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मिजोरम के सीएम लालदुहोमा का ऐलान- म्यांमा के शरणार्थियों को सरकार देती रहेगी सहायता

डेस्क: मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के सहयोग से म्यांमा के शरणार्थियों और मणिपुर के आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को सहायता प्रदान करना जारी रखेगी। लालदुहोमा ने दिल्ली से लौटने के बाद शनिवार को आइजोल में मीडिया से कहा, "भले ही केंद्र सरकार म्यांमा के नागरिकों को शरणार्थी का दर्जा नहीं दे सकती, लेकिन वह उन्हें राहत प्रदान करने में हमारे साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।" लालदुहोमा ने कहा कि जातीय हिंसा के कारण अपने घर छोड़कर भागे मणिपुर के लोगों की भी मदद की जाएगी। 

म्यांमा के 31 हजार और मणिपुर के 9 हजार शरणार्थी

अधिकारियों के अनुसार, म्यांमा में सेना द्वारा तख्तापलट किए जाने के बाद फरवरी 2021 से चिन समुदाय के 31 हजार से अधिक लोग मिजोरम में शरणार्थी के तौर पर रह रहे हैं। मणिपुर के 9 हजार से अधिक आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों ने भी मिजोरम में शरण ली हुई है। म्यांमा का चिन समुदाय और मणिपुर का कुकी-जो समुदाय मिजोरम के लोगों के साथ जातीय संबंध साझा करते हैं।

भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़बंदी का फैसला रद्द कर सकती है सरकार

मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार भारत-म्यांमा सीमा के एक हिस्से पर बाड़ लगाने के अपने फैसले को रद्द कर देगी। केंद्र सरकार ने हाल में कहा था कि वह म्यांमा के साथ 300 किलोमीटर लंबी बिना बाड़ वाली सीमा पर बाड़ लगाने और मुक्त आवाजाही व्यवस्था को समाप्त करने की योजना बना रही है। इस अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए दोनों ओर रहने वाले लोग बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर भीतर तक यात्रा कर सकते हैं। 

गृहमंत्री शाह ने नागरिकों को वापस ना भेजने की कही बात

गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा को सूचित किया था कि जबतक म्यांमा में सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो जाती, तबतक फरवरी 2021 के बाद शरण की आस में आए नागरिकों को वापस नहीं भेजा जाएगा। बयान के मुताबिक दिल्ली में हुई बैठक में शाह ने लालदुहोमा से विदेशियों के बायोमेट्रिक आंकड़े एकत्र करने के महत्व पर चर्चा की। मिजोरम की पूर्ववर्ती सरकार ने विदेशियों का बायोमेट्रिक आंकड़े एकत्र करने से इनकार कर दिया था।

गगनयान मिशन: 2025 में ISRO अंतरिक्ष में भेजेगा इंसान, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया पूरा प्लान

डेस्क: आदित्य एल1 मिशन की सफलता के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अपने अगले बड़े मिशन की तैयारी में जुट गया है। इसरो के लिए अब बड़ा मिशन अंतरिक्ष में इंसान भेजने का है। इस मिशन को साल 2025 में लॉन्च किया जाएगा और इसे गगनयान नाम दिया गया है। लेकिन इसके लिए अभ्यास अभी से शुरू हो गया है। इस साल मिशन गगनयान से जुड़े कई बड़े काम होने हैं।

मिशन गगनयान के के लिए यह साल बेहद ही महत्वपूर्ण रहने वाला

इसके बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि मिशन गगनयान के के लिए यह साल बेहद ही महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस साल इस मिशन से जुड़ी परीक्षण उड़ानें की जाएंगी। किसी इंसान को अंतरिक्ष में भेजना महत्वपूर्ण और रोमांचक है। उन्होंने कहा कि इंसान को सुरक्षित और स्वस्थ वापस लाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। हमारे पास एक क्रू मॉड्यूल और एक ऑपरेशन मॉड्यूल है और परीक्षण उड़ानें यह सुनिश्चित करेंगी कि ये सभी कार्य वैसे ही होंगे जैसे हमने कल्पना की है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गगनयान की उड़ान से पहले इसरो एक महिला रोबो वॉयो मित्राको अंतरिक्ष भेजेगा। यह रोबोट अंतरिक्ष में वह सभी काम करेगा, जो किसी इंसान के द्वारा बाद में किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी तैयारी तेज गति से चल रही है और चंद्रयान-3 तथा आदित्य एल1 के बाद हमारे वैज्ञानिकों के इस मिशन में भी सफलता मिलने वाली है।

