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अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ प्रशासन की कड़ी कार्रवाई, पांच महीने में वसूले गए 30 लाख से ज्यादा अर्थदंड

गरियाबंद- छत्तीसगढ़ में प्रशासन लगातार अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में गरियाबंद कलेक्टर के निर्देश पर जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन और भण्डारण पर टास्क फोर्स की टीम लगातार अंकुश लगाने में जुटी है।

बता दें, कलेक्टर ने टास्क फोर्स की टीम को कड़ी खनिज माफियाओं पर कार्रवाई करने के निर्देश दिये थे। वहीं जिले में जनवरी 2024 से मई 2024 तक अवैध परिवहन के 105 प्रकरण से 25 लाख 65 हजार 567 रुपये, अवैध उत्खनन के 10 प्रकरणों में 5 लाख 97 हजार 500 रुपये अर्थदंड की राशि वसूल की गई है। इस दौरान प्रशासन की टीम ने संवेदनशील चिन्हांकित क्षेत्रों में रैम्प रास्ता खोदकर अवैध परिवहन को बंद करने के आदेश दिये हैं।

जिला खनिज अधिकारी एफ.एल नागेश ने बताया, कि जिले के हथखोज-1, हथखोज-2 एवं मजरकट्टा में स्वीकृत रेत खदान है। स्वीकृत रेत खदानों से ही रेत उत्खनन एवं परिवहन किया जाना है। परिवहनकर्ताओं को स्वीकृत रेत खदान से परिवहन कर आम जनता को सस्ता, सुलभ में रेत उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।

बता दें, स्वीकृत रेत खदान के 15 किलोमीटर की परिधि में 6 हजार से 8 हजार रुपये में प्रति हाईवा रेत उपलब्ध कराया जा रहा है। 10 जून मानसून के पूर्व सभी निर्माण विभागों को अपनी आवश्यकता अनुसार स्वीकृत रेत खदानों से परिवहन कर रेत भंडारित करने को कहा गया है।

सीएम साय का झारखंड दौरा, कल तीन स्थानाें पर लेंगे चुनावी सभा

रायपुर- छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय झारखंड के संथाल परगना में 29 मई को बरहेट, पाडरकोला, शिकारीपाड़ा में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सीएम साय विशेष विमान से रायपुर से देवघर के लिए रवाना होंगे. उसके बाद बरहेट के गोपालडीह के फुटबाल मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे.

गोपालडीह के बाद सीएम साय पाडरकोला के फुटबाल मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद शिकारीपाड़ा में चुनावी सभा को संबोधित कर वापस राजधानी रायपुर के लिए रवाना होंगे. मुख्यमंत्री साय लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के लिए 1 जून को हो रहे मतदान के पूर्व इन चुनावी सभा को संबोधित करने जा रहे हैं. इसके पूर्व भी सीएम साय खुंटी, सिमडेगा, लोहरदगा व जमशेदपुर में चुनावी सभाओं को संबोधित कर चुके हैं.

झूठ और षड्यंत्र की राजनीति करते है राहुल गांधी -बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर।  राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर संविधान को समाप्त करने के आरोप पर अपनी बात रखते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता एवं छत्तीसगढ़ सरकार के शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सिर्फ झूठ और षड्यंत्र की राजनीति करते हैं। भारत के विभिन्न समाजों में भेद करके अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकते है।

उनकी यह हरकतें पूरी तरह से असामाजिक एवं देशविरोधी है। रही बात बाबासाहेब आंबेडकर जी की तो कांग्रेस ने तो उन्हें भारत रत्न के लायक भी नहीं समझा था। भाजपा समर्थित वीपी सिंह सरकार में ही उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। कांग्रेस विशेष रूप से कथित गांधी परिवार को भय था कि अंबेडकर जी की प्रतिष्ठा बढ़ेगी तो गांधी परिवार की पूछ परख कैसे होगी। इसी वजह से कांग्रेस ने उनका अपमान करने में कभी भी कोई कसर नहीं छोड़ा था।

