राजधानी में 8 लाख कैश जब्त, उपचुनाव चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस को मिली बड़ी सफलता
रायपुर- रायपुर दक्षिण उपचुनाव के मद्देनजर पुलिस ने चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस को एक बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक बाइक से 8 लाख नगदी जब्त किया है. यह मामला पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र का है.
जानकारी के अनुसार, पुरानी बस्ती थाना और CRPF की डी-62 कंपनी द्वारा बुढ़ेश्वर चौक और पंकज गार्डन के पास चेकिंग प्वाइंट लगाए गए थे. तभी चेकिंग के दौरान मोटरसाइकिल एचएफ डीलक्स होंडा (नंबर सीजी 04 एम यू 1675) को रोका गया. वाहन चालक के पास रखे काले रंग के बैग की तलाशी ली गई, जिसमें 8 लाख रुपये की नगदी बरामद हुई. वाहन चालक से जब इस रकम के संबंध में वैध दस्तावेज पेश करने को कहा गया, तो उसने कोई दस्तावेज नहीं दिखाया.
चूंकि चुनाव आचार संहिता लागू है, इस राशि को जब्त कर लिया गया और आगे की कार्रवाई के लिए जिला मॉनिटरिंग सेल को भेज दिया गया है.
महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्ति के लिए समिति का गठन, IAS सोनमणि बोरा बनाए गए अध्यक्ष
दुर्ग- महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, पाटन, दुर्ग में कुलपति नियुक्ति के लिए राज्यपाल (कुलाधिपति) द्वारा एक चयन समिति का गठन किया गया है. यह समिति विश्वविद्यालय अधिनियम, 2019 की धारा 14 (2) के अंतर्गत न्यूनतम तीन योग्य व्यक्तियों की सूची (पैनल) प्रस्तुत करेगी.
गठित समिति में प्रमुख सचिव, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, सोनमणि बोरा (आईएएस.) को अध्यक्ष बनाया गया है. उनके साथ रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के कुलपति डॉ. ए.के. सिंह और हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग के पूर्व कुलपति डॉ. नरेन्द्र प्रसाद दीक्षित को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.
समिति को विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 14 (4) के तहत इस अधिसूचना की तिथि से छह सप्ताह के भीतर कुलपति पद के लिए कम से कम तीन प्रतिष्ठित शिक्षाविदों की सूची कुलाधिपति को प्रस्तुत करनी होगी.
वनरक्षक के 1484 पदों पर भर्ती : 16 नवंबर से शारीरिक मापजोख और दक्षता परीक्षण
रायपुर- वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में वनरक्षक के 1484 पदों पर सीधी भर्ती के लिए वर्ष 2023-24 में आवेदन पत्र आमंत्रित किया गया था. राज्य में कुल 17 नोडल वनमण्डलों (रायपुर, महासमुंद धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, कवर्धा, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, सरगुजा, जशपुर, कोरिया, कांकेर, कोण्डागांव, जगदलपुर, दंतेवाड़ा एवं बीजापुर) में 16 नवम्बर 2024 से शारीरिक मापजोख एवं दक्षता परीक्षण प्रारंभ होगा.
शारीरिक मापजोख एवं दक्षता परीक्षण के लिए पात्र अभ्यर्थियों की सूची वनमण्डलवार, नोडलवार एवं अनुक्रमांकवार विवरण विभागीय वेबसाइट www.forest.cg.gov.in पर उपलब्ध है. अभ्यर्थियों द्वारा ऑनलाइन प्रवेश पत्र विभागीय वेबसाइट से डाउनलोड कर प्राप्त किया जा सकता है. जो अभ्यर्थी अस्वस्थता या किसी अन्य परीक्षा में शामिल होने के कारण निर्धारित तिथि में अनुपस्थित रहते हैं, उपयुक्त प्रमाण पत्र सहित उपस्थित होने पर अंतिम दिवस को परीक्षण के लिए अवसर दिया जाएगा.