5 सालों तक सौरमंडल की स्टडी करेगा आदित्य एल1

बता दें कि आदित्य एल1 अगले 5 सालों तक सौरमंडल की स्टडी करेगा। यह भारत की पहली अंतरिक्ष ऑब्जर्वेटरी है और इसको सफलतापूर्वक ऑर्बिट में पहुंचाने के लिए इसरो के वैज्ञानिक लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं। 2023 में चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से पूरी दुनिया में अपनी काबिलियत का लोहा मनवा चुका ISRO 2024 की शुरुआत में अपने सूर्य मिशन आदित्य L1 को उसकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए तैयार है। 2 सितंबर 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारत का यह पहला सूर्य मिशन लॉन्च किया गया था।

PM मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर 'अपमानजनक' टिप्पणी पर मालद्वीव का बड़ा एक्शन, शिउना समेत 3 मंत्रियों को किया निलंबित

डेस्क: मालद्वीव की सरकार ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'अपमानजनक' टिप्पणी करने वाली अपनी मंत्री मरियम शिउना समेत 3 को निलंबित कर दिया है। मालद्वीव की स्थानीय मीडिया एटोल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार मुइज्जू सरकार ने मरियम शिउना, मालशा और हसन जिहान समेत अपने तीन मंत्रियों- को भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद उन पर अभद्र टिप्पणी करने के लिए यह सख्त कार्रवाई की है। 

इससे पहले मालदीव सरकार ने एक बयान जारी कर पीएम नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा पर मंत्री मरियम शिउना की टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट किया था। मालदीव ने पीएम मोदी पर अपनी मंत्री की ओर से की गई टिप्पणी के बाद देश में अचानक भारत से पर्यटकों की संख्या रद्द होने में बड़ी वृद्धि देखने के बाद कहा कि वे ऐसी "अपमानजनक टिप्पणी" करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे। रविवार को एक बयान में, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे "विदेशी नेताओं और उच्च पदस्थ व्यक्तियों के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपमानजनक टिप्पणियों" से अवगत थे। पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर तब विवाद खड़ा हो गया, जब मालदीव के एक मंत्री मरियम शिउना और कुछ अन्य नेताओं ने लक्षद्वीप के एक प्राचीन समुद्र तट पर प्रधानमंत्री मोदी का एक वीडियो पोस्ट करने के बाद उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की।

भारत-मालद्वीव के संबंध तनावपूर्ण

मालद्वीव में मो. मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। मुइज्जू चीन के समर्थक माने जाते हैं। करीब 2 माह पहले मालद्वीव के राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने भारतीय सेना को अपने देश से हटाने का पहला फैसला किया। उन्हें अक्सर भारत विरोधी बयान देने के लिए जाना जाता है। मुइज्जू ने मालद्वीव सरकार की परंपरा तोड़ते हुए दो मुस्लिम देशों की यात्रा का निश्चय कर भारत के साथ अपने संबंधों को और खराब कर लिया। मुइज्जू ने पहले मुश्लिम देश तुर्की की यात्रा करने के बाद भारत को दरकिनार करते हुए अब 8 जनवरी से चीन की यात्रा को प्राथमिकता दी है।

मुर्शिदाबाद में TMC नेता की गोली मारकर हत्या, कभी अधीर रंजन चौधरी का हुआ करते थे दाहिना हाथ

डेस्क: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बहरामपुर में रविवार को खुलेआम फायरिंग हुई। लोकसभा चुनाव से पहले एक सक्रिय तृणमूल कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बहरामपुर थाना अंतर्गत भकुरी चालटिया इलाके में रविवार दोपहर को तृणमूल कार्यकर्ता सत्यन चौधरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बहरामपुर मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के तुरंत बाद उनकी मृत्यु हो गई। 

इलाज के दौरान हो गई मौत 

मालूम हो कि भाकुड़ी चालटिया इलाके में जिस घर में सत्यन चौधरी बैठे थे, उसके पास एक फ्लैट बन रहा था, तभी एक बाइक पर सवार होकर आए तीन बदमाशों ने सत्यन चौधरी को गोली मार दी। सत्यन चौधरी गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें बहरामपुर के मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के तुरंत बाद उनकी मृत्यु हो गई। घटना की सूचना पाकर बहरामपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। 

