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बेगूसराय में एक व्यक्ति की जहरीली शराब पीने से मौत,गांववालों ने शराब बेचने वाले के घर के बाहर किया जमकर हंगामा

बिहार में जहरीली शराब के पीने से मौत की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. ऐसा ही एक ताजा मामला बेगूसराय जिले से सामने आया है. जहां एक व्यक्ति की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई है. मौत से नाराज गांववालों ने शराब बेचने वाले आरोपी के घर के बाहर जमकर हंगामा किया. इसी दौरान गांववालों ने आरोपी के घर में जमकर तोड़फोड़ भी की. गुस्साए गांववालों ने सड़क को भी जाम कर दिया था. घटना की जानकारी होते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन गांववालों का गुस्सा उनके आने के बाद भी शांत नहीं हुआ.

पूरा मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जीनेदपुर गांव का है. वहीं, जहरीली शराब पीकर मरने वाले की पहचान गांव में ही रहने वाले जीवन शाह के तौर पर हुई है. घटना की जानकारी देते हुए मृतक के परिजनों ने बताया कि जीवन घर पर शराब पीकर आया और फिर अचानक से बेहोश होकर नीचे गिर गया. बेहोश होने के कुछ देर बाद जीवन बुरी तरह से तड़पने लगा और फिर देखते ही देखते उसकी मौत हो गई.

शिकायत के बाद पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

जीवन की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने पुलिस और शराब का व्यापार करने वालों के खिलाफ जमकर हंगामा किया. उनका कहना है कि इस क्षेत्र में लगातार शराब बेची रही है, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. इस इलाके में लोगों के घरों में जहरीली शराब बनती है और लोग इसका सेवन भी करते हैं. हमने इस संबंध में पुलिस को कई बार जानकारी दी, लेकिन पुलिस ने शराब माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.

पुलिस ने मामले को शांत कराया

हंगामे के दौरान मुफस्सिल थाने की पुलिस ने लोगों को समझा बुझा कर मामले को शांत करवाया. वहीं इसके बाद पुलिस ने जीवन शाह के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. पूरी घटना पर पुलिस का कहना है कि जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पश्चिम बंगाल पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के बाद बवाल,आरोपी को पीट-पीटकर हत्या,एक गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल में फिर रेप पर बवाल मचा हुआ है. पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के फालाकाटा में एक पांच साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के बाद बवाल मचा हुआ है. स्थानीय लोग न्याय की मांग पर प्रदर्शन कर रहे हैं और आरोपी पड़ोसी की पीट-पीटकर हत्या कर दी है.

इस बीच अलीपुरद्वार के फालाकाटा में घटना के 24 घंटे के अंदर पुलिस ने एक दूसरे युवक को गिरफ्तार किया है. उधर, इलाके में भारी तनाव है. स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. टायर जला कर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.

फालाकाट में सुबह से ही हो रहे हैं प्रदर्शन

शनिवार की सुबह से ही इलाके के लोग गुस्से में है और लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. ग्रामीण पूरे गांव में घूम-घूम कर नारे लगा रहे हैं और आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं. ग्रामीण इथोलबाड़ी से फालाकाटा जाने वाली मुख्य सड़क को भी अवरुद्ध कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार फालाकाटा थाना अंतर्गत एक गांव में शुक्रवार की दोपहर एक बच्ची घर के सामने खेल रही थी. माता-पिता खेती करने गए थे. वे घर लौटे और बच्ची को न देखकर तलाश की. स्थानीय लोगों की मदद से लड़की को ढूंढा गया. लेकिन तब उसके शरीर में जान नहीं बची थी. बच्ची का शव तालाब के किनारे मिला. रेप और हत्या के आरोप लगे.