10वीं और 12वीं कक्षा के लिए जनवरी के अंतिम सप्ताह में प्री-बोर्ड परीक्षा
रायपुर- राज्य के शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी विद्यालयों में कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा परिणामों में सुधार के उद्देश्य से इस साल से प्री-बोर्ड परीक्षा का आयोजन जनवरी के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने यह कदम छात्रों की बोर्ड परीक्षा की तैयारी को मजबूत बनाने और उनकी सफलता की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए उठाया है।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने सभी जिला कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश के अनुसार, प्री-बोर्ड परीक्षा प्रत्येक जिले द्वारा आयोजित की जाएगी, जिसमें छात्रों से पूरे पाठ्यक्रम से प्रश्न पूछे जाएंगे। साथ ही, 10वीं और 12वीं का पाठ्यक्रम 10 जनवरी 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि छात्रों को पर्याप्त समय मिल सके।
प्रश्न पत्र निर्माण के लिए जिलों में विषय विशेषज्ञों की समितियाँ गठित की जाएंगी। इन समितियों को प्रश्न पत्र निर्माण के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल के ब्लूप्रिंट का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिससे परीक्षा का स्तर बोर्ड के अनुरूप सुनिश्चित किया जा सके। छात्रों को भी इस ब्लूप्रिंट से परिचित कराया जाएगा, जिससे वे बोर्ड परीक्षा की तैयारी बेहतर तरीके से कर सकें।
स्मार्ट वूमेन अल्का की जागरूकता बनी मिसाल, बिहान समूह से होने वाली आय और महतारी वंदन योजना की राशि से परिवार को मिला सहारा
रायपुर- शासकीय योजनाओं से जुड़कर और इन योजनाओं का लाभ उठाकर कैसे अपने परिवार को संभाला जा सकता है। यह सीखा जा सकता है, स्मार्ट वूमेन अल्का कच्छप से। अल्का ने अपनी जागरूकता से न केवल अपने परिवार को आर्थिक संकट से उबारा बल्कि अपनी बेटियों के बेहर कैरियर के लिए भी इंतजाम कर लिया है। श्रीमती अल्का ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में महतारी वंदन योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता मेरी बेटियां जब बड़ी होंगी, तब यह पैसे उनकी पढ़ाई और शादी में काम आएंगे।
अम्बिकापुर विकासखंड के छोटे-से ग्राम पंचायत- चठिरमा के आश्रित गांव बढनीझरिया की रहने वाली अलका कच्छप अपने बच्चों के भविष्य के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। वे बेहद स्मार्टली अपने परिवार को बेहतर सहयोग करने के लिए शासन की कल्याणकारी योजनाओं के प्रति भी जागरूक हैं। श्रीमती अलका एक आम घरेलू महिला हैं, उनके पति सामुवेल कच्छप राज मिस्त्री का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति हमेशा से ही चुनौतीपूर्ण रहती है। पति की आमदनी से घर का खर्च चलाना मुश्किल होता था, इसलिए बिहान महिला समूह से जुड़कर काम कर रही हैं। जिससे अतिरिक्त आमदनी हो जाती है। उन्होंने बताया कि वह अपने बच्चों की देखभाल और उनकी पढ़ाई पर विशेष ध्यान देती हैं।
श्रीमती अल्का ने बिहान समूह से जुड़कर न केवल आमदनी का जरिया ढुंढा बल्कि अपने बेटियों के लिए महतारी वंदन योजना से मिल रही राशि को उनके सुरक्षित भविष्य के लिए सुकन्या योजना का प्रीमियम जमा किया। श्रीमती अलका ने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं बड़ी बेटी का नाम विभा और छोटी बेटी का नाम विद्या है। विभा प्राइवेट स्कूल में कक्षा 6वीं और छोटी बेटी केजी-वन में पढ़ रही हैं। वह चाहती है कि उनकी बेटियां अच्छी पढ़ाई कर अपने सपनों को पूरा करें। श्रीमती अल्का का सपना है कि उनकी बेटियां अपनी पढ़ाई पूरी करें और अच्छे करियर का चुनाव करें। इसलिए अलका अभी से तैयारी कर रही हैं। अपनी बिहान समूह की कमाई और महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि को मिलाकर सुकन्या समृद्धि योजना में दोनों बेटियों के नाम से एक-एक हजार रुपए हर महीने जमा कर रही हैं।
छत्तीसगढ़ में मिला बाघ का शव, जहरखुरानी की आशंका, जांच में जुटा वन अमला
कोरिया- गुरुघासीदास नेशनल पार्क अंतर्गत ग्राम देवसील-कटवार के समीप नदी के किनारे एक बाघ का शव मिला है. ग्रामीणों की सूचना के बाद वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रहे हैं.
नेशनल पार्क की सीमा पर रामगढ़ क्षेत्र के देवसील ग्राम पंचायत के मार्ग पर खनकोपर नदी के तट पर बाघ मरा पड़ा पाया गया है. अभी बाघ के मौत का कारण अज्ञात है. हालांकि जहरखुरानी की आशंका जताई जा रही है. मामले को लेकर अभी शुरुआती जानकारी ही मिली है. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार इलाके में मौजूद बाघ की मौत कैसे हुई, यह पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही स्प्ष्ट होगा.
