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ड्रोन से भेजी गई दवाई, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की दिशा में बड़ा कदम…

कोंडागांव-  नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा एक ऐसा मुद्दा है, जिसके लिए आदिवासी हमेशा संघर्ष करते रहे हैं. लेकिन अब ड्रोन के जरिए दूरस्थ अंचल में दवाओं की आपूर्ति कर एक क्रांतिकारी कदम उठाया गया है. इससे ब्लड और दवा जिला अस्पताल से सभी अस्पतालों तुरंत पहुंचेगी, और लोगों को तुरंत स्वास्थ्य सेवा भी मिलने लगेगी. 

इस सुविधा की शुरुआत रविवार को जिला अस्पताल के बाहर रिमोट का बटन दबाकर ड्रोन उड़ाने के जरिए हुई. ड्रोन मर्दापाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक दवाएं लेकर जाएगा, साथ ही मरीजों के जांच सैंपल लेकर वापस लौटेगा. फिलहाल, यह पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है. आने वाले दिनों में इसे आस-पास के अस्पतालों के लिए भी शुरू किया जाएगा.

दवाओं के अलावा सैंपल भी लाएगा ड्रोन

सीएमएचओ डॉ आरके सिंह ने बताया कि इस ड्रोन सेवा को दूरस्थ इलाकों में मेडिकल फैसिलिटी को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है. ड्रोन ना सिर्फ दवाओं को लेकर जिला अस्पताल पहुंचेगा, बल्कि वहां से डॉक्टरों की टीम कम्युनिटी हेल्थ सेंटर (CHC) में पहुंचे हुए मरीजों के ब्लड और यूरिन जैसे सैंपल ड्रोन के सहारे वापस भेजेगी.

बता दें कि ड्रोन सेवा की शुरुआत केंद्र सरकार की तरफ से की गई है. ये केंद्र सरकार के टीकाकरण सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए एक पहल है.

बाघ की धमक से दहशत में ग्रामीण, जंगल में जाना किया बंद, मवेशियों को भी छोड़ने से कतरा रहे…

बलरामपुर-     बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र में इन दोनों बाघ की धमक से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. बाघ अब तक किसान के एक बैल को मारने और एक बैल को बुरी तरह से घायल करने के साथ एक ग्रामीण पर हमला भी कर चुका है. आलम यह है कि बाघ की दहशत से लोगों ने जंगल जाना बंद कर दिया है, यहां तक मवेशियों को भी जंगल में नहीं छोड़ रहे हैं. 

बता दें कि क्षेत्र में बाघ के पैरों के निशान देखकर माहौल में संशय बना हुआ था, लेकिन वन विभाग ने फुट प्रिंट ट्रेस कर इस बात की पुष्टि कर दी है कि जंगल में मौजूद बाघ इधर-उधर विचरण कर रहा है. एक बैल के शिकार और एक बैल के बुरी तरह से घायल होने के बाद रही-सही कसर एक ग्रामीण ने कर दी, जिसे जंगल में बाघ ने हमला करने का प्रयास था, जिससे वह किसी तरह से बचने में कामयाब रहा.

बाघ के हमले से घायल बैल

वन विभाग अब क्षेत्र में मुनादी कराते हुए लोगों को जंगल में न जाने की सलाह दे रहा है. इसके साथ बाघ के हमले से मृत और घायल पशुओं के लिए मुआवजा प्रकरण भी बनाकर किसानों को देने की बात कह रहा है.

बस्तर की बदलती तस्वीर: लाल आतंक से मुक्ति चाहते हैं ग्रामीण, CAF कैंप को बरकरार रखने की कर रहे मांग

कांकेर-      छत्तीसगढ़ के कोर नक्सल क्षेत्र बस्तर से एक सकारात्मक और उम्मीद जगाने वाली तस्वीर सामने आई है. आपने अक्सर बस्तर के अंदरूनी इलाके में सुरक्षाबलों के जवानों के कैम्प का ग्रामीणों के विरोध की खबर सुनी होगी. लेकिन इसी बस्तर संभाग के कांकेर जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर लोहत्तर थाना क्षेत्र के जाड़ेकुर्सी गांव से एक अलग तस्वीर निकलकर सामने आई है. यहां ग्रामीणों ने सीएएफ (CAF) कैम्प के वापस जाने का विरोध कर रहे हैं.

