जानिए, कौन है 'मुस्लिम सूरदास'? जिन्हे मिला अयोध्या में राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा में आने का न्योता
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम को मानने वाले केवल हिन्दू धर्म के ही नहीं है, बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में आदर्श मानते हैं। इनमें ही एक हैं मध्य प्रदेश के खंडवा जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर बसे ग्राम हापला-दीपला के एक मुस्लिम कवि अकबर ताज मंसूरी हैं। नेत्रहीन अकबर ताज प्रभु श्री राम पर रचनाएं लिखते-गाते हैं। वह देशभर में श्रीराम के चरित्र का गुणगान करते रहते हैं। 'मुस्लिम सूरदास' बोले जाने वाले अकबर ताज को अयोध्या राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रण दिया गया है।
अकबर ताज बोलते हैं कि प्रभु श्रीराम सबके हैं तथा उनका अवतार मानव जाति की भलाई के लिए हुआ था। प्रभु श्री राम को लेकर उनके इस प्रेम को देखकर जगद्गुरु संत रामभद्राचार्य ने 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले विशेष आयोजन में प्रस्तुति देने के लिए इस सूरदास कवि अकबर ताज को आमंत्रित किया है। अकबर ताज अयोध्या जाने के लिए बहुत उत्साहित हैं। खंडवा के अकबर ताज दिल्ली, जयपुर, हैदराबाद, लखनऊ व सूरत समेत देशभर के हिंदी मंचों पर रचनापाठ कर चुके हैं। रामलला पर आधारित उनकी रचनाओं ने उन्हें खूब सम्मान दिलाया। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर वह खुश हैं। वह कहते हैं कि प्रभु श्रीराम का जीवन चरित्र हमें मर्यादा में जीने की सीख देता है। उन्होंने पिता की आज्ञा का पालन करते हुए 14 साल का वनवास सहर्ष स्वीकार कर लिया। ऐसा व्यक्तित्व आज कहां देखने को मिलता है।
42 वर्षीय ताज ने कहा कि 14 जनवरी को यूपी के अयोध्या पहुंचेंगे तथा प्रभु श्रीराम पर कविता पाठ करेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं पूरे देश में जगह-जगह जाता रहता हूं, मगर अयोध्या में राम जी भद्राचार्य (हिंदू आध्यात्मिक नेता) की तरफ से आमंत्रित किए जाने पर मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं कई अन्य कार्यक्रम छोड़कर वहां जा रहा हूं।' ताज बचपन से ही प्रभु श्रीराम की स्तुति में कविताएं और भजन लिख और उनका पाठ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह एक बहुत निर्धन परिवार से हैं तथा एक 'कच्चे' घर में रहते हैं।
Jan 09 2024, 12:39