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दुमका : सज-धजकर तैयार है पुलिस लाइन मैदान, आयुक्त ने किया निरीक्षण


दुमका : दुमका का पुलिस लाइन मैदान सज धजकर तैयार है। शुक्रवार को गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राष्ट्रीय ध्वज फहराएँगे। सीएम हेमंत सोरेन गुरुवार की शाम दुमका पहुँचे।

गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियों को प्रमंडलीय आयुक्त लालचन्द डाडेल ने गुरुवार को मुख्य कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिया।

उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर साज सज्जा सहित सीटिंग प्लान एवं झांकी निर्माण कार्य ससमय पूरा करने के निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मंचासीन एवं दर्शक दीर्घा में बैठे सभी गणमान्य, आंगतुकों, दर्शकों को आयोजित कार्यक्रम को दखने के लिए सुगम सुविधा हो इस बात का ध्यान रखा जाए।

कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम स्थल परेडग्राउण्ड में आयोजित होने वाले कार्यक्रम की सभी व्यवस्थाओं कोu समय पर पूरा करें तथा कार्यक्रम स्थल पर बैरिकेटिंग, विघुत, पेयजल सहित समुचित व्यवस्थाएं चाक चौबंद रखने का उन्होंने निर्देश दिया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान पार्किंग, यातायात सुरक्षा आदि समुचित व्यवस्थाओं को व्यवस्थित रूप से करने के निर्देश दिया। गणतंत्र दिवस में झांकियों आदि कार्यक्रमों को योजनावार व्यवस्थित ढंग से कराने के साथ ही निमंत्रण के अनुसार गेट पर आने जाने की व्यवस्था एवं वाहन पार्किंग आदि सभी व्यवस्थाएं हों।

इस दौरान उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे, आयुक्त के सचिव, डीआरडीए निदेशक, अपर समाहर्ता, जिला परिवहन पदाधिकारी, नजारत उप समाहर्ता एवं अन्य उपस्थित थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

भाजपा ने किया लोकसभा चुनाव अभियान का शंखनाद, ये होगा पार्टी का खास 'स्लोगन'


डेस्क: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अब काफी कम समय बाकी रह गया है। सभी दल अपनी-अपनी चुनावी तैयारियों में लग गए हैं। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी ने भी 2024 लोकसभा चुनाव ने भी लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार अभियान का शंखनाद कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में चुनाव अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान भाजपा का खास चुनावी स्लोगन भी जारी कर दिया गया है। 

'तभी तो सब मोदी को चुनते हैं'

भाजपा ने चुनावी अभियान के लिए खास स्लोगन तैयार किया है। पार्टी ने स्लोगन दिया है- 'सपने नहीं हकीकत को बुनते हैं-तभी तो सब मोदी को चुनते है'। पार्टी का कहना है कि ये स्लोगन असल में जनता के बीच से ही आया है। पार्टी ने कहा कि जनता की भावना को समझते हुए इस स्लोगन को पार्टी ने अपनाया है। पार्टी ने कहा है कि नया स्लोगन पार्टी की मोदी की गारंटी अभियान का पूरक है। 

बड़ी आबादी की भावनाओं से जुड़ा हुआ स्लोगन

नव मतदाता सम्मेलन के दौरान चुनाव अभियान के लॉंचिंग के समय एक खास वीडियो भी जारी किया गया है। इस वीडियो में बताया गया है कि कैसे पीएम मोदी ने करोड़ों भारतीय लोगों के सपनों को हकीकत में बदल दिया है। भाजपा का मानना है कि पार्टी का चुनावी स्लोगन सिर्फ कुछ लोगों नहीं बल्कि बड़ी आबादी की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से इस अभियान को पूरे देश के लोगों तक पहुंचाने की अपील की है। 

आने वाले दिनों की भी प्लानिंग

भाजपा के इस चुनावी अभियान के कई भाग होंगे। अभियान का मुख्य गाना आज रिलीज किया गया है जो कि बेहद इमोशनल अंदाज में पेश किया गया है। आने वाले दिनों में पार्टी द्वारा चरणबद्ध तरीके से डिजिटल होर्डिंग्स, डिस्प्ले बैनर और डिजिटल फ़िल्में आदि भी रिलीज करने की योजना बनाई गई है। अभियान में इस बात पर जोर किया जाएगा कि पीएम मोदी ने वादा पूरा किया है और इस प्रकार वह स्वाभाविक विकल्प हैं।

हिंडनबर्ग के आरोप हुए फुस्स ! जानिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले और राजनितिक बयानबाज़ी पर क्या बोले अडानी ?


अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने हिंडनबर्ग प्रकरण को याद करते हुए कहा कि उनका ports-to-power साम्राज्य "मजबूत होकर उभरा" है। बता दें कि ठीक एक साल पहले अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर ने समूह के खिलाफ तीखी रिपोर्ट पेश की थी, जिससे भारत की सियासत में बवाल मच गया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस रिपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और अदालत में विरोधी दल, अडानी समूह की कोई गलती साबित नहीं कर सका।  हालाँकि, अडानी पर आरोप लगने की जितनी चर्चा हुई थी, उतनी उनके निर्दोष निकलने की नहीं हुई, सुप्रीम कोर्ट के आर्डर को मीडिया में ज्यादा जगह नहीं मिली। 

अब अडानी ने खुद ही हिंडनबर्ग मामले पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर एक आर्टिकल लिखा है। उन्होंने लिखा है कि, 'मुझे कोई भ्रम नहीं है कि यह ऐसे हमलों का अंत है। मेरा मानना ​​है कि हम इस अनुभव से मजबूत होकर उभरे हैं और भारत की विकास गाथा में अपना विनम्र योगदान जारी रखने के अपने संकल्प में और अधिक दृढ़ हैं।' उल्लेखनीय है कि 25 जनवरी, 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अपनी रिपोर्ट जारी करने के बाद अडानी समूह की अधिकांश कंपनियों ने अपने घाटे की भरपाई कर ली है।

संदर्भ के लिए, अमेरिकी लघु-विक्रेता की रिपोर्ट में समूह पर धोखाधड़ीपूर्ण प्रथाओं और स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाया गया। इस रिपोर्ट के कारण संयुक्त बाजार पूंजीकरण में 150 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी और यहां तक कि समूह को अपनी प्रमुख कंपनी, अदानी एंटरप्राइजेज के लिए 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। हालांकि अडानी समूह ने आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया, लेकिन इससे न केवल अडानी समूह के शेयरों में गिरावट आई बल्कि यह राजनीतिक बहस का मुद्दा भी बन गया।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक जांच शुरू की गई थी, जिसे बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा एक और समानांतर जांच के अलावा, मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र समिति का गठन करना पड़ा था। स्थिति के अनुसार, अदानी के खिलाफ हिंडनबर्ग का कोई भी आरोप अब तक साबित नहीं हुआ है। गौतम अडानी ने सुझाव दिया कि हिंडनबर्ग प्रकरण सिर्फ वित्तीय बाजारों पर हमले से कहीं अधिक था। अडानी ने लिखा कि, "शॉर्ट-सेलिंग हमलों का प्रभाव आम तौर पर वित्तीय बाजारों तक ही सीमित होता है। हालांकि, यह एक अद्वितीय द्वि-आयामी हमला था: एक वित्तीय, निश्चित रूप से, और एक जो राजनीतिक क्षेत्र में खेला गया, प्रत्येक दूसरे को नुकसान पहुंचा रहा था।'' 

अडानी ने आगे कहा कि अगर हिंडनबर्ग की योजना सफल हो जाती, तो इससे देश के लिए "विनाशकारी स्थिति" पैदा हो जाती। अडानी ने कहा कि, "अगर हमारे विरोधियों की योजना पूरी तरह से सफल हो जाती, तो डोमिनो प्रभाव कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की संपत्तियों, बंदरगाहों और हवाई अड्डों से लेकर बिजली आपूर्ति श्रृंखलाओं तक को पंगु बना सकता था - जो किसी भी देश के लिए एक भयावह स्थिति है।" हालाँकि, अदानी ने आगे लिखा कि पिछले साल के परीक्षणों और कठिनाइयों ने हमें मूल्यवान सबक सिखाया है, हमें मजबूत बनाया है और भारतीय संस्थानों में हमारे विश्वास की पुष्टि की है।" अदाणी ने कहा, "हालांकि हम पर यह कुटिल हमला - और हमारे मजबूत जवाबी कदम - निस्संदेह एक केस स्टडी बनेंगे, मुझे अपनी सीख साझा करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि, आज हम थे, कल कोई और हो सकता है।"