अपनी प्रतिक्रिया में आगे बृजमोहन ने कहा कि सही मायने में भारतीय जनता पार्टी ने ही बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की रक्षा की है, उनका मान रखा है। जबकि इसी कांग्रेस पार्टी ने संविधान को ताक में रखकर देश में आपातकाल लगाया था। लोगों के अधिकार छीन लिए थे। आज जब जनता ने इन कांग्रेसियों के हाथों से सत्ता सहित सब कुछ छीन लिया है तो ये अब बड़ी बेशर्मी के साथ संविधान की दुहाई दे रहे हैं।

बृजमोहन ने कहा कि देश में भाजपा की सत्ता आने के बाद ही दलित,आदिवासी, पिछड़ों, वंचितों को उनका सही अधिकार मिला है। आदिवासी, दलित समाज से राष्ट्रपति, पिछड़ा वर्ग के स्वयं मोदी प्रधानमंत्री हैं। यह बात कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नहीं कर पा रही। असल में राहुल गांधी यह सारे अधिकार और पद प्रतिष्ठा अपने गांधी परिवार के लिए ही चाहते हैं। इसीलिए सत्ता में आने कि उनकी बेचैनी में अनर्गल एवं देश विरोधी बयान उनके मुंह निकल रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते 10 वर्षों में भारत सफलता के शिखर पर विराजमान है। पूरी दुनिया आशा भरी निगाहों से भारत की तरफ देख रही है। आर्थिक रूप से भारत सक्षम हुआ ही है, हमारी सैन्य शक्ति भी बेहद मजबूत हुई है।

राहुल गांधी जितना झूठ बोलना है बोल ले उससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि भारत की जनता सच्चाई जानती है। भाजपा सरकार सबका साथ, सबका विकास और सब का विश्वास जीतकर काम कर रही है। समाज का हर वर्ग सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहा है। कहीं कोई भेदभाव भाजपा ने ना कभी किया है ना आगे करेगी। बृजमोहन ने कहा कि राहुल गांधी जितनी झूठी और कोरी बयानबाजी कर रहे हैं वो सिर्फ 4 जून तक ही कर पाएंगे। उसके बाद वे कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे। जनादेश भाजपा के साथ है समाज का हर वर्ग, हर जाति, हर धर्म का आशीर्वाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है। जिसकी बदौलत प्रचंड बहुमत के साथ देश में पुनः मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने जा रही है।

सचिव आबिदी ने पुलिस, रेलवे, बीएसएनएल के अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली

रायपुर।  बच्चों एवं महिलाओं को त्वरित सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 24 घंटे आपातकालीन सेवा के रूप में बच्चों के लिए चाईल्ड हेल्पलाईन सी.एच.एल-1098 एवं महिलाओं के लिए महिला हेल्पलाईन डब्ल्यू.एच.एल-181 संचालित है। उक्त हेल्पलाईन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए पुलिस विभाग द्वारा संचालित ई.आर.एस.एस-112 के साथ इंटीग्रेशन किया जा रहा है। हेल्पलाईन को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से आज मंत्रालय महानदी भवन में महिला एवं बाल विकास की सचिव शम्मी आबिदी ने सी-डैक तिरूअनंतपुरम, पुलिस विभाग की ई.आर.एस.एस-112 की टीम, बीएसएनएल, रेलवे एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक ली। उन्होंने अधिकारियों को हेल्पलाईन को बच्चों एवं महिलाओं की त्वरित मदद के लिए प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। बैठक में संचालक महिला एवं बाल विकास तुलिका प्रजापति भी मौजूद थी।