आरोपी को पेड़ में बांधा और पीट-पीटकर मार डाला

आरोप है कि आरोपी बच्ची को बहला-फुसलाकर ले गए थे और फिर रेप कर हत्या कर दी. स्थानीय लोगों ने घटना में शामिल होने के आरोप में एक युवा पड़ोसी को पकड़ लिया और उसे पेड़ से बांध दिया. पिटाई सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर गई तो विरोध हुआ. कई देर के बचाव के बाद आरोपी को अस्पताल ले जाया गया. जहां बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया

पुलिस सूत्र के मुताबिक उस घटना में एक युवक को पुलिस ने पकड़ लिया है. पुलिस ने शनिवार को आरोपी युवक को अलीपुरद्वार जिला अदालत में पेश किया. स्थानीय लोगों के एक वर्ग ने दावा किया कि बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था.

कुणाल घोष ने दोषी को सजा देने की मांग की

दूसरी ओर, अलीपुरद्वार मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया होने लगी है. विपक्ष ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं.

इस संदर्भ में सत्तारूढ़ दल की ओर से कुणाल घोष ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने लिखा, अलीपुरद्वार जैसी घटनाएं सामाजिक समस्याएं हैं. जघन्य अपराधों के मामलों में जहां सख्त सजा या पुलिस सक्रियता पर्याप्त नहीं है.

अमेरिका द्वारा भारत की 19 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा,नहीं कर रही कानून का उल्लंघन

अमेरिका द्वारा भारत की 19 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने पर भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय कहा कि है ये कंपनियों भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं कर रही है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम मुद्दों को स्पष्ट करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में हैं.

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित भारतीय कंपनियों ने भारत में किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है.

विदेश मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की कि वह मुद्दों पर स्पष्टता प्राप्त करने के लिए वाशिंगटन के संपर्क में है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित भारतीय कंपनियां भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं कर रही हैं, मुद्दों को स्पष्ट करने के लिए अमेरिका के संपर्क में हैं.

भारत सरकार अमेरिका के संपर्क में

मंत्रालय ने यह भी खुलासा किया कि वह प्रतिबंधित कंपनियों से जुड़े विभागों के साथ समन्वय कर रहा है, ताकि प्रतिबंधों में शामिल कंपनियों को निर्यात से संबंधित नियमों के बारे में जागरूक किया जा सके.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने कहा कि भारतीय कंपनियों को लागू निर्यात नियंत्रण प्रावधानों के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों, एजेंसियों के साथ काम किया जा रहा है

अमेरिका ने भारत की 19 से अधिक कंपनियों सहित लगभग 300 कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाया है, जिनका दावा है कि उन्होंने रूसी सेना को सहायता प्रदान करने वाले उत्पादों की आपूर्ति की है.

यह घोषणा अमेरिकी ट्रेजरी और स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा की गई थी, जिसमें इन संस्थाओं को “तीसरे देश के समर्थक” के रूप में लेबल किया गया था। हालांकि, रूस की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में इन भारतीय फर्मों की भागीदारी के बारे में कोई स्वतंत्र सत्यापन नहीं हुआ है.

।19 भारतीय कंपनियों पर अमेरिका ने लगाया है प्रतिबंध

400 से अधिक कंपनियों को लक्षित करने वाले वैश्विक प्रतिबंधों में सूचीबद्ध 19 भारतीय फर्मों में से कई मुख्य रूप से व्यापारिक गतिविधियों में लगी हुई हैं, इलेक्ट्रॉनिक्स सहित पश्चिमी उपकरण खरीद रही हैं और इन प्रतिबंधों से प्रभावित रूसी कंपनियों को बेच रही हैं.

उदाहरण के लिए, डेनवास सर्विसेज, जो मुख्य रूप से विभिन्न सेवाओं के लिए डिजिटल कियोस्क की आपूर्ति करती है, में रूसी नागरिक निदेशक और शेयरधारक के रूप में सूचीबद्ध हैं. भारतीय फर्मों के लिए ऐसी भूमिकाओं में विदेशी नागरिकों को रखना कानूनी है, और रूसी संस्थाओं के साथ काम करने से रोकने वाले कोई प्रतिबंध नहीं हैं

हालांकि, कंपनी पर रूस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उन्नत पारंपरिक हथियारों के लिए यू.एस. निर्मित माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स का स्रोत होने के आरोप हैं. भारतीय रक्षा क्षेत्र में सीमित भागीदारी वाली प्रतिबंध सूची में एकमात्र फर्म आरआरजी इंजीनियरिंग है.

