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आज सुबह राजधानी रांची में स्कूली बच्चों को लेकर जा रही बस पलटी,15 बच्चे घायल,एक को लगी सर में चोट

झारखंड डेस्क

राजधानी रांची में आज सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। बच्चों से भरी एक स्कूल बस पलट गई।

 पुलिस ने बताया कि हादसे के समय बस में 30 बच्चे थे। मंदार के सेंट मारिया स्कूल से करीब 100 मीटर दूर एक मोड़ पर बस पलट गई। इस हादसे में 15 बच्चे घायल हो गए हैं।जिसमे एक बच्चे की सिर में चोट लगी है।

मंदार पुलिस स्टेशन के प्रभारी ने बताया कि इस हादसे में लगभग 15 बच्चे घायल हुए हैं। उन्हें मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बस पलटने के बाद एक बच्चे के सिर में चोट भी लग गई है। उसका सीटी स्कैन किया जा रहा है। पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि अन्य सभी बच्चों की स्थिति ठीक है।

ड्राइवर का दोष, बस चलाते समय कर रहा था फोन से बात

एक बच्चे के माता-पिता ने आरोप लगाया कि बस तेज रफ्तार में थी और हादसे के समय ड्राइवर फोन पर किसी से बात कर रहा था। उन्होंने आगे बताया कि आज बस अपने टाइम से 45 मिनट लेट थी। इस वजह से ड्राइवर काफी तेज स्पीड में बस चला रहा था। जब बस पलटी तब वह फोन पर बात कर रहा था।

पुलिस ने बताया कि दुर्घटना के बाद बस का ड्राइवर भाग गया। उसकी तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि छात्र के माता-पिता के आरोपों की पुष्टि करने के अलावा दुर्घटना के सही कारण का पता लगाने के लिए जांच चल रही है। जानकारी के मुताबिक, हादसे के समय बस में 30 बच्चे थे। बस पलटने से 15 बच्चे घायल हो गए हैं। इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ड्राइवर फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है।

रांची में उड़ीसा से मंगाए गये चूजे से आये थे बर्ड फ्लू ू,केंद्रीय जाँच टीम ने दी इसकी जानकारी,पांच कर्मी को अभी भी रखा गया है क्वॉरेंटाइन में

झारखंड डेस्क

झारखंड की राजधानी रांची में मुर्गी में पाए गये बर्ड फ्लू  को लेकर केंद्रीय टीम ने जांच की ।उसके बाद यह बात सामने आई है कि रांची के क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र होटवार में बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लूएंजा) का संक्रमण ओडिशा से पहुंचा था। 

जांच के दौरान पता चला कि होटवार प्रक्षेत्र में ओडिशा से कुछ चूजे मंगाए गए थे। इनमें से लगभग दो दर्जन चूजों की मौत 12 और 13 अप्रैल को हो गई थी।

मृत चूजों का सैंपल कलेक्ट कर कोलकाता भेजा गया था, जहां जांच में बर्ड फ्लू का संदेह होने पर जांच के लिए सैंपल को राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (आईसीएआर) भोपाल भेजा गया। वहां जांच में 22 अप्रैल को बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई। हालांकि, 16 अप्रैल के बाद से किसी भी चूजे की मौत नहीं हुई है।

इधर, संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए दो दिन पहले होटवार प्रक्षेत्र की पक्षियों को नष्ट किया गया था। नष्ट करने वाले पांच कर्मियों को कोरंटाइन कर उन्हें दवाएं दी जा रही हैं। शनिवार को रिम्स और जिला सर्विलांस इकाई की टीम होटवार जाकर संदिग्धों का सैंपल कलेक्ट करेगी।

 इधर, फ्लू की किसी भी संभावना से निपटने के लिए केंद्रीय टीम ने शुक्रवार को रिम्स और सदर अस्पताल में तैयारियों का जायजा लिया। वहां ऑक्सीजन बेड और दवाओं की जानकारी ली।