सचिव शम्मी आबिदी ने पिछली बैठक में दिए गए निर्देश के परिपालन की विस्तृत समीक्षा की। बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान में सभी 33 जिलों में चाईल्ड हेल्पलाईन संचालन हेतु हार्डवेयर लगाया जा चुका है। 32 जिलों में चाईल्ड हेल्पलाईन का डब्ल्यू.सी.डी. कंट्रोल रूम से इंटीग्रेशन कर संचालन प्रारंभ हो चुका है। इंटीग्रेशन की कार्यवाही पूर्ण करने हेतु सी-डैक एवं बीएसएनएल के अधिकारियों को निर्देश दिये गये। राज्य के 27 जिलों के वन स्टॉप सेंटर (सखी सेंटर) में महिला हेल्पलाईन यूनिट की स्थापना एवं इंटीग्रेशन कर संचालन किया जा रहा है। सचिव, महिला एवं बाल विकास ने रेलवे रायपुर एवं बिलासपुर से आए अधिकारियों तथा विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि बच्चों के सर्वाेत्तम हित में रायपुर एवं बिलासपुर रेलवे स्टेशन के उपयुक्त स्थान पर चाईल्ड हेल्पलाईन का संचालन किया जाए। इस संबंध में उन्होंने संबंधित आधिकारियों को शीघ्र कार्यवाही सुनिश्चित करने तथा अधिकारियों को स्वयं स्थल का निरीक्षण कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। सचिव, महिला एवं बाल विकास ने चाईल्ड हेल्पलाईन-1098 एवं डब्ल्यू.एच.एल-181 में प्राप्त प्रकरणों की विस्तृत समीक्षा की और लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए।

बेमेतरा फैक्ट्री ब्लास्ट में न्यायिक जांच शुरु, इन 4 बिंदुओं पर होगी मजिस्ट्रियल इन्वेस्टिगेशन

बेमेतरा- छत्तीसगढ़ के बेमेतरा स्थित बारूद फैक्ट्री में भीषण आगजनी के मामले में आज मंगलवार को मजेस्ट्रीयल जांच शुरु हो गई है। बेरला SDM पिंकी मनहर के नेतृत्व में फैक्ट्री में ब्लास्ट की न्यायिक जांच 4 बिंदुओं पर की जाएगी।

बता दें, बेमेतरा जिले के बेरला ब्लॉक के ग्राम पिरदा स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड कंपनी के बारूद फैक्ट्री में 25 मई (शनिवार) की सुबह ब्लास्ट हो गया, जिसमें 1 कर्मचारी की मौत हो गई और 10-12 लोग घायल हो गए। वहीं मलबे में दब कर हुई मौतों की पुष्टी अब तक नहीं हो पाई है। लेकिन 8 से 10 कर्मचारियों के परिजनों ने विस्फोट के दौरान अपने परिवार के सदस्त (जो फैक्ट्री में कार्रयरत थे) वहीं मौजूद थे। इस तरह विस्फोट में 8-10 और कर्मचारियों की मौत की भी आशंका जताई जा रही है। इस घटना के बाद सीएम साय ने विस्फोट की मजेस्ट्रीयल जांच की घोषणा की थी, जिसके अनुसार अब न्यायिक जांच शुरु हो गई है। 

कांग्रेस ने प्रदर्शन की दी चेतावनी

वहीं इस मामले में अब तक प्रशासन की तरफ से स्पेशल ब्लास्ट कंपनी प्रबंधन पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं किये जाने को लेकर क्रांग्रेस ने उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी है। 

इन चार बिंदु पर होगी जांच

1. दुर्घटना विस्फोट का कारण।

2. फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा किए गए सुरक्षात्मक उपायों का परीक्षण ,अनुज्ञप्ति, भंडारण उपयोग आदि का विवरण।

3. दुर्घटना विस्फोट के लिए यदि कोई त्रुटि लापरवाही है, तो उत्तरदायित्व का निर्धारण।

4. अन्य कोई सुझाव या बिंदु जो जांच अधिकारी सम्मिलित करना आवश्यक समझे।

बता दें, इन चार बिंदुओं पर बेमेतरा जिला कलेक्टर ने 27 मई को आदेश जारी किया था। इस मामले में SDM पिंकी मनहर के नेतृत्व में 45 दिन के अंदर न्यायिक जांच पूरी की जाएगी।

करोड़ों की शासकीय भूमि को प्रशासन ने जेसीबी चलाकर कराया अतिक्रमण मुक्त, तोड़ी बाउंड्रीवाल

रायपुर- शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे को राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने मुक्त कराया. अभनपुर के ग्राम पारागांव में करोड़ रुपए की कीमती लगभग ढाई एकड़ भूमि को कब्जाधारियों ने अतिक्रमण कर लिया था. राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए कब्जा मुक्त कराया. अतिक्रमण हटाने से पहले राजस्व विभाग ने गोबरा नवापारा तहसील में बाकायदा न्यायालय प्रक्रिया पूरी की. 17 मई को बेदखली का नोटिस भी जारी किया गया था.