दुमका : JGGLCCE की परीक्षा में नकल करते पकडे जाने पर 2 साल से आजीवन कारावास तक की सजा, 28 जनवरी व 4 फरवरी को होगी परीक्षा

दुमका : झारखण्ड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता (JGGLCCE -2023) की परीक्षा 28 जनवरी एवं चार फरवरी को होगी। परीक्षा के सफल आयोजन को लेकर दुमका जिला में 22 केंद्र बनाये गए है। सभी परीक्षा केन्द्र जिला मुख्यालय एवं आस-पास में बनाये गए है। दुमका जिला में बनाये गए सभी 22 परीक्षा केन्द्रों में कुल 7572 अभ्यर्थी शामिल होंगे। कदाचार मुक्त परीक्षा को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे एवं सभी केंद्रों में कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे ने कहा कि सभी परीक्षा केन्द्रों की कुल 7572 अभ्यर्थियों की क्षमता है। सभी केन्द्रों के लिए स्टेटिक मजिस्ट्रेट-सह-केन्द्र पर्यवेक्षक एवं पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट पुलिस बल के साथ प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके साथ ही फ्लाइंग स्क्वॉड एवं गश्ती दण्डाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।

उन्होंने कहा कि सभी केन्द्रों के 200 मीटर के दायरे में परीक्षा के दिन धारा 144 लागू रहेगी। सभी केन्द्रों पर परीक्षा की तिथि को सीसीटीवी एवं जैमर का अधिष्ठापन किया जायेगा।परीक्षार्थियों को मोबाईल, कैलकुलेटर, स्मार्ट वाच, किसी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाना प्रतिबंधित रहेगा। सभी परीक्षार्थियों की प्रवेश द्वार पर जाँच की जायेगी। सहयोग के लिए महिला पुलिस कर्मियों की भी प्रतिनियुक्ति की गई है। सभी परीक्षार्थियों की परीक्षा केन्द्रों पर बायोमैट्रिक जाँच भी की जायेगी।

उन्होंने कहा कि दुमका जिला प्रशासन, झारखण्ड कर्मचारी चयन आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार स्वच्छ एवं शांतिपूर्ण वातावरण में कदाचारमुक्त परीक्षा कराने हेतु प्रतिबद्ध है। परीक्षा में किसी प्रकार का अनुचित साधन का उपयोग प्रकाश में आने पर संबंधित परीक्षार्थी के विरूद्ध झारखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं निवारण के उपाय) अधिनियम, 2023 की धारा 12 से 16 के तहत् दण्ड अधिरोपित करने की कार्रवाई की जायेगी जिसमें दो साल की सजा से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा है।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

बजट 2024: आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में सामाजिक सरोकार पर सरकार करेगी अधिक खर्च, पीएम आवास और आयुष्मान भारत पर रहेगा फोकस


नई दिल्ली। आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में सामाजिक सरोकार पर सरकार अधिक खर्च करने जा रही है। आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री आवास योजना, पेयजल जैसी अन्य सामाजिक सेवाओं से जुड़े मदों में सरकार चालू वित्त वर्ष की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक राशि का आवंटन कर सकती है। चालू वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में सरकार ने सामाजिक सेवाओं से जुड़े मदों में 22.4 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया था।

6.6 लाख करोड़ का आवंटन

वित्त वर्ष 2013-14 में सामाजिक सेवाओं से जुड़े मदों में सिर्फ 6.6 लाख करोड़ का आवंटन किया गया था। इस हिसाब से वित्त वर्ष 2013-14 से लेकर चालू वित्त वर्ष में सामाजिक सरोकार से जुड़े मदों में सालाना 14.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक, आयुष्मान भारत मिशन के साथ स्वच्छता अभियान, पीएम आवास, पेयजल सुविधा जैसी स्कीम पर फोकस से व्यक्तिगत रूप से स्वास्थ्य पर होने वाले जेब से बाहर (आउट ऑफ पाकेट) खर्च में वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 2019 के दौरान 16 प्रतिशत की कमी आई है।

