से भरा ट्रक जब्त

कवर्धा-  छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू होने के एक दिन पहले कबीरधाम जिले में अवैध धान परिवहन पर बड़ी कार्रवाई की गई है. कबीरधाम जिले के मध्यप्रदेश से लगे सीमावर्ती क्षेत्र चील्फी में 700 बोरा अवैध धान पकड़ा गया है. धान से भरा ट्रक जब्त कर एक आरोपी को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. यह मामला चिल्फी थाना क्षेत्र का है.

जानकारी के मुताबिक, यूपी से लाए जा रहे धान को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में खपाने की तैयारी थी. धान के संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. अवैध धान की कीमत 5 लाख रुपए आंकी गई है. यह कार्रवाई पुलिस और राजस्व विभाग की टीम ने मिलकर की है.

चेक पोस्ट पर कड़ी निगरानी रखी जा रही : टीआई

थाना प्रभारी उमाशंकर राठौर ने कहा, धान का अवैध परिवहन रोकने सीमावर्ती इलाके में चेक पोस्ट पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

रायपुर दक्षिण उपचुनाव : शाम 6 बजे तक 50% हुआ मतदान, 2023 के चुनाव में 60.20 प्रतिशत हुई थी वोटिंग
रायपुर-    विधानसभा क्षेत्र 51- रायपुर नगर दक्षिण में उपनिर्वाचन आज शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। मतदान की कार्यवाही प्रातः 7 बजे से शाम के 6 बजे तक सभी 266 मतदान केन्द्रों में सुचारू एवं निर्बाध रूप से पूर्ण हुई। मतदान समाप्ति के उपरांत मतदान का प्रतिशत 50.50 प्रतिशत दर्ज किया गया है। मतदान प्रतिशत के ये आंकड़े अनंतिम है। मतदान दलों की वापसी पूर्ण हो जाने के पश्चात् उनके प्रपत्रों की जांच के उपरांत मतदान केन्द्रवार मतदान के आंकड़े अंतिम रूप से तैयार किये जाएंगे, जिसमें आंशिक संशोधन की सम्भावना रहेगी।
छत्तीसगढ़ में सरकारी भर्ती के लिए फर्जी दस्तावेजों का किया इस्तेमाल, पुलिस ने उत्तर प्रदेश के 2 युवकों को किया गिरफ्तार
जगदलपुर-   छत्तीसगढ़ में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। जहां उत्तर प्रदेश के दो अभ्यर्थियों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का प्रयास किया। जगदलपुर पुलिस की त्वरित कार्रवाई में दोनों आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जाएगी, और फर्जी दस्तावेज पाए जाने पर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

क्या है मामला?

12 नवंबर को जगदलपुर के बोधघाट थाने में शिकायत दर्ज की गई थी कि बहादुरपुरा क्षेत्र में कुछ लोग जाली दस्तावेज बनाकर छत्तीसगढ़ का स्थानीय प्रमाण पत्र तैयार कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और 25 संदिग्ध व्यक्तियों को चिन्हित किया। इनमें से पांच लोगों ने पुलिस भर्ती में आवेदन किया था। पुलिस ने छापेमारी के दौरान अनुज यादव और अजय यादव (दोनों 21 वर्ष, उत्तर प्रदेश निवासी) को गिरफ्तार किया और उनके पास से जाली आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र और शैक्षणिक दस्तावेज बरामद किए।

कैसे चल रहा था फर्जीवाड़ा?

जांच में पता चला कि आरोपी अलग-अलग नामों का उपयोग कर जाली आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, और पांचवीं व आठवीं की मार्कशीट जैसे दस्तावेज बनाते थे। इन जाली दस्तावेजों के आधार पर वे छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का प्रयास कर रहे थे। अब तक उनके तीन-चार आवेदन प्रक्रिया में पास हो चुके हैं, जिनकी सूचना संबंधित विभाग को दे दी गई है।

जगदलपुर सीएसपी आकाश श्रीश्रीमाल ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि भर्ती प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अन्य संदिग्ध आवेदनों की भी बारीकी से जांच की जा रही है ताकि फर्जीवाड़े को तुरंत रोका जा सके। इसके अलावा, कुछ और लोगों के इस नेटवर्क में शामिल होने की संभावना है, जिनकी जांच की जा रही है। पुलिस की एक टीम जल्द ही इस नेटवर्क में शामिल अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर छत्तीसगढ़ लाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी और इस तरह की कार्रवाई को हम लगातार जारी रखेंगे।

चालू खरीफ विपणन वर्ष के लिए धान खरीदी 14 नवंबर से, मुख्यमंत्री के निर्देश पर धान खरीदी की सभी आवश्यक तैयारी पूर्ण

