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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: एनसीपी शरद पवार गुट की दूसरी सूची में 22 उम्मीदवारों की घोषणा,देखे लिस्ट

राष्ट्रवादी शरद पवार गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने शनिवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी.दूसरी सूची में कुल 22 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है. पहली सूची में एनसीपी शरद पवार गुट के 45 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई. इसके बाद एक और लिस्ट सामने आई है.

दूसरी सूची में अकोल्या से अमित भांगरे को उम्मीदवार घोषित किया गया है. एरंडोल से सतीश पाटिल को उम्मीदवार बनाया गया है. गंगापुर से सतीश चव्हाण की उम्मीदवारी की घोषणा की गई है. पार्वती से अश्विनी कदम, बीड से संदीप क्षीरसागर, मालशिर उत्तम जानकर की घोषणा की गई है.

जयंत पाटिल ने सरकार पर हमला बोला

इस अवसर पर जयंत पाटिल ने महायुति सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा किकेवल चुनाव के लिए प्यारी बहनों को खुश करने का काम चल रहा है.

उन्होंने कहा किजयश्री थोराट को लेकर दिया गया बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था. राज्य ने देखा कि प्यारी बहनों के साथ कैसा व्यवहार किया गया.

उन्होंने कहा कि कपास और सोयाबीन को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन महायुति सरकार ने किसानों की मदद नहीं की, आज दो किसान आत्महत्या कर रहे हैं.

बता दें कि एनसीपी शरद पवार गुट की ओर से पहली सूची में कुल 45 उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी, जबकि दूसरी सूची में 22 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है. एनसीपी शरद पवार गुट की ओर से अब तक कुल 67 उम्मीदवारों की घोषणा की जा चुकी है.

एनसीपी के उम्मीदवारों की सूची

1. एरंडोले – सतीश अन्ना पाटिल

2. गंगापुर – सतीश चव्हाण

3. शाहपुर – पांडुरंग बरोरा

4. परंदा – राहुल मोटे

5. बीड – संदीप क्षीरसागर

6. आर्वी – मयूरा काले

7. बगलान – दीपिका चव्हाण

8. येवला – माणिकराव शिंदे

9 सिन्नर – उदय सांगले

10. डिंडोरी – सुनीता चारोस्कर

11. नासिक पूर्व – गणेश गीते

12. उल्हासनगर – ओमी कालानी

13. जुन्नर – सत्यशील शेरकर

14. पिंपरी सुलक्षणा – शीलवंत

15. खड़कवासला – सचिन दोडके

16. पार्वती – अश्विनीताई कदम

17. अकोले – अमित भांगरे

18. अहिल्या नगर शहर – अभिषेक कलमकर

19. मालशिरस – उत्तमराव जानकर

20. फलटण – दीपक चव्हाण

21. चंदगड नंदिनीताई – भाबुलकर कुपेकर

22. इचलकरंजी – मदन करांडे

मंत्री लेसी सिंह का पूर्णिया स्कूल निरीक्षण के दौरान सीढ़ियों से फिसलने से लगीं गंभीर चोट,अस्पताल में भर्ती

बिहार सरकार में खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह चोटिल हो गई हैं. वो आज सुबह पूर्णिया के जिला स्कूल में निरीक्षण करने पहुंची थीं, जहां सीढ़ियों से फिसल गईं. उन्हें हाथ, पैर और सिर में चोट लगी है. आनन-फानन में उन्हें पूर्णिया के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

जिले में बीस सूत्री समिति की बैठक होने वाली थी, जिसमें भाग लेने के लिए पूर्णिया के प्रभारी मंत्री विजय कुमार चौधरी आए हुए थे. बैठक से पहले सभी विधायक, मंत्री जिला स्कूल स्थित उन्नयन क्लास के निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे. निरीक्षण के बाद वापस लौटते वक्त मंत्री लेसी सिंह सीढ़ियों से फिसल गईं. सिर के बल गिरने से दाहिने हाथ की कलाई और कोहनी में चोट गई.

