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छत्तीसगढ़ को ‘ख’ वर्ग श्रेणी में शामिल करने की मांग ने पकड़ा जोर, विधि मंत्री अरुण साव से छत्तीसगढ़ीभाषी प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात
रायपुर-     छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है. राज्य भर में उत्सव का माहौल है. और रजत जयंती वर्ष के इसी उत्सव के बीच छत्तीसगढ़ीभाषी राज का मुद्दा भी गर्म है. क्योंकि राज्य का निर्माण छत्तीसगढ़ी अस्मिता की पृष्ठभूमि पर हुआ था. लेकिन राज्य निर्माण के बाद से अस्मिता को दरकिनार कर दिया गया. क्योंकि राज्य निर्माण के साथ जब केंद्र सरकार की ओर से एक पत्र राज्य सरकार को लिखा गया था, जिसमें में पूछा किया गया था कि छत्तीसगढ़ को क वर्ग में रखा जाए या ख वर्ग में. लेकिन तब राज्य सरकार की ओर से इस पर किसी तरह का स्टैंड नहीं लिया गया. नतीजन छत्तीसगढ़ क वर्ग(हिंदीभाषी) राज्य में शामिल कर लिया गया. अब यह राज्य का एक बड़ा मुद्दा बनते जा रहा है. आज इसी मांग को छत्तीसगढ़ीभाषी प्रतिनिधिमंडल ने विधि मंत्री अरुण साव से उनके निवास पर मुलाकात की.

प्रतिनिधिमंडल की ओर से साहित्यकार और प्राध्यापक डॉ. सुधीर शर्मा ने विधि मंत्री साव को दस्तावेजों के साथ मांग पत्र सौंपा. डॉ. शर्मा ने केंद्र और राज्य सरकार के बीच 2002 और 03 में हुए पत्राचार की विस्तार से जानकारी दी.

विधि मंत्री साव ने प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई चर्चा में आश्वस्त किया कि यह एक महत्वपूर्ण विषय है. इस पर सरकार की ओर से पूर्ण प्रयास किया जाएगा. छत्तीसगढ़ी अस्मिता हमारी महतारी अस्मिता है. इस महत्वपूर्ण विषय की ओर आप सबने ध्यान आकृष्ट कराया है. यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि छत्तीसगढ़ी और छत्तीसगढ़ियों के साथ न्याय हो.

गौरतलब है कि इसे पूर्व रायपुर में छत्तीसगढ़ीभाषियों का एक बड़ा सम्मेलन अक्टूबर महीने में हुआ था. इस सम्मेलन में विशेष रूप से छत्तीसगढ़ी राजभासा मंच के संरक्षक नंदकिशोर शुक्ल शामिल हुए थे.

छत्तीसगढ़ीभाषी प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी, मनोज सिंह बघेल, सत्यपाल सिंह, वरिष्ठ रंगकर्मी विजय मिश्रा, विकास शर्मा, छात्र संगठन के ऋतुराज साहू, संजीव साहू और मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी मंच के संयोजक डॉ. वैभव बेमेतरिहा मौजूद रहे.

अक्षय नवमी पर महिलाओं ने किया आंवला वृक्ष का पूजन, पेड़ के नीचे किया भोजन प्रसाद ग्रहण…

बलौदाबाजार- कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि (अक्षय नवमी) पर महिलाओं ने आंवला वृक्ष की पूजा कर परिवार सहित वृक्ष के नीचे भोजन प्रसाद ग्रहण किया.

बताया जाता है कि आंवला वृक्ष में भगवान विष्णु माता लक्ष्मी व शिव का निवास रहता है, और भगवान विष्णु सृष्टि के पालनहार माने जाते हैं इसलिए बडे़ ही श्रद्धा के साथ लोग आंवला नवमी पर पूजा अर्चना कर भोजन प्रसाद ग्रहण करते हैं.