पुलिस प्रशासन ने पूरी घटना की जांच शुरू कर दी है। बहरहाल, लोकसभा चुनाव से पहले इस गोलीबारी की घटना से शहर के लोग काफी भयभीत हैं। सूत्रों के मुताबिक, सत्यन बहरामपुर के भाकुरी इलाके में एक बहुमंजिला इमारत के पास कुछ समर्थकों के साथ बैठे थे। उसी समय बदमाशों ने उन पर गोली चला दी। 

यह नेता कभी जिले में अधीर रंजन चौधरी के दाहिने हाथ हुआ करते थे। बाद में उनसे मतभेद के चलते सत्यन ने कांग्रेस छोड़ दी और तृणमूल में शामिल हो गए। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पिछले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी से असहमति की वजह से वह पार्टी से दूर रहे थे। हालांकि, पुलिस ने इस तृणमूल कार्यकर्ता की मौत के पीछे का सही कारण जानने के लिए जांच शुरू कर दी है।

पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे से मालदीव को हुई जलन, महिला मंत्री ने प्रधानमंत्री को लेकर की विवादित टिप्पणी

डेस्क: मालदीव में मोहम्मद मुइज्जू की सरकार आने के बाद भारत से रिश्ते बिगाड़ने पर तुला हुआ है। इसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे से मालदीव की चिंता और बढ़ गई। इसी जलन में मालदीव सरकार में युवा अधिकारिता उपमंत्री मरियम शिउना ने पीएम मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की है। हालांकि इसके बाद उन्होंने अपने बयान को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स से हटा दिया।

भारत ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सामने यह मुद्दा उठाया

उनके इस बयान के बाद भारत ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सामने यह मुद्दा उठाया है। माले में भारतीय उच्चायुक्त ने मालदीव की सरकार के सामने उनकी मंत्री के बयान को लेकर आपत्ति जताई। इसके बाद मालदीव सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह उनकी निजी राय है और सरकार का इससे कोई लेनादेना नहीं है। 

'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग जिम्मेदार तरीके से करना चाहिए' 

मालदीव सरकार ने बयान जारी करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग लोकतांत्रिक और जिम्मेदार तरीके से किया जाना चाहिए और ऐसे तरीकों से राय रखें, जिससे नफरत, नकारात्मकता न फैले और मालदीव और उसके अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के बीच घनिष्ठ संबंधों में बाधा न आए। इसके अलावा, सरकार के संबंधित अधिकारी ऐसी अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे।

मालदीव नेशनल पार्टी ने भी की आलोचना

मालदीव नेशनल पार्टी ने भी अपनी सरकार के मंत्रियों द्वारा दिए गए बयानों की आलोचना की है। एक पोस्ट कर मालदीव नेशनल पार्टी ने कहा, "एक सरकारी अधिकारी द्वारा एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष के खिलाफ की गई नस्लवादी और अपमानजनक टिप्पणियों की मालदीव नेशनल पार्टी निंदा करती है। यह अस्वीकार्य है। हम सरकार से इसमें शामिल लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं।"

इजरायल-हमास युद्ध को लेकर फिलिस्तीन समर्थकों ने अमेरिका के सिएटल में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया

डेस्क: इजरायल-हमास युद्ध को 3 महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी भी दोनों पक्षों की ओर से जंग जारी है। इजरायली सेना लगातार गाजा पर बमबारी कर रही है। इससे गाजा की भूमि श्मशान बन चुकी है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 21 हजार से ज्यादा लोग अब तक इजरायली सेना की बमबारी में मारे जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर आम फिलिस्तीनी नागरिक हैं। मगर फिलिस्तीन समर्थक गाजा में लगातार संघर्ष विराम की मांग कर रहे हैं। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने अपनी इस मांग को लेकर अमेरिका में सिएटल की सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। 

 

इजरायल-हमास युद्ध में संघर्ष विराम की मांग कर रहे इन प्रदर्शनकारियों की वजह से शनिवार को सिएटल में 'इंटरस्टेट 5' पर उत्तर की ओर जाने वाले सड़कों पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। सिएटल टाइम्स की खबर के अनुसार, एक नजदीकी पुल पर प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन के समर्थन में नारे भी लगाए। प्रदर्शन की शुरुआत अपराह्न करीब एक बजकर 15 मिनट पर हुई। 