बता दें, सीएएफ कैंप के वापस जाने की सूचना मिलने पर पूरा गांव एकजुट होकर कैंप के सामने बैठ गया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने रात भर कैंप के बाहर भोजन भी पकाया और अपनी मांग को लेकर आवाज उठाई. उन्होंने इस संबंध में सांसद को पत्र भी लिखा, जिसमें कैंप को यथावत रखने की अपील की गई है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर कैम्प को रोका नहीं गया तो वे पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे. 

लाल आतंक का भय 

ग्रामीणों का कहना है कि यदि सीएएफ कैंप वापस चला गया तो क्षेत्र में फिर से नक्सलियों का आतंक बढ़ सकता है, जैसा कि पहले हुआ करता था. उनका कहना है कि कैंप की मौजूदगी से न केवल सुरक्षा सुनिश्चित हुई है, बल्कि ग्रामीणों को डर और भय से मुक्त होने का मौका मिला है. 

कैंप से क्षेत्र में आया विकास 

ग्रामीणों के अनुसार, सीएएफ कैंप के खुलने से इस क्षेत्र में न केवल सुरक्षा बढ़ी, बल्कि विकास भी हुआ है. गांव के लोग अब स्वतंत्र रूप से अपनी रोज़ी-रोटी कमा रहे हैं, सड़कों का निर्माण हुआ है, और युवा सेना तथा पुलिस में भर्ती हो रहे हैं. इसके साथ ही क्षेत्र में बदलाव आया है, जिससे लोग खुशहाल महसूस कर रहे हैं.

ग्रामीणों का मानना है कि सीएएफ कैंप की मौजूदगी से उनके जीवन में सुधार आया है और उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि उनका जीवन सुरक्षित और स्वतंत्र रहे. उनका मुख्य उद्देश्य यही है कि इलाके में नक्सलियों का फिर से डर न लौटे, और विकास की प्रक्रिया रुकने न पाए.  यह घटना बस्तर के भीतर एक नई तस्वीर पेश करती है, जहां सुरक्षा बलों के कैंप को लेकर भय के बजाय विकास और खुशहाली का संदेश है.

प्रदेश मे ठंड की हुई शुरुआत, राजधानी में हल्के कोहरे से गुलाबी ठंड का अहसास…

रायपुर-   दीपावली के बाद से मौसम में हल्का बदलाव देखा जा रहा है. प्रदेश के लगभग सभी जिलों में आज सुबह से हल्का कोहरा छाया रहा. वहीं राजधानी में भी गुलाबी ठंड का अहसास हुआ. बीते दो दिन शुक्रवार और शनिवार की सुबह भी शहर के कई हिस्सों में हल्के कोहरे के सात ठंड का अहसास हुआ. हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में तापमान में कोई खास बदलाव की संभावना नहीं है.

शनिवार को ऐसा रहा प्रदेश का मौसम:

मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार सुबह शहर में हल्का कोहरा देखने को मिला, लेकिन तापमान में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं होगा. रायपुर और आसपास के क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 29 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा. वहीं, बलरामपुर में 15.8 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे कम न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया.

तापमान का पूर्वानुमान

मौसम विभाग ने बताया कि आगामी तीन दिनों तक शुष्क हवा चलने की वजह से न्यूनतम तापमान में कोई खास बदलाव नहीं होगा. 10 नवंबर को रायपुर में आकाश मुख्यतः साफ रहने की संभावना है और अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है. प्रदेश में 15 नवंबर के बाद से ठंड बढ़ने की संभावना जताई है.

प्रदेश में फिलहाल ठंडी हवाएं नहीं

मौसम विज्ञानियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में इस समय ठंडी उत्तरी हवाओं का आना शुरू नहीं हुआ है, और मौसम वर्तमान में शुष्क बना हुआ है. वातावरण में नमी थोड़ी अधिक बनी हुई है, जिससे रात के तापमान में कोई खास बदलाव नहीं हो रहा है. अगले तीन से चार दिनों तक तापमान में महत्वपूर्ण गिरावट की संभावना नहीं है.