बलौदाबाजार के कृष्ण कुंज में आज बडी़ संख्या में परिवारजनों की भीड़ दिखाई दी, जहाँ उन्होंने आंवला वृक्ष की पूजा अर्चना कर उसके नीचे भोजन प्रसाद ग्रहण किया और प्रसाद ग्रहण किया.

पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प

इस संबंध में सुनीता तोमर, शिखा ठाकुर ने बताया कि आंवला नवमी को अक्षय नवमी कहते हैं, हम सब आज सपरिवार पूजा कर रहे हैं. कथानुसार भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी का निवास है, और आयुर्वेद दृष्टि से आंवला फल औषधीय गुणों से भरपूर भी है. आज हम सब पूजा-अर्चना कर पर्यावरण संरक्षण का भी संकल्प लिए हैं.

छत्तीसगढ़: पूर्व मंत्री कवासी लखमा के बयान पर मचा बवाल, हिन्दू संगठन ने प्रदर्शन कर की FIR की मांग…

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में संत राजीव लोचन महाराज के बयान पर पूर्व मंत्री एवं विधायक कवासी लखमा के टिप्पणी को लेकर बवाल खड़ा हो गया. विधायक लखमा के विवादित बयान को लेकर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने कवासी लखमा के खिलाफ हिंदू विरोधी के नारे भी लगाए और FIR दर्ज करने की मांग को लेकर पुलिस में ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन सौंपने के बाद तत्काल FIR की माँग रख सभी कार्यकर्ता थाना परिसर में बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ने लगे.

दरअसल, हाल ही में संत राजीव लोचन महाराज के चार बच्चे पैदा करने वाले बयान पर विधायक कवासी लखमा ने एक विवादित टिप्पणी कर दी. उन्होंने संत राजीव लोचन महाराज को शादी कर बच्चे पैदा करने की सलाह दे दी. जिसके बाद VHP और बजरंग दल विरोध में उतर आये हैं.

सार्वजनिक रूप से माफी मांगे विधायक लखमा : VHP

VHP के जिला संयोजक ने बताया कि इससे पहले खमारडीह थाने में भी FIR का ज्ञापन सौंपा जा चुका है. 24 घंटों का समय मांगा गया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इसलिए सभी कार्यकर्ता ज्ञापन सौंपने सिविल लाइन थाने पहुंचे हैं. वहीं VHP और बजरंग दल ने ये भी मांग रखी है कि पूर्व मंत्री कवासी लखमा अपनी टिप्पणी के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगे. अन्यथा इसके विरोध में शासन के खिलाफ जाने की पूरी रणनीति तैयार की जा चुकी है.

सांसद बृजमोहन अग्रवाल का बयान

वहीं इस विषय पर अब सियासत भी तेज होने लगी है. इस मामले में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि धर्म गुरु क्या कहते हैं, क्या नहीं… ये उनका विषय है. उस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया के तौर पर विरोध करना, कांग्रेस का हमेशा का काम रहा है.

जनजातीय गौरव दिवस 2024: जशपुर में 13 नवंबर को 10,000 से अधिक माई भारत यूथ वालंटियर्स के साथ पदयात्रा करेंगे केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया

रायपुर-      केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया 13 नवंबर 2024 को छत्तीसगढ़ के जशपुर में जनजातीय गौरव दिवस पर माई भारत यूथ वालंटियर्स के साथ पदयात्रा करेंगे। इस पदयात्रा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ राज्य के अन्य मंत्री भी शामिल होंगे। यह कार्यक्रम भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में उनकी विरासत और देश के विकास में आदिवासी समुदायों के महत्वपूर्ण योगदान के सम्मान में मनाया जाएगा।

इस विशेष कार्यक्रम में आदिवासी विरासत को याद करने, समावेशिता को बढ़ावा देने और आदिवासी समुदायों को लाभ पहुंचाने वाली सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 10,000 से अधिक माई भारत यूथ वालंटियर्स भाग लेंगे। ये वालंटियर्स आदिवासी संस्कृति, विरासत और विरासत की रक्षा और संरक्षण की भावना को बढ़ावा देंगे।