रूस को हथियार भेजने का लगा है आरोप

इस कंपनी ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ सहयोग किया है और कुछ सेवाओं को गैर-महत्वपूर्ण उत्पादों की आपूर्ति की है. आरआरजी पर रूस स्थित कंपनी आर्टेक्स लिमिटेड को माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स की 100 से अधिक खेप भेजने का आरोप है, जिसे अमेरिका द्वारा नामित किया गया है.

रिकॉर्ड बताते हैं कि आरआरजी ने पहले डेटा सेंटर और आईटी नेटवर्क सेटअप से संबंधित परियोजनाओं के लिए डीआरडीओ प्रयोगशालाओं को जनशक्ति प्रदान की है.

इसके अलावा, इसने विभिन्न सैन्य सेवाओं को सीमित परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध डिटेक्टरों की आपूर्ति की है और उपग्रह संचार स्टेशनों में शामिल होने का दावा किया है. उद्योग के सूत्रों का सुझाव है कि इस तरह के उपकरण भारत में आसानी से उपलब्ध हैं और आवश्यकता पड़ने पर इन्हें आसानी से प्राप्त किया जा सकता है.

भागलपुर में फर्जी क्लिनिक में जच्चा-बच्चा की मौत,परिवार के लोगों ने अस्पताल में जमकर किया हंगामा

बिहार के भागलपुर जिले के एक निजी क्लीनिक में जच्चा-बच्चा की मौत पर बवाल हो गया. वहीं, इस घटना के बाद अस्पताल के फर्जी होने की पोल खुल गई. इतना ही नहीं बवाल की सूचना पर जांच में लिए अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक को भेजा गया, लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि फर्जी अस्पताल के साइन बोर्ड पर उनका भी नाम लिखा हुआ था. महिला को परिजन फर्जी क्लीनिक में नॉर्मल डिलीवरी के लिए लेकर आए थे.

भागलपुर जिले के खरीक थाना क्षेत्र के कृष्ण कुमार की पत्नी सुनैना देवी को प्रसव पीड़ा होने के बाद रंगरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन यहां से उन्हें अनुमंडल अस्पताल नवगछिया रेफर कर दिया गया था. इसी दौरान सामुदायिक केंद्र में मौजूद गांव की आशा ने रेखा देवी को निजी क्लिनिक ले जाने की सलाह दी. इसके बाद नॉर्मल डिलीवरी कराने की शर्त पर परिजनों ने महिला को रंगरा के हरानाथचक में मां दुर्गा तेतरी हेल्थ केयर सेंटर में भर्ती कराया. जहां पैसे लेने के बाद इलाज शुरू हो गया.

इलाज के दौरान हुई मौत

वहीं बीते दिन शुक्रवार दोहपर जब महिला की तबीयत बिगड़ने लगी तो यहां के स्टाफ ने कहा कि ऑपरेशन करना पड़ेगा एमबीबीएस डॉक्टर आएंगे. इसके लिए 35 हजार रुपये लगेंगे. परिजनों ने इस बात पर हामी भरी, लेकिन इससे पहले ही प्रसूता की मौत हो चुकी थी. हालांकि, परिजनों को इस बात की जानकारी नहीं थी. प्रसूता को मरा देखकर अस्पताल के स्टाफ ने महिला को जेएनएमसीएच रेफर दिया. इसी दौरान जब परिजन महिला को ले जाने लगे तो उन्हें पता कि सुनैना की मौत हो चुकी है.

घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस

मौत का पता चलते ही परिवार के लोगों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. वहीं, हंगामे को देखते हुए अस्पताल के स्टाफ के लोग फरार हो गए. घटना की जानकारी होते ही पुलिस मौके पर पहुंची. बीडीओ के साथ अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉक्टर बरुन कुमार भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने परिजनों को कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. जांच के लिए भेजे गए अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक का नाम फर्जी अस्पताल के साइन बोर्ड में डिटेल के साथ लिखा हुआ था. इस सवाल पर उन्होंने कहा कि एक नाम के बहुत लोग हो सकते हैं.

वहीं, पदनाम लिखे होने के सवाल पर उनकी बोलती बंद हो गई. डॉक्टर बरुन पर पहले से भी कई आरोप है. मृतक महिला के पिता ने फर्जी क्लीनिक के संचालकों पर केस दर्ज किया गया है.

बुजुर्ग का भरोसा टूटा: गाजीपुर में रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी के साथ धोखाधड़ी, जानें क्या है पूरी मामला

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में धोखाधड़ी का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. रेलवे से रिटायर्ड बुजुर्ग ने अपने गांव के एक युवक को अपनी देखरेख के लिए रखा था. बुजुर्ग युवक पर काफी विश्वास करते थे. लेकिन इसी बीच, उस युवक ने उनके साथ ऐसा कांड किया कि मामला पुलिस तक जा पहुंचा. युवक की करतूत से बुजुर्ग लाखों रुपये गंवा चुके हैं. आइए जानते हैं पूरा मामला.

गाजीपुर के नंदगंज थाना क्षेत्र के सिहोरी गांव के रहने वाले रेलवे से रिटायर्ड ओम प्रकाश राय ने अपने ही गांव के रोशन राय उर्फ गोलू को अपने साथ रखा था. वह इसलिए, ताकि बुढ़ापे में उनकी मदद हो सके. वह जब भी कहीं घर से आते-जाते या फिर बैंक से पैसों की लेनदेन करने के लिए जाते थे, तो गोलू को अपने साथ लेकर जाते.

एचडीएफसी बैंक में जमा थी रकम

रेलवे से रिटायर होने के बाद ओमप्रकाश राय को लाखों रुपए फंड के रूप में मिला था, जो उन्होंने एचडीएफसी बैंक में जमा कर रखा था. वहीं से महीने के खर्च के रूप में पैसे की निकासी भी किया करते. रोशन राय जो ओमप्रकाश राय के साथ आता-जाता था, उस पर बुजुर्ग अपनी आंखें बंद कर विश्वास करते थे. रोशन अक्सर ओम प्रकाश राय का मोबाइल बात करने के बहाने ले लेता.

इसी दौरान रोशन ने ओमप्रकाश के मोबाइल के जरिए उनके खाते के पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लिए. यह सब उसने फोन पे एप के जरिए किया. इसकी जानकारी ओम प्रकाश राय को नहीं हुई. इसी दौरान जब ओम प्रकाश राय को कुछ पैसों की जरूरत हुई और वह बैंक गए तो पता चला कि उनके खाते में मात्र 37 रुपये शेष बचे हुए हैं.

पुलिस ने दर्ज किया मामला..

जब बैंक के माध्यम से अपने खाते की जानकारी ली तो पता चला कि उनके साथ रहने वाला रोशन राय ने अपने ही खाते में सभी पैसे ट्रांसफर किए हैं. इसके बाद उन्होंने पहले उससे पैसे वापस करने का दबाव बनाया, जिस पर उसने पैसा वापस करने की भी बात कही, लेकिन जब पैसा वापस नहीं किया, तब वह थाने पहुंचे. लेकिन शिकायत के बावजूद थाने में जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तब उन्होंने कोर्ट का सहारा लिया. अब कोर्ट के आदेश के बाद रोशन राय के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. नंदगंज पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

बिहार: गरीबी और कर्ज के दबाव में मां ने 9 हजार में बेच दिया अपना डेढ़ साल का बेटा!