वहीं, बंगाल की खाड़ी में कुछ सिस्टम बन रहे हैं, जिसके कारण वातावरण में नमी बनी रहेगी. नमी के कारण रात के तापमान में गिरावट रुक जाती है. हालांकि, मौसम साफ होने पर तापमान में कमी आने से ठंड बढ़ सकती है.

अजय चंद्राकर ने रायपुर दक्षिण उप चुनाव में फिर उठाया बाहरी और स्थानीय का मुद्दा, कहा- कांग्रेस के प्रत्याशी और प्रभारी दोनों बाहरी…

रायपुर- रायपुर दक्षिण उप चुनाव में फिर से स्थानीय और बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा गरमा गया है. पूर्व मंत्री एवं विधायक अजय चंद्राकर ने चुनाव में प्रचार कर रहे कांग्रेस प्रभारी और कांग्रेस प्रत्याशी, दोनों को बाहरी बताते हुए भाजपा प्रत्याशी सुनील सोनी को स्थानीय बताया है. 

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने मीडिया से चर्चा में रायपुर दक्षिण में प्रचार में जुटे कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे के खिलाफ कुछ भी कहने से इंकार करते हुए उन्होंने बीजेपी की टीम का हिस्सा बताते हुए नेट बॉलर करार दिया है.

इसके अलावा दक्षिण में बीजेपी द्वारा ताश के डिब्बे बांटने के पीसीसी चीफ दीपक बैज के आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि भाजपा ऐसा काम नहीं करती है. दीपक बैज ने किसी दुकान या सटोरी से ताश की डिब्बी ली होगी. कांग्रेस ऐसे ही लोगों की पार्टी है.

वहीं दीपक बैज के भिलाई में बदमाश के एनकाउंटर को लेकर दिए गए बयानों पर आपत्ति जताते हुए भाजपा विधायक ने छत्तीसगढ़ के हर अपराध से कांग्रेस का संबंध बताया. अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस को अपराध, एनकाउंटर और नक्सल के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है. दीपक बैज कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं, भूपेश बघेल के प्रवक्ता लगते हैं. सुशीलानंद की जगह दीपक बैज को ले लेनी चाहिए.

इसके अलावा संत राजीव लोचन के चार बच्चे पैदा करने वाले बयान पर कांग्रेस नेता कवासी लखमा और अमरजीत भगत के बयानों पर विधायक अजय चंद्राकर ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि कवासी लखमा दूसरों की भाषा बोलते हैं, नहीं बोलेंगे तो पवित्र गठबंधन टूट जाएगा. पूर्व मंत्री अमरजीत भगत पर कहा कि प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करने से पहले अपना क़द देख लें. ये भी देख ले कि कपड़े कितने साफ़ हैं.

मदिरा प्रेमियों के लिए खुशखबरी : रायपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए खुलेगा बार

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर अब यात्रियों के लिए नई सुविधा शराब की दुकान खोली जा रही है. राज्य में पहली बार किसी एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए बार खोलने की अनुमति दी जा रही है, जिससे अब यात्री फ्लाइट के इंतजार के दौरान बार में नाश्ता और शराब का आनंद ले सकेंगे. इसके अलावा फ्लाइट से रायपुर आने वाले यात्री शराब भी खरीद सकेंगे.

नए नियम और लाइसेंस शुल्क

इस सुविधा को शुरू करने के लिए वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग ने छत्तीसगढ़ विदेशी मदिरा नियम 1996 में संशोधन किया है. एयरपोर्ट पर बार लाइसेंस जारी करने की अनुमति दी जाएगी, जिसकी सालाना फीस 12 लाख रुपए होगी. लाइसेंस उन्हीं रेस्टोरेंट्स को मिलेगा, जिन्हें एयरपोर्ट अथॉरिटी से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त है और यह लाइसेंसधारी केवल एयरपोर्ट भवन के भीतर ही शराब की बिक्री कर सकेंगे.