पारागांव की शासकीय घास भूमि खसरा नंबर 1047, रकबा 4.35 हेक्टेयर भूमि के भाग रकबा 0.87 हेक्टेयर भूमि पर गोबरा नवापारा निवासी महेश सोनकर, मोंगराज सोनकर, मुकुंद मेश्राम और राकेश सोनकर अतिक्रमण कर शासकीय भूमि के चारों ओर बाउंड्री वाला बनवा ली थी और कमरों का निर्माण भी करा लिया था.

मंगलवार को गोबरा नवापारा तहसीलदार सूरज बंछोर, नायब तहसीलदार और टीआई अवधराम साहू अपने अमले के साथ जेसीबी लेकर मौके पर पहुंचे. शासकीय भूमि पर किए गए बाउंड्रीकरण और कमरों को ध्वस्त कर अतिक्रमण मुक्त कराया.

राज्य सरकार ने व्यापारियों का दमन शुरू किया : कन्हैया अग्रवाल

रायपुर- प्रदेश चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद चोपकर और कार्यकारी अध्यक्ष कन्हैया अग्रवाल ने राज्य में ई-वे बिल के प्रावधानों में दी गई छूट को समाप्त किए जाने का कड़ा प्रतिकार करते हुए कहा कि सरकार के इस निर्णय से अफसरशाही बढ़ेगी, व्यापारी परेशान होगा और भ्रष्टाचार का बोलबाला होगा । उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में व्यवसायियों के लिए अब जिले के अंदर भी 50 हजार रुपए मूल्य से अधिक के सामान विक्रय कर परिवहन करने पर ई-वे बिल जेनरेट करना आवश्यक होगा जिससे व्यापार में जटिलता बढ़ेगी और व्यापारियों को जबरन चोर ठहरा कर वसूली होगी ।

उन्होंने कहा कि सरकार बने अभी 06 महीने भी नहीं हुए हैं और व्यापारियों के ऊपर लगातार आफत आ रही है । पहले स्टेट जीएसटी के हजारों की संख्या में जारी नोटिस से व्यापारी घबराया हुआ था अब ई – वे बिल के रूप में एक और मुसीबत आ गई है ।उन्होंने कहा कि सरकार व्यापारियों को प्रताड़ित करना तत्काल बंद करे। जीएसटी के नोटिस ऑन के माध्यम से जिस तरह से अधिकारी व्यापारियों को धमका रहे हैं उस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए और जिले के अंदर पचास हजार से अधिक के प्रत्येक बिल पर लगने वाले ई वे बिल के कानून को सरकार तत्काल प्रभाव से वापस ले अन्यथा व्यापारी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे ।

श्रमिकों के लिए महंगाई भत्ता में हुई वृद्धि, श्रम विभाग ने जारी किया आदेश

रायपुर-  श्रम विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा विभिन्न अनुसूचित नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों के लिए 01 अप्रैल 2024 से परिवर्तनशील महंगाई भत्ता निर्धारित की गई है। लेबर ब्यूरों शिमला से प्राप्त औद्योगिक सूचकांक में जुलाई 2023 से दिसम्बर 2023 के मध्य 14 बिन्दु की औसत वृद्धि हुई। जिसके अनुसार प्रति बिन्दु 20 रूपए के मान से 45 अनुसूचित नियोजनों में कार्यरत श्रमिकों के परिवर्तनशील महंगाई भत्ता में प्रतिमाह 280 रूपए की वृद्धि की गई।

श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कृषि नियेाजन में कार्यरत श्रमिकों हेतु लेबर ब्यूरों शिमला से प्राप्त सूचकांक में 56 बिन्दु की औसत वृद्धि होने से 5 रूपए प्रति बिन्दु के मान से 280 रूपए प्रतिमाह परिवर्तनशील महंगाई भत्ते में वृद्धि की गई। इसी प्रकार अगरबत्ती उद्योग में नियोजित श्रमिकों हेतु उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में औसत वृद्धि के आधार पर परिवर्तनशील महंगाई भत्ते 7.08 रूपए प्रति हजार अगरबत्ती निर्माण में निर्धारित की गई।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन श्रम विभाग द्वारा न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के अंतर्गत 45 अनुसूचित नियोजनों, कृषि नियोजन एवं अगरबत्ती नियोजन में कार्यरत श्रमिकों के लिए महंगाई भत्ते का निर्धारण लेबर ब्यूरो शिमला द्वारा जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वर्ष में दो बार 01 अप्रैल एवं 01 अक्टूबर को किया जाता है।