पदयात्रा कोमड़ो गांव से शुरू होगी और लगभग 7 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए रणजीत स्टेडियम में समाप्त होगी। यह पदयात्रा युवाओं, आदिवासी नेताओं और समुदाय के सदस्यों को आदिवासी विरासत और भावना के जीवंत उत्सव में एकजुट करेगी।

इस कार्यक्रम की शुरुआत भारत की स्वतंत्रता में आदिवासी नेताओं के योगदान को दर्शाने वाले सांस्कृतिक अभिनय और आदिवासी विरासत की प्रचुरता को दर्शाने वाले नृत्यों से होगी। इस पदयात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल के अनुरूप वृक्षारोपण से होगी।

इस पदयात्रा के दौरान, एक प्रदर्शनी स्थल पर ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों, आदिवासी नायकों को श्रद्धांजलि और भारत के आदिवासी समुदायों की अनूठी कलात्मकता और शिल्प कौशल का प्रदर्शन किया जाएगा। इस पदयात्रा के मार्ग के ठहराव स्थलों पर आदिवासी संस्कृति, सुंदर रंगोली कलाकृतियां, पेंटिंग और पारंपरिक आदिवासी कला का उत्सव मनाने वाले नाटकों का प्रदर्शन किया जाएगा। सीधी प्रसारित कार्यशालाएं उपस्थित लोगों को आदिवासी नृत्य, संगीत और साहित्य के साथ एक परस्पर अनुभव प्रदान करेंगी जबकि आदिवासी खाद्य पदार्थों का चयन उनके स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताएगा।

पदयात्रा के मुख्य आकर्षण में शामिल हैं:

- सांस्कृतिक कार्यक्रम: सांस्कृतिक समृद्धि का उत्‍सव मनाते आदिवासी नृत्य और संगीत।

- आदिवासी आंदोलनों और कलाओं पर प्रदर्शनी: नाटकों और झांकियों द्वारा ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों, वीरता और शिल्प कौशल का प्रदर्शन।

- जागरूकता कियोस्क: सरकारी योजनाओं और महिला लाभार्थियों के बारे में जानकारी।

- कलात्मक कार्यक्रम: रंगोली, पेंटिंग और आदिवासी कला और साहित्य को बढ़ावा देने वाली कार्यशालाएं।

- युवाओं के योगदान का उत्सव:
माय भारत पोर्टल और एनवायकेएस उपलब्धियां दर्शाना।

- आदिवासी नेताओं को श्रद्धांजलि: प्रतिभागी प्रमुख आदिवासी हस्तियों की वेशभूषा में होंगे।

- आदिवासी उत्कृष्टता को सम्मान: पद्म पुरस्कार विजेताओं का अभिनंदन और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना।

- आदिवासी भोजन: स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के आदिवासी खाद्य पदार्थ परोसना।

मंत्रालय इस आयोजन के माध्यम से आदिवासी विरासत और संस्कृति की गहन समझ को बढ़ावा देना चाहता है साथ ही सरकारी कल्याणकारी पहलों में आदिवासी समुदाय को सक्रिय रूप से शामिल करना चाहता है। इस उत्सव का उद्देश्य युवाओं को भारत की आदिवासी विरासत की समृद्ध विरासत से जुड़ने, उसे समझने और उसका सम्मान करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।

युवा कार्यक्रम विभाग देश भर के युवाओं को www.mybharat.gov.in पर माय भारत पोर्टल पर पंजीकरण करके और आदिवासी विरासत की अपनी समझ को गहरा करने और अपनी आदिवासी विरासत का सम्मान करने के लिए इस पदयात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है।

संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक साल तक चलने वाले उत्सव में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के अंतर्गत माय भारत, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को अपनाने और प्रदर्शित करने के लिए पूरे भारत में पदयात्राओं का आयोजन करेगा।

‘द ग्रेट छत्तीसगढ़ रन’ में IFS सातोविषा समाजदार ने हासिल किया पोडियम में स्थान, पुरुषों में रहे ये आगे
रायपुर-  स्वास्थ्य, सहनशक्ति, और एकता के अद्भुत उत्सव के तौर पर रविवार को ‘द ग्रेट छत्तीसगढ़ रन’ के 9वें संस्करण का आयोजन हुआ. 10 किमी की दौड़ में मनीष कुमार साहू, 21 किमी की दौड़ में मोहित बिसेन और 42 किमी की दौड़ में सुरेश कुमार साहू पहले स्थान पर रहे. वहीं महिलाओं में 42 किमी की दौड़ में IFS सातोविषा समाजदार ने पोडियम पर स्थान प्राप्त किया. 

eblu द्वारा प्रायोजित और लेट्स रन द्वारा आयोजित इस मैराथन में 5000 से अधिक लोगों ने जोश के साथ हिस्सा लिया. RFID टाइमर के साथ यह छत्तीसगढ़ की एकमात्र मैराथन की शुरुआत मुख्य अतिथि IAS अंकित आनंद और IAS डॉ. भारतीदासन ने ध्वज लहरा कर किया. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ. सर्वेश्वर भुरे और विवेक ढांढ की भी उपस्थिति रही।

छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूकता को प्रदर्शित करते हुए इस साल की मैराथन का विशेष विषय ‘मिलेट्स’ था. इसमें मिलेट्स को हर पहलू में शामिल किया गया, ताकि प्रतिभागियों और दर्शकों को इस पौष्टिक अनाज की महत्ता का अनुभव हो सके.

मध्य भारत की पहली 42 किमी प्रमाणित रेस ‘द ग्रेट छत्तीसगढ़ रन’ भारतीय एथलेटिक्स में एक नई पहचान बना रहा है, जिसे इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक फेडरेशन्स (IAAF) और एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल मैराथन्स एंड डिस्टेंस रेसिज़ (AIMS) से मान्यता प्राप्त है. आयोजन को नई ऊंचाई तक पहुंचाने में रेस के निदेशक डॉ. विनय तिवारी और सुनील अग्रवाल का विशेष योगदान है.

डॉ. तिवारी ने कहा कि द ग्रेट छत्तीसगढ़ रन का आयोजन हर साल भव्य रूप ले रहा है. जो हमारे समुदाय की प्रतिबद्धता और उत्साह को दिखाती है. इस साल 6 किमी, 10 किमी, 21 किमी, और 42 किमी के चार वर्गों में विजेताओं को 3.51 लाख रुपए की पुरस्कार राशि दी गई. RFID टाइमर के साथ यह छत्तीसगढ़ की एकमात्र मैराथन है, जिसने नए और अनुभवी धावकों को अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रेरित किया.

आयोजन को सफल बनाने में SKY TMT, दंतेवाड़ा टूरिज्म, सागर TMT एंड पाइप्स, संभव स्टील पाइप्स एंड ट्यूब्स, ASA एडवरटाइजिंग, स्काई ऑटोमोबाइल्स, मारुति सेल्स कॉरपोरेशन, रायपुर ट्रायम्फ, होंडा बिग विंग्स, स्टेपमिंट, हेल्थ पोटली, शुभ BYD, F95, हीरा पाइप्स, भसीन मोटर्स, डेकाथलॉन, सैफ्रॉन कॉर्पोरेट पार्क, स्टार एलीट, रामकृष्णा केयर हॉस्पिटल, और NMDC जैसे प्रमुख ब्रांड्स और संस्थानों का समर्थन प्राप्त हुआ.