बिहार के अररिया जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां एक मां ने लोन की किस्त जमा करने के लिए अपने डेढ़ साल के बच्चे को बेचने का सौदा कर दिया. परिवार ने 50 हजार रुपए का लोन लिया था. जिसे जमा करने में वह असमर्थ थे. इसलिए उन्होंने बच्चे को बेचने का निर्णय और फिर उसे नौ हजार रुपए में बेच दिया. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए बच्चे को आरोपी के घर से बरामद कर लिया है.

अररिया जिले के रानीगंज थाना क्षेत्र के पचीरा पंचायत क्षेत्र में समूह लोन की किस्त से परेशान होकर एक मां ने अपने डेढ़ साल के बच्चे को बेच दिया. वार्ड संख्या 6 के निवासी मो हारुन और उसकी पत्नी ने फाइनेंस कंपनी से पचास हजार रुपए का लोन लिया था. वहीं, महिला और उसका परिवार इस लोन की राशि को जमा करने में असमर्थ था. फाइनेंस कंपनी के एजेंट लगातार महिला पर किस्त जमा करने को लेकर दबाव बना रहे थे.

नौ हजार में बेचा डेढ़ साल का बेटा

इसी बात से परेशान होकर महिला ने अपने डेढ़ साल के बच्चे को बेचने का निर्णय लिया. महिला ने किस्त की रकम से छुटकारे के लिए अपने डेढ़ साल के बेटे गुरफान को नौ हजार रुपए में बेच दिया. घटना की जानकारी होते ही जागरण कल्याण भारती फारबिसगंज के अध्यक्ष संजय कुमार ने पुलिस को मामले की जानकारी दी. मामले की जानकारी होते ही रानीगंज की पुलिस हरकत में आ गई.

पुलिस ने बच्चे को बाल कल्याण समिति को सौंपा

पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए करते हुए बच्चे को खरीदने वाले आरोपी मो आरिफ निवासी वार्ड-10 डुमरिया के घर पहुंची और फिर वहां से बच्चे को बरामद करके अपने साथ ले आई. वहीं, पुलिस ने आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस आरोपी और बच्चे के पिता से जरूरी पूछताछ कर रही है. मामले की जानकारी देते हुए रानीगंज थानाध्यक्ष निर्मल कुमार ने बताया कि पुलिस ने मामले के संज्ञान में आने के बच्चे को बरामद कर लिया है. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए बच्चे को बाल कल्याण समिति अररिया को सौंप दिया है.

राहुल गांधी के मजदूरों के साथ काम करने वाले वीडियों पर बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने साधा निशाना,कही ये बात

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मजदूरों के साथ काम करने वाले वीडियों पर बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने निशाना साधा है.

बीजेपी नेता ने राहुल पर तंज करते हुए कहा कि 20 साल के सार्वजनिक जीवन में भी राहुल गांधी भारत के मजदूरों को नहीं समझ पाए हैं

गिरिराज सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, राहुल गांधी मजदूरों को समझ रहे हैं या मजदूर ही राहुल गांधी को समझ रहे हैं? मजदूर भी यही सोच रहे होंगे कि राहुल गांधी ने आज तक किसी घर की मरम्मत या रंगाई-पुताई होते नहीं देखी. इस उम्र में और 20 साल के सक्रिय सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में भी राहुल गांधी भारत के मजदूरों को नहीं समझ पाए.

कांग्रेस नेता ने वीडियो शेयर किया

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मजदूरों और दीया बनाने वाले के साथ समय बिताते हुए एक वीडियो शेयर किया था. इस वीडियो में उन्हें 10 जनपथ स्थित आवास पर पेंटर्स के साथ दीवार घिसते और गमले उठाते हुए देखा जा सकता है. राहुल को वीडियो में दीया बनाते और मिट्टी को गूथते हुए भी देखा जा सकता है. राहुल के साथ उनके भांजे रेहान भी वहां मौजूद थे और वह भी मजदूरों से बातचीत कर रहे थे.