पांच कर्मी क्वॉरेंटाइन में

एवियन इंफ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) आउटब्रेक की जांच एवं एहतियाती उपायों को लेकर रांची पहुंची केंद्रीय टीम ने शुक्रवार कोच् रिम्स एवं सदर अस्पताल का निरीक्षण किया। दूसरी ओर, संक्रमण के प्रसार को रोकने को लेकर दो दिन पूर्व होटवार फार्म के सभी पक्षियों का निष्तारण किया गया था। निष्तारण करने वाले पांच कर्मियों को क्वॉरेंटाइन कर उन्हें दवाइयां दी जा रहीं हैं।

शनिवार को रिम्स माईक्रोबायोलॉजी विभाग के साथ जिला सर्विलांस इकाई की टीम होटवार जाकर सभी संदिग्धों का सैंपल कलेक्ट करेगी। विभाग का निर्देश है कि निष्तारण के काम में लगे कर्मियों के साथ संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले सभी लोगों एवं उनके परिवार के लोगों का भी कांटैक्ट ट्रेसिंग के आधार पर सैंपल कलेक्ट किया जाए।

ऑक्सीजन बेड व दवा की ली जानकारी

टीम ने सदर अस्पताल में संक्रमितों के उपचार को लेकर बनाए गए आयसोलेशन वार्ड की व्यवस्था देखी। साथ ही में ऑक्सीजन बेड, पीपीई किट, मास्क, एटीवायरल व अन्य दवाओं की उपलब्धता व ऑक्सीजन आदि की जानकारी ली। उसके बाद टीम रिम्स पहुंची।

लैब की स्थिति भी देखी

टीम रिम्स के माईक्रोबायोलॉजी विभाग जाकर टीम ने वहां संचालित लैब की व्यवस्था भी देखी। साथ ही वहां संदिग्धों की जांच को लेकर वीटीएम किट एवं अन्य संसाधनों की उपलब्धता की भी जानकारी ली।

बता दें कि रांची में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से विशेषज्ञों के तीन सदस्यीय दल को रांची भेजा गया है। टीम में नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी), नई दिल्ली के एपिडेमोलॉजिस्ट डॉ नीरज कुमार, एनसीडीसी के डिप्टी डायरेक्टर डॉ बिभाष नंदी एवं नई दिल्ली के सीनियर चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ रजनीश गुप्ता शामिल थे। टीम ने गुरुवार को स्टेट एपिडेमोलॉजिस्ट डॉ प्रवीण कर्ण के साथ होटवार के प्रभावित क्षेत्रों का गहन मुआयना किया था। प्रभावित क्षेत्रों में संक्रमण प्रसार को नियंत्रित करने को लेकर किए जा रहे एहतियाती उपायों का भी जायजा लिया था। यह टीम बर्ड फ्लू के संक्रमण के प्रसार को रोकने को लेकर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों, प्रबंधन दिशा-निर्देशों, प्रोटोकॉल आदि के संदर्भ में राज्य सरकार की आवश्यकतानुसार सहायता करेगी। यहां से लौटने के बाद टीम अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार को देगी।

न्यूनतम मजदूरी की दरों में रिवीजन को लेकर श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग एक की कमेटी गठित

न्यूनतम मजदूरी की दरों में की गई बढ़ोत्तरी के रिवीजन करने को लेकर झारखंड चैंबर के आग्रह पर श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग ने कमेटी गठित की है। 

स‍मिति का अध्‍यक्ष श्रमायुक्त को बनाया गया है। समिति में संयुक्त श्रमायुक्त सह निदेशक न्यूनतम मजदूरी के अलावा झारखंड चैंबर, आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसियेशन, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन, इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस को सदस्य बनाया गया है।

यह समिति न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के प्रावधानों के अनुरूप मजदूरी दर के निर्धारण/संशोधन के लिए तार्किक तथ्य की सिफारिश करेगी। 

इसके लिए विभिन्न राज्यों में मजदूरी दर निर्धारण करने के लिए अपनायी गई प्रक्रियाओं को ध्यान में रखा जायेगा। उप समिति द्वारा अपना विस्तृत प्रतिवेदन एक माह के अंदर प्रस्तुत किया जायेगा।

चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने इस निर्णय के लिए विभागीय सचिव मुकेश कुमार के प्रति आभार जताया। कहा कि राज्य के व्यापारियों और उद्यमियों के अनुकूल न्यूनतम मजदूरी दर के निर्धारण में उचित निर्णय लिये जा सकेंगे।