जानिए लेट्स रन के बारे में

लेट्स रन छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा फिटनेस समुदाय है, जो दौड़ और फिटनेस के प्रति जागरूक नागरिकों का समूह है. यह समुदाय स्वस्थ जीवनशैली और फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है, जो हर साल ऐसे आयोजन करता है. ‘द ग्रेट छत्तीसगढ़ रन’ लेट्स रन का एक प्रमुख आयोजन है.

सांसद बृजमोहन अग्रवाल का विपक्ष पर हमला, कहा- दक्षिण विधानसभा को पर्यटन स्थल समझती है कांग्रेस
रायपुर-     भाजपा ने आज राजधानी के एकात्म परिसर में प्रेस वार्ता आयोजित की थी. इस दौरान सांसद अग्रवाल ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस दक्षिण विधानसभा क्षेत्र को पर्यटन स्थल समझती है. सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि चुनाव के समय कांग्रेस दक्षिण विधानसभा घूमने आती है. कांग्रेस इसे पर्यटन स्थल समझती है, चुनाव के बाद उनका कोई ठिकाना नहीं होता है. जनता को कांग्रेस के नेताओं का पता भी नहीं है, ऐसे लोगों को जनता क्यों वोट देगी… उन्होंने कहा कि दक्षिण की एक प्रतिशत जनता भी कांग्रेस के प्रत्याशी को न तो जानती है, न ही पहचानती है.

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने एक बार फिर सुनील सोनी के उपलब्धियों का बखान करते हुए कहा कि सुनील सोनी के कारण आज रायपुर का ऐसा स्वरूप देखने को मिलता है. जनता आश्वस्त है कि दक्षिण का विकास बीजेपी के कमल फूल में ही निहित है. इसलिए विपक्ष भी मुझे ही जितायेगा.

उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव और दीपक बैज, वे सभी दक्षिण विधानसभा में केवल घूमने आते हैं. रामसुंदर दस को ज़बरदस्ती चुनाव खड़ा किया गया था. वे चुनाव में बढ़-चढ़ कर प्रचार कर रहे थे. कांग्रेस पार्टी को जवाब चाहिए कि उनका अपमान क्यों किया गया. वहीं मेयर चुनाव प्रचार क्यों नहीं कर रहे  हैं ?

पिछले 24 सालों में 5 हज़ार करोड़ का काम : दक्षिण में हुआ- बृजमोहन अग्रवाल

उन्होंने कहा कि आज जनता को बिजली-पानी समेत हर सुविधा उपलब्ध है. दक्षिण विधानसभा में आधे से अधिक ग्रामीण परिवेश से जुड़े हुए हैं, पिछले 5 साल तक पीएम आवास बंद रहे,  वो फिर से शुरू हुआ है.

इसके अलावा सांसद अग्रवाल ने कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट पर तंज कसते हुए कहा कि जिनका प्रेम राजस्थान में पूरा नहीं हो पाया वो कांग्रेस पार्टी से उम्मीद छोड़ दें. उनका प्लेन टेकऑफ नहीं कर पाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि रायपुर सबसे शांत शहर है और बलौदाबाज़ार सूरजपुर को देखकर रायपुर की जनता नहीं चाहेगी की प्रदेश को अशांत करने वाले लोग यहां आए.

इस दौरान प्रेस वार्ता में चुनाव संयोजक शिवरतन शर्मा, विधायक गजेंद्र यादव, सुशांत शुक्ला, इंद्रजीत साहू, ईश्वर साहू समेत बीजेपी के कई नेता मौजूद रहे.

शिक्षक संघ कल मुख्यमंत्री के नाम सौंपेगा ज्ञापन

रायपुर-   छत्तीसगढ़ शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने मोदी की गारंटी लागू करने की मांग को लेकर 11 नवंबर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने का ऐलान किया है. मोर्चा के पदाधिकारियों के अनुसार, वे 5 सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं, जो कि पहले सामूहिक अवकाश के रूप में सामने आया था, और अब यह ज्ञापन देने के रूप में जारी रहेगा.