राज्य परिवहन विभाग ने 'एक्स' पर कहा कि एक जगह पर करीब 9.7 किलोमीटर से अधिक लंबा जाम लग गया। जाम के बाद वैकल्पिक मार्गों से लोगों को निकाला सिएटल में प्रदर्शनकारियों के जबरदस्त विरोध के चलते सड़कों पर भयानक जाम लग गया। 

इसके बाद चालकों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने के लिए कहा गया। प्रदर्शनकारियों ने 'फ्री, फ्री फिलस्तीन' (फिलस्तीन को मुक्त करो) और 'हे हे, हो हो, ऑक्यूपेशन हैज टू गो' (आक्रमणकारियों को वापस जाना होगा) के नारे लगाए। बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास ने गाजा पट्टी से दक्षिणी इजरायल पर ताबड़तोड़ हमले किए थे, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और लगभग 250 अन्य लोगों को बंधक बना लिया गया था। यह इजरायल के इतिहास का सबसे भयानक हमला था। जवाब में इजरायली सेना गाजा में हमास पर लगातार हमले कर रही है।

इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बड़ी खबर, कांग्रेस और RJD के नेताओं के बीच शुरू हुई बैठक

डेस्क: इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग को लेकर मंथन शुरू हो गया है। इसे लेकर आज बैठक भी शुरू हो गई है। बैठक में आरजेडी के नेता मनोज झा भी शामिल हुए हैं। इसके साथ ही बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह भी इस बैठक में पहुंचे हैं। आरजेडी के नेताओं के साथ यह बैठक की जा रही है। वहीं इस बैठक के बाद जेडीयू के साथ भी बैठक होगी। माना जा रहा है कि बिहार में 17 सीटें आरजेडी, 17 सीटें जेडीयू, 4 सीटें कांग्रेस को और 2 सीटें अन्य वामपंथी दलों को दी जा सकती है। यह बैठक मुकुल वासनिक के घर पर हो रही है।

अंदरखाने चल रही लड़ाई

बता दें कि इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे की लड़ाई अंदरखाने चल रही है, लेकिन अभी कुछ तय नजर नहीं आ रहा है। सीटों के बंटवारे को लेकर सदस्य दल खुलेआम लड़ते नजर आ रहे हैं। वहीं बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) ने 16 सीटों से कम पर चुनाव नहीं लड़ने के अपने रुख को लगभग स्वीकार कर लिया है, जो स्पष्ट संकेत है कि गठबंधन सहयोगियों में एक-दूसरे के साथ मतभेद हैं और हर कोई अंतिम वार्ता में बढ़त हासिल करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि अभी जेडीयू के नेताओं के साथ सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा होनी बाकी है।

गठबंधन की बैठक के बाद से नीतीश नाराज

दरअसल, इंडिया गठबंधन की नई दिल्ली में संपन्न हुई चौथी बैठक के बाद नीतीश कुमार के नाराज होने की चर्चाएं सामने आने लगी थीं। कहा ये भी जा रहा था कि नीतीश कुमार का नाम पीएम पद के लिए प्रस्तावित किया जाना था, लेकिन ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने मल्लिकार्जुन खरगे का नाम आगे कर दिया, जिससे नीतीश कुमार नाराज हो गए। इस बैठक से नीतीश के साथ-साथ लालू प्रसाद यादव भी खुश नहीं दिखे। ऐसे में अब कांग्रेस का प्रयास है कि विपक्ष के सभी दलों को एक साथ लेकर आए और चुनाव में साथ लड़ें। इसी को लेकर कांग्रेस द्वारा अन्य दलों के साथ लगातार बैठकें की जा रही हैं।

कोहरे ने रोकी ट्रेनों की रफ्तार, आज 22 गाड़ियां लेट, यहां देखें लिस्ट

डेस्क: उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही है। वहीं कई इलाकों में घना कोहरा भी देखा जा रहा है। इस घने कोहरे का सबसे ज्यादा असर यातायात पर पड़ रहा है। उत्तर भारत में घना कोहरा होने की वजह से सड़क, रेल और फ्लाइट सेवाओं पर भी असर पड़ रहा है। आज यानी मंगलवार को दिल्ली की तरफ आने वाली 22 ट्रेनें देरी से चल रही हैं। भारतीय रेलवे ने देरी से चलने वाली ट्रेनों की लिस्ट जारी करते हुए यह जानकारी दी है। रेलवे का कहना है कि ज्यादा कोहरे की वजह से 7 जनवरी को 22 ट्रेनें देरी से चल रही हैं।

