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चिंतन शिविर पर कांग्रेस के तंज पर मंत्री रामविचार नेताम का पलटवार, कहा- हम उनके जैसे नहीं, जिनका ध्यान

रायपुर- 5 माह में साय सरकार की पोल खुलने वाले बयान के जरिए कांग्रेस के भाजपा के चिंतन शिविर पर कसे गए तंज पर मंत्री रामविचार नेताम ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेसियों को कुछ बोलना है. लेकिन हम उनके जैसे नहीं कि योजना बनाएं और जमीन पर उतरने से पहले उनके पॉकेट कैसे गरम हों, इस पर ध्यान रहे. हमारे यहां ऐसे काम नहीं होता है. 

मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि चिंतन शिविर पहले भी होते रहे हैं. हमारी प्रशासन विशेष ध्यान देती है कि हम काम करने से पहले पूरी योजनाओं का अध्ययन करें. मुख्यमंत्री की इच्छा अनुरूप आने वाले दस साल का रोड मैप तैयार करने और किस दिशा में काम करना है, इसके लिए शिविर का आयोजन किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ की बेहतरी और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.

चिंतन शिविर के लिए सीएम विष्णु देव साय IIM पहुंचे. उप मुख्यमंत्री अरुण साव, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, दयाल दास बघेल, श्याम बिहारी जायसवाल, लक्ष्मी रजवाड़े भी शिविर में पहुंचे हैं.

बलरामपुर में युवक-युवती की संदिग्ध अवस्था में हुई मौत पर व्यक्त की जा रही शंका पर मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि पुलिस ने गंभीरता से जांच की है, लेकिन परिजन जांच से संतुष्ट नहीं है. निष्पक्ष जांच के लिए आश्वस्त किया गया है. स्पेशल टीम गठित कर मामले की जांच कराई जाएगी.

मंत्री नेताम ने कहा कि घटना के संबंध में कुछ लोग जानबूझकर कर गुमराह कर रहे हैं. लोगों ने सीमा तोड़ गैर कानूनी तौर से चक्काजाम किया. ऐसी वारदात नहीं होनी चाहिए. कानून से ऊपर कोई नहीं है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जांच रिपोर्ट लोगों के बीच आने दे. कोई तथ्य या जानकारी है, तो उसे गोपनीय तरीके से पुलिस के समक्ष रखें. संयम रखें, जांच चलने दे और सहयोग करें. बता दें कि युवक बजरंग दल से जुड़ा होने के साथ-साथ मंत्री नेताम का करीबी था.

आईआईएम रायपुर में दो दिवसीय चिंतन शिविर का शुभारंभ, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित मंत्रिमंडल के सदस्य ले रहे हिस्सा

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज यहां रायपुर स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान(आईआईएम) में आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर का शुभारंभ किया। चिंतन शिविर में मुख्यमंत्री श्री साय सहित उप मुख्यमंत्री द्वय अरुण साव एवं विजय शर्मा तथा मंत्रिमंडल के अन्य सहयोगी हिस्सा ले रहे हैं। प्रथम सत्र को नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने संबोधित किया। अपने संबोधन में श्री सुब्रमण्यम ने विकसित भारत की संकल्पना और इसे प्राप्त करने की रणनीति के संबंध में विस्तार से अपनी बातें साझा की। उन्होंने कहा कि बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से आगे बढ़ा है और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में अपनी जगह बनाने में सफल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विकसित भारत 2047 बनाने का संकल्प लिया है और इसे पूरा करने की रणनीति बनाई गई है।

श्री सुब्रमण्यम ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी स्केल, स्पीड और इनोवेशन पर जोर देते हैं। बदलते अंतराष्ट्रीय परिदृश्य और समय को देखते हुए विकसित भारत का विजन तैयार किया गया है ताकि भारत अपनी विशिष्ट जगह बना सकें। उन्होंने कहा कि अब दुनिया की निगाहें ग्लोबल साउथ पर हैं। अब नजरिया पश्चिम से पूर्व की ओर देखने का है और भारत इन संभावनाओं को पूरा करने के लिए सक्षम है। भारत की जनांकिकी, भारत की रणनीतिक स्थिति और भारत में तेजी से हुए सुधारों से इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए भारत तैयार है। चाहे डिजिटल इकानामी हो, अथवा कर संबंधी सुधार हो। नवाचार को बढ़ावा देना हो, भारत इसमें अग्रणी रहा है और आने वाले समय में इन्हें तेजी से बढ़ाना है। विकसित भारत सबके लिए समृद्धि लेकर आये, इसके लिए कार्य करना है। क्लाइमेट चेंज जैसी समस्याओं को देखते हुए ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देते हुए सतत विकास की दिशा में काम करना है। उन्होंने कहा कि जब हम विजन लेकर चलते हैं तो स्वाभाविक रूप से हमें एक गाइड मैप मिल जाता है और इसके अनुरूप हम बढ़ते जाते हैं। श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि विकसित भारत का संकल्प पूरा करने में छत्तीसगढ़ की अहम भागीदारी होगी। छत्तीसगढ़ में विकसित राज्य बनने के लिए और तीव्र विकास के लिए असीम संभावनाएं हैं और इस दिशा में आगे बढ़कर छत्तीसगढ़ अपने विकास के साथ ही विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