शराब खरीद और सेवन के नियम

बार के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के साथ कुछ शर्तें भी लागू होंगी. शराब का सेवन केवल परिसर के भीतर ही किया जा सकेगा और हवाई यात्री या एयरपोर्ट के कर्मचारी ही इसका लाभ उठा सकेंगे. बाहरी व्यक्ति इस सुविधा का उपयोग नहीं कर सकेंगे.

विष्णु का सुशासन… छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना से लाखों गरीबों के बन रहे आशियाने, पक्के मकान बनाने का सपना हो रहा साकार…
रायपुर-    अंतिम छोर के गांव की अपनी पहचान होती है. शहर से दूर होने के साथ यहां की अपनी जीवनशैली होती है. दूर-दूर घर होते हैं. घर पर गाय बकरियां होती है. हरे-भरे पेड़ पौधे होते हैं और छोटी-छोटी बाड़ियाँ होती है, जहाँ पसंद की साग सब्जियां उगाई जाती है और आसपास मुर्गे-मुर्गियां छोटे चूजे घूमते-फिरते होते हैं. सुबह से शाम तक चहल-पहल होती है. अपनी परम्पराएं, अपनी संस्कृति और मजबूत रिश्ते मगर कच्चे घर होते हैं. इन्हीं पहचान के बीच किसी के टूटे हुए तो किसी के जैसे-तैसे बने मिट्टी और खपरैल वाले घर भी होते हैं, लेकिन अब विष्णु के सुशासन में गरीब परिवारों के पक्के मकान बनाने का सपना साकार हो रहा.

गाँव में किसी के पक्के मकान का होना उनके रसूखदार होने की पहचान हुआ करती थी, क्योंकि गरीबी की वजह से पक्के मकान का सपना अनगिनत ग्रामीणों के लिए महज सपना ही था, खेती-किसानी या फिर पीढ़ी दर पीढ़ी कच्चे मकानों में ही जिंदगी गुजार देने वाले ग्रामीणों ने कभी सोचा भी नहीं था कि एक दिन उनका भी पक्का मकान बनेगा और अपने जीते-जी वे किसी रसूखदारों के बीच पक्के मकान में रह पाएंगे.. कुछ ऐसा ही सपना छत्तीसगढ़ के दूरदराज के गांवों में रहने वाले गरीब परिवारों को खुशी और गर्व है कि किसी मजबूत रिश्तों की तरह उनके घरों की बुनियादें भी मजबूत हो रही है और कई मुश्किलों से गुजरी कच्चे मकानों में बस यादें ही रह जाएंगी.

छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, पात्र परिवारों को आवास निर्माण के लिए कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं..इस योजना के तहत, ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग के हितग्राहियों को आवास निर्माण या खरीद के लिए बैंक से ऋण लेने पर सब्सिडी दी जा रही है.. मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत, पात्र परिवारों को आवास निर्माण के लिए न्यूनतम 25 वर्ग मीटर के प्लींथ एरिया का मकान बनवाने के लिए राशि दी जाती है. मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत, पात्र परिवारों को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण या मनरेगा के तहत राशि दी जाती है. अटल विहार योजना के तहत, कमज़ोर और निम्न आय वर्ग के परिवारों को आवास निर्माण के लिए अनुदान दिया जाता है.

छत्तीसगढ़ में ग्रामीण परिवारों को पक्के मकान प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G).. इस योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे परिवारों की सहायता प्रदान करना है, जिनके पास पक्का मकान नहीं है और जो कच्चे या जर्जर मकानों में रह रहे हैं..यह योजना राज्य के उन क्षेत्रों में भी लागू की गई है जहां बुनियादी सुविधाओं की कमी है..छत्तीसगढ़ के कुछ ग्रामीण इलाकों में लोगों को अच्छा और पक्का मकान देने के लिए कुछ-कुछ महीनों के अंतराल में सरकार आवास योजना का लिस्ट आधिकारिक वेबसाइट पर जारी करती है.

वर्तमान समय में सरकार छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ₹1,20,000 गरीबों के बैंक अकाउंट में भेज रही है, वहीं छत्तीसगढ़ के पहाड़ी इलाकों में मौजूद गांव के गरीबों को ₹1,30,000 घर बनाने के लिए दिए जा रहे हैं.. इस योजना के तहत लाभार्थी को 90-95 मानव दिवसों का श्रम नरेगा (MGNREGS) से प्राप्त होता है, साथ ही शौचालय निर्माण के लिए ₹12,000 की अतिरिक्त सहायता स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G) के तहत मिलती है.