6 घंटे से भी ज्यादा देरी से चल रही ट्रेनें

वहीं ट्रेनों के देरी से चलने की वजह से यात्रियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आज कई ट्रेनें 6 घंटे से भी अधिक की देरी से चल रही हैं। इनमें अजमेर-कटरा पूजा एक्सप्रेस भी शामिल है। यह ट्रेन 6:30 घंटे देरी से चल रही है। वहीं जम्मूतवी-अजमेर एक्सप्रेस भी आज 6:30 घंटे देरी से चल रही है। रेलवे के द्वारा जारी की गई लिस्ट के अनुसार फिरोजपुर-सिवनी ट्रेन भी 6:30 घंटे देरी से चल रही है, जबकि सिवनी-फिरोजपुर ट्रेन 4:30 घंटे लेट है। वहीं कटिहार-अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेन आज 6 घंटे लेट है। वहीं खजुराहो-कुरुक्षेत्र ट्रेन भी आज 4 घंटे देरी से चल रही है।

कई राजधानी ट्रेनें भी लेट

इसके अलावा कई राजधानी ट्रेनें भी देरी से चल रही हैं। वहीं ट्रेनों के देरी से चलने की वजह से यात्री काफी परेशान हैं। यात्रियों का कहना है कि उन्हें जरूरी काम से जल्दी पहुंचना था, लेकिन ट्रेन लेट होने की वजह से अब वह नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं कुछ यात्रियों ने तो रेलवे से इसे लेकर जरूरी सुधार करने की मांग भी की है। देरी से चलने वाली ट्रेनों में जम्मूतवी-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, डिब्रूगढ़-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, राजेंद्रनगर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, भुवनेश्वर-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, कामाख्या-दिल्ली मेल औक आजमगढ़-दिल्ली कैफियात एक्स्प्रेस ट्रेन भी शामिल हैं।

अमेरिका और फ्रांस से रणनीतिक साझेदारी के बाद अब 22 वर्ष बाद भारतीय रक्षामंत्री जा रहे ब्रिटेन

डेस्क: अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस जैसे दुनिया के ताकतवर देशों से रणनीतिक साझेदारी करने के बाद भारत के कदम अब ब्रिटेन की ओर बढ़ रहे हैं। यह देखकर चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के चेहरे उड़ गए हैं। कनाडा भी भारत की बढ़ती ताकत को देखकर हैरान है। लिहाजा 22 वर्ष बाद किसी भारतीय रक्षामंत्री का ब्रिटेन दौरा होने जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार से ब्रिटेन की तीन दिवसीय यात्रा पर होंगे। उनकी इस यात्रा को रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत तथा ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय साझेदारी के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे पहले जून 2022 में राजनाथ सिंह की ब्रिटेन की पूर्व नियोजित यात्रा को भारतीय पक्ष ने 'प्रोटोकॉल कारणों' का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था।

 

राजनाथ सिंह की सोमवार से शुरू होने वाली इस यात्रा को काफी अहम माना जा रहा है। इस दौरान राजनाथ ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्स के साथ विभिन्न मुद्दों पर व्यापक बातचीत करेंगे। इसके अलावा वह औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ का निरीक्षण करेंगे तथा लंदन में स्थित महात्मा गांधी और डॉ. बी.आर.आंबेडकर स्मारक भी जाएंगे। 

रक्षा मंत्री सिंह के ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करने की उम्मीद है। लंदन स्थित विचार समूह ‘इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज’ (आईआईएसएस) में दक्षिण और मध्य एशियाई देशों के रक्षा, रणनीति और कूटनीतिक मामलों के वरिष्ठ फेलो राहुल रॉय चौधरी ने कहा, ‘‘राजनाथ सिंह की यह यात्रा रणनीतिक और सामरिक दोनों ही दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

 

22 वर्ष पहले भी भाजपा सरकार के ही रक्षामंत्री गए थे ब्रिटेन

पिछली बार भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार में रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने 22 जनवरी 2002 को ब्रिटेन की यात्रा की थी।’’ रॉय-चौधरी के अनुसार, राजनाथ सिंह की प्रस्तावित यात्रा ब्रिटेन के साथ भारत के राजनीतिक संबंधों में सुधार का संकेत देती है। इसके अलावा पिछले साल सितंबर में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की भारत यात्रा के बाद दोनों देशों के रिश्तों में विकसित होती आपसी विश्वास की भावना का भी पता चलता है। 

उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविक रूप से राजनाथ की यह यात्रा ब्रिटेन के साथ सैन्य सहयोग और रक्षा औद्योगिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में सार्थक प्रयास करेगी।’’ नवंबर 2023 में दोनों देशों के बीच सचिव स्तर पर दिल्ली में रक्षा सलाहकार समूह (डीसीजी) की बैठक हुई थी। इसके अलावा अक्टूबर 2023 में संयुक्त सचिवों के स्तर पर भारत और ब्रिटेन के बीच 2+2 विदेश और रक्षा वार्ता की पहली बैठक हुई थी।

 

भारत के शीर्ष 5 रणनीतिक साझेदारों में शामिल नहीं है ब्रिटेन

राहुल रॉय-चौधरी ने कहा, ‘‘ब्रिटेन अब भारत के शीर्ष पांच रणनीतिक साझेदारों में से एक नहीं है। हालांकि, रोल्स-रॉयस के साथ एयरो-इंजन पर चल रही परियोजनाओं की आपूर्ति के माध्यम से एक मजबूत भारत-ब्रिटेन रक्षा तकनीकी और औद्योगिक साझेदारी की शुरुआत हो सकती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान ब्रिटेन के प्रमुख हथियार निर्माण स्थलों में से एक का दौरा करने की भी संभावना है।’’ 

भारतीय रक्षा मंत्री की यह यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक हिंसा को लेकर भारत ने चिंता व्यक्त की है। इसके अलावा भारत को ब्रिटेन की रक्षा आपूर्ति पर कुछ विवादास्पद ऐतिहासिक मुद्दों पर भी बातचीत होने की उम्मीद है।

तू बड़ी राम भक्त बनती है न, 72 घंटे में तुझे परिवार सहित मार डालेंगे', मुस्लिम महिला ने घर में लगाया राम दरबार तो कट्टरपंथियों ने दी धमकी

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में एक राम भक्त मुस्लिम महिला को जान से मारने की धमकी मिली है। कट्टरपंथियों ने हिंदी में एक चिट्ठी लिखकर महिला को धमकाया है तथा 72 घंटों के अंदर उसे पूरे परिवार सहित मारने की बात कही है। उस महिला का नाम रूबी आसिफ खान है तथा वह भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हैं। वर्तमान में वह अलीगढ़ जिले के जयगंज मंडल की उपाध्यक्ष हैं।

घटना अलीगढ़ के शाहजमाल के माबूद नगर की है। यहीं पर रूबी आसिफ खान अपने परिवार के साथ रहती हैं। बृहस्पतिवार (4 जनवरी 2024) की रात को किसी व्यक्ति उनके घर पर एक चिट्ठी फेंक दिया। जब उन्होंने इस पत्र को देखा तो इसे देखकर वह हतप्रभ रह गईं। पत्र में उन्हें परिवार समेत जान से मारने की धमकी दी गई है। इस चिट्ठी में लिखा है, “रूबी आसिफ खान तू बहुत बड़ी राम भक्त बनती है न, 72 घंटे में तुझे परिवार समेत जान से मार देंगे।” तत्पश्चात, उन्होंने नजदीकी थाने रोरावर में जाकर इसकी शिकायत दर्ज कराई है। फिर पुलिस ने CCTV फुटेज शुरू कर दिया। एक फुटेज में एक कट्टरपंथी ये पत्र फेंकता हुआ देखा गया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रूबी आसिफ खान पर पहले भी हमले हो चुके हैं। उनकी बेटी को मारी गई जा चुकी है। इसलिए इस बार वो धमकियों को लेकर बेहद गंभीर हैं। रूबी ने कहा कि उनकी पूजा में पहले भी विघ्न डाले जा चुके हैं। उनके खिलाफ कट्टरपंथी मौलाना फतवा भी जारी कर चुके हैं। इसके बाद भी वह अपने निश्चय पर अटल रही हैं। आपको बता दें कि रूबी आसिफ खान ने 27 दिसंबर 2023 को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखकर सूचना दी थी कि वो 1 जनवरी 2024 से 22 जनवरी 2024 तक अपने आवास पर प्रभु श्री Bराम का दरबार स्थापित कर पूजा अर्चना करेंगी। उन्होंने घर में राम दरबार सजाकर पूजा शुरू कर दी है। रूबी पहले भी भगवान गणेश एवं माता दुर्गा की प्रतिमा अपने घर में स्थापित कर चुकी हैं।