जारी आदेशानुसार श्रमिकों के लिए 01 अप्रैल 2024 से 30 सितम्बर 2024 तक न्यूनतम वेतन की दरें निर्धारित की गई है। जिसमें अकुशल ‘अ‘ श्रमिक वर्ग के लिए प्रतिमाह 10,900 रूपए, ‘ब‘ वर्ग के लिए 10,640 रूपए तथा ‘स‘ वर्ग के लिए 10,380 रूपए निर्धारित की गई है। अर्द्धकुशल ‘अ‘ वर्ग के लिए 11,550 रूपए, ‘ब‘ वर्ग के लिए 11,290 रूपए तथा ‘स‘ वर्ग के लिए 11,030 रूपए निर्धारित की गई है। कुशल ‘अ‘ वर्ग के लिए 12,330 रूपए, ‘ब‘ के लिए 12,070 रूपए तथा ‘स‘ के लिए 11,810 रूपए निर्धारित की गई है। इसी प्रकार उच्च कुशल ‘अ‘ वर्ग के लिए 13,110 रूपए, ‘ब‘ के लिए 12,850 रूपए तथा ‘स‘ वर्ग के लिए 12,590 रूपए किया गया है। उक्त प्रभावशील न्यूनतम वेतन की दरें छत्तीसगढ़ शासन, श्रम विभाग की वेबसाईट www.cglabour.nic.in पर भी उपलब्ध है।

सड़क बनाने किसानों की जमीन अधिग्रहित, मुआवजा मांगने पर धमका रहे अधिकारी, मियाद खत्म होने के बाद भी नहीं बनी सड़क

सक्ती- छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में सड़क बनाने वाली कंपनी एडीबी की मनमानी देखने को मिल रही है। जिले में सड़क निर्माण के लिए सालों पहले किसानों की जमीनें अधिग्रहित की गई थी। लेकिन कई किसानों को अब तक मुआवजे के लिए भटकना पड़ रहा है। मुआवजे की मांग करने पर अधिकारी प्रशासन की मदद से किसानों को धमका रहे हैं। 

वहीं समय सीमा खत्म होने और सालों बीतने के बाद अब तक सड़क बनकर तैयार नहीं हो पाई है। अब आगामी बरसात को देखते हुए एडीबी नियम विरुद्ध जा कर सड़क बनाने की तैयारी कर रही है। एडीबी की मनमानी और मुआवजे ना मिलने को लेकर किसानों में शासन प्रशासन के प्रति आक्रोश उभरने लगा है।

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल, सालों पहले जिले में सक्ती से टुंडरी मार्ग पर लम्बाई 31-481 कि. मी. और मालखरौदा से जैजैपुर मार्ग के सड़क निर्माण और चौड़िकरण के लिए किसानों की जमीनें अधिग्रहित की गई थी। जिसमें सक्ती-टुन्ड्री मार्ग के लिए अतिरिक्त जमीन क्रय निति शासन का आदेश क्रमांक एफ 7-4-1/20215 दिनांक 30 मार्च 2016 का संशोधन दिनांक 27-09-2017 के अनुसार ग्राम कर्रापाली एवं झर्रा के किसानों को मुआवजा दिया गया। 

इनमें से बहुत से किसानों ने मुआवजा राशी पर सहमती नहीं दी थी। जिसके बाद उनके जमीनों का फिर से नाप हुआ और राजस्व विभाग द्वारा जमीन का प्रकरण बनाया गया। लेकिन आज तक उन बचे हुए किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया। किसान लगातार साल 2021 से शासन-प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। 