40 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास अपना घर नहीं

स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च के लिए कर्ज में कमी से लोगों की आय बढ़ी है और इससे ग्रामीण खपत में बढ़ोतरी हुई।सूत्रों के मुताबिक, आयुष्मान भारत में अभी पांच लाख रुपए तक के हेल्थ इंश्योरेंस का कवर दिया जाता है जिसे बढ़ाकर 7.5 लाख रुपए तक किया जा सकता है। सभी को आवास मुहैया कराने पर सरकार का विशेष जोर रह सकता है। नीति आयोग के मुताबिक, अब भी 40 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास अपना घर नहीं है।

जीडीपी को बढ़ाने में मिलेगी मदद

आर्थिक जानकारों के मुताबिक, सामाजिक सरोकार जैसे मदों में खर्च की बढ़ोतरी से लोगों के जीवन स्तर को ऊपर ले जाने में मदद मिलती है जिससे लोगों की उत्पादकता बढ़ती है और देश के जीडीपी को बढ़ाने में मदद मिलती है। इसलिए सरकार का फोकस इस दिशा में है।

मनरेगा के मद में भी बढ़ोतरी संभव

चालू वित्त वर्ष के बजट के आरंभ में मनरेगा के मद में सिर्फ 60,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था जिसे पूरक अनुमोदन में बढ़ाकर 74,500 करोड़ कर दिया गया। लेकिन मनरेगा के मद में होने वाले खर्च को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के आखिर तक इस मद में 98,000 करोड़ तक खर्च होने का अनुमान है। आगामी वित्त वर्ष के लिए सरकार इस खर्च को देखते हुए ही मनरेगा के मद में आवंटन करेगी।

अयोध्या के नए राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए कैबिनेट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का किया अभिनंदन



रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ओर से कैबिनेट के सामने पेश प्रस्ताव में इसे भारत की आत्मा की प्राण प्रतिष्ठा बताया गया।

नई दिल्ली। अयोध्या के नए राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए कैबिनेट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन किया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की ओर से कैबिनेट के सामने पेश प्रस्ताव में इसे भारत की आत्मा की प्राण प्रतिष्ठा बताया गया। कठिन अनुष्ठान के साथ प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के सफल आयोजन को ऐतिहासिक बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी को युग प्रवर्तक बताया गया।

प्राण प्रतिष्ठा के साथ नए युग की शुरुआतः अनुराग ठाकुर

कैबिनेट में पारित प्रस्ताव की जानकारी देते हुए सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि जनता के बीच लोकप्रियता को देखते हुए प्रधानमंत्री जननायक तो पहले से हैं, लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के साथ नए युग की शुरुआत के बाद नवयुग प्रवर्तक के रूप में सामने आए हैं।कैबिनेट में बैठे मंत्रियों ने प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि हजार सालों तक बरकरार रहने वाले मंदिर निर्माण और इससे हजार सालों तक देश को दिशा मिलने का काम होने के बाद हुई हुई कैबिनेट की पहली बैठक को भी सहस्त्राब्दी की कैबिनेट (कैबिनेट ऑफ मिलेनियम) कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।

कैबिनेट ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया

कैबिनेट के सदस्यों ने कहा कि हम सिर्फ मंत्री के रूप में नहीं, बल्कि भारत के एक सामान्य नागरिक रूप में आभार व्यक्त करते हैं। अनुराग ठाकुर के अनुसार प्रस्ताव में कहा गया है कि प्राण प्रतिष्ठा के दौरान उमड़ा जनसैलाब और उनके भावनाओं का उभार अद्वितीय था। आपातकाल के खिलाफ आंदोलन के दौरान आम लोगों के बीच एकता जरूर देखी गई थी, लेकिन वह एकता सिर्फ एक तानाशाह के खिलाफ और प्रतिरोधी आंदोलन की थी। भगवान राम के लिए उभरा जन सैलाव एक नए युग के प्रवर्तन का संकेत है।

