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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम देशवासियों के नवाचारी प्रयासों को जानने का महत्वपूर्ण जरिया : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-   ग्रामीण अंचलों में लोग अपनी कला-संस्कृति, परम्पराओं और अमूल्य विरासत को सहेजने में अपने सामर्थ्य के अनुरूप योगदान दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से गर्व के साथ इसे देश-दुनिया के सामने रखते हैं। इससे हम देश के अलग-अलग हिस्सों में होने वाले ऐसे सभी प्रयासों और नवाचारों के बारे में जान पाते हैं और प्रेरित होते है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज अपने निवास कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम सुनने के पश्चात प्रतिक्रिया देते हुए यह बातें कही। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक गोमती साय, विधायक भैया लाल राजवाड़े, युवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष कमलचंद्र भंजदेव, सुनील जोगी सहित अन्य गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहे।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में आज उन्होंने अपने अमेरिका प्रवास, एक पेड़ मां के नाम अभियान से प्रेरित होकर रोज एक पेड़ लगाने का संकल्प लेने वाले तेलंगाना के के एन राजशेखर, संथाली भाषा को सहेजने के लिए रामजीत टुडू के प्रयासों, औषधीय पौधों को संरक्षित करने के लिए मदुरै की रहने वाली शिक्षिका शुभाश्री के योगदान का जिक्र किया। उन्होंने आधुनिक समय में प्रतिदिन परिवर्तित हो रहे नेचर ऑफ़ जॉब का जिक्र करते हुए गेमिंग एनीमेशन, फ़िल्म मेकिंग, पोस्टर मेकिंग, बैंड्स और कम्युनिटी रेडियो से जुड़े युवाओं को भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पहल 'क्रिएट इन इंडिया' से जुड़ने की अपील की। इससे इन विधाओं से जुड़े लोग अपनी क्रिएटिविटी सभी के सामने ला सकेंगे। क्रिएट इन इंडिया के तहत 25 विविध चैलेन्ज इसमें शामिल किये गए हैं।

इस विभाग के अधिकारियों को मिला प्रमोशन, राज्य सरकार ने जारी किया आदेश

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में सरकार ने उद्योग संचालनालय के अफसरों का प्रमोशन किया है. जारी आदेश में उप संचालक व महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत 3 अफसरों को संयुक्‍त संचालक और मुख्‍य महाप्रबंध के पद पर पदोन्‍नत किया गया है.

देखें लिस्ट –

6 साल बाद हो रहे चेंबर चुनाव में छाए संकट के बादल, एक गुट के सभी प्रत्याशियों ने लिया नाम वापस, चुनाव अधिकारियों ने भी सौंपा इस्तीफा

कांकेर-   छत्तीसगढ़ के कांकेर में हो रहे चेंबर ऑफ कामर्स के चुनाव में संकट के बादल छा गए हैं. नाम वापसी के अंतिम दिन एक गुट के सभी प्रत्याशियों ने आपना नाम वापस ले लिया है. उन्होंने निर्वाचन अधिकारियों पर पक्षपात आरोप लगाया है.

वहीं आरोप लगने के बाद निर्वाचन अधिकारियों ने भी झूठे आरोप का हवाला देकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बता दें कि कांकेर शहर में 6 साल बाद गहमा-गहमी के माहौल के बीच चेम्बर का चुनाव हो रहा था, लेकिन इस चुनाव के टलने के आसार नजर आ रहे हैं.

सरकार आमजनों की मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने के साथ विकास कार्यो को तेजी से पूरा करनें प्रतिबद्ध: मंत्री टंकराम वर्मा

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश तथा राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा के प्रयास पर बलौदाबाजार विधान सभा क्षेत्र में विकास के लिए 15 अधोसंरचना कार्य स्वीकृत किये गए है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना वर्ष 2024-25 के अंतर्गत अधोसंरचना निर्माण के 15 कार्यो के लिए 74 लाख रुपए 10 हज़ार रुपए की सूची जारी की गई है। सरकार जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ ग्रामीण विकास के कार्यो को तेजी से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

जारी की गई सूची में रायपुर जिले में बलौदा बाजार विधानसभा क्षेत्र के ग्राम भिलौनी के कुर्मी पारा,भुरसुदा के दैहान पारा, कोहका के कॉलेज परिसर के पास निषाद पारा, बेमता के निषाद पारा, लखना के सोमनाथ धाम में और तुलसी नेवरा में सामुदायिक भवन निर्माण की स्वीकृति दी गई है। स्वीकृत किये गए इन प्रत्येक स्थानों के लिए 6 लाख 50 हज़ार रुपए की अलग-अलग राशि जारी की गई है। इस तरह अधोसंरचना कार्य के लिए कुल 39 लाख रुपए की राशि जारी की गई है।