गरीबों के जीवन में समृद्धि लाना सरकार का लक्ष्य

छत्तीसगढ़ में PMAY-G के तहत लाभार्थियों का चयन सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC) 2011 के डेटा के आधार पर किया जाता है.. इसके अंतर्गत सबसे गरीब परिवारों को प्राथमिकता दी जाती है.. प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत घरों के निर्माण के लिए पहली किस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रायपुर के इनडोर स्टेडियम में आयोजित ‘मोर आवास मोर अधिकार’ कार्यक्रम में भुवनेश्वर से वर्चुअली शामिल होकर जारी किया था जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ के 5.11 लाख लाभार्थियों के खाते में सीधे 2,044 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की…इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा था कि, “समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के जीवन में समृद्धि लाना हमारी सरकार का लक्ष्य है. पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने में जबरदस्त सफलता हासिल की है.

लाभार्थियों के पैर धोकर सीएम ने किया था स्वागत

रायपुर के इनडोर स्टेडियम में आयोजित ‘मोर आवास मोर अधिकार’ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, राज्य के अन्य मंत्री, विधायक और अधिकारी भी मौजूद रहे..अपने संबोधन में सीएम साय ने कहा था कि, “आज छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए दोहरी खुशी का दिन है. क्योंकि आज पीएम का जन्मदिन है और लाखों लोगों के लिए घर का सपना साकार होने जा रहा है. हम पीएम का दिल से आभार व्यक्त करते हैं. हमने समारोह में लाभार्थियों के पैर धोकर उनका स्वागत किया है.. आज बहुत खुश हूँ और आत्मिक संतोष भी है. रोटी, कपड़ा और मकान’ आम आदमी की सबसे बुनियादी जरूरतें हैं. लेकिन आजादी के कई दशकों बाद भी देश के करोड़ों नागरिकों के पास अपना घर नहीं है.

छत्तीसगढ़ में 18 लाख मकान स्वीकृत

प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए बेघर परिवारों के लिए घर का सपना पूरा हो रहा है..” सीएम साय ने प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितता को लेकर चेतावनी दी है.. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन को लागू करने के लिए हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. इसके क्रियान्वयन में किसी भी तरह की लापरवाही और अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.. “प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पूरे देश में 32 लाख मकान स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से करीब 30 फीसदी मकान छत्तीसगढ़ को आवंटित किए गए हैं, जो राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. मुख्यमंत्री बनने के बाद कैबिनेट ने सबसे पहला काम राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख मकान स्वीकृत करने का किया. किसी भी तरह की अनियमितता की शिकायत सामने आने पर संबंधित जिला कलेक्टर के खिलाफ सीधे कार्रवाई की जाएगी.”

प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति के बारे में जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा “भाजपा सरकार बनने के बाद से राज्य में हर महीने करीब 25,000 नए मकान बनाए जा रहे हैं पिछले 8 महीनों में अब तक करीब 1.96 लाख मकान बनाए जा चुके हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत भी 24,000 मकान बनाए जा रहे हैं।इस महीने की शुरुआत में केंद्र ने राज्य में पीएमएवाई के तहत 8,46,931 मकानों को मंजूरी दी है, जबकि मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 47,000 मकान बनाए जा रहे हैं”

प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति के विषय में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा है “आज छत्तीसगढ़ के इतिहास को लिखने का दिन है. छत्तीसगढ़ के आवासहीन लोगों के जीवन में एक नई रोशनी मिलेगी. हमने जो वादा किया था, उसे आज पूरा किया है. यह सामाजिक न्याय और समरसता की दिशा में एक बड़ा कदम है..पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने 4 करोड़ आवास बनाकर गरीबों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है. इसके साथ ही मोदी के तीसरे कार्यकाल में 3 करोड़ नए आवासों की स्वीकृति दी गई है, जिससे यह योजना और अधिक प्रभावी हो रही है.”