प्रस्ताव में राम जन्मभूमि आंदोलन की चर्चा

प्रस्ताव के अनुसार राम जन्मभूमि आंदोलन स्वतंत्र भारत का एकमात्र आंदोलन था, जिसमें पूरे देश के लोग एकजुट हुए थे और करोड़ों भारतीयों की भावनाएं जुड़ी हुई थी। प्राण प्रतिष्ठा के दिन भावनाओं का ज्वार भी इसी से जुड़ा है। राम को भारत की नियति बताने वाले प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का उल्लेख करते हुए प्रस्ताव में कहा गया कि इस नियति का वास्तव में मिलन 22 जनवरी को हुआ है।इसके बाद हुई पहली बैठक में शामिल होने पर मंत्रियों ने खुद को सौभाग्यशाली बताया और कहा कि ऐसा सौभाग्य कई जन्मों में एक बार मिलता है। प्रस्ताव में कहा गया कि स्वतंत्र भारत में होने वाली कैबिनेट की बैठकों में ही नहीं, बल्कि अंग्रेजी शासन काल में वायसराय की एक्जीक्यूटिव कौंसिल की बैठकों में भी ऐसा अवसर नहीं आया होगा।

हेल्थ टिप्स:वजन कम करना चाहते है तो नाश्ते में खाएं ये हेल्दी चीजे,तेजी से घटने लगेगा वजन

ब्रेकफास्ट यानी यानी सुबह का नाश्ता ब्रेकफास्ट को पूरे दिन का सबसे जरूरू मील माना जाता है. सुबह का नाश्ता बॉडी में दिनभर एनर्जी बनाकर रखता है. सुबह का नाश्ता ठीक से न खाने से पूरे दिन बार-बार भूख लगती है. वजन घटाने वाले ज्यादातर लोग अपने ब्रेकफास्ट को स्किप करते हैं. वही, कुछ लोग अपनी डाइट में प्रोटीन लेना शुरू कर देते हैं, जिससे उन्हें बार-बार भूख नहीं लगती और लंबे समय तक पेट भरा रहता है।

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें को प्रोटीन फैट लॉस में बड़ी भूमिका निभाता है. इसके अलावा,ये मेटाबॉलिक रेट को भी हाई रखता है. आज यहां हम आपको कुछ ऐसी डिशेज के बारे में बताने वाले हैं, जो वजन कम करने वाले लोगों के लिए परफेक्ट मील हैं.

दलिया

दलिया को सुपरफूड भी कहा जाता है. ये खाने में जितना हेल्दी होता है, पचने में भी उतना ही आसान ही होता है. इसे खाने से बार-बार भूख नहीं है. सुबह के नाश्ते में दलिया खाकर वजन कम किया जा सकता है. अगर आप मीठा दलिया नहीं खाना चाहते हैं तो नमकीन भी बना सकते हैं.

पोहा

पोहा उत्तर भारत में खूब खाया जाता है. पोहा लो कैलोरी फूड माना जाता है. स्वाद और हेल्थ में पोहा अच्छा माना जाता है. पोहा बनाने के दौरान कई मसालों और सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे शरीर को कई सारे न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं.

उपमा

साउथ इंडियन डिश उपमा भी खाने में बेहद टेस्टी लगता है. इसे पचाना भी आसान होता है. उपमा को लाइट नाश्ता माना जाता है, जो वेट लॉस के लिए जाना जाता है. ये कुछ ही मिनटों में तैयार हो जाता है.

अंडे की भुजिया

प्रोटीन के सबसे रिच सोर्स में अंडे को शामिल किया जाता है. सुबह के हेल्दी ब्रेकफास्ट में अंडे की भुजिया का ऑमलेट को शामिल किया जा सकता है. इसमें आप अपनी मनपसंद की सब्जियां बना सकते हैं.