हाथ में फ्रैक्चर, सिर में चोट

डॉक्टरों के मुताबिक, गिरने की वजह से मंत्री लेसी सिंह का हाथ फ्रैक्चर हुआ है. उन्हें अभी आईसीयू में रखा गया है. घटना के बाद पूर्णिया के जिलाधिकारी कुंदन कुमार और प्रभारी मंत्री विजय चौधरी अस्पताल पहुंचकर उनसे मुलाकात की और उनका हालचाल जाना.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी फोन पर मंत्री लेसी सिंह का हालचाल जाना है. घटना कैसे हुई और कब हुई इसकी जानकारी भी मुख्यमंत्री को दी गई. वहीं, घटना के बाद से उनके समर्थक भी उनका हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचने लगे हैं.

धमदाहा से विधायक हैं लेसी सिंह

लेसी सिंह बिहार के पूर्णिया जिले की धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और बिहार सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री है. अभी हाल ही में उनकी गौरव ग्राम यात्रा खत्म हुई है, जिसमें वे अपने विधानसभा में जनता के बीच यात्रा पर निकल कर समस्याओं को जाना था.

मुजफ्फरपुर में साइबर फ्रॉड गिरोह का खुलासा, पांच गिरफ्तार,ठगों ने कैसे बनाई अकूत संपत्ति?, जानें

बिहार के मुजफ्फरपुर में पुलिस ने साइबर फ्रॉड करने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है. ये सभी टेलीग्राम और अन्य माध्यमों से लोगों से ठगी किया करते थे. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में साइबर फ्रॉड सिखाने वाले दो प्रशिक्षक भी शामिल हैं. ये कमीशन का लालच देकर कम पढ़े लिखे लोगों के नाम पर बैंकों में करंट अकाउंट खुलवाते हैं. उनके अकाउंट को टेलीग्राम ग्रुप पर एक से पांच लाख रुपये में बेच देते हैं. इस मामले का खुलासा साइबर थाना पुलिस ने किया है.

केदारनाथ रोड में बैंक ऑफ बड़ौदा में फर्जी कंपनी का नाम पर चालू खाता खोलने के प्रयास करते हुए 3 साइबर शातिरों को गिरफ्तार किया. उनकी निशानदेही पर साइबर थाने की पुलिस टीम ने मोतिहारी से दो ट्रेनर को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 8.40 लाख रुपए मिले हैं. यह रुपए साइबर फ्रॉड कर फर्जी तरीके से खोले गए बैंक खातों से लेनदेन पर कमीशन में मिले हैं.

ये आरोपी किए गिरफ्तार

गिरफ्तार शातिरों की पहचान पूर्वी चंपारण के दरमाह गांव निवासी आशीष चंद्र, छोटन सिंह, संग्रामपुर थाना के इनर गाछी के विक्की कुमार, तुर्किलिया गांव के मोहब्बत, छपरा गांव के देवा कुमार और पतौरा मठिया निवासी आलोक शुक्ला के रूप में की गई है. इनके पास से 8.40 लाख कैश, सोने की अंगूठी, सोने की घड़ी, नौ मोबाइल, एक लैपटॉप, एक चेन, फर्जी मुहर, एक पासबुक बरामद किया गया है. मामले में दरोगा रविकांत के बयान पर साइबर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. गिरफ्तार शातिरों से पुलिस ने पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

ठगी की रकम से खरीदी लग्जरी गाड़िया और संपत्ति

सिटी एसपी विक्रम सिहाग ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि केदारनाथ रोड स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में फर्जी कंपनी के नाम पर चालू खाता खोलने के प्रयास करते हुए तीन शातिरों को शक के आधार पर हिरासत में लिया गया. थाने पर पूछताछ में साइबर फ्रॉड सदस्य होने की जानकारी मिली. एसएसपी राकेश कुमार के निर्देश पर एक टीम गठित कर तीनो की निशानदेही पर पूर्वी चंपारण में छापेमारी कर दो ट्रेनर को गिरफ्तार किया. इनके पास से 8.40 लाख रुपये सोने के आभूषण समेत अन्य सामान बरामद किए . पूछताछ में पता चला कि ये रुपये साइबर फ्रॉड फर्जी तरीके से खोले गये बैंक खातों से लेनदेन पर कमिशन में मिले हैं. साइबर अपराधी ने लग्जरी गाड़िया, मकान और 12 बीघा जमीन खरीदी है.