तीन साल पहले इसी इलाके में एक बाघ की हुई थी मौत
तीन साल पहले भी एक बाघ की मौत इसी इलाके में हुई थी. उस वक्त ग्रामीणों ने उसे जहर देकर मार दिया था. इसी के चलते इस बार भी बाघ की मौत का कारण जहरखुरानी से होने की संभावना जताई जा रही है. वहीं जिम्मेदार अधिकारी जांच की बात कहकर बाघ की मौत को लेकर कुछ भी कहने से बच रहे.
संभागायुक्त महादेव कावरे ने धान खरीदी केंद्र का किया निरीक्षण, खरीदी में न हो कोई गड़बड़ी एसडीएम को दिए सख्त निर्देश
बिलासपुर- बिलासपुर संभागायुक्त महादेव कावरे ने आज मुंगेली जिले के सरगांव स्थित धान उपार्जन केंद्र का निरीक्षण कर खरीदी के इंतजामों की समीक्षा की. आगामी 14 नवंबर से धान खरीदी प्रक्रिया शुरू होनी है, जिसके मद्देनजर उन्होंने केंद्र की तैयारियों का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने केंद्र में मौजूद कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन, मॉइश्चर मशीन, धान चबूतरा, और बैनर के बारे में जानकारी ली.
संभागायुक्त कावरे ने केंद्र में कंप्यूटर ऑपरेटर और हमाल की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी ली और किसानों के पंजीयन और बैंक में राशि की भी जानकारी ली. उन्होंने एसडीएम को सख्त हिदायत दी कि धान खरीदी में कोई गड़बड़ी न हो. निरीक्षण के दौरान एसडीएम पथरिया भरोशा राम ठाकुर, खाद्य निरीक्षक और प्रबंधक धनुष साहू सहित स्टाफ उपस्थित रहे.
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारतीय सड़क कांग्रेस अन्तर्गत आयोजित तकनीकी प्रदर्शनी का किया अवलोकन
रायपुर- केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर में भारतीय सड़क कांग्रेस के 83वें अधिवेशन के तहत आयोजित तकनीकी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने प्रदर्शनी का भ्रमण कर सड़क निर्माण, सड़क सुरक्षा, निर्माण सामग्री और सड़कों के रखरखाव से जुड़ी मशीनरी व उपकरणों की निर्माता तथा आपूर्तिकर्ता कंपनियों के प्रतिनिधियों से इनकी जानकारी ली। विभिन्न कंपनियों द्वारा यहां लगाए गए स्टॉल्स पर सड़क निर्माण से संबंधित तकनीकी मटेरियल्स, डिजाइन, टेक्नोलॉजी इत्यादि का प्रदर्शन आगामी चार दिनों तक किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री अजय टम्टा और उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने भी श्री गडकरी के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
लूट की रिपोर्ट लिखवाने वाला कांग्रेस नेता ही निकला लुटेरा, पुलिस ने किया गिरफ्तार
खैरागढ़- जिले में 6 नवंबर की रात हुई लूटपाट की घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया था. घटना के अगले दिन यानी 7 नवंबर को यह खबर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गई कि खैरागढ़ के कांग्रेस नेता राजा सोलंकी और उनके साथी अमीन खान पर लूट का हमला हुआ है. इस खबर से इलाके में सनसनी फैल गई. बताया गया कि यह घटना खैरागढ़ से राजनांदगांव मार्ग के ग्राम दल्ली में घटी थी.
लेकिन अब इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. लूट की रिपोर्ट लिखवाने वाला कांग्रेसी नेता राजा सोलंकी ही खुद इस लूट का मास्टरमाइंड निकला. पुलिस की जांच में पता चला कि यह पूरी घटना एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी. दरअसल, कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला मंत्री राजा सोलंकी और उनके साथी अमीन खान ने खुद इस लूट की योजना बनाई थी.
पुलिस के मुताबिक, 6 नवंबर की शाम को तीन युवक डेरहाराम, हर्षकुमार पाल और अमन करेला भवानी से कबड्डी खेलकर अपने गांव लौट रहे थे. दल्ली इलाके में स्थित पेट्रोल पंप में पेट्रोल भरवाने रूके तभी उनकी मुलाकात राजा सोलंकी और अमीन खान से हुई. पहले तो इन दोनों ने युवकों के साथ गाली-गलौच की, फिर उनकी बाइक छीन ली और उनसे मारपीट भी की.
इसके बाद राजा सोलंकी और अमीन खान ने पुलिस में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई कि वे खुद लूटपाट के शिकार हुए हैं. पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, जिसके बाद सच सामने आया. पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि लूट की घटना को अंजाम देने वाले असल में खुद राजा सोलंकी और उसका साथी अमीन खान था. उन्होंने साजिश के तहत उल्टा युवकों पर ही आरोप मढ़ दिया.