हितग्राही ने बताया – पक्के मकान का कभी सोचा नहीं था

कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा के अंतिम छोर के गाँव पतुरियाडाँड़ में रहने वाले गुलाब सिंह अपने तीन बेटों के साथ घर पर रहते हैं..लगभग 60 बसंत देख चुके गुलाब सिंह बताते हैं कि किसी तरह गाँव में खेती किसानी और मजदूरी से घर का खर्च चल जाता था.. अब बेटे भी यहीं करते हैं। उनकी कई पीढ़ी गुजर गई पर पक्का मकान बन पाएगा, ऐसा कभी सोचा भी नहीं था.. उन्होंने बताया कि उनके कच्चे मकान में जिंदगी कट गई.. कच्चे मकान में बारिश के समय बहुत ही ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ा.. कभी खपरैल के बीच से टपकते बारिश के पानी में रातों की नींदे खराब हुई तो कई बार नीचे फर्श कीचड़मय हुआ. गुलाब सिंह से बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में नाम आने के बाद उन्हें इस बात की चिंता थी कि वास्तव में पक्का मकान बनाने के लिए पैसे मिलेंगे या नहीं.. कई बार तो लगता था कि खाते में पैसा नहीं आएगा और पक्के मकान का सपना कभी पूरा नहीं हो पायेगा.

पक्के मकान में अब सुकून से रह पाएगा परिवार : पिंकी

गुलाब सिंह ने बताया कि जब खाते में राशि आई तो मकान का सपना हकीकत में बदल गया है.. खाते से राशि निकालकर अपनी मकान को मूर्त रूप दे रहा है. गुलाब सिंह ने बताया कि उन्हें खुशी है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के खाते में पैसा डाला है और यह राशि उनके जैसे गरीब परिवारों के सपनों को सच कर रहा है.. इसी गाँव की निवासी पिंकी पैकरा को भी अपने पक्के मकान का पूरा होने का इंतजार है.. वह कहती है कि कच्चे मकान में रहने से बहुत परेशानी उठानी पड़ती है. पक्का मकान बारिश के दिनों में उन्हें किसी परेशानी में नहीं डालेगा और वह सुकून से रह पाएगी.

ग्रामीण पंचराम और उनकी पत्नी रूपकुंवर के खाते में भी आवास बनाने के लिए राशि आयी तो इन्होंने मकान पूरा करा लिया है.. पंचराम ने बताया कि उनके घर का प्लास्टर का काम ही शेष है, जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा और वे पक्के मकान में रहने लगेंगे.. गांव के लबदराम भी पीएम आवास के हितग्राही है. इन्होंने खाते में राशि आते ही काम शुरू कर दिया है.. अभी तक 65 हजार प्राप्त कर चुके लबदराम ने बताया कि जल्दी ही उनका घर पूरा हो जाएगा और वे अपने परिवार के साथ कच्चे मकान को अलविदा कह देंगे.. इन सभी हितग्राहियों ने पीएम आवास के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के प्रतिआभार जताया और अपने सपने के आशियाने को लेकर गौरवान्वित महसूस करते हुए खुशी व्यक्त की.

रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 14 एवं 15 नवंबर को राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस का होगा भव्य आयोजन

रायपुर-      मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 14 एवं 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के भव्य राज्य स्तरीय आयोजन की तैयारी की जा रही हैं। साइंस कॉलेज मैदान में जनजातीय गौरव दिवस के दौरान 14 एवं 15 नवंबर को पूर्वान्ह 11 बजे से लेकर रात्रि 8 बजे तक जनजातीय गौरव पर आधारित विविध कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिसमें विषय विशेषज्ञ सहित कई राज्यों के आदिवासी कलाकार, आदिवासी कला संस्कृति के मर्मज्ञ शामिल होंगे।

दो दिवसीय राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन को भव्य एवं यादगार बनाने के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा देश के विभिन्न राज्यों से आदिवासी नर्तक दलों एवं कलाकारों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जा रहा है। अब तक 18 राज्यों के 22 आदिवासी नर्तक दलों ने इस दो दिवसीय आयोजन में शामिल होने के लिए अपनी सहमति दी है, जिसमें अरूणांचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैण्ड, मेघालय, आसाम, त्रिपुरा, उत्तराखण्ड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित अन्य राज्यों के आदिवासी नर्तक दल शामिल हैं। इनमें पुरूष एवं महिला कलाकारों की संख्या लगभग 425 है।