ऐसे करते थे सीधे-साधे लोगों से ठगी

सिटी एसपी ने बताया कि ये लोग टेलीग्राम पर अपना ग्रुप बनाकर रखे हुए हैं. इसके माध्यम से कम पढ़े लिखे बेरोजगार व ग्रामीण इलाकों के लोगों को टारगेट बनाते हैं. उनका पहले बैंक अकाउंट खुलवाते हैं. फिर पैसों का लालच देकर बैंक अकाउंट की डिटैल ले लेते हैं. इस डिटैल से फर्जी कंपनियां खुलवाते हैं. फिर अकाउंट में जो भी जालसाजी से पैसे रिसीव होते हैं, उसे निकाल लेते हैं.

दीपावली के बाद क्यों मनाया जाता है भाई दूज ?जानें इनकी पीछे की पौराणिक कथा

दिवाली के बाद भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है. रक्षाबंधन की तरह भैया दूज भी बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है. यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है. जिसमें साल का पहला भैया दूज चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्यार का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और बदले में भाई उन्हें उपहार देते हैं. इस त्योहार को देशभर में भाई फोटा, भाऊ बीज, भाई बिज, भाऊ बीज, भ्रातृ द्वितीय, यम द्वितीया, भतृ दित्य, भाई तिहार और भाई टिक्का के नाम से भी जाना जाता है. हर साल यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है.

कब है भैया दूज

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाई दूज की तिथि का आरंभ 2 नवंबर शाम 8 बजकर 21 मिनट पर होगा और तिथि का समापन 3 नवंबर रात 10 बजकर 5 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, भाई दूज का पर्व रविवार 3 नवंबर को मनाया जाएगा

भाई दूज 2024 पर तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त

भाई दूज के दिन तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त की शुरुआत दोपहर 1 बजकर 19 मिनट से लेकर 3 बजकर 22 मिनट तक रहेगा. भाई दूज के दिन तिलक लगाने के लिए कुल 2 घंटे 12 मिनट तक का समय मिलेगा.

कैसे हुई भैय दूज की शुरुआत

पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया की दो संताना थी एक यमराज और दूसरी यमुना. यमराज अपनी बहन यमुना को बहुत प्रेम करते थे. यमुना अपने भाई से बार-बार अपने घर आने को कहती थी. एक बार कार्तिक शुक्ल द्वितीया को उन्होंने अपने भाई से घर पर आने का वचन ले लिया. भाई दूज के दिन ही यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए. तब यमुना ने अपने भाई यमराज का भव्य स्वागत किया. इसके बाद यमराज को तिलक लगाकर भोजन कराया. यमुना का अपने भाई के प्रति इतना प्रेम और आदर देख यमराज प्रसन्न हुए और यमुना से वरदान मागनें को कहा. जिसके बाद वरदान में यमुना ने अपने भाई से कहा कि हर साल आप इस दिन मेरे घर आना. इसके बाद से ही भाई दूज या यम द्वितीया की परंपरा शुरु हुई.

भाई दूज का महत्व

भाई दूज के दिन भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इस दिन बहने अपने भाई को तिलक लगाकर और नारियल देकर सभी देवी-देवताओं से भाई की सुख-समृद्धि और दिर्घायु की कामना करती है. उसके बाद भाई अपनी बहन की रक्षा का वादा करते हैं.

लखनऊ में ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश की गई,ट्रैक पर रखे गए थे पत्थर-पेड़ की डालियां

देश के तमाम हिस्सों से ट्रेन को पलटाने की साजिश में आए दिन खबरें सामने आ रही हैं. कभी रेलवे ट्रैक पर सिलेंडर तो कभी फिश प्लेट से छेड़छाड़ की खबरें सामने आती रही हैं. अब उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भी ट्रेन को पटरी से उतारने की फिर से साजिश की गई थी.

इसके लिए लकड़ी की बड़ी डाल और ट्रैक पर छोटे-छोटे पत्थर रखे गए थे. बरेली से वाराणसी जा रही ट्रेन हादसे का शिकार होते-होते बची. ट्रैक पर रखी गई पेड़ की डाली इंजन में फंस गई. इस कारण से ट्रेन का एक्सल काउंटर टूट गया.