विदित हो कि चैंबर ने 16 अक्‍टूबर, 2023 को ही विभाग को अपनी आपत्ति और सुझाव दि‍या था। कहा था कि पूर्व की दर से अधिकतम 5 फीसदी वृद्धि ही की जाय। चिंतनीय है कि हमारे प्रतिवेदन पर बिना विचार किये या वार्ता किये, नई दर को अव्यवहारिक रूप से प्रभावी कर दिया गया है। यह भी कहा गया था कि राज्य की न्यूनतम मजदूरी दर अन्य राज्यों से भी अधिक हो गई है।

उछलते- कूदते,लंगूर,भागते यात्री,यह नजारा था टाटा नगर रेलवे स्टेशन का,आतंक मचाते लंगूरों ने दो घंटे तक किया जी आर पी थाने पर भी कब्ज़ा






झारखंड डेस्क झारखंड के टाटा नगर रेलवे स्टेशन का अजीव नज़ारा था।स्टेशन पर एक तरफ लंगूर उछल-कूद कर रहे थे तो दूसरी तरफ यात्री भागते फिर रहे थे।रेलकर्मी भी सहमे हुए थे। झारखंड के टाटानगर स्टेशन का। स्टेशन पर तीन घंटे से ज्यादा समय तक लंगूर ने जमकर उत्पात मचाया। डरे सहमे यात्री वन विभाग की टीम के आने का इंतजार करते रहे। विभाग की टीम पहुंची जरूर पर हर बार की तरह इस बार उसे खाली ही लौटना पड़ा।

इस दौरान लंगूर रेल थाने को घंटे भर अपने कब्जे में ले लिया।लंगूर के डर से जान बचाकर थाना से रेल पुलिसकर्मी उसके बाहर निकलने के बाद ही थाने में प्रवेश कर पाये। टाटानगर में लंगूर के उत्पात की यह नई घटना नहीं है। पहले भी यहां वह यात्री को चोटिल करता रहा है, पर इस बार उसका दायरा प्लेटफॉर्म तक ही सीमित नहीं रहा। हालांकि, लंगूर ने किसी को जख्मी नहीं किया।

शुक्रवार दोपहर लंगूर के कारण टाटानगर रेल थाना और रेलवे पार्सल कार्यालय में भगदड़ मच गई। लंगूर पहले रेल थाना में घुसा। यहां पहल जमीन और कुर्सी एवं टेबल पर चढ़कर बैठ गया। आरपीएफ जवानों ने लंगूर की सूचना पर जीआरपी से किनारा कर लिया। लंगूर के हमले से जख्मी हुए थे दो जवान लंगूर ने एक सप्ताह पूर्व टाटानगर स्टेशन सुरक्षा ड्यूटी आरपीएफ और जीआरपी के जवान को जख्मी किया था। जनवरी से अबतक डेढ़ दर्जन से ज्यादा यात्रियों को जख्मी कर चुका है।

लंगूर हर 10-15 दिन में टाटानगर में रेलकर्मियों व यात्रियों को परेशान कर रहा है। यात्रियों में मची अफरातफरी रेल थाना से निकलकर लंगूर प्लेटफार्म नंबर एक स्थित पार्सल कार्यालय चला गया। यहां कर्मचारी काम छोड़कर एक जगह बैठ गए। यहां से निकलकर लंगूर प्लेटफॉर्म पर पहुंचा। यहां दो घंटे तक प्लेटफार्म पर बैठे रहा। उसे देखते ही यात्रियों में अफरातफरी मच गई। इधर, स्टेशन के अधिकारियों ने वन विभाग को सूचना दी, लेकिन देर शाम तक लंगूर वन विभाग के हाथ नहीं लगा।
बलियापुर ब्लॉक कोऑर्डिनेटर को घूस लेते एसीबी ने किया गिरफ्तार

धनबाद : झारखंड के धनबाद जिले के बलियापुर प्रखंड कार्यालय में ब्लॉक कोऑर्डिनेटर को एंटी करप्शन ब्यूरो ने घूस लेते समय गिरफ्तार किया। गिरफ्तार करने के बाद जयंत को धनबाद लाया गया है, जहां उससे पूछताछ होगी।