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में बलौदाबाजार विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत खपराडीह तथा हथबन्द के गडरिया और सँवरा पारा में समुदायिक भवन निर्माण प्रत्येक गांव के लिए 6 लाख 50 हज़ार रुपए की राशि अलग-अलग अनुशंसित की गई है। इसी तरह खपरडीह,कंजी और संकरी में सी सी रोड़ निर्माण प्रत्येक गांव के लिए 5 लाख 20 हज़ार रुपए की राशि अलग अलग अनुशंसित की गई है। इस तरह कुल 35 लाख 10 हज़ार रुपए के कार्य अनुशंसित किये गए है।

 

अपना जौहर दिखाने रायपुर पहुंचे सेना के जवान : पहली बार भारतीय सेना के हथियारों की लगेगी प्रदर्शनी

रायपुर-   राजधानी में भारतीय सेना की ओर से 5 और 6 अक्टूबर को रायपुर के साइंस कॉलेज ग्राउंड में नो योर आर्मी मेला का आयोजन किया गया है. इसके लिए भारतीय सेना के जवान आज रायपुर पहुंचे. कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने जवानों का स्वागत किया.
बता दें कि प्रदेश में होने वाला यह अनोखा आयोजन है,
जिससे आम जनता को करीब से सेना के बारे में जानने का मौका मिलेगा. कार्यक्रम के दौरान भारतीय सेना के कमांडोज अपने अद्भुत रणकौशल का प्रदर्शन भी करेंगे, जिसे स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी भी देख सकेंगे.

म्युजिकल शो का भी होगा आयोजन

इस मेले में भारतीय सेना के हथियारों एवं उपकरणों का प्रदर्शन होगा, जिसमे टैंक्स, इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स, आर्टिलरी गन्स एवं एयर डिफेन्स गन्स शामिल होंगी. साथ ही कार्यक्रम के दौरान भारतीय सेना के कमांडोज अपने अद्भुत रणकौशल का प्रदर्शन भी करेंगे, जिसमे कमांडोज द्वारा हवाई जहाज से पैरा जम्प एवं स्लिदरिंग का भी रोमांचक प्रदर्शन किया जाएगा. 05 अक्टूबर की संध्या सेना के बैंड्स द्वारा दीनदयाल उपाध्याय सभागार में एक भव्य म्यूजिकल शो का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें जबलपुर एवं वाराणसी से आए मिलिट्री बैंड्स की प्रतिभागिता होगी.

भोरमदेव मंदिर का हो रहा केमिकल ट्रीटमेंट एवं सुदृढ़ीकरण

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंशानुरूप छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक, पुरातात्विक, पर्यटन स्थल को सहेजने और संवारने का विशेष प्रयास किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में स्थापित 11वीं शताब्दी के भोरमदेव मंदिर का केमिकल ट्रीटमेंट वाटर रूफिंग कार्य किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भोरमदेव मंदिर के सुदृढ़ीकरण के लिए 65.51 लाख रुपए स्वीकृति दी गई है। पुरात्तव एवं संस्कृति विभाग के विशेषज्ञों एवं कुशल कामगारों द्वारा मंदिर का सुदृढ़ीकरण एवं अन्य तकनीकी कार्य प्रारंभ किया गया है।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा बीते दिनों अपने निवास कार्यालय में संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग तथा कबीरधाम जिले के गणमान्य नागरिकों एवं पुजारी के साथ भोरमदेव मंदिर के जीर्णाेद्धार, श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं को बढ़ाने और मंदिर परिसर के विकास के विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा की गई। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बरसात के दिनों में भोरमदेव मंदिर में पानी रिसाव की समस्या को दूर करने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे।

उन्होंने भोरमदेव महोत्सव से पहले वर्तमान में चल रहे निर्माण कार्य और ट्रीटमेंट को पूरा करने के निर्देश दिए है। उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए शेड का निर्माण, चौकीदार क्वाटर को मंदिर के पास से अन्यत्र शिफ्ट करने तथा मंदिर के पीछे वीआईपी गेस्ट रूम बनाने, दीवार को हटाकर ग्रील और गेट लगाने के साथ ही जीर्णाेद्धार के दौरान भैरव मंदिर, चामुंडा माता मंदिर और हनुमान मंदिर आदि के प्राचीन स्वरूप को यथावत रखने के निर्देश दिए थे।

हिंदू हाई स्कूल में मिली किताबों पर डीईओ का बयान

रायपुर-  हिन्दू हाई स्कूल में मिली हजारों किताबों पर अब जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से बयान सामने आया. जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेवाल की माने तो पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने जो खुलासा किया वो पूरी तरह गलत है.

बता दें कि पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने सबसे पहले सिलायरी स्थित पेपर मिल में किताब मिलने का मामला उजागर किया था, उसके बाद अभनपुर स्वामी आत्मानंद स्कूल और आज हिंदू हाई स्कूल में किताबें मिलने उजागर किया है.

कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय का आरोप है कि प्रदेशभर में इसी तरह लाखों किताबें रद्दी में डाल दी गई है. खास बात यह है कि किताबें इसी साल की है. जिन किताबों को गरीब बच्चों के बीच होना चाहिए था, वो कबाड़ में मिल रहा. कहीं न कहीं यह खेल करोड़ों के भ्रष्टाचार का है. इस भ्रष्टाचार में नीचे से ऊपर सभी की मिलीभगत है.

हिंदू हाई स्कूल में मिली किताबों पर DEO का बयान

जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. खंडेलवाल के अनुसार, निरीक्षण के दौरान पाई गई ये पुस्तकें छत्तीसगढ़ राज्य ओपन बोर्ड की हैं, जिन्हें वितरण के लिए रखा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये किताबें पात्र छात्रों को वितरित की जाने वाली हैं और यह प्रक्रिया अभी जारी है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि कुछ किताबें समग्र शिक्षा से संबंधित हैं, जिन्हें पूर्व प्रकाशकों द्वारा सैंपल के रूप में स्कूल में रखा गया है, और ये बच्चों के लिए वितरण के लिए नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ किताबें सत्र 2022-23 के व्यावसायिक पाठ्यक्रम की हैं, जो बच्चों से वितरण के बाद बच गई थीं और नवीन पाठ्यक्रम आने के कारण अब ये अनुपयोगी हो गई हैं।

डॉ. खंडेलवाल ने यह स्पष्ट किया कि यह विद्यालय ओपन परीक्षा बोर्ड का समन्वय केंद्र और संकुल केंद्र भी है, जहां कक्षा 1 से 12 तक के अध्यापन के लिए विभिन्न शासकीय प्रयोजनों के लिए पुस्तकें रखी जाती हैं। उन्होंने कहा कि शासन की किताबें शासकीय परिसर में रखना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें किसी भी शासकीय नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है। हालांकि, डॉ. खंडेलवाल के इस बयान के बाद भी कई सवाल उठ रहे हैं।

सवाल यह है कि अगर पुस्तक वितरण का कार्य जारी है, तो क्या यह साल भर चलता है ? बगैर पुस्तक के बच्चे पढ़ाई कैसे करते हैं? शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार पुस्तक वितरण का प्रावधान स्कूल खुलने से पहले का है। ऐसे में यदि वितरण में लापरवाही हुई है, तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? ये मुद्दे शिक्षा विभाग के लिए चिंताजनक बने हुए हैं।

चैतन्य और दीप्ति बघेल से पूछताछ पर भूपेश बघेल का बयान

रायपुर-   पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बेटे चैतन्य बघेल और दीप्ति बघेल से पूछताछ मामले अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि मैं और मेरा परिवार शुरू से ही भाजपा के निशाने पर रहा है। जब रमन सरकार थी तब भी मेरे पर पुलिस की कार्रवाई हुई थी। मैं मुख्यमंत्री था तो ईडी ने पूछताछ के लिए बेटे को बुलाया था। हम लोग तो शुरू दमन के खिलाफ लड़ते रहे हैं। हम डरने वाले नहीं लड़ने वाले लोग हैं।

बता दें कि भूपेश बघेल हरियाणा से चुनाव प्रचार करके आज ही छत्तीसगढ़ लौटे हैं। उन्होंने वहां के चुनाव को लेकर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा में परिवर्तन तय है। किसानों पर अत्याचार, युवाओं से छल, खिलाड़ियों से दुर्व्यवहार और भ्रष्टाचार बड़े मुद्दे हैं। वहीं चुनावी बॉन्ड मामले में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण पर एफआईआर पर भूपेश बघेल ने कहा कि मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं।

भूपेश बघेल ने दीपक बैज की न्याय यात्रा को लेकर कहा कि जनता को न्याय दिलाने पूरी पार्टी सड़क की लड़ाई लड़ रही है। न्याय यात्रा को लेकर जनता में उत्साह दिख रहा है। मैं इस यात्रा में शामिल होऊंगा।

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से भिलाई 3 स्थित खूबचन्द बघेल महाविद्यालय के प्रोफेसर से हुई मारपीट के मामले में पुलिस ने चार घंटे पूछताछ की थी। भिलाई 3 थाने में पूछताछ के दौरान थाना प्रभारी के अलावा सीएसपी भी मौजूद थे। जांच अधिकारियों ने चैतन्य बघेल से करीब 20 सवाल किए थे।

पुलिस पूछताछ खत्म होने के बाद थाने से निकलते समय मीडिया से चर्चा में चैतन्य बघेल ने बताया था कि पुलिस ने मुझे पूछताछ के लिए बुलाया था। उसी संबंध में आज बयान दर्ज कराया हूं। अभी विवेचना चल रही है।