रायपुर-  राज्य में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 14 नवंबर से प्रारंभ होने जा रही है। प्रदेश के किसानों से धान खरीदी की योजना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता में हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिशानिर्देश पर प्रदेश के सभी 2739 उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। इस खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में पंजीकृत कुषकों की संख्या 27 लाख 1 हजार 109 है। इस वर्ष 1 लाख 35 हजार 891 नये किसान पंजीकृत हुए हैं और 1 लाख 36 हजार 263 हेक्टेयर नवीन रकबों का पंजीयन किया गया है।

सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमैट्रिक डिवाईस के माध्यम से उपार्जन की व्यवस्था की गई है। छोटे, सीमांत और बडे़ कृषकों के द्वारा उपजाये गए धान को निर्धारित समर्थन मूल्य में खरीदा जाएगा। इसके लिए 7 नवंबर से ही टोकन आवेदन की व्यवस्था आरंभ कर दी गई है। खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी।

धान खरीदी अवधि 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान अपना धान खरीदी केन्द्रों में लाकर समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते है। खरीदी केंद्रों में तौल हेतु इलेक्ट्रानिक कांटा-बांट की व्यवस्था की गई है। खरीदी केंद्रों से धान का उठाव मिलर एवं परिवहनकर्ता के माध्यम से समयानुसार कराने के निर्देश दिये गये है। सभी खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था से लेकर छांव, पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है।

धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर भी चस्पा कर दिये गये हैं। विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर शिकायत निवारण हेतु कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले किसानों को समय पर भुगतान हेतु मार्कफेड द्वारा राशि की व्यवस्था कर ली गई है। समितियों में राशि आहरण हेतु ‘‘माइक्रो एटीएम’’ की व्यवस्था भी दी जा रही है, जिससे कि किसानों को सुविधा हो। किसानों द्वारा समिति में धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जायेगी। खाद्य मंत्री श्री बघेल के निर्देश पर धान रिसाइकलिंग बोगस खरीदी पर नियंत्रित करने के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय टीम द्वारा राज्य के अलग अलग संभागों में विशेष कार्ययोजना बनाई गई है।

राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है एवं चेक पोस्ट की स्थापना की गई है। मंडी विभाग द्वारा मंडी अधिनियम के तहत जिलों में अधिकृत व्यापारियों की सूची जिला प्रशासन के साथ साझा किया गया है। एनआईसी द्वारा तैयार मोबाइल एप्प के माध्यम से गिरदावरी के खसरों का पुनः सत्यापन लगातार जारी है। मार्कफेड द्वारा राज्य स्तर पर एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित कर राईस मिल एवं उपार्जन केन्द्रों पर रियल टाइम निगरानी रखी जाएगी।

राज्य स्तर पर अलग अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है, जो लगातार जिले में हो रही धान खरीदी की मानिटरिंग करेंगे। विभागीय मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया है कि राज्य स्तरीय दल आबंटित जिलों में खरीदी के दौरान कम से कम तीन बार भ्रमण करेंगे। प्राप्त शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाएगी और की गई कार्यवाही के संबंध में अवगत भी कराया जाएगा।

अबूझमाड़ ईलाके में दिख रहा बस्तर ओलिंपिक का उत्साह, पारंपरिक खेलों और खिलाड़ियों को मिल रहा प्रोत्साहन

रायपुर-    बस्तर संभाग के सभी जिलों में इन दिनों बस्तर ओलिंपिक का आयोजन हो रहा है। अबूझमाड़ जैसे बेहद पिछड़े ईलाके में भी बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बस्तर ओलंपिक में हिस्सा ले रहे है। बस्तर ओलंपिक के शुभंकर मस्कट वनभैंसा और पहाड़ी मैना सबच्चें, युवा और आम नागरिक को आकर्षित हो रहे है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर बस्तर संभाग में बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य के जनजातीय बहुल क्षेत्रों के खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा को निखारना है और उन्हें रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ना है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर अंचल के लोगों से इन खेल प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि राज्य में खेल और खिलाड़ियों को लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है और बस्तर अंचल में नई खेल अधोसंरचनाएं विकसित की जा रही है।

बस्तर ओलंपिक के आयोजन के तहत प्रथम चरण में 6 नवम्बर से 16 नवम्बर तक विकासखण्ड स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है। दूसरे चरण में 19 नवम्बर से 26 नवम्बर तक जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। इसके बाद अंतिम चरण में संभाग स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। बस्तर ओलंपिक में युवा खो-खो, कब्बडी, बालीबाल, ऊंची कूद, तवाफेक, फुटबाल, गोलाफेक, तीरदांजी, बैडमिन्टन जैसे खेलों का आयोजन किया जा रहा है।