सभी मंत्रिगणों ने संवाद में भागीदारी करते हुए छत्तीसगढ़ में इस संबंध में बनाई जा रही नीतियों के बारे में बताया। साथ ही उन्होंने श्री सुब्रमण्यम के समक्ष अपनी जिज्ञासाएं भी रखीं जिस पर विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए सार्थक परिचर्चा हुई। उल्लेखनीय है कि दो दिवसीय इस चिंतन शिविर में छत्तीसगढ़ के विजन हेतु सार्थक विमर्श होना है। साथ ही संसाधनों के सतत उपयोग एवं योजनाओं के अभिसरण सहित विविध विषयों पर चर्चा होगी।

चिंतन शिविर में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप,खाद्य मंत्री दयालदास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा मौजूद रहे।

अंतिम चरण का थमा चुनावी प्रचार, पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा –

रायपुर- बनारस में चुनाव प्रचार कर रायपुर लौटे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने मोदी के कन्याकुमारी में रुकने पर कटाक्ष करते हुए कहा, अवतारी पुरुष अब मानव हो गए. उन्हें कहीं जाने की जरूरत ही क्या थी ? उन्हें तो भाजपा के लोग भगवान कहने लगे हैं.

अंतिम चरण के चुनाव पर भूपेश बघेल ने कहा, देश में बदलाव की बयार है. अंतिम चरण के लिए प्रचार थम चुका है. प्रधानमंत्री मोदी ने कभी अपनी सरकार की योजनाओं पर बात नहीं की. उन्होंने हिन्दू-मुसलमान, पाकिस्तान, धर्म की ही बात कही. अब तो मुजरा तक में आ गए हैं. आरक्षण के खिलाफ, लोकतंत्र के खिलाफ ही उन्होंने बोला है.

साय सरकार के गौवंश अभ्यारण्य पर बघेल ने कहा, गौठान में क्या कमी थी ? यह बताना चाहिए और कितने अभ्यारण्य बनाएंगे ? जंगल कहां-कहां बना लेंगे ? कांग्रेस सरकार की योजना यह सोचकर पूर्व की जनहित योजनाओं को बंद करना क्या सही है ? महात्मा गांधी पर पीएम मोदी की टिप्पणी पर भूपेश बघेल ने कहा, प्रधानमंत्री का सामान्य ज्ञान कमजोर है. अधिकारियों ने जो लिखा वही पढ़ दिए. 25 साल मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री रहने के बाद का ऐसा हाल, इसे क्या कहा जाए. दुनिया में सर्वाधिक लोकप्रिय नेता महात्मा गांधी हुए हैं.

शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने PTRSU के कुलसचिव पर कार्रवाई का दिया आश्वासन, कहा- जांच हुई है तो कार्रवाई होगी…

रायपुर- शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मुलाकात कर PTRSU के कुलचचिव शैलेन्द्र पटेल को निष्काशित करने की मांग रखी। इस दौरान शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कुलपति के योग्यता पर यदि जांच हुई है, तो कार्रवाई भी होगी। साथ ही इस मामले में अधिकारियों को निर्देशित करने का आश्वासन भी दिया है।

एबीपी के प्रदेश मंत्री यज्ञदत्त वर्मा ने कहा, कि पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के उपकुलसचिव शैलेंद्र कुमार पटेल की योग्यता और अनुभव से संबंधित दस्तावेजों की चौथी बार जांच के बावजूद फर्जी होने का मामला सामने आया है। इससे पहले तीन बार उच्च शिक्षा विभाग के अपर संचालक, संयुक्त संचालक आयुक्त और तीन प्राचार्यों की समिति ने पटेल के दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि पटेल की योग्यता उपकुलसचिव के पद के लिए निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करती है।