डिटेल में जानिए, कौन है कर्पूरी ठाकुर? जिन्हे मिलेगा 'भारत रत्न' राष्ट्रपति भवन से बयान भी हो गया है जारी


 केंद्र सरकार ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की गई है। इस सिलसिले में राष्ट्रपति भवन की तरफ से बयान जारी कर ये जानकारी दी गई। राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि भारत सरकार को बताते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिवंगत कर्पूरी ठाकुर को दिया जा रहा है। वह भारतीय राजनीति में सामाजिक न्याय के पुरोधा और एक प्रेरणादायक शख्सियत थे। यह सम्मान समाज के वंचित वर्ग के उत्थान में कर्पूरी ठाकुर के जीवनभर के योगदान एवं सामाजिक न्याय के प्रति उनके अथक प्रयासों को श्रद्धांजलि है। 

कर्पूरी ठाकुर की बुधवार को होने वाली 100वीं जन्म जयंती से पहले उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से नवाजे जाने की घोषणा की गई है। जदयू ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग की थी। इस घोषणा के पश्चात् जदयू ने मोदी सरकार का आभार जताया है। कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने कहा कि हमें 36 साल की तपस्या का फल प्राप्त हुआ है। मैं अपने परिवार और बिहार के 15 करोड़ो लोगों की ओर से सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं।

कौन थे कर्पूरी ठाकुर?

कर्पूरी ठाकुर का जन्म समस्तीपुर जिले के पितौझिया गांव में हुआ था। पटना से 1940 में उन्होंने मैट्रिक परीक्षा पास की तथा स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े थे। कर्पूरी ठाकुर ने आचार्य नरेंद्र देव के साथ चलना पसंद किया। तत्पश्चात, उन्होंने समाजवाद का रास्ता चुना एवं 1942 में गांधी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया। इसके चलते उन्हें जेल में भी रहना पड़ा। वर्ष 1945 में जेल से बाहर आने के पश्चात् कर्पूरी ठाकुर आहिस्ता-आहिस्ता समाजवादी आंदोलन का चेहरा बन गए, जिसका मकसद अंग्रेजों से स्वतंत्रता के साथ-साथ समाज के अंदर पनपे जातीय व सामाजिक पक्षपात को दूर करने का था ताकि दलित, पिछड़े और वंचित को भी एक सम्मान की जिंदगी जीने का हक मिल सके।

कर्पूरी ठाकुर 1952 में ताजपुर विधानसभा क्षेत्र से सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर जीतकर MLA बने थे। 1967 के बिहार विधानसभा चुनाव में कर्पूरी ठाकुर के नेतृत्व में संयुक्त सोसलिस्ट पार्टी बड़ी ताकत बन कर उभरी थी, जिसका परिणाम था कि बिहार में पहली बार गैर-कांग्रेस पार्टी की सरकार बनी। महामाया प्रसाद सिन्हा सीएम बने तो कर्पूरी ठाकुर डिप्टी सीएम बने तथा उन्हें शिक्षा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया था। कर्पूरी ठाकुर ने शिक्षा मंत्री रहते हुए छात्रों की फीस समाप्त कर दी थी तथा अंग्रेजी की अनिवार्यता भी समाप्त कर दी थी। कुछ वक़्त बाद बिहार की राजनीति ने ऐसी करवट ली कि कर्पूरी ठाकुर सीएम बन गए। 

वही इसके चलते वो 6 महीने तक सत्ता में रहे। उन्होंने उन खेतों पर मालगुजारी समाप्त कर दी, जिनसे किसानों को कोई मुनाफा नहीं होता था, साथ ही 5 एकड़ से कम जोत पर मालगुजारी खत्म कर दी गई तथा साथ ही उर्दू को राज्य की भाषा का दर्जा दे दिया। तत्पश्चात, उनकी राजनीतिक ताकत में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई तथा कर्पूरी ठाकुर बिहार की सियासत में समाजवाद का एक बड़ा चेहरा बन गए। उन्होंने मंडल आंदोलन से भी पहले सीएम रहते हुए पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था। लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं राम मनोहर लोहिया इनके राजनीतिक गुरु थे।

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु, जिले की सीमाओं को करना पड़ा सील, उच्च अधिकारियों ने संभाला मोर्चा


अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का दर्शन करने के लिए मंगलवार को भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने लोगों को किसी तरह संभालने की कोशिश की। इसके बाद भी जब भक्त बेकाबू हुए तो हल्का बल प्रयोग कर किसी तरह उन्हें रोका गया। मामला बिगड़ता देख कमिश्नर, आईजी और एडीजी भी मौके पर पहुंचे और हाथों में लाउडस्पीकर लेकर भक्तों से शांति बनाए रखने की अपील करते रहे। कुछ देर में डीजी प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी राम मंदिर पहुंच गए हैं। खुद भीड़ को संभालने के लिए मोर्चा संभाल लिया। वहीं, भारी भीड़ को देखते हुए दूसरे जिलों से अयोध्या आने वाले रास्तों पर भी गाड़ियों को रोका जा रहा है। उन्हें अयोध्या में भारी भीड़ होने की जानकारी देकर किसी औऱ दिन आने की अपील की जा रही है।

रामलला दर्शन को जुटे लाखों भक्त, पुलिस हलकान, योगी का हवाई सर्वे

राम मंदिर पर मंगलवार की सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ पहुंच गई थी। मंदिर खुलते ही लोग अंदर जाने को आतुर दिखाई दिए। साढ़े 11 बजे मंदिर बंद हुआ तो भीड़ और ज्यादा बढ़ गई। दो बजे मंदिर खुला तो रामपथ पर भक्त बेकाबू हो गए। हर कोई जल्द से जल्द दर्शन करने को आतुर दिखाई दिया। इससे पुलिस वालों को उन्हें संभालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने में एसएसबी और आरएएफ के जवान भी अपने आप को असहाय महसूर करने लगे।

जन्मभूमि पथ पर पांच सौ मीटर की दूरी में तीन खंडों में रिट्रैक्टबिल गेट लगाकर श्रद्धालुओं को रोकने की कोशिश की गई। लेकिन भीड़ के दबाव में यह गेट टूट गया। इससे काफी श्रद्धालु ही नहीं पुलिसकर्मी भी चोटहिल हुए। बैरीकेडिंग को पार कर श्रद्धालु अंदर घुसे तो 11.30 बजे आरती के लिए कुछ देर मंदिर में दर्शन बंद किया गया लेकिन भीड़ जमी रही तो दोबारा दर्शन शुरू करा दिया गया।

करीब दो बजे अंदर और बाहर दोनों जगह भक्तों की भारी भीड़ बेकाबू होने लगी तो पुलिस ने लाठियां बरसानी शुरू कर दी। भक्तों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और हवा में लाठियां लहराई। इससे भगदड़ भी मची और कई लोग फिसलकर घायल हो गए। भीड़ में फंसी कुछ बुजुर्ग महिलाओं को किसी तरह पुलिस वालों ने बाहर निकाला। 

मंडलायुक्त, एडीजी और आईजी पहुंचे

लाठियां बरसाने से हुई भगदड़ के बाद मंडलायुक्त और आईजी भी पहुंचे और व्यवस्था का जायजा लिया। जन्मभूमि पथ पर भीड़ का दबाव को देखते हुए श्रद्धालुओं को लाउडस्पीकर से धैर्य रखने को खुध एडीजी जोन पीयूष मोडिया अपील करते रहे। मंडलायुक्त गौरव दयाल और आईजी प्रवीण कुमार मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंचे। अधिकारयों ने व्यवस्था का जायजा लिया। गेट पर मौजूद जिम्मेदारों को आवश्यक निर्देश दिए। इसके बाद राम भक्तों की भारी भीड़ और व भीड़ के बढ़ते दबाव को देखते हुए मुख्य प्रवेश द्वार से लाइन लगाकर एक-एक भक्त को प्रवेश देने का कार्य शुरू कर दिया गया है। अब एक-एक करके राम भक्तों को भीतर प्रवेश दिया जाने लगा। हालांकि कुछ देर बाद ही यह सिलसिला टूट गया और भक्त बेकाबू होकर एक साथ अंदर घुस गए।

भारत से राजनयिक विवाद के बीच मालदीव ने फिर चली उल्टी चाल, चीन के जासूसी जहाज को घुसने की दी इजाजत