बचपन की यादें हो रही ताजा

बस्तर ओलंपिक में ऐसे खेल शामिल किए गए है जिसे ग्रामीणजन हमेशा से गांवों में खेलते आएं है। ग्रामीण परिवेश से जुड़े खेल होने के कारण बिना किसी हिचक के इन खेलों में उत्साह के साथ शामिल हो रहे है। इन आयोजनों में स्कूली बच्चों, ग्रामीण महिलाओं और बुजुर्गो को भी आनंद मिल रहा है। विशेषकर बुजुर्गो को अपने स्कूली जीवन और बचपन की याद ताजा हो रही है।

बस्तर ओलंपिक सराहनीय पहल

नारायणपुर के बोरावण्ड गांव के खिलाड़ी जयसिंह, रजनु यादव और उनके साथियों ने बस्तर ओलंपिक में अपने खेल को निखारने के इस अवसर के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया और उन्होंने कहा कि अबूझमाड़ के सुदूर पहुंचविहीन गांव के प्रतिभावान युवाओं की खेल प्रतिभा को निखारने के लिए यह उनकी सराहनीय पहल है। उन्होंने बताया कि कबड्डी पुरुष वर्ग में उनकी टीम ने विकासखंड स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिसके लिए उन्हें ट्रॉफी, मेडल और टीम को ड्रेस प्रदान किया गया। जिला स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार है।

अबूझमाड़ अंचल में आ रहा बदलाव

बस्तर ओलंपिक में शामिल हो रहे खिलाड़ियों ने बताया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा और आधारभूत सुविधाओं में लगातार सुधार हो रहा है। इस क्षेत्र में माओवादी घटनाओं में कमी आई है और लोगों का जीवन स्तर भी बेहतर हो रहा है। अबूझमाड़ के संवेदनशील इलाकों में सड़क, बिजली, पानी, आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल और उप-स्वास्थ्य केंद्र जैसी बुनियादी सुविधाएं बड़ रही हैं। ईरकभट्टी, मसपुर और गारपा जैसे दूरस्थ गांवों तक अब पक्की सड़कें बन चुकी हैं, जिससे इन गांवों के निवासियों को शहरों और बाजारों से जोड़ने में आसानी हो रही है। नारायणपुर से गारपा और मसपुर तक बस सेवाओं की शुरुआत भी इस क्षेत्र के विकास में एक अहम कदम है, जिससे लोगों को यातायात में सहूलियत मिल रही है।

सेवानिवृत्त जज गोविंद मिश्रा बनाए गए मानवाधिकार आयोग के सदस्य, आदेश जारी …

रायपुर-  सेवानिवृत्त न्यायाधीश गोविंद मिश्रा को छत्तीसगढ़ मानवाधिकार आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है. राज्यपाल रमेन डेका ने सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश गोविंद कुमार मिश्रा को छत्तीसगढ़ मानवाधिकार आयोग का सदस्य नियुक्त किया है. राजभवन से जारी आदेश के अनुसार, गोविंद मिश्रा की नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होगी.

देखिये आदेश कॉपी-

शराब घोटाला मामला: पूर्व IAS अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, रायपुर सेंट्रल जेल में ट्रांसफर का आदेश

बिलासपुर- शराब घोटाला केस के मुख्य आरोपियों में शामिल पूर्व IAS अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दोनों ने खुद को रायपुर जेल में ट्रांसफर किए जाने को लेकर हाइकोर्ट के अपील की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद वर्मा की सिंगल बेंच में हुई.

बता दें, कि पिछले दिनों दोनों को रायपुर जेल से कांकेर और जगदलपुर की जेल में ट्रांसफर किया गया था. जेल सुप्रीटेंडेंट ने एक एप्लिकेशन रायपुर की अदालत में पेश की थी. जिनमें उन्होंने दोनों पर शांति भंग करने का आरोप लगाते हुए दोनों को अलग अलग कांकेर और जगदलपुर की जेल में शिफ्ट करने की मांग की थी. जिसे कोर्ट के स्वीकार कर लिया था.

इस फैसले के खिलाफ दोनों ने हाइकोर्ट में अपील की. अपनी याचिका में दोनों ने कहा कि, उनका केस रायपुर में चल रहा है, उनका वकील और परिवार यहां है ऐसे में कोर्ट का फैसला उनके लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है. साथ ही यह भी बताया गया कि निचली अदालत ने उन्हें सुनवाई का अवसर नहीं दिया था.

मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों की अपील स्वीकार करते हुए उन्हें तुरंत रायपुर जेल शिफ्ट करने का ऑर्डर प्रशासन को जारी किया है.