आरोप है कि एक ठेकेदार से बिल पास कराने के एवज में जयंत ने पैसों की मांग की थी। ठेकेदार अपने बिल को पास कराने के लिए लगातार दफ्तर के चक्कर लगा रहा था, लेकिन, उसकी बात नहीं सुनी जा रही थी।

ठेकेदार का आरोप है कि उससे बिल पास कराने के एवज में 30 हजार रुपए मांगे गए। इसकी शिकायत उन्होंने एंटी करप्शन ब्यूरो से की। इसके बाद, एसीबी अधिकारियों ने फौरन कार्रवाई करते हुए ब्लॉक कोऑर्डिनेटर जयंत कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

बोकारो झुमरा पहाड़ में नक्सलियों के ठिकाने पर सुरक्षाबलों की छापेमारी, टेंट व चूल्हे को किया गया नष्ट

बोकारो :प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के कमाण्डर बिरसेन उर्फ चंचल व उसके साथियों के झुमरा पहाड़ी क्षेत्र में भ्रमणशील होने की सूचना प्राप्त होने पर सीआरपीएफ, झारखण्ड जगुआर व जिला पुलिस बल को सम्मलित कर एक संयुक्त छापेमारी अभियान चलाया गया. 

छापेमारी के क्रम में थाना प्रभारी ललपनिया व झारखण्ड जगुआर एजी-15 की सर्च टीम लालगढ टोला, लईयोगढ़ा पार कर रही थी कि जंगल की तरफ से एक फायर हुआ. जिसका सर्च टीम के द्वारा पीछा किया गया, लेकिन जंगल का फायदा उठाकर गोली चलाने वाला भाग गया. सर्च टीम के द्वारा तलाशी में एक भरथुआ बंदूक पाया गया.

वहीं अभियान के क्रम में सहायक समादेष्टा CRPF व प्रभारी रहावन ओपी की टीम के द्वारा झुमरा पहाड के जंगल में नक्सलियों के छिपने का ठिकाना का पता लगाया गया. जहां रहने, खाना बनाने, मोर्चा आदि पाया गया. जिसे सर्च टीम के द्वारा विनष्ट कर दिया गया. इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर अग्रतर कार्रवाई की जा रही है. 

वहीं नक्सलियों के विरूद्ध छापेमारी की जा रही है. पुलिस के द्वारा मजल लोडिंग भरथुआ बंदूक बरामद किया गया और उग्रवादियों के द्वारा प्रयोग किए जा रहे मिट्टी का चुल्हा, मचान आदि को अभियान में शामिल सर्च टीम के द्वारा विनिष्ट कर दिया गया.

वहीं छापामारी अभियान में प्रभात कुमार, सहायक समादेष्टा, CRPF, जगदेव पाहन तिर्की, पुलिस निरीक्षक झारखण्ड जगुआर, शशि शेखर कुमार, ओपी प्रभारी, ललपनियां ओपी, जय प्रकाश एक्का, ओपी प्रभारी रहावन ओपी, दीपक कुमार राणा, थाना प्रभारी चतरोचट्टी थाना, रंजीत प्रसाद यादव, थाना प्रभारी महुआटॉड थाना, CRPF, झारखण्ड जगुआर व जिला बल के सशस्त्र जवान शामिल थे.

पुलिस ने रांची के खाद गढ़ा बस स्टैंड से चार लोगों को गांजा के साथ किया गिरफ्तार इसमें दो महिलाएं भी हैं शामिल


झारखंड डेस्क

लोकसभा चुनाव को लेकर 

 प्रशासन झारखंड में मादक पदार्थों की अवैध तस्करी पर लगातार पुलिस कारबाई कर रही है। इसी क्रम में आज चार लोगों को गांजा के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें दो महिलाएं भी हैं। ये गिरफ्तारी गुरुवार को रांची के खाद गढ़ा बस स्टैंड से हुई। पूछताछ में खुलासा हुआ कि इन लोगों ने बनारस की सामूहिक टिकट कटा रखी थी।

ऐसे आया पकड़ में....!