शिक्षक संघ से मिली जानकारी के अनुसार कल यानि 11 नवंबर को वे राज्य के सभी 146 विकासखंडों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे. इसके बाद, 12 से 24 नवंबर तक मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायकों को भी मांग पत्र सौंपे जाएंगे. मोर्चा के नेताओ ने कहा कि अगर इन कदमों के बाद भी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं होती है, तो 25 नवंबर को इंद्रावती से महानदी भवन तक पैदल मार्च आयोजित किया जाएगा.

शिक्षक संघ की प्रमुख मांगों में शामिल है:

1. पूर्व सेवा गणना को शामिल करते हुए समस्त शिक्षक एलबी संवर्ग की पुरानी पेंशन निर्धारित की जाए.

2. सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति को दूर कर उन्हें क्रमोन्नति और समयमान वेतनमान दिया जाए.

3. समतुल्य वेतनमान में सही वेतन निर्धारित किया जाए और 1.86 के गुणांक पर वेतन निर्धारण किया जाए.

4. केंद्र के समान 1 जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता लागू किया जाए.

शिक्षक संघ का कहना है कि अगर सरकार इन मांगों को जल्द स्वीकार नहीं करती है, तो 25 नवंबर को पैदल मार्च के माध्यम से अपनी आवाज उठाई जाएगी.

ड्रोन से भेजी गई दवाई, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की दिशा में बड़ा कदम…

कोंडागांव-  नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा एक ऐसा मुद्दा है, जिसके लिए आदिवासी हमेशा संघर्ष करते रहे हैं. लेकिन अब ड्रोन के जरिए दूरस्थ अंचल में दवाओं की आपूर्ति कर एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है. इससे ब्लड और दवा जिला अस्पताल से सभी अस्पतालों तुरंत पहुंचेगी, और लोगों को तुरंत स्वास्थ्य सेवा भी मिलने लगेगी. 

इस सुविधा की शुरुआत रविवार को जिला अस्पताल के बाहर रिमोट का बटन दबाकर ड्रोन उड़ाने के जरिए हुई. ड्रोन मर्दापाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक दवाएं लेकर जाएगा, साथ ही मरीजों के जांच सैंपल लेकर वापस लौटेगा. फिलहाल, यह पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. आने वाले दिनों में इसे आस-पास के अस्पतालों के लिए भी शुरू किया जाएगा.

दवाओं के अलावा सैंपल भी लाएगा ड्रोन

सीएमएचओ डॉ आरके सिंह ने बताया कि इस ड्रोन सेवा को दूरस्थ इलाकों में मेडिकल फैसिलिटी को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है. ड्रोन ना सिर्फ दवाओं को लेकर जिला अस्पताल पहुंचेगा, बल्कि वहां से डॉक्टरों की टीम कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (CHC) में पहुंचे हुए मरीजों के ब्लड और यूरिन जैसे सैंपल ड्रोन के सहारे वापस भेजेगी.

बता दें कि ड्रोन सेवा की शुरुआत केंद्र सरकार की तरफ से की गई है. ये केंद्र सरकार के टीकाकरण सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए एक पहल है.

बाघ की धमक से दहशत में ग्रामीण, जंगल में जाना किया बंद, मवेशियों को भी छोड़ने से कतरा रहे…

बलरामपुर-     बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र में इन दोनों बाघ की धमक से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. बाघ अब तक किसान के एक बैल को मारने और एक बैल को बुरी तरह से घायल करने के साथ एक ग्रामीण पर हमला भी कर चुका है. आलम यह है कि बाघ की दहशत से लोगों ने जंगल जाना बंद कर दिया है, यहां तक मवेशियों को भी जंगल में नहीं छोड़ रहे हैं. 