मलिहाबाद रेलवे स्टेशन के पास लोको पायलट की सूझबूझ से एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. इंजन में पेड़ की डाली फंसने के बाद उन्होंने तुरंत ही ट्रेन को रोक दिया. इसके बाद उन्होंने इसके बारे में रेलवे के अधिकारियों को इसकी सूचना दी. सीनियर सेक्शन इंजीनियर रेल पथ मलिहाबाद अजय कुमार ने पुलिस में इसकी शिकायत की. पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज करा दी है.

सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही

रेलवे ट्रैक पर पेड़ की डाली और पत्थर को किसने लाकर रखा है, इसके लिए रेलवे स्टेशन पर लगाए गए तमाम सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है. एक के बाद एक इस तरह के कामों से रेलवे के कर्मचारियों की भी चुनौतियां बढ़ गई है. पुलिस इस मामले में जांच कर रही है.

इस मामले को लेकर सीनियर सेक्शन इंजीनियर अजय कुमार ने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. उन्होंने शिकायत में बताया है कि ट्रैक पर डाली और पत्थर रखने से बरेली और वाराणसी जाने वाली ट्रेन के इंजन में फंस गई. इस कारण से ट्रैक पर लगे सिग्नल डिवाइस को भी बहुत नुकसान पहुंचा है.

ट्रेनों का संचालन हुआ प्रभावित

इंजन में पेड़ की डाली के फंसने के कारण लोको पायलट ने तुरंत ब्रेक लगा दी. किसी तरह का कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ और न ही किसी के जान जाने की सूचना है. फिलहाल सिग्नल डिवाइस को नुकसान होने से इस रूट पर आने वाली ट्रेनों के संचालन में थोड़ी रुकावट देखने को मिल सकती है. जल्द ही रेलवे कर्मचारियों की तरफ से इसे ठीक करने की कोशिश की जा रही है.

महाराष्ट्र सीट शेयरिंग को लेकर राहुल गांधी क्यों है नाराज, जानें

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के सीट शेयरिंग को लेकर एक तरफ विवाद सुलझने का दावा किया है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में ही इस पर कलह शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि मुंबई और विदर्भ की मजबूत सीट उद्धव को दिए जाने से राहुल कांग्रेसियों पर नाराज हैं. शुक्रवार (25 अक्टूबर) को कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक में राहुल ने नाराजगी भी जाहिर की.

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, राहुल का कहना था कि जिन सीटों पर हम मजबूत थे, उन्हें उद्धव को इसलिए दे दिया गया, क्योंकि कुछ लोग अपने बेटे-बेटियों को टिकट दिलाना चाह रहे थे.

किन सीटों को दिए जाने से राहुल हैं नाराज?

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, मुंबई की बांद्रा-पूर्व, नासिक-मध्य, रामटेक और अमरावती की सीट शिवसेना (यूबीटी) को दिए जाने से राहुल ने नाराजगी जाहिर की. राहुल का कहना था कि इन सीटों पर 2019 में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतरीन था. फिर भी हमने इसे शिवसेना (यूबीटी) को क्यों दे दिया?

बांद्रा पूर्व सीट पर कांग्रेस ने 2019 में जीत दर्ज की थी. नासिक मध्य में कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी. रामटेक सीट पर पिछली बार निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी. यहां से शिवसेना चुनाव ही नहीं लड़ी थी. इसके बावजूद इस बार यह सीट शिवसेना (यूबीटी) को दे दी गई है.

हालांकि, इनमें से एक-दो सीटों पर कहा जा रहा है कि शिवसेना (उद्धव) अपना दावा छोड़ सकती है. संजय राउत ने हाल ही में इसके संकेत भी दिए थे.

हाईकमान महाराष्ट्र के नेताओं से इस बात के लिए भी नाराज है कि जब शुरुआत में शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी (शरद) कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने को तैयार थी तो फिर बाद में बराबर-बराबर का बंटवारा क्यों हुआ?