चुनाव को लेकर जिलों की पुलिस अलर्ट है। इसी लिए हर दिन पुलिस वाहन चेकिंग कर रही है। इसी क्रम में रांची पुलिस अधीक्षक को गांजा के अवैध तस्करी होने की सूचना मिली।इस सूचना के बाद नगर पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर रांची के खाद गढ़ा बस स्टैंड में सर्च अभियान चलाया गया। इस दौरान रेखा बस में दो युवकों और दो महिलाओं को गांजा के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में ज्ञात हुआ कि ये सभी ओडिशा से बनारस जा रहे थे।

धुर्वा से इन लोगों ने बनारस के लिए रेखा बस की सामूहिक टिकट कटा रखा था। जांच के क्रम में इन लोगों के पास नगद 1500 रुपये के अलावा, 4 मोबाइल, 3 आधार कार्ड, 43.40 किलो ग्राम गांजा बरामद किया गया है। गिरफ्तार युवकों का नाम सुमित कुमार (उम्र 28 साल), दीप राई (उम्र 30 साल), सुषमा उम्र (46 साल) और अंजना सिंघल उम्र (45 साल) है। पुलिस ये भी पता लगा रही है कि इन लोगों का पूर्व में कोई अपराधिक इतिहास है या नहीं।

इस छापेमारी दल में रांची नगर पुलिस उपाधीक्षक केवी रमन, दयामंद कुमार थाना प्रभारी लोअर बाजार, पुलिस अवर निरीक्षक सुधीर बाड़ा, महिला पुलिस अवर निरीक्षक कविता मंडल, पुलिस अवर निरीक्षक आकाश सिंह, सहायक अवर निरीक्षक भीम सिंह और सहायक अवर निरीक्षक मंटू सिंह शामिल थे।

राज्य सरकार ने रांची नगर निगम को दिया आदेश, कहा बरसात के जल संचयन के लिए आम नागरिक को करें जागरूक

झा. डेस्क

राजधानी रांची की प्यासी धरती को बचाने और भविष्य में भीषण जल संकट से बचाने के लिए वर्षा जल संचयन और संरक्षण की जरूरत है। सतही जल की कमी के कारण भूजल स्तर तेजी से गिर रहा है। यह चिंताजनक है। राज्य सरकार भी इसे लेकर गंभीर है।

 सरकार ने रांची नगर निगम को विशेष रूप से आदेश दिया है कि वह सब कुछ करे और लोगों को वर्षा जल संचयन के बारे में जागरूक करे।

तीन हजार वर्ग फुट से अधिक क्षेत्रफल वाले घरों में वर्षा जल संचयन की आवश्यकता होती है। इस नियम के कारण, हालाँकि सभी घर पानी का उपयोग करते हैं लगभग छह लाख घर बारिश का संचयन नहीं कर रहे हैं।

 नियमानुसार रेन वाटर हार्वेस्टिंग सीमा में 79772 घर हैं। 52668 घरों में वर्षा जल संचयन प्रणाली है। 27104 घरों में वर्षा जल संचयन नहीं है। 

रांची नगर निगम जल्द ही सर्वे कर इन घरों में सिस्टम लगाने का प्रयास करेगा. इन मकान मालिकों को डेढ़ गुना होल्डिंग टैक्स देना होगा।

तपती धरती के लिए वर्षा जल संचयन महत्वपूर्ण है

फिलहाल रांची नगर निगम ने वर्षा जल संचयन के लिए प्रचार-प्रसार अभियान चलाया है। इसके लिए लोगों को शिक्षित करने, सूचना देने और संचार की गतिविधियां भी चल रही हैं।

 करीब 15000 पंपलेट बांटने के साथ ही शहर में 30 स्थानों पर वर्षा जल संचयन से संबंधित होर्डिंग्स भी लगाए जाएंगे। इसके अलावा, घर-घर जाकर वर्षा जल संचयन के फायदे समझाने के लिए गैर सरकारी संगठनों को तैनात किया गया है। 

रांची के लोगों को भी बेंगलुरु की तरह पानी के टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ेगा, लेकिन जल संकट से बचने के लिए लोगों को खुद आगे आना होगा। अब बेंगलुरु में पानी का टैंकर भी दो दिन चलता है।

धनबाद के सरकारी अस्पताल में दवा तो मरीजों को मिलती नही पर एक्सपायर होने पर जला कर किया जाता है नष्ट


धनबादः सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दवा तो दी जाती नही,मरीज पहुंचते हैं तो दवाइयों की कमी का रोना रोया जाता है. फिर मरीजों को दवा नहीं मिलने पर उन्हें मेडिकल स्टोर से खरीदना पड़ता है. वहीं दूसरी ओर जिले में दवाइयां रखे रखे एक्सपायर हो जा रही हैं. यही नहीं दवाइयों के एक्सपायर होने के बाद उन्हें जलाकर लापरवाही का साक्ष्य मिटाने की कोशिश की जाती है.