 भारत से राजनयिक विवाद के बीच मालदीव ने एक बार फिर उल्टी चाल चली है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपना मित्र बताने वाले मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के खिलाफ नई साजिश रची है। उन्होंने चीन के जासूसी जहाज को अपने क्षेत्र में घुसने की इजाजत दे दी। भारत से तनावपूर्ण संबंधों के बीच मालदीव ने चीनी जहाज के माले आने की पुष्टि करते हुए कहा कि मित्र राष्ट्रों के जहाजों का स्वागत है। चीनी जहाज के कुछ हफ्तों में मालदीव पहुंचने की संभावना है। इसने भारत की चिंता बढ़ा दी है भारत की चिंता इसलिए भी गंभीर है क्योंकि पिछले साल चीन ने अपने जासूसी जहाज को श्रीलंकाई धरती पर उतारा था, तब भी काफी बवाल हुआ था।

मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद से मोहम्मद मुइज़ू के उठाए कदम भारत के खिलाफ ही रहे हैं। मालदीव का सर्वेसर्वा बनने से पहले उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय सेना की आलोचना की थी और जीतने पर भारतीय सेना को देश से बाहर करने का वादा भी किया था। राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने किया भी ऐसा ही। मुइज्जू सरकार ने भारत को सेना के वापस चले जाने के लिए 15 फरवरी तक का वक्त दिया है। इतना ही नहीं मालदीव की परंपरा को तोड़ते हुए मालदीव के राष्ट्रपति भारत न जाकर चीन दौरे पर गए। इसी महीने मुइज्जू ने शी जिनपिंग से मुलाकात की थी, यह उनकी पहली राजकीय यात्रा भी थी। 

एक स्वतंत्र खुफिया शोधकर्ता और ओपन सोर्स डेटा के अनुसार, एक चीनी जासूसी जहाज के जल्द ही मालदीव पहुंचने की संभावना है। बता दें कि चीनी जासूसी जहाज पिछले साल श्रीलंकाई धरती पर उतरा था, जिसके बाद चीनी जहाज पर भारत की जासूसी करने के आरोप भी लगे थे। चीन ने इस बार मालदीव के सहारे भारत पर निशाना साधने की कोशिश की है।

चीन के पास रिसर्च और जासूसी क्षेत्रों में जहाजों का सबसे बड़ा बेड़ा है, जिसके बारे में विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह वैज्ञानिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों की पूर्ति करने में सक्षम है। रिपोर्ट के अनुसार, चीनी पोत जियांग यांग होंग 03 "हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है और माले की ओर कदम बढ़ा चुका है। उधर, मालदीव ने भी पुष्टि कर दी है कि चीनी जहाज को उसने अपने क्षेत्र में आने की इजाजत दे दी है। मालदीव ने आधिकारिक बयान में कहा कि मित्र राष्ट्र चीन का उसके क्षेत्र में स्वागत है। उधर, हिन्द महासागर में चीन की उपस्थिति ने भारत की चिंता बढ़ा दी है।

चीनी जहाज कब निकला और कब पहुंचेगा मालदीव

शिपस्पॉटिंग पोर्टल Marinetraffic.com के आंकड़ों के अनुसार , जियांग यांग होंग 03 पोत 16 जनवरी को चीनी बंदरगाह से माले के लिए रवाना हुआ था। वर्तमान में जावा सागर में मंडराते हुए जहाज के 8 फरवरी के आसपास मालदीव पहुंचने की उम्मीद है, हालांकि उम्मीद यह भी है कि जहाज 30 जनवरी तक भी पहुंच सकता है। 

हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि भारत ने चीन के जासूसी जहाज की यात्रा पर मालदीव के साथ आपत्ति व्यक्त की है या नहीं, लेकिन नई दिल्ली सरकार ने पहले भी ठोस कदम उठाए थे, जब चीनी जहाज ने पड़ोसी देश श्रीलंका का दौरा किया था। रक्षा सूत्रों का कहना है कि भारतीय नौसेना जहाज की गतिविधि पर नजर रख रही है।