कहा जा रहा है कि नाराज राहुल बीच में ही कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक छोड़ चले गए. हालांकि, बैठक इसके बाद भी एक घंटे तक चलती रही. कांग्रेस अब जिन सीटों पर ज्यादा पेच फंसा है, उसे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक कर सुलझाएगी.

सीट बंटवारे को लेकर मची थी खिंचातानी

कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के बीच सीट बंटवारे को लेकर खिंचातानी मची हुई थी. कहा जाता है कि करीब 20-25 सीटों पर कांग्रेस के नाना पटोले और शिवसेना (उद्धव) के संजय राउत पीछे हटने को तैयार नहीं थे. आखिर में कांग्रेस हाईकमान ने नाना पटोले की जगह बाला साहेब थोराट की फील्डिंग लगाई.

थोराट ने इसके शरद पवार और उद्धव से मुलाकात कर सीट शेयरिंग का बेस तैयार किया. कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद) बराबर-बराबर की सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

इसके अलावा गठबंधन में शेतकारी संगठन, समाजवादी पार्टी और सीपीएम को जगह दी गई है. इन पार्टियों को कितनी सीटें दी गई है, उसका खुलासा अभी तक नहीं किया गया है.

नेताओं के परिवार भी टिकट की रेस में

महाराष्ट्र कांग्रेस के कई नेता अपने परिवार के लोगों को टिकट दिलाने में जुटे हैं. पूर्व अध्यक्ष बाला साहेब थोराट अपनी बेटी जयश्री के लिए टिकट चाह रहे हैं तो नेता प्रतिपक्ष विजय वट्टेविडर भी अपने परिवार को टिकट दिलाने में जुटे हैं.

मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ की धारावी सीट से उनकी बहन ज्योति को टिकट दिया गया है. वहीं कांग्रेस ने विलासराव देशमुख के दोनों बेटे को लातूर से टिकट भी दिया है.

29 अक्टूबर तक नामांकन, चुनाव 20 नवंबर को

महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों के लिए 29 अक्टूबर तक नामांकन की आखिरी तारीख है. इसके बाद नाम वापस लेने और स्क्रूटनी का काम होगा. 20 नवंबर को महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों के लिए मतदान प्रस्तावित है. 23 नवंबर को महाराष्ट्र के नतीजे आएंगे.

राज्य में सरकार बनाने के लिए 145 सीटों पर जीत जरूरी है. इस बार महायुति (शिवसेना-शिंदे, बीजेपी और एनसीपी-अजित) का मुकाबला महाविकास अघाड़ी (शिवसेना-उद्धव, कांग्रेस और एनसीपी-शरद) से है.

2019 में भारतीय जनता पार्टी 105 सीटों पर जीत कर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बना ली. हालांकि, 2022 में शिवेसना में टूट के बाद बीजेपी को सत्ता में आने का मौका मिला.

गुरुग्राम के एक मकान में लगी भीषण आग, चार लोगों की मौत

हरियाणा के गुरुग्राम के एक मकान में भीषण आग लग गई. इस हादसे में चार लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई. वहीं, हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और चारों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. यह हादसा सरस्वती एनक्लेव के जी ब्लॉक में शुक्रवार देर रात साढ़े 12 बजे के करीब हुआ.

स्थानीय लोगों के मुताबिक,शुक्रवार की देर रात साढ़े 12 बजे सरस्वती एनक्लेव के जे ब्लॉक स्थित मकान में आग की लपटें उठती दिखाई दीं. अंदर से घर का दरवाजा बंद था. आशंका जताई जा रही है कि हादसे के वक्त शायद परिजन कमरे में सो रहे थे, इसी वजह से उन्हें आग लगने की भनक तक नहीं लगी.

पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान कर ली गई है. चारों के नाम अमन, साहिल, नूर आलम और मोहम्मद मुश्ताक हैं. चारों दोस्त थे. अमन की उम्र 17 साल, वहीं साहिल 22 वर्ष का था. नूर आलम की उम्र 27 साल बताई जा रही है. वहीं, मोहम्मद मुश्ताक की उम्र 28 वर्ष है. चारों बिहार के मोतिहारी जिले के रहने वाले हैं. मुश्ताक और नूर एक गारमेंट फैक्ट्री में टेलर की नौकरी करते थे. साहिल गुरुग्राम घूमने के इरादे से आया था. वहीं, अमन 10वीं में पढ़ाई करता है.