ताजा मामला बलियापुर प्रखंड के उप स्वास्थ्य केंद्र सलपतरा का है, जहां कैल्शियम, गर्भ निरोधक गोली छाया टैबलेट समेत कई दवाइयां एक्सपायर हो गई हैं, ना तो इसकी जानकारी मेडिकल ऑफिसर को है और ना ही वहां पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों को. केंद्र पर मौजूद एएनएम से इसकी जानकारी ली गई तो उनका जवाब था कि मुझे यहां आए हुए महज दो महीने ही हुए हैं. मुझे इसकी जानकारी नहीं है.

वहीं मामले को लेकर बलियापुर प्रभारी डॉक्टर राहुल कुमार से बात भी बात की गई. उन्होंने बताया कि यह दवाइयां कोरोना संक्रमण काल की हैं. दवा एक्सपायर होने को लेकर जांच टीम गठित कर दी गई है. चार सदस्यीय टीम मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी. रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

अब सवाल यह है कि जिन दवाओं को बीमार लोगों या जरूरतमंद को दिया जाना चाहिए था, वह आखिर एक्सपायर कैसे हो गई. वही दूसरी ओर बात करें तो लोग दवाइयों के लिए सरकारी अस्पतालों में लाइन में लगते हैं. अगर लोग यहां नहीं पहुंचते हैं तो वैसे अस्पतालों में यह दवाइयां वहां क्यों नहीं भेजी गई, जहां दवाओं की किल्लत है. यह लापरवाही नहीं तो आखिर क्या है.

खूंटी लोकसभा: खूंटी इस बार बना रोमांचक मुकाबला का केंद्र,16 महारथियों के बीच अर्जुन मुंडा का ताज़ कितना है सेफ जानने के लिए पढ़िए पुरी खबर...?

झारखंड डेस्क

झारखंड का खूंटी लोकसभा क्षेत्र इस बार रोमांचक मुकाबला के लिए तैयार है। इस लोकसभा से इस बार् 16 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैँ। मुंडा बहुल क्षेत्र खूंटी लोकसभा क्षेत्र भाजपा का गढ रहा है। वर्तमान मे यहाँ से केंद्रीय मंत्री अर्जून मुंडा सांसद हैँ।

खूंटी लोकसभा की पृष्टभूमि


1962 में खूंटी सीट से झारखंड पार्टी के जयपाल सिंह मुंडा पहली बार सांसद बने थे। 1967 में उन्होंने फिर से इस सीट पर चुनाव जीत लिया था। 1971 में भी यह सीट झारखंड पार्टी के ही खाते में गई थी, लेकिन निरल एनेम होरो यहां से सांसद बने थे। 

1977 में जनता पार्टी के करिया मुंडा ने पहली बार यहां से चुनाव जीता था। 1980 में यह सीट फिर से झारखंड पार्टी के खाते में गई थी और निरल एनेम होरो ने यहां से चुनाव जीता था। कांग्रेस पार्टी ने 1984 में पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी। सिमोन टिग्गा यहां से चुनाव जीते थे।

इसके बाद 1989, 1991, 1196, 1998, 1999 और 2004 में इस सीट पर बीजेपी ने ही जीत दर्ज की और करिया मुंडा सांसद रहे। 2004 में कांग्रेस की सुशीला केरकेट्टा ने यहां से जीत दर्ज की, लेकिन 2009, 2014 और फिर 2019 में यह सीट फिर से बीजेपी के खाते में चली गई।

2019 में अर्जून मुंडा यहाँ से सांसद बने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के कालीचरण मुंडा को 1445 वोटों के अंतर से हराया था। अर्जुन मुंडा को 2019 के चुनाव में 381193 वोट प्राप्त हुए थे।

 