राहुल ने मजदूरों की समस्याएं सुनीं

राहुल गांधी ने पेंटर्स और कुम्हारों से बात करते हुए पूछा कि वे कैसी चुनौतियों का सामना करते हैं. उन्होंने उनसे उनकी परेशानियों और संघर्षों के बारे में जानकारी ली. वीडियो में राहुल गांधी 10 जनपथ वाले बंगले के बारे में बताते हैं कि उन्हें इससे खास लगाव नहीं है क्योंकि इस घर में उनके पिता की मृत्यु हुई थी. 10 जनपथ में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी कई सालों से रह रही हैं.

पाकिस्तान के पूर्व मंत्री अब्दुल रहमान खान कांजू ने हरियाणा में मनाई दिवाली

पाकिस्तान के पूर्व मंत्री अब्दुल रहमान खान कांजू ने हरियाणा में दिवाली मनाई. उन्होंने इंडियन नेशनल लोकदल के नेता अभय चौटाला की पार्टी में शिरकत की. दरअसल, दो नवनिर्वाचित विधायकों के स्वागत के लिए यह पार्टी आयोजित की गई थी, जिसमें कांजू ने हिस्सा लिया. इस पार्टी में इनेलो के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला भी मौजूद थे.

अभय सिंह चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला और पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत देवीलाल के पौत्र आदित्य देवीलाल हाल में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में क्रमश: रानिया और डबवाली सीट से जीते हैं. समारोह में आदित्य और अर्जुन उपस्थित थे. पाकिस्तान के पूर्व मंत्री अब्दुल रहमान खान कांजू ने आदित्य और अर्जुन को विधायक चुने जाने पर बधाई दी.

अभय चौटाला हरियाणा के शेर हैं- कांजू

इस मौके पर कांजू ने कहा कि दिवाली के इस खास मौके पर आयोजित समारोह में मुझे शामिल होने का मौका मिला. हम सीमा के आरपार रह रहे हो सकते हैं, लेकिन अभय और ओपी चौटाला हमारे सुख दुख में हमेशा हमारे साथ खड़े रहे हैं. अभय हरियाणा के शेर हैं. दिवाली प्रकाश का पर्व है, जो अंधेरे को दूर करता है और अल्लाह से दुआ है कि दोनों देशों के लोगों को खुशी दें.

अभय चौटाला ने कांजू का किया शुक्रिया

वहीं, अभय चौटाला ने हम कल शाम हमारे पैतृक गांव चौटाला की जमीन पर हमारे प्रिय आदित्य देवीलाल जी और अर्जुन सिंह चौटाला का स्वागत समारोह आयोजित करने के लिए सभी ग्रामवासियों के प्रति दिल से आभार व्यक्त करते हैं. हम इस विशेष मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पाकिस्तान से आए सांसद अब्दुल रहमान साहब के स्वागत के लिए भी गांव वालों का शुक्रिया अदा करते हैं.

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में 2 मजदूर घायल!

जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के मागाम के मजहामा इलाके में आतंकवादियों ने गैर स्थानीय लोगों पर शुक्रवार को फिर हमला बोला है. हमले में 2 लोग घायल हो गए हैं. घायल व्यक्ति मजदूर बताये जा रहे हैं. दोनों ही उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं.

हमले के बाद दोनों घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों की हालत स्थिर बताई जा रही है. दोनों घायलों की पहचान उस्मान और संजय के रूप में हुई है.

पुलिस के अनुसार, दोनों उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. वे जिले में सरकार की जल जीवन परियोजना में श्रमिक के रूप में काम कर रहे थे. पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है.

गंदेरबल में सात की हत्या के बाद फिर हुआ हमला

यह हमला केंद्र शासित प्रदेश के गंदेरबल जिले में सात लोगों की हत्या और कई के घायल होने के करीब दो हफ्ते बाद हुआ है.

हमले के समय मजदूर एक सुरंग पर काम कर रहे थे. उस समय आतंकियों ने हमला बोला था.गंदेरबल में हमले में एक डॉक्टर सहित कुल सात लोगों की जान गई थी.बाद में, लश्कर-ए-तैयबा के एक संगठन टीआरएफ ने हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस हमले की केंद्र सरकार और राज्य की नवनिर्वाचित सरकार ने कड़ी निंदा की थी.