यज्ञदत्त ने आगे कहा कि कुलपति पटेल ने दावा किया था, कि उसने 5 फरवरी 2013 से 5 फरवरी 2015 तक सीवी रमन यूनिवर्सिटी, बिलासपुर से गणित में पीएचडी की है, जबकि इस अवधि में वह भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रायपुर में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत था। लेकिन रायपुर और बिलासपुर के बीच 300 किलोमीटर (आना-जाना मिलाकर) की दूरी को प्रतिदिन तय करना असंभव है, जिससे यह साफ हो जाता है कि पटेल का दावा गलत है। इसके अलावा, पटेल को बिना नेट परीक्षा उत्तीर्ण किए ही सहायक प्राध्यापक की नौकरी मिल गई थी, जो नियमों के खिलाफ है। 

यज्ञदत्त ने बताया कि इस मामले में जांच समिति ने पटेल की एमफिल डिग्री को भी फर्जी पाया, क्योंकि 2007-08 में विनायक मिशन यूनिवर्सिटी, सालेम से एमफिल करने की जानकारी दी थी, जबकि उस संस्था का एमफिल मान्य नहीं है। भ्रष्टाचार के कई मामलों, जैसे प्रश्न पेपर घोटाला और नैक घोटाला में भी पटेल का नाम सामने आया है।

अयोग्य घोषित होने के बाद भी पदस्थ हैं शैलेंद्र पटेल : एबीपी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री यज्ञदत्त वर्मा ने कहा, “जिस तरह से पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में कुलसचिव के घोटाले और फर्जी डिग्री का विषय बार-बार सामने आ रहा है, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। तीन बार जांच समिति बनाकर जांच की जा चुकी है और हर बार अयोग्य घोषित किया गया, फिर भी आज वहां पर शान से बैठकर छात्रों को धमकी देता है। यह सरकार की निर्णय लेने की असमर्थता को दर्शाता है। यदि जल्द ही इस मामले में निर्णय नहीं लिया गया, तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

एबीपी के रायपुर महानगर मंत्री प्रथम राव फुटाने ने कहा- “शिक्षा में शिक्षकों का सबसे बड़ा योगदान होता है। अगर वे लोग ही ऐसे फर्जीवाड़े में पकड़े जाएंगे और पकड़े जाने के बाद भी उनके ऊपर कार्यवाही नहीं की जाति है तो इससे छात्र समुदाय में गलत प्रभाव पड़ेगा” लेकिन कुलसचिव शैलेन्द्र पटेल का अब बचना अब नामुनकिन है।

प्रथम ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने ठान लिया है, कि शैलेन्द्र पटेल के खिलाफ उचित कार्यवाही करवा के रहेगी कुलसचिव के भ्रष्टाचार का घड़ा अब भर चुका है।

कोयला घोटाला : 4 दिन की EOW रिमांड पर सूर्यकांत और निलंबित IAS विश्नोई

रायपुर- कोयला घोटाला मामले के आरोपी सूर्यकांत तिवारी और निलंबित IAS समीर विश्नोई को EOW ने गिरफ्तार कर 4 दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है. कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 4 दिन की पूछताछ के लिए EOW को सौंपा है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाला मामले में दोनों आरोपी पहले से ही जेल में बंद हैं.अब इससे पूछताछ के लिए EOW ने कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट के लिए आवेदन लगाया था. कोर्ट ने दोनों आरोपियों को चार दिन के लिए ईओडब्ल्यू को सौंपा है.

जानकारी के अनुसार EOW निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी से निलंबित IAS रानू साहू और सौम्या चौरसिया के समक्ष सभी से पूछताछ करेगी. मामले में आरोपी सौम्या चौरसिया और रानू साहू 3 जून तक EOW रिमांड पर हैं.