 खूंटी लोकसभा में आती हैं 6 विधानसभा सीटें


खूंटी लोकसभा सीट में कुल 6 विधानसभा सीटें हैं जिनके नाम हैं- खरसावन, तमाड़, तोड़पा, खूंटी, सिमडेगा और कोलेबीरा का नाम शामिल है। इन 6 विधानसभा सीटों में कुल 5,98,630 पुरुष वोटर हैं। महिला मतदाताओं की संख्या 6,04,032 हैं। 2019 में कुल वोटरों की संख्या 8,32,377 थी। जिनमें से कुल पुरुष मतदाता 4,10,870 और महिला मतदाता 4,19,556 थीं। 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 69.21% था।

इस बार होगा कड़ा मुकाबला


 यह सीट इस बार काफी रोमांचक चुनावी रण क्षेत्र के रुप में तब्दील हो सकता है। यहां से इस बार चुनावी मैदान में 16 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमाते हुए चुनावी रण में शामिल हो रहे हैं। जिसके कारण वोटों का बटवारा होगा ऐसे हालत में कौन किसका वोट कटेगा और किसके सिर यहाँ का ताज़ सजेगा यह अभी देखना है। क्योंकि अगले चुनाव में बहुत कम अंतर से अर्जुन मुंडा ने कोंग्रेस प्रत्याशी कालीचरण को मात दी थी।

 2024 के लोकसभा चुनाव में कौन कौन उम्मीदवारों हैँ मैदान में...?


1: अर्जुन मुंडा : भारतीय जनता पार्टी

2: काली चरण मुंडा : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

3: बबीता कच्छप : भारत आदिवासी पार्टी

4: अर्पणा हंस : झारखंड पार्टी (एनोस गुट)

5: काशीनाथ सांगा : लोकहित अधिकार पार्टी

6: सोमा मुंडा : अबुआ झारखंड पार्टी

7: बसंत कुमार लोंगा : स्वतंत्र

8: आहलाद केरकेट्टा : स्वतंत्र

9: पास्टर संजय तिर्की : स्वतंत्र

10: जयपाल मुंडा : भागीदारी पार्टी (पी)

11: सुबोध पूर्ति : स्वतंत्र

12: सामुएल पूर्ति : आंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया

13: प्यारा मुंडू : झारखंड पार्टी (एन ई होरो गुट)

14: थॉमस डांग : पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक)

15: सावित्री देवी : बहुजन समाज पार्टी

16: समड़ोम गुडिया : आंबेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया

खूंटी रहा है हमेशा चर्चाओं का केंद्र....!


उल्लेखनीय है कि खूंटी जिला अक्सर सुर्खियों में रहता है। 

संयुक्त बिहार में इसे पहला अनुमंडल बनाया गया था।

 मुंडा बहुल इस जिला में बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के विरुद्ध उलगुलान किया था। 

वर्ष 1890 से लगभग 10 वर्ष तक चले बिरसा आंदोलन का प्रमुख केंद्र खूंटी ही था। 

कोयल- कारो बांध का विरोध भी इसी इलाके में हुआ था।

झारखंड गठन के बाद जनआंदोलन होते रहे। मित्तल कंपनी के स्टील प्लांट और सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ हुए आंदोलनों के लिए भी जाना जाता है। 

किम्बन्दतियां और प्राचीन इतिहास


खूंटी क्षेत्र का पहले नाम खुंति था, लेकिन बाद में इसे बदलकर खूंटी कर दिया गया है। कहा जाता है कि छोटानागपुर के राजा मदरा मुंडा के बेटे सेतिया के आठ बेटे थे। उन्होंने ही एक खुंटकटी गांव की स्थापना की जिसे उन्होंने खुंति नाम दिया और जो बाद में खूंटी हो गया। कुछ जगहों पर इसे महाभारत की कुंती से भी जोड़ा जाता है। यह क्षेत्र क्रांतिकारी नायक बिरसा मुंडा के लिए भी जाना जाता है। बिरसा मुंडा के नेतृत्व में ब्रिटिशों के खिलाफ लंबे समय तक चले संघर्ष को इतिहास में दर्ज किया गया है। इस क्षेत्र में अंगराबारी का शिव मंदिर धार्मिक रूप से बेहद लोकप्रिय जगह है।