बता दें कि यह हमला जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित किये जाने के बाद हुए थे. गंदेरबल सीएम उमर अब्दुल्ला का विधानसभा क्षेत्र है. इस हमले से आतंकी फिर से दहशत फैलाना चाहते थे.

पुलवामा में आतंकी हमले में घायल हुआ था यूपी का निवासी

पिछले महीने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा के बटगुंड त्राल इलाके में अज्ञात आतंकवादियों द्वारा कथित तौर पर गोली मारे जाने के बाद उत्तर प्रदेश का एक और प्रवासी भी घायल हो गया था. घायल की पहचान शुभम कुमार के रूप में हुई थी. उसके हाथ में चोटें आई थी.

बता दें कि आतंकी जम्मू कश्मीर के बाहर के रहने वालों को, सरकारी कर्मचारियों और सेना के जवानों को निशाना बना रहे हैं. आतंकियों की इस कार्रवाई को टारगेट किलिंग का नाम दिया गया है. इसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों में आतंक पैदा करना है.

हालांकि केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने साफ कर दिया कि आतंकियों के इरादों को सफल नहीं होने देंगे. उन्होंने जम्मू और कश्मीर के लोगों से वादा किया है कि केंद्रशासित प्रदेश में शांति और अमन-चैन के लिए वह पूरी कोशिश करेंगे.

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने छठ पर्व के लिए 7 नवंबर को सार्वजनिक छुट्टी घोषित की

दिल्ली सरकार ने छठ पर्व को लेकर बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने छठ पर्व को लेकर 7 नवंबर को सार्वजनिक छुट्टी घोषित की है. दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट शेयर कर कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही कि 7 नवंबर को छठ के त्योहार की छुट्टी होगी. छठ त्योहार की छुट्टी होने पर सभी पूर्वांचली भाई-बहन धूम-धाम से त्योहार मना सकेंगे.

सीएम आतिशी ने सोशल मीडिया पर शेयर किए गए पोस्ट में लिखा कि छठ पूजा दिल्ली में रहने वाले लोगों का एक महत्वपूर्ण पर्व है. दिल्ली सरकार ने छठ पर्व को लेकर 7 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश का फैसला लिया है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना के इस फैसले का सीएम आतिशी ने स्वागत किया है

सीएम आतिशी ने दी जानकारी

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीएम आतिशी को एक पत्र लिखा था. जिसमें ये कहा गया था कि छठ पर्व पर रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडे खत्म कर दिनभर का अवकाश दिया जाए और जल्द ही इसकी फाइल हमें उपलब्ध कराई जाए.

मुझे यह बताते हुए ख़ुशी है कि दिल्ली सरकार ने फ़ैसला लिया है कि 7 नवम्बर को छठ के त्यौहार की छुट्टी होगी, कि सभी पूर्वांचली भाई-बहन धूम-धाम से छठ का त्यौहार मना सकें

उपराज्यपाल ने लिखा था पत्र

उपराज्यपाल ने लिखा था कि आस्थआ का पर्व चार दिन तक मनाया जाता है. ऐसे में लोगों को 7 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश मिलना चाहिए. रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडे होने पर विभाग तय करते थे कि उनको कर्मचारियों को छुट्टी देनी है या नहीं देनी है अगर देनी है तो पूरे दिन की देनी है या आधे दिन की लेकिन अब 7 नवंबर को छठ पर्व पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है.

चार दिन चलने वाले इस पर्व की शुरुआत 5 नवंबर होगी और समापन 8 नवंबर को होगा. छठ पूजा को लेकर दिल्ली में अलग-अलग घाटों पर तैयारियां की गई हैं. छठ घाटों पर आने वाले लोगों को किसी तरह की कोई अव्यवस्था का सामना न करना पड़े इसका भी ध्यान रखा गया है.