सीएम साय ने कवर्धा पिकअप हादसे के पीड़त परिवारों से की मुलाकात, परिजनों से कहा- आप हमें अपना समझें

कवर्धा- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कवर्धा पिकअप हादसे में दिवंगत हुए के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कबीरधाम जिले के कुकदूर के ग्राम सेमरहा पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर अपनी शोक संवेदना प्रकट की। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर पीड़ित परिवार के लोग भावुक हो उठे और एक-एक कर अपने दुःख को साझा किया। सीएम साय ने भी परिजनों से बातचीत कर उन्हें संबल प्रदान किया और संकट की इस घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार के साथ खड़े रहने की बात कही।

सीएम साय ने परिजनों से कहा कि – आज का दिन बहुत ही दुःखद है। जो घटना घटी उसके लिए हम सब दुःखी हैं। घटना की सूचना मिलते ही मैंने गृहमंत्री विजय शर्मा से कहा कि आप जल्द से जल्द वहां पहुंचिए और वहां जो भी त्वरित मदद हो सके वह करिये। जिस पर गृहमंत्री जी रायपुर से तत्काल वहां पहुंचे और पीड़ित परिवारों व घायलों की आवश्यक मदद की। हमारे अधिकारी भी तुरंत मौके पर पहुंचे। यहाँ की स्थानीय विधायक ने भी मुझे फ़ोन करके घटना की जानकारी दी। यह घटना वास्तव में दुःखद है और एक ही परिवार के दस सदस्यों का एक साथ चले जाना दुःख के पहाड़ के समान है। दुर्घटना में गई जान की भरपाई कभी नहीं की जा सकती, हम लोग सांत्वना ही दे सकते हैं।

सीएम साय ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हम सब आपके साथ हैं और छत्तीसगढ़ सरकार भी आपके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री होने के नाते सरकार की तरफ से हमनें पांच-पांच लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है, जो जल्द ही आप लोगों को दी जाएगी। यह अच्छी बात है कि पंडरिया विधायक ने मृतक परिवार के छोटे बच्चों के पढ़ाई का जिम्मा लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार मृतक परिवारों के हित के लिए जो कर सकती है उसे हम अवश्य करेंगे। भगवान से प्रार्थना है कि मृतकों की आत्मा को शांति और शोकाकुल परिजनों को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।

गौरतलब है कि विगत 20 मई को कबीरधाम जिले के कुकदूर के बाहपानी गांव में तेंदूपत्ता तोड़ने गए श्रमिकों से भरी पिकअप के पलटने से 19 लोगों की मौत हो गई थी और कई श्रमिक घायल हो गए थे। घटना के बाद मृतकों के परिजनों से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने फोन पर बात की थी। आज साय पीड़ित परिवारों से मिलने उनके गांव पहुंचे और उनके दुःख में शामिल होकर उन्हें ढांढस बंधाया है।

मुख्य न्यायाधीश श्री सिन्हा ने लंबित प्रकरणों के चिन्हांकित कार्य का किया निरीक्षण, न्यायिक एवं रजिस्ट्री अधिकारियों व कर्मचारियों को दिए मार्गद

रायपुर- उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रिट, सिविल एवं क्रिमिनल शाखा में औचित्यहीन लंबित प्रकरणों के चिन्हांकित कार्य का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने इस मौके पर न्यायिक एवं रजिस्ट्री अधिकारियों एवं कर्मचारियों से चर्चा कर उन्हें मार्गदर्शन भी प्रदान किया।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर में 13 मई से 7 जून तक चल रहे ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान मुख्य न्यायाधीश श्री सिन्हा के निर्देशानुसार औचित्यहीन लंबित प्रकरणों का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है, ताकि वादकार, पक्षकार व्यर्थ मुकदमेबाजी से बच सकें। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार औचित्यहीन लंबित प्रकरणों को चिन्हांकित करने की प्रणाली विकसित की गई है, ताकि चिन्हांकित लंबित प्रकरणों को सुनवाई के पश्चात निराकृत किया जा सके।

उच्च न्यायालय बिलासपुर के मुख्य न्यायाधीश के निर्देशानुसार रिट क्रिमिनल अपील, क्रिमिनल रिवीजन, अवमानना प्रकरणों एवं अन्य प्रकरणों में औचित्यहीन लंबित प्रकरणों का चिन्हांकन कर उन्हें सूचीबद्ध करने का कार्य किया जा रहा है। प्रकरणों का भौतिक सत्यापन जिला न्यायालय बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, छत्तीसगढ़ न्यायिक अकादमी में पदस्थ न्यायिक अधिकारियों तथा उच्च न्यायालय में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारी कर रहे हैं। बीते 15 दिनों से चल रहे इस कार्य का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने आकस्मिक निरीक्षण किया और इस कार्य में जुटे अधिकारियों-कर्मचारियों से चर्चा कर उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन भी प्रदान किया। निराकृत प्रकरणों के स्केनिंग पश्चात भौतिक सत्यापन कर कार्य भी किया जा रहा है। मुख्य न्यायाधीश ने इसका भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए तथा निराकृत प्रकरणों का डिजिटल माध्यम से दीर्घावधि तक संधारण हो सकेगा। औचित्यहीन लंबित प्रकरणों के भौतिक सत्यापन के कार्य का मुख्य न्यायाधीश ने बीते 13 मई को भी आकस्मिक निरीक्षण किया था।

छत्तीसगढ़ में बढ़ेगा बिजली का बिल, CSPDCL ने दिया नये टैरिफ का प्रस्ताव..