नियम विरुद्ध हो रहा सड़क निर्माण

जानकारी के अनुसार, इन दोनों मार्गों पर सड़क बनाने के लिए 16 मीटर चौड़ी जमीन की आवश्यकता थी, लेकिन कई जगहों पर किसान मुआवजा राशि से संतुष्ट नहीं थे, जिसके कारण एडीबी के साथ उन किसानों का समझौता नहीं हो सका। उन जगहों पर अब एडीबी के अधिकारी नियम विरुद्ध सड़क बना रहे हैं। कई जगहों पर 12 मीटर तो कही 10 मीटर तो कही 8 मीटर सड़क बनाने की तैयारी चल रही है। जबकि सड़क निर्माण के लिए पहले से ही एस्टीमेट तैयार हो चुका है, लेकिन अब एडीबी द्वारा एस्टीमेट से हटकर कार्य कराया जा रहा है जो की नियम विरुद्ध है।

क्या कहते है अधिकारी

इस मामले में राजस्व अधिकारी का कहना है, की कुछ किसानों से सहमति नहीं बन पाई है, मगर बरसात को देखते हुए वहां पूर्व की शासकीय सड़क पर ही सड़क निर्माण कराया जाएगा। बाद में किसानों से अगर सहमति बनती है, तो सड़क और चौड़ी कर देंगे।

बेमेतरा ब्लास्ट में किसे बचा रही सरकार : पूर्व सीएम ने सत्ता पक्ष से किए 5 सवाल, कहा- अब तक FIR क्यों नहीं

रायपुर- छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के पिरदा गांव स्थित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड फैक्ट्री में हुए धमाके को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया साइट x पर पोस्ट कर लिखा है कि बेमेतरा ब्लास्ट, किसकी गारंटी और किसके सुशासन में गुनहगारों को संरक्षण दिया जा रहा है। सत्ता के किस करीबी को बचाने का प्रयास? जवाब तो देना होगा।

बता दें ब्लास्ट को 2 दिन से ज्यादा बीत चुके हैं, इसके बावजूद अब तक लापता लोगों की संख्या स्पष्ट नहीं है। इसे लेकर ही भूपेश बघेल ने बीजेपी सरकार से 5 सवालों का जवाब मांगा है। प्रशासन केवल 8 मजदूरों के लापता होने की बात कह रहा है। जबकि ग्रामीणों का कहना है कि संख्या इससे कहीं ज्यादा है।

ये है सरकार से भूपेश के 5 सवाल

1. 48 घंटे बाद भी घटना की अब तक FIR क्यों नहीं?

2. क्या प्रशासन ने फैक्ट्री प्रबंधन से पूछा है कि घटना वाले दिन कितने मजदूर वहां काम पर गए थे?

3. अब तक कितने मजदूर लापता हैं क्योंकि प्रशासन के 8 लोगों के दावे को तो ग्रामीण नकार रहे हैं।

4. क्षमता से अधिक रखी विस्फोटक सामग्री को क्यों निकाला जा रहा है? जांच में विस्फोटक सामग्री की क्या मात्रा दर्ज की जाएगी?

5. प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को जो मुआवज़ा देने की घोषणा की है उसे तो लेने से ग्रामीणों ने इनकार कर दिया है। क्या प्रशासन मुआवजा बढ़ाएगा?

अब तक FIR क्यों नहीं

इस दिल दहलाने वाली घटना में मृतकों के शरीर के चिथड़े उड़ गए हैं। शरीर के अंगों को पॉलीथिन में जमा करके DNA जांच के लिए भेजा गया है लेकिन इतने भयावह हादसे के बाद अब तक FIR दर्ज नहीं हुई है। सवालों के जवाब तो देने होंगे।

अफसर बोले- जांच के बाद FIR

हादसे के बाद घटनास्थल पहुंचे डिप्टी सीएम अरुण साव ने विभागीय अधिकारियों को मामले में दंडाधिकारी जांच कराने की बात कही थी और अधिकारी इस जांच के बाद ही किसी भी तरह की FIR दर्ज करने की बात कह रहे हैं। लेकिन दंडाधिकारी जांच के अधिकारी कौन रहेंगे? वे कब तक रिपोर्ट सबमिट करेंगे? इस सवाल का जवाब विभागीय अधिकारियों के पास नहीं है।