टुटेजा-शुक्ला जमानत मामला: सुप्रीम कोर्ट करेगा हाईकोर्ट जज पर लगाए गए आरोपों की जांच
नई दिल्ली-   प्रवर्तन निदेशालय (ED) और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से हाईकोर्ट जज पर लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच का निर्णय सुप्रीम कोर्ट ने लिया है। इस मामले में आरोप है कि अग्रिम जमानत प्राप्त करने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले के आरोपी आईएएस अनिल टुटेजा और आलोक शुक्ला ने हाईकोर्ट जज को प्रभावित किया।

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस एएस ओका और एजी मसीह की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से इन मामलों में कुछ सबूतों की मांग की। पीठ को यह जानना था कि क्या जमानत पाए इन अफसरों ने जमानत का दुरुपयोग करते हुए सबूतों से छेड़छाड़ की है और क्या उन्होंने जज को प्रभावित किया। इस पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजू ने कहा कि ईडी ने सबूतों को सीलबंद लिफाफे में पेश किया था, लेकिन अभी अदालत को ये मिल नहीं रहे हैं। उन्होंने सबूत दोबारा दाखिल करने की पेशकश की।

इस दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल राजू ने कहा, ‘ऐसी दीमकों को न्यायिक प्रणाली को कमजोर करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।’ छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि राज्य ने हलफनामों में पूर्व नौकरशाहों, तत्कालीन महाधिवक्ता और जज के बीच सांठगांठ के सबूत के तौर पर व्हाट्सएप चैट के विवरण शामिल किए हैं। महेश जेठमलानी ने यह भी कहा कि तत्कालीन महाधिवक्ता धोखाधड़ी में शामिल हैं और जमानत देने में मदद की।

आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क किया कि छत्तीसगढ़ सरकार का इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि यह विवाद केवल आरोपियों और ईडी के बीच है। रोहतगी ने तर्क दिया कि ये हलफनामे अदालत में चल रही प्रक्रिया के संदर्भ में निरर्थक हैं, खासकर जब ईडी मामले की सुनवाई को राज्य से बाहर ले जाने की कोशिश कर रहा है।

पीठ ने मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को तय करते हुए कहा कि उसे आरोपी, पूर्व एजी और न्यायाधीश के बीच कथित सांठगांठ पर ईडी और राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए सबूतों की जांच करनी चाहिए। पीठ ने स्पष्ट किया, हम इसकी गहन जांच करेंगे क्योंकि आरोप न्यायिक प्रणाली पर सवाल उठाते हैं।

हाई कोर्ट की झूठी मुकदमेबाजी पर कड़ी टिप्पणी: कहा- जमानत नहीं देने का होना चाहिए ठोस आधार, याचिकाकर्ता को दी सशर्त जमानत
बिलासपुर-   छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में फर्जी मुकदमों के बढ़ते चलन पर गंभीर चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि झूठे आरोपों के जरिए किसी की छवि धूमिल करना या उसे जेल की हवा खिलाना अब आम बात हो गई है, जो न्यायिक प्रक्रिया के लिए बड़ा खतरा है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि अगर कोई आरोपी जांच में सहयोग करने को तैयार है और कानून का दुरुपयोग नहीं कर रहा, तो उसे जेल भेजने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।

जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने एक अग्रिम जमानत के मामले में सशर्त जमानत मंजूर करते हुए कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते झूठे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो कि न सिर्फ न्यायिक प्रणाली बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय है। कोर्ट ने कहा कि कानून में जो नए प्रावधान दिए गए हैं, उनका सही इस्तेमाल करके इन झूठे मुकदमों पर लगाम लगाई जा सकती है।

इस मामले में राजनांदगांव की परीशा त्रिवेदी और उनके चाचा आशीष स्वरूप शुक्ला की जमानत की याचिका पर सुनवाई हो रही थी। विवाद एक छोटे से मामले से शुरू हुआ था, जब परीशा ने गलती से अपने देवर का मोबाइल उठा लिया और तुरंत उसे वापस करने की पेशकश की। लेकिन इस मामूली घटना को इतना तूल दिया गया कि यह एक कानूनी मुद्दा बन गया। पुलिस ने मामले की क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी थी, लेकिन फिर भी शिकायतकर्ता और राज्य सरकार के वकील ने जमानत का विरोध किया।

हाईकोर्ट ने दी सशर्त जमानत

कोर्ट ने परीशा को सशर्त जमानत दी और कहा कि जब भी जांच अधिकारी बुलाएं वह पेश होंगी। साथ ही गवाहों या अन्य संबंधित व्यक्तियों को प्रभावित करने से बचेंगी और अदालत की सुनवाई में बिना किसी बाधा के शामिल होंगी।