रायपुर- प्रदेश में अब बिजली मंहगी होने वाली है। भीषण गर्मी के मौसम में जहां एसी-कूलर चलाने से बिजली बिल बढ़कर आता है, वहीं प्रदेशवासियों को बिजली का झटका लगने वाला है। लोकसभा चुनाव के परिणाम जारी होने के बाद छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग उपभोक्ताओं के लिए नया टैरिफ जारी करने जा रहा है। जुलाई महीने से ही बिजली का बिल 20% तक बढ़कर आएगा।

दरअसल, राज्य विद्युत वितरण कंपनी (CSPDCL) ने छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग को पत्र लिखकर 4,420/- करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय की आवश्यक्ता बताते हुए टैरिफ में 20% तक वृद्धि का प्रस्ताव भेजा है। CSPDCL का कहना है कि लाइन लॉस और बिजली चोरी के चलते कंपनी को 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक राजस्व का नुकसान हो रहा है।

बता दें, विद्युत विभाग के अधिकारियों के अनुसार, नए टैरिफ लागू होने पर घरेलू उपभोक्ताओं को 10-15 पैसे / यूनिट अतिरिक्त देने होंगे। हालांकि नए टैरिफ का असर कमर्शियल उपभोक्ताओं की जेब पर अधिक पड़ेगा।

इस तरह बढ़ सकता है बिजली बिल:

- इस नई दर में, 0 से 100 यूनिट तक की बिजली की खपत के लिए पुरानी दरें 3.7 थीं, जो अब 3.80 से 3.85 तक हो सकती है। 

- 101 से 200 यूनिट की खपत के लिए पुरानी दरें 3.9 थीं, जो अब 4.00 से 4.05 तक हो सकती हैं।

- यदि आपकी खपत 201 से 400 यूनिट तक है, तो पुरानी दरें 5.3 थीं, जो अब 5.40 से 5.45 तक हो सकती हैं।

- 401 से 600 यूनिट तक की खपत के लिए पुरानी दरें 6.3 थीं, जो अब 6.40 से 6.45 तक हो सकती हैं।

- यदि आपकी खपत 601 यूनिट से अधिक है, तो पुरानी दरें 7.9 थीं, जो अब 8.00 से 8.05 तक हो सकती हैं।

छत्तीसगढ़ विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने समाजिक समावेशन कार्य समूह की बैठक सम्पन्न

रायपुर।  अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन 2047 डॉक्यूमेंट तैयार करने राज्य नीति आयोग द्वारा विषयवार वर्किंग ग्रुप गठित किये गये हैं। आज यहां नवा रायपुर स्थित नीति भवन में सामाजिक समावेशन विषय पर गठित कार्य समूह की प्रथम बैठक राज्य नीति आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में सामाजिक समावेशन पर संबंधित विभागों के अधिकारियों ने विस्तार से चर्चा की। बैठक में सामाजिक समावेशन के लिए प्रमुख लक्ष्य, चुनौतियां और विभागीय विजन के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया। राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने राज्य नीति आयोग द्वारा अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन 2047 विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने हेतु गठित कार्य समूह के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने अधिकारियों से निर्धारित समय-सीमा में कार्यवाही सुनिश्चित करने कहा। बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ. धीरेन्द्र तिवारी भी शामिल हुए।

प्रमुख सचिव आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक सोनमणि बोरा ने विभागीय प्रस्तुतीकरण देते हुए विभाग के अल्पकालिक, मध्यकालिक, दीर्घकालिक योजनाओं के संबंध में जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अल्पसंख्यकों तथा छात्र-छात्राओं के लिए आवश्यक शैक्षणिक सुविधाओं के विस्तार, डिजिटल शिक्षा, आश्रम शालाओं एवं छात्रावासों में छात्रों की सुविधा के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। श्री बोरा ने एफआरए के शत्-प्रतिशत हितग्राहियों को वनाधिकार मान्यता पत्र प्रदान करने के संबंध में भी जानकारी दी। श्रम विभाग की सचिव अलरमेल मंगई डी. ने भी विजन डॉक्यूमेंट 2047 तैयार करने के लिए विभागीय योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। इसी तरह से समाज कल्याण विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने अपना प्रस्तुतिकरण दिया।

