अखिल भारतीय प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में प्रधानों ने जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन
अयोध्या। प्रधानों की जनपद स्तर की काफी समस्याओं को लेकर अखिल भारतीय प्रधान संगठन के जिलाध्यक्ष राजेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में संगठन के पदाधिकारियों व सैकड़ों प्रधानों ने जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह से मिलकर अपनी समस्या पर वार्ता करते हुए ज्ञापन सौंपा । इस अवसर पर जिलाध्यक्ष राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि वार्ता सकारात्मक रही और जिलाधिकारी महोदय ने शीघ्र समस्याओं के निस्तारण का आश्वासन दिया श्री सिंह ने कहा कि यदि जनपद के प्रधानों की समस्याओं का निस्तारण न हुआ तो जल्द ही प्रधान संगठन जनपद में बड़े आंदोलन पर बाध्य होगा ।
इस अवसर पर संगठन के प्रदेश महासचिव अनिल तिवारी, ब्लॉक अध्यक्ष रुदौली बलभद्र यादव, ब्लॉक अध्यक्ष तारून सुरेश सिंह कक्कू, जिला उपाध्यक्ष/ब्लॉक अध्यक्ष पूरा अंकुर सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष बीकापुर विशाल सिंह, ब्लॉक अध्यक्ष मसौधा मोहम्मद नईम, जिला महासचिव सुरेंद्र यादव, जिला महासचिव मोहम्मद नदीम, जिला सचिव जुनैद अहमद, कोषाध्यक्ष शेखर सिंह प्रधान सूर्य नारायण गुप्ता, प्रधान रामनाथ मौर्य, प्रधान अयोध्या प्रसाद वर्मा, प्रधान मुकेश कुमार, प्रधान राजकुमार, प्रधान सूर्य नारायण गुप्ता, प्रधान राज बब्बर, प्रधान जयसिंह, प्रधान कोरो राघवपुर प्रधान पारा हथिगो, प्रधान गोठौरा, प्रधान विष्णु निषाद सहित सैकड़ों प्रधांनगण उपस्थित रहे ।
मांग पत्र में प्रमुख रूप से ग्राम पंचायतों में मछली के ठेकों तालाबों, पोखरों, झीलों आदि की नीलामी/पट्टा आदि से प्राप्त समस्त आय की धनराशि जो की संचित गांव कोष में जमा की जाती है, का व्यवस्था के अनुसार न्यूनतम 75: अंश गांव निधि में स्थानांतरित कराए जाने की कार्रवाही सुनिश्चित कराई जाए ।क्योंकि जनपद में पिछले कई वर्षों से उपरोक्त गांव पंचायतों की आय का गांव पंचायतों का अंश गांव निधि में स्थानांतरित नहीं किया गया है।
मनरेगा योजना अंतर्गत जनपद में पूर्व में स्वीकृत एवं ग्राम पंचायतों द्वारा कराए गये पक्के कार्यों के बिलों को फीड करने एवं एफ. टी. ओ. सृजित करने में विकासखंड कार्यालयों द्वारा आनाकानी की जाती है एवं कोई भी नियमित प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता है एवं इच्छा अनुसार बिलों को पोर्टल पर फीड किया जाता है जिससे जनपद की ग्राम पंचायतों पर फर्मों की देयता बढ़ती जा रही है जबकि शासनादेश संख्या 16-2024-डीएफए-850698-38-6099 -99-72-2024 दिनांक 17.09.2024 द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक माह के सापेक्ष बिलों को फीड कराया जाए। परंतु अफसोस जनक है कि पिछले वित्तीय वर्षों के बिल भी फीड नहीं कराए गए हैं और ना ही एफ.टी.ओ. सृजित किए जा रहे हैं।
इसके लिए प्रधानों ने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि बिल फीडिंग व एफ.टी.ओ. सृजन जनपद में अद्यतन कराया जाए।जनपद के ब्लॉक बीकापुर में मनरेगा के रुपए 45 लाख के बिलों को फीड कराकर डिलीट करते हुए रू0 15 लाख किसके आदेश से किया गया है उपरोक्त की जांच कराकर उचित व्यवस्था बनवाई जाए।जनपद स्तर पर माह में एक बार जिलाधिकारी की अध्यक्षता में प्रधानों के साथ समन्वय बैठक कराई जाए जिसमें पंचायत से जुड़ी समस्याओं का समाधान कराया जाए।प्रधानों की सुरक्षा हेतु प्राथमिकता के आधार पर प्रधानों को शस्त्र लाइसेंस जारी कराए जाएं।
ग्राम पंचायत में सस्ते गल्ले के दुकानदारों द्वारा उठाए गए व वितरित किए गए खाद्यान्न का स्टॉक रजिस्टर के सत्यापन का अधिकार ग्राम प्रधान/ग्राम पंचायत की प्रशासनिक समिति को है जनपद में उक्त व्यवस्था के समानांतर सतर्कता समिति से सत्यापन कराकर खाद्यान्न का उठान व वितरण कराया जा रहा है जो विभागीय भ्रष्टाचार को बढ़ावा देता है, अत: आपसे अनुरोध है कि पंचायती राज एक्ट के अनुसार खाद्यान्न का वितरण व सत्यापन ग्राम पंचायत के अधीन कराए जाए और ग्राम पंचायतों में राशन कार्डों की कटौती एवं नए राशन कार्ड की फीडिंग मनमानी ढंग से गांव पंचायतों के प्रस्ताव बिना आपूर्ति कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा कर दी जाती है जिससे अक्सर पात्र लाभार्थियों के कार्ड भी कट जाते हैं।
पिछले दो-तीन वर्षों में जिसके भी कार्ड कटे हैं व नए बने हैं वह किस आधार पर बने व कटे हैं की जांच कराकर पारदर्शी व्यवस्था बनाई जाए जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके।ग्राम पंचायत में नियुक्त सफाई कर्मियों को ब्लॉक के ए.डी.ओ. पंचायत द्वारा इधर-उधर ड्यूटी के नाम पर भेजा जाता है बड़े अफसोस के साथ अवगत कराना पड़ रहा है कि महीने में 6-7 दिन को छोड़कर पूरे के पूरे माह भर सफाई कर्मी गांव में उपस्थित नहीं रहते जिससे गांव पंचायतों में स्थित स्कूल, पंचायत भवनों, नालियों आदि की सफाई का कार्य प्रधानों को विकास की धनराशि से कराना पड़ता है जबकि सफाई कर्मियों की नियुक्ति केवल ग्राम पंचायत के लिए की गई है अत: आपसे अनुरोध है कि उक्त व्यवस्था पर विराम लगवाते हुए सफाई कर्मियों को गांव पर ही कार्य करने दिया जाए।जिले में जल जीवन मिशन योजना अंतर्गत बन रही पानी की टंकी व पाइप लाइन बिछाने के दौरान गांव पंचायतों की सड़कें वर्षों पहले ही तोड़ दी गई परंतु अभी तक कार्य कराने वाली संस्थाओं द्वारा उनको ठीक नहीं कराया गया है। जबकि शासनादेश व टेंडर में सड़कों को यथास्थिति करने की जिम्मेदारी निर्माण एजेंसी की है। उपरोक्त को संज्ञान में लेते हुए जनपद में सभी टूटी हुई सड़कों को बनवाने हेतु संबंधित को निर्देशित करने की मांग की गई ।
Oct 07 2024, 19:56