अरविंद केजरीवाल को सरकारी आवास देने की मांग: दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस किया जारी

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के लिए सरकारी आवास की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले पर आज सुनवाई करेंगे.

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से 17 सितंबर को इस्तीफा दिया था. इसके बाद 4 अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास खाली कर दिया था. फिलहाल वो फिरोजशाह रोड के बंगला नंबर 5 में रह रहे हैं. ये बंगला आम आदमी पार्टी के पंजाब से राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल को आवंटित है.

राष्ट्रीय पार्टी के मुखिया हैं, इसलिए मिले आवास’

आम आदमी पार्टी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल के पास दिल्ली में घर नहीं है. चूंकि अरविंद केजरीवाल एक राष्ट्रीय पार्टी, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हैं. ऐसे में अरविंद केजरीवाल को सरकारी आवास मिलना चाहिए. सरकारी आवास की मांग करते हुए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि AAP एक राष्ट्रीय पार्टी है, ऐसे में पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को सरकारी आवास मुहैया कराई जानी चाहिए. इसके लिए बाकी राष्ट्रीय पार्टियों के अध्यक्षों का हवाला भी दिया गया है. हालांकि, अब देखना है कि केंद्र सरकार हाई कोर्ट में क्या जवाब देती है.

बीजेपी पर लगाया हमले का आरोप

दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमले की कोशिश का आरोप लगाया है. पार्टी ने आरोप लगाया है कि हमला बीजेपी ने कराया है. पार्टी ने दावा किया है कि पूर्व सीएम पर उस समय हमला किया गया जब वो विकासपुरी में पदयात्रा निकाल रहे थे.

पिछले हफ्ते बीजेपी पर साधा था निशाना

पिछले हफ्ते शनिवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमें गिरफ्तार करने के पीछे बीजेपी का मकसद आम आदमी पार्टी को तोड़ना था. आजादी के बाद से किसी अन्य राजनीतिक दल को उस तरह के हमले का सामना नहीं करना पड़ा जैसा आम आदमी पार्टी को झेलना पड़ा, लेकिन AAP टूटी नहीं. यह संगठन के कारण है.

स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा: 49 दवाएं मानक गुणवत्ता के अनुरूप नहीं, चार दवाएं नकली

केंद्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण ने व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले कैल्शियम सप्लीमेंट शेल्कल 500 और पैन डी समेत चार दवाओं के नमूनों को नकली पाया है. जबकि 49 दवाओं के नमूनों को स्टैण्डर्ड क्वालिटी के अनुरूप नहीं पाया गया है. दवाओं के कुछ बैच जिन्हें ‘क्वालिटी में कमी’ वाली लिस्ट में शामिल किया गया है, वो अल्केम हेल्थ साइंस, अरिस्टो फार्मास्यूटिकल्स, कैमिला फार्मास्यूटिकल्स, इनोवा कैप्टन, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स और इप्का लेबोरेटरीज जैसी कंपनियों के हैं.

दरअसल सितंबर के लिए अपनी मंथली ड्रग अलर्ट रिपोर्ट में 49 दवाओं के नमूनों में पेरासिटामोल, पैन डी, कैल्शियम और विटामिन डी-3 को नकली घोषित किया है. वहीं ऑक्सीटोसिन, मेट्रोनिडाजोल और फ्लुकोनाजोल को ‘क्वालिटी में कमी’ वाली लिस्ट में शामिल किया गया है.

सीडीएससीओ ने की कार्रवाई

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) राजीव सिंह रघुवंशी ने कहा कि कम प्रभाव वाली दवाओं का प्रतिशत कम करने के लिए समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है. उन्होंने कहा कि सीडीएससीओ (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) द्वारा दवाओं की सतर्क कार्रवाई और निगरानी से कम प्रभाव वाली दवाओं के प्रतिशत में भारी कमी आती है.