बैठक में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम एवं श्रमिक कल्याण सहित छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम, श्रम कल्याण मंडल, ट्रायफेड रायपुर, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अधिकारी एवं अन्य सदस्य शामिल हुए। बैठक में नीति आयोग की परामर्शदात्री संस्था के एक्सपर्ट प्रतिनिधि, सदस्य सचिव नीति आयोग अनूप श्रीवास्तव, संयुक्त संचालक नीति आयोग नीतू गौरडिया, संयुक्त संचालक वत्सला मिश्रा सहित कार्यसमूह के अन्य सदस्य शामिल हुए। सदस्यों ने सामाजिक समावेशन विषय पर महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही विष्णुदेव सरकार – उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

रायपुर- उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास के लिए प्रदेश की विष्णुदेव सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। पिछले 5 वर्षों में कांग्रेस शासन में सड़कों का निर्माण रुका पड़ा था। हमारी सरकार बनी तो मात्र 4 माह के अल्प समय में हमने नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 11 सड़कों का निर्माण पूर्ण कर लिया है।

उल्लेखनीय है कि उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा गृह मंत्री और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री भी हैं, और पहली बार इन विभागों की समन्वित रणनीतिक कार्यशैली नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़कों के निर्माण कार्य को तेज गति से आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही है।

उप-मुख्यमंत्री शर्मा का कहना है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण में सबसे बड़ी बाधा सुरक्षा को लेकर थी। इस दिशा में सबसे बड़ा प्रयास हमने यह किया कि इसके लिए योजना बनाकर अब संयुक्त बैठक प्रारंभ की है, जिसमें गृह विभाग और पंचायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एक साथ बैठते हैं। इसमें एडीजी नक्सल विवेकानंद, आईजी एसआईबी ओपी पाल और पंचायत विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक रायपुर व दंतेवाड़ा में विभागों की संयुक्त बैठक लेकर सड़कें चिन्हित करते हैं, उन्हें सुरक्षा देते हैं और के.के. कटारे के नेतृत्व में निर्माण तेजी से पूर्ण कराते हैं।

संयुक्त बैठकों में अब तक कुल 85 सड़कों को चिन्हित किया गया है, जिसमें से 259.90 किलोमीटर की 40 सड़कों का निर्माण प्रगति पर है। यह सभी सड़कें दुर्गम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हैं। यह विकास की रफ्तार गांव तक पहुंचाने का एक अभिनव प्रयास है। यह विषय महत्वपूर्ण कि अबूझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्र जहां आजादी के बाद आज तक शासन नहीं पहुंच पाया वहां सर्वे करके केंद्र सरकार की जनमन योजना के तहत 09 सड़क स्वीकृत की गई हैं, जिनमें 04 का निर्माण प्रारंभ हो चुका है। साथ ही 06 और सड़कों का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है।

पुलिस बल की सुरक्षा में जिन 11 सड़कों का निर्माण पूर्ण किया गया है उनमें कांकेर, भानुप्रतापपुर और कोंडागांव जिला अंतर्गत एक-एक सड़क, दंतेवाड़ा जिले में 03 सड़क तथा सुकमा जिले में 05 सड़कें शामिल हैं। इनमें कांकेर जिले में किसकोड़ो से कोटखुरसाई तक, भानुप्रतापपुर जिले में बड़गांव प्रतापपुर रोड बड़ेझारकट्टा तक, कोंडागांव जिले में कोंडागांव कोरमेल रोड से स्कूल पारा मातवाल से गुनिया पारा कुदुर तक, जिला दंतेवाड़ा में सुरनार से पटेल पारा तक, कोरीरास किद्रीरास रोड से छोटेबेडमा तक, कवलनार से झिरका तक, जिला सुकमा में डोलेरास से पेडलनार तक, धनिकोडाता से डेंगोपारा तक, कांहीगुड़ा मार्ग, चिकपल्ली मार्ग, मोशलपारा से सोब्बीरासपारा तक सड़क निर्माण पूर्ण किया गया है।