फिलहाल, पुलिस ने राजा सोलंकी और अमीन खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इस घटना ने स्थानीय लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया है और कांग्रेस नेता की इस हरकत से लोग स्तब्ध हैं.
गांव से मोहल्ले को जोड़ने के लिए 2 करोड़ लागत से बनाया गया था पुल, अब ग्रामीण कर रहे खलिहान के रूप में उपयोग
गरियाबंद- गरियाबंद जिले के देवभोग क्षेत्र के गोहरापदर में एक उच्च स्तरीय पुल का निर्माण पिछले कुछ सालों से चर्चा का विषय बना हुआ है. ओडिसा सीमा से लगे इस गांव में 75 मीटर लंबे और 2 करोड़ की लागत से बने पुल का निर्माण 2015 में पीडब्ल्यूडी के सेतु निगम शाखा ने किया था. हालांकि, यह पुल अब अपनी असली उद्देश्य के बजाय फसल सुखाने और मिंजाई के लिए इस्तेमाल हो रहा है.
दरअसल, यह पुल पंचायत मुख्यालय को दूसरे मोहल्ले से जोड़ता है और आगे जाकर ओडिशा के कोतमेर गांव से जुड़ता है. यह क्षेत्र एक ग्रामीण इलाका होने के कारण प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के मापदंडों पर खरा नहीं उतरता था. बावजूद इसके, 2015 में यहां उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया गया. पुल पर वाहनों की आवाजाही कम होने के कारण अब किसान इस पुल पर धान और मक्का की फसलें सुखाने के लिए उपयोग कर रहे हैं. इतना ही नहीं, फसलों की रखवाली के लिए पुल के ऊपर किसान अस्थायी झोपड़ियां भी बना चुके हैं.
ग्रामीण इलाके में स्थित इस पुल से वाहनों का आवागमन काफी कम होता है. हालांकि, धान सप्लाई सीजन के दौरान ओडिशा से हर दिन 10 से 12 पिकअप और ट्रैक्टर पुल से गुजरते हैं. इस पुल की मुख्य समस्या यह है कि इसका इस्तेमाल केवल कृषि कार्यों के लिए हो रहा है, जबकि इसे यातायात के लिए बनवाया गया था.
तूआस नाले की चौड़ाई और पुल निर्माण
जिस नाले पर यह पुल बनाया गया है, उसकी चौड़ाई 15 मीटर से भी कम थी, लेकिन सर्वे में इसका डूबान क्षेत्र 30 मीटर से ज्यादा पाया गया था. इसके बाद 2015 में इस पुल के निर्माण की मंजूरी दी गई थी. 2014 में किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, धुपकोट जलाशय का उलट भी किया गया था, जिससे नाले में पानी का दबाव कम हुआ और बाढ़ का खतरा भी टल गया. इस पुल के बनने के बाद से अब तक किसी प्रकार की बाढ़ की समस्या उत्पन्न नहीं हुई है.
अधिकारियों ने मामले से पल्ला झाड़ा
जब इस मामले में पीडब्ल्यूडी और सेतु निगम के अधिकारियों से संपर्क किया गया, तो उन्होंने इस कार्य को “पुराना मामला” बताकर जवाब देने से इंकार कर दिया. अधिकारियों ने इसे एक पुरानी परियोजना मानते हुए मामले से पल्ला झाड़ लिया.
नकली पुल पर किया गया फिजूलखर्ची का आरोप
मैनपुर ब्लॉक के ग्रामीणों ने गोहरापदर पुल की तुलना में शोभा क्षेत्र में पांच अन्य नदियों और नालों पर पुल निर्माण की मांग की है. जिला पंचायत उपाध्यक्ष संजय नेताम ने कहा कि शासन ने गैर-जरूरी स्थानों पर करोड़ों रुपए खर्च किए, जबकि जरूरतमंद इलाकों की अनदेखी की गई. उन्होंने इस पूरी स्थिति को “फिजूलखर्ची” करार देते हुए कहा कि अगर इस पुल का सही इस्तेमाल हुआ होता तो यह ग्रामीण क्षेत्र की यातायात व्यवस्था में सुधार करता, लेकिन अब इसे कृषि कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
जरूरतमंद क्षेत्रों में पुल निर्माण की मांग तेज
बता दें, ग्रामीणों ने लंबे समय से पुल निर्माण के लिए संघर्ष किया है, और अब उनकी यह मांग और भी जोर पकड़ रही है कि जरूरतमंद क्षेत्रों में प्राथमिकता के साथ पुलों का निर्माण किया जाए. इस मामले पर प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में प्रतिक्रिया आने की संभावना है, क्योंकि ग्रामीण इस मुद्दे को लेकर और अधिक सक्रिय हो गए हैं.
Nov 09 2024, 08:41