तीन हजार नमूनों की जांच

रघुवंशी ने कहा कि टेस्ट किए गए लगभग तीन हजार नमूनों में से 49 दवाओं को वापस लेने के लिए कहा गया क्योंकि वो मानक के अनुरुप नहीं (एनएसक्यू) पाई गईं. कुल नमूनों में से केवल 1.5 प्रतिशत दवाएं कम प्रभावकारी पाई गईं. किसी विशिष्ट बैच की दवा के नमूने के गुणवत्ता मानकों पर खरे न उतरने का मतलब यह नहीं है कि उस नाम से बेची जाने वाली सभी दवाएं घटिया हैं. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, केवल उस विशिष्ट बैच को मानक गुणवत्ता का नहीं माना जाता है.

दवाओं की क्वालिटी में कमी

केंद्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण ने अपनी अगस्त की रिपोर्ट में 50 से अधिक दवाओं के नमूनों को लिस्टेड किया था, जिनमें पेरासिटामोल, पैन डी, कैल्शियम और विटामिन डी 3 और एंटी डायबिटिक ड्रग्स शामिल थीं, जिन्हें ‘क्वालिटी में कमी’ वाली लिस्ट में शामिल किया गया था.

स्मार्टफोन की स्लो चार्जिंग की समस्या का समाधान: जानें क्यों होती है धीमी चार्जिंग और कैसे करें इसे ठीक

Smartphone के आने से बहुत से काम आसान हो गए हैं, कई काम तो फोन के जरिए ही निपट जाते हैं लेकिन मोबाइल फोन तभी काम करता है जब फोन की बैटरी चार्ज हो. बहुत से लोगों की शिकायत होती है कि फोन को चार्ज करने के लिए लगाया लेकिन फोन बहुत ही स्लो चार्ज होता है. क्या आप लोग जानते हैं कि आखिर फोन किस वजह से धीमी स्पीड से चार्ज होने लगता है?

Slow Mobile Charging की दिक्कत किसी को भी हो सकती है, ऐसे में आप लोगों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आखिर किस कारण से दिक्कत आ रही है और कैसे इस परेशानी को दूर किया जा सकता है?

क्या हो सकते हैं कारण?

चार्जर और केबल: अगर आपके मोबाइल फोन का चार्जर या केबल खराब हो गया है, तो आपको स्लो चार्जिंग की दिक्कत से जूझना पड़ सकता है. यही नहीं अगर डेटा केबल भी खराब है तो भी आपको स्लो चार्जिंग की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. दूसरे केबल या फिर चार्जर से फोन को चार्ज करके चेक करें, अगर दूसरे चार्जर या केबल से फोन तेजी से चार्ज हो रहा है तो इसका मतलब आपके मोबाइल फोन के चार्जर या फिर केबल को बदलने का वक्त आ गया है.

फोन का इस्तेमाल करते हुए चार्ज करना: बहुत से लोग इस तरह की गलती करते हैं कि फोन को चार्ज पर तो लगा देते हैं लेकिन साथ ही साथ फोन को भी चलाते रहते हैं. मोबाइल चार्ज करते वक्त इस तरह की गलती करना बंद करें.

चार्जिंग पोर्ट में गंदगी: चार्जिंग पोर्ट में अगर धूल या फिर गंदगी जमी हुई है तो भी आपका फोन तेजी से चार्ज होने के बजाय स्लो स्पीड में चार्ज होगा. अगर आपको स्लो चार्जिंग की दिक्कत आ रही है तो एक बार ये जरूर चेक कर लें कि कहीं चार्जिंग पोर्ट में गंदगी तो नहीं है. अगर गंदगी नजर आ रही है तो घर के नजदीकी मोबाइल रिपेयरिंग वाले भईया या फिर कंपनी के ऑथोराइज्ड सर्विस सेंटर जाकर इसे क्लीन करवाएं.

बैटरी की समस्या: धीरे-धीरे फोन की क्षमता कम होने लगती है जिस कारण फोन स्लो चार्ज होने लगता है, अगर बैटरी खराब हो चुकी है तो भी आपके फोन में स्लो चार्जिंग की दिक्कत हो सकती है. स्लो चार्जिंग की दिक्कत होने पर फोन की बैटरी को चेंक करवाएं और अगर बैटरी खराब है तो तुरंत बैटरी को चेंज करवाएं.