बता दें कि क्षेत्र में बाघ के पैरों के निशान देखकर माहौल में संशय बना हुआ था, लेकिन वन विभाग ने फुट प्रिंट ट्रेस कर इस बात की पुष्टि कर दी है कि जंगल में मौजूद बाघ इधर-उधर विचरण कर रहा है. एक बैल के शिकार और एक बैल के बुरी तरह से घायल होने के बाद रही-सही कसर एक ग्रामीण ने कर दी, जिसे जंगल में बाघ ने हमला करने का प्रयास था, जिससे वह किसी तरह से बचने में कामयाब रहा.

बाघ के हमले से घायल बैल

वन विभाग अब क्षेत्र में मुनादी कराते हुए लोगों को जंगल में न जाने की सलाह दे रहा है. इसके साथ बाघ के हमले से मृत और घायल पशुओं के लिए मुआवजा प्रकरण भी बनाकर किसानों को देने की बात कह रहा है.

बस्तर की बदलती तस्वीर: लाल आतंक से मुक्ति चाहते हैं ग्रामीण, CAF कैंप को बरकरार रखने की कर रहे मांग

कांकेर-      छत्तीसगढ़ के कोर नक्सल क्षेत्र बस्तर से एक सकारात्मक और उम्मीद जगाने वाली तस्वीर सामने आई है. आपने अक्सर बस्तर के अंदरूनी इलाके में सुरक्षाबलों के जवानों के कैम्प का ग्रामीणों के विरोध की खबर सुनी होगी. लेकिन इसी बस्तर संभाग के कांकेर जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर लोहत्तर थाना क्षेत्र के जाड़ेकुर्सी गांव से एक अलग तस्वीर निकलकर सामने आई है. यहां ग्रामीणों ने सीएएफ (CAF) कैम्प के वापस जाने का विरोध कर रहे हैं.

बता दें, सीएएफ कैंप के वापस जाने की सूचना मिलने पर पूरा गांव एकजुट होकर कैंप के सामने बैठ गया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने रात भर कैंप के बाहर भोजन भी पकाया और अपनी मांग को लेकर आवाज उठाई. उन्होंने इस संबंध में सांसद को पत्र भी लिखा, जिसमें कैंप को यथावत रखने की अपील की गई है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर कैम्प को रोका नहीं गया तो वे पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे. 

लाल आतंक का भय 

ग्रामीणों का कहना है कि यदि सीएएफ कैंप वापस चला गया तो क्षेत्र में फिर से नक्सलियों का आतंक बढ़ सकता है, जैसा कि पहले हुआ करता था. उनका कहना है कि कैंप की मौजूदगी से न केवल सुरक्षा सुनिश्चित हुई है, बल्कि ग्रामीणों को डर और भय से मुक्त होने का मौका मिला है. 

कैंप से क्षेत्र में आया विकास 

ग्रामीणों के अनुसार, सीएएफ कैंप के खुलने से इस क्षेत्र में न केवल सुरक्षा बढ़ी, बल्कि विकास भी हुआ है. गांव के लोग अब स्वतंत्र रूप से अपनी रोज़ी-रोटी कमा रहे हैं, सड़कों का निर्माण हुआ है, और युवा सेना तथा पुलिस में भर्ती हो रहे हैं. इसके साथ ही क्षेत्र में बदलाव आया है, जिससे लोग खुशहाल महसूस कर रहे हैं.

ग्रामीणों का मानना है कि सीएएफ कैंप की मौजूदगी से उनके जीवन में सुधार आया है और उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि उनका जीवन सुरक्षित और स्वतंत्र रहे. उनका मुख्य उद्देश्य यही है कि इलाके में नक्सलियों का फिर से डर न लौटे, और विकास की प्रक्रिया रुकने न पाए.  यह घटना बस्तर के भीतर एक नई तस्वीर पेश करती है, जहां सुरक्षा बलों के कैंप को लेकर भय के बजाय विकास और खुशहाली का संदेश है.