गौरतलब है कि भगवान बिरसा मुण्डा की जयंती ’जनजातीय गौरव दिवस’ के उपलक्ष्य में 14 एवं 15 नवंबर को राजधानी रायपुर में दो दिवसीय राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 नवंबर को जमुई बिहार से वर्चुअल रूप से जुड़कर इस समारोह का शुभारंभ करेंगे और पीएम जनमन योजना में शामिल जिलों के हितग्राहियों से चर्चा भी करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में भी एक दिवसीय गौरव दिवस का आयोजन किया जा रहा है।

आदिम जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस के शुभारंभ कार्यक्रम का लाईव प्रसारण पीएम जनमन योजना में शामिल जिलों में दो-तरफा संवाद एवं शेष जिलों में केबल प्रसारण की व्यवस्था की जा रही है। साइंस कॉलेज मैदान में जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित होने वाले विविध कार्यक्रमों की शुरूआत 14 नवंबर को पूर्वान्ह 11 बजे से होगी। इस दौरान अतिथिगणों के उद्बोधन के साथ ही अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे। उन्होंने बताया कि 14 नवंबर एवं 15 नवंबर को साइंस कॉलेज मैदान में संध्या 3 बजे से अंतर्राज्यीय लोक नर्तक दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति के साथ-साथ जनजातीय गौरव से संबंधित विषयों पर संगोष्ठी का आयोजन तथा जनजातीय जीवन शैली पर चित्रकला का प्रदर्शन होगा।

चेकपोस्ट के बावजूद बार्डर पार हो रहा ओडिशा का धान : नगर के बीच चौराहे में तहसीलदार ने पकड़ी धान से भरी पिकअप

गरियाबंद-    धान का अवैध परिवहन रोकने ओडिशा सीमा से घिरे देवभोग के तीन छोर में 15 चेक पोस्ट बनाए गए हैं, फिर भी अवैध परिवहन थमने का नाम नहीं ले रहा है. चेक पोस्ट पार कर देवभोग नगर पहुंचे धान से भरे पिकअप को तहसीलदार चितेश देवांगन ने जब्त कर उसे पुलिस के हवाले किया. पिकअप में 60 बोरा धान था.

सीमावर्ती इलाके में एक साथ दिखते हैं दो अफसर पर नहीं दिख रही कार्रवाई

तहसीलदार के इस कार्यवाही के बाद चेक पोस्ट पर सवाल उठना शुरू हो गया है. इसके अलावा अनुविभाग के एक बड़े अफसर व सहायक अफसर की जोड़ी की चर्चा भी जमकर हो रही है. कहा जाता है कि इनकी जोड़ी को लगातार सीमावर्ती इलाके में दौरा करते देखा जाता है. रात हो या पहट, इनकी टीम लगातार दबिश दे रही है, लेकिन 15 दिन पहले पकड़े गए 3 पिकअप के अलावा अवैध परिवहन करने वाले वाहनों पर कार्यवाही की संख्या में इजाफा नहीं हुआ है.

आज तहसीलदार के प्रयास से चौथी पिकअप पकड़ा गया है. मामले में कलेक्टर ने भी संज्ञान लेना शुरू कर दिया है. बताया जाता है कि जिले के दो अफसरों की अतिरिक्त टीम बनाई गई है, जो आधी अधूरी कार्यवाही के अलावा अवैध परिवहन पर कार्रवाई करेगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आंवला नवमी की दी बधाई और शुभकामनाएं
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को आंवला नवमी की बधाई और शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा है कि हिंदू धर्म में आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु और आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। इस दिन को अक्षय नवमी भी कहा जाता है। मान्यता है अक्षय नवमी के दिन किए जाने वाले पुण्‍यकार्य का अक्षय फल सभी को प्राप्‍त होता है और मां लक्ष्‍मी की कृपा होती है। मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य के सभी नागरिकों की सुख समृद्धि बढ़े, यह कामना की है।